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राहुल-मोदी के मिलन पर शिवसेना की चुटकी कहा- भाई तू तो छा गया…

संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर कल चली बहस के बीच राहुल गांधी ने जो कुछ भी किया उस पर उनकी आलोचना और तारीफें बराबर हो रही हैं. कोई उन्हें इस काम के लिए जमकर कोस रहा हैं तो कोई उनका समर्थन भी जमकर कर रहा हैं. बाबा रामदेव ने भी इस पर राहुल की तारीफ की. वहीं अब भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी इस पर चुटकी लेते हुए राहुल की तारीफ़ की है. उजागर हुआ राहुल का राज संसद में क्यों मारी थी आंख शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में राहुल की तारीफ़ की है. जहां उन्होंने मुखपत्र के पहले पन्‍ने की हेडलाइन में लिखा है-'भाई, तू तो छा गया...' साथ ही राहुल के भाषण में 'देश के चौकीदार कहनेवाले उद्योगपतियों के भागीदार बन गए हैं...' जुमले को भी हाईलाइट किया गया है. बता दे कि अविश्वास प्रस्ताव में फ़िलहाल मोदी सरकार पास हो गई है. यह भी बता दे कि अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में शिवसेना ने हिस्सा नही लिया था. राहुल की झप्पी के मुरीद हुए रामदेव गौरतलब है कि राहुल ने कल लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर अपने भाषण की समाप्ति के बाद पीएम मोदी की सीट पर जाकर उन्हें गले लगाया था. यहां कुछ समय के लिए मोदी थोड़े सख्त नजर आए. लेकिन बाद में उन्होंने राहुल को पुनः बुलाकर उनसे हाथ मिलाया और उनकी पीठ थपथपाई. यहां तक सब ठीक रहा. लेकिन जब राहुल गांधी अपनी सीट पर जाकर बैठे तब उन्होंने अपने कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें थम्स अप किया. इस पर राहुल ने हंसते हुए उनके आंख मार दी.

संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर कल चली बहस के बीच राहुल गांधी ने जो कुछ भी किया उस पर उनकी आलोचना और तारीफें बराबर हो रही हैं. कोई उन्हें इस काम के लिए जमकर कोस रहा हैं तो कोई उनका समर्थन भी जमकर कर रहा हैं. बाबा रामदेव ने भी …

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अविश्वास प्रस्ताव के बहाने राहुल-मोदी ने तैयार की 2019 की पिच, छाए रहेंगे ये मुद्दे

