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सेहतमंद रहने के लिफ्ट की जगह करें सीढ़ियों का इस्तेमाल

आजकल ज्यादातर लोग सीढ़ियां चढ़ने की जगह लिफ्ट का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करते हैं. पर क्या आप जानते हैं की सीढ़ियां चढ़ना आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. रोजाना सीढ़ी चढ़ने से आपको सेहत से जुड़े कई फायदे हो सकते हैं. 1- अगर आप रोजाना सीढ़ियां चढ़ते हैं तो इससे आपकी मांसपेशियां मजबूत हो जाती हैं. जिससे जोड़ों के दर्द से आराम मिलता है. इसके अलावा सीढ़ियां चढ़ने से शरीर में ब्लड सरकुलेशन तेज हो जाता है. जिससे तनाव की समस्या से आराम मिलता है. 2- नियमित रूप से सीढ़ी चढ़ने से आपका वजन आसानी से कम हो सकता है. 3- अगर आप अपने दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो नियमित रूप से सीढ़ियां चढ़ें. दिल के लिए सीढ़ियां चढ़ना बहुत फायदेमंद होता है. रोजाना सीढ़ी चढ़ने से हार्ट अटैक होने का खतरा कम हो जाता है. 4- एक रिसर्च के अनुसार जोगिंग की तुलना में सीढ़ी चढ़ना अधिक कैलोरी बर्न करता है. सीढ़ी चढ़ने में ज्यादा ताकत लगती है जिससे आपके शरीर की कैलोरी बर्न होती है.

आजकल ज्यादातर लोग सीढ़ियां चढ़ने की जगह लिफ्ट का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करते हैं. पर क्या आप जानते हैं की सीढ़ियां चढ़ना आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. रोजाना सीढ़ी चढ़ने से आपको सेहत से जुड़े कई फायदे हो सकते हैं.  1- अगर आप रोजाना सीढ़ियां चढ़ते …

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अलग-अलग तरह के बीज दूर करते हैं सेहत से जुड़ी कई समस्याएं

हर व्यक्ति एक स्वस्थ और हेल्दी शरीर पाना चाहता है. आज के समय में सभी लोग हेल्थ कॉन्शियस हो गए हैं. लोग अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए फल और सब्जियों का सेवन करते हैं. पर क्या आपको पता है कि फल और सब्जियों के बीज भी हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. बीजों में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो आप को स्वस्थ रखने के साथ-साथ छोटी बड़ी बीमारियों को भी दूर करने में सहायक होते हैं. 1- कद्दू के बीजों में भरपूर मात्रा में विटामिन बी और फोलिक एसिड मौजूद होता है. जो मूड को बेहतर बनाने में मदद करता है. इसके अलावा कद्दू के बीज शुगर मरीजों के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं. 2- कटहल के बीज सेहत के लिए किसी रामबाण औषधि से कम नहीं है. अगर आपको भूख न लगने की समस्या है तो कटहल के बीजों को रात में भिगोकर सुबह इनका सेवन करें. इससे आपकी भूख ना लगने की समस्या दूर हो जाएगी. 3- वजन को कम करने के लिए तरबूज के बीज सबसे बेस्ट होते हैं. आप तरबूज के बीजों को छीलकर दूध या पानी के साथ इनका सेवन कर सकते हैं. रोजाना इनके बीजों का सेवन करने से आपका वजन आसानी से कम हो जाता है. 4- अंगूर के बीजों में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C मौजूद होता है, जो आपके शरीर में सॉफ्ट टिश्यू को रेडिकल से बचाता है. रोजाना इनका सेवन करने से डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है.

हर व्यक्ति एक स्वस्थ और हेल्दी शरीर पाना चाहता है. आज के समय में सभी लोग हेल्थ कॉन्शियस हो गए हैं. लोग अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए फल और सब्जियों का सेवन करते हैं. पर क्या आपको पता है कि फल और सब्जियों के बीज भी हमारी सेहत …

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मलेशिया में 92 साल के महाथिर जीते चुनाव, होंगे दुनिया के सबसे बुजुर्ग PM

