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ग्वाटेमाला ज्वालामुखी विस्फोट में मृतकों की संख्या 99 पहुंची, बचाव कार्य रोका

ज्वालामुखी विस्फोटज्वालामुखी विस्फोट

पेसिफिक रिंग ऑफ फायर से सटे देश ‘ग्वाटेमाला’ में लंबे समय से सक्रिय ज्वालामुखी ‘वोल्कन डे फुगो’ की सक्रियता लगातार जारी है। ‘आग का ज्वालामुखी’ नाम से मशहूर फुगो ज्वालामुखी में भीषण विस्फोट से अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 99 हो गई है। प्रभावित इलाकों में रह रहे …

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ट्रंप ने पहली बार दी इफ्तार की दावत, मुस्लिम समुदाय से मांगा सहयोग

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार शाम को व्हाइट हाउस में पहली बार इफ्तार की दावत दी. इस दौरान ट्रंप ने मुस्लिम देशों के राजनयिकों और अधिकारियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा ,‘एक साथ काम करके ही हम सभी के लिए सुरक्षित और समृद्ध भविष्य हासिल कर सकते हैं. ट्रंप ने बतौर राष्ट्रपति अपनी पहली विदेश यात्रा का जिक्र भी किया . उन्होंने कहा, मेरी पहली विदेश यात्रा मुस्लिम देश की थी. यहां मैंने मुस्लिम बहुल देशों के 50 से अधिक नेताओं की सभा को संबोधित किया. यह मेरे लिए गर्व की बात है.’ ट्रंप की मेज पर बैठे सऊदी अरब के शहजादे इस दावत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मेज पर सऊदी अरब के शहजादे खालिद बिन सलमान और जॉर्डन के दूत दीना कवार भी मौजूद थे. गौरतलब है कि साल 1990 में बिल क्लिंटन के कार्यकाल के दौरान इफ्तार पार्टी की शुरूआत हुई थी. लेकिन पिछले साल राष्ट्रपति पद संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने इफ्तार की दावत देने से मना कर दिया था. यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम से लोग हैरान हैं. इफ्तार पार्टी में ये लोग हुए शामिल इफ्तार पार्टी के लिए संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, ट्यूनीशिया , कतर , बहरीन , मोरक्को , अल्जीरिया , लीबिया , कुवैत , जाम्बिया , इथियोपिया, इराक और बोस्निया समेत कई मुस्लिम देशों के दूतों को आमंत्रित किया गया था.इसके अलावा अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस और वित्त मंत्री स्टीवन मुचिन समेत ट्रंप की कैबिनेट के कई सदस्य भी इफ्तार पार्टी में शामिल हुए. इस बीच, ट्रंप सरकार के कथित मुस्लिम विरोधी रुख के खिलाफ कुछ मुस्लिम समूहों ने प्रदर्शन किया और विरोध में व्हाइट हाउस के बाहर इफ्तार पार्टी का आयोजन भी किया.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार शाम को व्हाइट हाउस में पहली बार इफ्तार की दावत दी. इस दौरान ट्रंप ने मुस्लिम देशों के राजनयिकों और अधिकारियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा ,‘एक साथ काम करके ही हम सभी के लिए सुरक्षित और समृद्ध भविष्य हासिल कर सकते हैं. …

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स्पेन की नई सरकार में महिलाओं का बोलबाला, 17 मंत्र‍ियों में 11 महिला मंत्री

