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कार के टायर और इंजन से दौड़ेगी बाइक, डिजिटल मीटर बताएगा रास्ता

बालाघाट के आईटीआई के छात्र वैभव बाजपेयी ने कबाड़ की मदद से रेसिंग बाइक तैयार की है जो कि कई मायनों में अनूठी है। इसमें उसने न केवल कार का इंजन लगाया है बल्कि टायर भी बीएमडब्ल्यू व केटीएम ड्यू के। इसकी रफ्तार 140 किमी प्रति घंटे है। व्यक्तिगत तौर …

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वैष्णों देवी मार्ग पर महिला श्रद्धालु की मौत

कटडा़, संवाद सहयोगी। परिजनों के साथ मां वैष्णो देवी के दर्शन को आई महिला श्रद्धालु की बीती रात वैष्णो देवी मार्ग पर पंछी जलपान केंद्र के पास हृदय गति रुकने से मौत हो गई। महिला श्रद्धालु की पहचान मातीया उम्र 65 साल पत्नी इंद्रजीत निवासी सोहासखास कमसिनखुर्द महाराजगंज उत्तर प्रदेश के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक महिला श्रद्धालु बीती रात मां वैष्णो देवी के दर्शन के बाद आधार शिविर कटरा की ओर वापस आ रही थी कि भवन मार्ग पर पंछी जलपान केंद्र के पास अचानक अचेत हो गई जिसे पास ही की डिस्पेंसरी में लाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया

कटडा़, संवाद सहयोगी। परिजनों के साथ मां वैष्णो देवी के दर्शन को  आई  महिला श्रद्धालु की बीती रात वैष्णो देवी मार्ग पर पंछी जलपान केंद्र के पास हृदय गति रुकने से मौत हो गई। महिला श्रद्धालु की पहचान मातीया उम्र 65 साल पत्नी इंद्रजीत निवासी सोहासखास कमसिनखुर्द महाराजगंज उत्तर प्रदेश के …

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जम्मू-कश्मीरः श्रीनगर के लालचौक पर तिरंगा फहराने से रोका

