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एक हफ्ते में दो विश्वास मत जीतने वाले एकलौते CM हैं येदियुरप्पा

बी एस येदियुरप्पा भारतीय राजनीति इतिहास के अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने एक ही हफ्ते में दो बार विश्वास मत जीता है. दरअसल साल 2011 में बीजेपी के 11 बागी विधायकों और 5 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस लेकर येदियुरप्पा सरकार को संकट में डाल दिया था. लेकिन इसके बावजूद येदियुरप्पा ने एक हफ्ते में दो बार बहुमत साबित करके दिखा दिया. पहला विश्वास मत उन्होंने ध्वनिमत से जीता जिसे तत्कालीन राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने असंवैधानिक करार दे दिया. इसके बाद येदियुरप्पा को एक बार फिर विधानसभा में शक्ति परीक्षण से गुजरना पड़ा, जिसमें वो 100 के मुकाबले 106 मतों से जीत हासिल की. दरअसल मुख्यमंत्री बनने के करीब 55 घंटे के भीतर बी एस येदियुरप्पा को आज विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित करके बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा दिये गये 15 दिन के समय में कटौती कर दी. तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले लिंगायत नेता येदियुरप्पा (75) ने कहा कि वह राज्य विधानसभा में बहुमत साबित करने को लेकर '100 प्रतिशत' आश्वस्त हैं. येदियुरप्पा ने कहा कि राजनीतिक खेलों के बीच शनिवार को हम कल बहुमत साबित करेंगे. हम उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे. येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 111 विधायकों का समर्थन चाहिए. राज्य की 222 सीटों पर हुए चुनावों में भाजपा को 104 सीटों में जीत मिली है और उसे उम्मीद है कि कांग्रेस तथा जद (एस) के नव निर्वाचित विधायक अपनी पार्टी छोड़ येदियुरप्पा सरकार का समर्थन कर सकते हैं. दो सीटों पर मतदान नहीं होने के कारण 224 सदस्यीय विधानसभा में असरदार संख्या 222 है. जद (एस) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और गठबंधन के नेता एच डी कुमारस्वामी ने दो जगहों से जीत दर्ज की है लेकिन वह एक वोट ही डाल पाएंगे. कुमारस्वामी ने बुधवार को दावा किया था कि बीजेपी राज्य में सत्ता में आने के लिए 'ऑपरेशन लोटस' दोहराने का प्रयास कर सकती है. क्योंकि आंकड़े स्पष्ट रूप से पार्टी के खिलाफ है. विपक्ष के पास 116 विधायकों (78 कांग्रेस, 37 जेडी (एस) और एक बसपा) का समर्थन है. उसने एक निर्दलीय विधायक के समर्थन का भी दावा किया है.

बी एस येदियुरप्पा भारतीय राजनीति इतिहास के अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने एक ही हफ्ते में दो बार विश्वास मत जीता है. दरअसल साल 2011 में बीजेपी के 11 बागी विधायकों और 5 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस लेकर येदियुरप्पा सरकार को संकट में डाल दिया था. लेकिन इसके बावजूद …

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कुमारस्वामी बोले- BJP ने JDS के दो विधायकों का किया अपहरण!

कर्नाटक में सत्ता की भारी उठापटक के बीच तमाम तरह के डील, तोड़फोड़ और समझौते की कोशिशों की खबरें आ रही है. इस बीच खबर यह है कि जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने बेंगलुरु से उसके दो विधायकों का 'अपहरण' कर लिया है. हालांकि कुमारस्वामी ने आशा जताई कि वे शनिवार की सुबह उनके खेमे में शामिल हो जाएंगे. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी कई तरह का लालच देकर उनकी पार्टी के विधायकों को खरीदने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा, 'बीजेपी के पास सरकार बनाने के लिए संख्याबल नहीं है. कांग्रेस जद (एस) गठबंधन द्वारा कल विश्वास मत गिराया जाएगा.' कुमारस्वामी ने कहा, 'हमें पता है कि बेंगलुरु से दो विधायकों का अपहरण कर लिया गया था. एक विधायक हमारे संपर्क में है. शनिवार की सुबह वह हमारे खेमे में शामिल होने वाले हैं.' शुक्रवार की सुबह यहां पहुंचकर नोवोटेल होटल में ठहरे जद(एस) विधायक रात में बेंगलुरु के लिए रवाना होंगे.

