Uncategorized

सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है बेल का शरबत

बेल का जूस गर्मियों के मौसम में बहुत फायदेमंद होता है. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन, मैगनीज, मैग्नीशियम, पोटेशियम, कार्बोहाइड्रेट और आयरन मौजूद होते हैं. जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. पर क्या आपको पता है कुछ लोगों के लिए बेल का शरबत नुकसानदायक साबित हो सकता है. आज हम आपको कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें भूल कर भी बेल का शरबत नहीं पीना चाहिए. 1- अगर आपको शुगर की समस्या है तो आपके लिए बेल का शरबत हानिकारक हो सकता है. बेल के शरबत में चीनी मिलाई जाती है. जिसके कारण इसे पीने से आपका शुगर लेवल बढ़ सकता है. 2- गर्भावस्था में भी बेल का शरबत नुकसानदायक होता है. बेल का शरबत पीने से दूध पिलाने वाली महिलाओं के शरीर में दूध की मात्रा कम हो जाती है. इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान बेल का शरबत पीने से मिसकैरेज होने का खतरा हो सकता है. 3- अगर आपकी सर्जरी हो चुकी है या होने वाली है तो बेल का शरबत ना पिए. क्योंकि इसे पीने से ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है जिससे आपको नुकसान हो सकता है.

बेल का जूस गर्मियों के मौसम में बहुत फायदेमंद होता है. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन, मैगनीज, मैग्नीशियम, पोटेशियम, कार्बोहाइड्रेट और आयरन मौजूद होते हैं. जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. पर क्या आपको पता है कुछ लोगों के लिए बेल का शरबत नुकसानदायक साबित हो सकता है. …

Read More »

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति पोते का नाम है नरेंद्र

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको जोवि विडोडो के पोते का नाम श्रीनरेंद्र रखा गया है। राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने परिवार के बारे में जानकारी दी और उनसे कहा कि उनके पोते का नाम भी नरेंद्र है। इस बच्चे का जन्म गुरुवार सवेरे हुआ। विडोडो के बड़े पुत्र गिब्रान राकाबुमिंग के बेटे का नाम जान एथेस श्रीनरेंद्र रखा गया है। पहली बार इंडोनेशिया की यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रपति ने यह जानकारी साझा की। राष्ट्रपति जोको जोकोवि विडोडो गुरुवार को मध्य जावा में स्थित सुराकार्ता में अपने पोते जान एथेस श्रीनरेंद्र को देखने पहुंचे। रात नौ बजे प्रथम महिला इरिआना के साथ पहुंचे राष्ट्रपति सीधे पीकेयू मुहम्मदियाह अस्पताल गए। वह अपने पहले पोते को देखने और बहू सेल्वी आनंदा से मिलने गए। अपने पोते को देखने के बाद जोकोवि ने कहा, "भगवान मैं दादा बन गया।" राष्ट्रपति के बड़े बेटे का यह पहला पुत्र है।

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको जोवि विडोडो के पोते का नाम श्रीनरेंद्र रखा गया है। राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने परिवार के बारे में जानकारी दी और उनसे कहा कि उनके पोते का नाम भी नरेंद्र है। इस बच्चे का जन्म गुरुवार सवेरे हुआ। विडोडो के बड़े पुत्र गिब्रान …

Read More »

चीन ने हिंद महासागर में लगाया विस्फोटकों का पता लगाने वाला डिवाइस

चीन ने हिंद महासागर के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में कई सिस्मोमीटर लगाने में सफलता हासिल की है. इन सिस्मोमीटर का इस्तेमाल भूकंप के मापन, ज्वालामुखी के फटने या विस्फोटकों के इस्तेमाल का पता लगाने में किया जा सकेगा. ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार, चीन की 49वीं ऑसन एक्सपीडिशन टीम ने रविवार को ऐसे कई सिस्मोमीटर लगाए हैं और पांच अन्य सिस्मोमीटर आगे भी लगाए जाने हैं. गौरतलब है कि दक्ष‍िण-पश्चिम हिंद महासागर में चीन के भूकंप संबंधी अनुसंधान को संदेह की नजर से देखा जाता है. विदेशी मीडिया इसे चीन की एक तरह की सैन्य गतिविधि ही मानती है. लेकिन चीन के शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज में रिसर्च फेलो हु झियोंग ने कहा, 'हर संप्रभु देश को अंतरराष्ट्रीय महासागरों में वैज्ञानिक अनुसंधान करने का अधिकार है.' ऑसन बॉटम सिस्मोमीटर समुद्र की सतह पर लगाए जाते हैं और यह समुद्र में किसी तरह के प्राकृतिक या कृत्रिम बदलावों की जानकारी देते हैं. किसी सिस्मोमीटर का कार्यकाल कुछ महीने से लेकर कई साल तक होता है. चीन ने पहली बार दक्ष‍िण-पश्चिम हिंद महासागर के जुनहुई हाइड्रो-थर्मल फील्ड में सिस्मोमीटर लगाए हैं. इसके पहले चीन ने इसके पास तीन अन्य हाइड्रो-थर्मल फील्ड लोंगक्वी, युहुआंग और दुआनक्‍वियो में सिस्मोमीटर लगाए हैं. चीन के एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस इलाके में भूकंप आने की संभावना रहती है. नए सिस्मोमीटर में बड़ी बैटरी क्षमताएं हैं और यह एक साल से ज्यादा समय से काम कर सकता है. इनसे अब छोटे से छोटे भूकंप का भी मापन किया जा सकता है.

