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Indain Railway: ट्रेनों व स्टेशन पर चिकित्सा सेवा न होने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, जानिए क्या कहा?

नई दिल्ली: लाख कोशिशों के बावजूद भी भारतीय रेल की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है। अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ट्रेनों और स्टेशनों पर समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में नाकाम रहे रेलवे में वाकई कुछ बहुत गलत है। पर्याप्त चिकित्सा नहीं मिल पाने से कई …

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दलित नाबालिग छात्रा से दुष्‍कर्म, तोड़ी दुकानें; दूसरे समुदाय को बाहर खदेड़ने की मांग

जिले के भिलंगना ब्लॉक के मुख्य बाजार घनसाली में अनुसूचित जाति की एक नाबालिग छात्रा से दुष्‍कर्म करने का मामला गरमा गया है। स्थानीय लोगों ने घनसाली क्षेत्र में रह रहे दूसरे समुदाय को बाहर करने का अल्टीमेटम दिया है। इस पर पुलिस-प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं। अधिक‍ारी स्‍थानीय लोगों को मनाने का प्रयास कर रहे हैं। हालात को देखते हुए घनसाली बाजार में पुलिस का पहरा बैठा दिया गया है। पुलिस ने आरोपित युवक खिलाफ दुष्‍कर्म का मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, बीते रोज इस मामले को लेकर मुख्य बाजार में जमकर बवाल हुआ था। भीड़ ने युवक को पिटाई करने के बाद जुलूस निकालकर उसे बाजार में घुमाया। इसके बाद भीड़ ने युवक के समुदाय के व्यापारियों की दुकानों में तोड़फोड़ कर सामान बाहर फेंक दिया थो। पुलिस ने दुष्‍कर्म का मामला दर्ज कर आरोपित युवक को गिरफ्तार कर लिया है। दूसरे समुदाय के युवक के छात्रा के संग पकड़े जाने पर बवाल यह भी पढ़ें मामला बीते रोज का है। सोमवार दोपहर को दूसरे समुदाय के एक युवक ने भिलंगना ब्लॉक की दलित परिवार की एक नाबालिग छात्रा को लेकर घनसाली स्थित होटल में ले गया। इसकी भनक लगते हुए लोगों ने आरोपी को होटल के कमरे में बंद कर दिया और इसके बाद उन्होंने युवक पिटाई करनी शुरू कर दी। आरोपी के गले में जूतों की माला पहनाकर उसे घनसाली बाजार में घुमाया गया। बीएड के छात्र ने आठ साल की बच्‍ची से किया दुष्‍कर्म, गिरफ्तार यह भी पढ़ें भीड़ का गुस्सा इतना भयंकर था कि उन्होंने इसी सुमदाय की कई दुकानों में जमकर तोड़फोड़ की और उन्हें घनसाली से बाहर जाने की चेतावनी दी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि आरोपी युवक आजाद अल्वी (18) पुत्र हबीब अल्वी निवासी नगली नेहतोर धामपुर जिला बिजनौर यूपी विगत चार साल से घनसाली में हेयर ड्रेसर का काम करता है। उन्होंने बताया कि नई टिहरी से अतिरिक्त पुलिस फोर्स पहुंचने के बाद पुलिस ने बाजार में फ्लैग मार्च निकाला गया है। घटना के विरोध में स्थानीय लोगों ने सड़क पर जाम लगाया। युवक के खिलाफ पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रोफेसर ने चाकू की नोक पर छात्रा से किया दुष्कर्म, पीड़िता ने खाया जहर यह भी पढ़ें दूसरे संप्रदाय के लोगों को बाहर करने की मांग बेटी से दुष्कर्म करने वाले को बीस साल की सजा यह भी पढ़ें घटना के बाद शाम को स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने बाजार में ही आम सभा का आयोजन किया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने प्रशासन से कहा कि इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 24 घंटे के भीतर दूसरे संप्रदाय के लोगों को घनसाली से बाहर किया जाए। स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर प्रशासन ने उनकी मांग नहीं मानी तो किसी भी स्थिति के लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा। व्यापार मंडल अध्यक्ष पारेश्वर बडोनी ने कहा कि 24 घंटे के अंदर दूसरे संप्रदाय के सभी लोगों को घनसाली बाजार से जब तक बाहर नहीं किया जाएगा तब तक बाजार बंद रहेगा। जिन लोगों के मकान में दूसरे संप्रदाय के लोग किराये में रह रहे हैं, उनसे भी मकान खाली कराए जाएं। बैठक में साहब सिंह कुमांई, अंबिका कंसवाल, खुशाल सिंह रावत, विनोद रावत, अनिल चौहान, पंकज निवाल, कमलेश्वर कंसवाल, रघु रावत, हंसराम चौहान, पवन राणा आदि स्थानीय लोग और व्यापारी मौजूद रहे।

