खेल

फुटबॉल के मैदान में भी तिरंगा लहरा आए रोहित शर्मा, हर भारतीय हुआ गौरवान्वित

रोहित शर्मा,

फुटबॉल न केवल फुटबॉल तक सीमित है, बल्कि इसने हर खेल को अपनी ओर आकर्षित कर रखा हैं. ऐसा ही एक ताजा नज़ारा हाल ही में शुरु हुए फुटबॉल के महाकुंभ  फीफा वर्ल्ड कप 2018 में देखने को मिला. जब वहां भारतीय क्रिकट टीम के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा मैच …

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रोहित का होगा कड़ा यो-यो टेस्ट

भारत के धाकड़ बल्लेबाज़ रोहित शर्मा यो-यो टेस्ट के लिए आज रविवार को उपस्थित दर्ज कराएँगे. उन्होंने बीसीसीआई से 15 जून को इस टेस्ट में भाग नहीं लेने की अनुमति ली थी. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘बीसीसीआई के एक वर्ग को लगता है कि वनडे में अजिंक्य रहाणे के मामले को मौजूदा टीम प्रबंधन कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री ने ठीक से नहीं संभाला.’ इस बारे में बीसीसीआई के महाप्रबंधन सबा करीम ने कहा, ‘रोहित ने निजी व्यस्तता के कारण बीसीसीआई से इसमें शामिल नहीं होने की अनुमति ली थी. ऐसा कोई नियम नहीं है कि सभी खिलाड़ियो को एक ही दिन यो-यो टेस्ट देना हो. वह टेस्ट के लिए रविवार को मौजूद होंगे.’ गौरतलब है कि महेन्द्र सिंह धोनी और दिनेश कार्तिक के इस बार टीम में होते हुए यह देखना काफी मजेदार होगा कि तीसरे विकेटकीपर ऋषभ पंत को जगह दी जाती है या नहींन बता दें कि पंत आईपीएल में शानदार फॉर्म में थे. वही अम्बाती रायडू के इस टेस्ट में फेल हो जाने के बाद सुरेश रैना को जगह दी गई है. रैना के पास 200 से अधिक वनडे मैचों का अनुभव है. इससे पहले टीम टीम प्रबंधन भी उनके पक्ष में झुकी नज़र आई.

भारत के धाकड़ बल्लेबाज़ रोहित शर्मा यो-यो टेस्ट के लिए आज रविवार को उपस्थित दर्ज कराएँगे. उन्होंने बीसीसीआई से 15 जून को इस टेस्ट में भाग नहीं लेने की अनुमति ली थी. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘बीसीसीआई के एक वर्ग को लगता है कि वनडे में अजिंक्य …

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पलक झपकते ही पासा पलट सकते हैं मेसी

