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मैं चाहता हूँ केजरीवाल देश के पीएम बनें: मनीष सिसोदिया

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक निजी न्यूज़ चैनल को साक्षात्कार देते हुए कहा कि हम शिक्षा व्यवस्था पर काम कर रहे हैं, हमें हर बच्चे को अच्छी शिक्षा देनी है. पुरानी शिक्षा व्यवस्था में 5 फीसदी को अच्छी शिक्षा मिलती थी, बाकी 95 फीसदी का कोई खयाल नहीं …

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मुजफ्फरपुर रेप कांड: अब दिल्ली के सभी शेल्टर होम्स की होगी जांच

 देश में पिछले कुछ दिनों में यौन उत्पीड़न और बलात्कार के कई मामले सामने आये है। अभी हाल ही में बिहार और यूपी से बालिका गृह में यौन उत्पीड़न के दो मामले उजागर हुए है। इन शेल्टर होम्स में ऐसे कांड होने के बाद से दिल्ली महिला आयोग इस मामले …

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दिल्ली के टॉप अफसरों को सख्त निर्देश, 15 अगस्त को लाल किले पर उपस्थिति अनिवार्य

इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली में कार्यरत सभी सेवाओं के संभवत: सभी शीर्ष अधिकारी लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे. असल में अफसरों को निमंत्रण के साथ ही यह साफ चेतावनी भी दी गई है कि इस कार्यक्रम में न आने की चूक को गंभीरता से लिया जाएगा. गौरतलब है कि हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले में आयोजित समारोह में पीएम राष्ट्र को संबोधित करते हैं. इस कार्यक्रम में सभी मंत्री, शीर्ष राजनीतिक नेता, सेनाओं के प्रमुख, विभिन्न देशों के राजदूत और उच्चायुक्त उपस्थ‍ित होते हैं. इसमें शीर्ष अफसरों को भी निमंत्रण भेजा जाता है और यह अपेक्षा की जाती है कि वे इसमें उपस्थ‍ित रहेंगे. कैबिनेट सेक्रेटरी द्वारा 1 अगस्त, 2018 को जारी विभागीय आदेश के मुताबिक 3 अगस्त को जारी एक ऑफिस मेमोरंडम में कहा गया है, 'प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन वाले 15 अगस्त के समारोह के महत्व को देखते हुए सभी आमंत्रित अधिकारियों से यह अपेक्षा है कि वे समारोह में शामिल हों. इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय समारोह में कम उपस्थति से बचने के लिए कैबिनेट सचिवालय द्वारा यह सलाह दी गई है कि सभी आमंत्रित अधिकारी समारोह में शामिल हों और उन्हें चेतावनी भी दी जाए कि उनकी अनुपस्थ‍िति को गंभीरता से लिया जाएगा.' इस बार पीएम मोदी का यह अपने कार्यकाल का अंतिम बार 15 अगस्त को संबोधन होगा. अगर वह 2019 के चुनाव में जीतते हैं तो उसके बाद फिर 15 अगस्त, 2019 को उनका संबोधन होगा. सूत्रों के मुताबिक इस बार के संबोधन में पीएम मोदी अपने अब तक के पूरे कार्यकाल की उपलब्ध‍ियां गिना सकते हैं और भविष्य की योजना पेश कर सकते हैं. कहा जा रहा है कि अफसर भी इससे तालमेल बना पाएं, इसलिए उनको खास निर्देश दिया गया है कि इस बार उनकी उपस्थति अनिवार्य है. तो अफसरों को यह संकेत मिल गया है कि अगर वे नहीं पहुंचे तो किसकी नाराजगी झेलनी पड़ सकती है! सभी संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के रैंक के अफसरों को निमंत्रण भेजा गया है. वैसे भी रूल बुक के मुताबिक 15 अगस्त अफसरों के लिए कोई छुट्टी का दिन नहीं होता. उन्हें अपने तैनाती वाले दफ्तर में झंडारोहण कार्यक्रम में शामिल होना होता है. यही नहीं, यदि कोई अफसर बाहर है तो उससे यह अपेक्षा की जाती है कि वह ज‍हां भी है, वहां के किसी स्कूल या दफ्तर में ऐसे कार्यक्रम में शामिल हो. यही नहीं, उसे इसके बारे में एक घोषणापत्र भी जमा करना होता है कि वह इस तरह के कार्यक्रम में शामिल हुआ.

इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली में कार्यरत सभी सेवाओं के संभवत: सभी शीर्ष अधिकारी लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे. असल में अफसरों को निमंत्रण के साथ ही यह साफ चेतावनी भी दी गई है कि इस कार्यक्रम में न आने की चूक को गंभीरता से …

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राज्यसभा उपसभापति चुनाव पर NDA में रार, गणित बिगाड़ सकती है अकाली दल की नाराजगी!

राज्यसभा में उपसभापति के उम्मीदवार को लेकर एनडीए में घमासान शुरू हो गया है. राज्यसभा में उपसभापति के लिए एनडीए की तरफ से उम्मीदवार जेडीयू सांसद हरिवंश को बनाये जाने से एनडीए की दो सबसे पुरानी सहयोगी पार्टियां अकाली दल और शिवसेना नाराज हैं. दरअसल अकाली दल को उम्मीद थी राज्यसभा में एनडीए का उपसभापति का उम्मीदवार उनका होगा. बता दें कि अकाली दल से नरेश गुजराल का नाम चर्चा में था लेकिन अंतिम समय पर बीजेपी ने जेडीयू के सांसद हरिवंश को उम्मीदवार बना दिया जिससे अकाली दल में नाराजगी हैं. जिसे लेकर पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबिर सिंह बादल की अध्यक्षता में अकाली दल के संसदीय दल की बैठक केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के घर पर हुई. सूत्रों की मानें तो अकाली दल 9 अगस्त को राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव में गैरहाजिर भी रह सकती है. सुखबीर बादल ने बुधवार को एक बार फिर अपनी पार्टी के संसदीय दल की बैठक बुलाई है. इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल से भी बात की है. लेकिन अमित शाह के फोन पर बात करने बाद भी सूत्रों का कहना हैं कि बुधवार 10 बजे पार्टी की संसदीय दल की बैठक में कोई बड़ा फैसला हो सकता है. राज्यसभा में एनडीए के उपसभापति के पद के लिए जेडीयू के सांसद हरिवंश को उम्मीदवार बनाये जाने से एनडीए के सहयोगी अकाली दल और शिवसेना इसलिए भी नाराज हैं कि उम्मीदवार की घोषणा किए जाने से पहले शिवसेना प्रमुख उद्भव ठाकरे से ना किसी अन्य नेता से और ना अकाली दल के नेतृत्व से उम्मीदवार को लेकर चर्चा की गई. सूत्रों की मानें तो शिवसेना इस बात से भी नाराज़ है कि पहले जब अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल का नाम एनडीए के उम्मीदवार के तौर पर लगभग तय था तो अंतिम समय में जेडीयू सांसद हरिवंश के नाम की घोषणा वो भी बिना चर्चा के क्यों की गई. शिवसेना वैसे भी 2019 का चुनाव वो बीजेपी के साथ न लड़ने की घोषणा कर चुकी है. सूत्रों की मानें तो अकाली दल और शिवसेना की नाराज़गी के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एनडीए के सभी सहयोगी दलों के प्रमुख नेताओं से राज्यसभा के उपसभापति के उम्मीदवार जेडीयू सांसद हरिवंश के नाम पर आम सहमति बनाने के लिए बनाने के लिए फोन पर चर्चा कर रहे हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने फोन पर रामविलास पासवान और चिराग पासवान से राज्यसभा में उपसभापति उम्मीदवार के लिए जेडीयू सांसद हरिवंश के नाम को लेकर चर्चा की. रामविलास पासवान और चिराग पासवान ने राज्यसभा के उपसभापति के उम्मीदवार के जेडीयू सांसद हरिवंश के नाम का स्वागत किया है. गौरतलब है कि रामविलास पसवान की पार्टी का एक भी सांसद राज्यसभा में नहीं है. फिर भी अमित शाह लोजपा नेता से बात कर इस मुद्दे पर एनडीए को एकजुट रखने का प्रयास कर रहे हैं. PAC सदस्य का चुनाव हार गए हरिवंश एनडीए में राज्यसभा के उपसभापति के उम्मीदवार को लेकर मची कलह के बीच एक दिलचस्प वाकया हुआ कि संसद की पब्लिक अकाउंट कमेटी (PAC) के राज्यसभा से दो सदस्यों का चुनाव होना था जिसमें बीजेपी के भूपेंद्र यादव और