धर्म

23 अप्रैल 2018, सोमवार का राशिफल: जानिए कैसे रहेगा आज आपका दिन…

23 अप्रैल 2018, सोमवार का राशिफल: जानिए कैसे रहेगा आज आपका दिन...

मेष (Aries): आज आप बहुत भावनाशील रहेंगे, इसलिए किसी के बोलने से आपकी भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। माताजी के स्वास्थ्य की चिंता सताएगी। स्थायी संपत्ति के मामले में कोई निर्णय लेना उचित नहीं है। कार्यक्षेत्र में स्त्री वर्ग से सावधान रहें। वृष (Taurus): आप तन और मन से स्वस्थ और …

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…तो इसलिए गोद भराई में ये रस्म निभाना बेहद होता है जरूरी

...तो इसलिए गोद भराई में ये रस्म निभाना बेहद होता है जरूरी

मानव जीवन में संयम और नियम को अपनाना बेहद जरूरी होता है. धार्मिकता के अनुसार नियम का पालन करते रहना ,उन्हें अपनाना उन नियमो के लिए समर्पण करना यही मानव की अच्छी पहचान को इंगित करता है . हमारें इस मानव समाज में बहुत से ऐसे नियम है.जिन्हे अपनाने से …

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इस मंदिर में पैर रखते ही व्यक्ति बन जाता है पत्थर

इस मंदिर में पैर रखते ही व्यक्ति बन जाता है पत्थर

मंदिर में जा कर देवी देवताओ को पूजने की हमारी पुरानी परम्पराए है। राजस्थान के बाड़मेर के पास एक ऐसा गांव है, जहा के मंदिर में पैर रखते ही व्यक्ति पत्थर का बन जाता है  लेकिन एक गांव में कई सालो से यहाँ के लोग मंदिर नहीं गए है। कहा जाता है …

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क्या आप जानते हैं एक चुटकी सिंदूर की क्या होती हैं कीमत

क्या आप जानते हैं एक चुटकी सिंदूर की क्या होती हैं कीमत

सिंदूर का नाम आते ही आप यही सोचेगे की सिंदूर तो सुहागन का प्रतीक माना जाता हैं। साथ सिंदूर भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान को भी प्रिय हैं। इसलिए हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान को सिंदूर अर्पित किया जाता हैं। कई लोग सिंदूर में तेल मिलाकर अपने …

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सात घोड़ों के रथ पर आरूढ़ भगवान सूर्य

सात घोड़ों के रथ पर आरूढ़ भगवान सूर्य

सूर्यदेव की दो भुजाएं हैं, वे कमल के आसन पर विराजमान रहते हैं, उनके दोनों हाथों में कमल सुशोभित हैं। उनके सिर पर सुंदर स्वर्ण मुकुट तथा गले में रत्नों की माला है। उनकी कान्ति कमल के भीतरी भाग जैसी है और वे सात घोड़ों के रथ पर आरुढ़ रहते …

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इन नुस्खों से अपने गार्डन को बनाएं वास्तु-दोषमुक्त

इन नुस्खों से अपने गार्डन को बनाएं वास्तु-दोषमुक्त

यदि आप अपने नए या पुराने  घर में गार्डन बनवाने का सोच रहे हैं या पहले ही से आपके घर में गार्डन हैं तो हम लाये हैं आपके लिए कुछ विशेष गार्डन वास्तु टिप्स जो आपको अपने गार्डन को सुसज्जित करने में सहायक होंगी . चूँकि आपके गार्डन का सीधा …

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रविवार को सूर्य देव ही नहीं मां दुर्गा की भी होती है पूजा

रविवार को सूर्य देव ही नहीं मां दुर्गा की भी होती है पूजा

रविवार को करें सूर्य पूजा जैसा की सभी जानते हैं कि रविवार भगवान सूर्य का दिन है। इस दिन हम भास्‍कर देव की आराधना और व्रत करते हैं। रविवार के दिन सूर्य व्रत रखने वालों को  घी, तेल और नमक नहीं खाना होता है। इस दिन प्रात: काल स्‍नान करके …

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22 अप्रैल 2018, रविवार का राशिफल: आज ये राशी वाले न करे कोई जल्दबाजी में काम…

22 अप्रैल 2018, रविवार का राशिफल: आज ये राशी वाले न करे कोई जल्दबाजी में काम...

मेष – कई दिनों से रुके काम भी पूरे हो सकते हैं. पारिवारिक संबंध मधुर रहेंगे. अपनी इमेज सुधारने का मौका भी आपको मिल सकता है. सोचे हुए काम पूरे हो सकते हैं. आपके लिए दिन उत्साहवर्धक है और मनोरंजन भी होता रहेगा. परिवार से जुड़े मामलों पर आपको ध्यान देना …

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जानिए क्यूँ शनि देव को आया राजा विक्रमादित्य पर क्रोध