कर्नाटक में सत्ता की भारी उठापटक के बीच तमाम तरह के डील, तोड़फोड़ और समझौते की कोशिशों की खबरें आ रही है. इस बीच खबर यह है कि जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने बेंगलुरु से उसके दो विधायकों का ‘अपहरण’ कर लिया …

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लोकतंत्र का काला द‍िन: कहीं कर्नाटक विधानसभा का हाल यूपी जैसा न हो जाए

देशभर में कर्नाटक विधानसभा में येदियुरप्पा सरकार के फ्लोर टेस्ट का जिक्र है. आखिर इसी फ्लोर टेस्ट के जरिए राज्य सरकार का भविष्य तय होना है. इसी बीच उत्‍तर प्रदेश के विधानसभा का जिक्र होना बेहद जरूरी है. उत्तर प्रदेश विधानसभा के साथ एक काला अध्‍याय जुड़ा हुआ है और आशंका है आज कर्नाटक विधानसभा में ऐसी स्‍थिति बन सकती है. यूपी की 13वीं विधानसभा अबतक सबसे विवादित मानी जाती है. ये विधानसभा शुरुआत से ही विवादों में घिरी रही, राजनीतिक अस्थिरता का प्रतीक बनी और इसमें विधायकों की खुले-आम ख़रीद-फ़रोख़्त और दल-बदल बार-बार देखे गए. इस विधानसभा के दौरान यूपी ने चार सीएम देखे. वहीं एक मौक़ा ऐसा भी आया जब ही एक ही समय मुख्यमंत्री पद के दो दावेदार विधानसभा में एक साथ बैठे रहे और आख़िरकार शक्ति प्रदर्शन के बाद ही तय हुआ कि असली मुख्यमंत्री कौन है. हालांकि सबसे बड़ा काला अध्‍याय सदन में मारपीट होना था. इस घटना का वीडियो भी मौजूद है और आज तक लोग लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने वाली घटना के रूप में जिक्र करते हैं. लोकतंत्र का काला दिन 21 अक्‍टूबर 1997 भारत के लोकतंत्र के काले दिन के रूप में याद रखा जाएगा. उस दिन विधानसभा के भीतर विधायकों के बीच माइकों की बौछार, लात-घूंसे, जूते-चप्पल सब चले. विपक्ष की ग़ैरमौजूदगी में कल्याण सिंह ने बहुमत साबित कर दिया था. उन्हें 222 विधायकों का समर्थन मिला जो भाजपा की मूल संख्या से 46 अधिक था. कांग्रेस नेता प्रमोत तिवारी ने सदन में वोटिंग की मांग की. कांग्रेस के साथ बीएसपी विधायक भी हंगामा करने लगे. इस बीच एक विधायक ने स्‍पीकर पर माइक फेंक द‍िया. इसके बाद विधायकों में हाथापाई होने लगी. 40 से अध‍िक विधायकों को गंभीर चोटें आईं. कालेदिन से पहले ये हुआ 13वीं विधानसभा के लिए 17 अक्तूबर 1996 को नतीजे आए. किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत नहीं मिला था. 425 सीटों की विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी 173 सीटें हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी बनी. जबकि समाजवादी पार्टी को 108, बहुजन समाज पार्टी को 66 और कांग्रेस को 33 सीटें मिलीं. तत्कालीन राज्यपाल रोमेश भंडारी ने राष्ट्रपति शासन को छह महीने बढ़ाने के लिए केंद्र को सिफ़ारिश भेजी. हालांकि राष्ट्रपति शासन का पहले ही एक साल पूरा हो चुका था. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए राष्ट्रपति शासन छह महीने बढ़ाने के केंद्र के फ़ैसले को मंज़ूरी दे दी. इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए. शुरुआत हुई एक बेमेल राजनीतिक गठबंधन से. बसपा और बीजेपी दोनों पार्टियों ने छह-छह महीने राज्य का शासन चलाने का फ़ैसला किया. इस तालमेल से पहले 17 अक्‍टूबर 1995 में भाजपा ने ही बसपा सरकार से समर्थन वापस लिया था, जिसकी वजह से राष्ट्रपति शासन लगाया गया था. पहले छह महीनों के लिए 21 मार्च 1997 को बसपा की मायवती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं. विधानसभा अध्यक्ष के मुद्दे पर दोनों पार्टियों में मतभेद हुए. बाद में बीजेपी के केसरीनाथ त्रिपाठी को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की मंज़ूरी बसपा ने दे दी. मायावती के छह महीने पूरे होने के बाद बीजेपी के कल्याण सिंह 21 सितंबर 1997 को मुख्यमंत्री बने. मायावती सरकार के अधिकतर फ़ैसले बदले गए और दोनों पार्टियों के बीच मतभेद खुल कर सामने आ गए. सिर्फ़ एक महीने के भीतर ही मायावती ने 19 अक्‍टूबर 1997 को कल्याण सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया. राज्यपाल रोमेश भंडारी ने दो दिन के भीतर ही यानी 21 अक्‍टूबर को कल्याण सिंह को अपना बहुमत साबित करने का आदेश दिया. बसपा, कांग्रेस और जनता दल में भारी टूट हुई और इन पार्टियों के कई विधायक पाला बदलकर बीजेपी के साथ हो गए. काले दिन के बाद क्‍या हुआ विधानसभा में हुई हिंसा के बाद राज्यपाल रोमेश भंडारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफ़ारिश कर दी. 22 अक्तूबर को केंद्र ने इस सिफ़ारिश को राष्ट्रपति के आर नारायणन को भेज दिया. लेकिन राष्ट्रपति नारायणन ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफ़ारिश को मानने से इनकार कर दिया और दोबारा विचार के लिए इसे केंद्र सरकार के पास भेज दिया. केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की सिफ़ारिश को दोबारा राष्ट्रपति के पास न भेजने का फ़ैसला किया. दो मुख्यमंत्री इसके बाद कल्याण सिंह ने दूसरी पार्टियों से आए हर विधायक को मंत्री बना दिया. देश के इतिहास में पहली बार 93 मंत्रियों के मंत्री परिषद को शपथ दिलाई गई. विधानसभा अध्यक्ष केसरीनाथ त्रिपाठी ने सभी दलबदलूओं विधायकों को हरी झंडी दे दी. इस फ़ैसले की बहुत आलोचना हुई. 21 फ़रवरी 1998 को राज्यपाल रोमेश भंडारी ने सीएम कल्याण सिंह को बर्ख़ास्त कर जगदंबिका पाल को रात में साढ़े दस बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी. हाईकोर्ट ने अगले दिन यानी 22 फ़रवरी को राज्यपाल के आदेश पर रोक लगा दी और कल्याण सिंह सरकार को बहाल कर दिया. उस दिन राज्य सचिवालय में अजीब नज़ारा देखने को मिला क्योंकि वहां दो-दो मुख्यमंत्री बैठे हुए थे. जगदंबिका पाल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज़ हो गए थे, लेकिन जब उन्हें हाई कोर्ट का आदेश लिखित में मिला तो वे कल्याण सिंह के लिए कुर्सी छोड़कर चले गए. बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 26 फ़रवरी को एक बार फिर शक्ति प्रदर्शन हुआ. इसमें कल्याण सिंह की जीत हुई. कल्‍याण सिंह के हाथ से भी गई सत्‍ता 1999 में बीजेपी से कल्‍याण सिंह की भी छुट्टी हो गई. उसके बाद बीजेपी के रामप्रकाश गुप्ता को उत्तर प्रदेश की बागडोर सौंपी. वे 12 नवंबर 1999 को राज्य के मुख्यमंत्री बने. हालांकि वह बेहतर सीएम साबित नहीं हो सके. गुप्‍ता के इस्‍तीफे के बाद 28 अक्‍टूबर 2000 को राजनाथ सिंह ने कुर्सी संभाली. वहीं 14वें व‍िधानसभा चुनाव से पहले मार्च 2002 में फ‍िर राष्‍ट्रपति शासन लगा था. बीजेपी और रालोद के समर्थन से मई 2002 में मायावती सीएम के रूप में फ‍िर से वापस आई.