डिएगो मैराडोना का कॉलम विश्व कप में पहला मैच बहुत ही खास होता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने कितनी अच्छी तैयारी की है या आप कितने मजबूत हैं, यह टूर्नामेंट आपकी कड़ी परीक्षा लेता है। स्टेडियम को लेकर अनभिज्ञता, दर्शक और वहां के माहौल से बनने वाले दबाव से यह मैच अलग रूप ले लेता है। मैं जानता हूं कि 1990 में अजेर्टीना और कैमरून के मैच की बात करेंगे। मगर आगे के संस्करणों में आप पाएंगे कि ऐसे कई मौके आए जब दिग्गज टीमें पहले मुकाबले में रंग में नहीं दिखीं। अगर दो टीमों के बीच अंतर बहुत ज्यादा हो तो बात अलग है। विश्व कप में जल्दी से लय हासिल करना और विपक्षी टीम को चौंकाना काफी अहम होता है। ऐसे में अगर ऐसा कुछ होता है, तो हैरानी नहीं होगी। दक्षिण अमेरिकी टीमों के लिए रूस में पहला मैच आसान नहीं होगा। अजेर्टीना का मुकाबला आइसलैंड से है और लियोन मेसी की मौजूदगी के बावजूद यूरोपीय टीम को हराना आसान नहीं होगा। ब्राजील और पेरू के सामने भी स्विट्जरलैंड व डेनमार्क का सामना करते वक्त यही चुनौती होगी। उरुग्वे का पहला मुकाबला भले ही मिस्त्र से है, लेकिन उसे भी जल्द से जल्द टॉप गियर में आना होगा। सिर्फ कोलंबिया को जापान का सामना करने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी। क्वालीफायर्स में अजेर्टीना के खेल से मैं खुश नहीं था और मेसी के शानदार प्रदर्शन की वजह से वह क्वालीफाई करने में कामयाब रहे। उनका डिफेंस और मिडफील्ड दोनों ही असंगठित दिख रहे थे। जबकि 2014 में वे इन क्षेत्रों में मजबूत थे और नॉकआउट दौर में चार यूरोपीय टीमों के खिलाफ सिर्फ एक ही गोल खाया था। जॉर्ज साम्पोली और उनकी टीम को बहुत ज्यादा दोस्ताना मैच खेलने को नहीं मिले, जिससे मैनेजर को चीजें सही करने में दिक्कतें भी हुईं। हालांकि, साम्पोली के नेतृत्व में चिली काफी संगठित दिखी थी, जिससे मुझे आशा बंध रही है। उन्हें रक्षात्मक संगठन में अनुशासन की अहमियत का अंदाजा है। इस तरह के संगठन में मिडफील्ड को किस तरह से इस्तेमाल करना है, यह भी अहम होता है। 2014 में जेवियर मासचेरानो इस विभाग में हमारे लिए शानदार रहे थे। हालांकि, इस बार भी वह उतने मजबूत नहीं दिख रहे हैं और काफी कुछ निकोलस ओटेमेंडी जैसे खिलाड़ियों पर निर्भर होगा। यूरोपीय लीग में खेलने वाले सभी डिफेंडरों को पता है कि उन्हें क्या करना है। हर खिलाड़ी को अपनी प्रतिबद्धता दिखानी होगी, क्योंकि वे आइसलैंड, क्रोएशिया और नाइजीरिया के साथ मुश्किल ग्रुप में हैं। पहली बार विश्व कप खेल रहे आइसलैंड को हल्के में लेना भारी भूल साबित हो सकती है। दो साल पहले अपने पहले ही यूरो कप में वे क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे। उनके पास इस स्तर पर खेलने की क्षमता है। वे व्यावहारिक फुटबॉल खेलना जानते हैं और मजबूत टीमों के खिलाफ उनका जोर अपने हाफ में भीड़ जुटाने पर होता है। यह एक प्रभावी रणनीति है और इससे उनके खिलाफ गोल करना मुश्किल हो जाता है। उनके खिलाफ शुरू में ही गोल करना काफी अहम होगा, क्योंकि अन्य अंडरडॉग टीमों की तरह जल्द ही गोल नहीं खाने पर आइसलैंड का आत्मविश्वास भी बढ़ता जाएगा। मुझे अजेर्टीना पर विश्वास क्यों है, यह सभी को पता है। मेसी को अपनी महानता साबित करने के लिए इस ट्रॉफी की जरूरत नहीं है, लेकिन वह इसे जीतने के लिए बेताब हैं। यह चीज टीम के लिए बड़ा बोनस है। वह आत्मविश्वास से भरे दिख रहे हैं और हम सभी को पता है कि वह पलक झपकते ही अकेले अपने दम पर मैच का पासा पलट सकते हैं। विश्व कप जीतने के अनुभव को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता और मैं चाहता हूं कि लियो इसका अनुभव करें। वह प्रेरणा से भरे हैं और विपक्ष की कल्पना से परे का खेल दिखाने में सक्षम हैं। 2014 और क्वालीफायर्स में उन्हें समर्थन नहीं मिला था। क्वालीफायर्स में तो अन्य खिलाड़ियों ने मुश्किल ही कोई गोल किया था। लेकिन, अगर उन्हें समर्थन मिलता है, तो वह बेहद घातक साबित हो सकते हैं। जब तक वह मौजूद हैं, अजेर्टीना कुछ भी कर सकता है। मगर जैसा कि मैं पहले भी कह चुका हूं कि साथ काफी अहम होगा।

