Uncategorized

पैरोल खत्म , लालू पहुंचेंगे रांची

चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिये गये राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पेरोल की अवधि खत्म होने के कारण सोमवार को रांची पहुंचेंगे.उन्हें अपने बड़े बेटे तेजप्रताप की पटना की शादी में शामिल होने के लिए तीन दिन का पैरोल मिला था. तेज प्रताप की शादी में राजनीतिक जगत की कई बड़ी हस्तियां शामिल हुई थी . यहां तक की बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी जाकर नव दम्पति को बधाई दी थी इस बारे में राजद के राष्ट्रीय महासचिव भोला प्रसाद ने बताया कि लालू यादव सोमवार सुबह विमान से रांची रवाना होंगे. लालू रांची पहुंचकर हाईकोर्ट से इलाज के लिए छह सप्ताह की मिली अस्थाई जमानत की औपचारिकताएं पूरी करेंगे. जमानत की औपचारिकताएं जल्द पूरा करने की कोशिश करेंगे, फिर भी मंगलवार से पहले इसके पूरा होने की संभावना नहीं है.जमानत मिलने के बाद उनके उपचार के बारे में फैसला लिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव शुगर, ब्लडप्रेशर और किडनी की समस्या सहित कई अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं. उनका इलाज रांची स्थित रिम्स अस्पताल में न्यायिक हिरासत में जारी था . गत शुक्रवार को रांची हाईकोर्ट ने बेहतर चिकित्सा के लिए उन्हें छह सप्ताह की अस्थाई जमानत मंजूर कर ली

चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिये गये राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पेरोल की अवधि खत्म होने के कारण सोमवार को रांची पहुंचेंगे.उन्हें अपने बड़े बेटे तेजप्रताप की पटना की शादी में शामिल होने के लिए तीन दिन का पैरोल मिला था. तेज प्रताप की शादी में राजनीतिक जगत …

Read More »

अमित शाह आज करेंगे बीजेपी पदाधिकारियों संग बैठक

भारत में मोदी सरकार को इसी महीने 4 साल पुरे होने वाले हैं, भाजपा ने इन 4 सालों की कांग्रेस सरकार से तुलना करते हुए, इसे '48 साल बनाम 48 महीने' का नारा दिया है. जिसको भाजपा 2019 चुनावों से पहले एक अस्त्र की तरह इस्तेमाल करेगी. इसी कड़ी में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज अपनी पार्टी के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक करने वाले हैं. आगामी लोक सभा चुनाव के लिए इस बैठक को बहुत अहम माना जा रहा है, इस बैठक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्षों, संगठन मंत्रियों, केंद्रीय पदाधिकारियों और पार्टी के सभी मोर्चो की संयुक्त कार्यसमिति के पदाधिकारी शामिल होंगे. बीजेपी के एक नेता ने बताया कि 17 मई को पार्टी के सभी कार्यकारिणीं के सम्मलेन के पहले यह बैठक हो रही है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में अमित शाह सभी भाजपाई पदाधिकारियों से उनके कार्य का लेखा-जोखा लेंगे. अगले लोकसभा चुनाव में किसान एवं कृषि क्षेत्र से जुड़े विषयों के महत्व को देखते हुए बीजेपी किसान मोर्चा कृषि क्षेत्र में मोदी सरकार की उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेगा. इसके लिए 18 से 20 मई तक गुड़गांव में एक राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा.

