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स्वस्थ रहने के लिए रोज करें अंकुरित मूंग दाल का सेवन

दालों में भरपूर मात्रा में प्रोटीन मौजूद होता है. दालों में सबसे ज्यादा फायदेमंद मूंग की दाल होती है. मूंग की दाल में भरपूर मात्रा में विटामिन, प्रोटीन, मैगनीज, पोटेशियम, ज़िंक और कॉपर मौजूद होते है. जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. अगर आप नियमित रूप से सुबह खाली पेट में अंकुरित मूंग दाल का सेवन करते हैं तो आपकी सेहत को बहुत सारे फायदे हो सकते हैं. 1- मूंग की दाल में भरपूर मात्रा में एमिनो एसिड और पॉलिफेनॉल्स जैसे तत्व पाए जाते हैं. जो शरीर को कैंसर के खतरे से बचाने में मदद करते हैं. 2- शुगर के मरीजों के लिए भी अंकुरित मूंग दाल का सेवन बहुत फायदेमंद होता है. मूंग की दाल शरीर में इंसुलिन के लेवल को बढ़ाने में मदद करती है जिससे डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है. इसके अलावा रोजाना मूंग की दाल का सेवन करने से ब्लड ग्लूकोज और कोलेस्ट्रॉल लेवल में रहता है. 3- अगर आपको पेट से जुड़ी समस्याएं हैं तो रोजाना अंकुरित मूंग दाल का सेवन करें. यह पचने में आसान होती है इसे खाने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है.

दालों में भरपूर मात्रा में प्रोटीन मौजूद होता है. दालों में सबसे ज्यादा फायदेमंद मूंग की दाल होती है. मूंग की दाल में भरपूर मात्रा में विटामिन, प्रोटीन, मैगनीज, पोटेशियम, ज़िंक और कॉपर मौजूद होते है. जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. अगर आप नियमित रूप से …

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पाकिस्तान: मर्दों की भीड़ वाले चुनावी मैदान में हैं 31 साल की हिंदू महिला सुनीता परमार

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान चुनाव के रंग में पूरी तरह से रंग गया है. इस बार के चुनाव में दिग्गज क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान से लेकर 26/11 हमले का मस्टार माइंड हाफिज सईद तक लड़ रहे हैं. लेकिन मर्दों से लबरेज इस चुनाव में पड़ोसी मुल्क में एक हिंदू महिला ने दस्तक दी है. सुनीता परमार नाम की इस हिंदू महिला ने सिंध प्रांत से चुनाव लड़ने का फैसला लेकर इतिहास रच दिया है. 25 जुलाई को होने वाले प्रांतीय चुनाव में हिस्सा लेकर वो ऐसी पहली अल्पसंख्यक महिला बन जाएंगी जिसने ऐसे किसी भी चुनाव में हिस्सा लिया हो. हिंदू बहुल इलाके से लड़ रही हैं परमार मेघावर समुदाय से आन वाले 31 साल की परमार इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के तौर पर ये चुनाव लड़ रही हैं. वो सिंध विधानसभा के PS-56 क्षेत्र से ये चुनाव लड़ने वाली हैं. ये थारपारकर ज़िले में है जहां हिंदुओं की संख्या सबसे ज्यादा है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक परमार का कहना है कि उनके लिए ये चुनाव लड़ना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि पिछली सरकारें अपने वादे पर खरा नहीं उतर पाईं. महिलाओं के शिक्षा सुधार पर काम करेंगी परमार परमार ने कहा, "हम 21 वीं सदी में हैं लेकिन पिछली सरकारों की वजह से हमारे पास मूलभूल स्वास्थ्य सुविधाएं और महिलाओं के लिए शैक्षणिक संस्थान नहीं हैं. वो दिन लद गए जब महिलाएं कमज़ोर और लाचार हुआ करती थीं. मुझे ये चुनाव जीतन का भरोसा है और इसके लिए मैं किसी शेर से भी लड़ने को तैयार हूं." सुनीता ने महिला शिक्षा का स्तर सुधारने का संकल्प लिया है और अपने क्षेत्र के हेल्थ सिस्टम को भी बेहतर बनाने का वादा किया है. थारपारकर में हैं आठ लाख से ज्यादा हिंदू पाकिस्तान में 2017 में हुई जनगणना के मुताबिक थारपारकर की आबादी 1.6 मिलियन यानी 16 लाख की है जिसमें से लगभग आधे हिंदू हैं. आपको बता दें कि इसी साल मार्च महीने में एक दलित महिला ने तब इतिहास रच दिया जब उन्होंने इस मुस्लिम बहुल देश में सीनेटर का पद हासिल किया. उन्हें पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टी पीपीपी ने हिंदुओं के लिए रिज़र्व सीट से नॉमिनेट किया था.