जम्मू कश्मीर में श्रीनगर के लालचौक पर तिरंगा फहराने आए तीन युवकों को शरारती तत्वों ने पीटा। यह तीनों युवक नई दिल्ली के रहने वाले बताए जाते हैं। इनमें से एक का नाम जितेंद्र और एक अन्य का नाम कृष्ण बताया जाता है। फिलहाल, यह तीनों कोठीबाग पुलिस स्टेशन में बंद हैं। कोई भी अधिकारी इस संदर्भ में खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। वहीं, श्रीनगर के लाल चौक पर झंडा चढ़ाने जा रहे राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना को लखनपुर पुलिस ने रोक लिया है। डीएसपी गौरव महाजन थाना प्रभारी सुशील शर्मा तहसीलदार कठुआ ने राजपूत करणी सेना को बताया कि मौसम की खराबी के कारण वे लोग उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दे सकते। इसके बाद करणी सेना ने नारे लगाए। पुलिस अधिकारियों ने काफी समझा-बुझाकर करणी सेना को वापस भेजा। स्‍वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले जम्‍मू-कश्‍मीर की ग्रीष्‍मकालीन राजधानी श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा झंडा फहराने की कोशिश कर रहे कुछ लोगों की स्‍थानीय लोगों के साथ मारपीट हो गई। स्‍थानीय लोगों ने तिरंगा फहराने का विरोध किया। इस दौरान दोनों पक्षों में कहा-सुनी और हल्‍की झड़प हो गई। बाद में पुलिस ने मामले में हस्‍तक्षेप कर झंडा फहरा रहे लोगों को हिरासत में ले लिया। लालचौक पर तिरंगा फहराते नौ शिव सैनिक गिरफ्तार यह भी पढ़ें श्रीनगर के बीचो-बीच स्थित लाल चौक व्‍यवासायिक हब माना जाता है। तिरंगा फहराने की कोशिश से इलाके में अफरातफरी मच गई। पुलिस ने जिन लोगों को अरेस्‍ट किया है, वे स्‍थानीय नहीं हैं। ये लोग क्‍लॉक टावर पर तिरंगा फहराने की कोशिश कर रहे थे। बताया जा रहा है कि जब लोग लाल चौक पर क्‍लॉक टावर पर तिरंगा फहरा रहे थे, तब स्‍थानीय लोग इसका विरोध करने लगे। श्रीनगर-लेह हाईवे खुला, 10 से तीन माह के लिए फिर हो जाएगा बंद यह भी पढ़ें देखते ही देखते काफी लोग वहां इकट्ठा हो गए और प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने तिरंगा फहरा रहे लोगों को हिरासत में ले लिया। इस घटना को देखते हुए पूरे इलाके में सुरक्षा व्‍यवस्‍था को और कड़ा कर दिया गया है। बता दें कि पहले के वर्षों में भी गणतंत्र दिवस और स्‍वतंत्रता दिवस पर लोग लाल चौक पर तिरंगा फहराने की कोशिश कर चुके हैं। पिछले साल जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री फारुक अब्‍दुल्‍ला ने चुनौती दी थी कि केंद्र सरकार लाल चौक पर तिरंगा फहरा कर दिखाए। इसके बाद शिवसेना की जम्‍मू कश्‍मीर शाखा ने अपनी एक टीम श्रीनगर भेजी थी, ताकि लाल चौक पर तिरंगा फहराया जा सके। अब्‍दुल्‍ला ने कहा था, 'वे पाक अधिकृत कश्‍मीर में तिरंगा फहराने की बात करते हैं लेकिन मैं उनसे कहता हूं कि वे श्रीनगर जाएं और लाल चौक पर तिरंगा फहराएं। वे यह भी नहीं कर सकते हैं और पाक अधिकृत कश्‍मीर की बात करते हैं।

जम्मू कश्मीर में श्रीनगर के लालचौक पर तिरंगा फहराने आए तीन युवकों को शरारती तत्वों ने पीटा। यह तीनों युवक नई दिल्ली के रहने वाले बताए जाते हैं। इनमें से एक का नाम जितेंद्र और एक अन्य का नाम कृष्ण बताया जाता है। फिलहाल, यह तीनों कोठीबाग पुलिस स्टेशन में …

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हत्या के जुर्म में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली ने ‘गांधीगीरी’ की परीक्षा में किया टॉप

अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली ने महात्मा गांधी जागरूकता परीक्षा में टॉप किया है। गवली ने 80 में से 74 सवालों के सही जवाब दिए हैं। गवली फिलहाल नागपुर सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। सहयोग ट्रस्ट के ट्रस्टी रवींद्र भूसरि ने कहा, 'गवली ने प्रश्नपत्र के 80 में 74 सवालों के सही जवाब दिए। हमें खुशी है कि उसने जेल में गांधीवाद के सिद्धांतों को आत्मसात करने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं।' भूसरि ने बताया कि संयोग से टॉपर अरुण गुलाब अहीर उर्फ अरुण गवली 2017 की परीक्षा के लिए आवेदक नहीं थे। उन्होंने कहा, 'गवली ने बाकी उम्मीदवारों को बम्बई सर्वोदय मंडल (बीएसएम), मुंबई से बेहतरीन अध्ययन सामग्री और अन्य साहित्य भेजा जाता देखकर परीक्षा में भाग लेने की अपनी इच्छा जाहिर की।' बतादें कि कुल 160 कैदियों ने एक अक्टूबर, 2017 को हुई परीक्षा में स्वैच्छिक रूप से भाग लिया था। इसमें से 12 कैदी मृत्युदंड का सामना कर रहे है। जबकि कई उम्रकैद की सजा काट रहे हैं कई कैदी ऐसे भी थे जिनके मामले की अभी सुनवाई हो रही है। आम तौर पर ये परिणाम 30 जनवरी को घोषित किए जाते हैं। इस साल कुछ जांच के मुद्दों को लेकर परिणाम घोषित करने में सात महीने की देरी हुई है। गौरतलब है कि गवली को 2012 में शिवसेना के एक नेता की हत्या के लिए दोषी करार दिया गया और उम्रकैद की सजा सुनाई गई

अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली ने महात्मा गांधी जागरूकता परीक्षा में टॉप किया है। गवली ने 80 में से 74 सवालों के सही जवाब दिए हैं। गवली फिलहाल नागपुर सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। सहयोग ट्रस्ट के ट्रस्टी रवींद्र भूसरि ने कहा, ‘गवली ने प्रश्नपत्र के 80 में …

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महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध को लेकर गुजरात सरकार गंभीर

महिलाओं के गले से चेन छीनने की घटनाओं व अकेली महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के लिए गुजरात सरकार आईपीसी की सजा को 5 से दस वर्ष तक बढ़ाना चाहती है। सरकार की सिफारिश को राज्यपाल ओपी कोहली की मंजूरी मिल जाती है तो राज्य में महिला के गले से चेन छीनने व उन्हें जख्मी करने पर 7 से 10 वर्ष की सजा व 25 हजार रुपये जुर्माना लग सकता है। गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने बताया कि मंदिर, बैंक व भीड़भाड़ वाले इलाकों में महिलाओं व युवतियों के गले से सोने की चेन, मंगलसूत्र छीनने, हाथ से मोबाइल, पर्स आदि महंगी वस्तुएं छीनने की घटनाएं आम हो गई हैं। सरकार व पुलिस की सख्ती के बावजूद असामाजिक तत्व इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने में कामयाब हो जाते हैं। इसलिए इन पर शिकंजा कसने के लिए सरकार सजा को 5 साल से बढ़ाकर 10 साल करेगी। भारतीय दंड संहिता की धारा 379 में 379 क तथा 379 ख जोड़कर सजा को सख्त किया जाएगा। इसके लिए सरकार विधानसभा में अध्यादेश लाने वाली है। गौरतलब है कि विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में सरकार यह अध्यादेश ला सकती है। गुजरात में हनीट्रैप का मायाजाल, सूरत में 66 नामी हस्तियां बनी शिकार यह भी पढ़ें जाड़ेजा ने कहा कि मंदिर- बैंक के आसपास या भीड़ वाले इलाकों पर आने-जाने वाली महिलाओं का पर्स या मंगलसूत्र छीने जाने की घटनाएं बनती हैं। मुख्यमंत्री ने इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक सुझाव दिए। वर्तमान आईपीसी की धाराओं के अनुसार, चोरी के लिए तीन वर्ष की सजा व जुर्माना का प्रावधान है। यह बहुत कम है। इसे ध्यान में रखते हुए इस अध्यादेश द्वारा आईपीसी की नई धारा 379 (क) और 379 (ख) को शामिल किया जाएगा। इस अध्यादेश के आधार पर चेन छीनने के प्रयास करने वाले को कम से कम पांच वर्ष और अधिक से अधिक 10 वर्ष की सजा का प्रावधान होगा, जबकि चेन जैसी वस्तु की चोरी करने वाले को सात वर्ष की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माना किया जाएगा। चेन छीनने वाला व्यक्ति भागने के इरादे से किसी को घायल करे या भय का माहौल पैदा करे तो उसे अधिकतम सात वर्ष की सजा दी जाएगी। इसके अतिरिक्त 379 (ख) के अनुसार छीनी गई वस्तु अपने पास रखने के लिए किसी व्यक्ति को मौत के घाट उतारने या अवरोध पैदाकर घायल करने के लिए कम से कम सात और ज्यादा से ज्यादा 10 वर्ष की जेल तथा 25 हजार रुपये जुर्माना होगा। इस अध्यादेश के कारण चैन खींचने वालों को सख्त सजा हो सकेगी