भारत में मोदी सरकार को इसी महीने 4 साल पुरे होने वाले हैं, भाजपा ने इन 4 सालों की कांग्रेस सरकार से तुलना करते हुए, इसे ’48 साल बनाम 48 महीने’ का नारा दिया है. जिसको भाजपा 2019 चुनावों से पहले एक अस्त्र की तरह इस्तेमाल करेगी. इसी कड़ी में …

Read More »

पटनायक को तीसरे मोर्चे में शामिल होने का आह्वान किया

केंद्र में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से देश के हालात ख़राब है. ऐसे में देश को नेता नहीं, नीतिगत बदलाव की जरूरत है.इसलिए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को तीसरे मोर्चे में शामिल हो जाना चाहिए. यह आह्वान सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने किया. बता दें कि शनिवार को इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स में आयोजित 'वर्तमान समय में देश की परिस्थिति एवं वाम दल के दायित्व, विषयक कार्यशाला में येचुरी ने कहा कि देश में सांप्रदायिक शक्तियों का उदय जनतंत्र के लिए ठीक नहीं है. इसके खिलाफ सभी धर्म निरपेक्ष दलों को एक साथ ताकत के साथ खड़ा होना होगा.इसलिए बीजद का समर्थन जरूरी है.उन्होंने नवीन पटनायक को सभी धर्मनिरपेक्ष दलों का नेतृत्व लेने का आह्वान किया .साथ ही तीसरे मोर्चे के गठन के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ चल रही चर्चा का भी जिक्र किया. उल्लेखनीय है कि इस मौके पर येचुरी ने कहा कि देश में नियुक्ति, गरीबी, मूल्य वृद्धि नियंत्रण, किसान आत्महत्या जैसे सभी मामलों में एनडीए सरकार असफल रही है. विदेशी कंपनियां देश में अपना प्रभाव बढ़ा रही हैं ,तो छोटे व्यवसायी बड़ी परेशानी का सामना कर रहे हैं. इन हालातों में देश को नेता नहीं वैकल्पिक नीति की जरूरत है.केंद्र में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से देश के हालात ख़राब है. ऐसे में देश को नेता नहीं, नीतिगत बदलाव की जरूरत है.इसलिए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को तीसरे मोर्चे में शामिल हो जाना चाहिए. यह आह्वान सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने किया. बता दें कि शनिवार को इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स में आयोजित 'वर्तमान समय में देश की परिस्थिति एवं वाम दल के दायित्व, विषयक कार्यशाला में येचुरी ने कहा कि देश में सांप्रदायिक शक्तियों का उदय जनतंत्र के लिए ठीक नहीं है. इसके खिलाफ सभी धर्म निरपेक्ष दलों को एक साथ ताकत के साथ खड़ा होना होगा.इसलिए बीजद का समर्थन जरूरी है.उन्होंने नवीन पटनायक को सभी धर्मनिरपेक्ष दलों का नेतृत्व लेने का आह्वान किया .साथ ही तीसरे मोर्चे के गठन के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ चल रही चर्चा का भी जिक्र किया. उल्लेखनीय है कि इस मौके पर येचुरी ने कहा कि देश में नियुक्ति, गरीबी, मूल्य वृद्धि नियंत्रण, किसान आत्महत्या जैसे सभी मामलों में एनडीए सरकार असफल रही है. विदेशी कंपनियां देश में अपना प्रभाव बढ़ा रही हैं ,तो छोटे व्यवसायी बड़ी परेशानी का सामना कर रहे हैं. इन हालातों में देश को नेता नहीं वैकल्पिक नीति की जरूरत है.

केंद्र में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से देश के हालात ख़राब है. ऐसे में देश को नेता नहीं, नीतिगत बदलाव की जरूरत है.इसलिए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को तीसरे मोर्चे में शामिल हो जाना चाहिए. यह आह्वान सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने किया. …

Read More »

