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10वीं पास जल्द करें आवेदन, साढ़े 3 लाख रु मिलेंगी सैलरी

नोट : अधिक जानकारी के लिए आप कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर संपर्क कर सकते हैं.

RHFL ने ऐसे उम्मीदवारों के लिए वैकेंसी निकाली हैं. जिन्होंने 10वीं, 12वीं, डिप्लोमा और स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली हैं. RHFL ने कार्यकारी प्रशिक्षु के कुल 2 पदों पर भर्तियां निकाली हैं. इसके लिए उम्मीदवारों को साढ़े तीन लाख रु वेतन का भुगतान किया जाएगा. पात्र और इच्छुक उम्मीदवार इसके …

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गर्मियों के मौसम में लीजिए ठंडी-ठंडी बासुंदी का मजा

बहुत से लोगों को दूध से बनी चीजें खाना बहुत पसंद होता है. आज हम आपको बासुंदी की रेसिपी के बारे में बताने जा रहे हैं. यह एक स्वीट डिश होती है. जिसे आप आसानी से घर में बना सकते हैं. आप बासुंदी को ठंडा या गर्म दोनों तरीकों से खा सकते हैं. आइए जानते हैं बासुंदी बनाने की रेसिपी. सामग्री दूध - 1 लीटर,इलायची पाउडर - 1/4 टी-स्पून,नटमेग पाउडर( जयफल) - 1/4 टी-स्पून,केसर - 1/4 टी-स्पून,बादाम - 1 1/2 टेबल स्पून ,काजू - 1 1/2 टेबल स्पून,पिस्ता - 1 1/2 चम्मच,बादाम-सजावट के लिए ,काजू - सजावट के लिए,पिस्ता - सजावट के लिए विधि 1- बासुंदी बनाने के लिए सबसे पहले मोटी तली वाले बर्तन में 1 लीटर दूध डालकर गर्म करें. जब दूध गाढ़ा हो जाए तो इसमें ½ चम्मच इलायची पाउडर, ½ चम्मच जायफल पाउडर, ½ चम्मच केसर डालकर मिक्स करें. 2- अब इसमें 11/2 चम्मच बादाम, 11/2 चम्मच काजू और 11/2 चम्मच पिस्ता डालकर मिक्स करें. 3- इसे लगातार चलाते रहें जिससे दूध जले नहीं धीमी आंच पर दूध को 30 मिनट तक उबालने के बाद इसे काजू बादाम और पिस्ता के साथ गार्निश करें. 4- अब इसे फ्रिज में रखकर ठंडा करें. लीजिए आपकी ठंडी-ठंडी बासुंदी तैयार है इसे सर्व करें.

बहुत से लोगों को दूध से बनी चीजें खाना बहुत पसंद होता है. आज हम आपको बासुंदी की रेसिपी के बारे में बताने जा रहे हैं. यह एक स्वीट डिश होती है. जिसे आप आसानी से घर में बना सकते हैं. आप बासुंदी को ठंडा या गर्म दोनों तरीकों से …

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अपने बच्चों के लिए बनाएं टेस्टी टेस्टी टूटी फ्रूटी केक

आज तक आपने कई बार मार्केट से मंगवा कर केक खाया होगा. बच्चों को केक खाना बहुत पसंद होता है. इसलिए आज हम आपको घर पर ही टूटी फ्रूटी केक की रेसिपी के बारे में बताने जा रहे हैं. आप इसे आसानी से घर में बना सकते हैं. आइए जानते हैं टूटी फ्रूटी केक बनाने की रेसिपी. सामग्री दही- 190 ग्राम ,चीनी- 170 ग्राम ,वेनिला एक्सट्रेक्ट- 1 टीस्पून ,तेल- 100 ग्राम ,मैदा- 260 ग्राम ,बेकिंग सोडा- ¼ टीस्पून ,बेकिंग पाउडर- 1 टीस्पून ,पानी- ¼ कप ,टूटी-फ्रूटी- 60 ग्राम विधि 1- टूटी फूटी केक बनाने के लिए सबसे पहले एक कटोरे में दही, चीनी, वनीला, एक्सट्रेक्ट और तेल डालकर अच्छे से मिक्स करें. इसे तब तक मिलाए जब तक चीनी अच्छे से मिक्स ना हो जाए. 2- अब छलनी से मैदा, बेकिंग सोडा और बेकिंग पाउडर छानकर दही वाले मिश्रण में मिलाएं. अब इसे अच्छे से मिक्स करें. 3- अब इसमें थोड़ा सा पानी डालकर स्मूथ होने तक मिलाएं. अब इसमें टूटी-फूटी डालकर अच्छे से मिलाएं और इसे बेकिंग ट्रे में पलटकर ओवन में 180 सेंटी ग्रेट पर 40 मिनट तक बेक करें. 4- अब इसे ओवन से निकालकर इसके पतले-पतले स्लाइस काट ले. लीजिए आपका टूटी फ्रूटी केक तैयार है. इसे सर्व करें.

