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दिग्विजय सिंह का सेल्फ गोल! बोले- राफेल, बोफोर्स से बड़ा ‘घोटाला’

दिग्विजय सिंह का सेल्फ गोल! बोले- राफेल, बोफोर्स से बड़ा 'घोटाला'

राफेल डील के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार पर निशाना साधे हुए है. राहुल गांधी ने लगातार इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है. लेकिन लगता है कि कांग्रेस के अपने ही एक दिग्गज नेता ने …

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वामपंथियों पर एक्शन से घमासान, BJP ने याद दिलाया मनमोहन का 9 साल पुराना बयान

वामपंथियों पर एक्शन से घमासान, BJP ने याद दिलाया मनमोहन का 9 साल पुराना बयान

भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामलों में वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी को लेकर राजनीतिक माहौल गर्मा गया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी वामपंथी विचारकों के ठिकाने पर हुई छापेमारी का विरोध किया. अब केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने उनपर पलटवार किया है. रिजिजू ने बुधवार को ट्वीट किया …

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AAP छोड़ने के बाद आशुतोष का बड़ा हमला, चुनाव के लिए मेरी जाति का किया गया इस्तेमाल

AAP छोड़ने के बाद आशुतोष का बड़ा हमला, चुनाव के लिए मेरी जाति का किया गया इस्तेमाल

आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद पूर्व पत्रकार आशुतोष ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बिना नाम लिए बड़ा हमला बोला है. बुधवार को आशुतोष ने ट्वीट कर लिखा कि उनके 23 साल के पत्रकारिता के करियर में उन्हें कभी अपनीजाति का इस्तेमाल नहीं करना पड़ा, लेकिन पार्टी की ओर से जब …

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यलगार परिषद को माओवादियों से जोड़ने पर दलित नेता नाराज

यलगार परिषद को माओवादियों से जोड़ने पर दलित नेता नाराज

पीएम मोदी की हत्या की साजिश और यलगार परिषद से जुड़ाव को लेकर देश भर के कथित नक्सल समर्थकों के घरों व कार्यालयों पर छापे मारे जाने और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने से दलित नेता नाराज हैं. दलित नेता इसे राजनीतिक साजिश और सनातन संस्था के दबाव में उठाया गया कदम बता …

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आज का राशिफल, 29 अगस्त 2018: कुंभ राशि वाले जल्दबाजी में फैसला ना लें, जानें अपनी किस्मत

आज का राशिफल, 29 अगस्त 2018: कुंभ राशि वाले जल्दबाजी में फैसला ना लें, जानें अपनी किस्मत

आज का राशिफल: आज (29 अगस्त, ) का राशिफल में जानें मेष राशि वालों के धन का हाल? वृषभ राशि वाले किससे बचें? मिथुन राशि वालों को कैसे होगा नुकसान? धनु राशिवालों को किससे नुकसान होगा? मकर राशि वाले आज क्या करें? मीन राशि वालों को कब मिलेगा लाभ? अन्य सभी …

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बारिश के मौसम में चाय का जायका बढ़ाएगी ये मठरी

मैदा- 100 ग्राम, मोयन- 25 ग्राम, बेकिंग पाउडर- चुटकी भर, अजवायन- ½ टीस्पून, नमक-स्वादानुसार। विधि : मठरी में मोयन डालते वक़्त मैदे का एक चौथाई भाग लें। अगर मैदा 100 ग्राम है तो मोयन 25 ग्राम डालना चाहिए। मैदे में बेकिंग पाउडर के इस्तेमाल से मठरी खस्ता बनेगी। मैदे में चुटकी भर बेकिंग पाउडर, अजवायन, नमक, डाल हाथों से अच्छी तरह से मिक्स करें। जब मैदे में सभी चीजें अच्छी तरह मिक्स हो जाएं तब थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर सख़्त आटा गूंधकर तैयार करें। गोल मठरी बनाते वक़्त उसे थोड़ा मोटा बेलें और उसमें चाकू की मदद से 5-6 छेद करें। इससे मठरी फूलेगी नहीं और खस्ता बनेगी। मठरी को धीमी और मध्यम आंच पर ही तलें जिससे वह अंदर तक अच्छी तरह पक जाए और खस्ता बनें।