जिले के भिलंगना ब्लॉक के मुख्य बाजार घनसाली में अनुसूचित जाति की एक नाबालिग छात्रा से दुष्‍कर्म करने का मामला गरमा गया है।  स्थानीय लोगों ने घनसाली क्षेत्र में रह रहे दूसरे समुदाय को बाहर करने का अल्टीमेटम दिया है। इस पर पुलिस-प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं। अधिक‍ारी …

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दून शहर में स्कूली वाहनों पर चल रही खींचतान, सवालों में घिरी राज्य सरकार

स्कूली बच्चों के परिवहन को लेकर स्थिति विकट होती जा रही है। राज्य सरकार व परिवहन विभाग ने सुप्रीम कोर्ट की गाइड-लाइन व हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। वहीं, निजी स्कूली वाहनों का संचालन बंद करने के निर्णय से हजारों अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। सोमवार को आटो संचालकों ने बच्चों का परिवहन बंद कर दिया। हालांकि, शहर में स्कूली वाहनों का परिवहन करने वाले डेढ़ हजार आटो में से करीब 100 आटो चलते भी दिखे, लेकिन यह संख्या नाकाफी रही। हजारों अभिभावकों और बच्चों ने परेशानी झेली व जैसे-तैसे दूसरे विकल्पों से बच्चे स्कूल पहुंचे। आटो को लेकर गफलत की स्थिति अभी कायम है, उधर सोमवार शाम आपात बैठक कर स्कूल वैन एसोसिएशन ने भी बुधवार से करीब 450 वैन संचालन बंद करने का फैसला लिया। यानी बुधवार से बच्चे कैसे स्कूल जाएंगे, इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं। वहीं, आज स्कूलों में ऑटो भी नहीं चले। सुबह अभिभावकों ने अपने विकल्पों से बच्चों को स्कूल छोड़ा। हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग को स्कूली वाहनों का संचालन उसी सूरत में करने के आदेश हैं, जब वे सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय नियमों व मानकों का पालन करें। इसे लेकर विभाग ने एक अगस्त से ऐसे सभी स्कूली वाहन पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया हुआ है, जो मानक पूरे नहीं कर रहे। चूंकि, शहर में दस फीसद स्कूलों के पास ही अपनी बसें हैं। साथ ही स्कूल वैन भी सीमित संख्या में पंजीकृत हैं। विकल्प नहीं होने के कारण हजारों बच्चे निजी बुक की हुई बस, वैन, आटो व विक्रम में परिवहन करते हैं। कार्रवाई के डर पर आटो यूनियन ने सोमवार से बच्चों का परिवहन बंद कर दिया। वहीं, स्कूल वैन एसोसिएशन ने भी शिवाजी धर्मशाला में बैठक कर बुधवार से संचालन बंद करने का निर्णय ले लिया है। सोमवार को जिस तरह अभिभावकों और बच्चों ने परेशानी झेली और दूसरे विकल्पों के जरिए बच्चों को स्कूल छोड़ा, उससे ये साफ है कि आने वाले दिनों में उनके लिए मुसीबत और बढ़ने वाली है। एक अगस्त से नहीं चलेंगे अवैध स्कूली वाहन यह भी पढ़ें स्कूली वाहनों में सीटिंग मानक एआरटीओ अरविंद पांडे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड-लाइन के अनुसार स्कूली वाहन में पांच से 12 साल तक के बच्चों को एक यात्री पर आधी सवारी माना जाता है। स्कूल वैन में आठ सीट होती हैं। एक सीट चालक की और सात बच्चों की। सात बच्चों का आधा यानी साढ़े तीन बच्चे (यानी चार)। कुल मिलाकर वैन में पांच से 12 साल तक के 11 बच्चे ले जाए जा सकते हैं। इसी तरह बस अगर 34 सीट की है तो उसमें पांच से 12 साल के 50 बच्चे ले जाए सकते हैं। वाहनों की चेकिंग को प्रवर्तन दल बढ़ाने के निर्देश, सृजित करने होंगे 200 पद यह भी पढ़ें पांच साल तक के बच्चे हैं मुफ्त सुप्रीम कोर्ट की गाइड-लाइन में स्कूली वाहनों में पांच साल तक के बच्चों को मुफ्त ले जाने का प्रावधान है। तय नियम में स्पष्ट है कि ये बच्चे सीट की गिनती में नहीं आते। इसी नियम का फायदा उठाकर वाहन संचालक ओवरलोडिंग करते हैं और चेकिंग में पकड़े जाने पर आधे बच्चों की उम्र पांच साल से कम बताते हैं। यही नहीं कहीं पर भी पांच साल तक के बच्चों को मुफ्त ले जाने के नियम का अनुपालन नहीं किया जाता। शहर में 44 अतिक्रमण ध्वस्त, 305 नए चिह्नित यह भी पढ़ें आटो-विक्रम में दरवाजे लगाना जरूरी, तब करें परिवहन एआरटीओ के मुताबिक आटो व विक्रम भी स्कूली बच्चों को ले जा सकते हैं मगर इनमें दरवाजे लगाना जरूरी है। खिड़की पर रॉड या जाली लगानी होगी। साथ ही सीट की तय संख्या का पालन करना होगा। जैसे आटो में तीन सवारी के बदले पांच से 12 साल के सिर्फ पांच बच्चे सफर कर सकते हैं। विक्रम में छह सवारी के बदले उपरोक्त उम्र के नौ बच्चे ले जाए जा सकते हैं। इस दौरान शर्त यह भी है कि चालक के बगल में अगली सीट पर कोई नहीं बैठेगा। अगर इन मानकों को आटो-विक्रम