आज तक आपने कई बार मार्केट से मंगवा कर केक खाया होगा. बच्चों को केक खाना बहुत पसंद होता है. इसलिए आज हम आपको घर पर ही टूटी फ्रूटी केक की रेसिपी के बारे में बताने जा रहे हैं. आप इसे आसानी से घर में बना सकते हैं. आइए जानते …

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बारिश के मौसम में लीजिए स्वादिष्ट पनीर मोमोज सूप का मजा

अब एक पैन में 2 चम्मच जैतून का तेल डालकर गर्म करें. अब इसमें 1 कटा हुआ प्याज डालकर हल्का ब्राउन होने तक भूनें. 3- अब इसमें 1 चम्मच अदरक लहसुन का पेस्ट, 2 कप बंद गोभी और 1 कद्दूकस की हुई गाजर डाल कर फ्राई करें. 4- अब इसमें 1 कप पनीर, ½ चम्मच नमक, 1 चम्मच सिरका, 1 चम्मच सोया सॉस और ½ चम्मच चिली सॉस डालकर मिलाएं. 5- अब तैयार किए हुए आटे में तैयार किये हुए मसाले को भर कर के 10 मिनट तक भाप पर पकाएं. 6- अब एक पैन में आधा चम्मच तिल और एक चम्मच जीरे को हल्का ब्राउन होने तक भूनें. अब इसमें 2 चम्मच तेल, 2 चम्मच साबुत लाल मिर्च और कटे हुए लहसुन को डालकर फ्राई करें. 7- अब इस मिश्रण को मिक्सी में डालें. अब इसमें 1 कप टमाटर, हरा धनिया, कटी हुई अदरक, ½ चम्मच हल्दी, ½ चम्मच नमक और पानी डालकर पीस लें. 8- अब एक पैन में पिसा हुआ मसाला, दो चम्मच नींबू का रस, ½ चम्मच चीनी डालकर 5 मिनट तक पकाएं. 9- अब एक कटोरे में मोमोज और सूप डालकर हरे धनिए से गार्निश करें. लीजिए आपका पनीर मोमोज सूप बनकर तैयार है इसे गरमा गरम सर्व करें

बारिश के मौसम में सभी लोगों को गर्मागर्म सूप पीना पसंद होता है. आज हम आपके लिए पनीर मोमोज सूप बनाने की आसान रेसिपी लेकर आए हैं. आप इसे आसानी से घर में बना सकते हैं. पनीर मोमोज सूप बच्चों को भी बहुत पसंद आएगा. आइए जानते हैं पनीर मोमोज …

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घूमने के लिए मशहूर है यह खूबसूरत झील “सूरजकुंड”