साल 2014 में मोदी सरकार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई थी. चार सालों के कार्यकाल में मोदी सरकार को पहली बाद अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा. सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में गिर गया है. सरकार को 325 वोट मिले और विपक्ष के खाते में सिर्फ 126 वोट आए. विपक्ष ने पहले ही कह दिया था कि हमारा मकसद सरकार को हराना नहीं, बल्कि उसकी पोल खोलना है. हुआ भी वही. राहुल गांधी ने कल जिस अंदाज में मोदी सरकार पर हमला बोला, उससे बीजेपी तिलमिला गई. हालांकि रात होते-होते पीएम मोदी ने अपने भाषण में राहुल के सभी आरोपों का खंडन कर दिया. अविश्वास प्रस्ताव के बहाने मोदी सरकार ने देश के सामने अपनी बात रख दी और चार साल के काम की उपलब्धियां देश को बताने का उसे बड़ा मौका भी मिल गया. मनोवैज्ञानिक तौर पर सरकार ने साबित कर दिया कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के सामने कोई नहीं टिकेगा. इतना ही नहीं अविश्वास प्रस्ताव के बहाने बीजेपी यह भी समझ गई है कि शिवसेना और बीजेडी जैसे बड़े क्षेत्रीय दल 2019 में उसका साथ देंगे, ये भी असंभव लग रहा है. कल लोकसभा में राहुल गांधी के बयान से तय हो गया है कि साल 2019 का चुनाव 2014 के चुनाव की तरह राहुल बनाम मोदी के धर्रे पर ही लड़ा जाएगा. राहुल का ये बयान सदन में दिए गए उनके पिछले बयानों से काफी अलग भी था और आक्रामक भी. अविश्वास प्रस्ताव को 2019 में भुनाएगी मोदी सरकार साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी सरकार का प्रचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अविश्वास प्रस्ताव के रूप में नया हथियार मिल गया है. पीएम मोदी ये बात पहले से जानते कि अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा लेकिन विपक्ष को घेरने का मौका मिल जाएगा. सरकार आने वाले लोकसभा चुनाव के प्रचार प्रसार में जनता के सामने जोर शोर से अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष की हार का जिक्र करेगी. पीएम मोदी ने यह बात कही भाषण में भी कही, ''मैं समझता हूं कि ये अच्छा मौका है कि हमें तो अपनी बात रखने का मौका मिला. इसके साथ ही देश को ये देखने को भी मिला है कि कैसे नकारात्मक राजनीति ने कुछ लोगों को घेर कर रखा है.’’ 2019 ही नहीं 2024 में भी बनेगी सरकार- मोदी राहुल गांधी के आरोपों पर कल पीएम मोदी ने 2024 लोकसभा चुनाव तक का जिक्र कर दिया. पीएम मोदी ने कहा, ''आजकल शिव भक्ति की बात हो रही हैं, मैं भगवान शिव और देश की जनता से प्रार्थना करता हूं कि आपको इतनी शक्ति दें कि 2024 में फिर से आप अविश्वास प्रस्ताव ले आएं. मेरी आपको शुभकामनाएं हैं.'' पीएम मोदी ने ये बात राहुल के उस बयान पर कही थी जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी, बीजेपी और आरएसएस ने मुझे हिंदू होने का मतलब समझाया है. भाषण खत्म करते करते राहुल ने यह भी कहा था कि साल 2019 के चुनाव में पूरा विपक्ष मिलकर मोदी सरकार को शिकस्त देगा. महागठबंधन पर सवाल खड़े करना मोदी की रणनीति पिछले कई लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में बीजेपी को महागठबंधन से टक्कर मिली है. एक जुट विपक्ष साल 2019 में सरकार के लिए कोई मुसीबत ना खड़ी कर दे इसलिए मोदी ने महागठबंधन पर हमला करते हुए कहा, ''कहा जा रहा है कि 2019 में अगर कांग्रेस सबसे बड़ा दल बनती है तो मैं (राहुल गांधी) प्रधानमंत्री बनूंगा लेकिन, दूसरों की भी ढेर सारी ख्वाहिशें हैं, उनका क्या होगा? इसे लेकर भ्रम की स्थिति है. ये सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं है. कांग्रेस के तथाकथित साथियों का टेस्ट है, मैं ही प्रधानमंत्री बनूंगा, इस सपने का फ्लोर टेस्ट है.’’ राहुल के भाषण से तय हुए साल 2019 के मुद्दे! वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण से काफी हद तक तय़ हो गया है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष के क्या मुद्दे रहने वाले हैं. राहुल ने कल अपने भाषण में डोकलाम, राफेल डील जैसे मामलों पर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया. इतना ही नहीं किसान, रोजगार, महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर राहुल ने खुलकर अपने तेवर दिखाए और मोदी सरकार को याद दिलाया कि जो वादे आपने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में किए थो वो अभी तक पूरे नहीं हुए हैं. राफेल डील भ्रष्टाचार को लेकर राहुल ने पीएम मोदी को कटघरे में लाने की कोशिश की. उन्होंने कहा, ''हमारी यूपीए की डील में राफेल हवाई जहाज का दाम 520 करोड़ रुपये प्रति हवाई जहाज था. पता नहीं क्या हुआ किससे बात हुई, प्रधानमंत्री जी फ्रांस गए, वहां किसके साथ गए पूरा देश जानता है. इसके बाद जादू से हवाई जहाज का दाम 1600 करोड़ रुपये हो गया. मैं खुद फ्रांस के राष्ट्रपति से मिला और मैंने उनसे ये पूछा कि क्या ऐसा कोई समझौता फ्रांस और भारत की सरकार में है? फ्रांस के राष्ट्रपति ने बताया कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ. उन्होंने मुझे कहा कि अगर आप पूरे देश को बताते हैं तो हमें कोई ऐतराज नहीं है. प्रधानमंत्री के दबाव में आकर निर्मला सीतारमण जी ने देश से झूठ बोला है.'' रोजगार साल 2019 के लोकसभा चुनाव में युवाओं को रोजगार का मुद्दा भी छाया रहेगा. राहुल ने कल इसको लेकर कहा था, ''5 लाख रुपए औऱ रोजगार देने का वादा सिर्फ जुमला है. प्रधानमंत्री जहां भी जाते हैं रोज़गार की बात करते हैं. कभी कहते हैं पकौड़े बनाओ कभी कहते हैं दुकान खोलो. रोज़गार कौन लायेगा? हिन्दुस्तान के युवाओं ने प्रधानमंत्री जी पर भरोसा किया था. अपने भाषण में प्रधानमंत्री जी ने कहा था हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोज़गार दूंगा.’’ कारोबारी बनाम किसान राहुल गांधी ने संसद में कारोबारियों और किसानों का मुद्दा आक्रामक ढंग से उठाया. . जो दस बीस बिजनेस मैन हैं उनकी ये मदद करते हैं लेकिन जो छोटे दुकानदारों, गरीबों और किसानों के दिल में है उसके लिए इनके दिल में थोड़ी सी भी जगह नहीं है. मोदी सरकार को किसानों का कर्जा माफ करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने करोड़पतियों के कर्जे माफ कर दिए. प्रधानमंत्री ने किसानों को नजरंदाज करते हुए अपने कारोबारी मित्रों को फायदा पहुंचाया है. लिंचिंग लिंचिंग का जिक्र करते हुए राहुल ने दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर मोदी पर हमला बोला. साफ है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस हर तबके को साधने में जुट गई है. जय शाह के बहाने अमित शाह पर निशाना राहुल गांधी ने अमित शाह के बेटे जय शाह की आमदनी का मुद्दा उठाते हुए कहा, ''प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि मैं देश का चौकीदार हूं मगर जब अमित शाह के पुत्र जय शाह ने 16000 गुना अपनी आमदनी को बढ़ाता है तो प्रधानमंत्री के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता.'' जाहिर है राहुल आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मोदी सराकर को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते. जय शाह मामले का शोर इन चुनावों में भी सुनने को मिलेगा.

