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साजिश के चलते हरियाणा को जलाया गया-यशपाल मलिक

जाट नेता यशपाल मलिक ने भाजपा पर आरोप लगते हुए कहा है कि जाट आरक्षण आंदोलन में कैप्टन अभिमन्यु और ओपी धनखड़ ने साजिश रची थी. मलिक ने कहा कि कैप्टन अभिमन्यु और धनखड़ ने सीएम बनने की महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए साजिश रची थी. इस साजिश के चलते ही पूरे हरियाणा को आंदोलन के दौरान जलाया गया था. हरियाणा जाट हिंसा की कसूरवार, बीजेपी सरकार -पूर्व मुख्यमंत्री मलिक का कहना है कि आंदोलन में हिंसा के लिए सीएम मनोहर लाल खट्टर , राजकुमार सैनी, ओपी धनखड़ और कैप्टन अभिमन्यु की जिम्मेदारी तय हो. यशपाल मलिक ने पीएम मोदी और अमित शाह से सीएम मनोहर लाल को बर्खास्त करने की मांग की है. वहीं मलिक का कहना है कि विपक्ष पर बेजवजह आरोप लगाए जा रहे हैं. बैठक के दौरान यशपाल मलिक ने वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु पर खुलकर हमला बोला. हरियाणा: अब सरकार को बताना होगा शादी के बाद ससुराल से क्या मिला उन्होंने कहा कि कैप्टन अभिमन्यु और कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा की साजिश रची थी.उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी उन्हें आंदोलन के लिए उकसा रही है. मलिक ने कहा कि अगर वे आंदोलन करने पर आए तो एक घंटे की सूचना पर आंदोलन हो सकता है. हरियाणा के हर जिले में जाट समिति की 21 जुलाई को बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा की जाना है.

जाट नेता यशपाल मलिक ने भाजपा पर आरोप लगते हुए कहा है कि जाट आरक्षण आंदोलन में कैप्टन अभिमन्यु और ओपी धनखड़ ने साजिश रची थी. मलिक ने कहा कि कैप्टन अभिमन्यु और धनखड़ ने सीएम बनने की महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए साजिश रची थी. इस साजिश के चलते ही पूरे …

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अगस्ता हेलिकॉप्टर डील: मिशेल की वकील का सोनिया को लेकर बड़ा खुलासा

सोनिया

अगस्ता वेस्टलैंड VVIP हेलिकॉप्टर डील में रिश्वतखोरी के मुख्य किरदार की भूमिका संदिग्ध मिशेल की रहने के आरोप है. उसकी वकील रोसमैरी पैट्रिजी और बहन साशा ओजेमैन ने मामले पर एक सनसनीखेज खुलासा किया है. इन दोनों के अनुसार भारतीय जांच अधिकारी मिशेल से झूठे कबूलनामे पर दस्तखत करने का …

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भूकंप के मज़े लेने के लिए तैयार हो जाइए-गिरिराज

सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस जारी हो चूकी है. अविश्वास प्रस्ताव से पहले बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी के खिलाफ ट्वीट में लिखा है- भूकंप के मज़े लेने के लिए तैयार हो जाइए. राहुल ने अपने एक बयां में कहा था कि अगर उन्हें संसद में 15 मिनट बोलने दिया जाए तो भूकंप आ जाएगा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर मैं 15 मिनट संसद में भाषण दूं तो प्रधानमंत्री मेरे सामने खड़े नहीं हो पाएंगे. गिरिराज के ट्वीट को इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है. जानिए आखिर है क्या अविश्वास प्रस्ताव? राहुल गांधी के 15 मिनट मांगने वाले बयान का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि 'कांग्रेस अध्यक्ष ने मुझे चुनौती दी है कि अगर वह 15 मिनट संसद में बोलेंगे तो मैं वहां बैठ नहीं पाऊंगा, लेकिन वह अगर 15 मिनट बोलेंगे यह भी बड़ी बात है और मैं बैठ नहीं पाऊंगा तो मुझे याद आता है कि क्या सीन है.' अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बीजेपी शिवसेना आमने-सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तंज करते हुए कहा था कि हम कांग्रेस के अध्यक्ष के सामने नहीं बैठ सकते हैं, आप नामदार हैं हम कामदार हैं. हम तो अच्छे कपड़े भी नहीं पहन सकते हैं, आपके सामने कैसे बैठेंगे. उन्होंने कहा कि राहुल बिना कागज के 15 मिनट केवल बोलकर दिखाएं. राहुल गांधी 15 मिनट में केवल 5 बार विश्वेश्वरैया का नाम लेकर दिखाएं. बहरहाल अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के चल रही है और वोटिंग शाम को किये जाने की सुचना है

सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस जारी हो चूकी है. अविश्वास प्रस्ताव से पहले बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी के खिलाफ ट्वीट में लिखा है-  भूकंप के मज़े लेने के लिए तैयार हो जाइए. राहुल ने अपने एक बयां में कहा था कि अगर उन्हें संसद में 15 मिनट बोलने दिया …

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अविश्वास पर बोली टीडीपी हम मोदी सरकार को श्राप देते हैं

नई दिल्ली: आज का दिन मोदी सरकार के लिए काफी उतार चढाव लेकर आया है, जैसी की उम्मीद थी आज मोदी सरकार के खिलाफ मंजूर किये गए पहले अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला होना है. जिसके लिए मतदान आज शाम को 6 बजे किया जाएगा.इस समय सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू हो गई है. जानकारी के अनुसार सत्र शुरू होते ही टीडीपी ने भाजपा सरकार पर तीखे आरोपों की बौछार शुरू कर दी है. भूकंप के मज़े लेने के लिए तैयार हो जाइए-गिरिराज टीडीपी ने समर्थन देने वाले दलों का धन्यवाद करते हुए कहा है कि मोदी सरकार ने आंध्र के साथ सौतेला व्यवहार किया है, उन्होंने वादों को पूरा नहीं किया. लोकसभा में टीडीपी सांसद जयदेव गल्ला ने कहा कि आंध्र के साथ न्याय नहीं हुआ. ये जंग तानाशाह और लोकतंत्र के बीच है. आंध्र ने इस कारण बहुत कुछ गंवाया है. शिवसेना ने सामना में किया अविश्वास प्रस्ताव पर इशारा जयदेव गल्ला ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार निजी हितों में लगी हुई है. हम मोदी सरकार को धमकी नहीं श्राप दे रहे हैं. टीडीपी संसद ने बताया कि भाजपा ने सिर्फ भ्रष्टाचारियों को बचाया है. इसके अलावा आज शिवसेना के सांसदों ने लोकसभा में उपस्थित नहीं होंगे. लेकिन बताया जा रहा है कि शिवसेना, भाजपा के विरोध में वोट दे सकती है. शिवसेना के अलावा बीजेडी के संसद भी लोकसभा में उपस्थित नहीं होंगे.

 आज का दिन मोदी सरकार के लिए काफी उतार चढाव लेकर आया है, जैसी की उम्मीद थी आज मोदी सरकार के खिलाफ मंजूर किये गए पहले अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला होना है. जिसके लिए मतदान आज शाम को 6 बजे किया जाएगा.इस समय सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू …

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टीडीपी ने सरकार पर साधा निशाना, केंद्र ने आंध्र की जनता से किया धोखा

