केंद्र सरकार जल्द ही नया वेज बोर्ड लागू कर देगी। इससे सरकारी कर्मचारियों की नौकरी पर काफी असर दिखेगा। मिलो और कारखानों में काम करने वालों के लिए भी यह बदलाव कुछ हद तक अच्छा और कुछ हद तक दिक्कते बढ़ाने वाला हो सकता है। बताया जा रहा है कि यह वेज बोर्ड न केवल काम के घंटे बढ़ा देगा बल्कि वेतन व्यवस्था में भी बदलाव करेगा। इसके अलावा छुट्टियां जरूर बढ़ जाएंगी। क्या है यह नया वेज बोर्ड और कब से होगा लागू। आइए जानते हैं।
एक अप्रैल से लागू होना था
नया वेज बोर्ड एक अप्रैल को इसी साल से लागू होना था लेकिन राज्य सरकारों की तरफ से थोड़ी देर हुई और इसे लागू नहीं किया जा सका। अब बताया जा रहा है कि इस साल अक्टूबर से इसे लागू किया जा सकता है। तब तक राज्यों को भी कहा गया है कि वे अपने यहां का ड्राफ्ट रूल भी तैयार कर लें ताकि अक्टूबर में इसे लागू करने में कोई दिक्कत न हो। इस नए नियम में वेतन, छुट्टी और काम के घंटे में बदलाव होंगे।
12 घंटे काम करना होगा और तीन दिन की छुट्टी
नए वेज बोर्ड लागू होता है तो बताया जा रहा है कि काम के घंटे आठ से 9 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया जाएगा। श्रम और रोजगार मंत्रालय इस मामले में काम कर रहा है। उसके अनुसार काम के घंटे जरूर बढ़ जाएंगे लेकिन यह केवल 48 घंटे ही होगा। इस बदलाव को लेकर कर्मचारी संगठनों ने काफी नाराजगी भी जताई थी। बताया जा रहा है कि 48 घंटे काम करने वाले कर्मचारी को हफ्ते में तीन दिन की छुट्टी दी जाएगी।
और क्या हुए हैं बदलाव
जानकारी के मुताबिक, नए प्रावधान लागू होने के बाद वेतन और दैनिक भत्तों पर भी असर पड़ सकता है। वेतन को लेकर बताया जा रहा है कि आपकी हाथ में आने वाले वेतन को कम किया जा सकता है। किसी भी कर्मचारी को उसकी बेसिक वेतन कंपन की ओर से दी जाने वाली सीटीसी के 50 फीसद से कम नहीं होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर देखें तो किसी का वेतन 40 हजार रुपए प्रतिमाह है तो कंपनी को अब 20 हजार रुपए उसकी बेसिक वेतन देना ही होगा। अभी मौजूदा समय में कंपनियां बेसिक वेतन 12 या 15 हजार रुपए देकर बाकी अन्य भत्ते देती हैं। हालांकि नए नियम के लागू होने से कर्मचारी के हाथ में ज्यादा वेतन आएगा या कम यह बाद में पता चलेगा। कर्मचारियों का पीएफ भी ज्यादा कटेगा जिससे सरकार के पास यह पैसा जमा होगा। बताया जा रहा है कि वेतन घट सकता है लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद ज्यादा पैसा मिल सकता है। इसके अलावा साल में छुट्टियों की संख्या भी 240 से 300 तक हो सकती है। पहले भी कई संगठनों की ओर से छुट्टियों को बढ़ाने की मांग की गई थी। इसके अलावा मजदूरों को न्यूनतम वेतन, प्रवासी मजदूरों के लिए नई योजना, पीएफ, ईएसआई और महिलाओं को भी रात में काम करने की छूट मिलेगी।
GB Singh