स्पेन के सोशलिस्ट प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने बुधवार को यूरोपीय संघ (ईयू) समर्थक नई सरकार का गठन किया. उन्होंने अपने मंत्र‍िमंडल में महिलाओं को ज्यादा जगह दी है. महिलाओं के प्रभुत्व वाली नई सरकार के मंत्रिमंडल में 11 महिलाएं और छह पुरूष मंत्री हैं. देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जिसमें महिला मंत्रियों की संख्या पुरूषों से ज्यादा है. फ्रांस, स्वीडन और कनाडा को मिलाकर कुछ ही ऐसे देश हैं, जहां लगभग 50% मंत्री महिलाएं हैं. स्पेन में रक्षा, अर्थव्यवस्था, वित्त और शिक्षा पोर्टफोलियो सहित कुछ बड़े पदों की कमान महिला मंत्रियों को सोंपी गई है. नई कार्यपालिका में अंतरिक्ष यात्री पेद्रो दूक्यू को विज्ञान मंत्री बनाया गया है. पूर्व प्रधानमंत्री राजॉय की सरकार में 36% मंत्री महिलाएं थीं. जबकी सांचेज की सरकार में ये आंकड़ा 61% हो गया है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी नई सरकार उन लोगों से बनी है, जो प्रगतिशील समाज के प्रति एक समान दृष्टी रखते हैं. उन्होंने कहा कि यूरोप हमारी नई मातृभूमि है. उन्होंने अपनी कैबिनेट को स्पेन में बदलाव लाने वाले प्रतिबिंब के तौर पर पेश किया. पूर्व प्रधानमंत्री मारियानो राजॉय के खिलाफ संसदीय चुनाव जीतने के बाद सांचेज ने पदभार संभाला. हालांकि सांचेज का कार्यकाल अल्पकालिक रहेगा और इस तरह नए राष्ट्रीय चुनावों के लिए रास्ता खुल सकता है. क्योंकि उनकी पार्टी की संसद में केवल एक चौथाई सीटें हैं. उनकी पहली चुनौती कैटलोनिया और बास्क क्षेत्रों से राष्ट्रवादी दलों के साथ अपने गठबंधन को एक साथ रखना है, जिसने उन्हें जीत दिलाने में मदद की. सांचेज ने कहा,"उनका मंत्रिमंडल समाज की सबसे बेहतर झलक है. एक ऐसा समाज जहां महिलाएं और पुरूष हैं, युवा और बुजुर्ग हैं. जिसकी जड़ें यूरोपीय संघ में हैं."

स्पेन के सोशलिस्ट प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने बुधवार को यूरोपीय संघ (ईयू) समर्थक नई सरकार का गठन किया. उन्होंने अपने मंत्र‍िमंडल में महिलाओं को ज्यादा जगह दी है. महिलाओं के प्रभुत्व वाली नई सरकार के मंत्रिमंडल में 11 महिलाएं और छह पुरूष मंत्री हैं. देश के इतिहास में ऐसा पहली …

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रोहिंग्या मुस्लिमो को अपने वतन भेजेगा UN

रोहिंग्या मुस्लिमो को जल्द ही राहत मिलने वाली है. जिसकी पहल संयुक्त राष्ट्र ने की है. जानकारी के मुताबिक म्यांमार और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने 6 जून को एक समझौते पर हस्ताक्षर किये है जो कि म्यांमार में सुरक्षा बलों के अत्याचार के चलते देश छोड़कर चले गए 700,000 रोहिंग्या मुस्लिमों की वतन वापसी में काफी सहायक हो सकता है. म्यांमार और बांग्लादेश गत नवंबर में रोहिंग्या की स्वदेश वापसी शुरू करने पर सहमत हुए थे. इससे पहले बता दें की म्यांमार के सुरक्षा बलों पर पश्चिमी रखाइन प्रांत में बलात्कार, हत्या, प्रताड़ना और रोहिंग्या के घरों को जलाने के गंभीर आरोप हैं जहां अधिकतर रोहिंग्या रहते थे. संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने गत वर्ष अगस्त में शुरू हुई कार्रवाई को जातीय सफाया करार दिया था. गौरतलब है की ये रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश में अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं. इस सहमतिपत्र में एक सहयोग की रूपरेखा बनाने पर सहमति बनी है जिसका उद्देश्य रोहिंग्या शरणार्थियों की स्वैच्छिक, सुरक्षित, सम्मानित और स्थायी वापसी के लिए स्थितियां निर्मित करना है. इस मामले में यहाँ के एक अधिकारी ने कहा की कहा कि यह समझौता इस संकट के समाधान में पहला महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा, काफी काम करने हैं. इस कार्य के महत्व को कमतर करके नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, हम करीब 700,000 लोगों की बात कर रहे हैं जिन्हें न केवल वापस लौटना होगा बल्कि उनकी वापसी के लिए स्थितियां भी सही होनी चाहिए.रोहिंग्या मुस्लिमो को जल्द ही राहत मिलने वाली है. जिसकी पहल संयुक्त राष्ट्र ने की है. जानकारी के मुताबिक म्यांमार और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने 6 जून को एक समझौते पर हस्ताक्षर किये है जो कि म्यांमार में सुरक्षा बलों के अत्याचार के चलते देश छोड़कर चले गए 700,000 रोहिंग्या मुस्लिमों की वतन वापसी में काफी सहायक हो सकता है. म्यांमार और बांग्लादेश गत नवंबर में रोहिंग्या की स्वदेश वापसी शुरू करने पर सहमत हुए थे. इससे पहले बता दें की म्यांमार के सुरक्षा बलों पर पश्चिमी रखाइन प्रांत में बलात्कार, हत्या, प्रताड़ना और रोहिंग्या के घरों को जलाने के गंभीर आरोप हैं जहां अधिकतर रोहिंग्या रहते थे. संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने गत वर्ष अगस्त में शुरू हुई कार्रवाई को जातीय सफाया करार दिया था. गौरतलब है की ये रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश में अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं. इस सहमतिपत्र में एक सहयोग की रूपरेखा बनाने पर सहमति बनी है जिसका उद्देश्य रोहिंग्या शरणार्थियों की स्वैच्छिक, सुरक्षित, सम्मानित और स्थायी वापसी के लिए स्थितियां निर्मित करना है. इस मामले में यहाँ के एक अधिकारी ने कहा की कहा कि यह समझौता इस संकट के समाधान में पहला महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा, काफी काम करने हैं. इस कार्य के महत्व को कमतर करके नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, हम करीब 700,000 लोगों की बात कर रहे हैं जिन्हें न केवल वापस लौटना होगा बल्कि उनकी वापसी के लिए स्थितियां भी सही होनी चाहिए.