पश्चिम बंगाल में मतदान के दौरान भड़की हिंसा

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के चलते सुबह 7 बजे से मतदान हो रहा है. कड़ी सुरक्षा के बावजूद कई स्थानों पर बमबारी, मारपीट, मतदान पेटी जलाने जैसी हिंसक घटनाओं की खबर आ रही है. कूचबिहार में मतदान को लेकर दो गुटों के बीच झड़प और मारपीट हुई है. हिंसा में 20 लोग घायल हुए हैं जिन्हें इलाज के लिए एमजेएन अस्पताल ले जाया गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि हम वोट डालने जा रहे हैं लेकिन तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लोगों ने हमें रोका और हमपर लाठी-डंडों से हमला बोल दिया, कूचबिहार के दिनाहाटा में देसी बम फटने से टीएमसी के एक कार्यकर्ता ने अपना हाथ खो दिया है. कूचबिहार के ही बूथ संख्या 8/12 पर पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री रबिंद्र नाथ घोष ने बीजेपी के एक कार्यकर्ता सुजीत कुमार दास को थप्पड़ मार दिया, जिसके बाद से इलाके में खलबली मच गई, इस मौके पर पुलिस भी मौजूद थी. वहीं भांगर इलाके में भी मतदान के दौरान हिंसा और उपद्रव की खबरें हैं, यहां मीडिया की एक गाड़ी पर हमला कर उसमें आग लगा दी गई है, साथ ही मीडियाकर्मी का कैमरा भी तोड़ दिया गया है. मिदनापुर, बर्दमान में भी पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा और झड़प की खबरें आ रही हैं. यहां तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर हिंसा फैलाने का आरोप लगा है

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के चलते सुबह 7 बजे से मतदान हो रहा है. कड़ी सुरक्षा के बावजूद कई स्थानों पर बमबारी, मारपीट, मतदान पेटी जलाने जैसी हिंसक घटनाओं की खबर आ रही है. कूचबिहार में मतदान को लेकर दो गुटों के बीच झड़प और मारपीट हुई है. हिंसा में …

Read More »

ISCE Result 2018: आज घोषित होगा ISC 12वीं का रिजल्ट

काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) आईएससी 12वीं के रिजल्ट की घोषणा सोमवार यानी 14 मई को करेगा। दोपहर 3 बजे रिजल्ट जारी किया जाएगा। जिन छात्र-छात्राओं ने ये परीक्षाएं दी हैं, वे अपने नतीजे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट cisce.org पर देख सकते हैं। बता दें कि काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने आईएससी की परीक्षा 7 फरवरी 2018 से लेकर 2 अप्रैल 2018 के तक कराई थी। ऐसे चेक करें रिजल्ट - - सबसे पहले बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट www.cisce.org पर जाएं - रिजल्ट सेक्शन पर क्लिक करें - ICSE 2018 एग्जाम रिजल्ट पर क्लिक करें - अपना रोल नंबर या रजिस्‍ट्रेशन नंबर दर्ज करें - रिजल्ट आपके सामने होगाकाउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) आईएससी 12वीं के रिजल्ट की घोषणा सोमवार यानी 14 मई को करेगा। दोपहर 3 बजे रिजल्ट जारी किया जाएगा। जिन छात्र-छात्राओं ने ये परीक्षाएं दी हैं, वे अपने नतीजे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट cisce.org पर देख सकते हैं। बता दें कि काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने आईएससी की परीक्षा 7 फरवरी 2018 से लेकर 2 अप्रैल 2018 के तक कराई थी। ऐसे चेक करें रिजल्ट - - सबसे पहले बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट www.cisce.org पर जाएं - रिजल्ट सेक्शन पर क्लिक करें - ICSE 2018 एग्जाम रिजल्ट पर क्लिक करें - अपना रोल नंबर या रजिस्‍ट्रेशन नंबर दर्ज करें - रिजल्ट आपके सामने होगा

काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) आईएससी 12वीं के रिजल्ट की घोषणा सोमवार यानी 14 मई को करेगा। दोपहर 3 बजे रिजल्ट जारी किया जाएगा। जिन छात्र-छात्राओं ने ये परीक्षाएं दी हैं, वे अपने नतीजे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट cisce.org पर देख सकते हैं। बता दें कि काउंसिल फॉर …

Read More »

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में हिंसा, 20 से ज्यादा घायल