मलेशिया में 92 साल के महाथिर मोहम्मद ने चुनाव जीत लिया है और इसके साथ ही वो दुनिया के सबसे उम्रदराज प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। बुधवार को देश में हुए चुनाव में उन्होंने घोटालों के आरोपों से घिरे नजीब रजाक को हरा दिया। पूर्व डॉक्टर महाथिर जो कि 1964 में राजनीति में आए उन्होंने 22 साल तक मलेशिया पर राज किया। उनके शासनकाल में मलेशिया का एक सुप्त दक्षिण एशियाई बैकवॉटर से अपेक्षाकृत समृद्ध देश के रूप में कायाकल्प हुआ। उनकी जीत की किसी ने कल्पना नहीं की थी और जीत के साथ ही उन्होंने बेरिसन नेसनल गठबंधन की देश की सत्ता से पकड़ छीन ली। महाथिर की जीत से नजीब की मुश्किलें बढ़ जाएंगी क्योंकि उन्होंने चुनाव से पहले वादा किया था कि अगर वो सत्ता में आते हैं तो नजीब के खिलाफ कदम उठाएंगे। नजीब पर सोवेरिन वेल्थ फंड 1एमडीबी से अरबों लूटने का आरोप लगा है। नजीब को हराने के लिए महाथिर ने उस पार्टियों से हाथ मिलाया जिन्हें उन्होंने तब दबा दिया था जब वो सत्ता में थे।

मलेशिया में 92 साल के महाथिर मोहम्मद ने चुनाव जीत लिया है और इसके साथ ही वो दुनिया के सबसे उम्रदराज प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। बुधवार को देश में हुए चुनाव में उन्होंने घोटालों के आरोपों से घिरे नजीब रजाक को हरा दिया। पूर्व डॉक्टर महाथिर जो कि 1964 …

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अपने कुत्ते को बचाने झील में कूदी ब्राजील के राष्ट्रपति की पत्नी, बना मजाक

ब्राजील की प्रथम महिला मार्सेला टेमर अपने पालतू कुत्ते को बचाने के लिए झील में कूद गईं। यह झील राष्ट्रपति निवास के परिसर में ही हैं। कुत्ते को झील में डूबते देख मार्सेला तुरंत पानी में कूद गईं। 34 वर्षीय मार्सेला बगीचे में टहल रही थीं। तभी उनका पालतू कुत्ता पिकोली कुछ बतखों का पीछा करते हुए झील में कूद गया। पहले राष्ट्रपति की पत्नी ने वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी से उसे बचाने के लिए कहा लेकिन उसने मना कर दिया। कुत्ते से गहरा लगाव होने के कारण मार्सेला खुद ही पानी में कूद गईं और कुत्ते को बचा लिया। बताया गया कि कुत्ते को बचाने से इनकार करना सुरक्षाकर्मी को महंगा पड़ गया। उसकी राष्ट्रपति भवन से छुट्टी कर दी गई। बैठकों में अक्सर बाधा डालते हैं कुत्ते राष्ट्रपति मिशेल और उनकी पत्नी के पास दो कुत्ते हैं-पिकोली और थोर। पिकोली को अक्सर मार्सेला के साथ बैठकों में देखा गया है। अक्सर बैठकों में बाधा डालने पर वह चर्चा में रहता है। पहले भी रहीं चर्चा में इस घटना पर एक ब्लॉगर ने लिखा-"मार्सेला के कुत्ते ने आत्महत्या करने की कोशिश की। वह मिशेल के साथ नहीं रह पाया।" हालांकि सोशल मीडिया ने उनकी इस बहादुरी का भी मजाक बनाया। गौरतलब है कि उम्र में 43 साल बड़े राष्ट्रपति मिशेल टेमर से विवाह करने पर भी मार्सेला सोशल मीडिया पर निशाने पर आई थीं।

ब्राजील की प्रथम महिला मार्सेला टेमर अपने पालतू कुत्ते को बचाने के लिए झील में कूद गईं। यह झील राष्ट्रपति निवास के परिसर में ही हैं। कुत्ते को झील में डूबते देख मार्सेला तुरंत पानी में कूद गईं। 34 वर्षीय मार्सेला बगीचे में टहल रही थीं। तभी उनका पालतू कुत्ता …

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मोदी-जिनपिंग मुलाक़ात का असर: सीमा पर चीन के सैनिकों की घुसपैठ में आई कमी

