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इमरान खान को बनानी होगी गठबंधन सरकार, अभी भी अधिकृत नतीजों का इंतजार

पाकिस्तान में बुधवार को हुए आम चुनावों में क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान अहमद खान नियाजी (65) की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) को 118 सीटें हासिल हुई हैं। दो सीटों पर मतगणना अभी जारी है और दोनों पर उनकी पार्टी आगे चल रही है। 272 सदस्यीय नेशनल असेंबली की 270 सीटों के लिए चुनाव कराए गए थे, लिहाजा सरकार बनाने के लिए इमरान खान को 136 सीटों की दरकार होगी। बढ़त वाली दोनों सीटें जीतने के बावजूद उन्हें बहुमत के लिए 16 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। ऐसे में अन्य पार्टियों से गठबंधन करना उनकी मजबूरी है। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने अभी नतीजों की औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन चुनाव अधिकारियों के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नेशनल असेंबली में 62 सीटें हासिल कर दूसरे स्थान पर है। जबकि पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पुत्र बिलावल भुट्टो के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) 43 सीटें हासिल कर तीसरे स्थान पर है। उधर, स्पष्ट बहुमत के अभाव में पीटीआइ ने समर्थन जुटाने की कवायद शुरू कर दी है। हालांकि उसकी सहयोगी पीएमएल-क्यू को पांच सीटें हासिल हुई हैं और छह सीटें जीतने वाली मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) ने पहले ही इमरान को समर्थन पर रजामंदी दे दी है। लिहाजा, पीटीआइ ने बहुमत का आंकड़ा जुटाने के लिए सबसे पहले 12 निर्दलीय सदस्यों से संपर्क किया है। पार्टी को विश्वास है कि देश का 19वां प्रधानमंत्री बनने के लिए इमरान खान को उनका समर्थन प्राप्त हो जाएगा। बता दें कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की कुल सदस्य संख्या 342 है, लेकिन प्रत्यक्ष चुनाव सिर्फ 272 सीटों पर कराया जाता है। जबकि 70 सीटें निर्वाचित सीटों के अनुपात में विभिन्न पार्टियों को हासिल होती हैं। इस तरह इमरान खान की पार्टी को बहुमत के लिए 171 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। इमरान की सुरक्षा बढ़ी- पाकिस्तान का अगला प्रधानमंत्री बनने जा रहे इमरान खान को वीवीआइपी सिक्योरिटी प्रोटोकॉल प्रदान किया गया है। यह सुरक्षा पाकिस्तान में सरकार के प्रमुख को मुहैया कराई जाती है। सरकार गठन पर चर्चा- इमरान खान के बानी गाला आवास पर शुक्रवार को पीटीआइ के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक हुई। बताते हैं कि इसमें इमरान को भरोसा दिलाया गया कि पार्टी को आवश्यक समर्थन हासिल हो जाएगा। बैठक में मंत्रिमंडल गठन पर भी चर्चा हुई। सेना ने किया ट्वीट- पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि अल्लाह जिन्हें चाहता है उन्हें ही इज्जत बख्शता है। सेना के इस ट्वीट को सोशल मीडिया पर इमरान को समर्थन की पुष्टि के तौर पर देखा जा रहा है। विपक्ष में बैठेगी पीएमएल-एन- पीएमएल-एन ने अपनी कार्यसमिति की बैठक में विपक्ष में बैठने का फैसला किया है। पार्टी का कहना है कि वह मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी। पंजाब प्रांत में भी पीटीआइ सरकार के आसार- नेशनल असेंबली के साथ-साथ बुधवार को पाकिस्तान के चारों प्रातों में भी चुनाव कराए गए थे। अब तक पीएमएल-एन के प्रभुत्व में रहे पंजाब प्रांत की 297 सीटों में से पार्टी को इस बार सिर्फ 127 सीटें हासिल हुई हैं। जबकि इमरान की पीटीआइ को 123 और उसकी सहयोगी पीएमएल-क्यू को सात सीटें मिली हैं। निर्दलियों को यहां 29 सीटें मिली हैं और यहां सरकार गठन में उनकी भूमिका अहम हो गई है। हालांकि 18 निर्दलियों ने इमरान का समर्थन करने का फैसला कर लिया है, लिहाजा यहां भी पीटीआइ की सरकार बनने के आसार हैं। सिंध में पीपीपी को स्पष्ट बहुमत- सिंध प्रांत में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को स्पष्ट बहुमत हासिल हो गया है। प्रांत के 131 सदस्यीय असेंबली में पार्टी को 74, पीटीआइ को 22 और एमक्यूएम को 16 सीटें मिली हैं। खैबर पख्तूनवा में पीटीआइ को दो तिहाई बहुमत- खैबर पख्तूनवा प्रांत में इमरान खान की पार्टी पीटीआइ को दो तिहाई बहुमत मिला है। 99 सदस्यीय असेंबली में पार्टी ने 66 सीटें हासिल की हैं। 10 सीटें पाने वाली मुत्ताहिदा मजलिस ए अमल (एमएमए) यहां दूसरे स्थान पर रही। बलूचिस्तान में त्रिशंकु असेंबली- बलूचिस्तान में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। नवगठित बलूचिस्तान आवामी पार्टी (बीएपी) को 51 सदस्यीय असेंबली में सर्वाधिक 13 सीटें मिली हैं। जबकि एमएमए को नौ, बलूचिस्तान नेशनल पार्टी और निर्दलियों को पांच-पांच और पीटीआइ को चार सीटें मिली हैं।

