Uncategorized

अमेरिका: अखबार के दफ्तर पर हमले में पांच जाने गई

अमेरिका: अखबार के दफ्तर पर हमले में पांच जाने गई

अमेरिका में एक अखबार के दफ्तर पर हुए हमले में गोलीबारी में 5 लोग मारे गए हैं. घटना मेरीलैंड स्थित एनापोलिस शहर में हुई जिसमे कई लोग घायल भी हो गए. घटना की सुचना मिलते ही पुलिस ने मोर्चा सँभालते हुए एक संदिग्ध को हिरासत में लिया और आसपास के …

Read More »

गुजरात सरकार पर संकट के बादल, विधायकों की नाराजगी बनी मुश्किल

मौजूदा गुजरात सरकार में फ़िलहाल सब कुछ ठीक नही चल रहा हैं. ख़बरों की माने तो गुजरात के वड़ोदरा से तीन भाजपा विधायक अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ हो गए हैं. तीन भाजपा विधायक रूपानी सरकार से नाराज चल रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि अधिकारियों द्वारा उनकी अनदेखी की गई हैं. साथ ही पार्टी आलाकमान से शिकायत करने की बात सामने आई है. अपनी ही सरकार से नाराज चल रहे तीनों भाजपा विधायकों ने यह भी दावा किया है कि पार्टी के करीब 1 दर्जन से अधिक विधायक उनके साथ हैं. विधायकों के इस बयान ने सरकार की मुश्किलों में और इजाफ कर दिया हैं. यह मामला ऐसे समय में प्रकाश में आया है जब मुख्यमंत्री विजय रूपाणी अपने 6 दिन के इजरायल दौरे पर गए हुए हैं. सरकार से नाराज चल रहे विधायक मधु श्रीवास्तव, योगेश पटेल और केतन इनामदार हैं. उनका कहना है कि राज्य के कुछ मंत्री उनकी बात नहीं सुन रहे है और उनको अनदेखा किया जा रहा है. वहीं इस पर गुजरात के उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल ने कहा कि तीनों विधायक पार्टी से नाराज नहीं हैं और उन्हें मिलने के लिए बुलाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि जो भी अधिकारी इन जनप्रतिनिधियों की अवहेलना करने के दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

मौजूदा गुजरात सरकार में फ़िलहाल सब कुछ ठीक नही चल रहा हैं. ख़बरों की माने तो गुजरात के वड़ोदरा से तीन भाजपा विधायक अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ हो गए हैं. तीन भाजपा विधायक रूपानी सरकार से नाराज चल रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि अधिकारियों द्वारा …

Read More »

कोर्ट ने दी लालू को बड़ी राहत

देश के पूर्व रेल मंत्री, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद हाल ही में चारा घोटाला मामले में जेल और कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने को लेकर मुश्किल में है. लेकिन हाल ही में झारखण्ड हाईकोर्ट में दायर एक याचिका के अनुसार लालू प्रसाद यादव को बड़ी राहत मिलती हुई दिखाई दे रही है. इससे पहले अभिषेक मनु सिंघवी और चितरंजन सिन्हा जो की लालू प्रसाद यादव के पक्ष को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील के लिए गए थे. इन वकीलों ने अपनी दलीलों में लालू प्रसाद यादव की स्वास्थ्य रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट दिखाते हुए तीन महीने की जमानत मांगी. हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने इस जमानत याचिका को ख़ारिज कर दिया और 6 सप्ताह की बेल दे दी. कोर्ट ने 10 अगस्त को फिर से लालू प्रसाद यादव की मेडिकल रिपोर्ट पेश करने को लेकर आदेश दिया है. बता दें, इससे पहले सीबीआई के वकील राजीव सिन्हा ने अपना पक्ष रखते हुए, सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लालू प्रसाद यादव का इलाज रिम्स में भी हो सकता है इसलिए उनकी जमानत की अवधि न बढ़ाई जाए, लेकिन कोर्ट ने सिन्हा की इस दलील को भी खारिज कर दिया. यह पहला मौका नहीं है जब लालू प्रसाद यादव की जमानत की अवधि बढ़ाई गई है. इससे पहले भी उनकी जमानत की अवधि बढ़ाई गई थी.