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान चुनाव के रंग में पूरी तरह से रंग गया है. इस बार के चुनाव में दिग्गज क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान से लेकर 26/11 हमले का मस्टार माइंड हाफिज सईद तक लड़ रहे हैं. लेकिन मर्दों से लबरेज इस चुनाव में पड़ोसी मुल्क में एक हिंदू …

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NATO की बैठक में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘रक्षा खर्च दो गुना करें सदस्य देश’

जी 7 देशों के हंगामेदार सम्मेलन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बार नाटो देशों की बैठक में कुछ नया करने की तैयारी में हैं। नाटो के सदस्य देशों से उन्होंने रक्षा खर्च बढ़ाकर दो गुना करने के लिए कहा है। जर्मनी को रूस का बंधक करार देने के बावजूद ट्रंप जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल से द्विपक्षीय मुलाकात के लिए तैयार हो गए हैं। नाटो अमेरिका की अगुआई वाला 29 देशों का सैन्य गठबंधन है। मर्केल से आमने-सामने की मुलाकात के बाद ट्रंप फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से एकांत में बंद कमरे में मिलेंगे। ट्रंप दो दिन के नाटो सम्मेलन में भाग लेने के लिए बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स पहुंचे हैं। नाटो के महासचिव जेंस स्टॉटेनबर्ग के साथ नाश्ते के बाद ट्रंप ने जर्मनी पर हमला बोला। कहा, वह ऊर्जा के लिए रूस पर इस तरह से आश्रित है कि वह उसका बंधक बन गया है। उनका निशाना रूस-जर्मनी की गैस पाइपलाइन पर था। उन्होंने जर्मनी से अपना रक्षा बजट तत्काल बढ़ाने की मांग की जिससे नाटो पर खर्च के मामले में अमेरिका को राहत मिल सके। ट्रंप को अपने सहयोगी यूरोपीय देशों से यह शिकायत रही है कि वे नाटो के जरिये सुरक्षा के गठबंधन पर पर्याप्त खर्च नहीं करते। इससे अमेरिका पर अनावश्यक बोझ पड़ता है। उल्लेखनीय है कि यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश जर्मनी सुरक्षा गठबंधन पर जीडीपी का 1.24 प्रतिशत खर्च करता है जबकि 2014 में फैसला जीडीपी का दो प्रतिशत खर्च करने पर हुआ था। अमेरिका अपने जीडीपी का 3.5 प्रतिशत सुरक्षा पर खर्च करता है। जवाब में मर्केल ने कहा है कि वह रूस के प्रभाव में काम नहीं करतीं। जर्मनी स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र है, वह अपने हितों के मुताबिक नीतियां बनाता है।

जी 7 देशों के हंगामेदार सम्मेलन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बार नाटो देशों की बैठक में कुछ नया करने की तैयारी में हैं। नाटो के सदस्य देशों से उन्होंने रक्षा खर्च बढ़ाकर दो गुना करने के लिए कहा है। जर्मनी को रूस का बंधक करार देने के …

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PAK: पूर्व राष्ट्रपति जरदारी और उनकी बहन के देश से बाहर जाने पर रोक

पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इस बीच पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर अब देश से बाहर नहीं जा सकेंगे. पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की कि पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर एक्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) में डाल दिया गया है, ताकि दोनों देश से बाहर नहीं जा सकें. स्थानीय अखबार डॉन की खबर के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय ने मंत्रालय को यह निर्देश फर्जी खातों और कई मुख्यधारा के बैंकों के जरिए अरबों मूल्य के हुए फर्जी लेनदेन की जांच से संबंधित एक मामले के संबंध में दिए थे. इन फर्जी खातों का इस्तेमाल रिश्वत के जरिए प्राप्त हुई भारी भरकम रकम को ठिकाने लगाने के लिए किया गया. जरदारी और तालपुर सहित सात लोग कथित रूप से कुल 35 अरब रुपये के संदिग्ध लेनदेन के लिए खास बैंक खातों के इस्तेमाल में संलिप्त रहे हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने मंत्रालय को ओदश दिया था कि जरदारी और तालपुर सहित सभी संदिग्ध लाभर्थियों और मामले में पहचाने जा चुके आरोपियों के नाम ईसीएल में डाल दिए जाएं. "ताकि मामले की जांच पूरी होने तक या इस अदालत के अगले आदेश तक ये सभी लोग देश से बाहर नहीं जा सकें." कार्यवाहक गृह मंत्री आजम खान ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने मंत्रालय को निर्देश दिया है कि जरदारी और तालपुर के नाम सोमवार को ईसीएल में डाल दिए जाएं, और मंत्रालय ने आदेश का पालन किया. आपको बता दें कि पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. हाल ही में पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में क्रमश: 10 और सात साल की सजा सुनाई थी.

पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इस बीच पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर अब देश से बाहर नहीं जा सकेंगे. पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की कि पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और …

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दाऊद का शार्प शूटर राशीद मालबारी अबु धाबी में गिरफ्तार, 4 साल पहले हुआ था फरार

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के शार्प शूटर और छोटा शकील के करीबी राशीद मालबारी के अबु धाबी में गिरफ्तार कर लिया गया है. राशीद मालबारी साल 2014 में मंगलुरु कोर्ट से बेल जंप कर नेपाल के रास्ते इंडिया से फरार हो गया था. उसको छोटा शकील का सबसे खास गुर्गा बताया जाता है. जानकारी के मुताबिक, अंडरवर्ल्ड के नेपाल का सारा काम राशीद मालबारी ही देखता है. बैंकाक में साल 2000 में छोटा राजन पर हमले में राशीद मालबारी भी शामिल था. हमले में छोटा राजन को गोली लगी थी, लेकिन वो फरार हो गया था. छोटा राजन का करीबी रोहीत वर्मा हमले में मारा गया था. उस वक्त राशीद मालबारी ने भी छोटा राजन पर गोली चलाई थी. उस पर हत्या और रंगदारी के कई मुकदमें दर्ज हैं. मंगलूरु कोर्ट में बेल जंप होने के बाद जब ये फरारा हुआ था, तब पुलिस ने इसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया था. इसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस भी जारी हो चुका था. राशीद डी गैंग का इंडिया में सबसे बड़ा गुर्गा माना जाता है. इसने छोटा राजन पर हमले के अलावा क्वालालम्पुर में छोटा राजन के करीबी की हत्या शकील के कहने पर की थी. सुरक्षा एजेंसियां गिरफ्तारी के बाद से राशीद को भारत लाने की कोशिश कर रही हैं. राशीद की गिरफ्तारी की पुष्टी खुद छोटा शकील ने की है. बताते चलें कि पिछले कुछ वर्षों से अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के खास लोगों की गिरफ्तारी लगातार हो रही है. इससे पहले उसके भाई सहित कई खास गुर्गे गिरफ्तार हुए हैं. इसमें फारूक टकला का नाम प्रमुख है, जिसे दुबई से गिरफ्तार किया गया था. वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में भी था. वह अक्सर दुबई और कराची के बीच यात्रा करता था. वो पाकिस्तान आने वाले डी कंपनी के लोगों की मदद भी करता था. एजेंसियों का मानना है कि फारूक टकला ने संयुक्त अरब अमीरात में अपना नेटवर्क मजबूत कर लिया था. वो दाऊद के इशारे पर संयुक्त अरब अमीरात में गैंग के सदस्यों के हर तरह की मदद मुहैया कराता था. टकला दुबई में दाऊद के अवैध कारोबार की देखरेख भी करता था. मुंबई धमाकों की सुनवाई के दौरान आरोप पत्र दायर होने के बाद फारूक की भूमिका का पता चला था. वह मोहम्मद अहमद मोहम्मद यासीन मंसूरी उर्फ लांगड़ा का भाई है. उसे डी कंपनी का प्रबंधक भी माना जाता है. 1993 के धमाकों के बाद से ही टकला फरार चल रहा था.