पाकिस्तान में बुधवार को हुए आम चुनावों में क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान अहमद खान नियाजी (65) की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) को 118 सीटें हासिल हुई हैं। दो सीटों पर मतगणना अभी जारी है और दोनों पर उनकी पार्टी आगे चल रही है। 272 सदस्यीय नेशनल असेंबली की 270 …

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पाकिस्तान में PM तो बन रहे हैं इमरान, पर प्रांतों में सरकार बनाने से रह गए पीछे

क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (पीटीआई) देश के संसदीय चुनाव में अकेली सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. कुल 270 सीटों के लिए चुनाव हुआ था जिसमें से खान की पार्टी पीटीआई ने 118 सीटें जीती हैं, हालांकि वह बहुमत से दूर है और उसे सरकार बनाने के लिए छोटे दलों और निर्दलीयों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी. पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने शुक्रवार को 831 सीटों में से 730 राष्ट्रीय और प्रांतीय असेंबली के निर्वाचन क्षेत्रों के अनधिकृत परिणामों की घोषणा कर दी है. चुनाव आयोग ने अब तक 266 नेशनल असेंबली सीटों के नतीजे प्राप्त किए हैं, जबकि चार प्रांतों की 500 से अधिक प्रांतीय असेंबली सीटों के परिणाम भी मिल चुके हैं. ईसीपी को राष्ट्रीय और प्रांतीय असेंबली के निर्वाचन क्षेत्रों के 98.0 प्रतिशत अनौपचारिक परिणाम प्राप्त हुए हैं. 266 नेशनल असेंबली सीटों के प्राप्त नतीजों में से, इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ 118 सीटों पर आगे चल रही है , जबकि नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) और बिलावल भुट्टो की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने क्रमशः 64 सीटें और 43 सीटें हासिल की हैं. इसी प्रकार, मुताहिदा मजलिस अमल ने 12 सीटें और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू), बलूचिस्तान नटियोनल पार्टी, मुताहिदा क्यूमी मूवमेंट पाकिस्तान और बलूचिस्तान अवामी पार्टी को क्रमश: 4, 2, 6 और 2 सीट हासिल की हैं. पंजाब में नवाज की पार्टी आगे पंजाब विधानसभा में 297 सीटों के परिणाम प्राप्त हुए हैं. पीएमएल-एन 127 सीटों के साथ आगे चल रही है, जबकि पीटीआई के खाते में अब तक 122 सीटों आई हैं. निर्दलीय उम्मीदवारों ने 27 सीटें हासिल की हैं, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू) को 7, पीपीपी 6, बीएपी 1, पीएमएलएफ 01 और PAR ने 01 सीट जीती हैं. सिंध में भुट्टो की पार्टी आगे सिंध की 130 सीट में पीपीपी को 74 सीट, जबकि पीटीआई 23 सीट, एमक्यूएमपी 16, टीएलपी 2, एमएमए 1 और 11 सीटों पर ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलायंस जीती है. खैबर पख्तूनख्वा में इमरान की पार्टी आगे खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा में, ईसीपी ने कुल 97 सीटों में से 96 में से परिणाम प्राप्त किए जिनमें से पीटीआई ने 65 सीटें जीत ली हैं, जबकि एमएमए, एएनपी, पीएमएल-एन और पीपीपी ने क्रमशः 10, 6, 5 और 4 सीटें जीती हैं. बलूचिस्तान विधानसभा, बलूचिस्तान अवामी पार्टी, बीएनपी-एम और एमएमए ने बहुमत सीटें जीती हैं.

