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कमरे से निकले एक साथ सैकड़ों सांप, हैरत में लोग

एक घर में सैकड़ों सांपों का डेरा न सिर्फ रोंगेटे खड़े कर देने वाला है, बल्कि विज्ञान के रहस्यों को भी गहरा करता है। चूंकि सांप झुंड में नहीं रहते, ऐसे में वन्य जीवों का सिर चकरा गया है। कोई बता रहा है कि यह पर्यावरण में घातक बदलावों का संकेत हो सकता है। तो कोई कह रहा है कि अंडे देने वाली मादा मर गई होगी या बाद में अपने बच्चों को खाना भूल गई होगी। एक विशेषज्ञ ने काफी पड़ताल के बाद संभावना जताई कि यह एक विशेष प्रजाति का सांप हो सकता है जो झुंड में रहता है। लेकिन उन्होंने इससे इंकार किया कि यह इतने बड़े झुंड में नहीं रहता है कि एक साथ किसी एक कमरे में बने छेद में से सैकड़ों की संख्या में निकल पड़े। मेरठ, उप्र के मवाना टाउन एरिया का मुन्नाालाल मोहल्ला चर्चा का केंद्र बना हुआ है। 11 मई की रात यहां सलीम के घर में सैकड़ों सांप एक साथ निकल पड़े, जिसमें से कई को मार दिया गया। तमाशबीनों का कहना था कि 400 से अधिक सांप निकले। लोगों ने फोटो भी खींची। तमाम वन्य जीव विशेषज्ञों ने अपने-अपने तकोर् से इस रहस्य को सुलझाने का प्रयास किया, किंतु यह सांपों की कुंडली की तरह उलझा रह गया। चूंकि सांप सरीसृप वर्ग का प्राणी है, जिसमें आपसी सामाजिक रिश्ता नहीं होता। ऐसे में एक साथ सैकड़ों सांप एक बिल में कैसे पहुंच गए? वन्य जीव विशेषज्ञ एवं दुधवा नेशनल पार्क के पूर्व निदेशक डा. राम लखन सिंह का कहना है कि सरीसृप वर्ग की मादाएं हजारों अंडे देती हैं। घडिय़ाल के बच्चों को अंडे से निकलने के दौरान पक्षी एवं अन्य रेंगने वाले जीव शिकार कर लेते हैं, जबकि मादा सर्प अपने बच्चों को खुद खा जाती है। प्रकृति इसी बहाने सांपों की संख्या संतुलित रखती है। सरीसृप वर्ग के 90 फीसद बच्चे मर जाते हैं। संभव है कि यहां पर मादा किसी कारण से मर गई हो, ऐसे में अंडों से बच्चे निकलकर बड़े होते गए। इस वजह से एक स्थान पर सांपों की संख्या सौ से ज्यादा हो गई। अन्य बड़े सांप छोटे सांपों का शिकार कर लेते हैं, किंतु अंडों से निकले सांपों को खत्म करने का जिम्मा सिर्फ मादा उठाती है। सभी जीवों में जैविक घड़ी होती है। इसके जरिए जीव वायुमंडल के संकेतों को समझता है। माना जा रहा है कि हाल के दिलों में ग्लोबल वार्मिंग का असर पर्यावरण पर साफ नजर आने लगा है। कई वन्य जीवों के स्वभावों में बदलाव से विशेषज्ञ हैरान हैं। वन्य जीवों की प्रवृत्ति में घातक परिवर्तन से भी असंतुलन का खतरा बन गया है। अगर ऐसा है तो आने वाले दिनों में झुंड में सांप निकलने की घटनाएं बढ़ सकती हैं। मेरठ की डीएफओ अदिति शर्मा ने बताया कि डिप्टी रेंजर विनोद कुमार के साथ वन विभाग की टीम मोहल्ले में गई थी। बातचीत में लोगों ने बताया कि कुछ सांप मार दिए गए और कुछ सांपों को मोहल्ले के लोगों ने कागज व प्लास्टिक में बंद कर नाले में फेंक दिया था। सभी सांप दो से तीन फुट के बीच के हल्के पीले व सफेद थे। टीम को सांप नहीं मिलने से उनकी प्रजाति की पहचान नहीं हो सकी। सलीम ने बताया कि घर में 400 से अधिक सांपों को देखकर उसका परिवार हफ्तेभर तक खौफ में रहा। 10 मई को सफाई के दौरान पत्नी कमरजहां को दो फुट लंबा सांप मिला था। जिसे मारकर फेंक दिया था। 11 मई की शाम एक के बाद एक सांप निकलने शुरू हो गए थे। उस समय परिवार के साथ मोहल्ले के लोग भी खौफ में आ गए थे। हो सकता है चैकर्ड कीलबैक- हालही पद्मश्री से सम्मानित किए गए सर्प विशेषज्ञ रोमुलस विटेकर की सहयोगी संस्था स्नेकबाइट हीलिंग एंड एजुकेशन सोसायटी (शी) मुंबई की सर्प विशेषज्ञ प्रियंका कदम ने बताया कि यह घटना चौंकाने वाली है लेकिन इस पर अब तक जो तर्क विशेषज्ञों ने दिए हैं वे सटीक नहीं हैं। वन्य विभाग ने भी वहां से निकले सांपों की पहचान नहीं की। प्रियंका ने कहा कि संभावना इस बात की है कि यह चैकर्ड कीलबैक प्रजाति का सांप हो। हल्के पीले चौकड़ियों वाले यह सांप समूह में रहते हैं। किसी बड़े नाले या ऐसी जगह पर जहां इन्हें चूहे, मैंढक वगैरह खाने को मिल सकें, वहां इनकी संख्या देखी जा सकती है। मेरठ के जिस घर से ये निकले, वहां ठीक पीछे एक नाला बहता है।

