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कांग्रेस खेमे में शोक की लहर, शांता राम नाइक और एलपी शाही का निधन

कांग्रेस खेमे में आज शोक की लहर है. पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं का निधन हो गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री एलपी शाही ने शनिवार सुबह दिल्ली के एम्स अस्पताल में दम तोड़ा. वहीं, गोवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष शांताराम नाइक की भी सुबह मौत हो गई. गोवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व राज्य सभा सांसद शांताराम नाइक का आज सुबह दिल का दौरा पड़ने के बाद निधन हो गया. बेचैनी की शिकायत के बाद 72 साल के नाइक को मडगांव स्थित उनके आवास से एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. सुबह सात बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा है इस खबर से कांग्रेस में शोक की लहर है. कांग्रेस नेता गिरीश राय चोदानकर ने कहा, 'यह हमारे लिए चौंकाने वाली खबर है. उनके रूप में हमने एक मार्गदर्शक को खो दिया है. उन्होंने बड़ी तादाद में युवाओं को परामर्श देकर उन्हें कांग्रेस में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था. हमारे लिए यह बड़ी क्षति है.' शांताराम नाइक 1984 के आम चुनाव में लोकसभा के लिए चुने गए थे. उन्होंने गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की भी मांग की थी जो 1987 में पूरी हुई थी. वह 2005 से 2011 तथा 2011 से 2017 तक लगातार दो बार राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए थे. वहीं, बिहार से आने वाले ललितेश्वर प्रसाद शाही कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं. 1980 में विधायक बनने के बाद वह 1984 में मुजफ्फरपुर सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे. कुछ दिन पहले ही उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था. जिसके बाद आज 98 साल की उम्र में उनका निधन हो गया.

कांग्रेस खेमे में आज शोक की लहर है. पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं का निधन हो गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री एलपी शाही ने शनिवार सुबह दिल्ली के एम्स अस्पताल में दम तोड़ा. वहीं, गोवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष शांताराम नाइक की भी सुबह मौत हो गई. गोवा कांग्रेस के …

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फर्जी वोटर मामले में कांग्रेस को लगा झटका

फर्जी वोटर मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस को हर का सामना करना पड़ा है. मध्य प्रदेश कांग्रेस की शिकायत पर चुनाव आयोग की तरफ से मध्य प्रदेश के लिए गठित जांच कमेटी ने मामले की जांच की और रिपोर्ट आयोग को भेजी है. रिपोर्ट के आधार पर जांच कमिटी ने कांग्रेस के फर्जी वोटर के दावे को गलत पाया है और सुबूतों से ये साबित नहीं होता है कि कांग्रेस का दावा मन जाये. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में मतदाता सूची में फर्जी एंट्री का मामला नहीं पाया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ मामलों में एक ही मतदाता के डबल एंट्री जरूर हैं. रिपोर्ट में कुछ मामले मृतक, शिफ्ट करने वाले मतदाताओं के नाम भी पाए गए हैं. जांच में पाया गया है कि ज्यादातर डबल एंट्री को 2015-16 के बाद हटाया जा चुका है. 2015-16 में डबल एंट्री वाले मतदाताओ की संख्या 68 लाख थी, जो मई, 2018 में 7 लाख से कम रह गयी है. गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में मतदाता सूची में गड़बड़ी कि शिकायत चुनाव आयोग से की थी जिसके अनुसार 60 लाख फर्जी मतदाताओं के होने की बात कही गई थी. जिसके बाद आयोग ने एक जांच कमिटी के द्वारा मामले की जांच करवाई . फर्जी वोटर मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस को हर का सामना करना पड़ा है. मध्य प्रदेश कांग्रेस की शिकायत पर चुनाव आयोग की तरफ से मध्य प्रदेश के लिए गठित जांच कमेटी ने मामले की जांच की और रिपोर्ट आयोग को भेजी है. रिपोर्ट के आधार पर जांच कमिटी ने कांग्रेस के फर्जी वोटर के दावे को गलत पाया है और सुबूतों से ये साबित नहीं होता है कि कांग्रेस का दावा मन जाये. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में मतदाता सूची में फर्जी एंट्री का मामला नहीं पाया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ मामलों में एक ही मतदाता के डबल एंट्री जरूर हैं. रिपोर्ट में कुछ मामले मृतक, शिफ्ट करने वाले मतदाताओं के नाम भी पाए गए हैं. जांच में पाया गया है कि ज्यादातर डबल एंट्री को 2015-16 के बाद हटाया जा चुका है. 2015-16 में डबल एंट्री वाले मतदाताओ की संख्या 68 लाख थी, जो मई, 2018 में 7 लाख से कम रह गयी है. गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में मतदाता सूची में गड़बड़ी कि शिकायत चुनाव आयोग से की थी जिसके अनुसार 60 लाख फर्जी मतदाताओं के होने की बात कही गई थी. जिसके बाद आयोग ने एक जांच कमिटी के द्वारा मामले की जांच करवाई .