टीडीपी ने सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। पार्टी की तरफ से पहली बार के सांसद जयदेव गाला ने बहस की शुरुआत की। टीडीपी सांसद ने सरकार को घेरते हुए कहा कि, "आंध्र प्रदेश के साथ सरकार ने न्याय नहीं किया है। पांच करोड़ जनता के साथ अन्याय हुआ है। तेलंगाना नहीं, आंध्र प्रदेश नया राज्य बना है। सरकार ने आंध्र प्रदेश से किए गए वादों को पूरा नहीं किया है। आंध्र प्रदेश पर भारी बोझ है। इस राज्य ने बहुत कुछ गंवाया है।" टीडीपी सांसद जयदेव गाला ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि, "आप अलग धुन में बात कर रहे हैं, जिसे आंध्र प्रदेश की जनता समझ रही है और आने वाले चुनाव में उसका मुंहतोड़ जवाब देगी। भाजपा का भी वैसा ही हाल होगा, जैसा कांग्रेस का आंध्र प्रदेश में हुआ था। पीएम मोदी ये धमकी नहीं, ये शाप है।" View image on Twitter View image on Twitter ANI ✔ @ANI You're (PM) singing a different tune which people of AP are keenly observing & they would give a befitting reply in coming polls. BJP will be decimated in AP the way Congress was if ppl of AP are cheated. Mr PM, it's not a threat,it's a 'shraap': Jayadev Galla #NoConfidenceMotion 11:48 - 20 Jul 2018 68 39 people are talking about this Twitter Ads information and privacy जयदेव गाला आंध्र प्रदेश के अरबपति उद्योपति हैं। वो गुंटूर से सांसद हैं। जानिए उनके भाषण की खास बातें - आंध्र प्रदेश के लोग सच में पीड़ा में है - केंद्र की तरफ से आंध्र को एक पैसा भी नहीं मिला है - हम धमकी नहीं, शाप दे रहे हैं - मोदी सरकार ने आंध्र से किया वादा पूरा नहीं किया है - ये जंग तानाशाह और लोकतंत्र के बीच है - वित्त मंत्री तथ्यों से खेलना बंद करें -हमारे पास ऐसे सबूत हैं कि आंखें खुल जाएंगी - विकास के सूचकांक पर आंध्र बहुत पीछे है - हाथ जोड़कर विनती की आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य दर्जा दें View image on Twitter View image on Twitter ANI ✔ @ANI The saga of Andhra Pradesh during this Modi-Shah regime is a saga of empty promises: Jayadev Galla,TDP in Lok Sabha #NoConfidenceMotion 11:16 - 20 Jul 2018 48 26 people are talking about this Twitter Ads information and privacy -सदन के भीतर भी कांग्रेस नेता मल्लिकाअर्जुन खड़गे ने अविश्वास प्रस्ताव पर कम समय देने को लेकर शिकायत की। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस को जो वक्त दिया गया है, वो काफी कम है। इस पर से पाबंदी हटनी चाहिए। -इस बीच बीजेडी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। - लोकसभा की कार्यवाही से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में वरिष्ठ भाजपा नेताओं की संसद में बैठक चल रही है। इस बैठक में राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह मौजूद हैं। View image on Twitter View image on Twitter ANI ✔ @ANI PM Narendra Modi's meeting with senior BJP leaders including Amit Shah and Rajnath Singh, underway in Parliament. #NoConfidenceMotion 10:46 - 20 Jul 2018 79 23 people are talking about this Twitter Ads information and privacy वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, देश का विश्वास पीएम के साथ है। ईमानदारी से काम करने पर कांग्रेस को परेशानी हो रही है। सदन में सरकार के पास बहुमत है। वहीं राहुल गांधी पर भी उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि, "देखते हैं कि राहुल गांधी के बोलने से कितना बड़ा भूचाल आता है।" सरकार की अहम सहयोगी शिवसेना ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपना रुख साफ कर दिया है। संसदीय दल की बैठक में पार्टी प्रमुख उद्वव ठाकरे ने फैसला लिया कि शिवसेना अविश्वास प्रस्ताव पर तटस्थ रहेगी। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने पार्टी का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि, "शिवसेना वोटिंग के दौरान गैर हाजिर रहेगी। इसके लिए सांसदों को निर्देश दिए जा चुके हैं। राउत ने कहा कि, सरकार जनता का भरोसा खो चुकी है। सबका पता है कि अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा, मगर लोकतंत्र में सबको बोलने का अधिकार होता है।" वहीं कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, "सरकार ने सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाया है। आज किसान, युवा सब परेशान हैं। ऐसे में सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है।" - इस बीच भाजपा की तरफ से लोकसभा में राजनाथ सिंह, राकेश सिंह, वीरेंद्र सिंह और अर्जुन मेघवाल अविश्वास प्रस्ताव पर बोलेंगे। वहीं शाम को प्रधानमंत्री मोदी भी अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी बात रखेंगे। - मलिल्कार्जुन खड़गे ने कहा कि सदन में बोलने के लिए वक्त कम मिला है लेकिन इस दौरान जनता के मुद्दे सदन में रखेंगे। - भाजपा नेता अनंत कुमार ने कहा कि सरकार के पास बहुमत है। - भाजपा अध्यक्ष अमित साह अन्य नेताओं के साथ संसद पहुंचे। मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया लेकिन