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बीएमसी ने दे दी बकरीद पर हाईकोर्ट के कमरों में कुर्बानी की इजाजत, मांगा जवाब

आप सभी नील आर्म्‍सट्रांग को चंद्रमा पर जाने वाले पहले यात्री के तौर पर जानते होंगे लेकिन आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि बृहन्न मुंबई म्युनिसपल कारपोरेशन (बीएमसी) ने आर्म्‍सट्रांग नाम के एक व्यक्ति को बाम्बे हाईकोर्ट के कमरा नंबर 13 में बकरीद पर पांच बकरों की कुर्बानी की ऑनलाइन इजाजत दी है। इतना ही नहीं, दो और लोगों को हाईकोर्ट में बकरीद पर कुर्बानी इजाजत दी गई है। बाम्बे हाईकोर्ट ने मामला जानकारी में आने पर गहरी नाराजगी और आश्चर्य जताते हुए बीएमसी से जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट ने न सिर्फ इन इजाजतों पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया बल्कि मामले की जांच का मन बनाते हुए बीएमसी से इस पर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट मामले पर सोमवार को फिर सुनवाई करेगा। बकरीद का त्योहार 22 अगस्त को है। इस दिन मुस्लिम समुदाय अल्लाह को खुश करने के लिए जानवरों की कुर्बानी देते हैं। मुंबई में बीएमसी ने बकरीद पर ऑनलाइन कुर्बानी की इजाजत शुरू की है, जिसे जिव मैत्री ट्रस्ट ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। गत गुरुवार को हाईकोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताता कि बीएमसी ने हाईकोर्ट में ही बकरों की कुर्बानी की इजाजत कैसे दे दी। यहां तक कि जिस दिन (16 अगस्त) को कोर्ट मामले की सुनवाई कर रहा था, उसी तारीख का बीएमसी का इजाजत आदेश कोर्ट के सामने पेश किया गया जिसमें नील आर्म्‍सट्रांग को हाईकोर्ट के कमरा नंबर 13 में पांच बकरों की कुर्बानी की इजाजत दी गई थी। बीएमसी ने दिए डॉक्टर की मौत के जांच आदेश यह भी पढ़ें इसके अलावा शान वाज नामक व्यक्ति को भी हाईकोर्ट के कमरा नंबर 13 में पांच बकरों की कुर्बानी की इजाजत दी गई थी। हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभय एस ओका और रियाज आई आई छांगला की पीठ ने मामले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि दस्तावेजों को देखने से साफ पता चलता है कि बिना सोच विचार के और बिना दिमाग लगाए बीएमसी ने ऑनलाइन अर्जी के आधार पर ये इजाजत दे दी है। जब कोर्ट मे पेश बीएससी के वकील को ऑनलाइन इजाजत का रिकॉर्ड दिखाया गया तो उसने निर्देश लेकर कोर्ट को बताया कि ऑनलाइन अनुमति की प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाएगी। कोर्ट ने वकील के बयान को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने कहा कि उन्हें याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि प्रिवेंशन आफ क्रुअलिटी टु एनीमल (स्लाटर हाउस) रूल 2001 के नियम 3 के मुताबिक कोई भी व्यक्ति म्युनिसपल एरिया के भीतर पंजीकृत कसाई घर के अलावा कहीं भी जानवर की कटाई नहीं कर सकता। कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से ऑनलाइन इजाजत दी गई है उसे देखते हुए मामले की जांच पड़ताल (स्क्रूटनी) जरूरी हो जाती है। कोर्ट ने बीएमसी के वकील से कहा कि वह निर्देश लेकर कोर्ट को सूचित करे और मामले को लेकर 20 अगस्त को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया है। कोर्ट जब ये आदेश पारित कर रहा था, तभी याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि एक अन्य वकील को बीएमसी की ओर से हाईकोर्ट के कमरा नंबर 52 में चार बकरों की कुर्बानी की इजाजत दी गई है। सात साल तक के बच्चों की कस्टडी पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुनाया ये फैसला यह भी पढ़ें इस मामले में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया था कि कुछ वकीलों ने आफिस के पते पर कुर्बानी की इजाजत मांगी थी और उन्हें बीएमसी की ओर से इजाजत दे दी गई है। इसी क्रम में 14 अगस्त को मुंबई नारिमन प्वाइंट पर अरकाडिया बिल्डिंग में ऑफिस परिसर 805 में कुर्बानी की इजाजत दी गई थी। इसी तरह 16 अगस्त को एक वकील को फोर्ट क्षेत्र में राजा बहादुर मैंशन में पांच बकरों की कुर्बानी की इजाजत दी गई थी। लेकिन जब कोर्ट को नील आर्म्‍सट्रांग और अन्य लोगों को हाईकोर्ट परिसर में ही कुर्बानी की इजाजत की बात बताई गई तो उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा।