देशभर में कर्नाटक विधानसभा में येदियुरप्पा सरकार के फ्लोर टेस्ट का जिक्र है. आखिर इसी फ्लोर टेस्ट के जरिए राज्य सरकार का भविष्य तय होना है. इसी बीच उत्‍तर प्रदेश के विधानसभा का जिक्र होना बेहद जरूरी है. उत्तर प्रदेश विधानसभा के साथ एक काला अध्‍याय जुड़ा हुआ है और …

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राशिफल 19 मई: लोग आपकी प्रतिभा पहचानेंगे, लालच से बचें

ARIES (21 मार्च – 19 अप्रैल): पति पत्‍नी में आपसी तकरार हो सकती है। परिवार के साथ किसी धार्मिक यात्रा की योजना बन सकती है। विद्यार्थियों का मन पढ़ाई से भटकेगा। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। निवेश सलाह लेकर करें। TAURUS (20 अप्रैल – 20 मई): व्‍यापार में परिवर्तन की संभावना है। सरकारी अधिकारी प्रसन्‍न रहेंगे। आपका स्‍वभाव मिलनसार रहेगा। जीवनसाथी की भावनाओं को समझेंगे। कार्यक्षेत्र में परिश्रम की अधिकता रहेगी। यात्रा शुभ। GEMINI (21 मई – 20 जून): शैक्षणिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। प्रतिस्‍पर्धा में जीत हासिल होगी। खर्च पर अंकुश लगाना अनिवार्य है। परिवार के साथ धार्मिक यात्रा की योजना बन सकती है। पुराने मित्र से मुलाकात हो सकती है। CANCER (21 जून – 22 जुलाई): पैतृक संपत्ति प्राप्‍त हो सकती है। आय व्‍यय का संतुलन बनाकर चलेंगे। विद्यार्थियों को पढ़ाई पर विशेष ध्‍यान देने की आवश्‍यकता होगी। व्‍यापार में व्‍यस्‍तता बढ़ेेगी। नया वाहन क्रय कर सकते हैं। LEO (23 जुलाई – 22 अगस्त): वैवाहिक जीवन में समरसता बढ़ेगी। जमीन जायदाद के कार्यों में सावधानी रखें। रोजगार के नए व अच्‍छे अवसर प्राप्‍त हो सकते हैं। पत्‍नी व बच्‍चों का पूर्ण सहयोग आपको सफलता दिलाएगा। VIRGO (23 अगस्त– 22 सितंबर): लोग आपकी प्रतिभा को पहचानेंगे। अधिकारी वर्ग आपसे प्रसन्‍न रहेगा। महत्‍वपूर्ण समाचार प्राप्‍त हो सकता है। बच्‍चाें का पूर्ण सहयोग मिलेगा। स्‍वादिष्‍ट व्‍यंजनों का लुत्‍फ उठाएंगे। आय के स्रोत बढ़ेंगे। LIBRA (23 सितंबर– 22 अक्टूबर): व्‍यर्थ के कार्यों में समय व्‍यतीत होगा। स्‍वास्‍थ्‍य कुछ कमजोर रह सकता है। सहयोगी कार्य में व्‍यवधान पैदा करेंगे। मित्रों की सलाह से काम बनेंगे। विद्यार्थी परिश्रम से सफलता प्राप्‍त करेंगे। SCORPIO (23 अक्टूबर – 21 नवंबर): आर्थिक लाभ के लिए किसी लालच में न पड़ें। दूसरों की मदद के लिए तत्‍पर रहेंगे। समाज में प्र‍तिष्‍ठा बढ़ेगी। संतान आपके कहने में रहेगी। माता पिता का स्‍नेह व आशीर्वाद प्राप्‍त होगा। मन प्रसन्‍न रहेगा। SAGITTARIUS (22 नवंबर– 21 दिसंबर): पड़ोसियों से मधुर संबंध बनेंगे। अपनी चतुराई से महत्‍वपूर्ण कार्यों को निपटा लेंगे। मितव्‍ययी दृष्टिकोण अपनाएंगे। घर परिवार में प्रसन्‍नता का माहौल रहेगा। व्‍यापार व्‍यवसाय में लाभ होगा। मन प्रसन्‍न रहेगा। CAPRICORN (22 दिसंबर – 19 जनवरी): कार्य की अधिकता स्‍वास्‍थ्‍य पर बुरा असर डाल सकती है। किसी भी लड़ाई झगड़े में न पड़ें। घर की जिम्‍मेदारियां बढ़ेंगी। पत्‍नी से मन मुटाव हो सकता है। नौकरी में तरक्‍की के अवसर मिलेंगे। स्‍वास्‍थ्‍य सामान्‍य। AQUARIUS (20 जनवरी – 18 फरवरी): मुश्किलों का डटकर मुकाबला करेंगे। कार्यस्‍थल पर धोखा हो सकता है। परिवार में खुशहाली रहेगी। मित्रों का व्‍यवहार सहयोगपूर्ण रहेगा। भगवान के प्रति आस्‍था बढ़ेगी। मेहमानों का आगमन हो सकता है। PISCES (19 फरवरी – 20 मार्च): आपकी जीवनशैली में परिवर्तन लाएंगे। खानपान व सेहत पर ध्‍यान रखें। व्‍यापार नौकरी की व्‍यस्‍तता के चलते परिवार को समय नहीं दे पाएंगे। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। निवेश अर्थलाभ दे सकता है।ARIES (21 मार्च – 19 अप्रैल): पति पत्‍नी में आपसी तकरार हो सकती है। परिवार के साथ किसी धार्मिक यात्रा की योजना बन सकती है। विद्यार्थियों का मन पढ़ाई से भटकेगा। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। निवेश सलाह लेकर करें। TAURUS (20 अप्रैल – 20 मई): व्‍यापार में परिवर्तन की संभावना है। सरकारी अधिकारी प्रसन्‍न रहेंगे। आपका स्‍वभाव मिलनसार रहेगा। जीवनसाथी की भावनाओं को समझेंगे। कार्यक्षेत्र में परिश्रम की अधिकता रहेगी। यात्रा शुभ। GEMINI (21 मई – 20 जून): शैक्षणिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। प्रतिस्‍पर्धा में जीत हासिल होगी। खर्च पर अंकुश लगाना अनिवार्य है। परिवार के साथ धार्मिक यात्रा की योजना बन सकती है। पुराने मित्र से मुलाकात हो सकती है। CANCER (21 जून – 22 जुलाई): पैतृक संपत्ति प्राप्‍त हो सकती है। आय व्‍यय का संतुलन बनाकर चलेंगे। विद्यार्थियों को पढ़ाई पर विशेष ध्‍यान देने की आवश्‍यकता होगी। व्‍यापार में व्‍यस्‍तता बढ़ेेगी। नया वाहन क्रय कर सकते हैं। LEO (23 जुलाई – 22 अगस्त): वैवाहिक जीवन में समरसता बढ़ेगी। जमीन जायदाद के कार्यों में सावधानी रखें। रोजगार के नए व अच्‍छे अवसर प्राप्‍त हो सकते हैं। पत्‍नी व बच्‍चों का पूर्ण सहयोग आपको सफलता दिलाएगा। VIRGO (23 अगस्त– 22 सितंबर): लोग आपकी प्रतिभा को पहचानेंगे। अधिकारी वर्ग आपसे प्रसन्‍न रहेगा। महत्‍वपूर्ण समाचार प्राप्‍त हो सकता है। बच्‍चाें का पूर्ण सहयोग मिलेगा। स्‍वादिष्‍ट व्‍यंजनों का लुत्‍फ उठाएंगे। आय के स्रोत बढ़ेंगे। LIBRA (23 सितंबर– 22 अक्टूबर): व्‍यर्थ के कार्यों में समय व्‍यतीत होगा। स्‍वास्‍थ्‍य कुछ कमजोर रह सकता है। सहयोगी कार्य में व्‍यवधान पैदा करेंगे। मित्रों की सलाह से काम बनेंगे। विद्यार्थी परिश्रम से सफलता प्राप्‍त करेंगे। SCORPIO (23 अक्टूबर – 21 नवंबर): आर्थिक लाभ के लिए किसी लालच में न पड़ें। दूसरों की मदद के लिए तत्‍पर रहेंगे। समाज में प्र‍तिष्‍ठा बढ़ेगी। संतान आपके कहने में रहेगी। माता पिता का स्‍नेह व आशीर्वाद प्राप्‍त होगा। मन प्रसन्‍न रहेगा। SAGITTARIUS (22 नवंबर– 21 दिसंबर): पड़ोसियों से मधुर संबंध बनेंगे। अपनी चतुराई से महत्‍वपूर्ण कार्यों को निपटा लेंगे। मितव्‍ययी दृष्टिकोण अपनाएंगे। घर परिवार में प्रसन्‍नता का माहौल रहेगा। व्‍यापार व्‍यवसाय में लाभ होगा। मन प्रसन्‍न रहेगा। CAPRICORN (22 दिसंबर – 19 जनवरी): कार्य की अधिकता स्‍वास्‍थ्‍य पर बुरा असर डाल सकती है। किसी भी लड़ाई झगड़े में न पड़ें। घर की जिम्‍मेदारियां बढ़ेंगी। पत्‍नी से मन मुटाव हो सकता है। नौकरी में तरक्‍की के अवसर मिलेंगे। स्‍वास्‍थ्‍य सामान्‍य। AQUARIUS (20 जनवरी – 18 फरवरी): मुश्किलों का डटकर मुकाबला करेंगे। कार्यस्‍थल पर धोखा हो सकता है। परिवार में खुशहाली रहेगी। मित्रों का व्‍यवहार सहयोगपूर्ण रहेगा। भगवान के प्रति आस्‍था बढ़ेगी। मेहमानों का आगमन हो सकता है। PISCES (19 फरवरी – 20 मार्च): आपकी जीवनशैली में परिवर्तन लाएंगे। खानपान व सेहत पर ध्‍यान रखें। व्‍यापार नौकरी की व्‍यस्‍तता के चलते परिवार को समय नहीं दे पाएंगे। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। निवेश अर्थलाभ दे सकता है।