पूरा नहीं कर रहे तो बच्चों के परिवहन में अभिभावकों का साथ होना जरूरी है। हाई कोर्ट ने एमबीबीएस के छात्रों को दी राहत, पुरानी ही फीस पर देना होगा दाखिला यह भी पढ़ें एसोसिएशनों में हुई दो फाड़ वाहन संचालन को लेकर स्कूल वैन व आटो यूनियनों में दो फाड़ हो गई है। एक आटो यूनियन तय संख्या में बच्चे ले जाने की बात कर रही है तो दूसरी ने बच्चों का परिवहन करने से साफ मना कर दिया है। एक यूनियन के अध्यक्ष बालेंद्र तोमर का दावा है कि उनकी एआरटीओ से बात हो गई है और तय नियमों पर आटो में बच्चे ले जाए जा सकते हैं। वहीं, दूसरी यूनियन के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा का कहना है कि परिवहन विभाग ने कोई छूट नहीं दी है व आटो में बच्चे नहीं ले जाए जाएंगे। दूसरी तरफ, उत्तराखंड स्कूल वैन एसोसिएशन व दून स्कूल वैन एसोसिएशन में भी दो फाड़ हो गए हैं। उत्तराखंड एसो. ने तय मानकों पर बच्चों का परिवहन करने की हामी भर दी है, जबकि दून एसो. ने बच्चों को लाने से इन्कार कर दिया है। ऐसे में अभिभावक गफलत में हैं कि करें तो करें क्या। ई-रिक्शा पर क्यों मेहरबानी परिवहन विभाग ने सभी निजी स्कूली वाहनों पर प्रतिबंध तो लगा दिया है मगर ई-रिक्शा पर मेहरबानी जारी है। सोमवार को आटो न चलने के कारण ई-रिक्शा में बच्चों को भेड़-बकरियों की तरफ ढोया गया। रिक्शा चालकों ने मनमाना किराया वसूला, लेकिन विभाग नजरें फेरे रहा। कुछ आटो व वैन चालक अभिभावकों को कर रहे गुमराह अरविंद पांडे (एआरटीओ) का कहना है कि कुछ आटो व वैन चालक अभिभावकों को गुमराह कर रहे हैं कि परिवहन विभाग जानबूझकर ऐसा कर रहा। ऐसा कुछ नहीं है। हम कह रहे कि मानक पूरा करो और वाहन चलाओ। इसमें परेशानी क्या होगी। आखिर अभिभावकों को भी समझना होगा कि ओवरलोडिंग उनके बच्चों की सुरक्षा के लिए भी खतरा है। परिवहन विभाग की ओर से स्कूल कैब योजना शुरू की गई है जिसमें वैन से आधा टैक्स लिया जा रहा। बसों का टैक्स भी आधा करने की कसरत चल रही। स्कूलों को चाहिए कि वे बसों व स्कूल कैब वैन का प्रयोग करें। बस्तियों पर ले आए अध्यादेश यहां क्यों बैकफुट पर सरकार दून शहर में स्कूली वाहनों पर चल रही खींचतान पर राज्य सरकार सवालों में घिरी हुई है। अहम और बड़ा सवाल यह है कि सरकार मलिन बस्तियों को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध अध्यादेश ला सकती है, लेकिन हजारों अभिभावकों और बच्चों की परेशानी से सरकार हाथ खींच रही है। जिस तरह से सरकार ने स्कूली वाहनों का मामला सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के पाले में सरका दिया, उससे साफ है कि सरकार को सिर्फ बस्तियों के वोटबैंक की ही चिंता है। भाजपा के चार विधायक बस्तियों को टूटने से बचाने के लिए सड़क पर आ सकते हैं, लेकिन हजारों बच्चों की परेशानी वह देख नहीं पा रहे, यह भी बड़ा सवाल है। सोमवार को सरकार व परिवहन विभाग की ओर से एक सार्वजनिक पत्र जारी करते हुए यह बताया गया कि स्कूली वाहनों को लेकर की जा रही सख्ती, राज्य सरकार का नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट का फैसला है। परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर वाहन में मानक पूरे करने के आदेश दिए हैं। विभाग के अनुसार निर्धारित मानक वाले वाहनों के परिवहन में विभाग का कोई हस्तक्षेप नहीं है। विभाग उन्हीं वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई कर रहा है, जो स्कूली वाहन के तय मानक पूरे नहीं करते। विभाग भी अच्छे से जानता है कि स्कूली वाहनों के मानक पूरे कर रहे वाहनों की संख्या महज दस फीसद ही है। बाकी वाहन वैकल्पिक सुविधा के तौर पर संचालित हो रहे, लेकिन अब अभिभावकों से यह विकल्प छीना जा रहा। रही, सरकार और भाजपा विधायक, उन्हें सिर्फ बस्तियों की चिंता है, बच्चों की नहीं। स्कूलों को बाध्य करे सरकार, एडमिशन पॉलिसी का कराए पालन स्कूल बसें या वैन लगाने को लेकर अब तक किसी सरकार ने स्कूलों पर दबाव नहीं बनाया। राज्य में सरकार चाहे कांग्रेस की रही या फिर भाजपा की। वाहन का दबाव बनाना तो दूर सरकारों ने एडमिशन पॉलिसी तक लागू नहीं कराई। पॉलिसी के अनुसार स्कूलों को अपने समीप के निवासी बच्चों को एडमिशन में प्राथमिकता देनी होती है। ऐसा इसलिए, ताकि बच्चों को परिवहन की सुविधा में दिक्कत न हो। बच्चे आराम से पैदल भी आ सकते हैं, लेकिन मोटी फीस वसूलने वाले निजी स्कूल तो पॉलिसी की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। ऊपर से सरकार भी इन पर 'मेहरबान' ही नजर आती है।