पिछले महीने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का असर अब भारत-चीन सरहद पर देखने को मिलने लगा है. सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं की मुलाकात के बाद भारत-चीन सीमा पर चीनी सुरक्षा बलों की घुसपैठ में कमी आई है. सुरक्षा महकमे के सूत्रों के मुताबिक चीन की तरफ से घुसपैठ की कोशिश के बाद भारतीय सुरक्षा बलों के साथ भारत-चीन सीमा पर तनाव बहुत ज्यादा देखने को मिलता था, वह अब नहीं दिख रहा है. सूत्रों का कहना है कि भारत और चीन दोनों देशों के सुरक्षाबलों ने सीमा पर अपनी गश्ती को काफी कम कर दिया है. यानी भारत और चीन की तरफ से जो लॉन्ग रेंज पेट्रोलिंग (एलआरपी) या फिर शार्ट रेंज पेट्रोलिंग (एसआरपी) होती थी, उनकी संख्या में काफी कमी आई है. मुलाकात से पहले की स्थिति पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात से पहले चीन की भारत-चीन सरहद और डोकलाम में घुसपैठ काफी तेज थी, लेकिन अब इसमें कमी आई है. चीनी घुसपैठ को लेकर जो दस्तावेज 'आजतक' के पास मौजूद हैं उससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले इस साल कई बार भारत की सरहद में घुसपैठ की गई. आंकड़े बताते हैं कि चीन ने पिछले महीने में भी भारतीय सरहद में ताबड़तोड़ घुसपैठ की थी. चीन ने लद्दाख के ट्रिक हाईटेक इलाके में 4 और 7 अप्रैल को दो बार घुसपैठ की कोशिश की. इसमें चीनी सैनिक करीब 5 से 7 किलोमीटर अंदर भारतीय क्षेत्र में घुस आए थे. 11 और 13 अप्रैल को उत्तरी लद्दाख के दीक्षांत एरिया में चीन ने घुसपैठ की जिसमें चीन 19 किलोमीटर अंदर तक भारतीय सीमा क्षेत्र में घुस आया था. आंकड़ों के मुताबिक चीनी सैनिक जीमने पेंगोंग लेक के इलाके में भी पिछले महीने यानी 6 और 8 अप्रैल को डेढ़ किलोमीटर से लेकर साढ़े 5 किलोमीटर तक गाड़ी के जरिए भारतीय क्षेत्र में घुस आए थे. अरुणाचल का इलाका भी चीनी सैनिकों से पिछले महीने अछूता नहीं रहा. अरुणाचल के बिछु में चीन ने 8 अप्रैल को घुसपैठ की. हालांकि भारतीय सुरक्षा बलों के विरोध के बाद यह चीनी सैनिक वापस चले गए थे. प्रधानमंत्री मोदी चीन की यात्रा के बाद घुसपैठ की घटनाओं में बहुत हद तक लगाम लगी है. जबकि पीएम की यात्रा से पहले लगभग 30 दिनों में चीन ने भारतीय सीमा के अलग-अलग इलाकों में करीब 35 बार घुसपैठ की. हालांकि भारतीय सुरक्षा बलों के विरोध के बाद चीनी सैनिक वापस लौट गए थे. हवाई क्षेत्र का किया उल्लंघन चीन ने मार्च में उत्तरी लद्दाख के ट्रिग हाईट में ताबड़तोड़ घुसपैठ की. 18 मार्च, 21 मार्च, 24 मार्च और 30 मार्च को दो बार 8 किलोमीटर अंदर तक चीनी सैनिक घुस आए थे. रिपोर्ट के मुताबिक़ लद्दाख के ट्रैक जंक्शन में सुबह 8.30 बजे 2 चीनी हेलीकॉप्टर ने घुसपैठ किया. चीन ने हेलीकॉप्टर से घुसपैठ कर भारत के एयरस्पेस का उल्लंघन किया, जिस पर भारतीय सुरक्षा बलों ने अपना विरोध दर्ज कराया था. रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना के जवान 29 और 30 मार्च को अरुणाचल प्रदेश के असफिला इलाके में 4 किलोमीटर अंदर तक दाखिल हो गए थे. 22 मार्च को अरुणाचल के डिचु में 6.10 बजे चीनी सैनिक 250 मीटर भारतीय सीमा में दाखिल हुए. सुरक्षा बलों से कहा-सुनी के बाद चीनी सैनिक वापस लौटे. इसी तरीके से 28 मार्च को लद्दाख के डेसपांग इलाके में 19 किलोमीटर तक भारतीय सीमा में दाखिल होने के बाद चीनी सैनिक वापस चले गए थे. चीनी सेना के हेलीकॉप्टर तीन बार भारतीय हवाई सीमा में दाखिल हुए थे. रिपोर्ट के मुताबिक 21 मार्च को चीनी सेना के 4 हेलीकॉप्टर लद्दाख के ट्रिग हाईट और डेसपांग इलाके में देखे गए. लद्दाख का ट्रिग हाईट और डेपसांग का इलाका भारत के लिए रणनीतिक महत्व की जगह है. इसलिए चीन यहां दबाव बनाने की कोशिश में रहता है. इसी इलाके में भारत का महत्वपूर्ण दौलत बेग ओल्डी एयरफील्ड है जिस पर चीन घुसपैठ के जरिये नज़र रखने की फिराक में रहता है. बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी की चीन के साथ हुई सौहार्द्रपूर्ण बातचीत का नतीजा ये है कि पिछले 10 दिनों में चीन की सेना की घुसपैठ में कमी आई है.

