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कर्ज माफ़ी की बात पर किसानों पर भड़के कुमारस्वामी

कर्नाटक के मुख्यमंत्री जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने 24 घंटे के अंदर किसानों का लोन माफ करने का ऐलान किया जिसे लेकर कुमारस्वामी ने बुधवार को बेंगलुरु में किसानों के साथ बैठक की. इस दौरान कुमारस्वामी कर्ज माफी का इंतजार कर रहे किसानों पर भड़कते भी नज़र आए. किसानों की जल्दबाजी पर कर्नाटक के नए सीएम ने पूछा- 'आखिर आपलोगों को लोन माफ कराने की इतनी जल्दी क्यों है? क्या बाइक खरीदने या शादी के लिए लोन लिया था?' बैठक में कुमारस्वामी किसानों को यह समझाते भी दिखे कि आखिर लोन माफी पर फैसला लेने में सरकार को देरी क्यों हो रही है. कुमारस्वामी ने किसानों से कहा, "मैं कांग्रेस के समर्थन से सीएम बना हूं. मेरी कुछ सीमाएं हैं. कोई भी फैसला लेने से पहले मुझे कांग्रेस से सलाह-मशवरा करना होगा." कुमारस्वामी ने 15 दिनों के अंदर किसानों का कर्ज माफ करने का भरोसा दिया है. डिप्टी सीएम जी परमेश्वर की मौजूदगी में किसानों को संबोधित कर रहे कुमारस्वामी ने कहा, "मेरी सरकार की प्राथमिकता किसानों को बचाना है. मैं किसानों की कर्ज माफी की अपनी प्रतिबद्धता को जरूर पूरा करूंगा. हम अपने वादे से पीछे हटने वाले नहीं हैं." करीब तीन घंटे तक किसानों की बात सुनने के बाद कुमारस्वामी ने कहा,‘‘15 दिन में हम लोग एक फैसले पर पहुंच जाएंगे. इन 15 दिन में इसे पूरी तरह से लागू कर दिया जायेगा...चाहे जो भी मुश्किल आए, हमारी सरकार वित्तीय अनुशासन बनाए रखने और आपको (किसानों को) बचाने के लिए प्रतिबद्ध है.’’

कर्नाटक के मुख्यमंत्री जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने 24 घंटे के अंदर किसानों का लोन माफ करने का ऐलान किया जिसे लेकर कुमारस्वामी ने बुधवार को बेंगलुरु में किसानों के साथ बैठक की. इस दौरान कुमारस्वामी कर्ज माफी का इंतजार कर रहे किसानों पर भड़कते भी नज़र आए. किसानों की …

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पालघर उप चुनाव में बीजेपी की साख दांव पर

महाराष्ट्र की पालघर और भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज आएंगे.ये नतीजे आगामी लोकसभा चुनाव का मूड भी बताएंगे. खास तौर से पालघर में चुनावी मुकाबला बेहद रोचक बन गया है . यहां भाजपा की सहयोगी शिवसेना ही कड़ी टक्कर दे रही है. बता दें कि पालघर सीट बीजेपी सांसद चिंतामन वनगापर के निधन से खाली हुई थी. यहां शिव सेना भाजपा के खिलाफ उतरी है. चिंतामन वनगा के परिवार का भाजपा को छोड़कर शिवसेना का दामन थाम लेना चुनौती बन गया है.शिवसेना ने वनगा के बेटे श्रीनिवास को ही इस सीट से उम्मीदवार बनाकर चुनाव को रोचक बना दिया है .जबकि भाजपा ने कांग्रेस से आए इलाके के कद्दावर आदिवासी नेता राजेंद्र गावित को टिकट दिया है.इस अहम चुनाव के लिए सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने खुद पालघर में अपना चुनावी कैंप लगाया. महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार इस सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही है. जबकि दूसरी तरफ भंडारा -गोंदिया में बीजेपी का मुकाबला एनसीपी से है. यहां कांग्रेस ने अपनी दावेदारी छोड़ते हुए एनसीपी के मधुकर कुकड़े को टिकट दिया है.इससे एनसीपी की स्थिति मजबूत बताई जा रही है. जो भी हो आज आ रहे नतीजे सब खुलासा कर देंगे .