क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (पीटीआई) देश के संसदीय चुनाव में अकेली सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. कुल 270 सीटों के लिए चुनाव हुआ था जिसमें से खान की पार्टी पीटीआई ने 118 सीटें जीती हैं, हालांकि वह बहुमत से दूर है और …

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इमरान के खिलाफ PAK में राजनीतिक खेमेबाजी, फिर कहां से जुटाएंगे बहुमत के आंकड़े?

पाकिस्तान के संसदीय चुनाव में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. इसके चलते पाकिस्तान में एक बार फिर से राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई है. सभी राजनीतिक दल चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है और पीटीआई के खिलाफ उतर आए हैं, जिसके चलते किसी भी दल की सरकार बनती नहीं दिख रही है. पाकिस्तान के संसदीय चुनाव में PTI को 272 सीटों में से 118 सीटों पर जीत मिली है. PTI को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की वजह से उसे सरकार बनाने के लिए दूसरे दलों के समर्थन की जरूरत है. फिलहाल कोई भी राजनीतिक दल इमरान खान को समर्थन देने को तैयार नहीं है. अब सवाल यह है कि आखिर इमरान खान सरकार बनाने के लिए बहुमत के आंकड़े कहां से जुटाएंगे? सभी राजनीतिक पार्टियों ने 25 जुलाई को हुए चुनाव को सिरे से खारिज करते हुए दोबारा से पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की है. इसको लेकर इन राजनीतिक दलों ने शुक्रवार को एक संयुक्त बैठक भी की. सांसदों को संसद में घुसने की नहीं दी जाएगी इजाजत ऑल पार्टीज कॉन्फ्रेंस (APC) में कहा गया कि जब तक देश में दोबारा पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव नहीं कराए जाते हैं, तब तक इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसदों को संसद में नहीं घुसने दिया जाएगा. संसद की कार्यवाही भी नहीं चलने दी जाएगी. इस बैठक में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N), मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल (MMA), मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM-P), पाक सरजमीन पार्टी (PSP), ANP, QWP और NP ने हिस्सा लिया. इस बैठक की मेजबानी PML-N ने की. यह जनादेश की चोरी, लोकतंत्र को बंधक बनाने की इजाजत नहीं पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक इस सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता PML-N अध्यक्ष शहबाज शरीफ और MML के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने की. बैठक को संबोधित करते हुए रहमान ने कहा कि हम इस चुनाव को जनादेश नहीं मानते हैं. यह लोगों के जनादेश की चोरी है. हम चोरों (PTI के चुने हुए सांसदों) को संसद में घुसने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में किसी को लोकतंत्र को बंधक बनाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. राजनीतिक दलों के चुने गए सांसद नहीं लेंगे शपथ इस बैठक में शामिल रही राजनीतिक पार्टियों ने यह भी फैसला लिया कि उनके चुने गए सांसद शपथ नहीं लेंगे. चुनाव में धांधली के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा और दोबारा चुनाव कराने की मांग को लेकर सड़क पर उतरा जाएगा. विरोध प्रदर्शन शुरू करने के लिए तारीख का एक-दो दिन में ऐलान कर दिया जाएगा. चुनाव अधिकारियों को सेना ने बनाए रखा बंधक बैठक को संबोधित करते हुए JUI-F प्रमुख ने कहा कि संसद ने चुनाव कराने के लिए पाकिस्तान चुनाव आयोग को 20 अरब रुपये दिया था, लेकिन इतना पैसा खर्च करने के बावजूद मुल्क में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव नहीं कराए जा सके. चुनाव अधिकारियों को सेना ने बंधक बनाए रखा. उन्होंने चेताया कि चोरों (PTI के चुने हुए सांसदों) को संसद में घुसने नहीं दिया जाएगा.

