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4 राज्यों के सीएम पहुंचे दिल्ली, कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल को दिया समर्थन

दिल्ली की राजनीति में दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच चल रहा घमासान जारी है. पिछले 6 दिनों से उपराज्यपाल के दफ्तर में धरने पर बैठे केजरीवाल से शनिवार को चार राज्यों के मुख्यमंत्री आए और केजरीवाल का समर्थन किया. मुख्यमंत्रियों ने पहले तो केजरीवाल से मिलने की कोशिश की लेकिन, उपराज्यपाल ने उन्हें मिलने से मना कर दिया. बता दें, केजरीवाल से मिलने के लिए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, हाल ही में कर्नाटक के सीएम बने कुमारस्वामी और केरल के कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन आये थे. जिन्होंने पहले केजरीवाल के समर्थन में अरविन्द केजरीवाल से मिलने की कोशिश की, उसके बाद केजरीवाल के आवास में उनके परिवार से मिलकर वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. केजरीवाल पिछले कई दिनों से उपराज्यपाल अनिल बैजल के दफ्तर पर डेरा जमाकर धरना दे रहे है. केजरीवाल ने उपराज्यपाल पर आरोप लगाया है कि वो दिल्ली में सरकार को उनके मुताबिक काम नहीं करने दे रहे है. वहीं केजरीवाल का इस बारे में कहा है कि यह सब केंद्र सरकार की साजिश है. वहीं ममता बनर्जी ने भी सीएम से न मिलने को लेकर दुःख जताया और कहा कि इस बारे में वो मोदी से बात करेगी.

दिल्ली की राजनीति में दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच चल रहा घमासान जारी है. पिछले 6 दिनों से उपराज्यपाल के दफ्तर में धरने पर बैठे केजरीवाल से शनिवार को चार राज्यों के मुख्यमंत्री आए और केजरीवाल का समर्थन किया. मुख्यमंत्रियों ने पहले तो केजरीवाल से मिलने की कोशिश …

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फेक न्यूज वालों की खैर नहीं, पश्चिम बंगाल में नया कानून

खबर के मुताबिक पश्चिम बंगाल के गृह विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘हाल के दिनों में कई घटनाएं हुई हैं जब सोशल मीडिया पर लिखे गए पोस्ट के प्रमुख प्रभाव देखे गए. इन पोस्ट और अपराधों की गंभीरता के अनुसार भारतीय दंड संहिता की अलग-अलग धाराओं के तहत मामले दर्ज किए जाते हैं. अब राज्य सरकार प्रयास कर रही कि इन मामलों में आरोपी पाए गए व्यक्तियों और संस्थानों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाए.’

झारखंड के गोड्डा ज़िले में मवेशी चोर और असम के कार्बी आंगलांग ज़िले में बच्चा चोर समझ चार लोगों की पीट-पीटकर हत्या का मामला सामने आने के बाद अब पश्चिम बंगाल की सरकार फेक न्यूज़ को लेकर एक बड़ा कानून लाने वाली है, जिसके अनुसार फेक न्यूज और सोशल मीडिया …

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एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के बाद दलितों पर हिंसा बढ़ी है: बीजेपी सांसद