महाराष्ट्र की पालघर और भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज आएंगे.ये नतीजे आगामी लोकसभा चुनाव का मूड भी बताएंगे. खास तौर से पालघर में चुनावी मुकाबला बेहद रोचक बन गया है . यहां भाजपा की सहयोगी शिवसेना ही कड़ी टक्कर दे रही है. बता दें कि पालघर …

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भाजपा में अब उम्र का बंधन हटा

इसे भाजपा में बढ़ता असंतोष कहें या विपक्षी दलों से मिल रही चुनौतियों का नतीजा कि पिछले 4 वर्षों से पार्टी में लागू उम्र पर पाबंदी का फार्मूला अब पीएम मोदी और शाह की जोड़ी ने त्यागने का फैसला किया है.मई, 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी टिकट देते समय अब उम्र पर कोई पाबंदी नहीं होगी. बता दें कि चार साल पहले पीएम मोदी की सहमति से भाजपा ने 75 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टिकट न देने का फैसला किया था, जिससे पार्टी में ही नाराजगी बढ़ गई थी. अब फिर चुनाव आने वाले हैं,इसलिए यह फैसला बदला गया है. अध्यक्ष अमित शाह ने यह संकेत दिया कि उम्मीदवारों के चयन के लिए जीत का दावेदार होना ही मानदंड होगा. साथ ही यह भी कहा है कि इन नेताओं के जीतने पर इनको प्रमुख पद संभालने से वंचित नहीं किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि लोकसभा और राज्यसभा में भाजपा के करीब 15 ऐसे नेता हैं जो 75 वर्ष की उम्र को पार कर चुके हैं. इनमें एल.के. आडवाणी एम.एम. जोशी, शांता कुमार, शत्रुघ्न सिन्हा, करिया मुंडा जैसे नाम शामिल हैं. पार्टी के इस फैसले से लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को भी राहत मिल गई है जो 75 वर्ष की होने वाली है. दरअसल आगामी लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी में और विद्रोह न हो इसलिए यह निर्णय लिया गया है.जबकि पार्टी के वयोवृद्ध नेताओं ने इन चार सालों में खूब उपेक्षा झेली

इसे भाजपा में बढ़ता असंतोष कहें या विपक्षी दलों से मिल रही चुनौतियों का नतीजा कि पिछले 4 वर्षों से पार्टी में लागू उम्र पर पाबंदी का फार्मूला अब पीएम मोदी और शाह की जोड़ी ने त्यागने का फैसला किया है.मई, 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी टिकट देते समय …

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कैराना में कारगर दिख रही विपक्षी एकता

कैराना में कारगर दिख रही विपक्षी एकता

भाजपा सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद खाली हुई कैराना लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने उनकी बेटी मृगांका सिंह को उतारा , जबकि विपक्षी दलों ने साझा उम्मीदवार के तौर पर आरएलडी की तबस्सुम हसन को मैदान में उतारा था.लेकिन मतगणना के जो नतीजे आ रहे …

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कैराना : तबस्सुम ने कहा, अहंकारी कहते थे हमारा कोई विकल्प नहीं

4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों के साथ उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा चुनाव पर हुए उपचुनाव के परिणाम आज आ रहे है. संयुक्त विपक्ष की उम्मीदवार तबस्सुम हसन करीब 30 हज़ार वोटों से आगे चल रही हैं, पूर्व बीजेपी सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह की हार अब यहां तय दिख रही है. वोटों की गिनती के बीच तबस्सुम हसन एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि ये झूठ और जुमलेबाज सरकार पर सच्चाई की जीत है. कैराना सीट पर रालोद के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं तबस्सुम ने कहा कि अभी ये महागठबंधन की शुरुआत है, ये आगे चलकर और भी मजबूत होगा. उन्होंने कहा कि ईवीएम-वीवीपैट मशीनों में बीजेपी की ओर से गड़बड़ी की जाती है, मैं अभी भी अपने स्टैंड पर कायम हूं. तबस्सुम बोलीं कि मैं चाहती हूं कि आगे चलकर मशीनों से चुनाव नहीं होने चाहिए. चुनाव से पहले उठाए गए जिन्ना मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जिन्ना काफी पहले थे, अब सिर्फ उनकी तस्वीर है लेकिन इन्होंने (बीजेपी) उसे भी मुद्दा बना दिया. ये लोग विकास और किसानों की बात नहीं कर रहे हैं. सिर्फ इसी प्रकार के मुद्दों को भुनाते हैं.तबस्सुम ने कहा कि ये अहंकारी लोग कहते थे कि हमारा कोई विकल्प नहीं है. लेकिन अब ऊपरवाले ने ही विकल्प तैयार कर दिया है, हम लोग इसी तरह आगे बढ़ेंगे और 2019 में बीजेपी को धूल चटाएंगे.