विश्व कप में पहला मैच बहुत ही खास होता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने कितनी अच्छी तैयारी की है या आप कितने मजबूत हैं, यह टूर्नामेंट आपकी कड़ी परीक्षा लेता है। स्टेडियम को लेकर अनभिज्ञता, दर्शक और वहां के माहौल से बनने वाले दबाव से यह मैच …

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दूसरी पारी में भी अफगानिस्तान बेदम दम, 8 विकेट गिरे

मुरली विजय ने जड़ा 12वां टेस्ट शतक शिखर धवन के बाद मुरली विजय ने भी शानदार शतक लगा दिया है. यह मुरली विजय का टेस्ट क्रिकेट में 12वां शतक है. उन्होंने 50वें ओवर में अफगान गेंदबाज वफादार की गेंद पर चौका लगाते हुए अपना शतक पूरा किया. मुरली विजय 105 रन बनाकर आउट हुए. उन्होंने अपनी पारी में 15 चौके और एक छक्का लगाया. धवन जब तक थे विजय शांत थे, लेकिन उनके जाने के बाद विजय ने भी थोड़ा तेज खेला खेला. शतक पूरा करने के बाद हालांकि वह ज्यादा देर रुक नहीं सके और वफादार की गेंद पर 280 के कुल स्कोर पर एलबीडब्ल्यू हो गए. 7वां टेस्ट शतक जड़कर धवन ने बनाया रिकॉर्ड भारत की ओर से शिखर धवन और मुरली विजय ने भारत को शानदार शुरुआत दिलाई. शिखर धवन ने लंच से पहले ही शतक जड़ दिया. यह उनका टेस्ट क्रिकेट में सातवां शतक था. इसके अलावा वह लंच से पहले एक सेशन में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय और दुनिया के छठे बल्लेबाज बन गए. शिखर धवन ने पहले सेशन में 91 गेंदों पर ताबड़तोड़ 104 रन ठोक दिए. धवन ने अपनी इस पारी में 19 चौके और 3 छक्के लगाए. शिखर धवन सर डॉन ब्रैडमैन जैसे महान क्रिकेटर के क्लब में शामिल हो गए हैं. यह उपलब्धि हासिल करने वाले धवन दुनिया के छठे बल्लेबाज हैं. इस सूची में ऑस्ट्रेलिया के विक्टर ट्रंपर, उनके हमवतन चार्ली मैकार्टनी, डॉन ब्रैडमैन, पाकिस्तान के मजीद खान और ऑस्ट्रेलिया के डेविड वॉर्नर का नाम शामिल है. लंच से पहले सबसे ज्यादा रन बनाने का भारतीय रिकॉर्ड पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के नाम था. जिन्होंने साल 2006 में वेस्टइंडीज के खिलाफ सेंट लूसिया में 99 रन बनाए थे. लंच के बाद शिखर धवन अपने खाते में 3 रन और जोड़कर आउट हो गए. 29वें ओवर में शिखर धवन यामिन अहमदजई की गेंद पर मोहम्मद नबी को कैच दे बैठे और 107 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. उन्होंने मुरली विजय के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 168 रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप की थी. अफगान गेंदबाजों पर बरसे गब्बर भारत के टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के फैसले के बाद इन दोनों ने टीम को मजबूत शुरुआत