पाकिस्तान के संसदीय चुनाव में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. इसके चलते पाकिस्तान में एक बार फिर से राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई है. सभी राजनीतिक दल चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है और पीटीआई के …

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भारत लाया जाएगा मेहुल चौकसी, एंटीगुआ सरकार देगी बड़ा झटका

देश की सबसे बड़े आर्थिक भगोड़े में से एक मेहुल चौकसी की मुश्किलों में लगातार इजाफा होता हुआ दिखाई दे रहा है. एक ओर जहां वह भारत न आने से तौबा कर रहा है, वहीं दूसरी ओर भारत लगातार उसे लाने पर विचार कर रहा है. ताजा ख़बरों की माने तो भारत को इसमें बड़ी सफलकता आहात लग सकती है. जहां एंटीगुआ सरकार से भारत ने संपर्क किया है, और ख़बरें मिली है कि अब एंटीगुआ सरकार चौकसी को भारत भेज सकती है. बता दे कि इस समय भगोड़ा मेहुल चौकसी मुंह छिपाए एंटीगुआ में सांस ले रहा है. ख़बरें तो यह भी मिली है कि उसने एंटीगुआ की नागरिकता भी प्राप्त कर ली है. हालांकि अब मेहुल को अपनी नागरिकता प्राप्त करने वाली एंटीगुआ सरकार खुद उसके लिए मुसीबत बनकर खड़ी हो गई है. बता दे कि मेहुल चौकसी पर भारत में हजारों करोड़ के बैंक घोटाले का आरोप है. मेहुल चौकसी इस बड़े घोटाले को अंजाम देने की बाद से ही देश से फरार हो गया था. जहां लगातार भारत को उसकी तलाश है. इससे पहले ईडी द्वारा दाखिल चार्जशीट में भी मेहुल चौकसे को पोरे घोटाले का मास्टरमाइंड बताया था.

देश की सबसे बड़े आर्थिक भगोड़े में से एक मेहुल चौकसी की मुश्किलों में लगातार इजाफा होता हुआ दिखाई दे रहा है. एक ओर जहां वह भारत न आने से तौबा कर रहा है, वहीं दूसरी ओर भारत लगातार उसे लाने पर विचार कर रहा है. ताजा ख़बरों की माने …

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15 एकड़ में बन रहा जैश का नया आतंकी सेण्टर

पाकिस्तान में इमरान खान की जीत के साथ ही कट्टरपंथियों के हौसले बुलंद हो गए हैं. हालिया खबर के अनुसार पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद एक ट्रेनिंग सेण्टर खोलने वाला है, जिसमे वो जिहाद के नाम पर कुर्बान होने के लिए आतंकियों को ट्रेन करेगा. पाकिस्‍तान के बहावलपुर में बनने वाला ये ट्रेनिंग सेण्टर 15 एकड़ में फैला होगा. सरकारी दस्‍तावेजों के अनुसार, बहावलपुर कॉम्‍प्‍लैक्‍स के लिए सीधे मसूद अजहर ने जमीन खरीदी है. जिस जगह जमीन खरीदी गई है वहां 80 से 90 लाख प्रति एकड़ के भाव हैं. जेल से नवाज़ की आवाज़, चोरी का जनादेश कमजोर करेगा देश बताया जा रहा है कि यह जैश के वर्तमान मुख्यालय से 5 गुना बड़ा होगा. जैश की इस हरकत में इमरान खान की जीत का हाथ माना जा रहा है, क्योंकि जैश ने ही चुनावों में इमरान खान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ को समर्थन दिया था और नवाज शरीफ के खिलाफ जमकर प्रचार किया था. जैश ने नवाज़ शरीफ को पाकिस्तान और इस्लाम का गद्दार भी बताया था. भूख से बिलखते अरबपतियों का देश, वेनेज़ुएला इमरान खान की जीत से कट्टरपंथियों और आतंकियों का खुश होना ये साफ़ जाहिर करता है कि उन्हें उनकी मर्ज़ी पर चलने वाला राजा मिलने वाला है. लेकिन वर्तमान में पाकिस्तान के बदलते हालात भारत के लिए चिंता का विषय है. क्योंकि जैश ए मोहम्मद पहले भी भारत पर हमले कर चुका है. आपको बता दें कि जैश का सरगना मसूद अजहर भारत की मोस्‍ट वांटेड लिस्‍ट में शामिल है. वह 2001 संसद हमले और 2016 पठानकोट हमले का मास्‍टमाइंड है, भारत उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन चीन इस रास्ते में रोड़ा बना हुआ है. अब इमरान की जीत के बाद जैश का वापिस सक्रिय होना भारत की मुश्किलें बढ़ा सकता है.