महिलाओं के गले से चेन छीनने की घटनाओं व अकेली महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के लिए गुजरात सरकार आईपीसी की सजा को 5 से दस वर्ष तक बढ़ाना चाहती है। सरकार की सिफारिश को राज्यपाल ओपी कोहली की मंजूरी मिल जाती है तो राज्य में महिला के गले …

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स्वतंत्रता दिवस पर ये पुलिस अधिकारी और कर्मचारी होंगे सम्मानित

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों को विशिष्ट सेवाओं के लिए 'राष्ट्रपति का पुलिस पदक' सम्मान से नवाजा जाएगा। वहीं, सराहनीय सेवाओं के लिए 'पुलिस पदक' से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गर्इ है। राजधानी देहरादून स्थित परेड ग्राउंड को स्वतंत्रता दिवस के लिए पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है। यहां होने वाले कार्यक्रम में नामित पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा। आपको बता दें कि दो को 'राष्ट्रपति का पुलिस पदक' सम्मान से नवाजा जाएगा। जबकि छह 'पुलिस पदक' से सम्मानित होंगे। तो चलिए आपको बताते हैं कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किन-किन पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा। इन पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलेगा सम्मान 'राष्ट्रपति का पुलिस पदक' 1- हरेन्द्रपाल सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक/मण्डलाधिकारी, हरिद्वार। 2- संजीव कुमार कौशिक, पुलिस उपाधीक्षक, अभिसूचना मुख्यालय, देहरादून। एक से 15 अगस्त तक चलाया जाएगा विशेष सफाई अभियान यह भी पढ़ें 'पुलिस पदक' 1-अजय जोशी, पुलिस अधीक्षक, जनपद पिथौरागढ़। कांवड़ मेले की तैयारियों में जुटेंगे इन सात राज्यों के अफसर, जानिए यह भी पढ़ें 2-श्री भगवत प्रसाद शाह, पुलिस उपाधीक्षक, सतर्कता सेक्टर, नैनीताल। 3-श्री रणजीत सिंह राणा, पुलिस उपाधीक्षक/मण्डलाधिकारी, देहरादून। पहाड़ी क्षेत्रों में होगी राजस्व या सिविल पुलिस, सवाल अब भी बरकरार यह भी पढ़ें 4-श्री हरीश चन्द्र भट्ट, प्रतिसार निरीक्षक, जनपद नैनीताल। 5-श्री पूरन सिंह भण्डारी, निरीक्षक नागरिक पुलिस, पुलिस मुख्यालय देहरादून। रेस्टोरेंट में आग लगने से हड़कंप, शॉर्ट सर्किट से लगी थी आग यह भी पढ़ें 6-श्री राम प्रसाद, प्लाटून कमाण्डर विशेष श्रेणी 2123, 46वीं वाहिनी पीएसी, रूद्रपुर

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों को विशिष्ट सेवाओं के लिए ‘राष्ट्रपति का पुलिस पदक’ सम्मान से नवाजा जाएगा। वहीं, सराहनीय सेवाओं के लिए ‘पुलिस पदक’ से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गर्इ है।  राजधानी देहरादून स्थित परेड ग्राउंड को स्वतंत्रता दिवस के लिए पूरी …

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फूट गया रेफरेंडम 2020 का गुब्बारा, खूनी खेल की तैयारी यूं खुद पर पड़ी भारी