विक्ट्री साइन दिखाया। - सदन में प्रस्ताव पर चर्चा से पहले 10.30 बजे पीएम मोदी भाजपा नेताओं के साथ बैठक करेंगे। - भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि जनता को कांग्रेस पर भरोसा नहीं है। उसके पास अंकगणित नहीं है। - शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि 10.30 से 11 बजे के बीच शिवसेना यह तय करेगी कि क्या करना है। राउत के अनुसार पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे स्वयं बताएंगे की सदन में क्या कदम उठाना है। बता दें कि लोकसभा स्पीकर ने इस प्रस्ताव पर बहस के लिए आज दिन भर का समय दिया है और इस दौरान कौन कितनी देर बोलेगा इस पर भी फैसला हो चुका है। जहां विपक्ष इस प्रस्ताव के बहाने सरकार को कमजोर दिखाने की कोशिश में है वहीं सरकार आज सदन में केवल जीत नहीं बल्कि दो तिहाई बहुमत से प्रस्ताव खारिज कर विपक्ष का मनोबल कमजोर करने की तैयारी में है। सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस सुबह 11 बजे से शुरू होगी और इस अहम मौके पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि संसदीय लोकतंत्रा का आज अहम दिन है। मुझे यकीन है कि मेरे साथी सांसद इस मौके पर खड़े होंगे और एक ठोस, लाभदायक और बाधा रहित बहस करेंगे। हम संविधान निर्माताओं और देशवासियों के आभारी हैं। आज पूरे देश की नजरें हम पर होंगी। Narendra Modi ✔ @narendramodi Today is an important day in our Parliamentary democracy. I am sure my fellow MP colleagues will rise to the occasion and ensure a constructive, comprehensive & disruption free debate. We owe this to the people & the makers of our Constitution. India will be watching us closely. 7:36 AM - Jul 20, 2018 28.9K 11.5K people are talking about this Twitter Ads info and privacy गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में इसका खाका तैयार हुआ और पार्टी के विभिन्न नेता अलग-अलग दलों से बात कर यह सुनिश्चित करने में लगे रहे कि राजग से बाहर खड़े दल भी वोटिंग के वक्त सरकार के साथ रहें। दरअसल, सरकार विपक्ष के लाए अविश्वास प्रस्ताव को बड़ा राजनीतिक हथियार बनाना चाहती है। कुछ उसी लिहाज से भाजपा के प्रतिनिधि कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों पर हमला भी करेंगे। इसमें तुष्टीकरण, सांप्रदायिकता, गरीबोन्मुखी योजनाओं के क्रियान्वयन में कमी जैसे मुद्दे शामिल होंगे। चर्चा के दौरान सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई जाएंगी। सरकार की जीत में कोई संशय नहीं है। लेकिन इसे बड़ी जीत बनाने और यह जताने की कोशिश होगी कि राजग और भावी राजग के सामने विपक्षी महागठबंधन की राजनीतिक हैसियत नहीं है। अन्नाद्रमुक आ सकता है साथ : सूत्रों की मानें तो अन्नाद्रमुक को साथ जोड़ा गया है। उसके 37 सांसद अगर समर्थन में वोट देते हैं तो आंकड़ा 350 के पार जा सकता है। संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने इसका संकेत भी दे दिया। उन्होंने कहा-"सोनिया जी का गणित कमजोर है। पहले भी एक बार उन्होंने 272 का दावा किया था लेकिन वह पूरा नहीं हुआ। बाद में राजग सरकार को जरूर 300 से ज्यादा वोट मिले थे। बीस साल बाद इतिहास खुद को दोहराएगा। हमें सुदूर दक्षिण, दक्षिण और पूर्व से भी समर्थन मिलेगा और लोग भौंचक होंगे।" उन्होंने दलों के नाम नहीं बताए लेकिन माना जा रहा है कि अन्नाद्रमुक से समर्थन का संकेत मिल गया है। बीजद व टीआरएस वोटिंग से दूर, शिवसेना का असमंजस! गुरुवार देर शाम तक की स्थिति में माना जा रहा है कि बीजद और टीआरएस वोटिंग से दूर रहेंगे। जबकि शिवसेना दिन-भर असमंजस में रही। दिन में घोषणा की कि वह सरकार का समर्थन करेगी लेकिन देर रात यह बयान जारी कर दिया कि पार्टी इस बारे में किसी फैसले पर नहीं पहुंची है। हालांकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से इस बारे में बात की थी। तय हुआ बोलने का समय लोकसभा में शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर होने वाली चर्चा में कौन पार्टी कितना बोलेगा, इसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष ने समय तय कर दिया है। बिना लंच ब्रेक के कुल चर्चा के लिए सात घंटे का वक्त तय किया गया है। जिसे सदन की सहमति से थोड़ा बढ़ाया जा सकता है। चर्चा के लिए पार्टी की शक्ति के आधार पर समय तय किया जाता है। उसके अनुसार हर दल के लिए नियत समय इस प्रकार है -- भाजपा- 3 घंटे 33 मिनट कांग्रेस- 38 मिनट एआइएडीएमके- 29 मिनट तृणमूल कांग्रेस- 27 मिनट बीजू जनता दल- 15 मिनट शिवसेना- 14 मिनट टीडीपी- 13 मिनट टीआरएस- 9 मिनट भाजपा के सात-आठ वक्ता होंगे : अपना संख्या बल बनाए रखने को भाजपा जहां बुधवार से ही अपने सांसदों की राज्यवार बैठक कर रही थी, वहीं बहस के दौरान विपक्ष को करारा जवाब देने के लिए वक्ताओं की सूची कुछ इस तरह तैयार की गई है कि सभी अहम राज्यों का प्रतिनिधित्व दिखे। सूत्र बताते हैं कि भाजपा की ओर से कम से कम सात-आठ वक्ता होंगे। यह राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे चुनावी राज्यों से भी होंगे। और गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह मस्त जैसे बड़े नाम भी शामिल होंगे।