पाकिस्तान में इमरान खान की जीत के साथ ही कट्टरपंथियों के हौसले बुलंद हो गए हैं. हालिया खबर के अनुसार पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद एक ट्रेनिंग सेण्टर खोलने वाला है, जिसमे वो जिहाद के नाम पर कुर्बान होने के लिए आतंकियों को ट्रेन करेगा.  पाकिस्‍तान के …

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…तो क्या अविश्वास प्रस्ताव के बाद एक मिनट भी PM मोदी ने नहीं किया आराम

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी थकते नहीं हैं? ये सवाल कई बार आपके भी जेहन में आया होगा। अब प्रधानमंत्री थकते हैं या नहीं, इसका तो नहीं पता, लेकिन यह तो सच है कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद से वे एक मिनट के लिए भी खाली नहीं बैठे। 20 जुलाई को संसद में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान वह पूरे दिन सदन में मौजूद रहे। अविश्वास प्रस्ताव पर 11 घंटों की लंबी बहस चली, जिसके बाद मोदी सरकार ने सदन में अपना बहुमत साबित किया और देर रात तक प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शब्दों के बाण से विपक्ष पर कई तीर चलाए। इसके अलगे दिन प्रधानमंत्री यूपी के शाहजहांपुर में रैली संबोधित करते नजर आए। अविश्वास प्रस्ताव के बाद से लगातार व्यस्त है PM मोदी 1. शाहजहांपुर में रैली न माझी न रहबर, ये कैसा सफर?, कुछ ऐसे ही छोड़े मोदी ने विरोधियों पर तीर, भाषण की 10 बड़ी बातें यह भी पढ़ें 20 जुलाई, 2018 (शुक्रवार) को सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई। वोटिंग के बाद विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर गया और मोदी सरकार इस टेस्ट में पास हो गई। प्रस्ताव के पक्ष में कुल 126 मत पड़े, जबकि विपक्ष में 325 मत। 11 घंटे बहस चली और रात करीब साढ़े 11 बजे तक लोकसभा में मोदी विपक्ष के सवालों का जवाब देते दिखे और अगले ही दिन वे उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में नजर आए। 21 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी ने यहां एक विशाल किसान कल्याण रैली को संबोधित किया और जमकर विपक्षी दलों को निशाने पर लिया। अविश्वास प्रस्ताव जीतने के ठीक एक दिन बाद आम जनता से सीधे मुखातिब होकर प्रधानमंत्री मोदी ने संसद की रही सही कसर शाहजहांपुर में पूरी कर दी। वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत संपूर्ण विपक्ष पर बरसे लेकिन, मुख्य निशाने पर कांग्रेस रही। मोदी ने कहा, 'देश की जनता ने हम पर विश्वास किया लेकिन, कुछ दलों को मोदी पर विश्वास नहीं है। मैंने पूछा कि अविश्वास का कारण क्या है। वे जवाब नहीं दे पाये तो गले पड़ गये।' हम उन्हें समझा रहे थे कि लोकतंत्र में जनादेश सबसे ऊपर है। हमने कहा, जनता से उलझना ठीक नहीं है, मगर उन पर तो मोदी को हटाने का भूत सवार था। 2. अफ्रीकी देशों की यात्रा सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला स्ट्राइक कहने वालों को देश माफ नहीं करेगा: पीएम मोदी यह भी पढ़ें 23 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी तीन अफ्रीकी देशों की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए थे। ये तीन देश रवांडा, युगांडा और दक्षिण अफ्रीका थे। वे अपना दौरा संपन्न कर शनिवार सुबह (28 जुलाई) दिल्ली लौटे। अपनी यात्रा के अंतिम चरण में मोदी ने दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया था, जहां वे ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा, तुर्की के राष्ट्रपति रिकेप तायिप इर्दोगन और अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी की। उनकी यात्रा का पहला चरण रवांडा रहा, जहां वे दो दिन रहे। मोदी इस पूर्वी अफ्रीकी देश जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने। रवांडा से वे युगांडा रवाना हुए, जो 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला द्विपक्षीय दौरा था। विपक्ष पर PM मोदी का करारा प्रहार, कहा-हम चौकीदार भी, भागीदार भी, आपकी तरह सौदागर नहीं यह भी पढ़ें 3. दो दिवसीय लखनऊ दौरा अविश्वास प्रस्ताव से पहले PM मोदी बोले- लोकतंत्र के लिए अहम दिन, देश हमें देख रहा...! यह भी पढ़ें आज सुबह ही प्रधानमंत्री मोदी अपनी अफ्रीकी देशों की यात्रा खत्म कर भारत लौटे हैं और आज ही उनका लखनऊ में कार्यक्रम है। अपने दो दिवसीय लखनऊ दौरे के दौरान वे 3,800 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करेंगे। आज पहले दिन वह करीब चार घंटे लखनऊ में रहेंगे और अटल मिशन फॉर रीजुवेनेशन ऑफ अरबन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) योजना की स्मार्ट सिटी योजना की 26 और प्रधानमंत्री आवास योजना की 11 परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होने वाले कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री मोदी देर शाम 7:30 बजे लखनऊ से नई दिल्ली रवाना हो जाएंगे। इसके बाद वह कल फिर लखनऊ में जाएंगे।