फर्जी वोटर मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस को हर का सामना करना पड़ा है. मध्य प्रदेश कांग्रेस की शिकायत पर चुनाव आयोग की तरफ से मध्य प्रदेश के लिए गठित जांच कमेटी ने मामले की जांच की और रिपोर्ट आयोग को भेजी है. रिपोर्ट के आधार पर जांच कमिटी ने कांग्रेस …

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मौसम विभाग की चेतावनी, हो सकती है जानलेवा बारिश

मानसून धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है, वहीं इसके पहले होने वाली बारिश ने देश भर में कई जगहों को तहस-नहस कर दिया है, इसी के तहत मुंबई में आने वाले मानसून से पहले मौसम विभाग ने लोगों को चेतावनी दे दी है, मुंबई में 8,9,10 को भारी बारिश हो सकती है, वहीं मौसम विभाग ने बताया कि मानसून कोंकण तक पहुंच चूका है. हाल ही में, मुंबई में हुई बारिश से लोगों का काफी नुकसान हुआ है हालाँकि ये अभी शुरुआत है, मुंबई में मानसून दस्तक देने के साथ भारी तबाही भी लेकर आता है. वहीं मानसून से पहले उत्तर भारत के कई हिस्सों जैसे उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड में बारिश और तेज तूफान ने कई लोगों की जान ले ली है. मौसम विभाग ने इस बारे में अपनी जानकारी शेयर करते हुए कहा है कि "कोंकण और गोवा के ऊपर चक्रवात बनता दिखाई दे रहा है. जो जल्द ही मुंबई तक पहुंचेगा. इसके अलावा 10 और 11 जून को सूरत और वलसाड में भी भारी बारिश हो सकती है. उधर बंगाल की खाड़ी में दबाव बढ़ने के कारण उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय और बिहार में भी जमकर बारिश हो सकती है. बारिश को देखते हुए मौसम विभाग ने जगह-जगह अपने अलर्ट जारी कर दिए है और लोगों को जरुरी काम न होने पर घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है.

मानसून धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है, वहीं इसके पहले होने वाली बारिश ने देश भर में कई जगहों को तहस-नहस कर दिया है, इसी के तहत मुंबई में आने वाले मानसून से पहले मौसम विभाग ने लोगों को चेतावनी दे दी है, मुंबई में 8,9,10 को भारी बारिश हो सकती …

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राशिफल 09 जून: बिजनेस में प्रॉफिट होगा, धोखेबाजों से सावधान रहें

