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दिल्ली समेत 3 राज्यों के 25 लाख से अधिक लोगों पर संकट, 24 घंटे में ठप पड़ सकती है मेट्रो

मुंबई की तरह दिल्ली की 'लाइफ लाइन' कही जाने वाली मेट्रो सेवा अगले 24 घंटे में ठप हो सकती है। इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि दिल्ली मेट्रो के 9000 नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों ने 29 जून यानी शुक्रवार से ही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का एलान किया है। अगर कर्मचारियों की भूख हड़ताल हुई तो दिल्ली मेट्रो की सेवाएं ठप होने का खतरा मंडरा गया है। लाखों यात्रियों को इससे भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इससे न केवल मेट्रो की परेशानी बढ़ेगी, बल्कि बसों के साथ सड़क पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है। बता दें कि दिल्ली मेट्रो के जरिये करीब 25 लाख लोग रोजाना यात्रा करते हैं। इन यात्रियों में केवल दिल्ली के ही नहीं, बल्कि हरियाणा (गुरुग्राम, फरीदाबाद व बहादुरगढ़) और यूपी (नोएडा व गाजियाबाद) के मेट्रो यात्री भी शामिल हैं। वहीं, हड़ताल पर जाने के मुद्दे पर दिल्ली मेट्रो के प्रवक्ता का कहना है कि कर्मचारियों की कुछ एचआर संबंधी समस्याएं हैं। हमें उम्मीद हैं कि इन्हें जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। यूपीः गाजियाबाद के लाखों लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी, मेट्रो का बढ़ेगा दायरा यह भी पढ़ें इससे पहले जुलाई, 2017 में भी ऐसी परिस्थिति आ गई थी, जब उसके नॉन-एग्जिक्यूटिव स्टाफ ने इसी तरह की मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। हालांकि, आखिरी समय पर डीएमआरसी प्रबंधन और स्टाफ काउंसिल की बैठकों के बाद मसला टल गया था। मेट्रो की सबसे व्यस्त तीन पुरानी लाइनों पर बढ़ीं ट्रेनें, लाखों यात्रियों को होगा लाभ यह भी पढ़ें तकरीबन एक साल बाद फिर ऐसी ही स्थिति आती दिखाई दे रही है। अब मांगों के लेकर कर्मचारियों ने 29 जून से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल और 30 जून से अनिश्चितकालीन सेवा हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। हड़ताल करने वालों का कहना है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान किसी भी घटना और यात्रियों की असुविधा के लिए दिल्ली मेट्रो प्रबंधन जिम्मेदार होगा। DMRC: केंद्र सरकार को भेजा ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के लिए कोच खरीदने का संशोधित प्रस्ताव यह भी पढ़ें यहां पर याद दिला दें कि डीएमआरसी के कर्मचारी पिछले कई दिनों से लगातार अलग-अलग मेट्रो स्टेशनों पर हाथ पर काली पट्टी बांधकर धरना दे रहे हैं। इनमें ट्रेन ऑपरेटर्स, स्टेशन कंट्रोलर, तकनीशियन, ऑपरेशन स्टाफ व अन्य स्टाफ शामिल है। अगले महीने DMRC देने जा रहा है मेट्रो का एक और तोहफा, लोगों का सफर होगा आसान यह भी पढ़ें बताया जा रहा है कि 10 सूत्री मांगों के ज्ञापन में मेट्रो कर्मचारियों ने मेट्रो मैनेजमेंट पर पिछले साल हुए समझौते को लेकर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है, साथ ही मैनेजमेंट की तरफ से गैर-कार्यपालक कर्मचारियों के साथ वेतन में भेदभाव और शोषण की बात कही गई है। अगर हड़ताल हुई तो दिल्ली सरकार भी परेशानी में आ सकती है, क्योंकि मेट्रो ट्रेनों के नहीं चलने से ज्यादा से ज्यादा यात्री सार्वजनिक वाहन यानी बसों की तरफ भागेंगे। ऐसे में दिल्ली परिवहन