नार्थ-वेस्ट दिल्ली से भाजपा सांसद दलितों पर हो रही हिंसा को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि जब से सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी को कमजोर किया है तब से ही दलितों के खिलाफ हिंसा की खबरें बढ़ी है. उदित राज ने इसके साथ ही हाल ही मोदी सरकार के 10 संयुक्त सचिव स्तर के पदों पर निजी क्षेत्र के लोगों को नियुक्त करने वाले आदेश पर भी अपनी ही सरकार से आरक्षण देने की मांग की है. सांसद उदित राज ने कहा कि "यह बात सही है कि ऐसी (हिंसा) की घटनाएं बढ़ी हैं. एससी/एसटी समुदाय के खिलाफ रोज़ ऐसा हो रहा है क्योंकि अब किसी के मन में कोई डर नहीं रह गया है." इसके साथ ही न्यायपालिका को लेकर अपने बयान में उदित राज ने कहा कि "न्यायपालिका की वजह से अत्याचार और बढ़े हैं. इस समय दलितों में ज्यादा नाराज़गी न्यायपालिका के खिलाफ है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट में आरक्षण दिए जाने की ज़रूरत है" उदित राज ने 17 जून को गैर-राजनीतिक संगठन ऑल इंडिया कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ एससी/एसटी ऑर्गेनाईजेशन के कार्यकर्ताओं की एक बैठक बुलाई है. बता दें, उदित राज इस संस्था के अध्यक्ष भी है. वहीं भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर रावण को भी तुरंत रिहा करने को लेकर उन्होंने अपनी पार्टी की सरकार से मांग की है. चंद्रशेखर रावण पिछले एक साल से जेल में बंद है.

नार्थ-वेस्ट दिल्ली से भाजपा सांसद दलितों पर हो रही हिंसा को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि जब से सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी को कमजोर किया है तब से ही दलितों के खिलाफ हिंसा की खबरें बढ़ी है. उदित राज ने इसके साथ ही हाल ही मोदी सरकार के …

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बिहार कांग्रेस को लेकर कल 18 जून को महाबैठक

बिहार में पार्टी संगठन में बड़े बदलाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कल 18 जून को दिल्ली में राज्य के प्रमुख नेताओं की महाबैठक बुलाई है. इस बैठक का सबसे मुख्य एजेंडा गठबंधन राजनीति के बीच संगठन के विस्तार और मजबूती पर मंथन करना है. बता दें कि दिल्ली में कल 18 जून को आयोजित होने वाली इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और विधायक दल के नेता के साथ सभी पूर्व प्रदेश अध्यक्षों, विधायक दल के पूर्व नेताओं सूबे के पार्टी के सभी विधायक व सांसद को भी आमंत्रित किया है. इस बैठक का मकसद उन राज्यों में कांग्रेस को मजूबत राजनीतिक ताकत के रुप में उभारना है जहाँ उसका आधार कम हुआ है. सूत्रों के अनुसार राहुल की बिहार के नेताओं के साथ प्रस्तावित बैठक का सबसे प्रमुख एजेंडा गठबंधन राजनीति की जरूरतों के बीच संगठन को विस्तार और मजबूती पर मंथन करना है. कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर पर कमजोर होने का कारण उत्तरप्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों में सियासी जमीन कमजोर होना है.बिहार के नये प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने राज्य की राजनीतिक स्थिति का आकलन कर विस्तार से रोडमैप तय करने के लिए कहा है. बता दें कि अशोक चौधरी को हटाए जाने के बाद से कोकब कादरी प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष हैं.इस बैठक में नये प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी चर्चा सम्भव है.

बिहार में पार्टी संगठन में बड़े बदलाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कल 18 जून को दिल्ली में राज्य के प्रमुख नेताओं की महाबैठक बुलाई है. इस बैठक का सबसे मुख्य एजेंडा गठबंधन राजनीति के बीच संगठन के विस्तार और मजबूती पर मंथन करना है. बता दें कि …

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खुले में शौच की अनोखी सजा, नीम के पांच पौधे लगाओ