आ‍खिरकार रेंफरेंडम 2020 का गुब्‍बारा फूट गया। पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आइएसअाइ के इशारे पर शुरू इस खेल में अलगाववादियों की गिल्‍ली उड़ गई। अराजकता फैलाने का मंसूबा रखने वालाें का ब्रिटेन और पंजाब दोनों जगह विरोध हुआ। लंदन के ट्रैफलगर स्‍क्वायर में खालिस्तान समर्थकों की ओर से रेफरेंडम-2020 को लेकर निकाली रैली के समर्थन में कम और विरोध में ज्‍यादा आवाज उठने से उनके मंसूबे टूट गए। इसके साथ ही सवाल उठा कि आखिर इस तरह रेफरेंडम क्‍याें, जवाब है पंजाब में फिर खून-खराबा की नापाक मंशा। सबसे बड़ी ताे है कि रेफरेंडम 2020 का कुछ अलगाववादी संगठनों ने ही विरोध किया है। पंजाब को फिर रक्‍त रंजित करने की साजिश करने वालों को मिला मुंहतोड़ जवाब सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) नाम की अलगाववादी संस्था की अगुवाई में लंदन के ट्रैफलगर स्‍क्वायर में रविवार को रैली का आयोजन किया गया था। इसके माध्‍यम से एक बार फिर से खालिस्तान के मुद्दे को उभारने की तैयारी थी। इसे लेकर पंजाब 1978 से लेकर 1994 तक पंजाब आतंक की आग में झुलसता रहा है। इस रैली के दौरान कथित लंदन एलाननामा में रेफरेंडम करवाने के कारणों बल्कि उसकी रणनीति के बारे में भी एलान किया गया। रैली में ब्रिटेन में रह रहे सिख समुदाय के लोग तो नहीं आए, लेकिन अन्‍य देशों जर्मनी, कनाडा सहित कुछ अन्‍य देशों से अलगाववादी भी शामिल हुए। यह भी खुलासा हुआ है कि इसमें पगड़ी पहन र आइएसआइ द्वारा लाए गए लोग भी शामिल हुए। रेफरेंडम 2020 पर बोले कैप्टन, आइएसआइ के इशारे पर कश्मीरियों को जबरन पहनाई गई पगड़ी यह भी पढ़ें लंदन की रैली बुरी तरह फ्लाप, ब्रिटेन व पंजाब दाेनों जगह हुआ पुरजाेर विराेध इस तरह रैली बुरी तरह फ्लॉप होने से आइएसअाइ और अलगाववादियों को करारा झटका लगा। न सिर्फ पंजाब में बल्कि लंदन में भी रेफरेंडम के समर्थकों को विरोध का सामना करना पड़ा। लंदन में लहराते तिरंगे और 'वी स्टैंड फॉर इंडिया' के बैनरों ने साबित कर दिया कि देश-विदेश में बसे सिखों ने अलग राज्य की मांग को पूरी तरह नकार दिया है।

आ‍खिरकार रेंफरेंडम 2020 का गुब्‍बारा फूट गया। पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आइएसअाइ के इशारे पर शुरू इस खेल में अलगाववादियों की गिल्‍ली उड़ गई। अराजकता फैलाने का मंसूबा रखने वालाें का ब्रिटेन और पंजाब दोनों जगह विरोध हुआ। लंदन के ट्रैफलगर स्‍क्वायर में खालिस्तान समर्थकों की ओर से रेफरेंडम-2020 को लेकर …

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दो ‘आप’ विधायकों के बीच बैठे थे अंशु प्रकाश, अचानक बरसने लगे थप्पड़ व घूंसे

मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई मारपीट के मामले में पुलिस की ओर से दाखिल किया गया आरोप पत्र आम आदमी पार्टी के साथ केजरीवाल सरकार के लिए भी गले की फांस बन सकता है। चार्जशीट के बाद एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वीके जैन ने अपने बयान में कहा था कि विधायक अमानतुल्लाह खान व प्रकाश जारवाल ने मुख्य सचिव का गला दबाकर सात थप्पड़ व घूंसे मारे थे। केजरीवाल के करीबी देंगे उनके खिलाफ गवाही आरोप पत्र का मूल आधार सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी वीके जैन का बयान है। वीके जैन के अलावा सीएम अरविंद केजरीवाल के करीबी ही उनके लिए मुश्किल हालात पैदा कर चुके हैं। उत्तरी दिल्ली के एडिशनल डीसीपी हरेंदर सिंह के मुताबिक, वीके जैन ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ बयान दिया है। पुलिस ने वीके जैन को सरकारी गवाह बनाया है। वीके जैन ने फोन कर अंशु प्रकाश को बुलाया था सीएम के एक गलत फैसले से दिल्ली को 800 करोड़ से अधिक का घाटा, HC भी उठा चुका सवाल यह भी पढ़ें चार्जशीट के मुताबिक, वीके जैन के माध्यम से ही केजरीवाल ने मुख्य सचिव को 19 फरवरी की सुबह से देर रात तक बार-बार फोन करवाकर बैठक के बहाने अपने आवास पर बुलवाया था। मुख्य सचिव के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाकर उसे भी आरोप पत्र में रखा गया है। घटना के दूसरे दिन 21 फरवरी की सुबह सिविल लाइंस थाना पुलिस ने वीके जैन से थाने में बुलाकर पूछताछ की थी। इसके बाद पुलिस ने 22 फरवरी को मजिस्ट्रेट के सामने बंद कमरे में उनका बयान दर्ज करवा दिया था। बयान में उन्होंने घटना की पूरी सत्यता उजागर कर दी थी। तभी पुलिस ने उन्हें केस का मुख्य चश्मदीद गवाह बना लिया था। केजरीवाल ने ट्वीट पर सूत्रों के हवाले से बताया कि LG से नाराज़ हैं PM!! यह भी पढ़ें पुलिस अधिकारी के अनुसार, प्रोटोकॉल के तहत मुख्य सचिव से केवल मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ही पूछताछ कर सकते हैं और उन्हें बैठक के लिए बुला सकते हैं, लेकिन इस केस में मुख्य सचिव को बुलाने के बाद केजरीवाल ने उन्हें विधायकों के सवालों के जवाब देने को कहा था। ऐसा करना भी नियम के खिलाफ था। उन्हें सोफे पर दो विधायकों के बीच में बैठाना भी गलत था। इन सब बातों को भी आरोप पत्र में रखा गया है।

मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई मारपीट के मामले में पुलिस की ओर से दाखिल किया गया आरोप पत्र आम आदमी पार्टी के साथ केजरीवाल सरकार के लिए भी गले की फांस बन सकता है। चार्जशीट के बाद एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वीके जैन ने अपने बयान …

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गरमा गरम जलेबियों से निकली आजादी की खुशबू, पूर्व महापौर दाऊजी की जुबानी उस सुबह की कहानी