देश के पूर्व रेल मंत्री, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद हाल ही में चारा घोटाला मामले में जेल और कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने को लेकर मुश्किल में है. लेकिन हाल ही में झारखण्ड हाईकोर्ट में दायर एक याचिका के अनुसार लालू प्रसाद यादव को …

Read More »

राहुल गांधी को जूते मारो-संबित पात्रा

सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो बुधवार को सामने आया और इस पर तुरंत सियासी घमासान भी जारी है. मुद्दे पर बात करते हुए बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा सभी मर्यादाये भूल गए और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जूते मारने की बात कर बैठे. सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे पर बहस के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी ने रक्षा बजट कम करने को लेकर कहा कि बीजेपी वोट के लिए सर्जिकल स्ट्राइक का ढिंढोरा पीट रही है, जबकि कांग्रेस के शासनकाल में भी सर्जिकल स्ट्राइक हुई थीं, लेकिन सेना के नाम पर हमने राजनीति नहीं की. इसके जवाब में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि अगर सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत न दो, तो कांग्रेस सवाल उठाती है और जब सबूत दिया जाता है, तो कहती है कि राजनीतिक फायदे के लिए वीडियो जारी किया जा रहा है. इससे भड़के बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने लाइव शो के दौरान ही कांग्रेस पार्टी हाय...हाय के नारे लगाने लगे और फिर कहा कि राहुल गांधी को जूते मारो. इसका राजीव त्यागी ने कड़ा विरोध किया. इस चर्चा में सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) केके सिन्हा और मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) बिशंभर दयाल शामिल रहे. गौरतलब है कि सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो जारी होने के बाद ही इस पर राजनीती शुरू हो गई है.

सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो बुधवार को सामने आया और इस पर तुरंत सियासी घमासान भी जारी है. मुद्दे पर बात करते हुए बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा सभी मर्यादाये भूल गए और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जूते मारने की बात कर बैठे. सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे पर बहस के दौरान …

Read More »

जरुरी नहीं कि पूरा विपक्ष एक साथ चुनाव लड़े

कर्नाटक में हाल ही में सरकार कांग्रेस के साथ मिलकर सत्ता पर काबिज होने वाली जेडीएस के प्रमुख देवगौड़ा ने विपक्ष के एक साथ चुनाव लड़ने के प्लान के बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि जरुरी नहीं कि सारे विपक्षी दल एक साथ मिलकर ही चुनाव लड़े. वहीं सिद्धारमैया के द्वारा सरकार चलने को लेकर दिए गए बयान को लेकर भी उन्होंने कहा कि यह उनकी अपनी सोच है. देवगौड़ा ने कहा कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से राज्यों में अपने कैडरों को साफ ‘‘संकेत ’ है कि वे जल्द ही नवंबर-दिसंबर में लोकसभा चुनावों के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा, ‘ये आवश्यक नहीं है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने वाली पार्टियां सभी राज्यों में मिलकर लड़ेंगी." वहीं हाल ही में कर्नाटक में कांग्रेस के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में एक बयान देते हुए कहा था कि "इस जेडीएस और कांग्रेस की सरकार का 2019 के बाद चलना मुश्किल है." सिद्धारमैया के द्वारा दिए गए इस बयान पर ज्यादा कुछ न बोलते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि "यह सिद्धारमैया की अपनी खुद की सोच है, हमारा इससे कोई लेना देना नहीं है."

कर्नाटक में हाल ही में सरकार कांग्रेस के साथ मिलकर सत्ता पर काबिज होने वाली जेडीएस के प्रमुख देवगौड़ा ने विपक्ष के एक साथ चुनाव लड़ने के प्लान के बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि जरुरी नहीं कि सारे विपक्षी दल एक साथ मिलकर ही चुनाव लड़े. वहीं …

Read More »

2019 में कांग्रेस के साथ रहेंगे-देवगौड़ा

महागठबंधन को लेकर चल रही अटकलों के बीच जनता दल (एस) के प्रमुख एच डी देवगौड़ा ने लोकसभा चुनाव में सभी के साथ मिलकर लड़ने की संभावना पर संशय जताया है. उन्होंने कहा कर्नाटक के मुख्यमंत्री के शपथग्रहण समारोह आये सभी दल साथ रहे जरुरी नहीं है. देवगौड़ा ने बीजेपी के खिलाफ तीसरे मोर्चे की भूमिका को भी दोहराया . देवगौड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से राज्यों में अपने कैडरों को साफ ‘‘संकेत ’ है कि वे जल्द ही नवंबर-दिसंबर में लोकसभा चुनावों के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा, ‘ये आवश्यक नहीं है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने वाली पार्टियां सभी राज्यों में मिलकर लड़ेंगी.’ कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बसपा, आप, माकपा और टीडीपी के शीर्ष नेता पिछले महीने बेंगलूरू में कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए थे. देवगौड़ा ने कहा कि सपा और बसपा आम चुनाव में उत्तर प्रदेश में चालीस-चालीस सीट साझा करने पर चर्चा कर रही हैं.उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक में कांग्रेस के साथ कुछ मुद्दे होने के बावजूद हम उसके साथ मिलकर लड़ेंगे.' सीट बंटवारे पर उन्होंने कहा, ‘मुद्दे पर अब तक कोई चर्चा नहीं हुई है... कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कुमारस्वामी चर्चा करेंगे और इसे अंतिम रूप देंगे.’