दिलाई. धवन ने अफगानिस्तान के अनुभवहीन गेंदबाजों के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाए और केवल 87 गेंदों पर शतक पूरा किया. टी-20 के स्टार राशिद खान को धवन ने शुरू से निशाने रखा. उन्होंने इस लेग स्पिनर पर तीन चौके लगाकर अपना पचासा पूरा किया. बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने राशिद पर ही कवर ड्राइव से चौका जड़कर अपना सातवां टेस्ट शतक पूरा किया. दूसरे छोर पर विजय ने अपनी रक्षात्मक तकनीक से भी अपना पहला टेस्ट खेल रहे अफगानिस्तान को हताश किया. धवन ने आईपीएल में खेलने वाले अफगानिस्तान के तीनों खिलाड़ियों राशिद, मोहम्मद नबी और मुजीब उर रहमान पर छक्के जड़े. धवन ने कुल मिलाकर 19 चौके और तीन छक्के लगाये जबकि विजय ने छह चौके और एक छक्का लगाया है. टीम इंडिया ने जीता टॉस टीम इंडिया ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया है और अफगानिस्तान की टीम को पहले गेंदबाजी दी है. टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में दिलचस्प बदलाव हुए हैं. शिखर धवन और मुरली विजय के ओपनिंग कॉम्बिनेशन को बरकरार रखा गया है. लोकेश राहुल को मिडिल आर्डर में मौका दिया गया है, जबकि विकेटकीपिंग का जिम्मा दिनेश कार्तिक के कंधो पर है. करुण नायर को टीम में जगह नहीं मिली है. आठ साल बाद टेस्ट में वापसी करने वाले दिनेश कार्तिक को भी टीम में शामिल किया गया है. टेस्ट में डेब्यू करने वाला 12वां देश बना अफगानिस्तान मैदान पर यह केवल एक अन्य टेस्ट मैच है, लेकिन इसका महत्व इससे भी बढ़कर है. अफगानिस्तान इसके साथ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाला 12वां देश बन गया और इस ऐतिहासिक मैच में राशिद खान, मुजीब जादरान और मोहम्मद शहजाद जैसे खिलाड़ी अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. क्रिकेट इतिहास में सिर्फ ऑस्ट्रेलिया ने जीता डेब्यू टेस्ट टेस्ट में अपना पहला मैच खेलने वाली टीमों में सिर्फ ऑस्ट्रेलिया ने अपना पहला मैच जीता है. उसने 1877 में इंग्लैंड को हराया था. उसके बाद 10 देशों ने डेब्यू किया, जिनमें से 9 को हार का सामना करना पड़ा. वहीं, जिम्बाब्वे ने अपना पहला टेस्ट मैच भारत के खिलाफ खेला था, जो ड्रॉ हुआ. प्लेइंग इलेवन इस प्रकार हैं: भारत: शिखर धवन, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे (कप्तान), लोकेश राहुल, दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, ईशांत शर्मा, उमेश यादव. अफगानिस्तान: मोहम्मद शहजाद, जावेद अहमदी, रहमत शाह, असगर स्टेनिकाजई (कप्तान), अफसर जजाई (विकेटकीपर), मोहम्मद नबी, हशमतुल्ला शाहिदी, राशीद खान, मुजीब उर रहमान, यामिन अहमदजई, वफादार.