एक समय स्वर्गलोक में सबसे बड़ा कौन के प्रश्न को लेकर सभी देवताओं में वाद-विवाद प्रारम्भ हुआ. सभी देवता देवराज इंद्र के पास पहुंचे और बोले, हे देवराज! आपको निर्णय करना होगा कि नौ ग्रहों में सबसे बड़ा कौन है? देवताओं का प्रश्न सुनकर देवराज इंद्र उलझन में पड़ गए और कुछ देर सोच कर बोले, हे देवगणों! मैं इस प्रश्न का उत्तर देने में असमर्थ हूं पृथ्वीलोक में उज्ज्यिनी नगरी में राजा विक्रमादित्य का राज्य है वह न्याय करने में अत्यंत लोकप्रिय हैं दूध का दूध और पानी का पानी अलग करने का न्याय करते हैं सभी देवता पृथ्वी लोक में उज्ज्यिनी नगरी में पहुंचे . देवताओ ने अपना प्रश्न पूछा तो राजा विक्रमादित्य भी कुछ देर के लिए परेशान हो उठे क्योकि सभी देवता अपनी-अपनी शक्तियों के कारण महान शक्तिशाली थे. तभी राजा विक्रमादित्य को एक उपाय सूझा और उन्होंने विभिन्न धातुओं- स्वर्ण, रजत, कांसा, तांबा, सीसा, रांगा, जस्ता, अभ्रक, व लोहे के नौ आसन बनवाए. धातुओं के गुणों के अनुसार सभी आसनों को एक-दूसरे के पीछे रखवा कर उन्होंने देवताओं को अपने-अपने सिंहासन पर बैठने को कहा और बैठने के बाद राजा विक्रमादित्य ने कहा, आपका निर्णय तो स्वयं हो गया जो सबसे पहले सिंहासन पर विराजमान है, वही सबसे बड़ा है राजा विक्रमादित्य के निर्णय को सुनकर शनि देवता ने सबसे पीछे आसन पर बैठने के कारण अपने को छोटा जानकर क्रोधित होकर कहा, राजन! तुमने मुझे सबसे पीछे बैठाकर मेरा अपमान किया है तुम मेरी शक्तियों से परिचित नहीं हो मैं तुम्हारा सर्वनाश कर दूंगा और इस तरह शनि देव राजा से रुष्ट हो गए .

एक समय स्वर्गलोक में सबसे बड़ा कौन के प्रश्न को लेकर सभी देवताओं में वाद-विवाद प्रारम्भ हुआ. सभी देवता देवराज इंद्र के पास पहुंचे और बोले, हे देवराज! आपको निर्णय करना होगा कि नौ ग्रहों में सबसे बड़ा कौन है? देवताओं का प्रश्न सुनकर देवराज इंद्र उलझन में पड़ गए …

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क्या आप भी अपने जीवन के आधार से अंजान हैं?

मानव जीवन कि अगर बात करें, तो यह पंचतत्वों से बना है। और मृत्यु के बाद यह वही पंचतत्वों में मिल जाता है। प्राकृति का यह नियम है कि इस धरती पर जो भी आया है, उसका जाना तय है। लेकिन अब तक हममें से बहुत से लोग इस मृत्यु से अनजान है। हममें से बहुत से लोग यह नहीं जानते है मृत्यु होती क्या है? यह क्यों आती है? क्यों कोई मरता है? और भी कई सवाल हैं, जो मृत्यु से जुड़े हुए है। अगर आपके मन में भी मृत्यु को लेकर कुछ सवाल है, तो यहां पर आज हम इसी मृत्यु के बारे में आपसे चर्चा करने वाले हैं। जिसे जानकर आपके मन मस्तिष्क में पैदा होने वाले इन सवालों के सारे जवाब आपको मिल जाएंगे। मनुष्य मरता क्यों है- वह इसलिए मरता है, क्योंकि उसकी जिजीविषा मर गई है। उसकी कामनाएं नष्ट हो गई हैं। उसके हृदय से राग समाप्त हो गया है। उसके जीवन का सारा आकर्षण केंद्र नष्ट हो चुका है, उसके सारे सुनहरे स्वप्न विलीन हो चुके हैं। अब उसके मन में कोई कामना नहीं बची है। धीरे-धीरे वह मरुभूमि बनता जाता है और एक दिन उसका संबंध प्रकृति से टूट जाता है। यही मृत्यु है। इसलिए जीवन में राग और आकर्षण आवश्यक है। आपके जीवन में कोई न कोई ऐसा आकर्षण का केंद्र हो, जो आपको निरंतर गतिमान रखे। जिस दिन आपके जीवन के सारे आशा केंद्र नष्ट हो जाएंगे, आप जी नहीं सकेंगे। इसीलिए प्रकृति से निरंतर संबंध बनाए रखना आवश्यक है। यह बात तो स्पष्ट है कि हमारे जीवन का सूत्र प्रकृति के हाथ में है। प्रकृति से अनवरत जीवन ऊर्जा प्रवाहित हो रही है।

मानव जीवन कि अगर बात करें, तो यह पंचतत्वों से बना है। और मृत्यु के बाद यह वही पंचतत्वों में मिल जाता है। प्राकृति का यह नियम है कि इस धरती पर जो भी आया है, उसका जाना तय है। लेकिन अब तक हममें से बहुत से लोग इस मृत्यु …

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