धर्म

हिन्दू धर्म में क्यों माना जाता है अन्न को देवता

शास्त्रों के अनुसार, वह कोई भी द्रव या ठोस वस्तु जिससे किसी सजीव को प्राण और जीवन प्राप्त होता है वह ईश्वर के समान माना जाता है. उसी प्रकार जल,अन्न और फल आदि को भी देवता की उपाधि दी गई है जिसमे अन्न को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इस संसार में अन्न के एक दाने भर से भी व्यक्ति को जीवनदान दिया जा सकता है. हिंदू धर्मशास्त्रों में अन्न को देवता माना गया है.ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति अन्न का अनादर करता है या नियमानुसार भोजन नहीं करता, उससे अन्न देवता रुष्ट हो जाते हैं.शास्त्रों में अन्न को ग्रहण करने के कुछ जरूरी नियम बताए गए हैं. इन नियमों के द्वारा अन्न का भोग करता है उसे जीवन में स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है. भोजन करने से पहले ही परोसी हुई थाली में अन्न देवता को नमन करके उनकी प्राप्ति के लिए उनका धन्यवाद जरूर करना चाहिए. भोजन करते समय यदि अण्णन का कोई दान जमीं पर गिर जाता है तो उसे व्यर्थ कूड़े में नहीं फेकना चाहिए बल्कि सावधानी से कीड़ी चींटी या मूसक के बिल के पास रख देना चाहिए.अन्न को कचरे में फेंकने से अन्न देवता का अनादर होता है और वो रुष्ट होते है. शास्त्रों में भी ऐसा करने की साफ मनाही की गई है.

शास्त्रों के अनुसार, वह कोई भी द्रव या ठोस वस्तु जिससे किसी सजीव को प्राण और जीवन प्राप्त होता है वह ईश्वर के समान माना जाता है. उसी प्रकार जल,अन्न और फल आदि को भी देवता की उपाधि दी गई है जिसमे अन्न को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इस संसार …

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क़ुरान में पर्दा करने को क्यों दी जाती है अहमियत

क़ुरान में परदे को को खास स्थान दिया गया है. पराई स्त्री और पराये धन की तरफ नज़र जाने को भी इस्लाम में पाप समझा जाता है.अदब को क़ुरान में बेहद जरूरी बताया गया है. मुस्लिम धर्म में किसी स्त्री को बिना सिर पर परदे के नहीं रहना होता है. इस नियम का वर्णन क़ुरान में भी किया गया है. यह नियम मुस्लिम धर्मगुरु हज़रत मुहम्मद साहब जी के द्वारा बनाया गया है. यह नियम स्त्रियों की अस्मिता और लज्जापूर्ण स्वाभाव को व्यक्त करने वाली तहज़ीब का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. ऐसा कहा जाता है कि मुस्लिम पैगम्बर हज़रत मुहम्मद साहेब के परिवार में स्त्रियों का रहन-सहन और स्वभाव ऐसा था कि उनके पूरे जीवन में कभी भी किसी ने उनकी परछाई तक नहीं देखीं .उनका यह आचरण, धीमी और आदर से भरपूर आवाज़ के साथ बेहतरीन सलीके के लिए पूरे मक्का में प्रसिद्द था. वहीं से मुस्लिम समाज में परदे को अदब जताने का सलीका मानते हुए अपनाया गया. मुस्लिम इतिहासकारों के अनुसार अरब के रेगिस्तान के एक शहर मक्काह में 570 ईस्वी में इस्लाम धर्म के संस्थापक हज़रत मुहम्मद का जन्म हुआ माना जाता है.इन्हे इस्लाम के सबसे महान नबी(रसूल) और खुदा के आख़िरी सन्देशवाहक के रूप में जाना जाता है.