भारत और अफगानिस्तान के बीच ऐतिहासिक टेस्ट मैच बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जा रहा है. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी में अफगानिस्तान के सामने 474 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया. जवाब में अफगानिस्तान की टीम अपनी पहली पारी में …

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अर्जेंटीना के कोच दावा- मेसी का यह अंतिम वर्ल्ड कप नहीं है

अर्जेंटीना की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कोच जॉर्ज साम्पोली का कहना है कि रूस में खेला जा रहा फीफा वर्ल्ड कप अर्जेंटीनी सुपरस्टार लियोनेल मेसी का अंतिम वर्ल्ड कप नहीं है. पांच बार फीफा द्वारा 'बालोन डी ओर' पुरस्कार से नवाजे जा चुके मेसी 30 साल के हो गए हैं. साम्पोली ने आइसलैंड के साथ होने वाले मुकाबले से पहले कहा, 'मैं नहीं मानता कि यह मेसी का अंतिम वर्ल्ड कप है. वैसे यह फैसला मेसी को ही लेना है कि उनके करियर का समापन कप होगा लेकिन मेरी नजर में यह निश्चित तौर पर उनका अंतिम वर्ल्ड कप नहीं है.' 2014 में ब्राजील में आयोजित वर्ल्ड कप के 20वें संस्करण के फाइनल में जर्मनी के हाथों हारने वाली अर्जेंटीनी टीम मेसी के नेतृत्व में 2018 वर्ल्ड कप के अपने अभियान का आगाज आइसलैंड के साथ खेलते हुए करेगी. FIFA: आत्मघाती गोल से ईरान को मिली विश्व कप की दूसरी जीत आइसलैंड की टीम पहली बार वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रही है. फुटबॉल जगत के महान खिलाड़ियों में शुमार लियोनेल मेसी ने अपने करियर में सभी ट्रॉफी जीती है, लेकिन वह अब तक अपने देश को फीफा वर्ल्ड कप का खिताब दिलाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं. वर्ल्ड कप में दुनियाभर के प्रशंसकों की निगाहें इस पर टिकी होंगी कि क्या फुटबॉल का यह जादूगर अर्जेंटीना को तीसरी बार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का खिताब दिलाने में कामयाब हो पाएगा? वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना का गौरवशाली इतिहास रहा है.अर्जेंटीना की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कोच जॉर्ज साम्पोली का कहना है कि रूस में खेला जा रहा फीफा वर्ल्ड कप अर्जेंटीनी सुपरस्टार लियोनेल मेसी का अंतिम वर्ल्ड कप नहीं है. पांच बार फीफा द्वारा 'बालोन डी ओर' पुरस्कार से नवाजे जा चुके मेसी 30 साल के हो गए हैं. साम्पोली ने आइसलैंड के साथ होने वाले मुकाबले से पहले कहा, 'मैं नहीं मानता कि यह मेसी का अंतिम वर्ल्ड कप है. वैसे यह फैसला मेसी को ही लेना है कि उनके करियर का समापन कप होगा लेकिन मेरी नजर में यह निश्चित तौर पर उनका अंतिम वर्ल्ड कप नहीं है.' 2014 में ब्राजील में आयोजित वर्ल्ड कप के 20वें संस्करण के फाइनल में जर्मनी के हाथों हारने वाली अर्जेंटीनी टीम मेसी के नेतृत्व में 2018 वर्ल्ड कप के अपने अभियान का आगाज आइसलैंड के साथ खेलते हुए करेगी. FIFA: आत्मघाती गोल से ईरान को मिली विश्व कप की दूसरी जीत आइसलैंड की टीम पहली बार वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रही है. फुटबॉल जगत के महान खिलाड़ियों में शुमार लियोनेल मेसी ने अपने करियर में सभी ट्रॉफी जीती है, लेकिन वह अब तक अपने देश को फीफा वर्ल्ड कप का खिताब दिलाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं. वर्ल्ड कप में दुनियाभर के प्रशंसकों की निगाहें इस पर टिकी होंगी कि क्या फुटबॉल का यह जादूगर अर्जेंटीना को तीसरी बार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का खिताब दिलाने में कामयाब हो पाएगा? वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना का गौरवशाली इतिहास रहा है.

अर्जेंटीना की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कोच जॉर्ज साम्पोली का कहना है कि रूस में खेला जा रहा फीफा वर्ल्ड कप अर्जेंटीनी सुपरस्टार लियोनेल मेसी का अंतिम वर्ल्ड कप नहीं है. पांच बार फीफा द्वारा ‘बालोन डी ओर’ पुरस्कार से नवाजे जा चुके मेसी 30 साल के हो गए हैं. …

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स्पेन के खिलाफ हैट्रिक के साथ रोनाल्डो ने बनाया नया रिकॉर्ड