खुले में शौच गए तो नीम के पांच पौधे लगाने पड़ेंगे। पिपरासी पंचायत (पश्चिम चंपारण जिला, बिहार) की मुखिया ने स्वच्छता अभियान को साकार करने के लिए एक माह पहले यह अनोखी सजा निर्धारित की। दरअसल, हर घर में शौचालय बनने के बाद भी कई लोगों ने अपनी आदत नहीं छोड़ी थी। इस मुहिम के तहत डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों को सजा सुनाई जा चुकी है। अब वे शौचालय का उपयोग करने लगे हैं। बगहा के एसडीएम घनश्याम मीना कहते हैं इसे अन्य पंचायतों को भी अपनाना चाहिए। पश्चिमी चंपारण के पिपरासी प्रखंड को बिहार में सबसे कम दिनों में ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) होने का गौरव प्राप्त है। महज 56 दिनों में यहां सात हजार शौचालय बने थे। 16 अप्रैल, 2016 को प्रखंड ओडीएफ तो घोषित हो गया, लेकिन कई लोग वर्षों पुरानी आदत से मुक्त नहीं हो पाए। तब, पिपरासी पंचायत की मुखिया उर्मिला देवी ने पंचायत के छह वार्डों में वार्ड सदस्यों के नेतृत्व में स्वच्छता अदालत का गठन किया। प्रत्येक वार्ड में एक टीम बनी, जिसमें वार्ड सदस्य के अतिरिक्त पांच लोगों को शामिल किया गया। यह टीम खुले में शौच करने वालों को पकड़ती है। इसके बाद स्वच्छता अदालत में सुनवाई होती है। फिर दोषी को फूलमाला पहनाकर शर्मिंदा करने के साथ नीम के पौधे लगाने की सजा दी जाती है। पौधे सार्वजनिक भूमि पर लगाए जाते हैं। देखभाल की जिम्मेदारी भी दोषी की होती है। पिछले एक माह में करीब 100 पौधे विभिन्न सड़कों के किनारे लगाए जा चुके हैं। इससे प्रेरणा लेकर मंझरिया, सेमरा लबेदाहा, सौराहा, डुमरी मुड़ाडीह, डुमरी भगड़वा और बलुआ ठोरी के मुखिया ने भी ऐसी ही पहल की घोषणा की है। पर्यावरण के प्रति अच्छी सोच- पौधा लगाने की सजा पाने वालों में से एक सुरेश गिरी कहते हैं, पर्यावरण के प्रति यह सोच अच्छी है। इससे खुले में शौच जाने की आदत छूट गई। खैरवा टोला के दिग्विजय यादव का कहना है कि मेरे लगाए पौधों में नए पत्ते निकल आए हैं।

खुले में शौच गए तो नीम के पांच पौधे लगाने पड़ेंगे। पिपरासी पंचायत (पश्चिम चंपारण जिला, बिहार) की मुखिया ने स्वच्छता अभियान को साकार करने के लिए एक माह पहले यह अनोखी सजा निर्धारित की। दरअसल, हर घर में शौचालय बनने के बाद भी कई लोगों ने अपनी आदत नहीं …

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इटली-फ्रांस समेत चार देशों के दौरे के लिए रवाना हुईं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज

भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज रविवार की सुबह इटली, फ्रांस, लग्जमबर्ग और बेल्जियम की यात्रा पर रवाना हो गईं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की इस यात्रा का उद्देश्य यूरोपीय देशों के साथ भारत के कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करना है। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि 17 से 23 जून तक की यात्रा का उद्देश्य राजनीतिक नेतृत्व के साथ वैश्विक, क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर व्यापक बातचीत करना और यूरोपीय संघ के साथ कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करना है। सुषमा पहले इटली के दौरे पर जाएंगी जहां गुइसेप कोंटे के इटली का नया प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों देशों के बीच पहली बड़ी राजनीतिक वार्ता होगी। सुषमा न केवल कोंटे से मिलेंगी बल्कि अपने समकक्ष एन्जो मोवावेरो मिलानेसी से भी मिलेंगी। इसके बाद विदेश मंत्री 18-19 जून को फ्रांस के दौरे पर जाएंगी। वह 19-20 जून को लग्जमबर्ग और 20-23 जून को बेल्जियम के दौरे पर होंगी।

भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज रविवार की सुबह इटली, फ्रांस, लग्जमबर्ग और बेल्जियम की यात्रा पर रवाना हो गईं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की इस यात्रा का उद्देश्य यूरोपीय देशों के साथ भारत के कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करना है। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि 17 से …