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के शार्प शूटर और छोटा शकील के करीबी राशीद मालबारी के अबु धाबी में गिरफ्तार कर लिया गया है. राशीद मालबारी साल 2014 में मंगलुरु कोर्ट से बेल जंप कर नेपाल के रास्ते इंडिया से फरार हो गया था. उसको छोटा शकील का सबसे खास गुर्गा …

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लो अब हाफिज सईद के बेटे को भी आतंकियों से खतरा

हाफिज सईद के बेटे

पाकिस्तान में आम चुनाव 25 जुलाई को है और इन पर आंतकियों के हमले की आशंका है. खबर जरा अजीब है मगर पाक के राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी प्राधिकरण (नैक्टा) ने इन हमलों के निशाने पर छह नेताओं के होने की बात भी कही है. मगर सबसे बड़ी अचरच की बात …

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कश्मीर में मानवाधिकार पर यूएन की रिपोर्ट के पीछे पाक का हाथ!

यूएन की रिपोर्ट में कहा गया था की कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर गौर नहीं किया जा रहा है और ये दिन-ब-दिन बढ़ रहा है, जिसकी जिम्मेदारी भारत सरकार और उसकी सेना की है. जिसे भारत ने सिरे से नाकारा था. अब इस मामले में पाक का हाथ होने की बात सामने आ रही है. कनाडा में स्थित एक पाकिस्तानी इस्लामवादी के अनुसार रिपोर्ट बनाने वाले यूएन हाई कमिश्‍नर (मानवाधिकार) जिद राद अल हुसैन से उसने संपर्क साधा था. इस्लामिक आंदोलन पत्रकार और यॉर्क इलाके की मस्जिद में इस्लामिक सोसायटी के इमाम जफर बंगश ने यहाँ मिसिसॉगा में कश्मीर मुद्दे पर एक कॉन्फ्रेंस में अपनी बात कही. ये खुलासा करते हुए उन्होंने कहा 'मैं आपको बता सकता हूं, और मैं ये विनम्रता और गर्व के साथ आपसे कह सकता हूं कि हम कश्मीर के दोस्तों की इस रिपोर्ट के तैयार होने में भूमिका में था. यहां तक कि जिद राद अल के साथ मेरी व्यक्तिगत तौर पर बातचीत हुई थी. साथ ही ईमेल के जरिए वो मेरे व्यक्तिगत खतों के जवाब देते थे. उन्होंने कहा था कि वह लाइन ऑफ कंट्रोल के दोनों ओर यानी कश्मीर और पीओके तक पहुंच बनाना चाहेंगे.' इस्लामाबाद में मौजूद अधिकारियों के साथ लॉबिंग और लगातार बातचीत की बात को कुबूल करते हुए बंगेश ने कहा 'मैंने पाकिस्तान मे फॉरेन ऑफिस के प्रवक्ता से बातचीत के बाद जैद राद अल हुसैन से बातचीत की थी. टोरंटो में कॉन्स्युलर जनरल रहे नफीस जकारिया ने आश्वस्त किया था कि पाकिस्तान यूएन के हाई कमिश्नर और पाकिस्तान में मौजूद उनके प्रतिनिधियों का स्वागत करेगा. साथ ही वे पाक अधिकृत कश्मीर की उनकी यात्रा में मदद करेंगे. बंगेश ने ये बात पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के प्रेजिडेंट सरदार मसूद खान की मौजूदगी में कही. हाल ही में संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने अपने 49 पेज के रिपोर्ट में कश्‍मीर में मानवाधिकार उल्‍लंघन की बात कही थी और भारत और पाकिस्‍तान दोनों को इसका जिम्मेदार कहा था. भारत की ओर से गृहमंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख बिपिन रावत ने इन दावों को सिरे से नाकारा था और कहा था कि UN की रिपोर्ट पर ध्यान देने की जरुरत नहीं है.

यूएन की रिपोर्ट में कहा गया था की कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर गौर नहीं किया जा रहा है और ये दिन-ब-दिन बढ़ रहा है, जिसकी जिम्मेदारी भारत सरकार और उसकी सेना की है. जिसे भारत ने सिरे  से नाकारा था. अब इस मामले में पाक का हाथ होने …