निगम (DTC) नाकाम ही साबित होगा, क्योंकि उसके पास बसों की काफी कमी है। मुंबई की तरह दिल्ली की 'लाइफ लाइन' कही जाने वाली मेट्रो सेवा अगले 24 घंटे में ठप हो सकती है। इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि दिल्ली मेट्रो के 9000 नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों ने 29 जून यानी शुक्रवार से ही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का एलान किया है। अगर कर्मचारियों की भूख हड़ताल हुई तो दिल्ली मेट्रो की सेवाएं ठप होने का खतरा मंडरा गया है। लाखों यात्रियों को इससे भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इससे न केवल मेट्रो की परेशानी बढ़ेगी, बल्कि बसों के साथ सड़क पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है। बता दें कि दिल्ली मेट्रो के जरिये करीब 25 लाख लोग रोजाना यात्रा करते हैं। इन यात्रियों में केवल दिल्ली के ही नहीं, बल्कि हरियाणा (गुरुग्राम, फरीदाबाद व बहादुरगढ़) और यूपी (नोएडा व गाजियाबाद) के मेट्रो यात्री भी शामिल हैं। वहीं, हड़ताल पर जाने के मुद्दे पर दिल्ली मेट्रो के प्रवक्ता का कहना है कि कर्मचारियों की कुछ एचआर संबंधी समस्याएं हैं। हमें उम्मीद हैं कि इन्हें जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। यूपीः गाजियाबाद के लाखों लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी, मेट्रो का बढ़ेगा दायरा यह भी पढ़ें इससे पहले जुलाई, 2017 में भी ऐसी परिस्थिति आ गई थी, जब उसके नॉन-एग्जिक्यूटिव स्टाफ ने इसी तरह की मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। हालांकि, आखिरी समय पर डीएमआरसी प्रबंधन और स्टाफ काउंसिल की बैठकों के बाद मसला टल गया था। मेट्रो की सबसे व्यस्त तीन पुरानी लाइनों पर बढ़ीं ट्रेनें, लाखों यात्रियों को होगा लाभ यह भी पढ़ें तकरीबन एक साल बाद फिर ऐसी ही स्थिति आती दिखाई दे रही है। अब मांगों के लेकर कर्मचारियों ने 29 जून से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल और 30 जून से अनिश्चितकालीन सेवा हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। हड़ताल करने वालों का कहना है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान किसी भी घटना और यात्रियों की असुविधा के लिए दिल्ली मेट्रो प्रबंधन जिम्मेदार होगा। DMRC: केंद्र सरकार को भेजा ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के लिए कोच खरीदने का संशोधित प्रस्ताव यह भी पढ़ें यहां पर याद दिला दें कि डीएमआरसी के कर्मचारी पिछले कई दिनों से लगातार अलग-अलग मेट्रो स्टेशनों पर हाथ पर काली पट्टी बांधकर धरना दे रहे हैं। इनमें ट्रेन ऑपरेटर्स, स्टेशन कंट्रोलर, तकनीशियन, ऑपरेशन स्टाफ व अन्य स्टाफ शामिल है। अगले महीने DMRC देने जा रहा है मेट्रो का एक और तोहफा, लोगों का सफर होगा आसान यह भी पढ़ें बताया जा रहा है कि 10 सूत्री मांगों के ज्ञापन में मेट्रो कर्मचारियों ने मेट्रो मैनेजमेंट पर पिछले साल हुए समझौते को लेकर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है, साथ ही मैनेजमेंट की तरफ से गैर-कार्यपालक कर्मचारियों के साथ वेतन में भेदभाव और शोषण की बात कही गई है। अगर हड़ताल हुई तो दिल्ली सरकार भी परेशानी में आ सकती है, क्योंकि मेट्रो ट्रेनों के नहीं चलने से ज्यादा से ज्यादा यात्री सार्वजनिक वाहन यानी बसों की तरफ भागेंगे। ऐसे में दिल्ली परिवहन निगम (DTC) नाकाम ही साबित होगा, क्योंकि उसके पास बसों की काफी कमी है।