स्कूली बच्चों के परिवहन को लेकर स्थिति विकट होती जा रही है। राज्य सरकार व परिवहन विभाग ने सुप्रीम कोर्ट की गाइड-लाइन व हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। वहीं, निजी स्कूली वाहनों का संचालन बंद करने के निर्णय से हजारों अभिभावकों की चिंता …

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एनआरसी पर ममता बनर्जी ने केंद्र के खिलाफ खोला मोर्चा

सोमवार को असम और एनआरसी के अंतिम मसौदे को केंद्रीय और राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा जारी किए जाने के तुरंत बाद तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नवान्न में प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। सुश्री बनर्जी ने कहा कि लोगों के पास आधार कार्ड, पासपोर्ट सब हैं , लेकिन लिस्ट में उनका नाम नहीं है। लोगों का सरनेम देखकर उनका नाम हटाया गया है। उधर, तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संसद के चालू मानसून सत्र में भी इस मुद्दे को उठाया और प्रधानमंत्री से पक्ष रखने को कहा। प्रदेश सीमा पर सतर्कता : सुश्री बनर्जी ने कहा कि इसका असर सर्वाधिक बंगाल पर पड़ेगा इसे लेकर बंगाल से सटे सीमावर्ती इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई है। मुख्यमंत्री ने राज्य के डीजीपी को कड़ी निगरानी रखने को कहा है। वहीं, बंगाल विधानसभा के चालू मानसून सत्र में मंगलवार को एकमत से तृणमूल कांग्रेस, विपक्षी कांग्रेस और माकपा ने प्रस्ताव लाने की बात कही है। क्या सरकार जबरदस्‍ती लोगों को देश से निकालना चाह रही है: ममता यह भी पढ़ें बांग्ला व बिहार के लोगों के साथ भेदभाव : ममता बनर्जी ने कहा कि वहां बांग्लाभाषियों के साथ यह भेदभाव किया गया है। क्या सरकार जबर्दस्ती लोगों को देश से निकालना चाह रही है? वहां सेंट्रल फोर्स की अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई है। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है। उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग उत्तर बंगाल के रहने वाले हैं और लंबे समय से असम में रह रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि सूची में बिहार के लोग भी हैं और उन्हें असम से भगाने के लिए ही भाजपा की सरकार ने यह चाल चली है। 17 को होगी नीति आयोग की बैठक, ममता हो सकती हैं शामिल यह भी पढ़ें मानवता के नाते देनी चाहिए नागरिकता ममता बनर्जी ने यह भी पूछा कि क्या होगा अगर इन 40 लाख लोगों को बांग्लादेश की सरकार ने वापस लेने से इनकार कर दिया? ममता ने कहा कि यह सारे लोग शरणार्थी हो जाएंगे और मानवता के नाते केंद्र की सरकार को इन लोगों को नागरिकता देनी चाहिए। हम गृह मंत्री राजनाथ सिंह से एक संशोधन लाने का अनुरोध करते हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि जरूरत पड़ी तो वह असम जा सकती हैं। हालांकि कई तृणमूल सांसद असम में हैं।

सोमवार को असम और एनआरसी के अंतिम मसौदे को केंद्रीय और राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा जारी किए जाने के तुरंत बाद तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नवान्न में प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। सुश्री बनर्जी ने कहा कि लोगों के पास …

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असम एनआरसी मुद्दे पर अमित शाह बोले- बांग्‍लादेशी घुसपैठियों को बचाना चाहता है विपक्ष?