रोहिंग्या मुस्लिमो को जल्द ही राहत मिलने वाली है. जिसकी पहल  संयुक्त राष्ट्र  ने की है. जानकारी के मुताबिक म्यांमार और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने 6 जून को एक समझौते पर हस्ताक्षर किये है जो कि म्यांमार में सुरक्षा बलों के अत्याचार के चलते देश छोड़कर चले गए 700,000 रोहिंग्या …

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धमाकों से फिर दहला इराक

इराक में हालिया हुए एक विस्फ़ोट में कम से कम दर्जन भी से जयादा लोगो की मौत चुकी है. जानकारी के मुताबिक इराक की राजधानी बगदाद के सदर सिटी जिले में स्थित हथियारों के डिपो में गुरुवार 7 जून को विस्फोट होने से कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई और कई जख्मी हो गए. सुरक्षा और चिकित्सकीय सूत्रों ने यह जानकारी दी. बगदाद की सुरक्षा अभियान कमान ने एक बयान में कहा कि हथियारों के डिपो में विस्फोट हुआ है. सुरक्षा बलों ने विस्फोट के कारण का पता लगाने के लिए छानबीन शुरू कर दी है. ने बताया कि विस्फोट बगदाद के उत्तर पूर्वी जिले में एक शिया मस्जिद के नजदीक हुआ है. चश्मदीदों ने कहा कि सदर सिटी जिले में विस्फोट की वजह से घरों और इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा है. यह लोकप्रिय शिया धर्मगुरु मुकतदा सदर का गढ़ है. यहाँ पर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि एक घर में रॉकेट ग्रेनेड और गोले समेत भारी हथियार बहुतायत में रखा हुआ था. इस कारण यह विस्फोट हुआ. ये हथियार एक सशस्त्र समूह के थे. उन्होंने कहा कि विस्फोट में कम से कम 16 लोगों की मौत हुई है और तकरीबन 32 अन्य घायल भी हुए हैं. यहाँ एक अस्पतालों ने हताहतों की संख्या की जानकारी देते हुए कहा कि पीड़ितों में महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल हैं.इराक में हालिया हुए एक विस्फ़ोट में कम से कम दर्जन भी से जयादा लोगो की मौत चुकी है. जानकारी के मुताबिक इराक की राजधानी बगदाद के सदर सिटी जिले में स्थित हथियारों के डिपो में गुरुवार 7 जून को विस्फोट होने से कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई और कई जख्मी हो गए. सुरक्षा और चिकित्सकीय सूत्रों ने यह जानकारी दी. बगदाद की सुरक्षा अभियान कमान ने एक बयान में कहा कि हथियारों के डिपो में विस्फोट हुआ है. सुरक्षा बलों ने विस्फोट के कारण का पता लगाने के लिए छानबीन शुरू कर दी है. ने बताया कि विस्फोट बगदाद के उत्तर पूर्वी जिले में एक शिया मस्जिद के नजदीक हुआ है. चश्मदीदों ने कहा कि सदर सिटी जिले में विस्फोट की वजह से घरों और इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा है. यह लोकप्रिय शिया धर्मगुरु मुकतदा सदर का गढ़ है. यहाँ पर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि एक घर में रॉकेट ग्रेनेड और गोले समेत भारी हथियार बहुतायत में रखा हुआ था. इस कारण यह विस्फोट हुआ. ये हथियार एक सशस्त्र समूह के थे. उन्होंने कहा कि विस्फोट में कम से कम 16 लोगों की मौत हुई है और तकरीबन 32 अन्य घायल भी हुए हैं. यहाँ एक अस्पतालों ने हताहतों की संख्या की जानकारी देते हुए कहा कि पीड़ितों में महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल हैं.