मुंबई की तरह दिल्ली की ‘लाइफ लाइन’ कही जाने वाली मेट्रो सेवा अगले 24 घंटे में ठप हो सकती है। इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि दिल्ली मेट्रो के 9000 नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों ने 29 जून यानी शुक्रवार से ही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का एलान किया है। अगर कर्मचारियों की …

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सचिवालय में दम तोड़ रही वर्षा जल संरक्षण की मुहिम

पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की वर्षा जल संरक्षण की मुहिम को सचिवालय में ही पलीता लग रहा है। दरअसल, वर्षा जल को सहेजने के लिए जल संस्थान को सचिवालय में तीन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक बनाने की इजाजत तो दे दी गई। लेकिन, जल संस्थान की मानें …

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गुलाब की खेती से गुलाबी हुए काश्तकारों के चेहरे, कर रहे इतनी कमाई

गुलाब की खेती चमोली जिले के चीन सीमा से लगे जोशीमठ ब्लॉक के ग्रामीणों के लिए आर्थिकी का सबल जरिया बन गई है। यात्रा सीजन होने के कारण एक-एक गुलाब सौ-सौ रुपये तक में बिक रहा है। साथ ही गुलाब के तेल से भी ग्रामीणों की अच्छी आमदनी हो रही है। अब तक ग्रामीण गुलाब का तेल बेचकर तीन लाख रुपये की कमाई कर चुके हैं। जोशीमठ ब्लॉक के भोटिया जनजाति बहुत ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अन्य फसलों के साथ गुलाब की खेती पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। असल में यह नकदी फसल बाहुल्य क्षेत्र है। लोग यहां आलू, राजमा व चौलाई की खेती के अलावा सेब, आड़ू, खुबानी, पुलम आदि की बागवानी भी करते हैं। गांवों के जंगल से सटे होने के कारण फसलों को जंगली जानवर तबाह कर देते हैं। रही-सही कसर पूरी कर देता है मौसम। ऐसे में फसल का दो तिहाई हिस्सा भी बामुश्किल काश्तकारों को मिल पाता है। इसी को देखते हुए काश्तकारों ने गुलाब की खेती शुरू की है। उन्होंने गुलाब के पौधे खेतों के चारों ओर लगाए हैं और बीच में बोई जाती हैं नकदी फसलें। गुलाब के पौधों पर कांटे होने के कारण यह घेरबाड़ का काम भी कर रहे हैं। अच्छी बात यह है कि गुलाब को बाजार भी हाथोंहाथ मिल रहा है। हेमकुंड की यात्रा में बर्फ के रास्तों का उठाइए रोमांच यह भी पढ़ें एक साल में 35 क्विंटल गुलाब जल ग्रामीण गुलाब से तेल भी निकाल रहे हैं। सगंध पौधा केंद्र सेलाकुई (देहरादून) की ओर से काश्तकारों को 13 आसवन संयंत्र निश्शुल्क दिए गए हैं। इनसे काश्तकारों ने इस साल 35 क्विंटल गुलाब जल तैयार किया है। सौंदर्य प्रसाधन से जुड़ी कंपनियां काश्तकारों से सीधे गुलाब जल खरीद रही है। साथ ही स्थानीय बाजार में भी गुलाब जल की खासी मांग है। बदरीनाथ व हेमकुंड साहिब आने वाले यात्री गुलाब जल को हाथोंहाथ खरीद रहे हैं। बदरीनाथ धाम यात्रियों से गुलजार, जोशीमठ में पसरा सन्नाटा यह भी पढ़ें गुणवत्ता में उत्तम दमिश्क, हिमरोज व नूरजहां हेमकुंड यात्रा: पैदल मार्ग पर हिमखंडों के बीच से चलकर बढ़ रहा रोमांच यह भी पढ़ें क्षेत्र में समुद्रतल से 5000 फीट की ऊंचाई पर उगने वाले दमिश्क, हिमरोज व नूरजहां प्रजाति का गुलाब उगाया जा रहा है। गुलाब की ये प्रजातियां हर्बल के साथ ही उच्च गुणवत्ता वाली भी मानी जाती हैं। इनका एक पौधा 15 साल तक फूल देता है। इन गांवों में हो रही गुलाब की खेती फूलों की अद्भुत दुनिया का करना है दीदार तो चले आइए यहां यह भी पढ़ें जोशीमठ ब्लॉक के द्वींग, तपोण, सलूड़, सुनील, परसारी, मेरग, तपोवन, लाता आदि गांवों में गुलाब की खेती हो रही है। इन गांवों की देखादेखी अब अन्य गांवों के लोग भी गुलाब उगा रहे हैं। बना रहे हैं गुलाब तेल परसारी निवासी किसान नरेंद्र सिंह बिष्ट के मुताबिक गुलाब की खेती हमारे लिए वरदान साबित हो रही है। मैं अब तक चार क्विंटल गुलाब जल का उत्पादन कर चुका हूं। इसके अलावा संयंत्र से गुलाब का तेल भी बनाया है। इससे मुझे एक लाख रुपये की आमदनी हुई है। वहीं, सगंध पौधा केंद्र सेलाकुई देहरादून के वैज्ञानिक सुनील साह के अनुसार काश्तकार गुलाब की खेती कर हजारों बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं। गुलाब जल के साथ-साथ गुलाब के तेल का उत्पादन भी काश्तकार करने लगे हैं।