एक घर में सैकड़ों सांपों का डेरा न सिर्फ रोंगेटे खड़े कर देने वाला है, बल्कि विज्ञान के रहस्यों को भी गहरा करता है। चूंकि सांप झुंड में नहीं रहते, ऐसे में वन्य जीवों का सिर चकरा गया है। कोई बता रहा है कि यह पर्यावरण में घातक बदलावों का …

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दिल्ली सहित उत्तरी राज्यों में आंधी-तूफान की आशंका, यूपी में 3 की मौत

दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में आंधी-तूफान और चक्रवाती हवाओं का खतरा अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। आंधी-तूफान के आगामी 24 घंटों के दौरान फिर से सक्रिय रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ का असर अब भी बरकरार है। ऐसे में उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश और दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान से लेकर पूर्वी विदर्भ तक के इलाकों में चक्रवाती तूफान का खतरा बरकरार है। मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवाती तूफान आने पर इसका असर देश के उत्तरी राज्यों में भी देखने को मिलेगा। इसके चलते दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों के साथ जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में 24 घंटों के दौरान तूफान या तेज हवाएं चल सकती हैं। यहां पर बता दें कि एक दिन पूर्व (शनिवार शाम) को मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में संभावना जताई थी कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण पश्चिमी अफगानिस्तान और आस-पास के इलाकों में बने कम दबाव के क्षेत्र का असर मध्य भारत के कुछ राज्यों में बरकरार है। वहीं, चक्रवाती तूफान आया तो इन इलाकों में 70 से 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने और समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठने की संभावना है। चक्रवाती तूफान यमन के अदन शहर से करीब 390 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में और सोकोत्रा द्वीप समूह से 560 किलोमीटर पश्चिमी-उत्तर पश्चिम में अदन की खाड़ी के ऊपर केंद्रित है। शनिवार को उत्तर प्रदेश के कई शहरों में तेज हवाओं ने तबाही मचा दी। कहीं बड़े-बड़े पेड़ जड़ से उखड़े तो कहीं तेज हवाओं के चलते कई शहर की रफ्तार पर ब्रेक लग गया। शनिवार शाम आए आंधी-तूफान से फिरोजाबाद में दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने तीन लोगों की जिंदगी ही खत्म कर दी। फिरोजाबाद के रामगढ़ इलाके के चनोरा गांव में घर बन रहा था। अचानक आए आंधी-तूफान से निर्माणाधीन इमारत का एक हिस्सा गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक महिला, एक राज-मिस्त्री और एक मजदूर की जान चली गई। हादसे में एक बच्ची गंभीर रूप से घायल हुई है। हादसे की खबर के बाद स्थानीय विधायक पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और उन्होंने पीड़ित परिवारों को चार-चार लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में तकरीबन रोजाना आंधी आ रही है। इसके चलते जगह-जगह पेड़ गिरने, बिजली की तार टूटने और बड़े बैनर-होर्डिंग गिरने से बड़ी संख्या में लोग घायल हो रहे हैं। यहां तक कि दिल्ली-एनसीआर में ही आधा दर्जन लोग इन्हीं कारणों से अपनी जान गंवा चुके हैं।

दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में आंधी-तूफान और चक्रवाती हवाओं का खतरा अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। आंधी-तूफान के आगामी 24 घंटों के दौरान फिर से सक्रिय रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ का असर अब भी बरकरार है। ऐसे में उत्तर-पश्चिमी …

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कर्नाटक में जारी पहरे की पॉलिटिक्स, कांग्रेस-JDS ने अबतक नहीं ‘छोड़े’ अपने विधायक

कर्नाटक में लंबे पॉलिटिकल ड्रामे के बाद शनिवार शाम आखिरकार ये तय हो गया कि राज्य के असली किंग एच.डी कुमारस्वामी होंगे. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सदन के पटल पर बहुमत साबित करने के लिए कांग्रेस, जेडीएस या अन्य विधायकों को अपने खेमे में नहीं ला पाए और एक भावुक भाषण के साथ उन्होंने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. बावजूद इसके कांग्रेस और जेडीएस ने अपने विधायकों को आजाद रहने की अनुमति नहीं दी है. येदियुरप्पा के इस्तीफे को लोकतंत्र की जीत और कांग्रेस-जेडीएस की मजबूत रणनीति का परिणाम बताया जा रहा है. दरअसल, चुनाव नतीजे घोषित होने के पश्चात ही कांग्रेस-जेडीएस के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने विधायकों को बचाने की थी. बीजेपी को 104 सीटों पर जीत मिली, लिहाजा येदियुरप्पा को सरकार बनाने और उसे बचाने के लिए 7 और विधायकों के समर्थन की दरकार थी. क्योंकि चुनाव में कांग्रेस-जेडीएस के अलावा सिर्फ एक निर्दलीय और दो अन्य विधायक चुनकर आए, ऐसे में बीजेपी के पास कांग्रेस-जेडीएस विधायकों में सेंध लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. यही वजह रही कि नतीजे आने के बाद ही कांग्रेस और जेडीएस ने अपने-अपने विधायकों को इकट्ठा किया और छुपाकर रखा. शनिवार को येदियुरप्पा सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले इन विधायकों को विधानसभा लाया गया. अब भी 'आजाद' नहीं विधायक बीजेपी की सरकार गिरने के बाद भी इन विधायकों को घर नहीं भेजा गया है. अंग्रेजी अखबार द हिंदू की खबर के मुताबिक, दोनों पार्टी के विधायकों को अभी भी आराम नहीं दिया गया है. हालांकि, उन्हें अब रिजॉर्ट से निकाल लिया गया है, लेकिन शनिवार को जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार पर स्थिति साफ होने के बाद इन विधायकों को बेंगलुरु के ही दो प्राइवेट होटल में रखा गया है. अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि कांग्रेस और जेडीएस अभी भी बीजेपी से चौकन्नी है. दरअसल, बीजेपी की सरकार गिर जाने के बाद एचडी कुमारस्वामी को सरकार बनाने का मौका जरूर मिल गया है, लेकिन उन्हें भी सदन के सामने बहुमत साबित करना होगा. राज्यपाल वजुभाई वाला ने शनिवार शाम एचडी कुमारस्वामी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया और 15 दिन के अंदर बहुमत साबित करने का वक्त दिया. राज्यपाल के आमंत्रण के बाद कुमारस्वामी 23 मई को शपथग्रहण करेंगे. इसके बाद उन्हें सदन में बहुमत साबित करना होगा. ऐसे में बीजेपी को मात देने के बावजूद कांग्रेस और जेडीएस फूंक-फूंककर कदम रख रही है और वह बहुमत साबित हो जाने तक किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं मोल लेना चाहती है.