ARIES (21 मार्च – 19 अप्रैल): पति पत्‍नी में आपसी तकरार हो सकती है। परिवार के साथ किसी धार्मिक यात्रा की योजना बन सकती है। विद्यार्थियों का मन पढ़ाई से भटकेगा। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। निवेश सलाह लेकर करें। TAURUS (20 अप्रैल – 20 मई): व्‍यापार में परिवर्तन की …

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10वीं पास यहां करें आवेदन, 20 हजार रु मिलेगी सैलरी

इंडियन कोस्ट गार्ड 2018 में Online/Offline मोड में आवेदकों से आवेदन प्राप्त करने का प्रस्ताव है. पात्र उम्मीदवार अपना आवेदन इंडियन कोस्ट गार्ड में 31/05/2018 से पहले जमा कर सकते हैं. नौकरी से जुड़ी पूर्ण जानकारी आप नीचे विस्तार से जान सकते है. रिक्ति का नाम: मल्टी टास्किंग ड्राइवर शिक्षा की आवश्यकता: 10TH रिक्तियां: 02पोस्ट वेतन रुपये: 19900 अनुभव: 2 - 3 वर्ष नौकरी करने का स्थान: हल्दिया,कोलकाता आवेदन करने की अंतिम तिथि: 31/05/2018 चयन प्रक्रिया इच्छुक और पात्र उम्मीदवार 31/05/2018 से पहले आवेदन कर सकते हैं। चयन या तो लिखित परीक्षा / कार्मिक साक्षात्कार / अन्य मोड के आधार पर इंडियन कोस्ट गार्ड मानदंड या निर्णय द्वारा किया जाएगा। आवेदन कैसे करे? इच्छुक उम्मीदवार शैक्षिक योग्यता के सभी विवरणों के साथ अपने दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते हैं साथ ही समर्थन दस्तावेज (प्रमाणित प्रतियां)। ईमेल आईडी, संपर्क नंबर और पूरा डाक पता आपके आवेदनों के साथ उल्लेख किया जाना चाहिए। योग्यता मानदंडों के आधार पर साक्षात्कार में भाग लेने के लिए लघु और सूचीबद्ध उम्मीदवारों को ईमेल और फोन के माध्यम से सूचित किया जाएगा और नियुक्ति विशुद्ध रूप से अस्थायी है। साक्षात्कार में भाग लेने के लिए या चयनित होने पर पोस्ट में शामिल होने के लिए कोई टीए / डीए भुगतान नहीं किया जाएगा। नौकरी के लिए पता Coast Guard Regional Headquarters , 6th Floor, Synthesis Business Park, Shrachi Building, Rajarhat, New Town, West Bengal 700161 महत्वपूर्ण तिथियाँ इस जॉब के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि: 31/05/2018

इंडियन कोस्ट गार्ड 2018 में Online/Offline मोड में आवेदकों से आवेदन प्राप्त करने का प्रस्ताव है. पात्र उम्मीदवार अपना आवेदन इंडियन कोस्ट गार्ड में 31/05/2018 से पहले जमा कर सकते हैं. नौकरी से जुड़ी पूर्ण जानकारी आप नीचे विस्तार से जान सकते है. रिक्ति का नाम: मल्टी टास्किंग ड्राइवर शिक्षा की …

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ग्रेजुएट के लिए निकली वैकेंसी, यह है आवेदन की प्रक्रिया

नौकरी के लिए पता Tata Institute of Social Sciences, Off-Campus Hyderabad, S.R Sankaran Block TSIPARD Campus, Rajendranagar, Hyderabad - 500030 महत्वपूर्ण तिथियाँ इस जॉब के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि: 31/05/2018

TISS 2018 में Online/Offline मोड में आवेदकों से आवेदन प्राप्त करने का प्रस्ताव है. पात्र उम्मीदवार अपना आवेदन TISS में 31/05/2018 से पहले जमा कर सकते हैं. नौकरी से जुड़ी पूर्ण जानकारी आप नीचे विस्तार से जान सकते हैं. रिक्ति का नाम: सहायक शिक्षा की आवश्यकता: Any Graduate रिक्तियां: 01पद वेतन …

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मीठे में बनाइए स्वादिष्ट आलू का हलवा

आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है. आलू के बिना किसी भी सब्जी का स्वाद अधूरा रहता है. आपने कई बार आलू की सब्जी खाई होगी पर आज हम आपको आलू का हलवा बनाने की रेसिपी के बारे में बताने जा रहे हैं. यह खाने में बहुत ही टेस्टी होता है. आप इसे व्रत में भी खा सकते हैं. आइए जानते हैं आलू हलवा बनाने की रेसिपी. सामग्री- घी - 100 ग्राम,आलू (उबले और मैश किए हुए)- 550 ग्राम,दूध- 220 मि.ली.,चीनी- 140 ग्राम,इलायची पाउडर- 1/2 टीस्पून,बादाम- 15 ग्राम,काजू- 15 ग्राम,बादाम- गार्निश के लिए,काजू - गार्निश के लिए विधि 1- आलू का हलवा बनाने के लिए सबसे पहले एक कढ़ाई में 100 ग्राम घी गर्म करें. अब इसमें 550 ग्राम उबले मैश किए हुए आलू डालें. अब इसे गोल्डन ब्राउन होने तक फ्राई करें. 2- 7 -8 मिनट तक फ्राई करने के बाद इसमें 220 मिलीलीटर दूध डालें. अब इसमें 140 ग्राम चीनी, ½ चम्मच इलायची पाउडर डालकर अच्छे से मिक्स करें. अब इसे तब तक चलाते रहें जब तक चीनी मिक्स ना हो जाए. 3- अब इसमें 15 ग्राम बादाम, 15 ग्राम काजू डालकर 3 से 5 मिनट तक पकाएं. 4- लीजिए आपका आलू का हलवा बनकर तैयार है. इसे काजू और बादाम के साथ गार्निश करके गर्मागर्म सर्व करें.

आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है. आलू के बिना किसी भी सब्जी का स्वाद अधूरा रहता है. आपने कई बार आलू की सब्जी खाई होगी पर आज हम आपको आलू का हलवा बनाने की रेसिपी के बारे में बताने जा रहे हैं. यह खाने में बहुत ही टेस्टी …

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RAMZAN 2018 – रमज़ान में रोज़े के लिए बनाएं स्वादिष्ट हलीम

रमज़ान में रोज़ा रखने के साथ ही सहरी और इफ्तार में खाने के लिए आप स्वादिष्ट हलीम बनाकर सबको खिला सकते है. आइये जानते है इसकी रेसिपी सामग्री: मटन- 400 ग्राम बोनलेस दलिया- 1/2 कप चना दाल- 1 चम्‍मच हरी मूंग दाल- 1 चम्‍मच दही- 1 कप नमक- स्‍वादानुसार हदरक लहसुन पेस्‍ट- 1 चम्‍मच हरी मिर्च पेस्‍ट- 1 चम्‍मच शही जीरा- 1 चम्‍मच काली मिर्च- थोड़ी फ्राई प्‍याज के स्‍लाइस- 1 कप मटन का शोरबा- 4 कप पुदीने की पत्‍ती- 6 हरी धनिया- थोड़ी-सी घी- 1/4 कप विधि: एक बरतमं में पानी लेकर मटन को अच्‍छी तरह से शो लीजिए. फिर इसमें नमक और दही डालकर अच्छे से मिलाकर आधे घंटे के लिए मैरीनेट होने रख दीजिए. दलिया को पानी में भिगो दीजिए. सभी दालों को भी अलग-अलग पानी में भिगो दीजिए. कुछ घंटो बाद दाल और दलिये को पानी से अलग कर के छान लीजिए. अब एक नॉन स्‍टिक पैन में दलिया और दाल डाल कर कुछ मिनट चलाते हुए सेकिए फिर उसमें 1 कप पानी डालकर मैरीनेट किए हुआ मटन डाल कर कुछ मिनट पकाएं. अब इसमें हरी मिर्च पेस्‍ट, शाही जीरा, काली मिर्च, अदरक लहसुन पेस्‍ट, आधा कप फ्राई किये प्‍याज, गरम मसाला पावडर और मटन का शोरबा डाल कर मिक्‍स कर लीजिए. जब सभी चीजें पक जाए तब इसमें ऊपर से पुदीना और कटी हरी धनिया डालकर नमक डालकर पैन को ढंककर धीमी आंच पर पकने दीजिए.