गुलाब की खेती चमोली जिले के चीन सीमा से लगे जोशीमठ ब्लॉक के ग्रामीणों के लिए आर्थिकी का सबल जरिया बन गई है। यात्रा सीजन होने के कारण एक-एक गुलाब सौ-सौ रुपये तक में बिक रहा है। साथ ही गुलाब के तेल से भी ग्रामीणों की अच्छी आमदनी हो रही …

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उत्तराखंड में बनेंगी फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट, पटरी पर आएंगी स्वास्थ्य सेवाएं

सरकार अब स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में 16 फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) खोलने जा रही है। हर जिला अस्पताल को रेफरल यूनिट बनाया जाएगा। इसके अलावा तीन मुख्य तहसीलों में भी रेफरल यूनिट खोलने की तैयारी है। इन यूनिटों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। मंशा यह है कि मरीजों को अपने जिले में ही हर संभव इलाज मिल सके। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करना हर सरकार के लिए चुनौती रहा है। आज भी पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर नहीं आ पा रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण चिकित्सकों की कमी होना है। मौजूदा सरकार ने इस समय प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। हाल ही में सरकार ने 500 से अधिक नए चिकित्सकों की भर्ती की है। अब इन चिकित्सकों के बेहतर उपयोग के लिए प्रदेश में 16 नए एफआरयू खोलने की तैयारी चल रही है। दरअसल, प्रदेश के अधिकांश जिलों में उचित स्वास्थ्य सेवाओं के न होने के चलते परिजन मरीजों को प्रमुख जिलों में लेकर आते थे। कई बार ऐसा भी हुआ कि चिकित्सा सुविधा के अभाव में मरीज रास्ते में दम तोड़ गए। गढ़वाल मंडल में देहरादून और कुमाऊं मंडल में हल्द्वानी के जिला अस्पतालों में अन्य जिलों से आने वाले मरीजों की भरमार लगी रहती है। इसे देखते हुए अब सरकार ने हर जिला अस्तपाल को एफआरयू बनाने का निर्णय लिया है। इनके अलावा ऋषिकेश, कोटद्वार और रुद्रपुर में भी एफआरयू खोले जाएंगे। सुधरेंगे स्वास्थ्य सेवाओं के हालात, चिकित्सकों की कमी होगी दूर यह भी पढ़ें इसका मकसद यह है कि मरीजों को हर संभव इलाज अपने ही जिले में मिल सके। इसके लिए इन सभी एफआरयू में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा इन चिकित्सालयों को आधुनिक उपकरणों से भी लैस किया जाएगा। पहले चरण में तकरीबन 72 चिकित्सकों को इन एफआरयू में तैनात किया जाएगा। इन दिनों शासन में इन चिकित्सकों के नाम तय किया जा रहे हैं। इन चिकित्सकों की तैनाती के बाद एफआरयू विधिवत तरीके से संचालित होने लगेंगे। जल्द ही इस संबंध में शासनादेश जारी होने की संभावना है।

सरकार अब स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में 16 फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) खोलने जा रही है। हर जिला अस्पताल को रेफरल यूनिट बनाया जाएगा। इसके अलावा तीन मुख्य तहसीलों में भी रेफरल यूनिट खोलने की तैयारी है। इन यूनिटों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। …

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इन चार जिलों ने ‘तीलू रौतेली पुरस्कार’ से फेरा मुंह, जानिए

प्रदेश के सबसे बड़े महिला सम्मान 'तीलू रौतेली पुरस्कार' में चार जिलों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। प्रत्येक जिले से सराहनीय कार्य करने वाली एक-एक महिला का नाम मांगा गया था। लेकिन, हैरत की बात है कि टिहरी, चमोली, चंपावत और पौड़ी ने नाम भेजे ही नहीं। यह हाल तब है जब पिछले दो वर्षो से यह पुरस्कार नहीं दिया जा रहा था और सभी जिलों से पुरस्कार देने की मांग उठाई जा रही थी। वर्ष 2018-19 के लिए बाल एवं महिला विकास निदेशालय की ओर से 13 महिलाओं के नामों की घोषणा कर दी गई है। इनमें चार जिलों से कोई नाम नहीं है। इनके बजाय देहरादून से दो और उत्तरकाशी और ऊधमसिंहनगर से एक-एक नाम अतिरिक्त चुना गया है। प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए जिलों से नाम नहीं भेजे जाने पर निदेशालय के अधिकारी भी हैरत में है। निदेशालय की ओर से संबंधित जिले के विभागीय अधिकारियों से जवाब भी मांगा जा सकता है। पुरस्कार वितरण छह या सात जुलाई को संभावित है। यह है प्रक्रिया तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए सबसे पहले ब्लॉकों से एक-एक नाम जिलों में भेजे जाते हैं। जिले अपने-अपने ब्लॉकों के नामों से एक नाम का चयन कर निदेशालय को भेजते हैं। हर जिले से एक-एक नाम भेजा जाता है और 13 महिलाओं को पुरस्कार दिए जाते हैं।