स्पेन के खिलाफ फीफा वर्ल्ड कप के अपने पहले मैच में हैट्रिक लगाकर पुर्तगाल के स्टार स्ट्राइकर क्रिस्टियानो रोनाल्डो चार वर्ल्ड कप में गोल करने वाले दुनिया के चौथे फुटबॉलर बन गए. पुर्तगाल के कप्तान ने स्पेन से 3-3 से ड्रॉ खेलने के बाद कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं. अपने नाम एक और रिकॉर्ड करके अच्छा लग रहा है.’ उनसे पहले ब्राजील के पेले, जर्मनी के यूवी सीलेर और मिरोस्लाव क्लोजे यह कारनामा कर चुके हैं. रोनाल्डो ने कहा, ‘सबसे अहम बात मेरे लिए यह है कि मैने वर्ल्ड कप की प्रबल दावेदार मानी जा रही टीम के खिलाफ ये गोल किए.’ वह अब लगातार आठ बड़े टूर्नामेंटों में गोल कर चुके हैं, जिसकी शुरुआत यूरो 2004 से हुई थी. FIFA: आत्मघाती गोल से ईरान को मिली विश्व कप की दूसरी जीत रोनाल्डो का पूरा फोकस वर्ल्ड कप पर है और पुर्तगाल को अब बुधवार को मोरक्को से खेलना है. उन्होंने कहा ,‘वर्ल्ड कप अभी शुरू ही हुआ है. पुर्तगाल पहले दौर से आगे निकल जाएगा और हमें पत है कि ग्रुप चरण कितना कठिन होता है.’ आपको बता दें कि मैच के दौरान सारी निगाहें क्रिस्टियानो रोनाल्डो पर टिकी थीं. उन्होंने अपने जबर्दस्त खेल से प्रशंसकों का दिल जीत लिया. रोनाल्डो ने हैट्रिक लगाकर अपनी टीम को हार से बचा लिया. स्पेन की ओर से डिएगो कोस्टा ने 2 गोल दागे, जबकि नैचो के हिस्से एक गोल आया. इसके अलावा रोनाल्डो ने 3-3 से ड्रॉ मैच में 3 गोल दागे. वर्ल्ड कप के इतिहास में वह हैट्रिक जमाने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए हैं.

स्पेन के खिलाफ फीफा वर्ल्ड कप के अपने पहले मैच में हैट्रिक लगाकर पुर्तगाल के स्टार स्ट्राइकर क्रिस्टियानो रोनाल्डो चार वर्ल्ड कप में गोल करने वाले दुनिया के चौथे फुटबॉलर बन गए. पुर्तगाल के कप्तान ने स्पेन से 3-3 से ड्रॉ खेलने के बाद कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं. अपने …

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आज होगी सभी की मेसी पर निगाहें

लियोनल मैसी की टीम अर्जेंटीना फुटबाल विश्वकप के अपने ग्रुप डी मुकाबले में विशव कप जीत की दावेदार के रूप में उतरेगी जबकि फीफा टूर्नामेंट के फाइनल में पहली बार क्वालीफाई करने वाली विपक्षी टीम आईसलैंड का लक्ष्य बड़े उलटफेर के साथ खुद को यहाँ साबित करना रहेगा. पिछले विश्वकप की उपविजेता टीम मैसी पर सबसे ज़यादा निर्भर करती है लेकिन ओवरऑल टीम का प्रदर्शन खास क्वालिफायर मैच में कुछ ख़ास नहीं रहा. बता दें की अर्जेंटीना ग्रुप डी की सबसे मजबूत टीमों में से एक है. ब्राजील में चार वर्ष पहले फाइनल में जर्मनी से हारकर खिताब गंवाने वाली अर्जेंटीना वर्ष 1978 और 1986 की चैंपियन है और इस बार भी वह खिताब की बड़ी दावेदार मानी जा रही है. बता दें की यह भी अहम है कि अर्जेंटीना ने रूस के लिये आखिरी क्वालिफायर मैच में जीत के बाद टिकट कटाया है और एक समय वह भी चिली और इटली जैसी बड़ी टीमों की तरह विश्वकप फाइनल से बाहर होने की कगार पर थी. इस वक़्त दुनिया के स्टार फुटबालर और पांच बार के विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी मैसी की टीम अर्जेंटीना इस बार बड़े लक्ष्य के मैदान में उतर रही है और निश्चित ही उसे गैर अनुभवी आईसलैंड के खिलाफ अभी से जीत का दावेदार माना जा सकता है.