हरियाणा में फरीदाबाद जिमे सूरजकुंड स्थित है. वसेसे तो यह जगह अपने मेले के कारण आकर्षण का केंद्र है पर यहाँ की झील भी मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है.सूरजकुंड अपने हस्तशिल्प-मेला के लिये प्रसिद्ध है.मेला मैदान के ग्रामीण परिवेश की अद्भुत रेंज आगंतुकों को आकर्षित कर रही है. दिल्ली से महज 20 किलोमीटर दूर हरियाणा राज्य में स्थित सूरजकुंड झील दूनियाभर में मशहूर है जो बेहद खूबसूरत और शांत है. इस झील को 10वीं शताब्दी में राजा सूरजमल ने बनवाया था. आपको बता दें कि सूरजकुंड का नाम यहां 10वीं सदी में तोमर वंश के राजा सूरज पाल द्वारा बनवाए गए एक प्राचीन रंगभूमि सूर्यकुंड से लिया गया है. सूरजकुंड में हर साल फरवरी के महीने मं सूरजकुंड मेले का आयोजन किया जाता है.यह मेला देश की कला एवं संस्कृति का सबूत है.इस मेले में देश के कोने-कोने से कलाकार, श‍िल्पकार आदि शामिल होते हैं और अपनी कला का जौहर दिखाते हैं.वीकेंड एंजॉय करने के लिए यह भी एक बेहतरीन जगह हो सकती है. वर्ष 2013 में सूरजकुंड शिल्प मेले को अंतर्राष्ट्रीय मेले का दर्जा दिए जाने से इसके इतिहास में एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ. वर्ष 2016 में 30वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले का भव्य आयोजन किया गया इसके साथ ही मेला पखवाड़े के दौरान शाम के समय प्रस्तुत किए जाने वाले रोमांचक सांस्कृतिक कार्यक्रम दर्शकों को पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर देते हैं.

हरियाणा में फरीदाबाद जिमे सूरजकुंड  स्थित है. वसेसे तो यह जगह अपने मेले के कारण आकर्षण का केंद्र है पर यहाँ की झील भी मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है.सूरजकुंड अपने हस्तशिल्प-मेला के लिये प्रसिद्ध है.मेला मैदान के ग्रामीण परिवेश की अद्भुत रेंज आगंतुकों को आकर्षित कर रही है. …

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रहस्यों से भरपूर हैं ये जगहें

बहुत से लोगों को एडवेंचर वाली जगहों पर घूमने-फिरने का बहुत शौक होता है. इसलिए वो हमेशा नई और रोमांच से भरपूर जगहों पर जाना पसंद करते हैं. दुनिया में बहुत सारे ऐसे ट्रेवलिंग प्लेस हैं जो देखने में खूबसूरत होने के साथ-साथ बहुत खतरनाक भी हैं. पर जिन लोगों को एंडवेंचर का शौक होता है वो ऐसी खतरनाक वाली जगहों पर जाने से भी नहीं डरते हैं और हमेशा कुछ अलग तरह का अनुभव पाना चाहते हैं, जो उन्हें पहले कभी न मिला हो. आज हम आपको दुनिया में मौजूद कुछ ऐसे खतरनाक मगर दिलचस्प जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं. जहां पर इंसान का जाना मना है. ब्राजील में मौजूद स्नेक आइलैंड सांपों से भरा हुआ है. ये आइलैंड बहुत छोटा है. यहाँ पर करीब 20 लाख सांप रहते है. इस आइलैंड पर दुनिया के सबसे जहरीले सांप गोल्डन पिट वाइपर भी भारी संख्या में पाए जाते हैं. इस आइलैंड पर केवल एक्सपर्ट रिसर्चस और नेवी ऑफिसर्स ही जा सकते हैं. यहाँ पर आम इंसानों के जाने की मनाही है. रोम के वेटिकन सीक्रेट आर्काइव, को दीवारों में चुनवा दिया गया है. रोम एक बहुत ही खूबसूरत देश है. ऐसा माना जाता है की इसमें इतिहास के बहुत सारे महत्वपूर्ण दस्तावेज मौजूद है. यहां पर लोगों के जाने पर पाबन्दी है. जापान एक बहुत ही खूबसूरत और समृद्ध देश है. यहाँ पर हर साल भारी मात्रा में टूरिस्ट घूमने के लिए जाते हैं. जापान में स्थित श्राइन देवी अमातेरसु-ओमीकामी को समर्पित किया गया है. यह जगह हजारों साल पुरानी है, ऐसा माना जाता है की इस जगह को तीसरी शताब्दी में बनवाया गया था. अब ये इमारत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. यहां जाना खतरे से कम नहीं है.