जानिए 09 जून का राशिफल... ARIES (21 मार्च – 19 अप्रैल): आध्‍यात्म‍ि‍क क्षेत्र में आपकी काफी उन्‍नति हाेगी। काम का अच्‍छा परिणाम सामने आएगा। आय के नए स्रोत बनेंगे। मन में प्रसन्‍नता का भाव रहेगा। मित्रों के साथ मौजमस्‍ती में समय बीतेगा। TAURUS (20 अप्रैल – 20 मई): परिवार में किसी से अनबन हो सकती है। अधिक काम करने से थकान बढ़ सकती है। किसी दस्‍तावेज पर बिना पढ़े हस्‍ताक्षर न करें। व्‍यापार में नया अनुबंध हो सकता है। मित्रों की सलाह काम आएगी। GEMINI (21 मई – 20 जून): खानपान व सेहत पर ध्‍यान दें। व्‍यापार में योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ेंगे। वाहन सुख की प्राप्ति संभव है। घर में मेहमानों के आगमन से प्रसन्‍नता का वातावरण रहेगा। यात्रा आनंददायक रहेगी। CANCER (21 जून – 22 जुलाई): जीवनसाथी के साथ रिश्‍तों में थोड़ी कड़वाहट आ सकती है। व्‍यापार में मुनाफा होगा। शिक्षण कार्य में रुचि बढ़ेगी। प्रेम संबंधों के उजागर होने का भय है। पिता से प्रेम और सहयोग प्राप्‍त होगा। LEO (23 जुलाई – 22 अगस्त): संतान की किसी गतिविधि से चिंतित हो सकते हैं। वृद्धजनों के प्रति सेवाभाव मन में रखेंगे। उच्‍चाधिकारी आपसे प्रसन्‍न रहेंगे। समाज में मान प्रतिष्‍ठा बढ़ेगी। नए वस्‍त्र, आभूषण क्रय कर सकते हैं। VIRGO (23 अगस्त– 22 सितंबर): आपका आत्‍मविश्‍वास बढ़ेगा। प्रेम प्रसंग विवाह में परिवर्तित होने के पूर्ण योग हैं। पड़ोसियों से नजदीकी बढ़ेगी। परिवार में किसी मांगलिक आयोजन की रुपरेखा बनेगी। अधिकारी आपकी प्रशंसा करेंगे। LIBRA (23 सितंबर– 22 अक्टूबर): दांपत्‍य जीवन में मधुरता आएगी। मित्रों से मतभेद दूर होंगे। संतान की गतिविधि परेशान करेगी। क्रोध व आवेश से बचें। खानपान का विशेष ध्‍यान रखें। विद्यार्थी प्रतियोगिता में सफलता प्राप्‍त करेंगे। SCORPIO (23 अक्टूबर – 21 नवंबर): सरकारी अधिकारी प्रसन्‍न रहेंगे। नया कार्य प्रारंभ करने से पहले घर के बड़ों की सलाह लें। आय के स्रोतों में वृद्धि होगी। बाहरी यात्राएं सफल होंगी। अतीत की यादें तरोताजा होंगी। SAGITTARIUS (22 नवंबर– 21 दिसंबर): आप पेचीदा व्‍यावसायिक परिस्थितियों का सामना करेंगे। नौकरी में सहयोगी परेशान कर सकते हैं। कोर्ट कचहरी से संबंधित कार्य अभी न करें। किसी अप्रत्‍याशित लाभ की संभावना है। निेवेश लाभ देगा। CAPRICORN (22 दिसंबर – 19 जनवरी): विद्यार्थी मन लगाकर पढ़ाई करें। अन्‍यथा परिणाम खराब हो सकता है। भाइयों का सहयोग मिलेगा। जीवनशैली में सुधार आएगा। दिखावा करने से बचें। भूमि, भवन के कार्य बनेंगे। सेहत ठीक रहेगी। AQUARIUS (20 जनवरी – 18 फरवरी): धोखेबाज व्‍यक्तियों से सावधान करें। जीवनसाथी की भावनाओं का सम्‍मान करेंगे। संतान का आवश्‍यक मार्गदर्शन करेंगे। आपका स्‍वभाव व वाणी सर्वत्र सफलता दिलाएगी। पानी अधिक पिएं। PISCES (19 फरवरी – 20 मार्च): नकारात्‍मकता को हावी न होने दें। दूसरों की मदद करने में आप खुद परेशान हो सकते हैं। स्‍वास्‍थ्‍य में गिरावट आ सकती है। भौतिक साधनों में बढ़ोतरी होगी। वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं।