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए मतदान जारी है। सुबह 7 बजे से शुरू हुए मतदान के लिए लोग उत्साह के साथ मतदान केंद्रों पर पहुंचे। चुनाव के पहले राज्य में हुई हिंसा को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस बीच राज्य के कूच बिहार में झड़प की खबर है जिसमें 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए वहीं कई वाहनों को नुकसान पहुंचा है। स्थानीय लोगों के अनुसार वो लोग मतदान करने के लिए गए थे लेकिन इस बीच टीएमसी के समर्थकों ने उन पर हमला कर दिया। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। बता दें कि चुनाव के पहले राज्य में हुई हिंसा को देखते हुए सभी बूथों पर सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है। अतिसंवेदनशील व संवेदनशील बूथों पर विशेष नजर रखी जा रही है। इस बार पंचायत चुनाव में सत्ताधारी टीएमसी और विपक्षी भाजपा के बीच जोरदार लड़ाई देखने को मिल रही है। अगले साल होने आम चुनावों से पहले के प्रमुख चुनाव होने के कारण इस चुनाव की अहमियत काफी बढ़ गई है। राजनीतिक दल इसे लोकसभा चुनावों से पहले अपनी ताकत के परीक्षण के तौर पर देख रहे हैं। चुनावों की गणना 17 मई को होगी। अगर किसी कारणवश जरूरत पड़ी तो 16 मई को पुनर्मतदान हो सकते हैं। पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक, 3,358 ग्राम पंचायतों की 48,650 में से 16,814 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। वहीं 31 पंचायत समितियों की 9,217 में से 3,059 सीटों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुना गया है। इसी तरह 20 जिला परिषदों की 825 में से 203 सीटों पर मुकाबला निर्विरोध रहा है। चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान हुई हिंसा को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, और वाम मोर्चा के नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। विपक्ष का आरोप है कि सत्तारूढ़ टीएमसी ने नामांकन प्रक्रिया के दौरान हिंसा की, वहीं तृणमूल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि विपक्ष का कोई जनाधार नहीं है और वह चुनाव से बचने का प्रयास कर रहे थे। तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों पर हिंसा का आरोप लगाते हुए विपक्षी पार्टियों हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी गुहार लगाई थी। वहीं नामांकन दाखिल करने से रोके जाने के विपक्ष के आरोपों के चलते हाईकोर्ट ने उम्मीदवारों को वाट्सऐप और ईमेल के जरिये भी नामांकन भरने की इजाजत दी थी।

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए मतदान जारी है। सुबह 7 बजे से शुरू हुए मतदान के लिए लोग उत्साह के साथ मतदान केंद्रों पर पहुंचे। चुनाव के पहले राज्य में हुई हिंसा को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस बीच राज्य के कूच बिहार …

Read More »

BJP अध्यक्ष अमित शाह आज पार्टी के पदाधिकारियों संग करेंगे बैठक

मोदी सरकार के चार साल इसी महीने पूरे होने जा रहे हैं. बीजेपी ने '48 साल बनाम 48 महीने' का नारा दे रखा है. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह 2019 के चुनावी अभियान को धार देने के लिए आज पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इस बैठक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्षों, संगठन मंत्रियों, केंद्रीय पदाधिकारियों और पार्टी के सभी मोर्चो की संयुक्त कार्यसमिति के पदाधिकारी हिस्सा लेंगे. शाह इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे. 2019 के चुनाव के मद्देनजर बीजेपी के लिए ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है. इस बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारी, सांगठनिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे. बीजेपी के एक नेता ने बताया कि 17 मई को पार्टी के सभी सात मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सम्मेलन के पहले यह बैठक हो रही है. समझा जाता है कि 14 मई को शाह ने जो बैठक बुलाई है उसमें प्रदेश अध्यक्षों, संगठन मंत्रियों व पदाधिकारियों से यह लेखा जोखा लिया जाएगा कि उन्होंने कितना काम किया है. अगले लोकसभा चुनाव में किसान एवं कृषि क्षेत्र से जुड़े विषयों के महत्व को देखते हुए बीजेपी किसान मोर्चा कृषि क्षेत्र में मोदी सरकार की उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेगा. इसके लिए 18 से 20 मई तक गुड़गांव में एक राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा. 17 मई को होने वाले कार्यक्रम में आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित करेंगे. उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनावों के बाद पार्टी का शीर्ष नेतृत्व आगामी राजनीतिक मुकाबले के लिए तैयार है. कर्नाटक के परिणाम की घोषणा 15 मई को होगी. माना जा रहा है कि कर्नाटक में बीजेपी और कांग्रेस के बीच रोचक मुकाबला है. कई सर्वे में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलता हुआ नजर आ रहा है. इसी साल मध्यप्रदेश , राजस्थान और छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत तक चुनाव होना है इन तीनों राज्यों में भाजपा अभी सत्ता में है