जेडीयू से हरिवंश दोनों के ही PAC में आराम से चुन लिए जाने उम्मीद थी. क्योंकि कांग्रेस ने पहले घोषणा की थी वो इस चुनाव से दूर रहेगी. लेकिन अंतिम समय में कांग्रेस ने टीडीपी सांसद सीएम रमेश का समर्थन किया. PAC के लिए दो सदस्यों के चुनाव में पूरे विपक्ष के उम्मीदवार टीडीपी सांसद सीएम रमेश को सबसे ज़्यादा 106 वोट मिले, बीजेपी सांसद और महासचिव भूपेंद्र यादव को 69 वोट मिले और साथ ही जेडीयू सांसद हरिवंश को केवल 26 वोट मिले. जिससे 9 अगस्त को होने वाले राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव से पहले ही उन्हें एक बड़ी हार का सामना सदन में करना पड़ा. अब सवाल यह है कि जो बीजेपी हरिवंश को PAC के सदस्य का चुनाव नहीं जिता सकी वो उन्हें राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव कैसे जिता पाएगी. राज्य सभा का अंक गणित देखे तो अकाली दल और शिवसेना की नाराज़गी के बाद अगर बीजेडी, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस भी अनुपस्थित रहें तो एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश को हार का सामना करना पड़ सकता है. उपसभापति के लिए क्या कहता है राज्यसभा का अंकगणित ? संख्याबल के हिसाब से देखा जाए तो राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 244 है. मतलब एनडीए को बहुमत के लिए 123 सदस्यों का समर्थन चाहिए. बीजेपी के 73, जेडीयू के 6, अकाली दल के 3, शिवसेना के 3 , बोडो पीपुल फ़्रंट के 1 , नागा पीपुल फ़्रंट के 1 , सिक्किम डेमक्राटिक फ़्रंट के 1, आरपीआई के 1, 3 निर्दलीय और 3 मनोनीत सदस्यों को मिलाकर कर एनडीए के पास 95 सांसद हैं. ऐसे में एनडीए को चुनाव जीतने के लिए अन्य 28 सांसदों की जरूरत है. सूत्रों के अनुसार एआईएडीएमके के 13, टीआरएस के 6 और वाईएसआर कांग्रेस के 2 सदस्य एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश को अपना समर्थन देने के लिए सहमति दे चुके हैं. फिलहाल एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश को ताज़ा संख्याबल के अनुसार 116 सांसदों का समर्थन प्राप्त है. बीजेडी के समर्थन पर सस्पेंस! बीजेडी ने अभी अपना रुख साफ नहीं किया है और उसके पास 9 सांसद है. अगर बीजेडी एनडीए को समर्थन नहीं करती है तो एनडीए उम्मीदवार को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में यदि अकाली दल और शिवसेना को मनाने में पीएम मोदी और अमित शाह कामयाब नहीं हो पाते हैं. और शिवसेना व अकाली दल चुनाव के वक़्त गैरहाजिर रहते हैं तो एनडीए की संख्या 110 रह जायेगी. यदि इसमें बीजेडी के 9 सांसदों को भी जोड़ दिया जाये तो भी एनडीए को बहुमत का आंकड़ा पूरा करने के लिए 4 अन्य सांसदो की जरूरत पड़ेगी. 4 सांसदों को अपनी तरफ लाना भले पीएम मोदी और अमित शाह के लिए असंभव ना हो लेकिन मुश्किल जरूर होगा. टीडीपी के एनडीए से बाहर जाने के बाद शिवसेना ने घोषण की है कि वो 2019 में महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ चुनाव नहीं लड़ेगी. इसके बाद नीतीश कुमार की जेडीयू और रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी भी बीजेपी पर बिहार में सीटों को लेकर दबाव बनाए हुए है. बिहार में उपेन्द्र कुशवाह की राष्ट्रीय समता पार्टी ने कई मौक़ों पर बीजेपी नेतृत्व को इशारों इशारों में समझाया है कि वो नीतीश कुमार के साथ गठबंधन में नहीं रह सकते हैं. अब तो अकाली दल ने भी मोर्चा खोल दिया है. लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव में टीआरएस और एआईएडीएमके जैसे दलों ने समर्थन कर यह बता दिया है कि भविष्य में पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए शामिल होने से उन्हें कोई गुरेज नहीं होगा.

