कारोबार

चार साल बाद RBI ने इन मजबूरियों के चलते बढ़ाया रेपो रेट

ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है और इसके चलते भारत में महंगाई बेलगाम होती दिखाई दे रही है. इसी एक संकेत को आधार मानते हुए केन्द्रीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर इसे 6.25 फीसदी कर दिया. रेपो रेट में इस इजाफे पर रिजर्व बैंक गवर्नर समेत समिति के सभी 6 सदस्यों की मुहर लगी. यानी आरबीआई समिति का मानना है कि मौजूदा समय में भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने खड़ी चुनौतियों को देखते हुए यह कदम उठाया जाना जरूरी था. हालांकि रिजर्व बैंक के इस फैसले ने बाजार को चौंकाने का काम किया क्योंकि लंबे समय से बाजार को सस्ते ब्याज दरों की उम्मीद बंधी हुई थी जिससे देश में कारोबारी तेजी का रास्ता साफ किया जा सके. जानें रिजर्व बैंक की तीन दिन तक चली बैठक के बाद कैसा बताया गया देश और दुनिया का आर्थिक स्वास्थः- विकसित अर्थव्यवस्थाओं से खराब संकेत अप्रैल में रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा से लेकर जून समीक्षा तक वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में विस्तार जारी है हालांकि इस विस्तार की रफ्तार प्रभावित हुई है और यह पहले से कमजोर पड़ी है. विकसित अर्थव्यवस्थाओं में अमेरिका में नरम निजी खर्च और हाउसिंग सेक्टर में कम निवेश के चलते साल की शुरुआत कमजोर रही है. हालांकि माना जा रहा है कि रोजगार और रिटेल सेल के आंकड़ों में सुधार के चलते अमेरिका में स्थिति अच्छी हो सकती है. वहीं मौजूदा साल में यूरो क्षेत्र का प्रदर्शन खराब रहा है. यूरो क्षेत्र में कमजोर उत्पादन आंकड़े और खराब होती कारोबारी भावना आने वाले दिनों में परेशानी का सबब बन सकती है. इनके अलावा, जापान में पहली तिमाही के दौरान आर्थिक सिकुड़न दर्ज हुई है हालांकि दूसरी तिमाही में सुधार की संभावना है. उभरती अर्थव्यवस्थाओं से मिला-जुला संकेत प्रमुख उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) में आर्थिक गतिविधि काफी लचीली रही हैं. चीनी अर्थव्यवस्था ने पहली तिमाही में मजबूत गति कायम रखी. औद्योगिक उत्पादन पर हाल ही के आंकड़े और पीएमआई दर्शाता है कि दूसरी तिमाही में वृद्धि के स्थिर रहने की संभावना है. वहीं रूसी अर्थव्यवस्था में वर्ष 2017 के अंत में नरमी के बाद आने वाले सालों में बढ़ोतरी की संभावना है. दोनों विनिर्माण और सेवाओं के पीएमआई में अप्रैल में बढोतरी हुई. दक्षिण अफ्रीका में, राजनीतिक स्थिरता आने से वृद्धि संभावनाओं में सुधार हुआ है. ऐसा उपभोक्ता विश्वास, विनिर्माण पीएमआई और खुदरा बिक्री के आंकड़ों से दिखाई दे रहा है. इसके विपरीत, ब्राजील से उच्च बेरोजगारी और नरम औद्योगिक उत्पादन के कमजोर आंकड़े दर्शाते हैं कि मंदी का प्रभाव बना हुआ है. इसे पढ़ें: आम आदमी से ज्यादा सरकारों के 'अच्छे दिन' लाएगा ये रेपो रेट कट भौगोलिक-राजनीतिक तनाव से अनिश्चितता का माहौल वैश्विक व्यापार वृद्धि में मजबूती बनी हुई है, हालांकि भौगोलिक-राजनीतिक तनाव से हाल ही में निर्यात आदेशों और हवाई माल भाड़े में गिरावट आई है. बढ़े हुए भौगोलिक-राजनीतिक तनाव के कारण कच्चे तेल की कीमतें 24 मई तक तेजी से बढ़ी किंतु इसके बाद पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और रूस द्वारा आपूर्ति को सहज करने की संभावनाओं से कीमतों में नरमी आई. रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण मूल धातु विशेषकर एल्यूमिनियम की कीमतें बढ़ गई. मजबूत डॉलर के कारण स्वर्ण ने बिक्री दबाव देखा है हालांकि पिछले सप्ताह में यूरो क्षेत्र में राजनीतिक अनिश्चितता के कारण इस धातु में सुधार हुआ. इन कारणों से दुनिया की कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं के सामने महंगाई का खतरा खड़ा हो गया है. घरेलू अर्थव्यवस्था