4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों के साथ उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा चुनाव पर हुए उपचुनाव के परिणाम आज आ रहे है. संयुक्त विपक्ष की उम्मीदवार तबस्सुम हसन करीब 30 हज़ार वोटों से आगे चल रही हैं, पूर्व बीजेपी सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह की हार अब …

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पूर्व और उत्तर पूर्व को छोड़ पूरे देश में सामान्य रहेगा मानसून

तमिलनाडु की तरफ बढ़ा मानसून दो दिनों में कर्नाटक को कवर करने के बाद मानसून अब तमिलनाडु की तरफ बढ़ गया है। दोनों राज्यों के कई इलाकों में भारी बारिश की आशंका जताई जा रही है। कर्नाटक के मंगलुरु में बुधवार को जनजीवन पटरी पर लौटने लगा। एक दिन पहले मंगलवार को दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिलों में भारी बारिश के कारण पांच लोगों की जान गई और कई इलाके डूब गए।

पूर्व और उत्तर पूर्व को छोड़ पूरे देश में इस वर्ष मानसून सामान्य रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने बुधवार को जारी पूर्वानुमान में कहा है कि पूर्व और उत्तर पूर्व में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। इस घोषणा के साथ मौसम विभाग ने अपने दूसरे स्तर …

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बिना पूछे फूल तोड़े तो बहू ने बुजुर्ग सास को जमकर पीटा,

पुलिस के पकड़ में ऐसे आई बहू बंसद्रोनी पुलिस स्टेशन की एसजीटी शुभ्रा चक्रोबर्ती ने भी फेसबुक पर यह वीडियो देखा। इस मामले को वह ऑफिसर-इन-चार्ज के संज्ञान में लाई। यह फेसबुक अकाउंट रांतु सेनगुप्ता का था जिन्हें बुलाते हुए पुलिस ने उनसे पूरे मामले की जानकारी देने को कहा। उनसे कहा गया कि उनकी पहचान छुपाकर रखी जाएगी। रांतु से जानकारी लेकर बंसद्रोनी पुलिस मामले की जांच में जुट गई। फेसबुक अकाउंट से लेकर सेनगुप्ता की तलाश तक पुलिस को कई बार असफलता हाथ लगी। सेनगुप्ता ने बताया कि उन्हें वीडियो एक डॉक्टर तरुण चक्रवर्ती से मिला है। बाद में डॉ. तरुण चक्रवर्ती ने बताया कि उन्हें यह वीडियो कोलकाता की मेडिकल प्रतिनिधि सुमन ने भेजा है। सुमन से संपर्क करने में हुई मुश्किलों के बावजूद पुलिस को सफलता हाथ लगी और पुलिस पीड़ित बुजुर्ग तक जा पहुंची और बहू को हिरासत में लिया।

एक महिला ने छोटी-सी गलती पर अपनी बुजुर्ग साल को बुरी तरह पीटा। 75 साल की उस बुजुर्ग सास की गलती केवल इतनी थी कि उसने बिना बहू से पूछे फूल तोड़ लिए थे। बहू के इस बेरहमी से पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस …

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INX केस में चिदंबरम को बड़ी राहत, 3 जुलाई तक गिरफ्तारी पर रोक

आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में आज कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने पूछताछ के लिए सीबीआई के सामने आने से इनकार कर दिया. चिदंबरम के वकील ने आज सीबीआई मुख्यालय में जाकर कहा कि उनके क्लाइंट नहीं आ सकते. इसके साथ ही वकील ने कहा कि जब तक मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में हो रही है, तब तक उन्हें न बुलाया जाए. इस बीच गिरफ्तारी की तलवार लटकते देख चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले में कोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 3 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा है कि चिदंबरम पूछताछ में सहयोग करते हुए सीबीआई के दफ्तर जाएं. हाईकोर्ट ने कहा है कि इस मामले में अगली सुनवाई अब 3 जुलाई को होगी. इससे पहले एयरसेल-मैक्सिस डील के मामले में भी चिदंबरम को राहत मिली है. दिल्ली की एक विशेष अदालत ने पांच जून तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने आदेश की घोषणा करते हुए उन्हें पांच जून को मामले की जांच में शामिल होने का निर्देश दिया. आईएनएक्स मीडिया से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें पूछताछ के लिए पांच जून को अपने समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा है. अदालत ने ईडी से चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए कहते हुए मामले की आगे की सुनवाई के लिए पांच जून की तारीख निर्धारित की है. इससे पहले, अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को अंतरिम सुरक्षा प्रदान करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 10 जुलाई तक रोक लगाई थी. केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कार्ति के पिता पी. चिदंबरम 2006 में जब वित्त मंत्री थे, तो उन्होंने (कार्ति) एयरसेल-मैक्सिस डील में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से किस प्रकार मंजूरी हासिल की थी. मालूम हो कि कार्ति चिदंबरम द्वारा साल 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील के तहत विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी मिलने के मामले की जांच CBI और ED कर रहे हैं. उस समय पी चिदंबरम वित्तमंत्री थे. एयरसेल-मैक्सिस मामले में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर एयरसेल-मैक्सिस को एफडीआई के अनुमोदन के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी को नजरअंदाज कर दिया था. ED के मुताबिक एयरसेल-मैक्सिस डील में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी की अनुमति के बिना ही मंजूरी दी थी, जबकि ये डील 3500 करोड़ रुपये की थी. नियमों के मुताबिक वित्तमंत्री 600 करोड़ रुपये तक की डील को ही मंजूरी दे सकते थे. एफआईपीबी ने फाइल को वित्तमंत्री के पास भेजा और उन्होंने इसे मंजूर कर दिया.आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में आज कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने पूछताछ के लिए सीबीआई के सामने आने से इनकार कर दिया. चिदंबरम के वकील ने आज सीबीआई मुख्यालय में जाकर कहा कि उनके क्लाइंट नहीं आ सकते. इसके साथ ही वकील ने कहा कि जब तक मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में हो रही है, तब तक उन्हें न बुलाया जाए. इस बीच गिरफ्तारी की तलवार लटकते देख चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले में कोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 3 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा है कि चिदंबरम पूछताछ में सहयोग करते हुए सीबीआई के दफ्तर जाएं. हाईकोर्ट ने कहा है कि इस मामले में अगली सुनवाई अब 3 जुलाई को होगी. इससे पहले एयरसेल-मैक्सिस डील के मामले में भी चिदंबरम को राहत मिली है. दिल्ली की एक विशेष अदालत ने पांच जून तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने आदेश की घोषणा करते हुए उन्हें पांच जून को मामले की जांच में शामिल होने का निर्देश दिया. आईएनएक्स मीडिया से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें पूछताछ के लिए पांच जून को अपने समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा है. अदालत ने ईडी से चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए कहते हुए मामले की आगे की सुनवाई के लिए पांच जून की तारीख निर्धारित की है. इससे पहले, अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को अंतरिम सुरक्षा प्रदान करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 10 जुलाई तक रोक लगाई थी. केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कार्ति के पिता पी. चिदंबरम 2006 में जब वित्त मंत्री थे, तो उन्होंने (कार्ति) एयरसेल-मैक्सिस डील में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से किस प्रकार मंजूरी हासिल की थी. मालूम हो कि कार्ति चिदंबरम द्वारा साल 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील के तहत विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी मिलने के मामले की जांच CBI और ED कर रहे हैं. उस समय पी चिदंबरम वित्तमंत्री थे. एयरसेल-मैक्सिस मामले में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर एयरसेल-मैक्सिस को एफडीआई के अनुमोदन के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी को नजरअंदाज कर दिया था. ED के मुताबिक एयरसेल-मैक्सिस डील में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी की अनुमति के बिना ही मंजूरी दी थी, जबकि ये डील 3500 करोड़ रुपये की थी. नियमों के मुताबिक वित्तमंत्री 600 करोड़ रुपये तक की डील को ही मंजूरी दे सकते थे. एफआईपीबी ने फाइल को वित्तमंत्री के पास भेजा और उन्होंने इसे मंजूर कर दिया.

आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में आज कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने पूछताछ के लिए सीबीआई के सामने आने से इनकार कर दिया. चिदंबरम के वकील ने आज सीबीआई मुख्यालय में जाकर कहा कि उनके क्लाइंट नहीं आ सकते. इसके साथ ही वकील ने कहा कि जब तक मामले की सुनवाई …

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तीनों सीटें हारने पर भी लोकसभा में बरकरार रहेगा BJP का बहुमत

देश के अलग-अलग राज्यों की 4 लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज आ रहे हैं. विपक्षी दलों और सत्ताधारी बीजेपी दोनों के लिए ये उपचुनाव खास अहमियत रखते हैं. हालांकि ये भी सही है कि नतीजों में हार मिले या जीत, उससे लोकसभा में बीजेपी के दबदबे को कोई खतरा नहीं है और एनडीए के साथियों के बगैर ही पार्टी के पास बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े हैं. सरकार के सहयोगी दलों को मिलाकर तो एनडीए 300 का आंकड़ा तक पार कर रहा है. लोकसभा की मौजूदा 536 में से बीजेपी के पास 272 सीटें हैं, जबकि सदन की 8 सीटें फिलहाल खाली हैं. इन आठ में से 4 सीटों के नतीजे आज आ रहे हैं, जिनमें बीजेपी 3 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. नगालैंड की एक सीट पर बीजेपी पीडीए को समर्थन कर रही है. आज के नतीजों के बाद भले ही सीटों की संख्या 540 हो जाएगी और बीजेपी तीनों सीट हार भी जाती है फिर भी उसके पास बहुमत के लिए जरूरी 271 सीटों से एक सीट ज्यादा ही होगी. उपचुनाव की तीनों सीट जीतने पर तो ये आंकड़ा 275 पर पहुंच जाएगा. लोकसभा की जिन 4 सीटों के नतीजे आ रहे हैं, उनमें से 3 सीटों पर पहले बीजेपी का ही कब्जा था. ऐसे में पार्टी इन सीटों को दोबारा अपने पाले में जरूर लेना चाहेगी. साथ ही यूपी की फूलपुर और गोरखपुर जैसी अहम सीटों पर मिली हार पर मरहम लगाने के लिए बीजेपी के लिए कैराना सीट जीतना जरूरी होगा. इस सीट पर विपक्षी एकजुटता की भी परीक्षा है क्योंकि यहां बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस, बसपा, सपा के समर्थन से आरएलडी ने अपना उम्मीदवार उतारा है. खास बात यह है कि 2014 के बाद से देश में लोकसभा की 21 सीटों के लिए उपचुनाव हुए हैं. इनमें से 11 सीटें बीजेपी के कब्जे में थीं, लेकिन अब इनमें से महज चार सीटें ही बीजेपी बरकरार रख सकी है. 21 में से 17 सीटें विपक्ष के नाम रहीं. यानी बीजेपी ने 7 सीटें गंवा दी हैं. ऐसे में उपचुनावों में मिल रही लगातार हार को रोकना भी बीजेपी के लिए चुनौती साबित होगा. आज जिन सीटों पर नतीजे आ रहे हैं वहां बीजेपी को तीनों ही सीटों पर विपक्ष से कड़ी टक्कर मिलती दिख रही है. कैराना में बीजेपी के सामने आरएलडी-एसपी गठबंधन समेत पूरा विपक्ष एकजुट है. जबकि पालघर और गोंदिया-भंडारा में उसे कांग्रेस-एनसीपी का सामना करना पड़ रहा है.