चीन ने हिंद महासागर के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में कई सिस्मोमीटर लगाने में सफलता हासिल की है. इन सिस्मोमीटर का इस्तेमाल भूकंप के मापन, ज्वालामुखी के फटने या विस्फोटकों के इस्तेमाल का पता लगाने में किया जा सकेगा. ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार, चीन की 49वीं ऑसन एक्सपीडिशन टीम ने …

Read More »

भारत-सिंगापुर में रिश्तों का नया दौर, दोनों देशों में हुए कई समझौते

पीएम मोदी शुक्रवार को सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग को संबोधित करेंगे. वो यहां तीन देशों के अपने दौरे के आखिरी पड़ाव पर पहुंचे हैं. सिंगापुर में पीएम मोदी का दूसरा दिन है. शुक्रवार को पीएम मोदी वार्षिक सुरक्षा सम्मेलन शांगरी-ला डायलॉग को संबोधित करेंगे. यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस सम्मेलन को संबोधित करेगा. क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों तथा क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता कायम रखने के बारे में यह भारत के विचारों को व्यक्त करने का अवसर होगा. प्रधानमंत्री शुक्रवार को सिंगापुर के राष्ट्रपति हलीमा याकूब से मुलाकात करेंगे और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली हेसिन लूंग के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे. इसके बाद मोदी 2 जून को क्लीफोर्ड पियर में एक पट्टिका का अनावरण करेंगे जहां 27 मार्च 1948 को महात्मा गांधी की अस्थियों का विसर्जन किया गया था. पीएम मोदी का यह दूसरा सिगांपुर दौरा है. शुक्रवार की शाम वो सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी में जाएंगे. यहां वो 'ट्रांसफॉर्मिंग एशिया थ्रो इनोवेशन' विषय पर संबोधित करेंगे. साथ ही कई एमओयू पर हस्ताक्षार करेंगे. गुरुवार को पीएम मोदी के सिंगापुर पहुंचने पर वहां की सरकार ने 14 उद्योग से उद्योग (बी 2 बी) और उद्योग से सरकार (बी 2 जी) करारों की घोषणा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में भारत और सिंगापुर के बीच 14 बी 2 बी और बी 2 जी दस्तावेजों की घोषणा की गई.' ये करार भारत की नवोन्मेषी और उद्यमशीलता के पारिस्थितिकी तंत्र को समर्थन और विदेश में भारत के नवोन्मेषण को प्रोत्साहन देने से संबंधित हैं. इसके तहत दूषित जल प्रबंधन और रिसाइक्लिंग के लिए भारतीय कौशल संस्थानों की स्थापना की जाएगी, सिंगापुर और आसियान में मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन दिया जाएगा. साथ ही इनके तहत अंतरिक्ष क्षेत्र में वाणिज्यिक सहयोग तथा सिंगापुर के अंतरिक्ष उद्योग के विकास पर ध्यान दिया जाएगा. मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव में यहां पहुंचे. बता दें कि अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान पीएम मोदी ने इंडोनेशिया और मलेशिया का दौरा भी किया.