कर्नाटक में लंबे पॉलिटिकल ड्रामे के बाद शनिवार शाम आखिरकार ये तय हो गया कि राज्य के असली किंग एच.डी कुमारस्वामी होंगे. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सदन के पटल पर बहुमत साबित करने के लिए कांग्रेस, जेडीएस या अन्य विधायकों को अपने खेमे में नहीं ला पाए और एक भावुक भाषण …

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पूर्व डिप्लोमैट माधुरी गुप्ता को 3 साल की जेल, PAK को दी थीं खुफिया सूचनाएं

दिल्ली की पटिलाया हाउस कोर्ट ने पूर्व डिप्लोमैट माधुरी गुप्ता को पाकिस्तान में नियुक्ति के दौरान ISI को भारत की खुफिया जानकारियां देने के जुर्म में 3 साल की सजा सुनाई है. माधुरी गुप्ता को कोर्ट ने इस केस में अधिकतम सजा सुनाई है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ शर्मा ने सजा सुनाते हुए माना कि वह पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग में अति संवदेनशील पद पर पदस्थापित थीं. माधुरी गुप्ता को शुक्रवार को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 3 और 5 तथा भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया था. हालांकि उन्हें आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की सख्त धारा 3(1)(भाग-1) से दोषमुक्त करार दिया गया है. इस धारा के तहत अधिकतम 14 साल की सजा का प्रावधान है. अदालत ने माधुरी गुप्ता के खिलाफ सजा सुनाते हुए कहा कि निस्संदेह, उनकी कद के व्यक्ति से यह उम्मीद थी कि वह किसी साधारण नागरिक से अधिक जिम्मेदारी से काम करें, क्योंकि वह अत्यंत भरोसे के पद पर थीं, लेकिन उनके कार्य से देश की छवि खराब हुई है और देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हुआ. अदालत ने हालांकि इस फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करने के लिए उन्हें 25,000 रुपये का बांड और इतने ही रुपये की जमानत राशि पर जमानत दे दी है. माधुरी गुप्ता पहले ही 21 महीने की सजा काट चुकी हैं. माधुरी इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में द्वितीय सचिव (प्रेस और सूचना) के पद पर नियुक्त थीं, जब उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को भारत की गुप्त जानकारियां देने के आरोप में 22 अप्रैल 2010 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था. इसके तत्काल बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था. माधुरी गुप्ता पर पाकिस्तानी अधिकारियों को गुप्त सूचना मुहैया कराने और आईएसआई के दो अधिकारियों मुबशर राजा राणा और जमशेद के संपर्क में रहने का आरोप था. जनवरी 2012 में दिल्ली की अदालत ने उन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया था. इस महिला राजनयिक पर विश्वास को ठेस पहुंचाने, आपराधिक साजिश और इस अधिनियम के कई प्रावधानों के तहत आरोप तय किए गए हैं. माधुरी पर मुकदमा 22 मार्च, 2012 से शुरू हुआ था. उन पर आरोप लगा था कि माधुरी ने कई गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान के अधिकारियों को दीं और वह आईएसआई के दो अधिकारियों , मुबशार रजा राणा और जमशेद के संपर्क में थीं. जुलाई, 2010 में माधुरी के खिलाफ दायर आरोपपत्र में कहा गया था कि माधुरी के जमशेद के साथ संबंध थे और माधुरी ने उससे शादी करने की योजना बनाई थी.