देश के अलग-अलग राज्यों की 4 लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज आ रहे हैं. विपक्षी दलों और सत्ताधारी बीजेपी दोनों के लिए ये उपचुनाव खास अहमियत रखते हैं. हालांकि ये भी सही है कि नतीजों में हार मिले या जीत, उससे लोकसभा में बीजेपी के दबदबे को …

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मुकेश अम्बानी को अदालत में पेश होने का आदेश

पंजाब की मोहाली कोर्ट ने उद्योगपति मुकेश अम्बानी को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है, उनके साथ रिलायंस कंपनी के डायरेक्टर संजय मशरूवाला को अदलात में पेश होने का हुक्म सुनाया गया है. दरअसल, यह मामला एक मोबाइल टॉवर को लगाने का है. बताया जा रहा है कि रिलायंस के वकील आज इस मामले में मुकेश अंबानी को पेशी से छूट के लिए याचिका दायर कर सकते हैं. जिला अदालत ने मोहाली के सेक्टर 71 निवासी गुरदेव सिंह सैनी की तरफ से दायर की गई याचिका की सुनवाई के दौरान मुकेश अंबानी आैर रिलायंस कंपनी के कंपनी के डायरेक्टर संजय मशरूवाला को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है. गुरदेव सिंह ने मोहाली के सेक्टर 71 में लगे रिलायंस कंपनी के मोबाइल टॉवर को हटाने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी. यह टॉवर ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) के स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स में लगा हुआ है. 6 माह पहले दायर की गई इस याचिका में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी व डायरेक्टर संजय मशरूवाला को भी पक्ष बनाया गया है. 2 महीने पहले रिलायंस कंपनी के वकील ने अदालत को पत्र लिखकर मुकेश अम्बानी को इस केस से हटाने की गुजारिश की थी, लेकिन अदालत ने इसे ठुकरा दिया और अगली सुनवाई पर अम्बानी और मशरूवाला को अदालत में हाजिर रहने का आदेश दे दिया. मामले की सुनवाई 16 जुलाई को होने जा रही है. आपको बता दें कि पिछले साल मोहाली शहर में मोबाइल टॉवर को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया गया था, लेकिन इसके बावजूद रिलायंस का टॉवर वहां से नहीं हटाया गया.पंजाब की मोहाली कोर्ट ने उद्योगपति मुकेश अम्बानी को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है, उनके साथ रिलायंस कंपनी के डायरेक्टर संजय मशरूवाला को अदलात में पेश होने का हुक्म सुनाया गया है. दरअसल, यह मामला एक मोबाइल टॉवर को लगाने का है. बताया जा रहा है कि रिलायंस के वकील आज इस मामले में मुकेश अंबानी को पेशी से छूट के लिए याचिका दायर कर सकते हैं. जिला अदालत ने मोहाली के सेक्टर 71 निवासी गुरदेव सिंह सैनी की तरफ से दायर की गई याचिका की सुनवाई के दौरान मुकेश अंबानी आैर रिलायंस कंपनी के कंपनी के डायरेक्टर संजय मशरूवाला को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है. गुरदेव सिंह ने मोहाली के सेक्टर 71 में लगे रिलायंस कंपनी के मोबाइल टॉवर को हटाने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी. यह टॉवर ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) के स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स में लगा हुआ है. 6 माह पहले दायर की गई इस याचिका में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी व डायरेक्टर संजय मशरूवाला को भी पक्ष बनाया गया है. 2 महीने पहले रिलायंस कंपनी के वकील ने अदालत को पत्र लिखकर मुकेश अम्बानी को इस केस से हटाने की गुजारिश की थी, लेकिन अदालत ने इसे ठुकरा दिया और अगली सुनवाई पर अम्बानी और मशरूवाला को अदालत में हाजिर रहने का आदेश दे दिया. मामले की सुनवाई 16 जुलाई को होने जा रही है. आपको बता दें कि पिछले साल मोहाली शहर में मोबाइल टॉवर को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया गया था, लेकिन इसके बावजूद रिलायंस का टॉवर वहां से नहीं हटाया गया.

पंजाब की मोहाली कोर्ट ने उद्योगपति मुकेश अम्बानी को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है, उनके साथ रिलायंस कंपनी के डायरेक्टर संजय मशरूवाला को अदलात में पेश होने का हुक्म सुनाया गया है. दरअसल, यह मामला एक मोबाइल टॉवर को लगाने का है. बताया जा रहा है कि …

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