में जीडीपी रफ्तार संभालने की कवायद घरेलू मोर्चे पर केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (सीएसओ) ने 31 मई को वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही के लिए राष्ट्रीय आय लेखों के तिमाही अनुमान और वर्ष 2017-18 के लिए अनंतिम अनुमान जारी किए. वर्ष 2017-18 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.7 प्रतिशत अनुमानित की गई है जो 28 फरवरी को जारी किए गए दूसरे अग्रिम अनुमानों से 0.1 प्रतिशत अंक ज्यादा है. बंपर फसल और ग्रामीण आवास और इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार के जोर के चलते विशेषकर उन्नत ग्रामीण मांग के कारण निजी अंतिम उपभोग व्यय में काफी अधिक बढ़ोतरी से इस वृद्धि को सहारा मिला है. तिमाही आंकड़े दर्शाते हैं कि वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था 7.7 प्रतिशत से बढ़ी जो पिछली सात तिमाहियों में सबसे तेज गति है. सकल स्थायी पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) वृद्धि चौथी तिमाही तक लगातार तीन तिमाहियों में बढ़ी. सामान्य मॉनसून से आ रही सबसे बड़ी राहत रिजर्व बैंक ने आपूर्ति पक्ष पर, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के अनुमानों को भी बढ़ाया है जिनमें वर्ष के दौरान खाद्यान्न और बागवानी में अब तक के सबसे अधिक उत्पादन द्वारा सहायता मिली. तिमाही आधार पर, वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में कृषि वृद्धि तेजी से बढ़ी है. 16 अप्रैल को भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने सामान्य दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून वर्षा का पूर्वानुमान लगाया है जिसकी 30 मई को पुनः पुष्टि की गई. यह कृषि क्षेत्र के लिए अच्छा संकेत है. मौसम और कृषि वैज्ञानिकों का दावा है कि इस साल सामान्य मॉनसून देश में खरीफ पैदावार के लिए बेहद अहम है और अनुमान है कि इस पैदावार के सहारे देश में किसानों को अच्छी आमदनी देखने को मिलेगी जिसका सीधा असर देश में आर्थिक गतिविधि को तेज करने में देखने को मिलेगा. कोयला, सीमेंट उत्पादन तेज, बिजली सुस्त रिजर्व बैंक के मुताबिक औद्योगिक वृद्धि में भी मजबूती आई है जो विनिर्माण के मजबूत निष्पादन को दर्शा रही है. यह चौथी तिमाही में लगातार तीन तिमाहियों में तेज हुई है. विनिर्माण फर्मों द्वारा क्षमता उपयोग वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में काफी बढ़ा जैसा कि रिज़र्व बैंक को उम्मीद थी. कोयले के उत्पादन में तेज विस्तार के कारण आठ मुख्य उद्योगों का उत्पादन अप्रैल में तीव्र हुआ जो 42 महीनों के अपने उच्च स्तर पर पहुंच गया. सीमेंट उत्पादन ने भी अप्रैल में लगातार छह महीनों के लिए दुहरी अंकों में वृद्धि दिखाई दी है. हालांकि विद्युत उत्पादन में कमी देखने को मिली है. रिजर्व बैंक ने बताया कि नए घरेलू आदेशों और निर्यात के सहारे मई में विनिर्माण पीएमआई लगातार दसवें महीने तेज रफ्तार दिखा रही है. सर्विस सेक्टर ने सरकार को किया है निराश व्यापार, होटल, परिवहन और संचार तथा वित्तीय सेवाओं जैसे कुछ संघटकों में कम वृद्धि के कारण सेवा क्षेत्र की वृद्धि नीचे की ओर संशोधित की गई है. हालांकि आंकड़ों में यह मजबूत ही दिखाई दे रही है. निर्माण कार्यकलाप ने नई श्रृंखला (आधार 2011-12) में चौथी तिमाही में उच्चतम वृद्धि दर्ज की. हालांकि देश में ट्रैक्टरों और दुपहिया वाहनों की बढ़ती बिक्री ग्रामीण मांग की मजबूती दर्शाती है. वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री भी अप्रैल में तेज हुई. रेलवे के राजस्व अर्जन मालभाड़ा ट्रैफिक में वृद्धि हुई जिसका कारण कोयले, उर्वरकों और सीमेंट में बढ़ोतरी है. यात्री वाहनों की बिक्री वृद्धि तेज हुई लेकिन अप्रैल में लागतार तीसरे महीने के लिए बंदरगाह ट्रैफिक में गिरावट दर्ज हुई है.

ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है और इसके चलते भारत में महंगाई बेलगाम होती दिखाई दे रही है. इसी एक संकेत को आधार मानते हुए केन्द्रीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर इसे …

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पेट्रोल 9वें दिन भी हुआ सस्ता, आज इतनी मिली आपको राहत

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का सिलसिला 9वें दिन भी जारी है. गुरुवार को पेट्रोल 9 पैसे और डीजल 7 पैसे सस्ता हुआ है. पिछले 8 दिनों से लगातार ईंधन की कीमतों में कटौती हो रही है, लेकिन यह ज्यादा राहत देने वाली साबित नहीं हो रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट का फायदा पेट्रोल और डीजल की कीमतें घटने के तौर पर मिल रहा है. इस कटौती के बाद चार महानगरों की बात करें, तो सबसे सस्ता पेट्रोल फिलहाल दिल्ली में मिल रहा है. दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 77.63 रुपये प्रति लीटर का मिल रहा है. वहीं, डीजल यहां 68.73 प्रति लीटर पर बना हुआ है. हालांकि मुंबई में अभी भी यह 85 रुपये के स्तर पर काबिज है. गुरुवार को हुई कटौती के बाद यहां एक लीटर पेट्रोल 85.45 रुपये प्रति लीटर का मिल रहा है. डीजल की बात करें तो वह 73.17 रुपये प्रति लीटर पर है. 19 दिन तक लगातार कीमतों में बढ़ोतरी के बाद पिछले 9 दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का स‍िलस‍िला जारी है. हालांकि कीमतों में मिल रही यह राहत काफी कम है. पिछले 9 दिन में राजधानी दिल्‍ली में पेट्रोल 80 पैसे और डीजल 58 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ है. कर्नाटक चुनाव से पहले और उसके बाद जिस रफ्तार से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े थे, उसके मुकाबले इनकी कीमतों में गिरावट काफी कम है.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का सिलसिला 9वें दिन भी जारी है. गुरुवार को पेट्रोल 9 पैसे और डीजल 7 पैसे सस्ता हुआ है. पिछले 8 दिनों से लगातार ईंधन की कीमतों में कटौती हो रही है, लेकिन यह ज्यादा राहत देने वाली साबित नहीं हो रहा है. …

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पेट्रोल-डीजल के दाम 8वें दिन घटे, जानें कितनी मिली राहत

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले 7 दिनों से मिल रही राहत 8वें दिन भी मिली है. बुधवार को पेट्रोल 11 पैसे और डीजल के दाम 8 पैसे घटे हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में आ रही गिरावट की बदौलत यह राहत मिल रही है. बुधवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती के बाद दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 77.72 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. कोलकाता की बात करें, तो यहां 80.37 रुपये और मुंबई में 85.54 रुपये देने पड़ रहे हैं. चेन्नई में एक लीटर पेट्रोल का दाम 80.68 रुपये प्रति लीटर हो गया है. वहीं, डीजल की कीमतों में 8 पैसे की कटौती होने के बाद यह दिल्ली में 68.80 रुपये का मिल रहा है. कोलकाता में 71.35 रुपये और मुंबई में इसकी कीमत 73.25 रुपये है. चेन्नई में 72.64 रुपए प्रति लीटर डीजल मिल रहा है. कच्चे तेल ने दिलाई राहत अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में पिछले 10 दिनों से लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. इस दौरान कच्चा तेल 6 डॉलर प्रति बैरल तक सस्ता हो चुका है. मंगलवार की बात करें, तो इस दिन कच्चा तेल 1.6 फीसदी तक गिरा और यह 73.81 डॉलर प्रति बैरल तक आ गया है. लेक‍िन सिर्फ फौरी राहत पिछले 8 दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतें भले ही कम हो रही हों, लेक‍िन कीमतें कम होने की रफ्तार काफी धीमी है. पहले 19 दिन तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई थी. लेक‍िन उसके मुकाबले अभी इन 8 दिनों के भीतर मिली राहत काफी कम है. सरकार का सिर्फ आश्वासन केंद्र सरकार ने फिलहाल आश्वासन दिया है कि वह पेट्रोल और डीजल की कीमतों से राहत के लिए रास्ते तलाश रही है. लेकिन कच्चे तेल में नरमी आने के बाद इस पर कम ही चर्चा हो रही है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पिछले कुछ दिनों से सरकारी की तरफ से सिर्फ आश्वासन देते फिर रहे हैं.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले 7 दिनों से मिल रही राहत 8वें दिन भी मिली है. बुधवार को पेट्रोल 11 पैसे और डीजल के दाम 8 पैसे घटे हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में आ रही गिरावट की बदौलत यह राहत मिल रही है. बुधवार …