टीडीपी ने सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। पार्टी की तरफ से पहली बार के सांसद जयदेव गाला ने बहस की शुरुआत की। टीडीपी सांसद ने सरकार को घेरते हुए कहा कि, “आंध्र प्रदेश के साथ सरकार ने न्याय नहीं किया है। पांच करोड़ जनता …

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ये हैं आर्थिक आंकड़े जिनका 2019 चुनावों से पहले सरकार के पक्ष में होना जरूरी है

लोकसभा चुनाव 2014 में अर्थव्यवस्था का मुद्दा अहम साबित हुआ और वोटर ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को बाहर का रास्ता दिखा दिया. मई 2014 में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनी नई एनडीए सरकार से वोटर के अलावा वैश्विक निवेशकों ने बड़ी उम्मीद बांधी. निवेशकों को भरोसा था कि यह नई सरकार दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की अर्थव्यवस्था को न सिर्फ सही राह पर खड़ा करेगी बल्कि एक तेज रफ्तार के साथ-साथ देश के सामने खड़ी आर्थिक चुनौतियों को दूर करने का काम करेगी. लोकसभा चुनाव एक बार फिर दस्तक दे रहे हैं. मोदी सरकार निवेशकों और वोटरों की उस उम्मीद को संभवत: भूली नहीं है और अब अपने कार्यकाल के आखिरी साल में उसकी कोशिश उन आर्थिक आंकड़ों को अपने पक्ष करने की है जिनपर वैश्विक निवेशकों और वोटरों की नजर रहेगी. जीडीपी: बीते तीन साल के दौरान देश में जीडीपी के आंकलन को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है. मोदी सरकार के पहले साल के कार्यकाल के बाद 2015 में केन्द्र सरकार के सांख्यकी विभाग (CSO) ने जीडीपी के आंकलन करने के लिए निर्धारित वित्त वर्ष में बदलाव करते हुए पद्दति में भी बड़ा परिवर्तन किया. इस परिवर्तन का नतीजा यह रहा कि केन्द्र सरकार को जीडीपी विकास दर का बड़ा आंकड़ा मिला. उदाहरण के लिए देखें तो नए फॉर्मूले के मुताबिक जहां वित्त वर्ष 2013-14 में जीडीपी विकास दर 6.2 फीसदी दर्ज हुई वहीं पुराने फॉर्मूले में यह महज 4.8 फीसदी दर्ज होती है. इस दौरान खास आंकड़े उत्पादन क्षेत्र से मिलते हैं क्योंकि पुराना फॉर्मूला जहां उत्पादन विकास दर -2 फीसदी दर्ज करता है वहीं नया फॉर्मूला इसका आंकलन 6 फीसदी करता है. इस अनिश्चितता के बीच देश की वास्तविक विकास दर क्या है इसे केन्द्र सरकार को आम चुनावों सेस पहले कय करना है क्योंकि यह अनिश्चितता बनी रहने पर उसे चुनावों में नुकसान उठाना पड़ा सकता है. पेट्रोल डीजल और महंगाई: मोदी सरकार को 2014 में देश की कमान मिलने के बाद वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज होना शुरू हो गया. वहीं 2014 से पहले मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल के दौरान कच्चा तेल वैश्विक बाजार में 100 डॉलर प्रति बैरल को तोड़ते हुए देश में महंगाई का बड़ा संकट लेकर खड़ा हो गया था. वहीं 2015, 2016 और 2017 के दौरान कच्चा तेल अपने रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर रहा जिसके चलते केन्द्र सरकार को राजस्व में फायदा होने के साथ-साथ महंगाई पर लगाम लगाने में बड़ी मदद मिली. लेकिन अब आम चुनावों में एक साल से कम समय बाकी है और वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमत लगातार बढ़ रही है. नतीजा यह है कि मौजूदा समय में देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अपने शीर्ष पर पहुंच चुकी है और महंगाई के बढ़ते आंकड़े केन्द्र सरकार को लगातार परेशान कर रहे हैं. इस चुनावी वर्ष में कच्चे तेल की वैश्विक कीमत में इजाफा यदि महंगाई को बेलगाम करता है तो चुनावों में विपक्ष का हमला संभालना सत्तारूढ़ पार्टी के लिए चुनौती से भरा होगा. लिहाजा, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल की कीमत पर लगाम लगाने की जरूरत है जिससे महंगाई का आंकड़ा चुनावी मुद्दा न बनने पाए. रोजगार: केन्द्र सरकार का दावा है कि देश में रोजगार की समस्या नहीं है बल्कि रोजगार के आंकड़ों की समस्या है. बीते एक साल के दौरान कई केन्द्रीय मंत्रियों समेत प्रधानमंत्री दावा कर चुके हैं कि उनके कार्यकाल के दौरान जरूरत के मुताबिक नौकरियों का सृजन किया गया है लेकिन इनमें से ज्यादातर नौकरियां सरकारी आंकड़ों में शामिल नहीं की जा सकी हैं. सरकार की दलील है कि नए युग की नई नौकरियों की गणना करने के लिए देश में इस्तेमाल हो रहे दशकों पुराने फॉर्मूले को बदलने की जरूरत है. सरकार की इस दलील को रिजर्व बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और आईआईएम बंगलुरू से संबद्ध अर्थशास्त्री भी मानते हैं और दलील को आगे बढ़ाते हैं कि केन्द्र सरकार के ईपीएफओ के आंकड़े रोजगार की सटीक गणना करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. वहीं सेंटर फॉर इकोनॉमिक सरकार की दलील से इत्तेफाक नहीं रखते और दावा करते हैं कि देश में तेज आर्थिक रफ्तार के बावजूद जरूरत के मुताबिक नौकरियों का सृजन नहीं हो रहा है. लिहाजा, अब केन्द्र सरकार को चाहिए कि चुनावों से पहले इस मतभेद को दूर करते हुए अपना आंकड़ा सुनिश्चित करे कि क्या देश में उसके कार्याकल के दौरान रोजगार के आंकड़ों में सुधार हुआ है या नहीं.