आप सभी नील आर्म्‍सट्रांग को चंद्रमा पर जाने वाले पहले यात्री के तौर पर जानते होंगे लेकिन आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि बृहन्न मुंबई म्युनिसपल कारपोरेशन (बीएमसी) ने आर्म्‍सट्रांग नाम के एक व्यक्ति को बाम्बे हाईकोर्ट के कमरा नंबर 13 में बकरीद पर पांच बकरों की कुर्बानी की ऑनलाइन …

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मुंह पर काली पट्टी बांधकर उपवास करेंगे हार्दिक पटेल

पाटीदार आरक्षण व किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे पर 25 अगस्त से आमरण उपवास करने पर अड़े पाटीदार नेता हार्दिक पटेल रविवार को निकोल में अपने साथियों के साथ मुंह पर काली पट्टी बांधकर एक दिन का प्रतीक उपवास करेंगे। पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल ने कहा कि पिछले दो माह से प्रशासन व पुलिस से उपवास के लिए मंजूरी मांग रहे हैं, लेकिन उन्हें उपवास करने के लिए प्लाॅट की मंजूरी नही मिल रही है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद घोषित राष्ट्रीय शोक के चलते अब वे 19 अगस्त को निकोल में ही पार्किंग के लिए आरक्षित प्लाॅट में अपने 501 साथियों के साथ मुंह पर काली पट्टी बांधकर प्रतीक उपवास करेंगे। हार्दिक पाटीदारों को ओबीसी कोटे में आरक्षण दिलाने के लिए तीन साल से आंदोलन कर रहे हैं। इस दौरान उन्हें करीब नौ माह जेल व छह माह गुजरात से बाहर भी रहना पड़ा है। हार्दिक अब किसानों की कर्ज माफी, महिला सुरक्षा व युवा रोजगार जैसे मुद्दे भी उठा रहे हैं।

पाटीदार आरक्षण व किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे पर 25 अगस्त से आमरण उपवास करने पर अड़े पाटीदार नेता हार्दिक पटेल रविवार को निकोल में अपने साथियों के साथ मुंह पर काली पट्टी बांधकर एक दिन का प्रतीक उपवास करेंगे। पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल ने …

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कश्मीर में शीशे से बना रेल कोच तैयार, परिचालन का इंतजार