मोदी सरकार के चार साल इसी महीने पूरे होने जा रहे हैं. बीजेपी ने ’48 साल बनाम 48 महीने’ का नारा दे रखा है. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह 2019 के चुनावी अभियान को धार देने के लिए आज पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इस बैठक में बीजेपी के …

Read More »

कर्नाटक चुनाव: कांग्रेस या BJP किसके साथ जाएगी JDS? समझिए इस पार्टी की पॉलिटिक्स

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों पर अभी सबकी नजर है. राज्य की सियासी तस्वीर तो मंगलवार को मतगणना के बाद ही तस्वीर साफ होगी लेकिन एग्जिट पोल त्रिशंकु विधानसभा की ओर इशारा कर रहे हैं. ऐसे में सबकी निगाहें जेडीएस पर टिक गई हैं. त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनी तो? जेडीएस को सभी एग्जिट पोल में 30 से 35 सीटें मिलती दिख रही हैं. ऐसे में बहुमत के लिए जरूरी 112 सीटों के जादुई आंकड़ों तक पहुंचने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों को जेडीएस की जरूरत पड़ सकती है. अब सवाल ये है कि जेडीएस इनमें से किसके साथ जाना पसंद करेगी? इसके लिए जनता दल सेक्युलर की सियासत को समझने की जरूरत है. पार्टी का दांव, धार्मिक-जातिय समीकरण, विचारधारा और कमजोर-मजबूत पक्ष क्या है. पिछले चुनावों में क्या रही थी जेडीएस की स्थिति कर्नाटक में जेडीएस अलग अस्तित्व में है तो केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट का हिस्सा. जेडीएस कांग्रेस और बीजेपी दोनों के साथ मिलकर सरकार बना चुकी है. 1999 के विधानसभा चुनाव में जेडीएस को 10 सीटें, जबकि 10.42 फीसदी वोट हासिल हुए थे. 2004 में 59 सीट और 20.77 फीसदी वोट. 2008 में 28 सीट और 18.96 फीसदी वोट. 2013 में 40 सीट और 20.09 फीसदी वोट हासिल हुए थे. कांग्रेस से देवगौड़ा का है पुराना कनेक्शन जेडीएस की स्थापना एचडी देवगौड़ा ने 1999 में जनता दल से अलग होकर की थी. जनता दल की जड़ें 1977 में कांग्रेस के खिलाफ बनी जनता पार्टी से शुरू होती है. इसी में से कई दल और नेताओं ने बाद में जनता दल बनाई. कर्नाटक में जनता दल की कमान देवगौड़ा के हाथों में थी. उन्हीं के नेतृत्व में जनता दल ने 1994 में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई और देवगौड़ा मुख्यमंत्री बने. सियासत में बदलते रहते हैं समीकरण दो साल के बाद 1996 में जनता दल के नेता के रूप में कांग्रेस के समर्थन से एचडी देवगौड़ा 10 महीने तक देश के प्रधानमंत्री रहे. इससे पहले अगर जाकर देखें तो 1953 में देवगौड़ा ने अपनी सियासत की शुरुआत भी कांग्रेस नेता के रूप में ही की थी, लेकिन पहली बार वो निर्दलीय के तौर पर विधायक बने थे. फिर इमरजेंसी के दौरान जेपी मूवमेंट से जुड़े और जनता दल में आ गए. बीजेपी के साथ भी कर्नाटक में बनाई सरकार देवगौड़ा के बेटे एचडी कुमारस्वामी राज्य में बीजेपी के समर्थन से भी सरकार चला चुके हैं. 