इराक में हालिया हुए एक विस्फ़ोट में कम से कम दर्जन भी से जयादा लोगो की मौत चुकी है. जानकारी के मुताबिक इराक की राजधानी बगदाद के सदर सिटी जिले में स्थित हथियारों के डिपो में गुरुवार 7 जून को विस्फोट होने से कम से कम 16 लोगों की मौत …

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शर्मिष्ठा को प्रणब का नागपुर जाना रास नहीं आया

एक ओर जहां देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संघ मुख्यालय नागपुर में अपना सम्बोधन देंगे , वहीं दूसरी ओर उन्हीं की बेटी शर्मिष्ठा को अपने पिता का नागपुर जाना पसंद नहीं आया. पिता के इस फैसले को गलत बताते हुए शर्मिष्ठा ने कहा कि संघ मुख्यालय में उनका संबोधन भुला दिया जाएगा लेकिन इससे जुड़ीं तस्वीरें बनी रहेंगी. बता दें कि शर्मिष्ठा ने अपने ट्वीट में कहा कि संघ का न्योता स्वीकार कर पूर्व राष्ट्रपति ने भाजपा और संघ को झूठी कहानियां गढ़ने का मौका दे दिया है.पूर्व राष्ट्रपति जल्द ही समझ जाएंगे कि भाजपा की गंदी चालबाजी कैसे काम करती है. संघ कभी नहीं मानेगा कि अपने ( यानी प्रणब के) भाषण में आप इसके विचारों की तारीफ़ कर रहे हैं. उन्होंने संघ की नीयत पर सवाल उठाए हैं. उल्लेखनीय है कि शर्मिष्ठा का यह बयान उन खबरों के बाद आया है, जिनमें कहा गया है कि वह भाजपा में शामिल हो रही है.इन अफवाहों को खारिज करते हुए शर्मिष्ठा ने कहा कि वह कांग्रेस छोड़ने के बजाय राजनीति से संन्यास लेना पसंद करेंगी.कांग्रेस छोड़ने की अफवाह को बकवास बताया.उधर, दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अजय माकन ने भी शर्मिष्ठा के भाजपा में शामिल होने की अफवाहों का खंडन किया है.

एक ओर जहां देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संघ मुख्यालय नागपुर में अपना सम्बोधन देंगे , वहीं दूसरी ओर उन्हीं की बेटी शर्मिष्ठा को अपने पिता का नागपुर जाना पसंद नहीं आया. पिता के इस फैसले को गलत बताते हुए शर्मिष्ठा ने कहा कि संघ मुख्यालय में उनका संबोधन …

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मोदी को रोकने राहुल ने बदली रणनीति