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RBI ने ब्याज दरों में की बढ़ोतरी, बैंक से कर्ज लेना होगा महंगा, बढ़ेगी आपकी EMI

भारतीय र‍िजर्व बैंक ने तीन दिन तक विचार-विमर्श करने के बाद रेपो रेट की दरों की घोषणा कर दी है. बुधवार को आरबीआई ने रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी है. मौद्रिक नीति समिति ने इसमें 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है. इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6 फीसदी से बढ़कर 6.25%. फीसदी हो गया है. मोदी सरकार के 4 साल के कार्यकाल में यह पहली बार है, जब भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की है. भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद आम आदमी के लिए बैंकों से कर्ज लेना महंगा हो सकता है. इसके साथ ही ईएमआई पर ब्याज का बोझ देखने को मिल सकता है. इसके साथ ही मौद्रिक नीति समिति ने वित्त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही में सीपीआई महंगाई के 4.8 से 4.9 के बीच रहने की संभावना जताई है. वहीं, दूसरी छमाही में इसके लिए 4.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है. रेपो रेट के साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट को 6 फीसदी कर दिया गया है. मौद्रिक नीति समिति के सभी सदस्यों ने रेपो रेट में बढ़ोतरी करने के पक्ष में वोट किया. इससे पहले रॉयटर्स पोल ने संभावना जताई थी कि भारतीय रिजर्व बैंक इस बार भी रेपो रेट में कटौती नहीं करेगा. पोल में कहा गया था कि आरबीआई इसे अगस्त के लिए टाल सकता है. इस पोल में 56 अर्थशास्त्री शामिल हुए थे. इनमें से 26 ने संभावना जताई थी कि आरबीआई रेपो रेट में इस बार बढ़ोतरी करेगा. हालांकि अन्य इसकी संभावना से इनकार किया था. फरवरी से पहले दिसंबर और अक्टूबर में भी आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. दरअसल इस दौरान महंगाई की वजह से यह फैसला लिया गया था. इस वक्त रेपो रेट को 6 फीसदी पर ही रखा गया था. रेपो रेट क्या है? रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर बैंक आरबीआई से लोन उठाते हैं. दरअसल जब भी बैंकों के पास फंड की कमी होती है, तो वे इसकी भरपाई करने के लिए केंद्रीय बैंक से पैसे लेते हैं. आरबीआई की तरफ से दिया जाने वाला यह लोन एक फिक्स्ड रेट पर मिलता है. यही रेट रेपो रेट कहलाता है. इसे हमेशा भारतीय र‍िजर्व बैंक ही तय करता है. रेपो रेट क्यों बढ़ाता है आरबीआई? भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट में कटौती या बढ़ोतरी करने का फैसला मौजूदा और भव‍िष्य में अर्थव्यवस्था के संभावित हालात के आधार पर लेता है. केंद्रीय बैंक रेपो रेट में बढ़ोतरी ज्यादातर समय पर तब करता है, जब देश में महंगाई का दबाव बना रहता है. ऐसे में इसे नियंत्रण में लाने के लिए रेपो रेट अहम साधन बनता है. आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में बढ़ोतरी किए जाने से महंगाई को काबू रखने में मदद मिलती है. जब भी आरबीआई रेपो रेट बढ़ाता है, तो बैंक उससे कम कर्ज लेते हैं. ऐसा होने की वजह से चलन में मनी सप्लाई कम होती है. इससे महंगाई पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है. आप पर होता है ये असर रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंक आरबीआई से जो फंड लेंगे, उन्हें वह महंगी दरों पर मिलेगा. इससे बैंकों पर दबाव बढ़ता है. अपने बोझ को कम करने के लिए बैंक इसे ग्राहकों तक पहुंचाते हैं. यह बोझ आपके साथ महंगे कर्ज और बढ़ी हुई ईएमआई के तौर पर बांटा जाता है. इसी वजह से जब भी रेपो रेट बढ़ता है, तो आपके लिए कर्ज लेना महंगा हो जाता है. बता दें कि भारतीय र‍िजर्व बैंक ने फरवरी में भी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया. इस दौरान विशेषज्ञ पहले ही इसकी संभावन जता चुके थे. फरवरी में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और बजट में इकोनॉमी को लेकर की गई घोषणाओं का असर आरबीआई के फैसले पर दिखा. इसकी वजह से ही तय माना जा रहा था दरें नहीं घटेंगी. अगस्त में घटे थे रेपो रेट इससे पहले पिछले साल अगस्त में आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की थी. इस दौरान आरबीआई ने रेपा रेट 0.25 फीसदी घटाया था. इस कटौती के बाद ही रेपो रेट 6 फीसदी हो गया था.

