Passport के साथ होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार ने खास तैयारी की है। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा है कि सरकार उन्नत सुरक्षा विशेषताओं वाले चिप युक्त ई-पासपोर्ट (Chip based E Passport) जारी करने की योजना बना रही है। उन्होंने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि विदेश मंत्रालय नागरिकों को उन्नत सुरक्षा विशेषताओं वाले चिप युक्त ई-पासपोर्ट जारी करने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि ई-पासपोर्ट में स्मार्ट कार्ड प्रौद्योगिकी है, जिसमें एक ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन’ (RFID) चिप लगी है।

व्यक्तिगत विवरण चिप में डिजिटल रूप से होंगे
मंत्री ने कहा कि चिप की विशेषताएं अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) जो संयुक्त राष्ट्र की एक विशेषज्ञता प्राप्त एजेंसी है, के दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं, जो ई-पासपोर्ट सहित अंतरराष्ट्रीय यात्रा दस्तावेजों के मानकों को परिभाषित करती है।’’ उन्होंने कहा कि आवेदकों के व्यक्तिगत विवरण चिप में डिजिटल रूप से होंगे जो पासपोर्ट बुकलेट में शामिल किए जाएंगे। अगर कोई व्यक्ति इस चिप के साथ छेड़छाड़ करता है तो प्रणाली उसकी पहचान कर लेगी जिससे पासपोर्ट का प्रमाणीकरण नाकाम हो जाएगा।
वीजा जारी करने में हो रही देरी
उन्होंने कहा कि ई-पासपोर्ट नागरिकों को मौजूदा पासपोर्ट और सेवाओं को पर्याप्त रूप से उन्नत करने में मदद करेगा। एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि देश में अभी 521 पासपोर्ट केंद्र कार्यरत हैं, जिनमें 93 पासपोर्ट सेवा केंद्र और 428 डाकघर पासपोर्ट सेवा केद्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि COVID-19 महामारी के दौरान यूके और कनाडा सहित देशों में वीजा प्रसंस्करण समय लंबा हो गया है। जबकि वीज़ा जारी करना और वीज़ा से संबंधित प्रक्रिया संबंधित देशों का संप्रभु और एकतरफा निर्णय है, सरकार विभिन्न स्तरों पर और विदेशों के साथ द्विपक्षीय बैठकों/मंचों में भारतीय नागरिकों के लिए आसान, तेज और उदार वीजा प्रक्रिया के महत्व पर जोर देती है।
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