पिछले कुछ दिनों से राहुल गाँधी के न केवल व्यवहार में अंतर देखा जा रहा है , बल्कि पीएम मोदी को फिर सत्ता में न आने देने के लिए लगातार अपनी नीतियों में भी बदलाव कर रहे हैं. इसके तहत वे उन कुछ नेताओं के प्रति भी अपना रवैया बदल रहे हैं जिन्होंने पार्टी से दगा किया था . इसमें आंध्र के वाई.एस.आर. कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी भी शामिल हैं , जिन्हें वह गले लगाना चाहते हैं. आपको बता दें कि इन दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के स्वभाव में परिवर्तन देखा जा रहा है.यह बदलाव 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर कीमत पर सत्ता में वापस आने से रोकने के लिए है .इसके लिए वे नापसंद लोगों को भी तरजीह देने लगे हैं. पहले उन्होंने कमलनाथ को पार्टी की मध्य प्रदेश यूनिट का अध्यक्ष बनाया , जबकि वह निजी तौर पर उन्हें पसंद नहीं करते. इसी तरह उन्होंने वाई.एस.आर. कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी के साथ संबंध बनाने की संभावनाओं का पता लगाने को कहा है. कांग्रेस पार्टी आंध्र प्रदेश में वाई.एस.आर.रेड्डी को साथ मिलाना चाहती है. उल्लेखनीय है कि इन दिनों राहुल हर उस पार्टी के नेताओं से हाथ मिलाने को तैयार है , जो मोदी को सत्ता में आने से रोक सके.इस रणनीति के तहत ही दिग्विजय सिंह को आंध्र प्रदेश के प्रभारी पद से हटा कर केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी को पार्टी का महासचिव प्रभारी बनाया गया .स्मरण रहे कि चांडी वाई.एस. चंद्रशेखर रेड्डी के बहुत नजदीक हैं. राहुल गांधी इसी तरह की रणनीति हर राज्य में अपना रहे हैं. उनका मकसद भाजपा को हर कीमत पर सत्ता से हटाना पिछले कुछ दिनों से राहुल गाँधी के न केवल व्यवहार में अंतर देखा जा रहा है , बल्कि पीएम मोदी को फिर सत्ता में न आने देने के लिए लगातार अपनी नीतियों में भी बदलाव कर रहे हैं. इसके तहत वे उन कुछ नेताओं के प्रति भी अपना रवैया बदल रहे हैं जिन्होंने पार्टी से दगा किया था . इसमें आंध्र के वाई.एस.आर. कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी भी शामिल हैं , जिन्हें वह गले लगाना चाहते हैं. आपको बता दें कि इन दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के स्वभाव में परिवर्तन देखा जा रहा है.यह बदलाव 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर कीमत पर सत्ता में वापस आने से रोकने के लिए है .इसके लिए वे नापसंद लोगों को भी तरजीह देने लगे हैं. पहले उन्होंने कमलनाथ को पार्टी की मध्य प्रदेश यूनिट का अध्यक्ष बनाया , जबकि वह निजी तौर पर उन्हें पसंद नहीं करते. इसी तरह उन्होंने वाई.एस.आर. कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी के साथ संबंध बनाने की संभावनाओं का पता लगाने को कहा है. कांग्रेस पार्टी आंध्र प्रदेश में वाई.एस.आर.रेड्डी को साथ मिलाना चाहती है. उल्लेखनीय है कि इन दिनों राहुल हर उस पार्टी के नेताओं से हाथ मिलाने को तैयार है , जो मोदी को सत्ता में आने से रोक सके.इस रणनीति के तहत ही दिग्विजय सिंह को आंध्र प्रदेश के प्रभारी पद से हटा कर केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी को पार्टी का महासचिव प्रभारी बनाया गया .स्मरण रहे कि चांडी वाई.एस. चंद्रशेखर रेड्डी के बहुत नजदीक हैं. राहुल गांधी इसी तरह की रणनीति हर राज्य में अपना रहे हैं. उनका मकसद भाजपा को हर कीमत पर सत्ता से हटाना

पिछले कुछ दिनों से राहुल गाँधी  के न केवल व्यवहार में अंतर देखा जा रहा है , बल्कि पीएम मोदी को फिर सत्ता में न आने देने के लिए लगातार अपनी नीतियों में भी बदलाव कर रहे हैं. इसके तहत वे उन कुछ नेताओं के प्रति भी अपना रवैया बदल रहे हैं …

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शाह की बादल से भेंट से पहले कांग्रेस हुई बेचैन