जानिए 09 जून का राशिफल… ARIES (21 मार्च – 19 अप्रैल): आध्‍यात्म‍ि‍क क्षेत्र में आपकी काफी उन्‍नति हाेगी। काम का अच्‍छा परिणाम सामने आएगा। आय के नए स्रोत बनेंगे। मन में प्रसन्‍नता का भाव रहेगा। मित्रों के साथ मौजमस्‍ती में समय बीतेगा। TAURUS (20 अप्रैल – 20 मई): परिवार में …

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समर वेकेशन में लीजिये इंडिया में मौजूद मिनी स्कॉटलैंड घूमने का मजा

गर्मी की छुट्टी में ज़्यदातर लोगों को विदेश जाना पसंद होता है. पर क्या आपको पता है की भारत देश में भी कुछ ऐसे खूबसूरत शहर मौजूद है जो विदेशों को मात देते हैं. आज हम आपको भारत में मौजूद ऐसे खूबसूरत शहर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे इंडिया का स्कॉटलैंड कहा जाता है. कर्नाटक में एक ऐसी जगह मौजूद है जो स्कॉटलैंड के नाम से जानी जाती है. कर्नाटक भारत में मौजूद अन्य राज्यों में से एक है. जो अपनी खूबसूरती के लिए टूरिस्ट को आकर्षित करता है. कर्नाटक राज्य में मौजूद कुर्ग शहर को स्कॉटलैंड कहा जाता है. अगर आप गर्मी की छुट्टियों में कहीं घूमने जाना चाहते हैं तो आपके लिए कर्नाटक का कुर्ग शहर बेस्ट रहेगा. कुर्ग शहर में चारों तरफ फैली हरी-भरी वादियों और खूबसूरत नजारे आप की छुट्टियों के मजे को दोगुना कर देंगे. कुर्ग शहर को कोडागु के नाम से भी जाना जाता है. कोडागु के चारों तरफ इतनी खूबसूरत वादियां मौजूद है कि आपकी नजरें इन पर टिकी रहेगी. आप यहां पर ट्रैकिंग का भी मजा ले सकते हैं. खूबसूरत वादियों के साथ-साथ आप वॉटर फॉल्स, राजा की सीट, महल, किला, ओमकारेश्वर मंदिर जैसी फेमस जगह को देख सकते हैं. इसके अलावा यहां के खूबसूरत पहाड़, हरे भरे, जंगल चाय और कॉफी के बागान बहुत ही खूबसूरत हैं. कुर्ग शहर में आप खासकर हाथियों को देख सकते हैं. आप यहां पर वोट राइट के द्वारा जा सकते हैं. नेचर से भरपूर जगहों के साथ-साथ यहां पर बहुत सारे धार्मिक स्थल भी मौजूद हैं. जिनमें से एक है तिब्बती मोनेस्ट्री. यहाँ पर सन्यासी लाल और सुनहरे रंग की पोशाक में दिखाई देते हैं. यहां पर बनी बुद्ध की तीन मूर्तियां एक पंक्ति में बैठी हुई है. और यहां की दीवारों में बुद्ध की खूबसूरत चित्रकारी भी की गई है.

गर्मी की छुट्टी में ज़्यदातर लोगों को विदेश जाना पसंद होता है. पर क्या आपको पता है की भारत देश में भी कुछ ऐसे खूबसूरत शहर मौजूद है जो विदेशों को मात देते हैं. आज हम आपको भारत में मौजूद ऐसे खूबसूरत शहर के बारे में बताने जा रहे हैं …

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प्रकृति और इंसानों के आपसी तालमेल को दर्शाती हैं यह चीजें