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी थकते नहीं हैं? ये सवाल कई बार आपके भी जेहन में आया होगा। अब प्रधानमंत्री थकते हैं या नहीं, इसका तो नहीं पता, लेकिन यह तो सच है कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद से वे एक मिनट के लिए भी खाली नहीं बैठे। …

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राज ठाकरे के बिगड़े बोल- मुस्लिमों को अजान और नमाज पढ़ने के लिए दिए ये ‘सुझाव’

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना अध्यक्ष राज ठाकरे ने मुस्लिमों के घर से बाहर नमाज अदा करने पर विवादित बयान दिया है। गुरु पूर्णिमा के मौके पर शुक्रवार को पुणे में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं हमेशा मुस्लिमों से पूछता हूं कि आपको अजान के लिए लाउडस्पीकर की जरूरत क्यों है? आपको दिखावे की क्या जरूरत है? यदि आप नमाज करना चाहते हैं, तो इसे घर पर भी कर सकते हैं। आप क्यों सड़कों पर नमाज पढ़ने लगते हैं?' ठाकरे ने आगे कहा, 'मैं महाराष्ट्र और देश के मुसलमानों को कई बार कहता हूं कि घर में नमाज पढ़नी चाहिए। आप रास्ते में जाम क्यों लगाते हो।' ठाकरे बोले कि अगर हर कोई इस ओर ध्यान देगा तो देश में संघर्ष नहीं होगा। ठाकरे ने कहा कि सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा। अगर सभी यह समझने लगें तो देश और राज्यों में किसी तरह का विरोधाभास पैदा नहीं होगा। इस दौरान राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर चल रहे मराठाओं के आंदोलन का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि राज्य में हो रही हिंसा सरकार की नाकामी का प्रतीक है, अगर ये लोग सुरक्षा नहीं दे सकते हैं तो सत्ता संभालने का कोई हक नहीं है। जिन्हें भगा रहे थे राज ठाकरे.. अब घर के सामने बैठेंगे वही फेरीवाले यह भी पढ़ें बता दें एमएनएस के अध्यक्ष राज ठाकरे अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। पिछले वर्ष मुंबई में मराठी साइनबोर्ड न लगाने के मुद्दे को लेकर दुकानदारों के साथ हुई झड़प में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के चार कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस पर राज ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं को जमकर फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा था कि यदि कार्यकर्ता इसी तरह से मार खाते रहे तो उन्हें उनके पदों से हटा दिया जाएगा। ठाकरे ने कहा था, 'मुझे ऐसे कार्यकर्ता चाहिए जो दूसरों को पीटते हैं, खुद नहीं पिटते।'महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना अध्यक्ष राज ठाकरे ने मुस्लिमों के घर से बाहर नमाज अदा करने पर विवादित बयान दिया है। गुरु पूर्णिमा के मौके पर शुक्रवार को पुणे में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं हमेशा मुस्लिमों से पूछता हूं कि आपको अजान के लिए लाउडस्पीकर की जरूरत क्यों है? आपको दिखावे की क्या जरूरत है? यदि आप नमाज करना चाहते हैं, तो इसे घर पर भी कर सकते हैं। आप क्यों सड़कों पर नमाज पढ़ने लगते हैं?' ठाकरे ने आगे कहा, 'मैं महाराष्ट्र और देश के मुसलमानों को कई बार कहता हूं कि घर में नमाज पढ़नी चाहिए। आप रास्ते में जाम क्यों लगाते हो।' ठाकरे बोले कि अगर हर कोई इस ओर ध्यान देगा तो देश में संघर्ष नहीं होगा। ठाकरे ने कहा कि सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा। अगर सभी यह समझने लगें तो देश और राज्यों में किसी तरह का विरोधाभास पैदा नहीं होगा। इस दौरान राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर चल रहे मराठाओं के आंदोलन का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि राज्य में हो रही हिंसा सरकार की नाकामी का प्रतीक है, अगर ये लोग सुरक्षा नहीं दे सकते हैं तो सत्ता संभालने का कोई हक नहीं है। जिन्हें भगा रहे थे राज ठाकरे.. अब घर के सामने बैठेंगे वही फेरीवाले यह भी पढ़ें बता दें एमएनएस के अध्यक्ष राज ठाकरे अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। पिछले वर्ष मुंबई में मराठी साइनबोर्ड न लगाने के मुद्दे को लेकर दुकानदारों के साथ हुई झड़प में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के चार कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस पर राज ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं को जमकर फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा था कि यदि कार्यकर्ता इसी तरह से मार खाते रहे तो उन्हें उनके पदों से हटा दिया जाएगा। ठाकरे ने कहा था, 'मुझे ऐसे कार्यकर्ता चाहिए जो दूसरों को पीटते हैं, खुद नहीं पिटते।'