रमज़ान में रोज़ा रखने के साथ ही सहरी और इफ्तार में खाने के लिए आप स्वादिष्ट हलीम बनाकर सबको खिला सकते है. आइये जानते है इसकी रेसिपी   सामग्री: मटन- 400 ग्राम बोनलेस  दलिया- 1/2 कप  चना दाल- 1 चम्‍मच  हरी मूंग दाल- 1 चम्‍मच  दही- 1 कप  नमक- स्‍वादानुसार  …

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सुबह के नाश्ते में बनाएं टेस्टी एंड हैल्दी चॉकलेटी ओट्स

ओट्स हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. पर अगर आप एक ही जैसा ओट्स खाते-खाते बोर हो चुके हैं तो आज हम आपको चॉकलेटी ओट्स की रेसिपी के बारे में बताने जा रहे हैं. चॉकलेट ओट्स खाने में बहुत टेस्टी होता है और इसे आप के बच्चे भी बहुत शौक के साथ खाएंगे. आइए जानते हैं चॉकलेटी ओट्स बनाने की रेसिपी. सामग्री दूध- 250 मि.ली,ओट्स- 60 ग्राम,दूध- 50 मि.ली.,कोको पाउडर- 2 टीस्पून,चीनी- 2 टेबलस्पून,कोको पाउडर- गार्निश के लिए,बादाम- गार्निश के लिए,पिस्ता- गार्निश के लिए,काजू- गार्निश के लिए विधि 1- चॉकलेटी ओट्स बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में 250 मिलीलीटर दूध डालकर गर्म करें. जब दूध गर्म हो जाए तो इसमें 60 ग्राम ओट्स डालकर अच्छे से मिक्स करें. 2- अब एक कटोरी में 50 मिलीलीटर दूध लेकर इसमें दो चम्मच कोको पाउडर डालकर अच्छे से मिलाएं. अब इस मिश्रण को पैन में डालकर अच्छे से मिक्स करें. 3- अब इसमें दो चम्मच चीनी डालकर उबाल आने तक पकाएं. इसे तब तक चलाते रहें जब तक यह गाढ़ा ना हो जाए. 4- लीजिए आपका चॉकलेटी ओटमील बनकर तैयार है. अब इसे कोको पाउडर, बादाम, पिस्ता और काजू के साथ गार्निश करके सर्व करें.

ओट्स हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. पर अगर आप एक ही जैसा ओट्स खाते-खाते बोर हो चुके हैं तो आज हम आपको चॉकलेटी ओट्स की रेसिपी के बारे में बताने जा रहे हैं. चॉकलेट ओट्स खाने में बहुत टेस्टी होता है और इसे आप के बच्चे भी …

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जानिए क्या हैं विटामिन एन के फायदे

स्वस्थ शरीर के लिए पौष्टिक आहार के साथ विटामिंस का होना भी बहुत जरूरी होता है. विटामिन एन नेचर के द्वारा हमारे शरीर को प्राप्त होता है. आजकल लोग नेचर से दूर हो गए हैं, जिसके कारण शरीर में विटामिन एन की कमी हो जाती है. विटामिन एन की कमी होने से अस्थमा से लेकर दिल की बीमारियों तक के होने का खतरा होता है. आज हम आपको विटामिन एन के कुछ फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं. 1- विटामिन एन दिल को स्वस्थ रखने में सहायक होता है. प्रकृति या हरियाली से भरपूर जगहों पर वर्कआउट करने से विटामिन एन भरपूर मात्रा में मिलता है. हरी भरी जगह पर एक्सरसाइज करने से शरीर में रक्त का बहाव सही तरीके से होता है. जिससे दिल की बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है. 2- ज्यादा देर तक हवा और स्वच्छ वातावरण में रहने से दिमागी थकान कम हो जाती है. जिससे आपकी याददाश्त और सीखने की क्षमता में वृद्धि होती है. विटामिन एन की कमी को पूरा करने के लिए नियमित रूप से 1 घंटे घास पर नंगे पैर चलें. 3- खुली हवा में बैठने से शरीर में विटामिन एन की कमी पूरी हो जाती है. अपने घर के आस-पास ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाएं और अपना ज्यादा समय प्रकृति के नजदीक बिताने की कोशिश करें. विटामिन एन कैंसर के खतरे को भी कम करने में सहायक होता है.

स्वस्थ शरीर के लिए पौष्टिक आहार के साथ विटामिंस का होना भी बहुत जरूरी होता है. विटामिन एन नेचर के द्वारा हमारे शरीर को प्राप्त होता है. आजकल लोग नेचर से दूर हो गए हैं, जिसके कारण शरीर में विटामिन एन की कमी हो जाती है. विटामिन एन  की कमी …

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