शीशे के गुंबद वाले रेल कोच महीनों से कश्मीर के बडगाम रेलवे स्टेशन पर खड़े हैं। लेकिन इनको परिचालन में शामिल नहीं किया जा रहा है। अधिकारियों की माने शीशे के कोच के परिचालन के लिए हालात उपयुक्त नहीं है। इन कोचों को परिचालन में शामिल करने के लिए घाटी में हालात सामान्य होने का इंतजार किया जा रहा है। 40 सीटों वाले विस्टाडोम यानी शीशे के गुंबद वाले कोच की घोषणा जून में ही रेलमंत्री सुरेश प्रभ ने की थी। चेन्नई स्थित इंटिग्रल कोच फैक्टरी में अनुमानित लागत चार करोड़ रुपये से ये कोच बने हैं। वातानुकूलित इन कोचों में लंबे शीशे की खिड़कियां और छत बनी हैं। पर्यवेक्षण-कक्ष और घुमावदार सीटों वाले इन कोचों की सेवा प्रदेश में पहली बार शुरू होने वाली है जिसका मकसद बनीहाल और बारामूला के बीच 135 किलोमीटर के सफर के दौरान यात्रियों को मनोरम नजारे का अनुभव दिलाना है। पर्यटकों को ध्यान में रखकर सीटों के साथ हवाई जहाज की तरह यात्रियों के खाने के लिए ट्रे लगाए गए हैं। यात्रा के दौरान रेलयात्री के ऑर्डर पर उनको हल्का भोजन मुहैया करवाया जा सकता है। जम्मू- कश्मीर में सुरक्षाकर्मी बनने के लिए दी जाएगी ट्रेनिंग यह भी पढ़ें इसी साल अप्रैल में शीशे के गुंबद वाले इन कोचों को पूरे मार्ग का सफर तय करने के बाद बडगाम में विश्राम के लिए छोड़ दिया गया। इन्हें मई में परिचालन में शामिल करने की उम्मीद की जा रही थी, जिससे पर्यटकों को कश्मीर की वादियों के मनोरम नजारे का लुत्फ उठाने का मौका मिलता। रेलमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "मौजूदा हालात विस्टाडोम कोच को सेवा में लाने के लिए ठीक नहीं है। हालात में सुधार होने पर भी इसका परिचालन शुरू होगा।" पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लिए विस्टाडोम कोच का इस्तेमाल पहली बार पिछले साल अप्रैल में विशाखापत्तन से किरनदुल में अराकू घाटी के लिए शुरू किया गया था।

शीशे के गुंबद वाले रेल कोच महीनों से कश्मीर के बडगाम रेलवे स्टेशन पर खड़े हैं। लेकिन इनको परिचालन में शामिल नहीं किया जा रहा है। अधिकारियों की माने शीशे के कोच के परिचालन के लिए हालात उपयुक्त नहीं है। इन कोचों को परिचालन में शामिल करने के लिए घाटी …

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पाकिस्‍तान जाकर नवजोत सिंह सिद्धू को याद आए अटल, जानिए- क्या कहा

नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्‍तान पहुंच गए हैं। सिद्धू पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को अपना राजनीतिक आदर्श कहते हैं लेकिन उनके अंतिम संस्‍कार में न जाकर वह पूर्व क्रिकेटर व अपने मित्र इमरान खान के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के समारोह में भाग लेने गए हैं। अलबत्‍ता उनको पाकिस्‍तान जाकर वाजपेयी की याद जरूर आई। उन्‍हाेंने कहा, पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी भारत-पाकिस्‍तान के बीच अमन चाहते थे। वह आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन जिंदगी यूं ही चलती रहती है। मैं यहां अमन का पैगाम लाया हूं। वाजपेयी को कहते थे अपना आदर्श, लेकिन अंतिम संस्‍कार में नहीं गए ADVERTISING inRead invented by Teads लाहौर जाते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने वाघा बार्डर पर पाकिस्तानी मीडिया से खुलकर बात की और खुद को अमन का दूत बताया। सिद्धू बाेले, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जाने का बहुत अफसोस है। वाजपेयी भी भारत और पाकिस्तान के बीच अमन चाहते थे। इसीलिए वह बस लेकर लाहौर आए थे। वह कहा करते थे कि जब पड़ोस में आग लगी हो तो उसका ताप, मुझ तक भी आता है।

नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्‍तान पहुंच गए हैं। सिद्धू पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को अपना राजनीतिक आदर्श कहते हैं लेकिन उनके अंतिम संस्‍कार में न जाकर वह पूर्व क्रिकेटर व अपने मित्र इमरान खान के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के समारोह में भाग लेने गए हैं। अलबत्‍ता उनको …