लोकसभा चुनाव 2014 में अर्थव्यवस्था का मुद्दा अहम साबित हुआ और वोटर ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को बाहर का रास्ता दिखा दिया. मई 2014 में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनी नई एनडीए सरकार से वोटर के अलावा वैश्विक निवेशकों ने बड़ी उम्मीद बांधी. निवेशकों को …

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ट्रांसपोर्टर्स की देशव्यापी हड़ताल, थमे 92 लाख ट्रकों के पहिये

देशभर में लगातार बढ़ रही पेट्रोल और डीजल की कीमतों के चलते ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट आज से अनिश्चितकालीन देशव्यापी हड़ताल पर चले गए हैं. ट्रांसपोर्टर का कहना है कि लगातार सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा कर रही है, जिसका खामियाजा ट्रांसपोर्टरों को भुगतना पड़ रहा है. सरकार एक बार भी उनके रोजगार के बारे में नहीं सोच रही है, जिसके कारण उनका वयापार करना भी मुश्किल होता जा रहा है. जिसके कारण उनके पास हड़ताल के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है. बता दें कि ट्रांसपोर्टरों की इस हड़ताल के कारण देशभर में 92 लाख छोटे और बड़े ट्रक के पहिये थम गए हैं. माना जा रहा है कि हड़ताल के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. हालांकि, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलतारण सिंह की माने तो गुरुवार को परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से उनकी मांगों को लेकर बातचीत हुई थी, लेकिन वो भी बेअसर रही. इसके बाद देररात केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से भी ट्रांसपोर्ट ने बात की. इसमें एक कमेटी बनाने का आश्वासन दिया गया. जिसे मानने से ट्रांसपोर्टर ने मना कर दिया. उनका कहना है कि कई बार कमेटियां बनी है, लेकिन कुछ हल नहीं निकाला जिसके कारण अब ट्रांसपोर्टर हड़ताल करेंगे. हालांकि, हड़ताल का ज्यादा असर फिलहाल देखने को नहीं मिला है. ट्रांसपोर्ट का मानना है कि इसका असर शानिवार से नज़र आएगा. क्या है ट्रांसपोर्टर की मांगें... #पहली मांग ये है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर रोज नहीं, बल्कि 3 महीने में संशोधन होकर तय हो. रोज दाम बदलने के कारण ट्रांसपोर्टर को व्यापार करने में मुश्किल होती है. #दूसरी मांग ये है ट्रांसपोर्टर के लिए टोल बेरियर मुक्त हो. #तीसरी मांग- इसके साथ ही थर्ड पार्टी इनश्योरेंस में पारदर्शिता लाई जाए. साथ ही इस पर जीएसटी में छूट दी जाए. #चौथी मांग- ट्रांसपोर्ट व्यापारी पर लगे लावा पैट टीडीएस खत्म किया जाए. #पांचवी मांग- बसों और पर्यटन वाहनों को नेशनल परमिट दिया जाए.