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना अध्यक्ष राज ठाकरे ने मुस्लिमों के घर से बाहर नमाज अदा करने पर विवादित बयान दिया है। गुरु पूर्णिमा के मौके पर शुक्रवार को पुणे में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा मुस्लिमों से पूछता हूं कि आपको अजान के लिए लाउडस्पीकर की …

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अब गठबंधन में नहीं लड़ेंगे-अमित शाह

अगले वर्ष देश में आम चुनाव होने वाले है. जिसके चलते सारी पार्टियां तैयारी कर रही है. इसी के चलते भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में हम इस बार भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा विकास एजेंडे के साथ आगे बढ़ रही है. शाह ने आगे कहा हमारे पास विकास के इतने कार्यक्रम हैं हम उससे आगे बढ़ रहे हैं. जानकारी के मुताबिक BJP इस बार 450 से 480 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. बीजिंग: भारतीय दूतावास के बाहर धमाका करने वाला गिरफ्तार भाजपा के शीर्ष पर बैठे नेताओं ने कार्यकर्ताओं को साफ तौर पर कहा कि है कि भाजपा कहीं भी बी टीम के रूप में चुनाव नहीं लड़ेगी. मतलब जहां सरकार का गठबंधन है वहां भी पार्टी दूसरे पक्ष से ज्यादा या बराबर की सीटों पर चुनाव लड़ने खड़े होगी. भूख से बिलखते अरबपतियों का देश, वेनेज़ुएला एक अखबार को दिए साक्षात्कार में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि हम ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे राजनीतिक माहौल सांप्रदायिक रंग ले. साथ ही शाह ने भी पार्टी पदाधिकारियों के साथ हाल के दिनों में हुई बैठक में अपनी रणनीति के साफ निर्देश दिए हैं. शाह की योजना के तहत 2019 में महाराष्ट्र, पंजाब, आंध्रप्रदेश के अलावा तमिलनाडु में 50 सीटें अधिक करने का है.

अगले वर्ष देश में आम चुनाव होने वाले है. जिसके चलते सारी पार्टियां तैयारी कर रही है. इसी के चलते भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में  हम इस बार भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा विकास एजेंडे के साथ आगे …