महागठबंधन को लेकर चल रही अटकलों के बीच जनता दल (एस) के प्रमुख एच डी देवगौड़ा ने लोकसभा चुनाव में सभी के साथ मिलकर लड़ने की संभावना पर संशय जताया है. उन्होंने कहा कर्नाटक के मुख्यमंत्री के शपथग्रहण समारोह आये सभी दल साथ रहे जरुरी नहीं है. देवगौड़ा ने बीजेपी …

Read More »

नेतन्याहू से मुलाकात के बाद यहूदियों को अल्पसंख्यक दर्जा देने की घोषणा

बता दें, मुख्यमंत्री बनने के बाद विजय रुपाणी का यह पहला विदेशी दौरा है, जिसमें वो इजरायल आए है. यहाँ पर विजय रुपाणी आतंरिक सुरक्षा ,जल प्रबंधन और कृषि के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर बेंजामिन नेतन्याहू से बातचीत करेंगे. इससे पहले जब बेंजामिन नेतन्याहू भारत के दौरे पर थे, तब उन्होंने भी गुजरात का दौरा किया था.

हाल ही में कुछ महीनों पहले हुए चुनाव के बाद गुजरात के नए मुख्यमंत्री बने विजय रुपाणी अभी इजरायल दौरे पर है. विजय रुपाणी का मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला विदेश दौरा है. इस दौरे पर विजय रुपाणी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की, साथ ही …

Read More »

इतिहास के साथ फिर की मोदी ने बड़ी छेड़छाड़

नरेंद्र मोदी

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपनी एक रैली के दौरान इतिहास से छेड़छाड़ करते हुए एक ऐसा बयान दिया है, जो संभव ही नहीं हो सकता. हाल ही में संत कबीरदास जी 500 वीं पुण्यतिथि यूपी के मगर में पीएम मोदी ने कहा कि “मैं यहाँ …

Read More »

सरकारी मुकदमों की शुरू हुई ऑनलाइन निगरानी, जानिए कितने मुकदमे हैं लंबित

देश भर की अदालतों में तीन करोड़ से ज्यादा मुकदमें लंबित हैं और सरकार सबसे बड़ी मुकदमेबाज है। सरकारी मुकदमों का त्वरित निपटारा, मुकदमों की निगरानी की एकीकृत व्यवस्था और महत्वपूर्ण मुकदमों को खास तवज्जो सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी। लेकिन प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया मिशन को साकार करते हुए इसका हल तलाश लिया गया है। लीगल इन्फारमेशन मैनेजमेंट एंड ब्रीफिंग सिस्टम (एलआइएमबीएस) के जरिये सरकारी मुकदमों की चौबीस घंटे आनलाइन निगरानी हो रही है। सरकारी मुकदमों का ज्यादातर ब्योरा ऑनलाइन डाल दिया गया है। इतना ही नहीं कौन सा मुकदमा किस अदालत में किस स्तर पर लंबित है और फैसले के बाद आगे अपील की जाए या नहीं सब कुछ ऑनलाइन तय होगा। एसएमएस एलर्ट और महत्वपूर्ण मुकदमों पर खास ध्यान दिया जा रहा है। कानून मंत्रालय ने सरकारी मुकदमों के लिए आंतरिक ऑनलाइन निगरानी सिस्टम तैयार किया है जिसमें सभी मंत्रालय और विभाग शामिल हैं। कानून मंत्रालय के विधि सचिव सुरेश चंद्रा ने गुरुवार को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के जरिये एलआइएमबीएस की खूबियां और लाभ बताया। उन्होंने बताया कि एलआइएमबीएस सभी मंत्रालयों और सरकारी विभागों में सफलतापूर्वक लागू हो गया है। इसमें मंत्रालय के अधिकारी, नोडल आफीसर, वकील, कानून मंत्रालय के अधिकारी सभी शामिल हैं। इसके जरिये एक ही जगह सभी विभागों और मंत्रालयों के लंबित मुकदमों की जानकारी उपलब्ध है जिससे न सिर्फ मुकदमों का त्वरित निपटारा होगा बल्कि भ्रम की स्थिति और सरकारी खजाने पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ भी घटेगा। पिछले तीन सालों में 62 मंत्रालयों के 7800 यूजर्स ने 2.91 लाख मुकदमों को इस पर अपलोड किया है। इसके जरिये आसानी से मुकदमों की निगरानी हो सकेगी। इसमें एसएमएस एलर्ट की भी व्यवस्था है ताकि संबंधित अधिकारी और मंत्रालय सर्तक हो सकें और तत्काल जरूरी कदम उठा सकें। इसकी एक खासियत यह भी है कि इसमें यूनिक डिजिटल लाकर है जिसमें मुकदमें से संबंधित जरूरी दस्तावेज और सूचना (जवाब, प्रतिउत्तर, हलफनामा और फैसले) आदि अपलोड किये जा सकते हैं। इससे मुकदमें की सारी सूचना एक जगह एकत्रित रहेगी और उसे एकत्र करने में बेवजह का श्रम और समय नहीं लगेगा। फैसले के बाद अपील और विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने की भी समयबद्ध निगरानी की जा सकेगी। नोडल आफिसर और मंत्रालय महत्वपूर्ण मुकदमों को चिह्नित कर सकते हैं और महत्वपूर्ण मुकदमों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि महत्वपूर्ण मुकदमे के बारे में अनभिज्ञता के कारण देरी और लापरवाही की गुंजाइश नहीं रहेगी। एक ही मुकदमे की अलग-अलग विभागों में चल रही मुकदमेबाजी और अंतरमंत्रालय मुकदमेबाजी पर भी रोक लगेगी