दिल्ली की पटिलाया हाउस कोर्ट ने पूर्व डिप्लोमैट माधुरी गुप्ता को पाकिस्तान में नियुक्ति के दौरान ISI को भारत की खुफिया जानकारियां देने के जुर्म में 3 साल की सजा सुनाई है. माधुरी गुप्ता को कोर्ट ने इस केस में अधिकतम सजा सुनाई है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ शर्मा ने …

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यूपी में तूफ़ान का तांडव, 3 लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश में आंधी-तूफ़ान का कहर एक बार बरपा है, शनिवार शाम को उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद शहर में फिर तेज़ हवाएं चली जिससे कई जगह पेड़ उखड़ गए और बिजली के खम्बों को भी क्षति पहुंची. इन्ही आंधी-तूफानों के चलते शहर में कुछ जगह हादसे भी हुए, जिसमे 3 लोगों की मौत हो गई. फिरोजाबाद के रामगढ़ इलाके के चनोरा गांव में घर बन रहा था और लेंटर डलने की तैयारी चल रही थी. अचानए आए आंधी-तूफान से लेंटर का जाल उखड़कर नीचे आ गिरा और निर्माणाधीन इमारत गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई. माकन बनाने के काम में लगे मिस्त्री, मज़दूर और एक महिला की मौत हो गई है, जबकि वहीं की एक बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई है. दुर्घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय विधायक मौके पर पहुंचे और उन्होंने पीड़ित परिवार को 4 - 4 लाख रूपये का मुआवज़ा देने का ऐलान किया है. आगरा में भी तेज़ हवाओं से नुकसान हुआ है, हालाँकि वहां किसी की मौत की खबर नहीं है, लेकिन सड़क किनारे लगे होर्डिंग तेज़ हवाओं के चलते उखड़ गए, वहीं मथुरा में भी पेड़ वाहनों पर गिरे. आपको बता दें कि इससे पहले भी देश भर में ख़राब मौसम ने भयानक तबाही मचाई थी, जिसमे सैकड़ों लोगों कि जान चली गई थी. लेकिन यह खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है, यह जानकारी मौसम विभाग ने दी है, मौसम विभाग ने पश्चिमी विक्षोभ का असर जम्मू-कश्मीर से पूर्वोत्तर राज्यों की ओर से स्थानांतरित होने के कारण असम सहित पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों में अगले 24 घंटे तक चक्रवाती हवाओं की आशंका जताई है.

उत्तर प्रदेश में आंधी-तूफ़ान का कहर एक बार बरपा है, शनिवार शाम को उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद शहर में फिर तेज़ हवाएं चली जिससे कई जगह पेड़ उखड़ गए और बिजली के खम्बों को भी क्षति पहुंची. इन्ही आंधी-तूफानों के चलते शहर में कुछ जगह हादसे भी हुए, जिसमे 3 …

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PM नरेंद्र मोदी ने लद्दाखी, कश्मीरी और डोगरी बोलकर जीता सभी का दिल  

पीएम मोदी ने अपने कश्मीर दौरे के दौरान तीनों संभागों की स्थानीय भाषाओं पर अपना हाथ अजमाया। उन्होंने स्थानीय भाषा का इस्तेमाल कर रियासत के लोगों का दिल जीत लिया। लेह में उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत करने से पहले वहां मौजूद लोगों का स्वागत लद्दाखी में ‘जूले’ बोल कर किया। भाषण …

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अब पाकिस्तान को नहीं मिलेगा भारत का पानी