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कांग्रेस सांसद ने पानी भरने के लिए चेन खींचकर रुकवा दी ट्रेन

ये भी पढ़ें- ट्रेन में लिमिट से ज्यादा सामान ले जाने पर अब जुर्माना रेलवे रिजर्व कोच में अब हद से ज्यादा लगेज लेकर सफर करने वाले यात्रियों पर लगाम कसने वाली है. रेलवे इसके लिए देशभर के सभी रेल मंडलों में 8 से 22 जून तक एक अभियान चला रही है. इसके तहत उन मुसाफिरों पर विशेष नजर रखी जाएगी जो ट्रेन के रिजर्व कोच में निर्धारित वजन से अधिक सामान लेकर जाते हैं. फिलहाल श्रेणीवार सामान ले जाने की सीमा फ़र्स्ट एसी में 70 किलो है जबकि अधिकतम छूट 15 किलो है. जबकि सेकंड एसी में ये छूट 50 किलो और अधिकतम छूट 10 किलो है. इसके अलावा थर्ड एसी में मुफ्त सीमा 40 किलो ले जाने की है, जबकि अधिकतम छूट 10 किलो है.

अमृतसर के कांग्रेस सांसद जीएस औजला ने कहा है कि ट्रेन के शौचालय में पानी की कमी की यात्रियों की शिकायत के बाद पानी भरने के लिए उन्हें ट्रेन की आपात जंजीर खींचनी पड़ी. भाषा के मुताबिक, रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ औजला ने अमृतसर में शताब्दी एक्सप्रेस समेत …

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LIVE: नीति आयोग की बैठक में बोले PM- बाढ़ पीड़ित राज्यों की मदद प्राथमिकता

केजरीवाल से मिलने की नहीं मिली इजाजत इससे पहले ममता बनर्जी ने एलजी के निजी सचिव को चिट्ठी लिखकर एलजी के घर पर धरना दे रहे अरविंद केजरीवाल से रात 8 बजे मिलने का समय मांगा था. लेकिन इसकी इजाजत नहीं मिली. फिर चारों मुख्यमंत्रियों ने सीधे एलजी को चिट्ठी लिख कर कहा कि वो अरविंद केजरीवाल के मुद्दे पर अपना पक्ष रखना चाहते हैं. इसके लिए उन्हें रात 9 बजे मिलने का समय दिया जाए. लेकिन एलजी के घर से मौखिक तौर पर बताया गया कि वो घर पर नहीं हैं. ये चारों मुख्यमंत्री पैदल मार्च करते हुए एलजी के दफ्तर तक जाना चाहते थे. इसे देखते हुए वहां की सुरक्षा बढ़ा दी गई. लेकिन इजाजत नहीं मिली. आम आदमी पार्टी इसके पीछे सीधे पीएम की भूमिका देख रही है. बहरहाल, इन चारों मुख्यमंत्रियों ने सीएम केजरीवाल के घर का रुख किया और चार राज्यों के मुख्यमंत्री के समर्थन से आप कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ गया है. एक तरफ आम आदमी पार्टी चार मुख्यमंत्रियों के समर्थन से गदगद है तो दूसरी तरफ बीजेपी के विधायक दिल्ली सचिवालय में धरने पर बैठी सरकार के खिलाफ अनशन कर रहे हैं. वहीं, दिल्ली की जनता पानी-बिजली की समस्या को लेकर सड़कों पर उतर आई है.