संसद के मानसून सत्र का आज 9वां दिन है। असम में एनआरसी(नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) के ड्राफ्ट को लेकर आज संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ। अमित शाह के असम एनआरसी मुद्दे पर दिए गए बयान पर कांग्रेस सांसदों ने हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्‍थगित कर दी गई। मंगलवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस के 2 अन्य सांसदों में NRC के मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। एनआरसी ने इस ड्राफ्ट को कल जारी किया था। सोमवार को भी एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट को लेकर लोकसभा और राज्‍यसभा में काफी हंगामा हुआ, जिसकी वजह से कार्यवाही कई बार स्‍थगित करनी पड़ी। लाइव अपडेट्स... - एनआरसी मामले में अश्विनी चौबे और कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने संसद परिसर में बहस हो गई। - लोकसभा की कार्यवाही 2.20 बजे तक के लिए स्थगित। - अमित शाह के असम एनआरसी मुद्दे पर दिए गए बयान पर कांग्रेस सांसदों ने हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्‍थगित कर दी गई। मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव, 20 जुलाई को पूरे दिन चलेगी बहस और फिर वोटिंग यह भी पढ़ें - राज्‍यसभा में असम एनआरसी ड्राफ्ट के मुद्दे पर भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने कहा कि प्रदेश में घुसपैठियों की पहचान करना जरूरी था। लेकिन हमारी सरकार आने से पहले किसी में हिम्‍मत नहीं थी कि घुसपैठियों की पहचान कर सके। उन्‍होंने कहा कि इस मुद्दे को उठाकर क्‍या विपक्ष बांग्‍लादेशी घुसपैठियों को बचाना चाहता है? मानसून सत्र: लोकसभा में होम्योपैथी केंद्रीय परिषद विधेयक पर चर्चा यह भी पढ़ें - सीपीआई सांसद डी राजा ने कहा कि असम में एनआरसी ड्राफ्ट से पड़ोसी देशों से हमारे रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं। केंद्र सरकार को इस मसले पर संसद और अन्य दलों को भरोसे में लेना चाहिए। - राज्यसभा में टीडीपी सांसद वाईएस चौधरी ने कहा कि असम में 40 लाख लोगों को शरणार्थी घोषित कर दिया गया, अब वे लोग कहां रहेंगे। उन्होंने कहा कि आगे ऐसा फैसला देश के किसी भी राज्य में आ सकता है और हमें रंग, समुदाय, जाति, धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए। असम NRC ड्राफ्ट: ममता बनर्जी का भाजपा पर हमला, बोलीं- 'सरनेम' देखकर हटाया नाम यह भी पढ़ें - राज्यसभा में एनआरसी पर चर्चा के दौरान सासंदो ने गृह मंत्री से आश्वासन मांगा कि एनआरसी में सभी गड़बड़ियों को दूर किया जाएगा। - राज्यसभा में असम पर एनआरसी के ड्राफ्ट मुद्दे पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 40 लाख लोगों की संख्या कम नहीं है। एनआरसी पर सरकार भी व्यक्ति की तरह साबित करे। सरकार हर व्यक्ति को कानूनी सहायता दे, किसी व्यक्ति का शोषण न हों। नागरिकता साबित करने के लिए 16 सूबूत चाहिए, इनमें से 1 भी मिले तो उसे नागरिक माना चाहिए। असम की सरकार हो चाहे केंद्र की सरकार, इसे किसी भी रूप में राजनीति के मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। यह मानव अधिकारों से जुड़ा मुद्दा है और न्यायसंगत प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। असम: 40 लाख लोगों की नागरिकता पर लटकी तलवार, संसद में छिड़ा संग्राम यह भी पढ़ें - लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान किसानों की दुर्दशा पर मुलायम सिंह यादव ने कहा कि किसानों को दवा, शिक्षा, बीमा दी जाए। देश का पेट भरने वाले को भूखा सोने की नौबत नहीं आने चाहिए। - लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि रोहिंग्या के घुसपैठ को रोकने के लिए बीएसएफ और असम राइफल्स के जवान तैनात किए गए हैं। -लोकसभा में किरन रिजजू ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी भारत की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। सबसे ज्यादा रोहिंग्या जम्मू-कश्मीर में हैं। इन्‍हें सुरक्षित म्यांमार भेजने के लिए प्रयास सरकार कर रही है। -लोकसभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की है। -एनआरसी पर आज भी हंगामा, राज्यसभा में सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित। -लोकसभा में किरन रिजिजू और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रोहिंग्या मुद्दे पर चर्चा शुरू की है। -लोकसभा की कार्यवाही शुरू, शिवसेना सांसद अरविंद गणपत सावंत ने उठाया रोहिंग्या का मुद्दा। संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर टीडीपी सांसदों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सांसद नारामल्ली शिवप्रसाद आज सत्य साईं बाबा का ड्रेस पहनकर पहुंचे। इससे पहले वह स्कूली बच्चे, नारदमुनि जैसे ड्रेस पहनकर पहुंच चुके हैं। अविश्‍वास प्रस्‍ताव गिरने के बाद से लगातार टीडीपी विरोध प्रदर्शन कर रही है। वहीं असम में नागरिकता रजिस्टर से हटाए गए लोगों के नाम शामिल करने की मांग को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने भी संसद परिसर में नारेबाजी की। असम एनआरसी ड्राफ्ट के मुद्दे पर संसद में गांधी मूर्ति के सामने टीएमसी, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी के सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया। सोमवार को एनआरसी के मुद्दे पर नहीं चल पाई राज्‍यसभा असम में नेशनल रजिस्टर फार सिटीजन (एनआरसी) के ड्राफ्ट रिपोर्ट की गूंज संसद में भी सुनाई दी। विपक्षी दलों के हंगामे के कारण जहां राज्यसभा नहीं चल पाई, वहीं लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किसी के साथ भेदभाव नहीं होने का भरोसा दिया। राजनाथ सिंह का कहना था कि यह केवल ड्राफ्ट है कि जिन लोगों का नाम इसमें नहीं है, उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने का पूरा अवसर दिया जाएगा। साथ ही उन्‍होंने साफ किया कि ड्राफ्ट सुप्रीम कोट की निगरानी में बना है। पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर गृह मंत्री से अनुरोध किया कि कोई समाधान निकालें। सदन बार-बार हुआ स्‍थगित सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही तृणमूल सांसदों ने एनआरसी का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया और सभापति के आसन के सामने पहुंच गए। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। बार-बार ऐसा होने के बाद सभापति वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। वहीं तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्ष ने लोकसभा में एनआरसी के ड्राफ्ट रिपोर्ट को लेकर चिंता जताई। विपक्ष का कहना था यह लाखों लोगों के नागरिक अधिकार के साथ-साथ मानवाधिकार का भी मामला है। राजनाथ सिंह के आश्वासन के बावजूद विपक्षी दलों ने इसके विरोध में वाकआउट किया। राजनाथ सिंह ने असम के लोगों को अफवाहों से बचने की हिदायत देते हुए कहा कि यह केवल ड्राफ्ट रिपोर्ट है और फाइनल रिपोर्ट आना अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि हर किसी अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया जाएगा और उसके बाद ही फाइनल रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी। कानून में ही हर किसी को सुनवाई का मौका दिये जाने का प्रावधान है।