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बालिका गृह कांड: VC से कोर्ट में हुई ब्रजेश ठाकुर की पेशी, कहा-मेरी जान को है खतरा

बालिका गृह यौन हिंसा प्रकरण के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर सहित 10 आरोपितों की विशेष पॉक्सो कोर्ट में शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई। ब्रजेश ने कोर्ट के समक्ष खुद को जेल के उच्च सुरक्षा सेल में रखे जाने का मामला उठाया। कहा, सेल में मुझे खूंखार माओवादी के साथ रखा गया है। मेरी जान को खतरा है। कोर्ट ने इसे जेल की सुरक्षा का मामला बताते हुए किसी भी तरह के हस्तक्षेप से इन्कार कर दिया। अन्य आरोपितों, सीडब्ल्यूसी सदस्य विकास कुमार, निलंबित सीपीओ रवि रोशन व सात अन्य महिलाओं की भी पेशी हुई। पिछले आठ अगस्त को पेशी के दौरान मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के चेहरे पर एक लड़की द्वारा स्याही पोतने की घटना के मद्देनजर कोर्ट परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष के सामने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। बता दें कि इस मामले में एक आरोपित दिलीप वर्मा फरार चल रहा है। विशेष पाॅक्सो कोर्ट ने पेशी के लिए दोपहर डेढ़ बजे का समय निर्धारित किया था। इससे पहले आरोपितों की पेशी को लेकर कोर्ट परिसर व हाजत के निकट सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। बालिका गृह कांड: अब ब्रजेश ठाकुर के गांव पहुंची CBI, ड्राइवर से भी घंटों पूछताछ यह भी पढ़ें इधर, बालिका गृह कांड में मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर पर सीबीआइ ने अपनी दबिश तेज कर दी है। कल उसके रिश्तेदारों और इस कांड में संलिप्त लोगों के घर पुलिस ने छापेमारी की थी और कई साक्ष्य जुटाए थे। इसके साथ ही सीबीआइ की एक टीम उसके पटना स्थित अखबार प्रातःकमल के दफ्तर में भी तफ्तीश की थी जिसमें कई आपत्तिजनक सामान बरामद हुए हैं।

बालिका गृह यौन हिंसा प्रकरण के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर सहित 10 आरोपितों की विशेष पॉक्सो कोर्ट में शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई। ब्रजेश ने कोर्ट के समक्ष खुद को जेल के उच्च सुरक्षा सेल में रखे जाने का मामला उठाया। कहा, सेल में मुझे खूंखार माओवादी के …

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ट्रॉमा सेंटर में 29 घटे गुल रही बिजली

केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में दो तलों पर घटों बिजली गुल रही। क्रिटिकल केयर यूनिटों में सेंट्रलाइज एसी बंद हो गए। इससे वार्डो में नमी बढ़ गई। ऐसे में वेंटीलेटर पर भर्ती बच्चों समेत सभी गंभीर मरीजों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया। केजीएमयू का ट्रॉमा सेंटर पाच मंजिला है। इसमें विभिन्न विभागों की इमरजेंसी सेवा चल रही हैं। चतुर्थ व पाचवी मंजिल की बिजली केबिल में फॉल्ट आ गया। गुरुवार सुबह साढ़े दस बजे बाधित हुई विद्युत आपूर्ति शुक्रवार दोपहर बाद साढ़े तीन बजे बहाल हुई। इस दौरान जनरेटर से विद्युत आपूर्ति की गई। मगर उससे सेंट्रलाइज एसी नहीं चल सके। लिहाजा, चतुर्थ तल स्थित नियोनेटिल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआइसीयू), पीडियाटिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) की दीवारों से पानी फर्श पर फैलने लगा। कई बार फर्श पर सफाई करवाई गई। मगर किचकिच बनी रही। यूनिटों में भर्ती थे सौ अतिगंभीर मरीज इलेक्ट्रिक बस संचालन का रास्ता साफ, दुबग्गा में सब स्टेशन को मंजूरी यह भी पढ़ें चतुर्थ तल पर एनआइसीयू व पीआइसीयू के अलावा पाचवें तल पर क्रिटिकल केयर मेडिसिन व रेस्परेटरी मेडिसिन के आइसीयू में भी एसी बंद रहे। ऐसा ही हाल पीडियाटिक इमरजेंसी वार्ड का रहा। इन सभी यूनिटों में सौ के करीब अतिगंभीर मरीज थे, जिसमें 60 बच्चे थे। इन सभी की जिंदगी दाव पर बनी रही। बैकअप पर वेंटीलेटर, टला बड़ा हादसा गुरुवार को केबिल फॉल्ट होने से डेढ़ घटे तक क्रिटिकल केयर यूनिटों के वेंटीलेटर जनरेटर से कनेक्ट नहीं हो सके। सिर्फ वार्ड में रोशनी ही हो पाई। शुक्र रहा कि वेंटीलेटर में लगा बैकअप सिस्टम चार्ज था। इससे डॉक्टरों ने राहत की सास ली। लोकेटर मंगवाकर तलाशी फॉल्ट केजीएमयू का इलेक्टिक विभाग गुरुवार रात भर केबिल की फॉल्ट नहीं तलाश सका। ऐसे में इंजीनियरों ने लेसा से संपर्क किया। यहा काम करने वाले ठेकेदारों से सोमवार को लोकेटर मंगवाकर फॉल्ट ठीक किया गया। शताब्दी के 12 विभागों की बिजली कटी इलेक्ट्रिक बसों का सफर अगले हफ्ते से यह भी पढ़ें ट्रॉमा सेंटर की केबिल फॉल्ट सही करने के लिए शताबदी फेज-टू की बिजली ठप हो गई। ऐसे में ब्लड बैंक, रेडियोथेरेपी विभाग, ट्रासफ्यूजन मेडिसिन, पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर वार्ड, अंकोसर्जरी विभाग, हिमेटोलॉजी, न्यूरो सर्जरी विभाग, इंडोक्राइन मेडिसिन विभाग, गैस्ट्रोमेडिसिन विभाग, इंडोक्राइन सर्जरी विभाग, ट्रॉमा सर्जरी विभाग समेत 12 विभागों के वार्ड एसी बंद रहे। मरीज व स्टाफ गर्मी से बेहाल रहे। खासकर कैंसर के ऑपरेशन व रेडियोथेरेपी कराने वाले मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पानी का भी रहा संकट बिजली न आने से शताब्दी के वार्डो में पानी का संकट गहरा गया। नौ मंजिला बने भवन में ऊपरी तलों तक जनरेटर से पानी नहीं पहुंच पा रहा था। इससे वार्ड में भर्ती मरीज बेहाल रहे। केजीएमयू के सीएमएस डॉ. एसएन शखवार ने बताया कि अगले दिन दुरुस्त हो सकी आपूर्तिट्रॉमा के दो तलों पर बिजली चली गई थी। इंजीनियर को तुंरत फॉल्ट सही करने के निर्देश दिए गए थे। हो सकता है जनरेटर के लोड न लेने से एसी न चल पाई हों। केजीएमयू के विद्युत एवं यात्रिक अभियंता अखिलेश कुमार ने बताया कि गुरुवार को केबिल में फॉल्ट आ गया था। शुक्त्रवार को उसे ढूंढकर दुरुस्त किया गया। इस दौरान जनरेटर चलाया गया। इससे भी क्त्रिटिकल केयर की एसी कनेक्ट हैं। एसी न चलने की जानकारी नहीं है।

केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में दो तलों पर घटों बिजली गुल रही। क्रिटिकल केयर यूनिटों में सेंट्रलाइज एसी बंद हो गए। इससे वार्डो में नमी बढ़ गई। ऐसे में वेंटीलेटर पर भर्ती बच्चों समेत सभी गंभीर मरीजों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया। केजीएमयू का ट्रॉमा सेंटर पाच मंजिला है। …