देश भर की अदालतों में तीन करोड़ से ज्यादा मुकदमें लंबित हैं और सरकार सबसे बड़ी मुकदमेबाज है। सरकारी मुकदमों का त्वरित निपटारा, मुकदमों की निगरानी की एकीकृत व्यवस्था और महत्वपूर्ण मुकदमों को खास तवज्जो सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी। लेकिन प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया मिशन को साकार करते …

Read More »

गरीबों में राशन दुकानों से सस्ती दर पर दाल बांटने की तैयारी

गरीबों में राशन दुकानों से सस्ती दर पर दाल बांटने की तैयारी की जा रही है। इस बारे में उपभोक्ता व खाद्य मंत्रालय कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है। सरकारी स्टॉक में फिलहाल 55 लाख टन दालें पड़ी हुई हैं, जिन्हें बाजार के हिसाब से अधिक मूल्य पर खरीदा गया है। अगर उसे खुले बाजार में बेचना पड़ा तो भारी घाटा उठाना पड़ेगा। घाटे के इस सौदे से बचने के लिए देश के 201 पिछड़े जिलों में सस्ती दर पर दालों को बेचने पर विचार किया जा रहा है। सरकारी स्टॉक की दालों को खपाने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवों की समिति की बैठक बुलाई गई है। बैठक में बफर स्टॉक की पुरानी पड़ी दालों के साथ मूल्य समर्थन योजना के तहत खरीदी दालों को पिछड़े जिलों में बांटे जाने पर कोई अहम फैसला लिया जा सकता है। महंगी दाल खरीद कर बाजार में निजी व्यापारियों को सस्ते में बेचना सरकार को भारी पड़ सकता है। दलहन फसलों की सरकारी एजेंसी नैफेड ने चालू सीजन में 43 लाख टन से अधिक की खरीद कर ली है। कई राज्यों में अभी भी खरीद चालू है। इनमें चना, अरहर, मसूर, उड़द और मूंग है। सारी दालें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी गई हैं। जबकि खाद्य मंत्रालय के बफर स्टॉक में 12 लाख टन पुरानी दाल पड़ी हुई है। इसमें काफी दालें बाजार भाव पर खरीदी गई हैं। कुछ दालें आयातित हैं। देश के चिन्हित 201 पिछड़े जिले के उपभोक्ताओं को इसका लाभ दिया जाएगा। केंद्रीय उपभोक्ता मामले व खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने बताया कि इस बारे में विस्तृत विचार-विमर्श हो चुका है। इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी जल्द ही ले ली जाएगी। दलहन कारोबार के एक जानकार व्यापारी ने बताया कि अरहर को छोड़कर बाकी सभी दलहन फसलें साबुत भी खाई जाती हैं, इसलिए राशन प्रणाली के तहत उपभोक्ताओं को दालें बांटना बहुत आसान है। दालों में सबसे अधिक सरकारी खरीद चने की हुई है। यह 25 लाख टन से भी अधिक है। 20 लाख टन अरहर, चार लाख टन उड़द, तीन लाख टन मूंग और इतनी ही मात्रा में मसूर खरीदी गई है। मानसून के सक्रिय होने के साथ ही सरकारी खरीद ठप होने लगी है।

गरीबों में राशन दुकानों से सस्ती दर पर दाल बांटने की तैयारी की जा रही है। इस बारे में उपभोक्ता व खाद्य मंत्रालय कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है। सरकारी स्टॉक में फिलहाल 55 लाख टन दालें पड़ी हुई हैं, जिन्हें बाजार के हिसाब से अधिक मूल्य पर खरीदा गया …

Read More »
English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com