बहुत से लोगों को एडवेंचर वाली जगहों पर घूमने-फिरने का बहुत शौक होता है. इसलिए वो हमेशा नई और रोमांच से भरपूर जगहों पर जाना पसंद करते हैं. दुनिया में बहुत सारे ऐसे ट्रेवलिंग प्लेस हैं जो देखने में खूबसूरत होने के साथ-साथ बहुत खतरनाक भी हैं. पर जिन लोगों …

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गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए बेस्ट हैं ये रंग बिरंगे बीच

ज्यादातर लोगों को गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए किसी ठंडी जगह पर जाना पसंद होता है. वीकेंड का मजा लेने के लिए ज्यादातर लोग समुद्र तट बीच और हिल स्टेशन पर घूमने जाते हैं. समुद्र तट का खूबसूरत नजारा और ठंडी ठंडी हवा गर्मी के एहसास से छुटकारा दिलाती है. अगर आपको रंग-बिरंगे तटों पर घूमने का मजा मौका मिले तो आप की छुट्टियों का मजा दोगुना हो जायेगा. आज हम आपको ऐसे ही कुछ लाल, हरे, गुलाबी, काले और जामुनी रंग के तटों के बारे में बताने जा रहे हैं. जो आप की गर्मी की छुट्टियों के मजे को दोगुना कर देंगे. 1- बरमूडा का हार्स शू बे बीच नीले और गुलाबी रंग का है. इस समुद्र के किनारों पर कोशिकीय प्रोटोजोआ और छोटे कांटेदार सी अर्चिन्स के मिश्रण के कारण इस बीच का रंग गुलाबी और नीला हो गया है. इस समुद्र तट पर आप रंग बिरंगी मछलियों की प्रजातियां देख सकते हैं. 2- माउ किफुल हाना बे बीच पर लाल रंग की मिट्टी नीला पानी और हरियाली का नजारा बहुत ही खूबसूरत होता है. आयरन से भरपूर होने के कारण इस समुद्र तट की मिट्टी लाल रंग की हो गई है. गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए यह सबसे अच्छा ऑप्शन हो सकता है. 3- हवाई पापाकोले समुद्री तट अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है. इस हवाई दीप पर घूमने के लिए हर साल बहुत सारे टूरिस्ट आते हैं. पापाकोले समुद्री तट पर आप हरी-भरी रेत के साथ ठंडे पानी का मजा ले सकते हैं. यहां पर चारों तरफ फैली हरियाली के कारण इसे ग्रीन सैंड बीच भी कहा जाता है.

ज्यादातर लोगों को गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए किसी ठंडी जगह पर जाना पसंद होता है. वीकेंड का मजा लेने के लिए ज्यादातर लोग समुद्र तट बीच और हिल स्टेशन पर घूमने जाते हैं. समुद्र तट का खूबसूरत नजारा और ठंडी ठंडी हवा गर्मी के एहसास से छुटकारा दिलाती …

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भारत विरोधी कदम उठाने का समय एक बार फिर चूंका ट्रंप प्रशासन