साल 2014 में मोदी सरकार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई थी. चार सालों के कार्यकाल में मोदी सरकार को पहली बाद अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा. सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में गिर गया है. सरकार को 325 वोट मिले और विपक्ष के खाते …

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कोलेजियम ने सरकार को दोबारा भेजा जस्टिस केएम जोसेफ का नाम

सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने सरकार की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाए जाने की दोबारा सिफारिश कर दी है। इसके साथ ही कोलेजियम ने दो और न्यायाधीशों इंदिरा बनर्जी और विनीत सरन को भी सुप्रीम कोर्ट जज बनाने की सिफारिश भेजी है। जस्टिस बनर्जी मद्रास हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश हैं और जस्टिस सरन उड़ीसा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं। जस्टिस केएम जोसेफ का नाम लंबे समय से कोलेजियम और सरकार के बीच टकराव की वजह बना है। सरकार ने जस्टिस जोसेफ की वरिष्ठता पर सवाल उठाते हुए पुनर्विचार के लिए वापस भेज दी थी। लेकिन कोलेजियम की ओर से दोबारा की गई सिफारिश सरकार पर बाध्यकारी है। कोलेजियम ने जस्टिस अनिरुद्ध बोस को दिल्ली हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने के मुद्दे पर सरकार से टकराव टाल दिया है। पहले कोलेजियम ने जस्टिस अनिरुद्ध बोस को दिल्ली हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी लेकिन सरकार ने सिफारिश पुनर्विचार के लिए वापस भेज दी थी। अब उन्हें दिल्ली के बजाए झारखंड हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की गई है। जबकि पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन को दिल्ली हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की है। दिल्ली की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल को जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा वीके ताहिलरमानी को मद्रास हाई कोर्ट, ऋषिकेश राय को केरल हाई कोर्ट, केएस झावेरी को उड़ीसा और एमआर शाह को पटना हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की गई है। कोलेजियम ने जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की दोबारा सिफारिश करते हुए कहा है कि उसने सरकार की ओर से भेजे गए 26 और 30 अप्रैल के दोनों पत्रों में उठाई गई आपत्तियों पर गहनता से विचार किया है। कोलेजियम सारे पहलुओं पर गौर करने के बाद अपनी सिफारिश दोहराती है। विशेषतौर पर इस बात को देखते हुए कि जोसेफ की उपयुक्तता के बारे में सरकार ने कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है। कोलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट के लिए दो और नामों की सिफारिश करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में कुल 31 पद मंजूर हैं जबकि अभी सिर्फ 22 जज ही काम कर रहे हैं और नौ पद खाली हैं। कोलेजियम ने जिन दो जजों की और सिफारिश की है उनमें जस्टिस इंदिरा बनर्जी हाई कोर्ट जजों की आल इंडिया वरिष्ठता में चौथे नंबर पर आती हैं और जस्टिस विनीत सरन वरिष्ठता में पांचवें नंबर पर आते हैं। जस्टिस बनर्जी मूल रूप से कलकत्ता हाई कोर्ट की हैं जबकि सरन मूलतः इलाहाबाद हाई कोर्ट के हैं। उधर सरकार के सूत्र बताते हैं कि सरकार हाई कोर्ट में खाली पड़े जजों के पदों को लेकर गंभीर है और इस वर्ष अभी तक सरकार 93 नामों की सिफारिश कोलेजियम को भेज चुकी है। इसके अलावा अगले सप्ताह तक लगभग 33 नामों की और सिफारिश भेजी जा सकती है इस तरह इस वर्ष भी कुल 126 सिफारिशें हो जाएंगी जो कि पिछले वर्ष की अधिकतम नियुक्ति की संख्या को पार कर सकती हैं।

सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने सरकार की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाए जाने की दोबारा सिफारिश कर दी है। इसके साथ ही कोलेजियम ने दो और न्यायाधीशों इंदिरा बनर्जी और विनीत सरन को भी सुप्रीम कोर्ट जज …

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अविश्वास प्रस्ताव: 328 सांसदों ने दिया था भरोसा, पर आखिरी पलों में ये 3 सांसद मोदी को दे गए दगा

शुक्रवार को दिन भर की मैराथन बहस के बाद जब अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई तो जो नतीजा स्क्रीन पर फ्लैश हुआ वो मोदी सरकार की धमक का बखान कर गया. लेकिन इस बीच भाजपा के तीन सांसदों ने वोट नहीं दिया. दरअसल, अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में यानी सरकार के पक्ष में 325 वोट गिरे जबकि अविश्वास के समर्थन यानी सरकार के विरोध में सिर्फ 126 वोट गिरे. बता दें कि सदन में सिर्फ 451 सांसद मौजूद थे. यानी जितने सांसद मौजूद थे उसे देखते हुए सरकार ने दो तिहाई का आंकड़ा पार कर लिया. आंकड़ों के लिहाज से ये मोदी सरकार की दमदार जीत मानी जाएगी. बीजेपी समर्थक 3 सांसदों ने नहीं डाला वोट बीजेपी के पास सदन में 328 सांसदों का आकड़ा था और उनके पक्ष में 325 वोट गिरे. ऐसे में सवाल उठता है कि वो तीन सांसद कौन हैं जिन्होंने वोट नहीं दिया. हालांकि, इसका पता अभी नहीं चल पाया है. अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान सदन में एनडीए सरकार के पक्ष में कुल 328 सांसद थे. इनमें बीजेपी के 271 सांसद, एआईएडीएमके के 37 सांसद, एलजेपी के 6 सांसद, अकाली दल के 4 सांसद, जेडीयू के 2 सांसद, आरएलएसपी के 2 सांसद और अपना दल के 2 सांसद मौजूद रहे. वहीं, रिपब्लिकन पार्टी , नागा पीपुल फ्रंट, नेशनल पीपुल पार्टी और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के 1-1 सांसदों ने भी सरकार के पक्ष में वोट किया. ऐसे में सरकार के पक्ष में डाले गए वोटों का आंकड़ा 328 होना चाहिए था. ऐसे में वो 3 सांसद कौन हैं जिन्होंने वोट नहीं दिया, इसका पता अभी नहीं चल पाया है.