2004 के चुनाव के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी और कांग्रेस के धरम सिंह सीएम बने. लेकिन 2006 में जेडीएस गठबंधन सरकार से अलग हो गई. फिर बीजेपी के साथ बारी-बारी से सत्ता संभालने के समझौते के तहत कुमारस्वामी जनवरी 2006 में सीएम बने. लेकिन अगले साल सत्ता बीजेपी को सौंपने की जगह कुमारस्वामी ने अक्टूबर 2007 में राज्यपाल को इस्तीफा भेज दिया. जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा. हालांकि, बाद में जेडीएस ने बीजेपी को समर्थन का ऐलान किया. इस समझौते के तहत 12 नवंबर 2007 को बी. एस. येदियुरप्पा 7 दिन के लिए सीएम बने थे. 2008 से अलग हैं रास्ते 2008 के चुनाव में जेडीएस-बीजेपी अलग-अलग चुनाव मैदान में उतरे और बीजेपी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. 2013 में कांग्रेस जीती और सिद्धारमैया सीएम बने. 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के बनने के बाद सेकुलर पॉलिटिक्स की चर्चा चली तो जेडीएस ने अपनी सियासत में फिर बदलाव किया. 14 अप्रैल 2015 को जेडीएस और 5 अन्य दलों जेडीयू-आरजेडी-सपा-इनेलो और सजपा ने बीजेपी विरोधी न्यू जनता पार्टी परिवार गठबंधन का ऐलान किया. लेकिन बाद में बिहार में आरजेडी-जेडीयू अलग हो गए और जनता परिवार के इस गठबंधन को लेकर भी कोई ठोस पहल सामने नहीं आई. ममता ने कांग्रेस को दी थी सलाह जिस दिन कर्नाटक चुनाव का ऐलान हुआ था उसी दिन पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता बनर्जी ने कांग्रेस से अपील की थी कि देवगौड़ा एक अच्छे इंसान हैं और कर्नाटक में बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस को जेडीएस से हाथ मिलाना चाहिए. उसी दिन परदे के पीछे कई मुलाकातें भी हुईं. देवगौड़ा ने कांग्रेस को साथ आने का न्योता भी दे दिया. लेकिन कुछ ही घंटों में देवगौड़ा और कुमारस्वामी ने यू-टर्न ले लिया और ग्रेस-बीजेपी से किसी भी गठबंधन की संभावनाओं को नकारने लगे. जेडीएस ने बसपा और एनसीपी के साथ गठबंधन किया और ओवैसी की पार्टी के समर्थन से चुनाव में उतरी. यहीं से कांग्रेस और जेडीएस में तल्ख बयानबाजी शुरू हुई जो आज तक थमी नहीं है. एक ही वोट बैंक कांग्रेस-जेडीएस की तल्खी का कारण कांग्रेस के लिए जेडीएस इसलिए खतरा दिख रही है क्योंकि मुस्लिम, दलित वोटों को काटने से उसे ही नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए कांग्रेस जेडीएस को बीजेपी की बी टीम साबित करने में जुटी रही. जानकार बताते हैं कि जेडीएस-कांग्रेस के बीच गठबंधन स्वाभाविक नहीं था. राज्य की 60-65 सीटों पर कांग्रेस और जेडीएस में सीधा मुकाबला है. राहुल गांधी ने जेडीएस को बीजेपी की बी-टीम बताया तो बीजेपी ने नरम रुख दिखाया. बीजेपी की रैलियों में जहां कांग्रेस पर खुलकर वार हुआ वहीं जेडीएस पर ज्यादा कुछ नहीं बोला गया. खुद पीएम मोदी ने कर्नाटक की रैली में कहा कि राहुल गांधी को देवगौड़ा जैसे वरिष्ठ नेता का अपमान नहीं करना चाहिए था. ये अहंकार दिखाता है. जटिल रहा है कर्नाटक का सियासी इतिहास कर्नाटक का सियासी इतिहास काफी जटिल रहा है. 