वैसे तो आजादी के एक दिन पहले फिरंगियों के चंगुल से देश की आजादी का बिगुल बज गया था, लेकिन 15 अगस्त 1947 की सुबह का नजारा खास था। गुलामी की बेड़ियों से आजादी का जश्न दुकानों में गरमा गरम जलेबियों और मोतीचूर के लड्डुओं की खुशबू फिजां में आजादी की मिठास घोल रही थीं। घरों और हांथों में झंडा और आजादी के तराने हर ओर सुनाई दे रहे थे। आजादी की सुबह को देखने वाले पूर्व महापौर डॉ.दाऊजी गुप्ता ने कुछ ऐसी ही दास्तां बता कर आजादी के जश्न की यादें ताजा की, जो दैनिक जागरण आपको बता रहा है। मैं स्कूटर्स इंडिया नाम तो सुना ही होगा..43 साल तक सेवा देने वाले कंपनी की कहानी यह भी पढ़ें झंडा ऊंचा रहे हमारा विजयी विश्व तिरंगा प्यारा.. दाऊजी ने बताया कि 14 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि से ही घरों में उल्लास का माहौल था। मैं तो गणेशगंज में रहता था। मुहल्ले के लोगों के साथ प्रभातफेरी की तैयारी कर रहा था। 15 अगस्त की भोर के चार बजे थे। सभी अपने-अपने घरों से प्रभात फेरी के लिए निकल रहे थे। सूर्योदय के साथ सड़क पर ऐसी चहल-पहल शुरू हुई कि निकलने की जगह तक नहीं बची। एक दूसरे को गले लगा कर बधाई देने का क्रम भी चलता था। झंडा ऊंचा रहे हमारा विजयी विश्व तिरंगा प्यारा..गीतों से गुंजायमान वातावरण के बीच लोग भारत माता की जय के नारे भी लगा रहे थे। दुकानों पर गरमा-गरम जलेबियां निकल रही थीं तो दुकानदार भी फ्री में उन्हें बांट रहे थे। गणेशगंज के लोगों ने पाकिस्तान से आए शरणार्थियों के लिए अपने घरों में रहने की व्यवस्था की थी। दोपहर हुई तो पता चला कि सभी को एक कक्षा आगे कर दिया गया था। मैं भी कक्षा पांच से कक्षा छह में कर दिया गया था। स्वतंत्रता की खुशी दो गुनी हो उठी थी। लग रहे थे भारत माता की जय के नारे : 15 अगस्त विशेष: कैसरबाग युद्ध में जनरल नील सहित मारे गए थे 722 सिपाही लिया मोर्चा यह भी पढ़ें जिस आजादी का इंतजार था, उसकी सुबह को देखने की बेकरारी को शब्दों में बयां करना मुश्किल था। दोपहर बाद तक सभी बाजार गुलजार हो चले थे। सभी जगह भारत माता की जय के नारे लग रहे थे। मैं भी लोगों को बधाई दे रहा था तो लोगों को घरों से निकालने की जिम्मेदारी भी मुझे दी गई थी। हर ओर मिठाइयां बंट रही थी तो दूसरी ओर महिलाओं के अंदर भी इस आजादी का एहसास नजर आ रहा था। कई दिनों तक आजादी की बाते आम हो चुकी थी। अंग्रेजी हुकूमत की प्रताड़ना का जिक्र करने से भी कोई बाज नहीं आ रहा था। आजादी के दिन पता चला कि स्कूल में छुट्टी हो गई। फिर क्या था, दोस्तों के साथ घर आया तो हर ओर झंडे लगे हुए थे। मैं भी घर निकल गया। आजादी की खुशी ऐसी थी बड़े भी बच्चों को नहीं रोक रहे थे। कोई लड्डू बांट रहा था तो कोई होटल पर गरमा-गरम चाय बनाकर उसे बांट रहा था। यह एक ऐसा दिन था जब सभी के अंदर देशभक्ति की भावना एक समान थी। सभी ने खोल दिए दरवाजे: आजादी के दिन पाकिस्तान और सिंध से आए शरणार्थियों को पनाह देने की उत्सुकता सभी ने नजर आई। सभी ने उनको अपने यहां रखने के लिए घरों के दरवाजे खोल दिए थे। उन्हें फिर आलमबाग के चंदरनगर इलाके में ठहराया गया। सभी अपने-अपने घरों से भोजन बनाकर लाते थे। अब तो सब देश के हो गए हैं। कोई शरणार्थी नहीं बचा। खास थी वह सुबह : 15 अगस्त 1947 की वह सुबह बहुत खास थी। जब राज्यपाल सरोजनी नायडू ने दिल्ली से आकर झंडा फहराया था। सुबह से ही विधानभवन रोड के आसपास लोगों का हुजूम था। हर कोई इस ऐतिहासिक पलों का गवाह बनना चाहता था। सात बजे के करीब सरोजनी नायडू चारबाग स्टेशन पहुंची, तो हजारों लोग पहले से ही उनके स्वागत में खड़े थे। स्टेशन से सीधे राजभवन पहुंची, फिर विधानभवन की ओर निकल पड़ी। जैसे ही घड़ी की सुई ने आठ बजाया राज्यपाल नायडू ने तिरंगा फहराया। हजारों लोग खुशी से तिरंगे को निहार रहे थे। अंग्रेजों से लम्बी लड़ाई के बाद मिली आजादी की खुशबू में हर कोई सराबोर हो उठने को बेकरार था। ढोल और नगाड़ों के बीच दुकानदारों ने लोगों को मिठाईयां बांटी। सिनेमाघरों में निश्शुल्क फिल्मी दिखाई गई। आजादी का जश्न मनाने को हर तरफ कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया गया।