शुक्रवार को दिन भर की मैराथन बहस के बाद जब अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई तो जो नतीजा स्क्रीन पर फ्लैश हुआ वो मोदी सरकार की धमक का बखान कर गया. लेकिन इस बीच भाजपा के तीन सांसदों ने वोट नहीं दिया. दरअसल, अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में यानी सरकार …

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एक और लिंचिंग: अलवर में गो तस्करी के आरोप में शख्स की पीट-पीटकर हत्या

राजस्थान के अलवर में गो तस्करी के आरोप में एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. घटना रामगढ़ थाना क्षेत्र के लालवंडी गांव की है. मृतक का नाम अकबर खान है और वह हरियाणा के कोलगांव का रहने वाला है. जानकारी के मुताबिक मृतक दो गायों को लेकर जा रहा था. पुलिस ने शव को शवगृह में रखवा दिया है. आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों से पीट-पीटकर हत्या करने के कई मामले सामने आए हैं. भीड़ द्धारा हत्या किए जाने के मामले पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला भी सुनाया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि कोई भी अपने हाथ में कानून नहीं ले सकता है. देश में भीड़तंत्र की इजाजत नहीं दी जा सकती है. लोकसभा में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉब लिंचिंग की कड़ी निंदा की. उन्होंने राज्य सरकारों से ऐसी घटनाओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की अपील की. वहीं इसपर लोकसभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया था. शुक्रवार को लोकसभा में बयान देते हुए राजनाथ ने कहा था कि देश में मॉब लिंचिंग की सबसे बड़ी घटना 1984 में हुई थी. इससे पहले उन्होंने कहा कि लिंचिंग की घटनाएं पहले भी होती रही हैं. इन घटनाओं पर कार्रवाई करने का काम राज्य सरकारों का है. उन्होंने कहा कि यह सच है कि देश में कई जगह लिंचिंग की घटनाएं होती रही हैं. जिसमें कई लोगों की जानें गई हैं. इस दौरान मारे वाले लोगों संख्या किसी भी सरकार के लिए चिंता का विषय है. SC ने राज्य सरकारों को दिया सख्त आदेश सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को सख्त आदेश दिया कि वो संविधान के मुताबिक काम करें. साथ ही राज्य सरकारों को लिंचिंग रोकने से संबंधित गाइडलाइंस को चार हफ्ते में लागू करने का आदेश दिया. अदालत ने कहा कि सरकारें हिंसा की इजाजत नहीं दे सकती हैं. लिहाजा इसको रोकने के लिए विधायिका कानून बनाए. बता दें कि गोरक्षा के नाम पर हो रही भीड़ की हिंसा पर रोक लगाने के संबंध में दिशानिर्देश जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी.

राजस्थान के अलवर में गो तस्करी  के आरोप में एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. घटना रामगढ़ थाना क्षेत्र के लालवंडी गांव की है. मृतक का नाम अकबर खान है और वह हरियाणा के कोलगांव का रहने वाला है. जानकारी के मुताबिक मृतक दो गायों को लेकर जा …

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अगस्ता हेलिकॉप्टर डील पर सीबीआई का बड़ा बयान