राज्यसभा में उपसभापति के उम्मीदवार को लेकर एनडीए में घमासान शुरू हो गया है. राज्यसभा में उपसभापति के लिए एनडीए की तरफ से उम्मीदवार जेडीयू सांसद हरिवंश को बनाये जाने से एनडीए की दो सबसे पुरानी सहयोगी पार्टियां अकाली दल और शिवसेना नाराज हैं. दरअसल अकाली दल को उम्मीद थी …

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संसदीय दल की बैठक में बोले राहुल- राफेल एक बड़ा घोटाला, हर मामले पर चुप हैं PM

संसद के मॉनसून सत्र के बीच मंगलवार को कांग्रेस की संसदीय दल की बैठक हुई. राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस की ये पहली संसदीय दल की बैठक थी. बैठक को संबोधित करते हुए राहुल गांधी के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे. राहुल ने अपने सभी सांसदों से 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए तैयार होने को कहा. राहुल ने कहा कि भ्रष्टाचार से जुड़े सभी मामलों पर प्रधानमंत्री चुप हैं, राफेल एक बहुत बड़ा घोटाला है. उन्होंने कहा कि हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि किसान, रोजगार के मुद्दे पर कांग्रेस के सांसदों ने पिछले चार सालों में अच्छी लड़ाई लड़ी है. ये साल हमारे लिए मुश्किलों भरे रहे हैं. हम आगे भी इसी तरह सरकार को टक्कर देंगे, 2019 में कांग्रेस जरूर बड़ी जीत हासिल करेगी. संसदीय दल को संबोधित करते हुए राहुल ने तीन मुद्दों पर जोर दिया. उन्होंने राफेल, किसान और रोजगार के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने को कहा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को बोलने की जरूरत है, लेकिन वो चुप्पी साधे बैठे हैं. रोजगार को लेकर मारा था तंज गौरतलब है कि राहुल की आक्रामक बयानबाजी के कारण ही बीजेपी इन दिनों बैकफुट पर है. हाल ही में SC/ST एक्ट और मराठा आरक्षण जैसे मुद्दे पर बैकफुट पर खड़ी भारतीय जनता पार्टी के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का बयान मुश्किलें लेकर आया. सोमवार को राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय मंत्री पर तंज कसा था. दरअसल, गडकरी ने कहा था कि आखिर लोगों को आरक्षण क्यों चाहिए जब देश में नौकरी ही नहीं हैं. इस पर राहुल ने तंज कसते हुए कहा कि गडकरी जी, आपने बिल्कुल सही सवाल पूछा है. हर भारतीय ये ही सवाल पूछ रहा है. आखिर नौकरियां कहां हैं?