भारत-सिंगापुर के बीच रिश्तों का नया दौर शुरू हो गया है. पीएम नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के पीएम ली हेसिन लूंग ने मुलाकात के बाद कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए. समझौतों में निवेश बढ़ाने के साथ आतंकवाद के खिलाफ साझा जंग पर जोर और रक्षा के क्षेत्र में भी मजबूत …

Read More »

कैराना में योगी के बोल ने बिगाड़ा खेल

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी तगड़ी हिंदुत्व वाली छवि के बाद लगातार हार रहे है जो चुनता का विषय बन गया है. सीएम अपनी ही सीट गोरखपुर फिर फूलपुर के उपचुनाव के बाद अब कैराना भी गवा चुके है . गोरखपुर की हार के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए योगी ने कहा था कि भाजपा अतिआत्मविश्वास के कारण हारी. कैराना के लिए तो कहा जा रहा है कि योगी का एक भाषण वहां भाजपा को भारी पड़ गया. दरअसल शामली में अपनी आखिरी रैली को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा- ‘‘बाप-बेटा (अजीत सिंह और जयंत) आज वोटों के लिए गली-गली भीख मांग रहे हैं’’. एक ग़ैर-जाट के मुंह से जाटों के एक नेता के बारे में ऐसे शब्द बिरादरी के लोगों को कतई पसंद नहीं आए. उन्हें लगा कि बाहर का एक आदमी उनके घर में उनके अपने भाई और बेटे का इतना अपमान करके कैसे जा सकता है. जाट बिरादरी अपनी भावुकता और तेवर के लिए जानी जाती है. योगी की यह बात कई लोगों को चुभ गई. यह बात अगर कोई जाट नेता भाजपा की ओर से कहता तो शायद जाटों को इतना बुरा न लगता. लेकिन योगी का ऐसा कहना रातोरात आग की तरह जाटों के बीच फैला और जाट उन्हें सबक सिखाने के लिए लामबंद हो गए. योगी के ये बो खेल ख़राब करने वाले साबित हो गए

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी तगड़ी हिंदुत्व वाली छवि के बाद लगातार हार रहे है जो चुनता का विषय बन गया है. सीएम अपनी ही सीट गोरखपुर  फिर फूलपुर के उपचुनाव के बाद अब कैराना भी गवा चुके है . गोरखपुर की हार के बाद प्रेस को संबोधित …

Read More »

बीजेपी ने मोदी को नहीं निकाला तो जनता बीजेपी को निकाल देगी

वरिष्ठ बसपा नेता ठाकुर उम्मेद सिंह ने अपने ट्वीट में मोदी को लेकर लिखा है कि 'भाजपा श्री मोदीजी को बाहर का रास्ता नहीं दिखाया तो देश की जनता पूरी भाजपा को बाहर का रास्ता दिखा देगी..जिस दिन से मोदी जी सत्ता पर झूठ एवं जुमलेबाजी के बल पर बैठे,आज तक एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाए..गंगा मैय्या ने बुलाया.?मगर मां/गंगा मैय्या,देश की जनता सब ठगे गए.' बता दें, जिस मोदी लहर की बात बीजेपी करती थी उसे विपक्ष ने महागठबंधन के जाल में फंसा लिया है अब 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव काफी रोमांचक होने वाले है. इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी अपने ट्वीट के माध्यम से नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की तारीफ की.

आज आए लोकसभा और विधानसभा के उपचुनाव परिणाम के बाद देश में चल रही मोदी लहर कहीं गुम होती दिखाई दी, वहीं कई राज्यों में जहाँ पर बीजेपी के उम्मीदवार सीटों कब्ज़ा कर बैठे थे अब वहां पर विपक्षी दलों ने कब्ज़ा कर लिया है. वहीं इन चुनावों के परिणाम …

Read More »

उपचुनावों में हार भाजपा के लिए खतरे की घंटी

यूपी की कैराना लोकसभा सीट पर कल हुई हार ने बीजेपी के लिए खतरनाक संकेत दे दिए हैं. यह पार्टी के लिए वार्निंगअलार्म है क्योंकि पहले गोरखपुर, फूलपुर और अब कैराना, इन सभी जगहों पर बीजेपी की हार ने आने वाले चुनाव में पार्टी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. ऐसे में यह सवाल उठना वाजिब है कि क्या विपक्ष के महागठबंधन के सामने मोदी का मैजिक फिर चल पाएगा ? बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अकेले यूपी से 80 में से 73 सीटों पर जीत मिली थी. लेकिन, विपक्ष की एकता ने पार्टी की गति पर विराम लगा दिया है.कैराना सीट पर बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के निधन के कारण हुए उपचुनाव में बीजेपी ने हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को चुनाव मैदान में उतारा फिर भी हार का सामना करना पड़ा , क्योंकि विपक्ष ने साझा उम्मीदवार खड़ा किया था. इसी रणनीति पर चलते हुए विपक्ष ने लोक सभा चुनाव के समय भी एकजुटता दिखा दी तो बीजेपी की मुश्किलें बढ़ना तय है. देश के अलग-अलग राज्यों में लोकसभा की चार और विधानसभा की दस सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आए. इन नतीजों में बीजेपी सिर्फ दो सीटों पर ही जीत पाई. यह पार्टी के लिए चिंता का विषय है . बीजेपी विपक्षी एकता से कैसे निपटेगी.अमित शाह ने भी इस बात को माना है कि अगर यूपी ऐसा गठबंधन होता है तो 2019 में उनके लिए चुनौती होगी. हालाँकि बीजेपी ने इसके लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति लोकसभा के चुनाव में यूपी समेत देश भर में 50 फीसदी से ज्यादा वोट लाने की है. मोदी के काम के आधार पर वोट मिलने की आस है. अब देखना यह है कि उनकी यह आस पूरी होती है या नहीं.