भारतीय र‍िजर्व बैंक ने तीन दिन तक विचार-विमर्श करने के बाद रेपो रेट की दरों की घोषणा कर दी है. बुधवार को आरबीआई ने रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी है. मौद्रिक नीति समिति ने इसमें 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है. इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6 …

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Baan:निपाह वायरस के डर से इन देशों में करेल के सामानों पर लगाया बैन!

दुबई: केरल में जानलेवा निपाह वायरस का खौफ अब खाड़ी देशों तक पहुंचने लगा है। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कुवैत ने घातक निपाह वायरस के प्रकोप के मद्देनजर केरल के फ्रोजन एवं संसाधित फलों और सब्जियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। गल्फ न्यूज की सोमवार की रिपोर्ट …

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Upcoming SUV: 2022 में आयेगी जीप की नई एसयूवी, अभी कीमत तय नहीं!

नई दिल्ली: जीप ने घोषणा की है कि वह जल्द ही भारत में नई सब 4.मीटर एसयूवी उतारेगी। जीप कारों की रेंज में इसे कंपास के नीचे पोजिशन किया जाएगा। इसका मुकाबला मारूति सुज़ुकी विटारा ब्रेज़ा, टाटा नेक्सन, फोर्ड ईकोस्पोर्ट और महिन्द्रा एस201 से होगा। कंपनी के अनुसार नई सब 4.मीटर …

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Big News: यूपी में पतंजलि का फूड पार्क खुलेगा या नहीं, तस्वीर साफ नहीं !

लखनऊ: ग्रेटर नोएडा में बनने वाले पतंजलि के फूड पार्क को रद्द किए जाने की बात पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने साफ तौर पर इनकार कर दिया है। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय के मुताबिक यमुना एक्सप्रेस वे में पतंजलि आयुर्वेद को आवंटित की गई जमीन …

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रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर, Railway आपके खाने में कर सकता है कटौती

ट्रेनों में खाने की क्वालिटी को लेकर लगातार बढ़ती शिकायतों पर रेलवे की तरफ से बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है. खाने की क्वालिटी में सुधार करने के लिए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) ने यात्रियों को दिए जाने वाले खाने की क्वांटिटी (मात्रा) कम करने का प्रस्ताव …

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सुस्त मांग से सस्ता हुआ सोना, कमजोर वैश्विक संकेत का दिखा असर

 मंगलवार के कारोबार में सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। दिन के कारोबार में सोना 50 रुपये सस्ता होकर 31,600 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गया। सोने की कीमतों में इस गिरावट की वजह कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच स्थानीय ज्वैलर्स की ओर से …

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SBI और पोस्ट ऑफिस, जानिए फिक्स्ड डिपॉजिट में कहां मिलेगा फायदा

सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने हाल ही में अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट दरों में संशोधन किया है। यह संशोधन 25 बेसिस प्वाइंट का किया गया है, जो कि चुनिंदा मैच्योरिटीज पर लागू होगा और ये नई दरें 28 मई से प्रभावी हैं। हम अपनी …

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