संसद के मॉनसून सत्र के बीच मंगलवार को कांग्रेस की संसदीय दल की बैठक हुई. राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस की ये पहली संसदीय दल की बैठक थी. बैठक को संबोधित करते हुए राहुल गांधी के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे. राहुल ने अपने सभी …

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‘आजतक’ के स्टिंग ऑपरेशन का असर, संसद में उठेगा UP फेक एनकाउंटर का मामला

देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में पुलिस के कुछ अधिकारी पैसे लेकर एनकाउंटर करने को राजी हो जाते हैं. ये चौंकाने वाला खुलासा इंडिया टुडे/आजतक के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ है. जब से ये खुलासा हुआ है पूरे महकमे में हड़कंप मच गया है. और अब ये मामला देश की संसद तक पहुंच गया है. सोमवार देर शाम जब आजतक ने ये खुलासा किया तो तुरंत बाद यूपी पुलिस के डीजीपी ने आरोपी 3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था. अब मंगलवार को समाजवादी पार्टी, राजद और कांग्रेस इस मुद्दे को लोकसभा में उठाएंगे. समाजवादी पार्टी के नीरज शेखर ने कहा कि फेक एनकाउंटर का मुद्दा काफी गंभीर है, हम इसके बारे में सदन में चर्चा करेंगे. सपा के अलावा राजद के जय प्रकाश यादव, कांग्रेस की ओर से राजबब्बर और पीएल पुनिया इस मुद्दे को सदन में उठाएंगे. खुलासे में क्या...? प्रमोशन, पैसा और पब्लिसिटी...ये तीनों हासिल करने के लिए उत्तर प्रदेश के सारे नहीं, तो कुछ पुलिस अधिकारी शार्ट कट के तौर पर फर्जी मुठभेड़ों का रास्ता अपनाने के लिए भी तैयार लगते हैं. इंडिया टुडे की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) ने अपनी जांच के दौरान पाया कि योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान मुठभेड़ों में मरने वालों का आंकड़ा 60 से ऊपर पहुंच गया है. इंडिया टुडे की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम की जांच से सामने आया कि यूपी पुलिस के कुछ सदस्य झूठे मामलों में निर्दोष नागरिकों को फंसा रहे हैं और फिर उन्हें फर्जी मुठभेड़ों में शूट कर रहे हैं. ये सब तरक्की और दूसरों से पैसा लेकर किसी को ठिकाने लगाने के इरादे से किया जा रहा है. यहां पढ़ें पूरा खुलासा... Exposed: UP पुलिस के सुपारी किलर- पैसा दो और एनकाउंटर करवाओ! यूपी पुलिस ने लिया एक्शन उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने तीन आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने के साथ ही मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. इंडिया टुडे की जांच पर प्रदेश पुलिस में शीर्ष स्तर पर तेजी से कदम उठाया गया. आगरा के एसएसपी अमित पाठक ने टेप पर निर्दोष नागरिकों के साथ फर्जी मुठभेड़ के लिए तैयार होने की बात कहने वाले तीन पुलिस अधिकारियों के तत्काल प्रभाव से निलंबन का ऐलान किया है. पाठक ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि पुलिस फोर्स में कोई भी अपने निहित स्वार्थ के लिए कार्य मानदंडों के विपरीत जाता है और झूठे मामलों में निर्दोष नागरिकों को फंसाता है तो उसके साथ सख्ती से पेश आना चाहिए.’ विभागीय जांच एडिशनल एसपी को दे दी है

देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में पुलिस के कुछ अधिकारी पैसे लेकर एनकाउंटर करने को राजी हो जाते हैं. ये चौंकाने वाला खुलासा इंडिया टुडे/आजतक के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ है. जब से ये खुलासा हुआ है पूरे महकमे में हड़कंप मच गया है. और अब ये मामला …

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राशिफल 7 अगस्त: आज अटके काम पूरे होंगे, गुस्से पर काबू रखें