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अब ईरान की भारत को चेतावनी

ईरान ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि भारत की ओर से चाबहार पोर्ट परियोजना पर कम निवेश होता है और तेल के आयात में कटौती की जाती है तो उसका 'विशेष देश' का दर्जा खत्म कर दिया जाएगा. ईरान के उप-राजदूत मसूद रेजवानियन राहागी ने कहा कि यदि भारत ने ईरान से तेल के आयात में कटौती कर सऊदी अरब, रूस, इराक, अमेरिका और अन्य देशों से आयात में इजाफे का प्रयास किया तो उसे मिल रहे सभी विशेषाधिकार वापस ले लिए जाएंगे. उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत की ओर से चाबहार पोर्ट के विस्तार और उसके कनेक्टिविटी प्रॉजेक्ट्स में निवेश किए जाने के वादे पर अभी बहुत प्रगति नहीं दिखी है. यह उम्मीद की जाती है कि यदि चाबहार पोर्ट को लेकर भारत रणनीतिक साझेदारी चाहता है तो वह तत्काल इस ओर ध्यान दे और जरूरी कदम उठाए.' राहागी ने 'ग्लोबल डिप्लोमेसी में उभरती चुनौतियां एवं अवसर और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर प्रभाव' नाम से आयोजित सेमिनार में यह बात कही. चाबहार पोर्ट को भारत, ईरान और अफगानिस्तान के लिए मध्य एशिया के देशों के साथ कारोबार के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है. ऐसे में ईरान ने भारत की चिंता बढ़ा दी है. गौरतलब है कि अमरीका और ईरान के बिगड़ते संबंधो के चलते अमरीका ने भारत सहित समूचे विश्व को ईरान से तेल न खरीदने की हिदायत ही है

ईरान ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि भारत की ओर से चाबहार पोर्ट परियोजना पर कम निवेश होता है और तेल के आयात में कटौती की जाती है तो उसका ‘विशेष देश’ का दर्जा खत्म कर दिया जाएगा. ईरान के उप-राजदूत मसूद रेजवानियन राहागी ने कहा …

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सीएम शिवराज ने कहा, कांग्रेस ने किसानों को तबाहो- बर्बाद किया

सीएम शिवराज ने

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि कांग्रेस ने किसानों को बर्बाद और तबाह कर दिया. अब वो सिर्फ आरोप लगाने का काम करती है. कांग्रेस के जमाने में किसानों को न बिजली मिलती थी, न उस समय सड़कें ठीक थीं. आज प्रदेश में शानदार सड़कों का जाल बिछा …

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कुमारस्वामी और सिद्धारमैया में दरार, बीजेपी मौका भुनाने को तैयार

कर्नाटक में सब कुछ कब ठीक होगा ये कहा जाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा लग रहा है. बजट और उसके दौरान फैली शांडि एक बार फिर भंग हुई. कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी और पूर्व सीएम सिद्धारमैया फिर एक दूसरे से भीड़ गए है. विवाद एचडी कुमारस्वामी के उस बजट प्रस्ताव पर है जिसमें कहा गया है कि अन्न भाग्य स्कीम के तहत गरीबों के लिए प्रति किलो चावल पर 1 रुपए दाम कम करके पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए जाएं. सिद्धारमैया ने कुमारस्वामी को लिखी एक चिट्ठी में कहा है कि सीएम को 34,000 करोड़ रुपए के कृषि ऋण माफी के लिए फंड इकट्ठा करने के लिए चावल की मात्रा प्रति व्यक्ति 7 किलो से 5 किलो नहीं करनी चाहिए. सिद्धारमैया सरकार की योजना अन्न भाग्यपर राज्य के 3 करोड़ लोगों को भोजन दे रही है. अपनी चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि चावल की 2 किलो मात्रा कम कर देने से हर वर्ष 600-700 करोड़ रुपए ही बचेंगे. उन्होंने कुमारस्वामी को सलाह दी है कि वह पेट्रोल और डीजल पर सरकार लेवी ना बढ़ाए, जिससे इनके दाम बढ़ सकते हैं. कर्नाटक के बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि सिद्धारमैया की चिट्ठी ने जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के बीच 'गहरे अलगाव' को सामने ला दिया है. दोनों के बीच की दरार का सीधा फायदा बीजेपी को हो सकता है. बीजेपी पहले भी कह चुकी है कि हम कर्नाटक की सरकार गिराने में नहीं लगे है वो खुद ब खुद गिर जाएगी.

कर्नाटक में सब कुछ कब ठीक होगा ये कहा जाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा लग रहा है. बजट और उसके दौरान फैली शांडि एक बार फिर भंग हुई. कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी और पूर्व सीएम सिद्धारमैया फिर एक दूसरे से भीड़ गए है. विवाद एचडी कुमारस्वामी के उस बजट …

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