अपने भारत विरोधी कदम पर मुहर लगाने से ट्रंप प्रशासन एक बार फिर से चूंक गया है. H-4 वीज़ा के तहत मिलने वाले काम के अधिकार को समाप्त करने के लिए ट्रंप सरकार को जो नोटिफिकेशन जारी करना था, उसे जारी करने में सरकार दूसरी बार चूंक गई है. H-4 वीज़ा अमेरिका में काम कर रहे लोगों की पत्नियों को मिलता है. ये वीज़ा इन महिलाओं को अमेरिका में पैसे कमाने का अधिकार देते है. अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी ने कोर्ट को मार्च में बताया था कि इससे संबंधित नियम से जुड़ा एक नोटिफिकेशन जून महीने में जारी किया जाएगा. जून के अंत में नोटिफिकेशन नहीं जारी करने को लेकर होमलैंड सिक्योरिटी ने कोई बयान नहीं जारी किया है. अगर ये नोटिफिकेशन जारी हो जाता तो H-1B वीज़ा के तहत अमेरिका में काम कर रहे लोगों की पत्नियों को मिलने वाले H-4 वीज़ा की समाप्ति का सफर शुरू हो जाता. आपको बता दें कि H-4 वीज़ा की शुरुआत पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के कार्यकाल में हुई थी. होमलैंड सिक्योरिटी के एक अधिकारी ने एक तरफ तो ये कहा है कि ये नोटिफिकेशन कब जारी किया जाएगा उसे लेकर उनके पास कोई अपडेट नहीं है. वहीं, ट्रंप प्रशासन का स्टैंड यही है कि वो इस वीज़ा को किसी हाल में खत्म करके रहेगा. अगर ट्रंप प्रशासन ये फैसला लेता है तो अमेरिका में रह रही करीब एक लाख से ज़्यादा शादी-शुदा भारतीय महिलाएं इससे प्रभावित होंगी. ट्रंप प्रशासन उस पॉलिसी को रद्द करने का प्लान बना रहा है जिसके तहत भारतीय शादीशुदा महिलाओं को 'ईएडी' (Employment Authorization Document) दिया जाता है. इसी के तहत वो अमेरिका में घर आधारित काम करने का अधिकार पाती हैं.

अपने भारत विरोधी कदम पर मुहर लगाने से ट्रंप प्रशासन एक बार फिर से चूंक गया है. H-4 वीज़ा के तहत मिलने वाले काम के अधिकार को समाप्त करने के लिए ट्रंप सरकार को जो नोटिफिकेशन जारी करना था, उसे जारी करने में सरकार दूसरी बार चूंक गई है. H-4 …

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आतंकी हमले के बाद अफगानी सिख बोले, अब हम यहां नहीं रह सकते