प्रदेश के सबसे बड़े महिला सम्मान ‘तीलू रौतेली पुरस्कार’ में चार जिलों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। प्रत्येक जिले से सराहनीय कार्य करने वाली एक-एक महिला का नाम मांगा गया था। लेकिन, हैरत की बात है कि टिहरी, चमोली, चंपावत और पौड़ी ने नाम भेजे ही नहीं। यह हाल तब है …

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छत्तीसगढ़ में मौजूद है मिनी शिमला

गर्मियों के मौसम में घूमने के लिए अक्सर लोगों को ऐसी जगह पर जाना पसंद होता है जहां वह शांति, सुकून और ठंडक के साथ अपनी छुट्टियों का मजा ले सकें. इसलिए गर्मियों के मौसम में ज्यादातर लोग शिमला, मनाली, लद्दाख और दार्जिलिंग जाना पसंद करते हैं. आज हम आपको छत्तीसगढ़ में मौजूद एक ऐसे शहर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे मिनी शिमला के नाम से भी जाना जाता है. छत्तीसगढ़ के शहर मैनपाट को मिनी शिमला के नाम से जाना जाता है. मैनपाट का टाइगर पॉइंट एक बहुत ही खूबसूरत झरना है. यह झरना इतनी तेज गति के साथ गिरता है कि आपको ऐसा लगेगा जैसे कोई शेर दहाड़ रहा हो. इस ऑफ बीट डेस्टिनेशन में आप अपनी छुट्टियां शांति और सुकून के साथ बिता सकते हैं. मैनपाट में आप आलू का पठार, शिमला जैसा मौसम, तिब्बतियों का बसेरा, हिलती हुई धरती, जमीन पर उमड़ते-घुमड़ते, बादल भी देख सकते हैं. इसके अलावा आप यहां पर मेहता पॉइंट में घाटी का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं. यहां मछली प्वाइंट का नजारा बहुत ही खूबसूरत होता है. मैनपाट शहर में एक ऐसी जगह मौजूद है जहां की धरती बहुत ही नर्म है. इस जगह पर कूदने से यह गद्दे की तरह हिलती है. एक समय पर यहां जलस्रोत हुआ करता था. जो ऊपर से सूख गया पर इसके अंदर की जमीन आज भी दलदली है. वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी के आंतरिक दबाव और खाली स्थान में सॉलिड जगह पानी भरा हुआ है. जिसके कारण यह जगह दलदली और स्पंजी लगती है. तिब्बत पर चीन की हुकूमत के बाद भारत के पांच इलाकों के साथ तिब्बती लोगों ने मैनपाट को भी अपना घर बना लिया था . यहां के मठ, मंदिर, लोग, खानपान, संस्कृति सब कुछ तिब्बत की तरह है. इसलिए लोग इसे मिनी तिब्बत भी कहते हैं.गर्मियों के मौसम में घूमने के लिए अक्सर लोगों को ऐसी जगह पर जाना पसंद होता है जहां वह शांति, सुकून और ठंडक के साथ अपनी छुट्टियों का मजा ले सकें. इसलिए गर्मियों के मौसम में ज्यादातर लोग शिमला, मनाली, लद्दाख और दार्जिलिंग जाना पसंद करते हैं. आज हम आपको छत्तीसगढ़ में मौजूद एक ऐसे शहर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे मिनी शिमला के नाम से भी जाना जाता है. छत्तीसगढ़ के शहर मैनपाट को मिनी शिमला के नाम से जाना जाता है. मैनपाट का टाइगर पॉइंट एक बहुत ही खूबसूरत झरना है. यह झरना इतनी तेज गति के साथ गिरता है कि आपको ऐसा लगेगा जैसे कोई शेर दहाड़ रहा हो. इस ऑफ बीट डेस्टिनेशन में आप अपनी छुट्टियां शांति और सुकून के साथ बिता सकते हैं. मैनपाट में आप आलू का पठार, शिमला जैसा मौसम, तिब्बतियों का बसेरा, हिलती हुई धरती, जमीन पर उमड़ते-घुमड़ते, बादल भी देख सकते हैं. इसके अलावा आप यहां पर मेहता पॉइंट में घाटी का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं. यहां मछली प्वाइंट का नजारा बहुत ही खूबसूरत होता है. मैनपाट शहर में एक ऐसी जगह मौजूद है जहां की धरती बहुत ही नर्म है. इस जगह पर कूदने से यह गद्दे की तरह हिलती है. एक समय पर यहां जलस्रोत हुआ करता था. जो ऊपर से सूख गया पर इसके अंदर की जमीन आज भी दलदली है. वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी के आंतरिक दबाव और खाली स्थान में सॉलिड जगह पानी भरा हुआ है. जिसके कारण यह जगह दलदली और स्पंजी लगती है. तिब्बत पर चीन की हुकूमत के बाद भारत के पांच इलाकों के साथ तिब्बती लोगों ने मैनपाट को भी अपना घर बना लिया था . यहां के मठ, मंदिर, लोग, खानपान, संस्कृति सब कुछ तिब्बत की तरह है. इसलिए लोग इसे मिनी तिब्बत भी कहते हैं.