विवादित अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे मामले में एक नया मोड़ आया है, मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को अपना बयां जारी करते हुए कहा है कि उसने सौदे में बिचोलिये की भूमिका निभा रहे क्रिस्चियन मिशेल से इस मामले में कोई पूछताछ नहीं की है. मिशेल पिछले साल यूएई में गिरफ्तार किए गए थे, तथा अभी प्रत्यर्पण कर भारत लाए जाने की कार्यवाही का सामना कर रहे हैं. अगस्ता हेलिकॉप्टर डील: मिशेल की वकील का सोनिया को लेकर बड़ा खुलासा गौरतलब है कि मिशेल के वकील ने दावा किया है कि उनके क्लाइंट पर भारत और यूएई के अधिकारी अपराध कबूल करने एक लिए दबाव बना रहे हैं. मिशेल के वकील ने ये आरोप भी लगाया है कि उनके क्लाइंट पर सोनिया गाँधी का नाम लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. हालाँकि मामले कि जांच कर रही सीबीआई ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है, सीबीआई का कहना है कि उनके अधिकारीयों ने मिशेल से कोई पूछताछ नहीं की है. दारुल उलेमा का एक और अजीब फ़तवा इस बारे में बयान देते हुए सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा है कि मिशेल पिछले साल गिरफ्तार किए गए थे, इस साल नहीं, जैसा की उनके वकील बता रहे हैं. अभिषेक दयाल ने कहा कि सीबीआई की टीम ने भगोड़े से न तो यूएई में पूछताछ की और ना ही कबूलनामे के लिये उन्हें प्रभावित किया. भगोड़े के खिलाफ प्रत्यर्पण कार्यवाही यूएई में चल रही है और प्रत्यर्पण का आग्रह किया जा रहा है.’’

विवादित अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे मामले में एक नया मोड़ आया है, मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को अपना बयां जारी करते हुए कहा है कि उसने सौदे में बिचोलिये की भूमिका निभा रहे क्रिस्चियन मिशेल से इस मामले में कोई पूछताछ नहीं की है. …

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हम तो डूबे हैं सनम तुम्हें भी लेकर डूबेंगे : पीएम मोदी बनाम कांग्रेस

हम तो डूबे हैं सनम तुम्हें भी लेकर डूबेंगे : पीएम मोदी बनाम कांग्रेस

लोकसभा में विपक्ष के द्वारा रखे गए अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया और कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव हमारे लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण शक्ति का परिचय देता है और कुछ माननीय सदस्यों ने प्रस्ताव का समर्थन भी किया है लेकिन कुछ सदस्य ऐसे भी है जिन्होंने …

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राशिफल 21 जुलाई: बिजनेस और जॉब में मनमाफिक काम होंगे, दोस्तों की बात मानें