अफगानिस्तान के पूर्वी शहर जलालाबाद में रविवार को हिंदू-सिख समुदाय पर हुए आत्मघाती हमले के बाद अल्पसंख्यक सिख समुदाय के लोग देश छोड़कर भारत जाने पर विचार कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे अब अफगानिस्तान में नहीं रह सकते। इस हमले में अक्टूबर में होने वाले संसदीय चुनाव के एक मात्र सिख उम्मीदवार अवतार सिंह खालसा और समुदाय के प्रमुख कार्यकर्ता रवैल सिंह भी मारे गए। अफगानिस्तान में "नेशनल पैनल ऑफ हिंदू एंड सिख" के सचिव तेजवीर सिंह (35) ने कहा, "मेरा स्पष्ट मत है कि अब हम यहां नहीं रह सकते। इस्लामी आतंकवादी हमारी धार्मिक मान्यताओं को सहन नहीं करेंगे। हम अफगानी हैं। सरकार हमें मान्यता देती है, लेकिन आतंकवादी हमें निशाना बनाते हैं क्योंकि हम मुस्लिम नहीं हैं।" तेजवीर के अंकल भी रविवार को हुए हमले में मारे गए हैं। उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान में अब सिख परिवार 300 से भी कम रह गए हैं। सिखों के देश में सिर्फ दो ही गुरुद्वारे हैं। एक जलालाबाद में तो दूसरा राजधानी काबुल में। 1990 में गृह युद्ध शुरू होने से पहले अफगानिस्तान में करीब 2.5 लाख हिंदू और सिख रह रहे थे। यहां तक कि एक दशक पहले तक अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक वहां लगभग तीन हजार हिंदू और सिख रह रहे थे। लेकिन राजनीतिक प्रतिनिधित्व और धार्मिक आजादी के बावजूद इस्लामी आतंकी समूहों की ओर से उन्हें पूर्वाग्रह, उत्पीड़न और हिंसा का सामना करना पड़ा। लिहाजा समुदाय के हजारों लोग भारत पलायन कर गए। जलालाबाद में किताबों और कपड़ों की दुकान चलाने वाले बलदेव सिंह कहते हैं, "हमारे पास दो विकल्प हैं, या तो भारत चले जाएं या इस्लाम अपना लें। "हम कायर नहीं" हालांकि, कुछ सिखों का अफगानिस्तान छोड़ने का कोई इरादा नहीं है। उनमें से एक, और काबुल में दुकान चलाने वाले संदीप सिंह ने कहा, "हम कायर नहीं हैं। अफगानिस्तान हमारा देश है और हम कहीं नहीं जा रहे हैं।" आईएस ने ली जिम्मेदारी रविवार को हुए हमला आतंकी संगठन "इस्लामिक स्टेट" (आईएस) ने किया था। संगठन ने सोमवार को एक बयान जारी कर इस हमले की जिम्मेदारी ली। "अशरफ गनी को मौत, सरकार को मौत" के लगे नारे हमले में मारे गए लोगों के ताबूत सोमवार को जब एंबुलेंस में रखे जा रहे थे तो समुदाय के शोकाकुल लोगों ने "अशरफ गनी को मौत, सरकार को मौत" के नारे लगाए। अवतार सिंह के पुत्र नरेंद्र सिंह ने कहा, "इस हमले में हमारे कई ऐसे बुजुर्ग मारे गए जो अपने देश को किसी भी अन्य चीज से ज्यादा प्यार करते थे। हम प्रत्यक्ष निशाना थे। लेकिन सरकार वास्तव में हमारी कोई परवाह नहीं करती।" अफगानी राष्ट्रपति ने जताया शोक अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने हमले में मारे गए हिंदू-सिखों के परिजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त कीा है। उन्होंने कहा, "जलालाबाद हमले में मारे गए हमारे अफगान नागरिकों के परिवारों के लिए हमारे दिलों में बेहद दुःख है। हमारे स्वाभिमानी और उदार अफगान सिखों के निधन से मैं बेहद दुखी हूं। उनमें से कई से मुझे कई बार बातचीत का सम्मान मिला था। मैं अपने साथी अफगान नागरिकों से कहना चाहता हूं कि वे जरूरतमंदों की ओर मदद का हाथ बढ़ाएं। इस मुश्किल वक्त से निकलने में मदद के लिए मैं हर मुमकिन कार्य करूंगा।

अफगानिस्तान के पूर्वी शहर जलालाबाद में रविवार को हिंदू-सिख समुदाय पर हुए आत्मघाती हमले के बाद अल्पसंख्यक सिख समुदाय के लोग देश छोड़कर भारत जाने पर विचार कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे अब अफगानिस्तान में नहीं रह सकते। इस हमले में अक्टूबर में होने वाले संसदीय चुनाव …

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ऑस्ट्रेलिया ने लगाया प्लास्टिक बैग पर बैन, जानें दुनिया में क्या हो रहा है