संसद के मानसून सत्र का आज 9वां दिन है। असम में एनआरसी(नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) के ड्राफ्ट को लेकर आज संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ। अमित शाह के असम एनआरसी मुद्दे पर दिए गए बयान पर कांग्रेस सांसदों ने हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही कल सुबह …

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यहाँ माँ बनने के बाद ही हो पाती है शादी

आज तक आपने शादी से जुडी कई अजीबो गरीब परम्पराओं के बारे में सुना होगा, लेकिन आज हम जो आपको बताने जा रहे हैं, वो आपने कहीं नहीं सुना होगा. क्या आपने कहीं ऐसा रिवाज देखा है, जहाँ शादी से पहले लड़की को माँ बनना पड़ता है, नहीं न.. ये रिवाज है पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के एक छोटे से कसबे टोटोपडा में, यहाँ विवाह से पहले ही लड़की को माँ बनना पड़ता है. अंडरवियर पहनते तो हैं, लेकिन जानते क्या हैं उसके बार में ? इस इलाके में टोटो नामक एक जनजाति काफी समय से निवास कर रही है, जिसके नियम कानून सब बहुत अलग है. इस जनजाति में लड़का अपनी पसंद की लड़की को पहले भागकर ले जाता है और उसके साथ सहवास करता है, उसके बाद जब लड़की गर्भ धारण कर लेती है, तो उसे शादी के योग्य समझा जाता है. लड़की के गर्भवती होने के बाद उनके घर वाले दोनों को शादी के रिश्ते में बाँध देते हैं. कितना अजीब है न, गर्भवती होकर शादी में बैठना. Friendship Day : अब और गहरी होगी आपकी फ्रेंडशिप इस जनजाति में सिर्फ शादी ही नहीं बल्कि, तलाक़ के कायदे भी अजीब हैं, उपरोक्त रीति से शादी करने के बाद अगर कोई लड़की किसी लड़की को तलाक देना चाहता है, या उससे अलग होना चाहता है तो उसे एक विशेष पूजा करवानी होती है, जिसमे बहुत खर्च आता है, इसी कारण यहां तलाक के अधिक मामले नहीं देखे जाते.