मैदा- 100 ग्राम, मोयन- 25 ग्राम, बेकिंग पाउडर- चुटकी भर, अजवायन- ½ टीस्पून, नमक-स्वादानुसार। विधि : मठरी में मोयन डालते वक़्त मैदे का एक चौथाई भाग लें। अगर मैदा 100 ग्राम है तो मोयन 25 ग्राम डालना चाहिए। मैदे में बेकिंग पाउडर के इस्तेमाल से मठरी खस्ता बनेगी। मैदे में …

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सड़क पर टहलता दिखा शेर तो लोगों की डर से निकली जान

खलीज टाइम्स की एक खबर की माने तो बीते सप्ताह बुधवार को कुवैत के एक इलाके में अनोखा नजारा देखने को मिला। यहां से गुजर रहे लोगों आैर गाड़ियों से जा रहे सवारों ने देखा कि ट्रैफिक के बीच में अचानक एक शेर आ गया है। इस शेर को देख कर लोगों की हालत खराब हो गर्इ आैर वे डर से कांप गए। आनन फानन में स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों को खबर की गर्इ आैर उन्होंने वहां पहुंच कर शेर को काबू कर के हालात सामान्य किए। हांलाकि इस दौरान शेर ने किसी को भी कोर्इ नुकसान नहीं पहुंचाया। बेहोश करके पकड़ा शेर समाचार पत्र ने कुवैत की एक न्यूज एजेंसी के हवाले से बताया कि कुवैत लिवस्टोक अथॉरिटी के अनुसार बुधवार को एक शेर वहां की कबाद डिस्ट्रिक्ट के रिहायशी क्षेत्र में आ गया था। इसके बाद स्थानीय पुलिस आैर सुरक्षा एजेंसियों को सूचना दी आैर वो तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे आैर शेर को पकड़ कर जू के अधिकारियों को सौंप दिया। बताया जा रहा है कि ट्रैंक्विलाइज़र यानि बेहोशी की दवाआें की मदद से इस शेर को पकड़ा गया। जंगल के राजा के शहर में दौरे से हिल गया कैलीफोर्निया का एक इलाका यह भी पढ़ें المجلس ✔ @Almajlliss فيديو / أسد طليق في منطقة كبد . 1:24 PM - Aug 22, 2018 718 802 people are talking about this Twitter Ads info and privacy वीडियो हुआ वायरल पहाड़ी शेर सो गया सोफे के पीछे आैर 6 घंटे तक उसके जागने का इंतजार करती रही महिला यह भी पढ़ें शेर के बारे में सूचना मिलते ही अल-नजदाह पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गर्इ थी। शेर को पकड़ने के बाद उन्होंने घटना की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया गया। जल्दी ही वीडियो वायरल हो हो गया। सोशल मीडिया पर ये वीडियो देखने बाद लोग हैरान हो गए। लोगों ने इस पर कमेंट करते हुए इसे बेहद डरावना बताया। पालतू था शेर खूबसूरत तोता आैर शेर इस रेस्टोरेंट में इन सबके बीच खाना परोसता है ये रेस्टोरेंट, पर लोग हैं क्यूं खफा यह भी पढ़ें सबसे अनोखी बात ये है कि इस शेर को पालतू बताया जा रहा है। मामले से संबंधित पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ये पालतू शेर अपने मालिक के घर से भाग आया था। अब उस शख्स की तलाश की जा रही है, पकड़े जाने पर उसे तीन साल तक कि सजा हो सकती है क्योंकि कुवैत में जंगली जानवर को पालना अपराध है।

खलीज टाइम्स की एक खबर की माने तो बीते सप्ताह बुधवार को कुवैत के एक इलाके में अनोखा नजारा देखने को मिला। यहां से गुजर रहे लोगों आैर गाड़ियों से जा रहे सवारों ने देखा कि ट्रैफिक के बीच में अचानक एक शेर आ गया है। इस शेर को देख …