सभी लोगों को घूमना फिरना बहुत पसंद होता है. वैसे तो दुनिया में बहुत सी खूबसूरत और नेचर से भरपूर जगह मौजूद है. पर पूरी दुनिया के कोने कोने में इंसानों के द्वारा बनाई गई खूबसूरत जगह भी मौजूद हैं. जिन्हें देखने के बाद आपको अपनी आंखों पर यकीन नहीं होगा. आज हम आपको दुनिया में मौजूद और अपनी अनोखी खासियतों और सुंदरता के लिए मशहूर कुछ जगहों के बारे में बताने जा रहे है. आज हम आपको प्रकृति और इंसान के आपसी तालमेल से बनी कुछ चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं. 1- इटली में मौजूद पोर्टफिनो शहर मछली पकड़ने के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है. इस शहर की एक चट्टान पर बना एक घर देखने के बाद आपको प्रकृति और इंसान के आपसी तालमेल पर हैरानी होगी. इस घर से नदी का बेहद ही खूबसूरत नजारा दिखाई देता है. 2- जानिया के जंजीबार शहर में मौजूद एक नदी में बहुत बड़ी चट्टान पर इंसानों द्वारा एक रेस्टोरेंट बनाया गया है. जिसे रॉक रेस्टोरेंट के नाम से जाना जाता है. इस रेस्टोरेंट को देखने के लिए पूरी दुनिया से टूरिस्ट आते हैं. 3- आयरलैंड में मौजूद डबलिन शहर हाउस काफी सालों से खाली पड़ा है. पर एक समय यहां पर लोग रहा करते थे. इस घर को भी प्रकृति और इंसानों के आपसी तालमेल के द्वारा बनाया गया है. इंसान और प्रकृति के तालमेल का यह एक बहुत ही बढ़िया नमूना है.

सभी लोगों को घूमना फिरना बहुत पसंद होता है. वैसे तो दुनिया में बहुत सी खूबसूरत और नेचर से भरपूर जगह मौजूद है. पर पूरी दुनिया के कोने कोने में इंसानों के द्वारा बनाई गई खूबसूरत जगह भी मौजूद हैं. जिन्हें देखने के बाद आपको अपनी आंखों पर यकीन नहीं …

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विश्व फलक पर चमकेंगे उत्तराखंड के ये दो क्रिकेट स्टार

विजय हजारे ट्राफी से शुरू हुआ था आर्यन का करियर अंडर-19 भारतीय वनडे टीम की कप्तानी संभालने जा रहे आर्यन जुयाल ने विजय हजारे ट्राफी से प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत की। आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप में विकेटकीपर बल्लेबाज रहे आर्यन जुयाल को सिर्फ दो मैच खेलने का मौका मिला। आर्यन ने अंडर-19 क्रिकेट में 1100 से अधिक रन बनाए हैं। आर्यन के पिता संजय जुयाल व मां प्रतिभा जुयाल पेशे से डॉक्टर हैं।

उत्तराखंड के लिए गुरुवार का दिन उपलब्धि भरा रहा। नैनीताल जिले के दो उभरते क्रिकेट खिलड़ियों का न केवल अंडर-19 टीम में चयन हुआ, बल्कि दोनों को भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका भी मिला है। रामनगर के अनुज रावत चार दिवसीय मैचों के लिए चुनी गई इंडियन टीम …

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उत्तराखंड के चमोली में फटा बादल, आकाशीय बिजली गिरने से एक की मौत

फिलहाल, राजस्व व पशुपालन विभाग की टीम मौके पर पहुंच चुकी है और वो बादल फटने की घटना से इंकार कर रहे हैं। आकाशीय बिजली गिरने से एक की मौत बिंदुखत्ता के इंदिरा नगर निवासी पूर्व सैनिक उमेद सिंह पुत्र मेहरबान सिंह की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। दरअसल, सुबह से ही मौसम खराब था। इस बीच 55 वर्षीय उमेद खेत से जानवर भगाने गए थे। तभी आकाशीय बीजली ने उन्हें अपनी चपेट में लिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर पहुंंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सिंयाडी में बारिश से मार्ग में आया मलबा, आवाजाही काफी देर रही बाधित वहीं, जिले में भी सुबह से बारिश हो रही है। जिसके चलते राष्ट्रीय राजमार्ग पर चंपावत और टनकपुर के बीच सन्यासी और अमरू बैंड में मलबा आने से मार्ग अवरुद्ध हो गया था। इससे यहां जाम की स्थिति पैदा हो गई। मार्ग बंद होने से आवाजाही करने वाले कई वाहनों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जेसीबी की मदद से मलबा हटाया गया। जिसके बाद नौ बजे तक मार्ग खुल पाया और आवाजाही शुरू हो पाई। बारिश के कारण एनएच पर कई स्थानों में जलभराव और कीचड़ होने के कारण वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