राशिफल 7 अगस्त: आज अटके काम पूरे होंगे, गुस्से पर काबू रखें

परिवार में मधुरता बढ़ेगी। कुछ खर्च बढ़ेगा। आय व्‍यय का ध्‍यान रखेंगे। गलतफहमी दूर होगी। सलाहकार की भूमिका निभा सकेंगे। TAURUS (20 अप्रैल – 20 मई): महत्‍वपूर्ण कार्यों में रुचि बढ़ेगी। यात्रा संभव। परिवार को समय देने से हर्ष। भोजन के प्रति रुचि। आत्‍मविश्‍वास में बढ़ोतरी। फालतू बातों से दूरी …

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आंदोलनकारियों को गडकरी की नसीहत, आरक्षण रोजगार की गारंटी नहीं

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि आरक्षण रोजगार देने की गारंटी नहीं है, क्योंकि नौकरियां कम हो रही हैं। गडकरी ने कहा कि एक 'सोच' है जो चाहती है कि नीति निर्माता हर समुदाय के गरीबों पर विचार करें। गडकरी महाराष्ट्र में आरक्षण के लिए मराठों के वर्तमान आंदोलन तथा अन्य समुदायों द्वारा इस तरह की मांग से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, 'मान लीजिए कि आरक्षण दे दिया जाता है। लेकिन, नौकरियां नहीं हैं। क्योंकि, बैंक में आइटी के कारण नौकरियां कम हुई हैं। सरकारी भर्ती रुकी हुई है। नौकरियां कहां हैं?' गडकरी के मुताबिक, आरक्षण के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसमें पिछड़ापन एक राजनीतिक मुद्दा बन जाता है। हर कोई कहता है कि मैं पिछड़ा हूं। बिहार और उत्तर प्रदेश में ब्राह्माण मजबूत स्थिति में हैं। राजनीति में वे हावी हैं। लेकिन, फिर भी खुद को पिछड़ा कहते हैं। उन्होंने कहा कि एक सोच कहती है कि गरीब गरीब होता है। उसकी कोई जाति, पंथ या भाषा नहीं होती। उसका कोई भी धर्म हो, मुस्लिम, हिंदू या मराठा (जाति), सभी समुदायों में एक धड़ा है, जिसके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं हैं। खाने के लिए भोजन नहीं है। यह सोच कहती है कि हमें हर समुदाय के अति गरीब धड़े पर भी विचार करना चाहिए। नौकरशाहों पर बरसे नितिन गडकरी यह भी पढ़ें उन्होंने कहा कि यह सामाजिक-आर्थिक सोच है। इसका राजनीतीकरण नहीं किया जाना चाहिए। राजनीतिक दलों को जिम्मेदारी का परिचय देते हुए आग में घी डालने का काम नहीं करना चाहिए। गडकरी ने कहा कि विकास, औद्योगीकरण और ग्रामीण उत्पादों के बेहतर मूल्य से आर्थिक असमानता में कमी आएगी, जिसका मराठा समुदाय को अभी सामना करना पड़ रहा है

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि आरक्षण रोजगार देने की गारंटी नहीं है, क्योंकि नौकरियां कम हो रही हैं। गडकरी ने कहा कि एक ‘सोच’ है जो चाहती है कि नीति निर्माता हर समुदाय के गरीबों पर विचार करें। गडकरी महाराष्ट्र में आरक्षण के लिए मराठों के वर्तमान …

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ट्वीट पर सियासत, कमलनाथ बोले- शिवराज ने माना, गांवों में सड़कें नहीं