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एक ही सीरिंज से सभी मरीजों को लगा दिए इंजेक्शन, 1 की मौत, 25 की तबीयत बिगड़ी

दतिया के जिला अस्पताल में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां गलत इंजेक्शन लगाने के बाद 1 मरीज की मौत हो गई जबकि 25 से ज्यादा मरीजों की तबीयत और बिगड़ गई। ये भी बताया जा रहा है कि अस्पताल में नर्स ने एक ही सीरिंज से कई मरीजों को इंजेक्शन लगा दिए। हालांकि मामला उजागर होने के बाद सिविल सर्जन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। जानकारी के मुताबिक दतिया के जिला अस्पताल में अफरातफरी का माहौल है। दरअसल यहां गलत इंजेक्शन लगाने से कई मरीजों की हालत बिगड़ गई है। जबकि इमरत सिंह नामक एक व्यक्ति की सोमवार शाम मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई। आपको बता दें कि बुधेड़ा निवासी इमरत सिंह राजपूत (50) को मलेरिया होने पर सोमवार सुबह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। शाम करीब 6.30 बजे डॉक्टर ने इमरत को इंजेक्शन लगाया। इसके 15 मिनट बाद उसकी हालत बिगड़ी और कुछ ही पल में उसकी मौत हो गई। इस परिजनों ने डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। विवाद बढ़ते देख अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को बुलाया। यहां परिजनों ने पुलिस से शिकायत की। फिलहाल प्रकरण को जांच में लिया गया है। रिटायर्ड डिप्टी कलेक्टर राय ने साधा मटकी पर निशाना, 8 साल से नहीं फूटी थी ये मटकी यह भी पढ़ें मामला यहीं नहीं रुका। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही उस समय फिर उजागर हुई जब एक के बाद एक करीब 25 मरीजों की तबीयत बिगड़ी। बुखार और एक्सीडेंट के मरीजों को भी ये इंजेक्शन दिए गए। वॉर्ड प्रभारी डॉ. कमला वर्मा के निर्देश पर मेल नर्स डी. गौतम ने मरीजों को डेकडेन इंजेक्शन लगाए थे। इंजेक्शन लगाने के कुछ पल बाद ही इन मरीजों को अचानक कंपकंपी के साथ घबराहट महसूस होने लगी। इस पर अस्पताल प्रबंधन भी सक्रिय हुआ और तुंरत दूसरे इंजेक्शन दिए गए। जिससे मरीजों को राहत हुई। रिपोर्ट के मुताबिक यहां नर्स गलत इंजेक्शन भी लगा रहे थे और इंजेक्शन लगाने के दौरान सीरिंज भी नहीं बदल रहे थे। बताया जा रहा है कि नर्स इंजेक्शन लगाने के पहले सीरिंज को डिस्टिल्ड वॉटर की बजाए साधारण पानी की उपयोग किया जा रहा था। मतलब सीरिंज को सही तरीके से स्टरलाइज्ड नहीं किया जा रहा था। VIDEO : इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना के लिए एमओयू पर हुए सिग्नेचर यह भी पढ़ें एक ही कंपनी के इंजेक्शन इधर अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक यहां कुछ मरीजों को एक इंजेक्शन लगाया गया। ये इंजेक्शन एक ही कम्पनी के है और उसी में कोई खराबी है। लिहाजा जिन मरीजों को ये इंजेक्शन लगाए गए उनकी हालत बिगड़ी है। इसलिए इन इंजेक्शनों का उपयोग बंद कर दिया गया है और उन्हें जांच के लिए सिविल सर्जन को सौंप दिया है। दतिया : एक ही सीरिंज से सभी मरीजों को लगा दिए इंजेक्शन, 1 की मौत, 25 की तबीयत बिगड़ी यह भी पढ़ें मेडिकल बोर्ड गठित मामला सामने के आने के बाद सिविल सर्जन डॉ. पीके शर्मा ने पूरी घटना की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया है। जिसकी रिपोर्ट के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।