उत्तराखंड में एकबार फिर मौसम ने अपने तेवर बदल लिए हैं। चमोली जिले के चांई गांव में बादल फटने से गोशाला में बंधे कर्इ मवेशियों के मरने की खबर है। घरों के आसपास मलबा भी एकत्र हो गया है, जबकि सड़क, खेतों और पैदल मार्ग को भारी क्षति पहुंची है। गनीमत …

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अमित शाह ने सेट किया पंजाब में चुनावी एजेंडा, शिअद से सीटों की अदला बदली पर सहमति

अकाली दल के साथ विचार-विमर्श करने के बाद पंजाब की कांग्रेस सरकार को उन्हीं के घर में घेरने की रणनीति शाह ने बैठे-बैठे तय कर दी। केंद्र सरकार द्वारा गरीबों के पांच रुपये तक के हेल्थ इंश्योरेंस की स्कीम का लाभ पंजाब सरकार द्वारा न देने के मामले को शाह ने गंभीरता से लिया है। पंजाब सरकार इस स्कीम को पंजाब में शुरू करने के मूड में नहीं है। कांग्रेस सरकार का तर्क है कि पंजाब में पहले से ही इस प्रकार की स्कीम राज्य सरकार के स्तर पर चलाई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इस मुद्दे पर पंजाब सरकार को घेरने की रणनीति तय करने के बाद फैसला किया गया कि अगर पंजाब सरकार इस स्कीम को पंजाब में नहीं चलाती है तो केंद्र सरकार अपनी तरफ से भी स्कीम चला सकती है। अमित शाह का स्‍वागत करते प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर बादल और अन्‍य शिअद नेता। स्कीम के तहत 65 फीसद धनराशि केंद्र सरकार ने तो 35 फीसद पंजाब सरकार ने देनी है। रणनीति तय की गई कि अगर पंजाब सरकार अपने हिस्से की 35 फीसद धनराशि नहीं देती है तो केंद्र अपने हिस्से की 65 फीसद धनराशि के साथ ही स्कीम को पंजाब में गरीबों के लिए लांच कर देगा। कार्ड भी केंद्र सरकार ही बनवाएगी। शाह की इस रणनीति से अकाली-भाजपाइयों के चेहरे खिल गए। पिछली सरकार में प्रकाश सिंह बादल ने इस स्कीम को शुरू करने को लेकर काफी कवायद की थी। अमित शाह बोले- अकाली बड़े भाई, गठबंधन को मजबूत करो भाजपा नेताओं के साथ हुई बैठक में शाह ने सुनी कम और भाजपाइयों को सुनाई ज्यादा। उन्होंने लोकसभा चुनाव जीत का मंत्र दिया और कहा कि अकाली दल के साथ दशकों पुराना गठबंधन है। वह बड़े भाई जैसा है। गठबंधन को मजबूत करें और काडर को बड़ा करें। शाह ने करीब पौने दो घंटे में भाजपाइयों को लोकसभा चुनाव की जीत का रूट मैप समझाया। इससे पहले वरिष्ठ नेताओं के स्तर पर गठबंधन के गिले-शिकवे उन्होंने बादल के साथ मुलाकात में ही दूर करवा दिए थे। बैठक व भाेजन पर खूब चली सियासी कूटनीति अमित शाह के साथ बैठक व खाने पर अकाली-भाजपा नेताओं की मौजूदगी में जमकर सियासी कूटनीति चली। तमाम मुद्दों को दोस्ताना अंदाज में शाह के सामने पेश करके अकाली नेताओं ने इस बात का संकेत देने की कोशिश की कि पंजाब में अभी भी अकाली दल की मौजूदगी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। भाजपा के आधा दर्जन पूर्व प्रदेश प्रधानों के साथ पहुंचे शाह ने भी अकालियों को इस बात का भरोसा दिलाया कि गठबंधन को पहले से और अधिक मजबूत करके पंजाब व देश के हित में काम करना है। भाजपाइयों ने भी पिछली सरकार में खुद की अनदेखी के मुद्दे को अकालियों की स्टाइल में ही उठाकर कई मोर्चों पर काउंटर भी किया। नहीं जाने दिया राकेश राठौर को बादल के घर शाह के साथ पहुंचे प्रदेश महासचिव राकेश राठौर को सुरक्षा कर्मियों ने अंदर नहीं जाने दिया। विजय सांपला की गाड़ी भी सुरक्षा कर्मियों ने रुकवा ली। इसके बाद सांपला पैदल ही बादल के निवास स्थान की तरफ निकल गए। वहीं मनोरंजन कालिया, मदन मोहन मित्तल, प्रोफेसर राजिंदर भंडारी, कमल शर्मा व तरुण चुघ को भी सुरक्षा कर्मियों ने पैदल ही जाने दिया। --------- अकाली-भाजपाइयों ने कहा- बरकरार रहेगा गठबंधन भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रधान अविनाश राय खन्ना, विजय सांपला, राष्ट्रीय सचिव तरुण चुघ, मनोरंजन कालिया, कमल शर्मा, शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया, सिकंदर सिंह मलुका आदि ने एक सुर में अलग-अलग बयानों के जरिए कहा कि गठबंधन को कोई खतरा नहीं हैं। गठबंधन बरकरार रहेगा। शाह का दौरा कामयाब रहा है। By Sunil Kumar Jha