संपर्क फॉर समर्थन के तहत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से यहां मुलाकात करेंगे. लेकिन इस मुलाकात से पहले ही कांग्रेस की बेचैनी उसके बयान से झलकने लगी है. कांग्रेस ने कहा है कि यह मुलाकात राहुल गांधी के कारण संभव हो रही है. बता दें कि शाह व बादल की बैठक से पहले ही कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सांसद सुनील जाखड़ ने बुधवार को कहा कि यह मुलाकात राहुल गांधी के कारण संभव हो रही है. गुजरात व कर्नाटक चुनाव में राहुल के नेतृत्व का ही नतीजा है कि अब भाजपा को चार साल बाद अकाली दल की याद आई है . जाखड़ ने अकाली दल से शाह के सामने किसान समस्या,यमुना लिंक और श्री गुरु नानक देव जी के 550वें जन्म दिवस समारोह के लिए 2145.31 करोड़ रुपये केंद्र से मांगने का मुद्दा रखने की भी बात कही .जबकि इसका पलटवार करते हुए शिअद ने कहा कि कांग्रेस के नेता गांधी परिवार की खुशामद करने से कभी नहीं चूकते हैं. उल्लेखनीय है कि अमित शाह आज गुरुवार को पूर्व सीएम बादल के अलावा अकाली दल के अध्यक्ष व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल के साथ भी चंडीगढ़ में बैठक करेंगे. यह मुलाकात लोक सभा चुनाव 2019 के लिए अन्य दलों का समर्थन हासिल करने के उद्देश्य से आयोजित की गई है.हालाँकि अकाली दल भाजपा का पूर्व सहयोगी है.संपर्क फॉर समर्थन के तहत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से यहां मुलाकात करेंगे. लेकिन इस मुलाकात से पहले ही कांग्रेस की बेचैनी उसके बयान से झलकने लगी है. कांग्रेस ने कहा है कि यह मुलाकात राहुल गांधी के कारण संभव हो रही है. बता दें कि शाह व बादल की बैठक से पहले ही कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सांसद सुनील जाखड़ ने बुधवार को कहा कि यह मुलाकात राहुल गांधी के कारण संभव हो रही है. गुजरात व कर्नाटक चुनाव में राहुल के नेतृत्व का ही नतीजा है कि अब भाजपा को चार साल बाद अकाली दल की याद आई है . जाखड़ ने अकाली दल से शाह के सामने किसान समस्या,यमुना लिंक और श्री गुरु नानक देव जी के 550वें जन्म दिवस समारोह के लिए 2145.31 करोड़ रुपये केंद्र से मांगने का मुद्दा रखने की भी बात कही .जबकि इसका पलटवार करते हुए शिअद ने कहा कि कांग्रेस के नेता गांधी परिवार की खुशामद करने से कभी नहीं चूकते हैं. उल्लेखनीय है कि अमित शाह आज गुरुवार को पूर्व सीएम बादल के अलावा अकाली दल के अध्यक्ष व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल के साथ भी चंडीगढ़ में बैठक करेंगे. यह मुलाकात लोक सभा चुनाव 2019 के लिए अन्य दलों का समर्थन हासिल करने के उद्देश्य से आयोजित की गई है.हालाँकि अकाली दल भाजपा का पूर्व सहयोगी है.

संपर्क फॉर समर्थन के तहत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से यहां मुलाकात करेंगे. लेकिन इस मुलाकात से पहले ही कांग्रेस की बेचैनी उसके बयान से झलकने लगी है. कांग्रेस ने कहा है कि यह मुलाकात राहुल …

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तबस्सुम हसन से मिले अखिलेश यादव