वैसे तो आजादी के एक दिन पहले फिरंगियों के चंगुल से देश की आजादी का बिगुल बज गया था, लेकिन 15 अगस्त 1947 की सुबह का नजारा खास था। गुलामी की बेड़ियों से आजादी का जश्न दुकानों में गरमा गरम जलेबियों और मोतीचूर के लड्डुओं की खुशबू फिजां में आजादी …

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अरबी पत्ता कढ़ी से बढ़ाएं लंच का जायका

धुली हुई उड़द की दाल, अरबी के नरम पत्ते- 8-10, बेसन और दही 1-1 कप, हींग- 2 चुटकी, अजवाइन- 1 चम्मच, मेथीदाना- 1/2 चम्मच, तेल- 250 मि.ली., हल्दी- 1/2 चम्मच, लाल मिर्च पाउडर- 1 चम्मच, हरी मिर्च- 4, धनिया पाउडर- 2 चम्मच, लहसुन- 10-12 कली, अदरक-1 इंच का टुकड़ा, नमक- स्वादानुसार, पानी- आवश्यकतानुसार। विधि : उड़द दाल को 5-6 घंटे भिगोकर रखें और इसके बाद इसका पेस्ट बना लें। अदरक, मिर्च और लहसुन का पेस्ट बनाएं। अरबी के पत्तों को धोकर रख लें। दाल के पेस्ट के 2 हिस्से करें। 1 हिस्से में 2 बड़े चम्मच बेसन, 1 चम्मच अजवाइन, 1/2 चम्मच अदरक मिर्च और लहसुन का पेस्ट, 2 बड़े चम्मच दही, 1 चुटकी हींग, 1/4 चम्मच हल्दी, मिर्च पाउडर- 1/4 चम्मच, धनिया पाउडर- 1/2 चम्मच, स्वादानुसार नमक डालकर सभी को मिलाएं। एक पत्ते पर 2 चम्मच मिश्रण फैला दें। इसी पत्ते पर दूसरा पत्ता रखें और मिश्रण इसी मात्रा में फलाएं। पूरे 5 पत्तों के साथ ये रिपीट करें। पत्तों को रोल जैसा बना लें। इसी तरह दूसरे पत्तों का एक अलग सेट बनाएं। रोल्स को स्टीमर में 20 मिनट पकाएंगे। ठंडा करके गोल टुकड़ों में काटें। बचे हुए बेसन में 1/4 चम्मच हल्दी, 1/2 चम्मच नमक डालकर भजिए जैसा घोल बनाकर टुकड़ों को लपेट कर भजिए जैसा तलें। कढ़ी तैयार करने के लिए 2 चम्मच तेल गर्म करके हींग व मेथीदाना डालकर सुनहरा होने दें। बचा हुआ मसाले का पेस्ट डालकर पकाएं। सूखे मसाले व नमक डालकर चलाएं। बचे दाल पेस्ट में दही, बेसन और पानी डालकर घोल बनाएं। कड़ाही में डालकर एक उबाल आने तक चलाते रहें। 25 से 30 मिनट तक कढ़ी को पकाएं व भजिए डालकर 15 मिनट और पकाएं।

धुली हुई उड़द की दाल, अरबी के नरम पत्ते- 8-10, बेसन और दही 1-1 कप, हींग- 2 चुटकी, अजवाइन- 1 चम्मच, मेथीदाना- 1/2 चम्मच, तेल- 250 मि.ली., हल्दी- 1/2 चम्मच, लाल मिर्च पाउडर- 1 चम्मच, हरी मिर्च- 4, धनिया पाउडर- 2 चम्मच, लहसुन- 10-12 कली, अदरक-1 इंच का टुकड़ा, नमक- …

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