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BJP को अब भी शिवसेना से उम्मीद, अमित शाह ने फोन पर उद्धव ठाकरे को दी जन्मदिन की बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने फोन करके जन्मदिन की बधाई दी है. कल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उद्धव ठाकरे को ट्वीट कर बधाई दी थी. बताया जा रहा है राहुल ने फोन पर भी कल पहली बार उद्धव ठाकरे से बात की थी. बता दें कि कुछ दिन पहले विपक्ष की तरफ से मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बाद से शिवसेना और बीजेपी में कुछ ठीक नहीं चल रहा है. संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का शिवसेना ने बहिष्कार कर दिया था. अमित शाह की उद्धव ठाकरे को बधाई देने के पीछे कई मायने निकाले जा रहे हैं. दरअसल कुछ दिन पहले ही अमित शाह ने महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ने की बात कही थी. सूत्रों के मुताबिक, शाह ने मुंबई में कार्यकर्ताओं के साथ बैठकों में साफ कर दिया था कि लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी करें. गौरतलब है कि अमित शाह ने इसी साल जून में मुंबई जाकर मातोश्री में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी. राहुल गांधी ने उद्धव ठाकरे को जन्मदिन की बधाई दी, जानें क्या हैं मायने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव तो टीडीपी लेकर आई थी, लेकिन इस प्रस्ताव ने एनडीए के बीच अविश्वास की खाई को और गहरा कर दिया. शिवसेना ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मोदी सरकार के साथ न खड़े होकर बीजेपी-शिवसेना के बीच चल रहे खटास भरे संबंधों को और भी खट्टा कर दिया. पार्टी नेतृत्व सीधे तौर पर इस मामले से जुड़ा है, लिहाजा बाकी नेता खुलकर नहीं बोल रहे. बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 23 और शिवसेना ने 18 लोकसभा सीटें जीती थी. विधानसभा चुनाव आते-आते बीजेपी ने मोदी लहर के दम पर सालों पुराने गठबंधन में ज़्यादा सीटों की मांग की और दोनों पार्टी 25 साल बाद अलग-अलग चुनाव लड़ी. बीजेपी को 122 विधानसभा सीटों पर जीत मिली और शिवसेना को 63 सीटों पर जीत हासिल हुई. हालांकि, बाद में शिवसेना ने बीजेपी को समर्थन का एलान कर दिया और गठबंधन सरकार में शामिल भी हुई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने फोन करके जन्मदिन की बधाई दी है. कल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उद्धव ठाकरे को ट्वीट कर बधाई दी थी. बताया जा रहा है राहुल ने फोन पर भी कल …

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दिल्ली: गो-रक्षा के नाम पर लोगों की हत्याओं के बीच 48 गायों की भूख और बीमारी से मौत

गो-रक्षा के नाम पर लोगों की हत्या की खबरों के बीच दिल्ली में ऐसी घटना हुई है जो आपका दिल दहला सकता है. राष्ट्रीय राजधानी के धूमनहेड़ा स्थित एक गोशाला में खाने की कमी और बीमारियों की वजह से कम से कम 48 गायों की मौत हो गई. कल तक 36 गायों के मरने की खबर थी. गायों के मरने के बाद गोशाला में कई दिनों तक शव पड़ा रहा. खबर दिखाए जाने के बाद आज एमसीडी की टीम शवों को उठाने पहुंची. केजरीवाल सरकार ने गोशाला में डॉक्टरों की टीम भेजी है. सुबह एमसीडी के सफाई कर्मचारी मौके पर तैनात दिखे. खाने-पीने को लेकर खल-चारा मंगाया गया. एबीपी न्यूज़ जब पूरे मामले की तहकीकात करने पहुंची तो गोशाला संचालकों ने अंदर जाने से रोका. गांव वालों ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि अगर पहले गोशाला में साफ सफाई हुई होती तो आज ये तस्वीर नहीं होती. आपको बता दें कि गोशाला की देख रेख करने वालों के बीच विवाद चल रहा है. आश्रम की देख रेख की ज़िम्मेदारी गुरु छाया नाम की महिला की थी जिसपर विवाद है कि पैसे ग़बन करती गयी. 2015 से अश्रम की देखभाल कर रहे श्यामा ने कहा कि गांववालों से विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने आश्रम की देखरख गत 15 जुलाई को छोड़ दी थी. अलवर लिंचिंग: रकबर के दोस्त का दावा, गो-रक्षकों की भीड़ 'बीजेपी MLA हमारे साथ है' चिल्ला रही थी इतनी बड़ी संख्या में गायों की मौत ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में गोरक्षा के नाम पर राजस्थान के अलवर में रकबर खान की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस भी सवालों के घेरे में है. 2017 से लेकर अब तक गो-रक्षा के नाम पर 34 लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर चुकी है और 69 केस दर्ज किये गये हैं

गो-रक्षा के नाम पर लोगों की हत्या की खबरों के बीच दिल्ली में ऐसी घटना हुई है जो आपका दिल दहला सकता है. राष्ट्रीय राजधानी के धूमनहेड़ा स्थित एक गोशाला में खाने की कमी और बीमारियों की वजह से कम से कम 48 गायों की मौत हो गई. कल तक …

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