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह वीरवार के दौरे में पंजाब में आने वाले समय में गठबंधन की राजनीति को नई दिशा दे गए हैं। अकाली नेताओं के साथ शाह की मुलाकात तो एक बहाना थी, इसकी आड़ में शाह ने 2019 के लोकसभा चुनाव का एजेंडा लगभग सेट कर …

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कपिलदेव की राजनीति में नई पारी के आसार, चंडीगढ़ से हो सकते हैं भाजपा प्रत्याशी

भाजपा की चंडीगढ़ इकाई इस समय सीधे सीधे तीन धड़ो में बंटी हुई है। इनमें से एक गुट के लीडर चंडीगढ़ इकाइ्र के अध्‍यक्ष संजय टंडन हैं। दूसरे के पूर्व एमपी सत्यपाल जैन। सांसद किरण खेर को चाहने वालों का भी एक वर्ग है। पार्टी के सीनियर नेता हरमोहन धवन पहले ही पार्टी को बगावती तेवर दिखा चुके हैं। पार्टी के केंद्रीय नेताओं की नजर शहर से जुड़े सभी प्रमुख व्यक्तियों पर भी है। किरण खेर के पति अनुपम खेर पर पार्टी पहले ही अपनी मेहरबानी दिखा चुकी है। पार्टी नेता आपस में लड़ते रहे तो चंडीगढ़ से किसी ऐसे चेहरे को मैदान में उतारा जाएगा जोकि शहर की जनता को आसानी से स्वीकार हो। चुनाव की कमान टंडन के ही हाथ पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह पहले ही संकेत दे चुके है कि चंडीगढ़ का लोकसभा चुनाव संजय टंडन के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। टंडन का चंडीगढ़ भाजपा के अध्‍यक्ष के रूप में दूसरा टर्म भी एक साल पहले पूरा हो चुका है। पिछले लोकसभा चुनाव में भी टंडन टिकट की दौड़ में थे लेकिन पार्टी ने उन्हें किरण खेर को चुनाव जिताने की जिम्मेदारी दे दी। यदि इस बार भी पार्टी किसी नए चेहरे को मैदान में उतार देती है तो टंडन को एक बार फिर टिकट से हाथ धोना पड़ सकता है। गुटबाजी सबसे बड़ा कारण चंडीगढ़ में किसी नए चेहरे को मैदान में उतारने की तैयारी के पीछे सबसे बड़ा कारण पार्टी की गुटबाजी है। पार्टी के शीर्ष नेता जानते है कि इस बार तीनों को एकजुट कर पाना आसान नहीं होगा। किसी एक को टिकट देने पर दोनों अन्य नेता की नाराजगी पार्टी को महंगी पड़ सकती है। पार्टी से नाराज चल रहे सीनियर नेता हरमोहन धवन के अनुसार एमपी किरण खेर के कार्यकाल में शहर की जनता का कोई भी काम नहीं हुआ। ऐसे में भाजपा क्या मुंह लेकर चुनाव में लोगों के बीच जाएगी।