जानिए 21 जुलाई, शनिवार का राशिफल... ARIES (21 मार्च – 19 अप्रैल): स्‍वास्‍थ्‍य की ओर ध्‍यान दें अन्‍यथा कष्‍ट झेलना पड़ सकता है। उच्‍चाधिकारी वर्ग से अच्‍छा संपर्क रहेगा। परिवार में किसी आयोजन की रुपरेखा बनेगी। मन प्रसन्‍न रहेगा। ईश्‍वर के प्रति आस्‍था बढ़ेगी। TAURUS (20 अप्रैल – 20 मई): मित्रों का वांछित सहयोग नहीं मिल पाएगा। पति पत्‍नी के बीच गलतफहमी हो सकती है। नए संपर्कों का लाभ मिलेगा। अचानक धन प्राप्ति के योग हैं। परिवारजनों से सहयोग मिलेगा। GEMINI (21 मई – 20 जून): समय के साथ हालत बेहतर होती जाएगी। व्‍यापार में अपेक्षित लाभ होगा। आत्‍मविश्‍वास व मनोबल में बढ़ोतरी होगी। कोर्ट कचहरी में विजय प्राप्‍त होगी। संतान की किसी उपलब्धि से प्रसन्‍नता बढ़ेगी। CANCER (21 जून – 22 जुलाई): पैतृक संपत्ति प्राप्‍त होने के आसार हैं। अधिकारी वर्ग आपको नई जिम्‍मेदारी सौंप सकते हैं। किसी नवीन कार्य की योजना बनेगी। किसी शादी, पार्टी में जाने के अवसर मिलेंगे। सिरदर्द की समस्‍या हो सकती है। LEO (23 जुलाई – 22 अगस्त): मित्रों की सलाह काम आएगी। घर के बुजुर्गों के स्‍वास्‍थ्‍य की चिंता रहेगी। पुराना रुका हुआ पैसा मिलेगा। वाणी व क्रोध पर नियंत्रण रखें। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। यात्रा शुभ। VIRGO (23 अगस्त– 22 सितंबर): विद्यार्थी मन लगाकर पढ़ाई करें अन्‍यथा परिणाम खराब हो सकता है। किसी अप्रिय घटना के घटित होने का अंदेशा है। यात्रा के दौरान चोरी, दुर्घटना का भय है। उच्‍चाधिकारी सहयोग करेंगे। परिवार में खुशहाली रहेगी। LIBRA (23 सितंबर– 22 अक्टूबर): विद्यार्थियों के लिए समय श्रेष्‍ठ है। व्‍यापारिक समस्‍याओं का निपटारा अपनी चतुराई से कर लेंगे। समाज में मान सम्‍मान बढ़ेगा। जीवनसाथी की भावनाआें को समझेंगे। शत्रु पक्ष सक्रिय रहेगा। SCORPIO (23 अक्टूबर – 21 नवंबर): प्रेम प्रसंगों में सफलता मिलेगी। मित्रगण मददगार साबित होंगे। अनायास धनप्राप्ति के आसार हैं। भौतिक सुख सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। परिश्रम से सफलता प्राप्‍त होगी। सेहत उत्‍तम। SAGITTARIUS (22 नवंबर– 21 दिसंबर): हाथ में आया हुआ पैसा अटक जाएगा। व्‍यापार, नौकरी में स्थितियां अनुकूल रहेंगी। सहयोगियों से आशानुरुप समर्थन मिलेगा। पत्‍नी व बच्‍चों के साथ घूमने जा सकते हैं। आलस्‍य का अनुभव करेंगे। CAPRICORN (22 दिसंबर – 19 जनवरी): दूसरों पर अत्‍यधिक विश्‍वास न करें। आपका व्‍यवहार नरम रखें। मौसमी बीमारियां परेशान कर सकती हैं। कोर्ट कचहरी के मामलों से दूर रहें। व्‍यापार में अप्रत्‍याशित लाभ की संभावना है। यात्रा शुभ। AQUARIUS (20 जनवरी – 18 फरवरी): जीवन के प्रति निराशा का भाव रहेगा। मित्रों के साथ सुख दुख साझा करेंगे। प्रेमियों के बीच प्रेम व प्रसन्‍नता रहेगी। विद्यार्थियों को उच्‍च शिक्षा के लिए विदेश जाने के अवसर मिलेंगे। निवेश न करें। PISCES (19 फरवरी – 20 मार्च): आध्‍यात्‍म में रुचि बढ़ेगी। प्रेम संबंधों में मजबूती आएगी। विद्यार्थियों को विध्‍याध्‍ययन के लिए विदेश जाने के अवसर मिल सकते हैं। घनिष्‍ठ मित्रों का सहयोग मिलेगा। किसी से उपहार मिल सकता है।

जानिए 21 जुलाई, शनिवार का राशिफल… ARIES (21 मार्च – 19 अप्रैल): स्‍वास्‍थ्‍य की ओर ध्‍यान दें अन्‍यथा कष्‍ट झेलना पड़ सकता है। उच्‍चाधिकारी वर्ग से अच्‍छा संपर्क रहेगा। परिवार में किसी आयोजन की रुपरेखा बनेगी। मन प्रसन्‍न रहेगा। ईश्‍वर के प्रति आस्‍था बढ़ेगी। TAURUS (20 अप्रैल – 20 मई): …

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HIV पॉजिटिव ब्लड से बनी लेडी डायना की तस्वीर