क़ुरान में परदे को को खास स्थान दिया गया है. पराई स्त्री और पराये धन की तरफ नज़र जाने को भी इस्लाम में पाप समझा जाता है.अदब को क़ुरान में बेहद जरूरी बताया गया है. मुस्लिम धर्म में किसी स्त्री को बिना सिर पर परदे के नहीं रहना होता है. …

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पहले भगवान को भोग क्यों लगाया जाता है

आप सभी ने कभी न कभी पूजा तो जरूरी की होगी या किसी पूजा में शामिल तो जरूर ही हुए होंगे. पूजा के समय भगवान के समक्ष मिष्ठान, मेवे, फलादि रखे हुए होते है और पूजा के होने पर सारी भोग सामग्री को भोग लगाया जाता है जिसके बाद उस भोग को अमृततुल्य माना जाता है.आइल सन्दर्भ में श्रीमद्भगवदगीता के तीसरे अध्याय में भगवान श्री कृष्ण ने वर्णित किया है कि जो व्यक्ति भगवान को भोग लगाएं बिना भोजन ग्रहण करता है उसे अन्न की चोरी का पाप भोगना होता है. ऐसा व्यक्ति उसी प्रकार दंड भोगता हैं जैसे किसी की वस्तु चुराने पर सजा मिलती है. शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि जो जातक भगवान को भोग नहीं लगाते या भोग को भोजन में शामिल नहीं करते वो भगवान के प्रसाद का अनादर करते है और अंत में दर्शन से भी वंचित रहते है.ऐसे लोग जो भगवान को भोग लगाए बिना खुद भोजन कर लेते उनका राक्षसी जन्म परैत होता है और जीवनभर कष्टों का सामना करना पड़ता है. आइये जाएँ है किस पात्र में भोग लगाने से ईश्वर प्रसन्न होते है और भोग का सम्पूर्ण फल जातक को प्राप्त होता है.भोग लगाने के लिए सबसे शुभ ताम्बे की धातु को माना जाता है. ताम्र पात्र को शुभ एवं पवित्र माना जाता है, अतः भगवान को ताम्र पात्र में अर्पण की गई वस्तु प्रिय होती है. ईश्वर को भोग लगाते समय उसमे तुलसी दल अवश्य होना चाहिए. यह शुभता की और संकेत करता है

आप सभी ने कभी न कभी पूजा तो जरूरी की होगी या किसी पूजा में शामिल तो जरूर ही हुए होंगे. पूजा के समय भगवान के समक्ष मिष्ठान, मेवे, फलादि रखे हुए होते है और पूजा के होने पर सारी भोग सामग्री को भोग लगाया जाता है जिसके बाद उस …

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9 मई 2018 का राशिफल: जानिए किस राशि वालों को आज मिलेगा लाभ…

9 मई 2018 का राशिफल: जानिए किस राशि वालों को आज मिलेगा लाभ…

मेष:गणेशजी बताते हैं कि आज का दिन आप सामाजिक कार्यों और मित्रों के साथ व्यतीत करेंगे। मित्रों के पीछे धन खर्च हो सकता है। बुजुर्गों की तरफ से लाभ होगा और उनका सहयोग मिलेगा। आकस्मिक धन लाभ मानसिक प्रसन्नता बढ़ाएगी। दूर रहनेवाले संतानों के शुभ समाचार मिलेंगे। प्रवास, पर्यटन का …

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08 मई 2018, का राशिफल: आज इन राशि को होगा अधिक लाभ…

08 मई 2018, का राशिफल: आज इन राशि को होगा अधिक लाभ...

मेष (Aries): गणेशजी कहते हैं कि आज आप परिजनों के साथ मिलकर घरेलू मामलों में महत्त्वपूर्ण विचार विमर्श करेंगे। कार्यस्थल पर उच्च पदाधिकारियों के साथ महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा। ऑफिस के कार्य हेतु यात्रा पर जाने की संभावना है। माता तथा स्त्री वर्ग की तरफ से लाभ होने की संभावना …

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Namaz: हरियाणा के सीएम खट्टर ने नमाज को लेकर दिया बयान, जानिए क्या कहा?