आज तक आपने शादी से जुडी कई अजीबो गरीब परम्पराओं के बारे में सुना होगा, लेकिन आज हम जो आपको बताने जा रहे हैं, वो आपने कहीं  नहीं सुना होगा. क्या आपने कहीं ऐसा रिवाज देखा है, जहाँ शादी से पहले लड़की को माँ बनना पड़ता है, नहीं न.. ये …

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क्या आप जानते हैं , ‘नर्क के द्वार’ के बारे में ?

दुनिया में कई रहस्यमयी स्थल हैं, जिनके बारे में पता लगाने में आज तक वैज्ञानिक भी नाकाम रहे हैं . ऐसी ही एक जगह है 'नर्क का द्वार.' यानि 'डोर टू हेल'. यह जगह तुर्कमेनिस्तान के देरवेज़े गाँव में स्थित है. तुर्कमेनिस्तान के देरवेज़े गाँव में धरती का नर्क का द्वार है. यहाँ पर जमीन में एक छेद है जिससे विशालकाय अग्नि की लपटे 24 घंटे निकलती रहती हैं. यह गड्ढा 70 मीटर चौड़ा है और इसकी गहराई मापी नहीं जा सकी है. इस लड़की ने यूरिनल पॉट में खाया खाना, वीडियो वायरल यह नर्क का द्वार तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात से लगभग 260 किमी दूर स्थित काराकुम रेगिस्तान के बीचों-बीच स्थित है. आग उगलते इस विशाल छेद के पीछे की एक वास्तविक कहानी छुपी हुई है इसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. इसकी खोज आज से 47 साल पहले 1971 में हुई थी. उस समय सोवियत वैज्ञानिकों की एक टीम यहाँ प्राकृतिक गैस का भंडार तलाशने आई थी. यहाँ माँ बनने के बाद ही हो पाती है शादी खुदाई करते हुए नीचे एक गैस से भरी हुए बड़ी गुफ़ा तक पहुँच गए, गुफा के नीचे की जमीन प्राकृतिक गैस का भंडार है. खुदाई के दौरान गुफा की छत नीचे गिर गई और जहरीले गैस लीक होने लगी. स्थानीय लोगों को इस गैस से परेशानी होने लगी. गैस के रिसाव को रोकने के लिए यह आग लगा दी गई. अनुमान था कि कुछ दिनों में यह आग शांत हो जाएगी. लेकिन ये आग आज तक इस गड्डे में धधक रही है. इस आग को धधकते हुए आज 47 साल हो गए हैं लेकिन कोई इसका रहस्य नहीं जान पाया.

दुनिया में कई रहस्यमयी स्थल हैं, जिनके बारे में पता लगाने में आज तक वैज्ञानिक भी नाकाम रहे हैं . ऐसी ही एक जगह है ‘नर्क का द्वार.’ यानि ‘डोर टू हेल’.  यह जगह तुर्कमेनिस्तान के देरवेज़े गाँव में स्थित है. तुर्कमेनिस्तान के देरवेज़े गाँव में धरती का नर्क का …

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FRIENDSHIP DAY: इस बार अपने दोस्तों को बांधे ये ख़ास बैंड्स

फ्रेंडशिप डे

दोस्तों दोस्ती का दिन आने वाला है जी हाँ, हम बात कर रहे हैं फ्रेंडशिप डे की. इस साल 6 अगस्त को फ्रेंडशिप डे मनाया जाने वाला है और यह दिन उन सभी के लिए बहुत ख़ास है जो अपनी दोस्ती को एक अलग ही मिशाल देना चाहते हैं. दोस्ती …

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10वीं पास यहां कमा सकते हैं 63000 रु प्रतिमाह