लियोनल मैसी की टीम अर्जेंटीना फुटबाल विश्वकप के अपने ग्रुप डी मुकाबले में विशव कप जीत की दावेदार के रूप में उतरेगी जबकि फीफा टूर्नामेंट के फाइनल में पहली बार क्वालीफाई करने वाली विपक्षी टीम आईसलैंड का लक्ष्य बड़े उलटफेर के साथ खुद को यहाँ साबित करना रहेगा. पिछले विश्वकप …

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जीत के बाद यह बोले कप्तान रहाणे

अफगान टीम भारत के पहली पारी में 474 रन के जवाब में 109 और 103 रन के अंदर ही सिमट गयी जिसके बाद कप्तान अजिंक्य रहाणे ने आज कहा कि उनकी टीम अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र टेस्ट में आक्रामक खेल खेलने के लिए प्रतिबद्ध थी. यहाँ पर कप्तान रहाणे ने अपनी टीम के बल्लेबाजी इकाई विशेषकर सलामी बल्लेबाज शिखर धवन और मुरली विजय की काफी तारीफ की जिन्होंने भारतीय पारी के दौरान शतक लगाए थे.रहाणे ने अफगानिस्तान की टीम की भी प्रशंसा की . उन्होंने कहा , ‘‘ लेकिन अफगानिस्तान को श्रेय देना चाहिए , जो शानदार थे. इसके बाद से वे आगे ही बढ़ेंगे. उनके तेज गेंदबाजों ने सचमुच अच्छी गेंदबाजी की , विशेषकर कल तीसरे सत्र में और मुझे पूरा भरोसा है कि वे सभी प्रतिद्वंद्वी टीमों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करेंगे.’’ रहाणे ने नियमित कप्तान विराट कोहली की अनुपस्थिति में कप्तानी की. उन्होंने कहा , ‘‘ यह सचमुच काफी विशेष लग रहा है. अपने देश का नेतृत्व करना हमेशा ही सम्मान की बात होती है और हम इसमें आक्रामक होना चाहते थे.’’उन्होंने कहा, ‘‘ खिलाड़ी जैसे शिखर धवन और मुरली विजय ने शतक बनाये , लोकेश राहुल और हार्दिक पंड्या ने उपयोगी योगदान दिया. हम सभी के लिये अपनी बेसिक्स पर डटे रहना अहम था

अफगान टीम भारत के पहली पारी में 474 रन के जवाब में 109 और 103 रन के अंदर ही सिमट गयी जिसके बाद कप्तान अजिंक्य रहाणे ने आज कहा कि उनकी टीम अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र टेस्ट में आक्रामक खेल खेलने के लिए प्रतिबद्ध थी. यहाँ पर कप्तान रहाणे ने …

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ऐतिहासिक टेस्ट में अफगानिस्तान की पहली पारी 109 पर सिमटी

बैंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारत के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेल रही अफगानिस्तान की टीम पहली पारी में घुटने टेक बैठी और पूरी टीम 28 ओवर में 109 रन बनाकर पवेलियन कूच कर गई. भारत के स्कोर से 365 रनो का फैसला होने के बाद टीम फॉलोऑन के लिए उतरेगी. भारत के लिए अश्विन ने चार, उमेश यादव एक, इशांत शर्मा और जडेजा ने दो दो विकेट लिए. अफगानिस्तान के लिए सर्वाधिक रन 24 रन मोहम्मद नबी ने बनाये. पहला टेस्ट खेल रही अफगान टीम भरी भरकम स्कोर के दबाव में नज़र आई और विकेटों के पतझड़ के बीच मात्र 109 के स्कोर पर सिमट गई. आज टेस्ट के दूसरे दिन ऐतिहासिक टेस्ट में शिखर धवन, मुरली विजय के शतकों के बाद राहुल और पंड्या के अर्ध शतकों के दम पर भारत ने अपनी पहली पारी में 474 रन बनाये है.आज दूसरे दिन भारत ने कल के अपने स्कोर 347/6 से आगे खेलना शुरू किया. हार्दिक पंड्या ने पुछल्ले बल्लेबाजों को साथ लेकर भारत के स्कोर को 400 के पार लगाया. कल भारत ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया और दोनों ओपनर मुरली विजय और शिखर धवन ने शानदार शतक जड़े इन दोनों के साथ राहुल और पांडेय ने भी शानदार अर्ध शतक बनाये .कल दो बार खेल बारिश के कारण रुका. अफगानिस्तान के लिए अब तक यामीन अहमद जई ने तीन, वफादार, रशीद और रहमान ने एक- एक विकेट लिए है. दिनेश कार्तिक दुर्भाग्यपूर्ण से रन आउट हुए.

बैंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारत के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेल रही अफगानिस्तान की टीम पहली पारी में घुटने टेक बैठी और पूरी टीम 28 ओवर में 109 रन बनाकर पवेलियन कूच कर गई. भारत के स्कोर से 365 रनो का फैसला होने के बाद टीम फॉलोऑन के …

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शोक में डूबा क्रिकेट जगत, भारतीय क्रिकेटर जडेजा का हुआ निधन

क्रिकेट जगत के लिए यह खबर काफी बुरी हैं. भारतीय क्रिकेटर मुलुभा जडेजा का मंगलवार को निधन हो गया हैं. वे कई रणजी मैच खेल चुके थे. रणजी में वे सौराष्ट्र टीम के लिए खेलते थे. मुलुभा जडेजा काफी उम्रदराज भी थे. उन्होंने 88 वर्ष की उम्र में अपने घर पर अंतिम सांस ली. ख़बरों की माने तो पिछले लंबे समय से मुलुभा जडेजा को बीमारी ने घेर रखा था. मुलुभा जडेजा बीमारी के चलते 88 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गए. बता दे कि इस सम्बन्ध में जानकारी जडेजा के परिवार वालों ने दी हैं. जडेजा ने भारत की आजादी से पहले ही साल 1945 में बल्ला थाम लिया था. मुलुभा जडेजा ने साल 1945 से लेकर 1964 तक करीब 19 वर्ष क्रिकेट खेला. इस दौरान उन्होंने कुल 31 मैचों में सौराष्ट्र का प्रतिनिधितव किया. मुलुभा ने इस दौरान कुल 1000 से अधिक 1373 रनों का योगदान दिया. उनका औसत 26.92 रहा. 19 साल के क्रिकेट करियर में उन्होने 2 शतक और 7 अर्धशतक लगाए थे. उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 110 रन था. मुलुभा की मौत पर सौराष्ट्र क्रिकेट एसोशिएशन ने शोक प्रकट किया हैं. सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के मीडिया मैनेजर हिमांशु शाह ने कहा कि गवर्निंग बॉडी के पूर्व क्रिकेटर मुलुभा के निधन से एससीए में हर कोई दुखी हैं.

क्रिकेट जगत के लिए यह खबर काफी बुरी हैं. भारतीय क्रिकेटर मुलुभा जडेजा का मंगलवार को निधन हो गया हैं. वे कई रणजी मैच खेल चुके थे. रणजी में वे सौराष्ट्र टीम के लिए खेलते थे. मुलुभा जडेजा काफी उम्रदराज भी थे. उन्होंने 88 वर्ष की उम्र में अपने घर …

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