1985 के बाद वहां कोई भी दल दोबारा सत्ता में वापस नहीं लौट सका है. जेडीएस ओल्ड मैसूर क्षेत्र में अच्छी खासी पैठ रखती है. ये देवगौड़ा परिवार का गढ़ माना जाता है. हालांकि, 2013 के चुनाव में कांग्रेस यहां सेंध लगाने में कामयाब रही थी. वोक्कालिगा-लिंगायत फाइट में जेडीएस को फायदा एचडी देवगौड़ा वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं. कर्नाटक में 15 फीसदी आबादी वाला वोक्कालिगा समुदाय मुख्य तौर पर जेडीएस का वोट बैंक माना जाता है. राज्य में अब तक वोक्कालिगा समाज के 6 सीएम बन चुके हैं. लिंगायत कार्ड पर बीजेपी-कांग्रेस के दांव लगाने से ये वोट बैंक फिर जेडीएस के पाले में जा सकता है. वोक्कालिगा समुदाय दक्षिण के जिलों में फैला हुआ है. दलित-मुस्लिम वोटों का समीकरण कर्नाटक में दलित समुदाय का 19 फीसदी वोट भी काफी मायने रखता है. दलित मतदाता सबसे ज्यादा हैं. हालांकि, इसमें काफी फूट है लेकिन बसपा के साथ गठबंधन कर जेडीएस इस वोट बैंक पर नजर गड़ाए हुए है. इसके अलावा कांग्रेस के साथ जेडीएस की लड़ाई मुस्लिम वोट बैंक को लेकर भी है. अगर जेडीएस इन सबमें पैठ बनाने में कामयाब हुई तो कांग्रेस को ही नुकसान होगा. दक्षिणी जिलों में बीजेपी को उम्मीद कांग्रेस के पूर्व नेता और राज्य के पूर्व सीएम एस. एम कृष्णा से है जो इस बार बीजेपी के पाले में आ चुके हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो इस बार त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में जेडीएस किंगमेकर के रोल में आ सकती है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों के साथ जेडीएस सरकार बना चुकी है ऐसे में किसी भी खेमे में जाना उसके लिए संभव है. किस खेमे में जाकर क्या मिलेगा जेडीएस को बीजेपी के साथ जाकर जेडीएस केंद्र की सत्ता में भागीदारी पा सकती है और 2019 के लिए चुनाव के लिए एनडीए का हिस्सा बन सकती है. साथ ही जेडीएस के लिए कांग्रेस के खेमे में जाना भी असंभव नहीं है. कर्नाटक में जेडीएस बसपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ी है और बसपा बीजेपी के खिलाफ देश की सियासत में कांग्रेस के साथ खड़ी नजर आती है. इसके अलावा केरल में जेडीएस लेफ्ट विंग का हिस्सा है जो कि बीजेपी के खिलाफ राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस के साथ हाल के महीनों में खड़ी नजर आ रही है. अब देखना होगा कि चुनाव नतीजे क्या स्थिति उत्पन्न करते हैं. किसी दल को स्पष्ट बहुमत मिलता है या त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति आती है.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों पर अभी सबकी नजर है. राज्य की सियासी तस्वीर तो मंगलवार को मतगणना के बाद ही तस्वीर साफ होगी लेकिन एग्जिट पोल त्रिशंकु विधानसभा की ओर इशारा कर रहे हैं. ऐसे में सबकी निगाहें जेडीएस पर टिक गई हैं. त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनी तो? …