बुधवार की शाम समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष श्री जयंत चैधरी मिलने पहुंचे. दोनों नेताओं के बीच यह मुलाक़ात लखनऊ में जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट कार्यालय में हुई. इस मुलाक़ात के दौरान कैराना लोकसभा क्षेत्र से नव निर्वाचित सांसद तबस्सुम हसन भी मौजूद रही. पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने अखिलेश यादव को कैराना उपचुनावों में सहयोग करने के लिए आभार व्यक्त किया. वहीं इस अवसर अपर अखिलेश यादव ने कहा कि, 'चैधरी चरण सिंह जी की नीतियों के लिए हम काम करते रहेंगे. इसी से गांव, गरीब और किसान की दशा सुधर सकती है.' इसके अलावा भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों और नौजवानों को धोखा दिया है. सपा मुखिया ने कहा है कि, 'भाजपा ने उपचुनाव में समाजिक सद्भाव बिगाड़ कर चुनावी लाभ लेने की लाख कोशिशें की थी लेकिन भाजपा की एक नहीं चली. कैराना और नूरपुर के मतदाताओं ने लोकतंत्र को मजबूती देने का फैसला किया जिसके लिए हम सभी मतदाताओं के आभारी हैं.' किसानों और नौजवानो पर बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, किसानों की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. भाजपा की सरकार ने नौजवानों के सपनों को तोड़ा है. बेरोजगारी ने नौजवानों के भविष्य को अंधेरे में धकेल दिया है. भाजपा को इसका नतीजा 2019 में भुगतना पड़ेगा.' बता दें कि हाल ही में यूपी की तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था.बुधवार की शाम समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष श्री जयंत चैधरी मिलने पहुंचे. दोनों नेताओं के बीच यह मुलाक़ात लखनऊ में जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट कार्यालय में हुई. इस मुलाक़ात के दौरान कैराना लोकसभा क्षेत्र से नव निर्वाचित सांसद तबस्सुम हसन भी मौजूद रही. पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने अखिलेश यादव को कैराना उपचुनावों में सहयोग करने के लिए आभार व्यक्त किया. वहीं इस अवसर अपर अखिलेश यादव ने कहा कि, 'चैधरी चरण सिंह जी की नीतियों के लिए हम काम करते रहेंगे. इसी से गांव, गरीब और किसान की दशा सुधर सकती है.' इसके अलावा भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों और नौजवानों को धोखा दिया है. सपा मुखिया ने कहा है कि, 'भाजपा ने उपचुनाव में समाजिक सद्भाव बिगाड़ कर चुनावी लाभ लेने की लाख कोशिशें की थी लेकिन भाजपा की एक नहीं चली. कैराना और नूरपुर के मतदाताओं ने लोकतंत्र को मजबूती देने का फैसला किया जिसके लिए हम सभी मतदाताओं के आभारी हैं.' किसानों और नौजवानो पर बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, किसानों की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. भाजपा की सरकार ने नौजवानों के सपनों को तोड़ा है. बेरोजगारी ने नौजवानों के भविष्य को अंधेरे में धकेल दिया है. भाजपा को इसका नतीजा 2019 में भुगतना पड़ेगा.' बता दें कि हाल ही में यूपी की तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था.

बुधवार की शाम समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष श्री जयंत चैधरी मिलने पहुंचे. दोनों नेताओं के बीच यह मुलाक़ात लखनऊ में जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट कार्यालय में हुई. इस मुलाक़ात के दौरान कैराना लोकसभा क्षेत्र से नव …

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JDU किसी के प्रयास से एलिमिनेट नहीं होगी- नीतीश कुमार

एक कार्यक्रम में बिहार के सीएम सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी को राजनीतिक रूप से एलिमिनेट करने का कुछ लोगों का सपना पूरा नहीं होगा. उन्होंने पार्टी के युवा शाखा के एक कार्यक्रम में कहा कि आज कल राजनीति में बहुत लोगों का प्रयास है कि जनता दल यूनाइटेड को यहाँ से बिहार से एलिमिनेट करा दो, लेकिन चाहे जिस तरह की कोशिश लोग कर लें, वे ऐसा नहीं कर पाएंगे. सीएम नीतीश कुमार ने आगे कहा कि जातीय समीकरण में उनका कोई विश्वास नहीं है. लेकिन हार से निश्चित रूप से नीतीश दुखी दिखे. उन्होंने कहा कि बारह साल काम किया और उनका ध्यान न्याय, विकास और इंसाफ़ के साथ तरक़्क़ी पर रहा. नीतीश ने यहाँ मुस्लिम समुदाय के लोगों को विश्वाश दिलाया कि हार के बावजूद वे काम करते रहेंगे. उन्होंने याद दिलाया कि पहले मदरसा के लोगों को वेतन के लिए लाठी खानी पड़ती थी लेकिन अब सरकार का अल्पसंख्यक कल्याण का बजट इस और काम करता है. यहाँ पर सीएम नीतीश ने युवा शाखा को इस बाबत पूरी तरह से विश्वास दिलाया. नीतीश ने अपने भाषण के दौरान कहा कि काम के प्रति विश्वास करने वाले लोगों की कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को जातीय और सांप्रदायिक आधार पर, ध्रीवीकरण पर विश्वास है, लेकिन बहुत सारे लोग हैं जो इससे दूर रहकर काम के आधार पर वोट करते हैं.

एक कार्यक्रम में बिहार के सीएम सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी को राजनीतिक रूप से एलिमिनेट करने का कुछ लोगों का सपना पूरा नहीं होगा. उन्होंने पार्टी के युवा शाखा के एक कार्यक्रम में कहा कि आज कल राजनीति में बहुत लोगों का प्रयास है कि जनता …

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