यूपी की कैराना लोकसभा सीट पर कल हुई हार ने बीजेपी के लिए खतरनाक संकेत दे दिए हैं. यह पार्टी के लिए वार्निंगअलार्म है क्योंकि पहले गोरखपुर, फूलपुर और अब कैराना, इन सभी जगहों पर बीजेपी की हार ने आने वाले चुनाव में पार्टी के लिए खतरे की घंटी बजा …

Read More »

दिल्ली की जनता के बजाय प्राइवेट हॉस्पिटल के पक्ष में खड़े है मनोज तिवारी

दिल्ली सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत का एलान करते हुए आदेश दिया था कि अब प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भर्ती मरीज को हॉस्पिटल के फार्मिस्ट से दवा खरीदने हेतु बाध्य होने की जरुरत है. सरकार की और से हेल्थ मिनिस्टर सतेंद्र जैन ने प्राइवेट हॉस्पिटल्स की मनमानी पर रोक लगाते हुए बड़ा ऐलान किया .आदेश में कहा गया था कि अब पेसेंट को हॉस्पिटल के फार्मिस्ट से दवा खरीदे जरूरी नही है, उसे इस हेतु बाध्य नही किया जा सकता. इस पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार के प्राइवेट अस्पताल के मुनाफाखोरी पर लगाम कसने के विरोध किया है, मनोज तिवारी का कहना है कि भाजपा निजी अस्पताल के साथ मजबूती से खड़ी है. ऐसे में ये समझना मुश्किल हो रहा है कि बीजेपी सिर्फ 'आप' का विरोध करने के लिए जनता के बजाय निजी अस्पताल के साथ मजबूती से खड़ी होना चाहती है. यहाँ शायद ये भी भुला दिया गया है कि अनजाने में ही मनोज तिवारी पीएम मोदी कि आयुष्मान भारत योजना के दावों की पोल भी खोल रहे है जिसमे बेहतर और सस्ते इलाज का वादा किया गया है और इसे विश्व की सबसे बड़ी योजनाओं का तमगा दिया गया है. आप सरकार ने हल ही में केंद्र सरकार की तरफ से जारी NLEL लिस्ट जारी की जिसके हिसाब से ही डॉक्टर्स को भी मरीज को दवा लिखनी पड़ेगी जो मरीज को आसानी से बाजार में मिल जाये. सरकारी फरमान में ये भी कहा गया है कि हॉस्पिटल को इलाज से जुड़े पैकेज का पुरा ब्यौरा भी मरीज के परिजनों को स्पस्ट समझाना होगा. साथ ही दोबारा ओप्रशन कि स्थिति में भी मरीज पर दुगुना चार्ज नहीं लगाए जाने कि बात भी कही गई है. आपातकालीन स्थिति में मरीज का इलाज प्राथमिकता से किये जाने और आदेश की अवहेलना करने पर अस्पताल का लाइसेंस रद्द किये जाने तक की बात सरकार कि ओर से कही गई है. मगर इस मुद्दे पर भी बीजेपी का विरोध समझ से परे है

दिल्ली सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत का एलान करते हुए आदेश दिया था कि अब प्राइवेट हॉस्पिटल्स  में भर्ती मरीज को हॉस्पिटल के फार्मिस्ट से दवा खरीदने हेतु बाध्य होने की जरुरत है. सरकार की और से हेल्थ मिनिस्टर सतेंद्र जैन ने प्राइवेट हॉस्पिटल्स की मनमानी पर रोक …

Read More »