गर्मियों के मौसम में घूमने के लिए अक्सर लोगों को ऐसी जगह पर जाना पसंद होता है जहां वह शांति, सुकून और ठंडक के साथ अपनी छुट्टियों का मजा ले सकें. इसलिए गर्मियों के मौसम में ज्यादातर लोग शिमला, मनाली, लद्दाख और दार्जिलिंग जाना पसंद करते हैं. आज हम आपको …

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UPSC भर्ती : लेक्चरर पद पर नौकरियों की बहार, सैलरी होंगी 39000 के पार

यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) में नौकरी का सपना संजोए उम्मीदवारों के लिए आयोग में नौकरी का सुनहरा मौका आया है. UPSC ने लेक्चरर के पदों पर वैकेंसी निकाली है. उम्मीदवार इसके लिए आगामी 12 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं. इच्छुक और पात्र उम्मीदवार आयोग की आधिकारिक वेबसाइट upsconline.nic.in के माध्यम से ऑनलाइन मोड में आवदेन कर सकते है. पदों का विवरण... पद का नाम- लेक्चरर (सिविल इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी) पदों की संख्या- 13 जरूरी योग्यता... इस पद के लिए आवेदन करने के लिए सिविल इंजीनियरिंग में फर्स्ट डिविजन की डिग्री या इंजीनियरिंग या टेक्नोलॉजी में मास्टर डिग्री होनी जरूरी है. आयु सीमा... इन पदों पर आवेदन करने की अधिकतम आयुसीमा 35 साल है. एससी/एसटी वर्ग को 5 साल और ओबीसी वर्ग को 3 साल की छूट मिलेगी. सैलरी... सफल उम्मीदवारों को 15,600 से 39,100 रुपये सैलरी के तौर पर दिए जाएंगे.

यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) में नौकरी का सपना संजोए उम्मीदवारों के लिए आयोग में नौकरी का सुनहरा मौका आया है. UPSC ने लेक्चरर के पदों पर वैकेंसी निकाली है. उम्मीदवार इसके लिए आगामी 12 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं. इच्छुक और पात्र उम्मीदवार आयोग की आधिकारिक वेबसाइट upsconline.nic.in के माध्यम …

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हेल्थ सेक्टर में करियर बनाने की अपार संभावना, 6 लाख रु मिलेगा वेतन