मप्र में विधानसभा चुनाव नजदीक आने से भाजपा-कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के बयानों का वार-पलटवार चल रहा है। रविवार को सुदूर जंगल में सड़क नहीं होने के बावजूद टीकाकरण करने के मुख्यमंत्री के ट्वीट पर खूब सियासत हुई। जैसे ही मुख्यमंत्री के टि्वटर हैंडल से यह ट्वीट हुआ, उसके कुछ ही देर बाद पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा। कमलनाथ ने कहा कि सीएम ऐसा डमरू बजाते हैं कि सड़कें अमेरिका से अच्छी हो जाती हैं और अब मुख्यमंत्री खुद स्वीकार कर रहे हैं कि सड़क नहीं होने की वजह से स्वास्थ्य विभाग की टीम को पैदल और नाव से जाना पड़ा। आईटी सेल के अध्यक्ष शिवराज सिंह डाबी ने कहा कि कमलनाथ मप्र की भौगोलिक स्थिति के बारे में नहीं जानते। उन्हें दूरस्थ क्षेत्रों के दौरे करने चाहिए। सीएम का ट्वीट: छतरपुर के 3 दूरस्थ गांव तक स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा टीकाकरण करने के साथ मप्र ने मिशन इंद्रधनुष में 100 % सफलता प्राप्त कर ली है। सड़कें न होने से टीम 10 किमी पैदल, नाव से जंगल व अन्य बाधाओं को पार कर पहुंची। आम आदमी पार्टी ने भी मध्यप्रदेश में ठोकी ताल, आतिशी मार्लेना में कही ये बातें यह भी पढ़ें कमलनाथ का पलटवार: प्रदेश की सड़कों को अमेरिका से अच्छी बताने वाले शिवराज खुद स्वीकार रहे हैं कि छतरपुर के गांवों में गई स्वास्थ्य विभाग की टीम को सड़क नहीं होने से 10 किमी तक पैदल, नाव से व अन्य बाधाओं को पार कर जाना पड़ा। सावन के दूसरे सोमवार पर महाकाल ने चंद्रमौलेश्वर रूप में दिए दर्शन यह भी पढ़ें खाली खजाने से रोज करते हैं घोषणा: कमलनाथ ने बयान दिया कि मुख्यमंत्री जन आशीर्वाद यात्रा में कह रहे हैं, उन्होंने ऐसा डमरू बजाया कि आज प्रदेश ऐसा हो गया, वैसा हो गया। जबकि प्रदेश की जैसी तस्वीर वे बता रहे हैं, वैसी नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले 13 साल में ऐसा डमरू बजाया कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं, व्यापमं में घूस लेने वाला बाहर और देने वाला जेल में है। प्रदेश का खजाना तो उन्होंने खजाना कर दिया खाली, पर खाली खजाने से रोज करते हैं करोड़ों की घोषणाएं। भाजपा की सफाई: जपा के प्रोफेशनल प्रकोष्ठ के अध्यक्ष विकास बोंदरिया ने कहा कि टीकाकरण जहां हुआ, वह पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंदर के गांव हैं। जो विस्थापित होने वाले हैं, इसलिए वहां सड़क नहीं बना सकते। बाकी गाव में बिजली, पानी और सड़क है।

मप्र में विधानसभा चुनाव नजदीक आने से भाजपा-कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के बयानों का वार-पलटवार चल रहा है। रविवार को सुदूर जंगल में सड़क नहीं होने के बावजूद टीकाकरण करने के मुख्यमंत्री के ट्वीट पर खूब सियासत हुई। जैसे ही …

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शहीद एसपीओ के परिवारों के लिए ट्विटर पर डीजीपी की फंड जुटाने की मुहिम, पहले दिन जुटाए 2.85 लाख