कांग्रेस ने कहा, पांच साल पद पर रहेंगे कुमारस्वामी

मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस-जेडी(एस) के बीच खींचतान अब सुलझती नजर आ रही है. कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में दोनों दलों में विभागों के बंटवारे पर सहमति बन गई है. शुक्रवार को दोनों दल इस बारे में औपचारिक घोषणा करने वाले हैं. साथ ही कांग्रेस कुमारस्वामी को बतौर मुख्यमंत्री पांच तक समर्थन देने पर राजी हो गई है. दोनों पार्टियां मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. सारे अटकलों पर विराम लगाते हुए कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत ने टीओआई को बताया कि हमारा फोकस केवल विभागों के बंटवारे पर नहीं है. गठबंधन को मजबूत बनाने और दोनों दलों में बेहतर तालमेल के लिए एक को-ऑर्डिनेशन कमिटी के साथ ही कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने जा रहे हैं. अहम मंत्रालयों को लेकर कांग्रेस और जेडी(एस) के बीच बात बन गई है. वित्त मंत्रालय जेडी(एस) के पास रहेगा, वहीं गृह मंत्रालय कांग्रेस के मंत्री संभालेंगे. जेडी(एस) के महासचिव ने दानिश अली ने बताया, 'सभी मसलों को सुलझाकर गठबंधन सरकार को पांच साल तक कांग्रेस समर्थन देने के लिए राजी है और यह फैसला लिखित रूप में ऐलान किया जाएगा. हम चाहते हैं हर चीज लिखित हो, जिससे सरकार चलाने में मदद मिले. दोनों दलों के बीच यह सहमति बन गई है कि एचडी कुमारस्वामी ही पांच साल तक मुख्यमंत्री रहेंगे.'

मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस-जेडी(एस) के बीच खींचतान अब सुलझती नजर आ रही है. कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में दोनों दलों में विभागों के बंटवारे पर सहमति बन गई है. शुक्रवार को दोनों दल इस बारे में औपचारिक घोषणा करने वाले हैं. साथ ही कांग्रेस …

Read More »

अब रालोद ने बीजेपी को एमपी -राजस्थान में हराने का दिया मंत्र

पुरानी कहावत है कि अब मौत ने घर देख लिया है. यह बात अब भाजपा पर पूरी तरह फिट बैठती नजर आ रही है, क्योंकि अब बीजेपी को एमपी -राजस्थान में हराने के लिए रालोद ने कांग्रेस को मंत्र दिए हैं . रालोद नेता जयंत चौधरी ने कहा कि यदि कांग्रेस एमपी-राजस्थान में भी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ भाजपा के खिलाफ मैदान में उतरेगी तो उसे फायदा मिलेगा. बता दें कि पहले गोरखपुर और फूलपुर उप-चुनाव और अब कैराना और नूरपुर में मिली जीत ने गठबंधन के हौंसले बुलंद कर दिए हैं. यही कारण है कि अब आगामी लोकसभा चुनावों में भी महागठबंधन बनाने की कोशिश की जा रही है. हालांकि सीटों के बंटवारे पर पेंच फंसने से इंकार नहीं किया जा सकता. बसपा प्रमुख मायावती ने महागठबंधन में उचित सीटें नहीं मिलने पर अकेले चुनाव लड़ने की बात कही थी . अब यही बात जयंत चौधरी भी कह रहे हैं.कांग्रेस नेता मनीष तिवारी इससे सहमति जताते हुए कर्नाटक की मिसाल देते हैं.जहाँ भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए जेडीएस को बिना शर्त समर्थन दिया. गौरतलब है कि कैराना उप-चुनाव में रालोद की प्रत्याशी तब्बसुम हसन ने भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह को बड़े अंतर से हरा कर यह सीट भाजपा से छीन ली . भाजपा के सांसद चौधरी हुकुम सिंह के देहांत के बाद इस सीट पर फिर से उप-चुनाव कराया गया था. रालोद को अपने पारंपरिक जाट मतदाता के साथ ही मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन भी मिला. वहीं रालोद को समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ आने से भी बहुत फायदा मिला. यही कारण है कि अब विपक्ष की महागठबंधन की तैयारियों को रफ्तार मिल गई है.

पुरानी कहावत है कि अब मौत ने घर देख लिया है. यह बात अब भाजपा पर पूरी तरह फिट बैठती नजर आ रही है, क्योंकि अब बीजेपी को एमपी -राजस्थान में हराने के लिए रालोद ने कांग्रेस को मंत्र दिए हैं . रालोद नेता जयंत चौधरी ने कहा कि यदि …

Read More »
English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com