भारत सरकार ने एक ऐसी परियोजना का उद्घाटन किया है, जिससे पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ी खड़ी हो जाएंगी. इस परियोजना का उद्धघाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को किया है, पीएम ने 330 मेगावॉट क्षमता वाली किशनगंगा विद्युत परियोजना का उद्घाटन किया, इसके साथ ही पीएम मोदी ने किश्तवार जिले में 1,000 मेगावॉट की पाकल दुल विद्युत परियोजना की आधारशिला भी रखी. जम्मू कश्मीर में किश्तवार जिले में चेनाब नदी की सहायक मारूसदर नदी पर प्रस्तावित 1,000 मेगावाट क्षमता की पाकल दुल पनबिजली परियोजना से राज्य को 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली मिलेगी. इस परियोजना को पूरी होने में 66 महीने का समय लगेगा. बिजली मंत्रालय ने भी योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा है कि पाकुल दुल परियोजना के लिये सभी प्रकार की मंजूरी हासिल कर ली गई है. इस परियोजना के तहत सरकार का सालाना 333.02 करोड़ यूनिट बिजली पैदा करने का लक्ष्य है. इसकी कुल लागत 8,112.12 करोड़ रूपये बताई जा रही है. साथ ही इस परियोजना से 3000 लोगों को रोज़गार मिलने की सम्भावना है. जम्मू कश्मीर में किश्तवार जिले में परियोजना, चेनाब नदी की सहायक मारूसदर नदी पर प्रस्तावित है, जबकि किशनगंगा परियोजना झेलम नदी की सहायक किशनगंगा नदी पर स्थित है. इन दोनों योजनाओं को केंद्र सरकार की पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ एक रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है, साथ ही ये भारत की पाकिस्तान पर कूटनीतिक जीत भी है, क्योंकि जब भारत ने किशनगंगा जलविद्युत परियोजना को मंजूरी दी थी, तब से ही पाकिस्तान ने इसका सिन्धु जल संधि 1960 के उल्लंघन का आरोप लगाकर विरोध करना शुरू कर दिया था, लेकिन अब भारत सरकार द्वारा इन परियोजनाओं को चालू करने पर पाकिस्तान को पानी मिलना बंद हो जाएगा.

भारत सरकार ने एक ऐसी परियोजना का उद्घाटन किया है, जिससे पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ी खड़ी हो जाएंगी. इस परियोजना का उद्धघाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को किया है, पीएम ने 330 मेगावॉट क्षमता वाली किशनगंगा विद्युत परियोजना का उद्घाटन किया, इसके साथ ही पीएम मोदी ने किश्तवार जिले …

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येदियुरप्पा के फैसले ने अटल बिहारी वाजपेयी के इस्तीफे की दिलाई याद

येदियुरप्पा के फैसले ने अटल बिहारी वाजपेयी के इस्तीफे की दिलाई याद

कर्नाटक में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के मतविभाजन का सामना किए बिना विधानसभा में इस्तीफा देने के एलान ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद दिला दी। 22 साल पहले 13 दिन तक प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी ने लोकसभा में पर्याप्त संख्या में सांसद नहीं होने पर अपने पद से इस्तीफा …

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क्रिकेट मैच के दौरान हुआ बम धमाकों में 8 की मौत, कई घायल

क्रिकेट मैच के दौरान हुआ बम धमाकों में 8 की मौत, कई घायल

  अफगानिस्तान के पूर्वी शहर जलालाबाद  में शुक्रवार देर रात एक क्रिकेट मैच के दौरन सीरियल धमाकों में आठ लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा इस दुर्घटना में कई लोगों के घायल होने की खबर है। नांगरहर में प्रांतीय गर्वनर के प्रवक्ता अताउल्ला खोगयानी ने कहा कि बीती …

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कर्नाटक का असर: तेज होंगी विपक्षी एकता की कोशिशें…

कर्नाटक में कांग्रेस को जदएस के साथ सरकार बनाने का मौका मिलने से विपक्षी एकता की कोशिशों में तेजी आने की संभावना है। कर्नाटक के घटनाक्रम से स्पष्ट हो गया कि भाजपा के सामने एकजुट होकर चुनाव लड़ने से ही सत्ता हासिल होगी। साथ ही राजग के कुछ घटक दल …

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