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माचिस की इतनी तीलियों से बनाई केदारनाथ की प्रतिकृति

माचिस की इतनी तीलियों से बनाई केदारनाथ की प्रतिकृति

पहाड़ी क्षेत्रों में पौराणिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों को संजोए रखने में काष्ठ कला काफी लोकप्रिय रही है। लेकिन, वक्त बदला तो इस विधा का भी ह्रास होता चला गया। ऐसे दौर में युवा शिक्षक पंकज सुंदरियाल माचिस की तीलियों के सहारे इस विधा को संजीवनी देने में जुटे हैं। पंकज …

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कर्नाटक बाढ़ : 11,000 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त, राहत कार्य में जुटे हजारों सुरक्षाकर्मी

कर्नाटक बाढ़ : 11,000 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त, राहत कार्य में जुटे हजारों सुरक्षाकर्मी

केरल के अलावा कर्नाटक में भी बारिश और बाढ़ से हालात बेहद खराब हो रखे हैं। सेना और एनडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन का मोर्चा संभाल रखा है। दक्षिण कन्नड़, उडुपी, चिकमंगलूर, कोडगू, हासन के कुछ इलाके और उत्तर कन्नड़ पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश की चपेट में …

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जानिए, अपनी किन खूबियों से हर खासो-आम को मुरीद बना लेते थे वाजपेयी

जानिए, अपनी किन खूबियों से हर खासो-आम को मुरीद बना लेते थे वाजपेयी

1971- 74 के बीच देश के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार जनसंघ के एक कार्यक्रम में आरा आए थे। शहर के भलुहीपुर के बाशिंदे जगदीश बाबू के खपरैल के मकान में संघ के प्रमुख लोगों के साथ बैठक कर जमीन पर दरी बिछाकर रात गुजारी थी। दोपहर …

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नेपाल: सरकार ने नया क्रिमिनल कोड किया पेश, प्रेस की स्वतंत्रता पर नियंत्रण की आशंका

नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार ने एक नया क्रिमिनिल कोड पेश किया. यह गोपनीय सूचना को प्रकाशित करने, बगैर इजाजत के ऑडियो रिकार्ड करने, या तस्वीर खींचने के लिए जेल की सजा दिए जाने का प्रावधान करता है . हालांकि, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों ने इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर रोक करार देते हुए इस कदम की आलोचना की है. वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि कम्युनिस्ट नीत दो तिहाई बहुमत वाली सरकार नये कानूनों का इस्तेमाल सरकार की आलोचना करने वालों के खिलाफ कर सकती है. दरअसल, इस सरकार ने असहमति के प्रति असहिष्णुता प्रदर्शित की है. नया क्रिमिनल कोड और क्रिमिनल प्रोसीजर कोड देश की पुरानी विधिक प्रणाली की जगह लेगा. यह आज से प्रभावी हो गया. नियमों का उल्लंघन करने वाले को एक साल की कैद और 10,000 रूपये का जुर्माना, या दोनों दंडों का एक साथ सामना करना पड़ सकता है. अधिवक्ता दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि इन कानूनों का दुरूपयोग पत्रकारों को चुप कराने और खोजी पत्रकारिता को हतोत्साहित करने में किया जा सकता है . नये कानून ने प्रेस की स्वतंत्रता को दांव पर लगा दिया है. नेपाल प्रेस यूनियन के अध्यक्ष बद्री सिगदेल ने कहा कि यह संविधान का पूरी तरह से उल्लंघन करता है और इसका लक्ष्य मुक्त प्रेस को नियंत्रित करना है जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है.

नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार ने एक नया क्रिमिनिल कोड पेश किया. यह गोपनीय सूचना को प्रकाशित करने, बगैर इजाजत के ऑडियो रिकार्ड करने, या तस्वीर खींचने के लिए जेल की सजा दिए जाने का प्रावधान करता है . हालांकि, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों ने इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर रोक …

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