ब्रिटेन की राजकुमारी लेडी डायना की मृत्यु को 21 साल हो चुके हैं, प्रिंस चार्ल्स को तलाक देने के पांच साल बाद 1997 में जब लेडी डायना की मौत हुई तो वो शाही परिवार की सबसे मशहूर शख्सियत थीं. एक कर हादसे में उनकी मौत हुई थी, लेकिन दुनिया छोड़ने के इतने सालों बाद भी लेडी डायना एक बार फिर सुर्ख़ियों में आ गई हैं, वजह है उनकी पेंटिंग, जो कि HIV पॉजिटिव ब्लड से बनाया गया है. यह पोट्रैट कोनोर कोलिन्स ने बनाया है. दरअसल, 1987 में ब्रिटेन की राजकुमारी ने एक HIV पॉजिटिव व्यक्ति से हाथ मिलाया था, इसके बाद उन्होंने उस पीड़ित व्यक्ति को एक स्पेशल मैसेज भी भेजा था. लेडी डायना खुद एड्स के प्रति बनी रूढ़िवादी सोच को तोडना चाहती थी, वे इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना चाहती थी. राजकुमारी के इसी मैसेज को आगे बढ़ने के लिए उनके इस पोट्रैट को HIV पॉजिटिव ब्लड से बनाया गया है, साथ ही इसमें डाइमंड डस्ट का भी इस्तेमाल किया गया है. पोट्रैट बनाने वाले कोलिन्स का कहना है कि बरसों पहले जब राजकुमारी ने पीड़ित व्यक्ति से हाथ मिलाया था, तब भी दुनिया को काफी हैरानी हुई थी और आज भी दुनिया में इस बीमारी को घृणा के रूप में देखा जाता है, हमें इस तरह की सोच को तोडना होगा, क्योंकि पीड़ित व्यक्ति भी हमारी तरह इंसान ही हैं.

ब्रिटेन की राजकुमारी लेडी डायना की मृत्यु को 21 साल हो चुके हैं, प्रिंस चार्ल्स को तलाक देने के पांच साल बाद 1997 में जब लेडी डायना की मौत हुई तो वो शाही परिवार की सबसे मशहूर शख्सियत थीं. एक कर हादसे में उनकी मौत हुई थी, लेकिन दुनिया छोड़ने …

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विपक्ष मे अहंकार पैदा हो गया है-राजनाथ

आज संसद के मानसून सत्र मे अपनी बात रखते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 15 साल बाद किसी सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाया गया है. जब कांग्रेस 10 साल तक सत्‍ता में थी तो हम कभी भी सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव नहीं लेकर आए थे क्‍योंकि हम समझते हैं कि कांग्रेस के पास जनता का समर्थन है. मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर बहस के दौरान कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की अहमियत होती है. विपक्ष मे अहंकार पैदा हो गया है. लोकतंत्र का सम्‍मान होना चाहिए. लेकिन बिना किसी पुख्‍ता कारण के विपक्ष अविश्‍वास प्रस्‍ताव ला रहा है. राहुल ने मोदी को गले लगाया: सदन का अविस्मरणीय नजारा जो शायद नहीं दिखेगा दोबारा राजनाथ सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री का कहना है कि लोकतंत्र का सम्‍मान होना चाहिए इसलिए इस अविश्‍वास प्रस्‍ताव को स्‍वीकार किया गया है. वही राहुल गाँधी के आज के भाषण का समर्थ करते हुए कांग्रेस सांसद राजीव साटव ने कहा कि एक बार राहुल गांधी ने कहा था कि जब वे बोलेंगे तो भूकंप आएगा. आज निश्चित रूप से भूकंप आया है. दो मिनट मे ऐतिहासिक और शर्मनाक दोनों काम कर गए राहुल राहुल के आज के बयान और सदन के पीएम को गले लगाने वाली बात पर बीजेपी सांसद किरण खेर ने कहा "राहुल गांधी को खुद पर शर्म आनी चाहिए, वे बिना किसी सबूत नेताओं को निशाना नहीं बना सकते. वह संसद में ड्रामा कर रहे थे और पीएम को गले लगा रहे थे. मुझे लगता है कि अब वो बॉलीवुड में जाएंगे. हमें उन्हें वहां भेजना चाहिए". वही इस पर बीजेपी ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा की मनोरंजन के लिए शुक्रिया.

आज संसद के मानसून सत्र मे अपनी बात रखते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 15 साल बाद किसी सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाया गया है. जब कांग्रेस 10 साल तक सत्‍ता में थी तो हम कभी भी सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव नहीं लेकर आए थे क्‍योंकि …

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