Read More »

देश में आंधी-तूफ़ान का तांडव, 41 की मौत

भारत में इन दिनों कुदरत का कहर जमकर बरप रहा है, उत्तर भारत से लेकर आंध्र प्रदेश तक सब जगह आंधी-तूफ़ान ने तबाही मचा रखी है. रविविअर शाम को उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आए तूफ़ान ने 41 लोगों की जान ले ली है. वहीं सैकड़ों लोगों के घायल होने की आशंका जताई जा रही है. सर्वाधिक मौतें उत्तर प्रदेश में हुई है, यहाँ आंधी-तूफ़ान में 18 लोगों की मौत हुई है. यही नहीं, उत्तर प्रदेश में संभल के राजपुरा में बिजली गिरने के चलते आग ने घरों को अपने चपेट में ले लिया. देखते ही देखते 100 घर जलकर राख हो गए. ख़राब मौसम को देखते हुए प्रशासन ने सभी स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आंधी के कारण लोगों की मौत पर दुख प्रकट किया. उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित लोगों की हर संभव मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'देश के कुछ हिस्सों में आंधी के चलते लोगों की मौत की सूचना से दुखी हूं. शोक संतप्त परिजन को मेरी संवेदनाएं. घायलों के जल्द स्वस्थ होने की ईश्वर से प्रार्थना करता हूं.'आंधी के चलते लोगों की मौत पर दुख प्रकट करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर पार्टी कार्यकर्ताओं से मृतकों के शोक संतप्त परिजन को हर संभव मदद करने के लिये कहा

भारत में इन दिनों कुदरत का कहर जमकर बरप रहा है, उत्तर भारत से लेकर आंध्र प्रदेश तक सब जगह आंधी-तूफ़ान ने तबाही मचा रखी है. रविविअर शाम को  उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आए तूफ़ान ने 41 लोगों की जान ले ली है. …

Read More »

देश के कई राज्यों में मौसम हुआ जानलेवा, अब तक 24 लोगों की मौत

देश के कई राज्यों में अगले कुछ दिनों तक तेज आंधी तूफ़ान की चेतावनी जारी किये जाने के बाद आज शाम से कई राज्यों से तबाही की सुचना आने लगी है. तेज हवाओं व तूफानी बारिश ने कई लोगों की जान भी ले ली है. इससे देशभर में करीब 24 लोगों के मारे जाने की खबरें आ रही है. देश के कई इलाकों में आंधी-पानी ने खूब तबाही मचाई है. तेज हवाओं के साथ आई आंधी ने कई पेड़ जड़ से उखाड़ दिए. कई बिजली के खंभे टूटे, टिन शेड उड़े और इसके बाद तेज हवाओं के साथ जोरदार बारिश भी हुई और कई इलाकों में अभी जारी है. कुछ स्थानों पर ओले भी गिरे. सिर्फ उत्तर प्रदेश से 13 लोगों के जान जाने की सूचना है. यूपी के अलावा राजधानी दिल्ली में भी आंधी तूफ़ान ने खूब तबाही मचाई. दिल्ली के जैतपुर से एक 19 साल के लड़के की मौत की खबर भी आ रही है. इसके अलाव वेस्ट बंगाल में आंधी तूफ़ान से 9 लोगों के मारे जाने की सूचना है. कानपुर और कानपुर देहात में तेज आंधी से आसमान में धूल का गुबार छा गया. हालांकि यहां ज्यादा बारिश की खबर नहीं है. मिर्जापुर में खाद की दुकान के आगे दीवार गिरने से दो लोग दब गए. अलीगढ़ के गांव बिलौना में दीवार गिरने से सुनीता की मौत हो गई. सम्भल कोतवाली गुन्नौर के कस्बा जुनावाई के समीप पेड़ ट्रैक्टर ट्राली पर जा गिरा, जिसमें दो लोग गंभीर घायल हो गए जबकि मासूम बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई

देश के कई राज्यों में अगले कुछ दिनों तक तेज आंधी तूफ़ान की चेतावनी जारी किये जाने के बाद आज शाम से कई राज्यों से तबाही की सुचना आने लगी है. तेज हवाओं व तूफानी बारिश ने कई लोगों की जान भी ले ली है. इससे देशभर में करीब 24 लोगों के …

Read More »
English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com