Health Care at Home pvt ltd (हेल्थ केयर एट होम प्राइवेट लिमिटेड - मुंबई, महाराष्ट्र) में नौकरी के लिए उम्मीदवारों के पास शानदार अवसर हैं. कंपनी ने संचालन प्रबंधक के पद पर वैकेंसी निकाली हैं. इसके लिए कंपनी उम्मीदवारों को 6 लाख रु सालाना वेतन का भुगतान करेंगी. रिक्ति का नाम : संचालन प्रबंधक कंपनी का नाम : हेल्थ केयर एट होम प्राइवेट लिमिटेड - मुंबई, महाराष्ट्र वेतनमान : ₹ 6,00,000 सालाना स्थिति जिम्मेदारी सारांश... Ø रोगी देखभाल गतिविधियों में लगे टीम की गतिविधियों का पर्यवेक्षण और समन्वय करता है Ø ट्रेन, निर्देश और टीम कोच Ø मुद्दों के निर्देश और टीम के सदस्यों को कर्तव्यों को असाइन करते हैं Ø सभी स्तरों पर उत्कृष्ट फील्ड फोर्स एंड मैन मैनेजमेंट यानी आंतरिक, फील्ड और क्लाइंट स्टाफ Ø टीम के सदस्य की प्रदर्शन समीक्षा आयोजित करें Ø किसी भी वृद्धि के लिए वरिष्ठ प्रबंधक के साथ समन्वय Ø अनुसूची और संचालन टीम मीटिंग्स Ø मानक ऑपरेटिंग प्रक्रियाओं (एसओपी) के भीतर संचालित Ø समस्याओं को हल करने और कार्य में तेजी लाने के लिए अन्य विभागों और प्रबंधन के साथ संचार करता है Ø टीम के सदस्यों को कार्य प्रक्रियाओं और कंपनी नीतियों का व्याख्या और संचार करता है Ø समस्याओं को हल करने और कार्य पूरा करने में टीम के सदस्यों की सहायता करता है Ø सेवाओं और प्रक्रियाओं के संबंध में ग्राहकों की शिकायतों और उत्तर प्रश्नों को हल करता है Ø टीम रिपोर्टों का संयजन Ø सटीकता और सामग्री के लिए रिपोर्ट, रिकॉर्ड और अनुप्रयोग जैसे टीम के सदस्यों की समीक्षा और जांच करता है, और त्रुटियों को सुधारता है Ø बजट और परिचालन और कर्मियों की रिपोर्ट जैसे रिपोर्ट और रिकॉर्ड तैयार करता है, बनाए रखता है और जमा करता है Ø टीम के सदस्यों और प्रक्रियाओं के सुधार से संबंधित प्रबंधन को सिफारिशें बनाता है Ø बेहतर प्रक्रियाओं की योजना और विकास करता है Ø असाइन किए गए अन्य कर्तव्यों प्रोफाइल की मूल आवश्यकता... अंग्रेजी और हिंदी में उत्कृष्ट संचार कौशल चिकित्सा शब्दावली के ज्ञान के साथ विज्ञान स्नातक को प्राथमिकता दी जाएगी माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल, वर्ड और प्रेजेंटेशन में कुशल होना चाहिए फार्मा / अस्पताल / हेल्थकेयर / बीमा में पहले कार्य अनुभव कई शहरों में फैली बड़ी टीम को प्रबंधित करना होगा उत्कृष्ट मानव प्रबंधन कौशल और परियोजना प्रबंधन कौशल होना चाहिए अनिवार्य रूप से अच्छा संचार और प्रस्तुति कौशल होना चाहिए पैन इंडिया स्थानों की यात्रा के लिए तैयार डेटा प्रबंधन और विश्लेषणात्मक कौशल होना चाहिए मजबूत अभिव्यक्ति कौशल होना चाहिए. नौकरी का प्रकार: पूर्णकालिक वेतन: ₹ 600,000.00 / वर्ष अनुभव: 4 साल शिक्षा:मास्टर स्थान:मुंबई, महाराष्ट्र नोट : अधिक जानकारी के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट पर संपर्क कर सकते हैं.

Health Care at Home pvt ltd (हेल्थ केयर एट होम प्राइवेट लिमिटेड – मुंबई, महाराष्ट्र) में नौकरी के लिए उम्मीदवारों के पास शानदार अवसर हैं. कंपनी ने संचालन प्रबंधक के पद पर वैकेंसी निकाली हैं. इसके लिए कंपनी उम्मीदवारों को 6 लाख रु सालाना वेतन का भुगतान करेंगी.  रिक्ति का …

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इस तरीके को अपनाने के बाद छिपकली कहेगी- उई माँ भागो यहाँ से…