दतिया के जिला अस्पताल में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां गलत इंजेक्शन लगाने के बाद 1 मरीज की मौत हो गई जबकि 25 से ज्यादा मरीजों की तबीयत और बिगड़ गई। ये भी बताया जा रहा है कि अस्पताल में नर्स ने एक ही सीरिंज से कई …

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शंकर सिंह वाघेला फिर हुए सक्रिय, गुजरात को देंगे राजनीतिक विकल्प

दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला एक बार फिर सक्रिय नजर आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले वे जनता को भाजपा व कांग्रेस का विकल्प देने की बात कर रहे हैं। राज्यसभा चुनाव के बाद से वाघेला अज्ञातवास में थे, लेकिन आम चुनाव से पहले उनकी सक्रियता नए समीकरण का संकेेत दे रही है। वाघेला के पुत्र व समधी कांग्रेस छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल हो चुके हैं। गुजरात की राजनीति में करीब पांच दशक से भी अधिक समय से धमक रखने वाले 78 वर्षीय वाघेला एक साल से भी अधिक समय से अज्ञातवाश में थे। रमजान के मौके पर उन्होंने अपने निजी आवास वसंत वगडो पर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया, जिसमें कांग्रेस नेताओं को भी आमंत्रित किया लेकिन कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दलों के नेताओं ने इससे दूरी बना ली थी। गुजरात की राजनीति में बापू के नाम से चर्चित वाघेला का गत 21 जुलाई को जन्मदिन था। इस दिन वे गुजरात से बाहर होने का बहाना कर किसी तरह का कार्यक्रम करने से दूर रहे जबकि हर साल उनका जन्मदिन निजी आवास पर मनाया जाता है। गत दिनों भरुच में एक श्रद्धांजलि सभा के बहाने बापू ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से एक निजी फार्म हाउस में मुलाकात की। इसके बाद से उनकी कांग्रेस में वापसी की अटकलें भी तेज हो रही है, लेकिन मंगलवार को उन्होंने खुद स्थिति साफ करते हुए कहा कि जनता भाजपा व कांग्रेस दोनों से निराश है। उसे विकल्प की तलाश है और वे विविध दलों के नेताओं से मिलकर इस पर सलाह मशविरा कर रहे हैं। वाघेला को भाजपा का 'मुखौटा' साबित करने में जुटी कांग्रेस यह भी पढ़ें बापू कहते क्या हैं और करते क्या हैं यह उनके सिवा दूसरा कोई टोह नहीं ले सकता, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले उनकी सक्रियता से राजनीतिक उठा-पटक का दौर जरूर शुरू होने वाला है। गत विधानसभा चुनाव में भी वाघेला ने जनविकल्प मोर्चा के नाम से करीब सवा सौ उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, हालांकि उनमें से एक भी चुनाव नहीं जीत सका और अधिकांश उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई थी। गौरतलब है कि वाघेला के समधी बलवंत सिंह राजपूत व पुत्र महेंद्र सिंह वाघेला भाजपा में शामिल हो चुके हैं। पुत्र के भाजपा में शामिल होने पर वाघेला ने नाराजगी जताई व राजनीतिक संबंध समाप्ति की धमकी तक दे डाली थी, लेकिन महेंद्र ने बापू की नसीहत को कोई तवज्जो नहीं दी।

दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला एक बार फिर सक्रिय नजर आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले वे जनता को भाजपा व कांग्रेस का विकल्प देने की बात कर रहे हैं। राज्यसभा चुनाव के बाद से वाघेला अज्ञातवास में थे, लेकिन आम चुनाव से पहले उनकी सक्रियता नए समीकरण का …

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अटल का अस्थि विसर्जन सर्वदलीय होना चाहिए था : शिवसेना

शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा निकाली जा रही पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की अस्थिविसर्जन यात्राओं पर तीखा कटाक्ष किया है। शिवसेना का कहना है कि भाजपा ऐसा करके अटल के अस्थिकलशों का मजाक बना रही है। उसने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है कि अटल जैसी शख्सियत का अस्थिविसर्जन एकदलीय नहीं, बल्कि सर्वदलीय होना चाहिए था। सामना के संपादकीय में आज लिखा गया है कि अटलबिहारी वाजपेयी से देश ने पंडित नेहरू जैसा ही प्रेम किया है। इसलिए उनके अस्थिकलश का दर्शन और विसर्जन एकदलीय न रखते हुए सर्वदलीय, अर्थात राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में होना चाहिए था। तब सभी राजनीतिक दलों ने अटल जी के अस्थिकलश को स्वीकार कर सम्मान और श्रद्धा के साथ विसर्जित किया होता। सामना के अनुसार पश्चिम बंगाल में ममता, उड़ीसा में नवीन पटनायक, महाराष्ट्र में शिवसेना और पंजाब में अकाली दल को साथ लिया जा सकता था। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए होते, और देश के अटल जी के जनमान्य महानेता होने का दर्शन पूरा देश करता। मगर ऐसे महान अटल जी की मृत्यु के बाद उन्हें छोटा बनाने का प्रयोग किया जा रहा है। शिवसेना ने किया अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का बहिष्कार, सदन से रहेगी गैरहाजिर यह भी पढ़ें शिवसेना के अधीकृत विचार समझे जानेवाले संपादकीय में भाजपा पर कटाक्ष करते हुए लिखा गया है कि अटलबिहारी वाजपेयी अजातशत्रु थे। मगर वाजपेयी की मृत्यु के बाद जो शून्य निर्माण हुआ है, उसे भरने का काम हास्यास्पद तरीके से जारी है। संपादकीय में अस्थिकलश लिए हुए कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं का चित्र भी लगाया गया है, जिसमें ये कार्यकर्ता हंसते हुए दिखाई दे रहे हैं। सामना लिखता है कि अस्थिकलशों की जो हास्यास्पद राजनीति चल रही है, वह किसी के लिए भी शोभादायक नहीं है। भाजपा में ह्यबुजुर्गह्ण नेताओं का महत्त्व नहीं रहा, लेकिन उनके अस्थिकलशों को महत्त्व मिल रहा है। सामना का मानना है कि अटल जी के अस्थिकलश का दर्शन और विसर्जन जिस गंभीरता एवं श्रद्धा से होना चाहिए था, ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। एकाध अवसरों को छोड़ दिया जाए, तो अस्थिकलश दर्शन और प्रदर्शन एक राजनीतिक रंगारंग कार्यक्रम की तरह मनाया जा रहा है। कुछ जगह तो अस्थिकलश हाथ में उठाकर जीत की ट्राफी उठाने जैसा फोटोसेशन हो रहा है। मंत्रियों और अधिकारियों के चेहरे पर ऐसा करते हुए विश्वकप जीतने जैसी चमक दिखाई दे रही है। संपादकीय ने सवाल उठाया है कि अटल जी का अस्थिकलश हाथ में लेकर लोग ठहाका कैसे लगा सकते हैं ? सामना के अनुसार ये ठहाके कैमरे में कैद हुए हैं। कुछ लोगों ने तो अटल जी के अस्थिकलश के साथ सेल्फी निकालने का 'पराक्रम' भी किया है। अटल जी की तारीफ करते हुए सामना लिखता है कि अटल जी का नेतृत्व ईमानदारी का शिखर था। उसमें मिलावट नहीं थी। उनके पेट में कुछ, और होठों पर कुछ और नहीं था। उनकी राजनीतिक नकली नहीं थी। पंडित नेहरू की मृत्यु के बाद उनकी आंखों से आंसू बहने लगे थे। वे उसे छुपा नहीं सके थे। बंगलादेश युद्ध के बाद उन्होंने इंदिरा गांधी की प्रशंसा की थी। गुजरात दंगों के बाद उन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को राजधर्म का पालन करने की सीख दी थी।

शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा निकाली जा रही पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की अस्थिविसर्जन यात्राओं पर तीखा कटाक्ष किया है। शिवसेना का कहना है कि भाजपा ऐसा करके अटल के अस्थिकलशों का मजाक बना रही है। उसने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है कि अटल जैसी शख्सियत …

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