देशवासी जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का सामना करते शहीद हुए 499 स्पेशल पुलिस आफिसरों (एसपीओ) के परिवारों के पुनर्वास के लिए आगे आएं। उनके लिए खड़े हों, जिन्होंने हमारी सुरक्षा के लिए अपनी जान दी है। जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक डॉ एसपी वैद के सोमवार सुबह इस संदेश के साथ शहीद एसपीओ के परिवारों के लिए फंड जुटाने की मुहिम छेड़ते ही पहले दिन शाम चार बजे तक 2.85 लाख रुपये एकत्र हो गए। डीजीपी की अपील काे 398 देशवासियों ने शेयर कर मुहिम को तेजी दी। डीजीपी ने इस फंड के तहत शहीद परिवारों के लिए तीन करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस फंड का इस्तेमाल सेंट्रल पुलिस वेल्फेयर फंड कमेटी के जरिए किया जाएगा। डीजीपी इस वेल्फेयर फंड कमेटी के चेयरमैन हैं। डीजी के पीआरओ एसपी मनोज शीरी ने जागरण को बताया कि जुटाए गए फंड का इस्तेमाल शहीद स्पेशल पुलिस आफिसरों के बच्चों को शिक्षा व प्रोफेसनल कोर्स आदि के लिए इस्तेमाल हाेगा। उन्होंने बताया कि समाज फंड जुटाने की मुहिम के प्रति भारी उत्साह दिखा रहा है। कारगिल विजय दिवस पर सेना ने ली शहीदों से प्रेरणा यह भी पढ़ें राज्य में वर्ष 2010 तक आतंकवाद से लड़ते शहीद होने वाले एसपीओ के परिवार को सिर्फ ढ़ाई लाख रुपये का मुआवजा मिलता थे। अब शहीद के परिवार को अढ़ाई लाख रुपये की विशेष रात, 5 लाख रुपये का मुआवजा व जनता इंश्योरेंस के 10 लाख रुपये मिलते हैं। यह राशि कुल मिलाकर 17.50 लाख रुपये बनती है। अधिकतर एसपीओ समाज के कमजाेर वर्ग से हैं। ऐसे में शहीद परिवारों को आर्थिक सहयोग देने के बाद भी उन्हें सहारा दिया जाता है। जम्मू कश्मीर में कानून एवं व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए स्पेशल पुलिस आफिसरों की अस्थाई नियुक्ति की जाती है। वे पुलिस के जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ने सिर्फ कानून एवं व्यवस्था सुनिश्चित करते हैं, अपितु आतंकवाद का सामना भी करते हैं। शहीद होने पर अस्थायी होने के कारण उन्हें वे लाभ नही मिलते हैं जो पुलिस के एक शहीद को मिलते हैं। डीजीपी के सुबह आठ बजे यह मुहिम छेड़ने के साथ ट्विटर पर अभियान को सहयोग देने संबंधी संदेश आने लगे। अलबत्ता कुछ फालोयर्स ने स्पेशल पुलिस अधिकारियों को लेकर स्पष्ट नीति न होने पर सरकार को भी घेरा। उन्होंने लिखा है कि जब एसपीओ, पुलिस कर्मियों के बराबर काम करते हैं, शहादतें देते हैं तो उनके परिवारों के पुनर्वास के लिए बराबर सहयोग क्यों नही दिया जाता है। जवाहर सुरंग में दरारें, रोका गया ट्रैफिक; वाहनों की लगीं कतारें यह भी पढ़ें जम्मू कश्मीर में इस समय 31 हजार के करीब एसपीओ पुलिस के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। उन्हें हर महीने छह हजार रुपये मानदेय के रूप में दिए जाते हैं। एसपीओ को मिलने वाले मानदेय केंद्र सरकार की ओर से जारी किया जाता है। कुछ समय पहले तक एसपीओ को राज्य में महज 3 हजार रुपये का मानदेय मिलता था। अब उनका मानदेय बढ़ाने के साथ सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए पुलिस की ओर से उचित कदम उठाए जा रहे हैं। पहले ही दिन 136 ने दी सहायता शहीद एसपीओ के परिवारों के लिए फंड जुटाने की मुहिम के पहले दिन 136 देशवासियों ने आर्थिक सहायता दी। पहले ही दिन कास्मिक विजर्ड व स्मिता दीक्षित ने इक्कीस-इक्कीस हजार रूपये दे कर फंड जुटा रही जम्मू कश्मीर पुलिस का उत्साह बढ़ाया। दोनों पहले दिन के टाप डोनर्स थे।

देशवासी जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का सामना करते शहीद हुए 499 स्पेशल पुलिस आफिसरों (एसपीओ) के परिवारों के पुनर्वास के लिए आगे आएं। उनके लिए खड़े हों, जिन्होंने हमारी सुरक्षा के लिए अपनी जान दी है। जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक डॉ एसपी वैद के सोमवार सुबह इस संदेश के …

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