India Post Office 2018 में ऑफ़लाइन मोड में आवेदकों से आवेदन प्राप्त करने का प्रस्ताव रखता हैं. योग्य उम्मीदवार 07/09/2018 से पहले India Post Office में अपना आवेदन जमा कर सकते हैं. नौकरी से जुड़ी पूर्ण जानकारी आप नीचे विस्तार से जान सकते हैं. PSC Recruitment : जल्द करें आवेदन, 34000 मिलेगा वेतन रिक्ति का नाम: स्टाफ कार ड्राइवर शिक्षा की आवश्यकता: 10TH रिक्तियां: 09पोस्ट वेतन रुपये: 19900 - रुपये . 63200/- प्रति महीने अनुभव: 3-10 वर्ष नौकरी करने का स्थान: कोलकाता आवेदन करने की अंतिम तिथि: 07/09/2018 चयन प्रक्रिया: चयन इंडिया पोस्ट, India Post Office मानदंडों ​या निर्णय द्वारा लिखित परीक्षा / साक्षात्कार के आधार पर होगा। UPSC भर्ती 2018 : इन पदों पर निकली वैकेंसी, ऐसे करें आवेदन अप्लाई कैसे करें? इच्छुक उम्मीदवारों से अनुरोध है कि वे निर्धारित आवेदन पत्र भरें और इसे 07/09/2018 से पहले निम्नलिखित पते पर भेज दें। अभ्यर्थी को अंतिम तिथि से पहले उपर्युक्त पते पर पासपोर्ट आकार की तस्वीर, शैक्षिक प्रमाणपत्र, और अन्य प्रासंगिक प्रमाणपत्रों की संलग्न प्रतियों के साथ आवेदन भेजना होगा। आवेदन प्रक्रिया, योग्यता मानदंड, आयु सीमा, वेतन, प्राथमिकता, आराम और अन्य प्रासंगिक जानकारी जैसे विस्तृत जानकारी के बारे में और जानने के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें. नौकरी के लिए पता : The Senior Manager, Mail Motor Services, 139, Beleghata Road, Kolkata-700015 महत्वपूर्ण तिथियाँ : इस जॉब के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि: 07/09/2018

India Post Office 2018 में ऑफ़लाइन मोड में आवेदकों से आवेदन प्राप्त करने का प्रस्ताव रखता हैं. योग्य उम्मीदवार 07/09/2018 से पहले India Post Office में अपना आवेदन जमा कर सकते हैं. नौकरी से जुड़ी पूर्ण जानकारी आप नीचे विस्तार से जान सकते हैं. रिक्ति का नाम: स्टाफ कार ड्राइवर शिक्षा …

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PSC भर्ती : 10वीं पास जल्द करें आवेदन

Kerala PSC 2018 में ऑफ़लाइन मोड में आवेदकों से आवेदन प्राप्त करने का प्रस्ताव रखता हैं. योग्य उम्मीदवार 29/08/2018 से पहले Kerala PSC में अपना आवेदन जमा कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए आप नीचे संपर्क कर सकते है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ने निकाली 10-12वीं पास के लिए वैकेंसी रिक्ति का नाम: सुरक्षा कर्मी शिक्षा की आवश्यकता: 10TH रिक्तियां: 08पोस्ट वेतन रुपये: 5850 - रुपये . 8730/- प्रति महीने अनुभव: 3-4 वर्ष नौकरी करने का स्थान: तिरुवनंतपुरम आवेदन करने की अंतिम तिथि: 29/08/2018 चयन प्रक्रिया: चयन केरला पब्लिक सर्विस कमीशन, Kerala PSC मानदंडों या निर्णय द्वारा लिखित परीक्षा / साक्षात्कार के आधार पर होगा। 10वीं पास के लिए रेलवे ने निकाली 257 पदों पर वैकेंसी अप्लाई कैसे करें? इच्छुक उम्मीदवारों से अनुरोध है कि वे निर्धारित आवेदन पत्र भरें और इसे 29/08/2018 से पहले निम्नलिखित पते पर भेज दें। अभ्यर्थी को अंतिम तिथि से पहले उपर्युक्त पते पर पासपोर्ट आकार की तस्वीर, शैक्षिक प्रमाणपत्र, और अन्य प्रासंगिक प्रमाणपत्रों की संलग्न प्रतियों के साथ आवेदन भेजना होगा। आवेदन प्रक्रिया, योग्यता मानदंड, आयु सीमा, वेतन, प्राथमिकता, आराम और अन्य प्रासंगिक जानकारी जैसे विस्तृत जानकारी के बारे में और जानने के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें. नौकरी के लिए पता : Kerala Public Service Commission, Thulasi Hills, Pattom Palace P.O., Thiruvananthapuram 695 004 Kerala महत्वपूर्ण तिथियाँ : इस जॉब के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि: 29/08/2018

Kerala PSC 2018 में ऑफ़लाइन मोड में आवेदकों से आवेदन प्राप्त करने का प्रस्ताव रखता हैं. योग्य उम्मीदवार 29/08/2018 से पहले Kerala PSC में अपना आवेदन जमा कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए आप नीचे संपर्क कर सकते है. रिक्ति का नाम: सुरक्षा कर्मी शिक्षा की आवश्यकता: 10TH रिक्तियां: 08पोस्ट …

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