छिपकली का नाम सुनते ही लगभग हर इंसान के मन में डर पैदा हो जाता हैं. चाहे कितना ही दमदार और ताकतवर इंसान क्यों ना हो लेकिन कई बार जरा-सी छिपकली से हर कोई डर जाता हैं. खासकर अगर बात की जाए लड़कियों की ही तो छिपकली को देखने के बाद तो लड़कियां ही सबसे पहले चिल्ला पड़ती हैं और कमरा छोड़कर या वो जगह छोड़कर ही भाग जाती है. अगर आपको भी छिपकली से डर लगता हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. आज हम आपको एक ऐसे तरीके के बारे में बता रहे है जिसे अपनाने के 5 मिनट के अंदर ही छिपकली आपके घर से गायब हो जाएगी. अगर आप भी अपने घर से छिपकली भगाना चाहते है तो सबसे पहले स्प्रे की एक खाली बोतल ले. फिर 3 चम्मच लाल मिर्च का पाउडर और आधा ग्लास पानी ले और उस पानी में लाल मिर्च पाउडर को घोल ले. जब पानी में पाउडर अच्छे से घुल जाए तो उस घोल को खाली स्प्रे की बोतल में भर ले. इसके बाद आपको जहां भी छिपकली दिखाई दें तुरंत उस स्प्रे को वहां छिड़क दें. जब भी आप ये स्प्रे करेंगे छिपकली खुद ही कहेगी- उई माँ भागो यहाँ से.... ऐसा इसलिए क्योकि छिपकली लाल मिर्च से बहुत ज्यादा ही डरती हैं. तो जब भी आप अपने घर में स्प्रे करेंगे उसके 5 मिनट के अंदर ही आपके घर से सभी छिपकलियाँ गायब हो जाएंगी. लेकिन एक बात हमेशा ध्यान रहें और वो ये है कि जितना खतरनाक ये स्प्रे छिपकली के लिए है उतना ही खतरनाक ये आपके लिए भी हो सकता है. दरअसल मिर्ची तो सभी को लगती है इसलिए जब भी आप अपने घर में स्प्रे करें तो सबसे पहले आँखों पर चश्मा पहन ले और अपनी बॉडी को भी किसी चीज़ से कवर कर ले.

छिपकली का नाम सुनते ही लगभग हर इंसान के मन में डर पैदा हो जाता हैं. चाहे कितना ही दमदार और ताकतवर इंसान क्यों ना हो लेकिन कई बार जरा-सी छिपकली से हर कोई डर जाता हैं. खासकर अगर बात की जाए लड़कियों की ही तो छिपकली को देखने के …

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अंतिम संस्कार से ठीक पहले उठकर खड़ी हो गई मृत महिला

आपने ने भी कई बार ऐसा देखा या सुना होगा कि कोई व्यक्ति मरने के बाद फिर से जिन्दा हो गया हो. आज हम आपको ऐसी ही एक घटना के बारे में बता रहें हैं जहां अंतिम संस्कार से पहले एक महिला जिन्दा हो गईं. जी हाँ... इस महिला की उम्र 60 वर्ष थीं. महिला को मृत घोषित कर दिया गया था और उन्हें घर ले जाने की तैयारी हो रही थी इसके साथ ही अंतिम संस्कार की भी तैयारियां शुरू कर दी गई थी लेकिन फिर अचानक ही कुछ ऐसा हुआ जिसे देखकर हर किसी की चीख निकल गई. ये घटना सीकर की हैं जहां नंछी देवी नाम की एक महिला के पेट में गांठ हो गई थी. महिला का ऑपरेशन भी हो गया था. एक हफ्ते पहले ही ये महिला चेकअप के लिए अस्पताल गई थी और अस्पताल पहुंचते ही महिला की हालत बहुत ज्यादा बिगड़ गई जहां महिला को एडमिट किया गया हैं. अस्पताल में ही महिला को हार्ट अटैक आ गया. महिला के परिजनों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि, अस्पताल में महिला की साँसे भी रुक गई थी. डॉक्टर्स ने कहा कि महिला कोमा में चली गई हैं और उन्हें वेंटीलेटर पर रखना जरुरी हो गया हैं लेकिन महिला के परिवारजनों ने उन्हें मृत मानकर अस्पताल से छुट्टी करवा ली और घर ले गए. जब महिला को घर ले जा रहें थे तो शहर से 5 किमी की दूरी पर ही अचानक से एक ब्रेकर आया और महिला को झटका लगा जिसके बाद उसे खांसी आई और महिला ने पानी भी मांग लिया. ये देख महिला के परिवारजन हैरान रह गए लेकिन उनमे ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी. महिला को इस के बाद तुरंत फिर से अस्पताल ले गए जहां डॉक्टर्स ने उनका इलाज करना शुरू कर दिया.

आपने ने भी कई बार ऐसा देखा या सुना होगा कि कोई व्यक्ति मरने के बाद फिर से जिन्दा हो गया हो. आज हम आपको ऐसी ही एक घटना के बारे में बता रहें हैं जहां अंतिम संस्कार से पहले एक महिला जिन्दा हो गईं. जी हाँ… इस महिला की …

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