हरियाणा: हरियाणा के गुडग़ांव में हाल के दिनों में शुक्रवार की नमाज में हिंदूवादी संगठनों की ओर से बाधा पहुंचाए जाने की घटनाओं पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने टिप्पणी की है। सीएम खट्टर ने रविवार को कहा कि नमाज मस्जिद या ईदगाह के अंदर ही पढऩी चाहिए। एएनआई …

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06 मई 2018 का राशिफल: आज इन राशि का अच्छा रहेगा आज का दिन…

06 मई 2018 का राशिफल: आज इन राशि का अच्छा रहेगा आज का दिन...

मेष (Aries): किसी भी प्रकार के संकट में न पड़ने की सलाह गणेशजी देते हैं। व्यावसायिक स्थल पर आज अधिकारियों के साभ उग्र चर्चा में न उतरें, वही आपके लिए हितकारी है। गृहस्थजीवन में आनंदपूर्ण वातावरण रहेगा। किसी धार्मिक या मांगलिक प्रसंग में आपकी उपस्थिति रहेगी। तीर्थ यात्रा पर जाना …

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जानिए शास्त्रों में ज्येष्ठ माह का पवित्र महत्त्व

हिंदी महीने में तीसरा महीना यानि जतयेष्ठ माह जिसे जेठ माह भी कहते है, को शास्त्रों में बहुत ही शुभ महीने के रूप में माना जाता है. हिंदी पंचांग के अनुसार इस माह में ज्येष्ठा नक्षत्र आने के कारण इसे ज्येष्ठ मास के नाम से जाना जाता है . ऐसा माना जाता है कि इस माह में सूर्य बहुत शक्तिशाली रहता है और इसी कारण इस माह में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है. इस साल 1 मई से ज्येष्ठ महीना शुरू हो गया है और इस महीने का वैज्ञानिक महत्त्व भी होता है. चूँकि इस महीने में गर्मी ज्यादा पड़ती है तो इस महीने शरीर में पानी कि कमी हो जाने का खतरा बाद जाता है और इस कमी को पूरे करने के लिए इस महीने में पानी अधिक पीना चाहिए और हरी सब्जियां, सत्तू और जल वाले फल का प्रयोग अधिक करना चाहिए. साथ ही इस महीने में दोपहर का विश्राम लाभदायक माना जाता है. धार्मिक महत्व – इस महीने में सूर्य देव की कृपा पाने का बेहद सुनहरा अवसर प्राप्त होता है.सुबह सूर्यास्त से पहले उठकर स्नान आदि के बाद सूर्य को जल अर्पित करते हुए सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके लिए शाम को पौधों में जल देना चाहिए. किसी प्यासे व्यक्ति को पानी पिलाना भी बहुत लाभकारी माना जाता है.जिन लोगों की कुंडली में सूर्य दोष हैं तो उन्हें ज्येष्ठ के हर रविवार को व्रत करना चाहिए, इससे शुभ फल प्राप्त होता है.

हिंदी महीने में तीसरा महीना यानि जतयेष्ठ माह जिसे जेठ माह भी कहते है, को शास्त्रों में बहुत ही शुभ महीने के रूप में माना जाता है. हिंदी पंचांग के अनुसार इस माह में ज्येष्ठा नक्षत्र आने के कारण इसे ज्येष्ठ मास के नाम से जाना जाता है . ऐसा …

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शिवपुराण में वर्णित हैं मौत के यह संकेत

धर्म और विज्ञान के बीच हमेशा से ही तथ्यों के अनुसन्धान का सिलसिला चलते आ रहा हैं. विज्ञान के द्वारा जीवन की हर क्रिया का वास्तविक रूप खोज लिया गया हैं पर मनुष्य की मौत के बारे में अभी तक कोई खोज नहीं की जा सकी हैं.यह कोई नहीं जानता कि मृत्यु कब और किस रूप में कैसे आती है पर शिवपुराण में मौत से जुड़े कुछ संकेतों का वर्णन स्वयं भगवान शिव के द्वारा किया गया हैं. हिन्दू धर्म में भगवान शंकर को महांकाल के रूप में पूजा जाता हैं. उनको मृत्यु का देवता भी माना जाता हैं. महांकाल में काल का अर्थ मृत्यु भी जिसके अधीन हो इसलिए ग्रंथों में इन्हे महांकाल भी कहा गया हैं.शिवपुराण में इन संकेतों के बारे में बताया गया है.आइये जानते हैं इन संकेतों को जिस मनुष्य के सिर पर गिद्ध, कौवा अथवा कबूतर आकर बैठ जाए, उसकी मृत्यु एक महीने में हो जाती है. यदि किसी व्यक्ति का शरीर अचानक से सफेद या पीला पड़ जाए और लाल निशान दिखाई दें तो उस मनुष्य की मृत्यु 6 महीने में हो जाती है. यदि किसी मनुष्य को चंद्रमा व सूर्य के आस-पास का चमकीला घेरा काला या लाल दिखाई दे, तो उस मनुष्य की मृत्यु 15 दिन के अंदर हो जाती है.