देशभर में लगातार बढ़ रही पेट्रोल और डीजल की कीमतों के चलते ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट आज से अनिश्चितकालीन देशव्यापी हड़ताल पर चले गए हैं. ट्रांसपोर्टर का कहना है कि लगातार सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा कर रही है, जिसका खामियाजा ट्रांसपोर्टरों को भुगतना पड़ रहा है. सरकार एक …

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प्रख्यात कवि और गीतकार गोपाल दास नीरज नहीं रहे

प्रसिद्ध फिल्मी गीतों- शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब, लिखे जो खत तुझे, ऐ भाई.. जरा देखकर चलो, दिल आज शायर है, खिलते हैं गुल यहां, फूलों के रंग से, रंगीला रे! तेरे रंग में और आदमी हूं- आदमी से प्यार करता हूं जैसे अमर नगमों के रचनाकार प्रख्यात कवि गोपाल दास नीरज अब हमारे बीच नहीं रहे. 94 साल के नीरज का लम्बी बीमारी के बाद गुरुवार को निधन हो गया. बीमारी के कारण उन्हें आगरा के अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहा से उन्हें दिल्ली के एम्स में रेफेर कार दिया गया जहा उनका निधन हो गया. गोपालदास नीरज बॉलीवुड फिल्मों में, हिंदी साहित्य में और मंचीय कवि के रूप में देश भर में जाने जाते है .. वो ख़त के पुरज़े उड़ा रहा था / गुलज़ार उन्हें अपनी रचनाओं के लिए पद्मश्री सम्मान साल 1991 में, 2007 में पद्मभूषण, यूपी सरकार का यशभारती सम्मान दिया गया . एक दर्जन से भी अधिक कविता संग्रह लिखने वाले नीरज का जन्म 4 जनवरी, 1924 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के पुरावली गांव में हुआ. 1970, 1971, 1972 में उन्हें फिल्म फेयर अवॉर्ड ने नवाज़ा गया. एक माँ की डायरी -अनुप्रिया नीरज की प्रसिद्ध रचनायें- दर्द दिया है, आसावरी, बादलों से सलाम लेता हूँ, गीत जो गाए नहीं, कुछ दोहे नीरज के, नीरज की पाती, नीरज दोहावली, गीत-अगीत, कारवां गुजर गया, पुष्प पारिजात के, काव्यांजलि, नीरज संचयन, नीरज के संग-कविता के सात रंग ,-बादर बरस गयो, - मुक्तकी.

प्रसिद्ध फिल्मी गीतों- शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब, लिखे जो खत तुझे, ऐ भाई.. जरा देखकर चलो, दिल आज शायर है, खिलते हैं गुल यहां, फूलों के रंग से, रंगीला रे! तेरे रंग में और आदमी हूं- आदमी से प्यार करता हूं जैसे अमर नगमों के रचनाकार प्रख्यात …

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गोपाल दास नीरज के लिखें गाने