ऑस्ट्रेलिया ने एक बार इस्तेमाल में आने वाले प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही वह दुनिया के उन तमाम देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने प्लास्टिक के कचरे को रोकने में प्रतिबद्धता जाहिर की है। बड़े खुदरा विक्रेताओं ने लोगों को घर से बैग लाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बार-बार इस्तेमाल में लाई जाने वाली प्लास्टिक पर चार्ज लगाना शुरू कर दिया है। ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और नीदरलैंड समेत कई देशों ने एक बार यूज में आने वाले प्लास्टिक बैग पर पहले से ही प्रतिबंध लगा दिया है। केन्या में इस बारे में शायद सबसे कड़ा कदम उठाया है। वहां प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों को चार साल की जेल या 39,000 डॉलर तक जुर्माना लगाया जाता है। कई देशों ने प्लास्टिक के खिलाफ लड़ाई में अन्य उत्पादों को भी टार्गेट किया है। एक अनुमान के अनुसार, 80 लाख टन प्लास्टिक हर साल हमारे महासागरों और जलमार्गों में डाला जाता है। अगर इस दर पर अगर प्लास्टिक का कचरा निकलता रहा, तो साल 2050 तक महासागरों में मछली की तुलना में प्लास्टिक अधिक होगी। माइक्रोबीड्स यह छोटे प्लास्टिक कण होते हैं, जो वॉडी वॉश, टूथपेस्ट और अन्य कॉस्मेटिक उत्पादों में पाए जाते हैं। वे बायोडिग्रेडेबल नहीं हैं और समुद्री वातावरण को दूषित करने के बाद उन्हें हटाने के लिए लगभग असंभव होता है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने साल 2016 में माइक्रोबीड्स को चरणबद्ध तरीके से हटाने का समर्थन किया है। हालांकि, वहां इस बारे में अभी कोई कानून या आधिकारिक प्रतिबंध नहीं है और कुछ निर्माता उनका उपयोग जारी रखते हैं। पेरिस की जेल से हेलिकॉप्टर से फरार हुआ मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर पिछले कुछ सालों में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, न्यूजीलैंड और अन्य सहित अन्य देशों ने माइक्रोबीड्स पर प्रतिबंध का प्रस्ताव या कार्यान्वयन किया है। वेल्स और कनाडा पिछले सप्ताह के अंत में सूची में शामिल हो गए और आयरलैंड ने साल 2018 के अंत तक माइक्रोबीड्स प्रतिबंध लगा सकता है। प्लास्टिक स्ट्रॉ प्लास्टिक के स्ट्रॉ पर्यावरण का सबसे बड़ा दुश्मन है। मरीन कंजर्वेशन सोसाइटी के मुताबिक, अकेले यूके में लगभग 8.5 अरब प्लास्टिक स्ट्रॉ का कचरा निकालता है। स्ट्रॉ अक्सर समुद्र में फेंक दी जाती है और अब समुद्र तटों पर पाए जाने वाले शीर्ष 10 अपशिष्ट वस्तुओं में से यह एक है। ताइवान, सिएटल और वैंकूवर सहित दुनिया भर के कई प्रमुख शहरों और देशों ने प्लास्टिक स्ट्रॉ प्रतिबंध लागू किए हैं। भारत के 29 में से कम से कम 25 राज्यों में स्ट्रॉ की बिक्री को बैन किया गया है। पानी की आपूर्ति के लिए अंटार्कटिका से ग्लेशियर खींचकर लाने की तैयारी में यूएई अप्रैल में ब्रिटेन ने प्लास्टिक कचरे के खिलाफ एक अभियान का प्रस्ताव दिया था, जो प्लास्टिक, स्ट्रॉ और कॉटन स्वैब्स पर प्रतिबंध लगा सकता है। यूरोपीयन यूनियन ने हाल ही में प्लास्टिक बैन करने का प्रस्ताव दिया है। इसमें स्ट्रॉ सहित 10 वस्तुओं को शामिल किया गया है, जो यूरोपीयन यूनियन के पानी और समुद्र तटों में सभी कूड़े का 70 फीसद है। कॉफी पॉड्स और कप प्लास्टिक और एल्यूमीनियम के संयोजन से बने कॉफी पॉड्स को रीसायकल करना मुश्किल होता है। हैम्बर्ग ने 2016 में कॉफी पॉड्स पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला शहर था। कॉफी कंपनी नेस्प्रेसो के पास कई देशों में एक कॉफी पॉड रीसाइक्लिंग प्रोग्राम चलता है, जिससे ग्राहकों को कलेक्शन प्वाइंट पर खाली पॉड्स छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। स्कॉटलैंड ने इस साल की शुरुआत में सरकारी भवनों में एक बार ही उपयोग में लाए जाने वाले कॉफी कपों पर प्रतिबंध लगा दिया था। वेल्स भी जल्द ही इस दिशा में कदम उठा सकता है। यदि आप अपना खुद का कप लाते हैं, तो स्टारबक्स और अन्य कॉफी की दुकानें छूट प्रदान करती हैं।

ऑस्ट्रेलिया ने एक बार इस्तेमाल में आने वाले प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही वह दुनिया के उन तमाम देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने प्लास्टिक के कचरे को रोकने में प्रतिबद्धता जाहिर की है। बड़े खुदरा विक्रेताओं ने लोगों को घर से …

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