धर्म और विज्ञान के बीच हमेशा से ही तथ्यों के अनुसन्धान का सिलसिला चलते आ रहा हैं. विज्ञान के द्वारा जीवन की हर क्रिया का वास्तविक रूप खोज लिया गया हैं  पर मनुष्य की मौत के बारे में अभी तक कोई खोज नहीं की जा सकी हैं.यह कोई नहीं जानता …

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जीवन में सफलता के लिए करें श्रीकृष्ण के नामों का जाप

माना जाता हैं कि इस पृथ्वी में घटित होने वाली हर घटना का श्रीमदभागवतगीता में पहले से ही वर्णन भगवान कृष्ण के द्वारा किया गया हैं. हिन्दू धर्म के अनुसार हर युग में भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाएं हमारे लिए ज्ञान का स्त्रोत हैं.मनुष्यों द्वारा भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए कृष्ण जी के कई नामों का जाप किया जाता है.इनमें से कुछ परम् कल्याणकारी नामों का जप अत्यंत उपयोगी है इससे भगवान की शरण की प्राप्ति होती हैं. हरि हिरंयगर्भा ऋषिकेश जगद्गुरु जगदिशा जगन्नाथ जनार्धना जयंतह ज्योतिरादित्या कमलनाथ कमलनयन कामसांतक कंजलोचन केशव लक्ष्मीकांत अव्युक्ता बालगोपाल बलि चतुर्भुज दानवेंद्रो दयालु दयानिधि देवाधिदेव देवकीनंदन देवेश धर्माध्यक्ष द्वारकाधीश गोपाल गोपालप्रिया गोविंदा ज्ञानेश्वर वैकुंठनाथ वर्धमानह वासुदेव विष्णु विश्वदक्शिनह विश्वकर्मा विश्वमूर्ति विश्वरुपा विश्वात्मा वृषपर्व यदवेंद्रा योगि योगिनाम्पति सर्वपालक सर्वेश्वर सत्यवचन सत्यव्त शंतह श्रेष्ट श्रीकांत श्याम श्यामसुंदर सुदर्शन सुमेध सुरेशम स्वर्गपति त्रिविक्रमा उपेंद्र पद्महस्ता पद्मनाभ परब्रह्मन परमात्मा परमपुरुष पार्थसार्थी प्रजापती पुंण्य पुर्शोत्तम रविलोचन सहस्राकाश सहस्रजित सहस्रपात साक्षी सनातन सर्वजन यह 108 नामों का जप अत्यंत शुभ फलदायी होता हैं.इसके प्रतिदिन जाप से मन के विकार समाप्त होते हैं. शरीर में सकारात्मकता और जीवन में आगे बढ़ने की शक्ति प्राप्त होती हैं. कठिन समय में मनुष्य का ह्रदय विचलित नहीं होता हैं और संसार में सभी सुखों को प्राप्त करता हैं .

माना जाता हैं कि इस पृथ्वी में घटित होने वाली हर घटना का श्रीमदभागवतगीता में पहले से ही वर्णन भगवान कृष्ण के द्वारा किया गया हैं. हिन्दू धर्म के अनुसार हर युग में भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाएं हमारे लिए ज्ञान का स्त्रोत हैं.मनुष्यों द्वारा भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए …

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