भाजपा की चंडीगढ़ इकाई इस समय सीधे सीधे तीन धड़ो में बंटी हुई है। इनमें से एक गुट के लीडर चंडीगढ़ इकाइ्र के अध्‍यक्ष संजय टंडन हैं। दूसरे के पूर्व एमपी सत्यपाल जैन। सांसद किरण खेर को चाहने वालों का भी एक वर्ग है। पार्टी के सीनियर नेता हरमोहन धवन पहले ही पार्टी को बगावती तेवर दिखा चुके हैं। पार्टी के केंद्रीय नेताओं की नजर शहर से जुड़े सभी प्रमुख व्यक्तियों पर भी है। किरण खेर के पति अनुपम खेर पर पार्टी पहले ही अपनी मेहरबानी दिखा चुकी है। पार्टी नेता आपस में लड़ते रहे तो चंडीगढ़ से किसी ऐसे चेहरे को मैदान में उतारा जाएगा जोकि शहर की जनता को आसानी से स्वीकार हो। चुनाव की कमान टंडन के ही हाथ पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह पहले ही संकेत दे चुके है कि चंडीगढ़ का लोकसभा चुनाव संजय टंडन के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। टंडन का चंडीगढ़ भाजपा के अध्‍यक्ष के रूप में दूसरा टर्म भी एक साल पहले पूरा हो चुका है। पिछले लोकसभा चुनाव में भी टंडन टिकट की दौड़ में थे लेकिन पार्टी ने उन्हें किरण खेर को चुनाव जिताने की जिम्मेदारी दे दी। यदि इस बार भी पार्टी किसी नए चेहरे को मैदान में उतार देती है तो टंडन को एक बार फिर टिकट से हाथ धोना पड़ सकता है। गुटबाजी सबसे बड़ा कारण चंडीगढ़ में किसी नए चेहरे को मैदान में उतारने की तैयारी के पीछे सबसे बड़ा कारण पार्टी की गुटबाजी है। पार्टी के शीर्ष नेता जानते है कि इस बार तीनों को एकजुट कर पाना आसान नहीं होगा। किसी एक को टिकट देने पर दोनों अन्य नेता की नाराजगी पार्टी को महंगी पड़ सकती है। पार्टी से नाराज चल रहे सीनियर नेता हरमोहन धवन के अनुसार एमपी किरण खेर के कार्यकाल में शहर की जनता का कोई भी काम नहीं हुआ। ऐसे में भाजपा क्या मुंह लेकर चुनाव में लोगों के बीच जाएगी।

भाजपा की चंडीगढ़ इकाई इस बार भी लोकसभा चुनाव से पहले एकजुट नहीं हुई तो फिर से पार्टी किसी नए चेहरे पर दांव लगा सकती है। यह चेहरा जाने माने क्रिकेटर कपिल देव भी हो सकते है। भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने हाल ही में कपिल देव से संपर्क से …

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