भारत के महान कवि गोपाल दास नीरज का निधन हो चूका है. लेकिन उनके द्वारा लिखे गए कुछ गीत ऐसे है कि जो आज भी मन्त्र मुग्ध कर देते है जो आने वाली कई सदियों तक याद किए जाएंगे. पेश हैं उनके लिखे वे गीत जो दशकों से टॉप गानों की लिस्ट में शुमार हैं. दिल आज शायर है, ग़म आज नग़मा है- दिल आज शायर है, ग़म आज नग़मा है शब ये ग़ज़ल है सनम गैरों के शेरों को ओ सुनने वाले हो इस तरफ़ भी करम आज मधोश हुआ जाए रे- आज मधोश हुआ जाए रे मेरा मन मेरा मन मेरा मन बिना ही बात मुस्कुराए रे मेरा मन मेरा मन मेरा मन ओ री कली सजा तू डोली ओ री लहर पहना तू पायल ओ री नदी दिखा तू दर्पन ओ री किरण उड़ा तू आँचल एक जोगन है बनी आज दुल्हन हो ओ आओ उड़ जाएं कहीं बनके पवन आज मधोश हुआ जाए रे लिखे जो ख़त तुझे- लिखे जो ख़त तुझे वो तेरी याद में हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए ए भाई, ज़रा देखके चलो- ए भाई, ज़रा देखके चलो, आगे ही नहीं पीछे भी दायें ही नहीं बायें भी, ऊपर ही नहीं नीचे भी

भारत के महान कवि गोपाल दास नीरज का निधन हो चूका है. लेकिन उनके द्वारा लिखे गए कुछ गीत ऐसे है कि जो आज भी मन्त्र मुग्ध कर देते है जो आने वाली कई सदियों तक याद किए जाएंगे.  पेश हैं उनके लिखे वे गीत जो दशकों से टॉप गानों …

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सबरीमाला मंदिर: अगली सुनवाई 24 जुलाई को

सुप्रीम कोर्ट के सलाहकार ने सबरीमाला मंदिर मामले की सुनवाई के समय कहा कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर बैन ठीक उसी तरह है, जैसे दलीतो के साथ छुआछूत का मामला. कोर्ट सलाहकार राजू रामचंद्रन ने कहा कि छुआछूत के खिलाफ जो अधिकार है, उसमें अपवित्रता भी शामिल है. अगर महिलाओं का प्रवेश इस आधार पर रोका जाता है कि वह मासिक धर्म के समय अपवित्र हैं तो यह भी दलितों के साथ छुआछूत की तरह है. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका में उस प्रावधान को चुनौती दी गई है जिसमें 10 से 50 वर्ष आयु की महिलाओं के प्रवेश पर रोक कि बात कही गई है. सबरीमाला मंदिर मामले की सुनवाई के चलते राजू रामचंद्रन ने दलील दी कि अगर महिलाओं को मासिक धर्म के कारण रोका जाता है तो ये भी दलित के साथ छुआछुत की तरह है और उसी तरह के भेदभाव जैसा ही मामला है. केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ी, मामले की सुनवाई टली गौरतलब है कि संविधान के अनुसार धर्म, जाति, समुदाय और लिंग आदि के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव किया जाना गैरकानूनी माना गया है. मामले की सुनवाई करते हुए केरल हाई कोर्ट ने महिलाओं के प्रवेश के बैन को सही बताया था. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि मंदिर में प्रवेश से पहले 41 दिन का ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है और मासिक धर्म के कारण महिलाएं इसका पालन नहीं कर पाती हैं. सुनवाई के दौरान केरल त्रावणकोर देवासम बोर्ड की ओर से पेश सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि दुनिया भर में अयप्पा के हजारों मंदिर हैं, वहां कोई बैन नहीं है, लेकिन सबरीमाला में ब्रह्मचारी देव हैं और इसी कारण तय उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर बैन है, यह किसी के साथ भेदभाव नहीं है और न ही जेंडर विभेद का मामला है. तीन तलाक़: फ़तवे तले दबी सिसकियां पहुंचेंगी सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रोहिंटन नरीमन ने पूछा कि इसके पीछे तार्किक आधार क्या है? आपके तर्क का तब क्या होगा अगर लड़की का 9 साल की उम्र में ही मासिक धर्म शुरू हो जाए या जो ऊपरी सीमा है उसके बाद किसी को मासिक धर्म हो जाए? इस दौरान सिंघवी ने कहा कि ये परंपरा है और उसी के तहत एक उम्र का मानक तय हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए मंगलवार का समय दिया है.

सुप्रीम कोर्ट के सलाहकार ने सबरीमाला मंदिर मामले की सुनवाई के समय कहा कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर बैन ठीक उसी तरह है, जैसे दलीतो के साथ छुआछूत का मामला. कोर्ट सलाहकार राजू रामचंद्रन ने कहा कि छुआछूत के खिलाफ जो अधिकार है, उसमें अपवित्रता भी शामिल है. …

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