केजरीवाल की धरना पॉलिटिक्स के बहाने विपक्ष की मोर्चाबंदी तेज हो गई. चुनी सरकार के अधिकार और संविधान की दुहाई देकर चार राज्यों के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के सामने केजरीवाल की वकालत करेंगे. जाहिर है आज की नीति आयोग की बैठक काफी अहम है, जहां केंद्र और राज्यों की योजनाओं के …

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आज नीति आयोग की बैठक में पेश होगा ‘न्यू इंडिया 2022’ का एजेंडा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज राष्ट्रपति भवन में नीति आयोग की चौथी बैठक होगी. इसमें राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल और कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे.इस बैठक में ‘न्यू इंडिया 2022’ का एजेंडा पेश किया जाएगा और उस पर काम करने की रणनीति भी बताई जाएगी. मिली जानकारी के अनुसार दो दिवसीय यह बैठक सुबह 9:30 से शुरू होगी.इस बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल और कैबिनेट मंत्री हिस्सा लेंगे .बता दें कि प्रधानमंत्री नीति आयोग की गवर्निग कांउसिल के अध्यक्ष हैं और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री इसके सदस्य हैं. इस आयोग की तीसरी अंतिम बैठक गत वर्ष अप्रैल में हुई थी.इस बैठक को लेकर पीएम ने ट्वीट भी किया है . उल्लेखनीय है कि इस बैठक में देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने पर मंथन करने के साथ ही 'आयुष्मान भारत' कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा.इसके साथ ही आगामी बैठक में देश के विकास के रणनीति पत्र और विजन दस्तावेज-2030 को अंतिम रूप दिया जाएगा , वहीं किसानों की स्थिति और खेती की दशा पर भी बैठक में चर्चा की जाएगी.स्मरण रहे कि मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद योजना आयोग को खत्म कर एक जनवरी 2015 को नीति आयोग का गठन किया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज राष्ट्रपति भवन में नीति आयोग की चौथी बैठक होगी. इसमें राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल और कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे.इस बैठक में ‘न्यू इंडिया 2022’ का एजेंडा पेश किया जाएगा और उस पर काम करने की रणनीति भी बताई …

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सूचना का अधिकार कानून में मोदी सरकार कर सकती है बड़े बदलाव

केंद्र की मोदी सरकार ने एक आरटीआइ याचिकाकर्ता अंजलि भारद्वाज की आरटीआई के जवाब में इस बात की पुष्टि की है कि वह सुचना के अधिकार में फेरबदल करने पर विचार कर रही है. वहीं जब इस याचिका में इस संसोधन को लेकर सरकार से तारीख और कैसे लागू किया जाएगा यह पूछा तो सरकार इस इसकी जानकारी देने से मना कर दिया. अंजलि भारद्वाज ने बताया कि डीओपीटी ने इस याचिका पर जवाब भेजकर कहा कि "आरटीआइ अधिनियम, 2005 के संसोधन को लेकर उन्होंने कहा कि, आरटीआइ एक्ट की धारा 8(1)(आइ) जिस मुकाम पर है उस हिसाब से देखा जाए तो यह जनता के सामने सार्वजानिक नहीं किया जा सकता है. याचिकाकर्ता भारद्वाज ने कहा कि "यूपीए शासनकाल में लाई गई 2014 की पूर्व विधायी परामर्श नीति के तहत सरकार को सभी विधेयकों और नीतियों आदि को योजना बनाने के दौरान जनता के समक्ष रिव्यू के लिए दिखाना चाहिए, लेकिन सरकार इस संशोधन को कतई सार्वजनिक नहीं करना चाहती है जबकि सरकार से इस बारे में सिर्फ संसोधन की तारीख और केस लागू किया जाए यह पूछा था." वहीं अंजलि भारद्वाज ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि सरकार संसोधन करने वाली है इसलिए यह याचिका दायर की है.

केंद्र की मोदी सरकार ने एक आरटीआइ याचिकाकर्ता अंजलि भारद्वाज की आरटीआई के जवाब में इस बात की पुष्टि की है कि वह सुचना के अधिकार में फेरबदल करने पर विचार कर रही है. वहीं जब इस याचिका में इस संसोधन को लेकर सरकार से तारीख और कैसे लागू किया …

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