पिछले महीने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का असर अब भारत-चीन सरहद पर देखने को मिलने लगा है. सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं की मुलाकात के बाद भारत-चीन सीमा पर चीनी सुरक्षा बलों की घुसपैठ में कमी आई है. सुरक्षा महकमे के …

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सीरिया में नई जंग, इजरायल ने ईरान के दर्जनों ठिकाने ध्वस्त किए

दुनिया की बड़ी शक्तियों के बीच जंग का मैदान बन चुके सीरिया में इजरायल और सीरिया आमने-सामने आ गए हैं. इजरायल की सेना ने कहा कि उसने रात भर सीरिया में ईरान के सैन्य ठिकानों पर कई हमले किए. इससे पहले उसने अपनी सेनाओं पर रॉकेट और मिसाइल दागने के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था. इस घटना से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है. इजरायल सेना के प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने खुफिया, साजो-सामान, भंडार गृह और वाहनों को निशाना बनाया है. हाल के सालों में ईरान के ठिकानों के खिलाफ यह इजरायली सेना का सबसे बड़ा अभियान है. इजरायल ने सीरिया के सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया है. नेतन्याहू सरकार का दावा है कि इजरायल अधिकृत गोलन हाइट्स में सीरिया से सटी सीमा पर उसके सैन्य ठिकानों पर अटैक किया गया, जिसमें 20 रॉकेट और मिसाइल दागे गए. सीरिया ने लगाया हमले का आरोप सीरिया का दावा है कि राजधानी दमिश्क के पास इजरायल ने अटैक किया है. सीरिया की सरकारी मीडिया का दावा है कि दमिश्क की बाहरी सीमा पर हुए एक इजरायली हवाई हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है. इसमें असद समर्थक गैर-सीरियाई लड़ाकों सहित आठ ईरानी नागरिक शामिल हैं. सीरिया ने 2 मिसाइलें ध्वस्त की सीरिया की सेना ने दमिश्क के निकट एक जिले पर दागी गई दो इजरायली मिसाइलों को मार गिराने का दावा किया है. सरकारी एजेंसी के मुताबिक, 'इजरायल की ओर से किस्सवेह जिले पर दागी गई दो मिसाइलों को विमान रोधी सुरक्षा सिस्टम से मार गिराया गया है.' नेतन्याहू ने क्या कहा बुधवार को रूस जाने से पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि सीरिया में वर्तमान में जो हो रहा है, उसके मद्देनजर रूसी सेना व आईडीएफ (इजरायल डिफेंस फोर्सेज) के बीच समन्वय सुनिश्चित करना जरूरी है. उन्होंने कहा, 'इजरायल ने बार-बार दोहराया है और फिर से कहता है कि वह ईरान के सीरिया में बढ़ते प्रभाव को 'खतरा' मानता है और वह ईरान को सीरिया में प्रवेश की इजाजत नहीं देगा. इजरायली नेता ने रूस से ईरान की सीरिया में मौजूदगी रोकने को कहा है, जहां रूसी व ईरानी सेनाएं बशर अल-असद के शासन का समर्थन कर रही हैं. बता दें कि सीरिया में विद्रोहियों के खिलाफ असद सरकार 2011 से हमले कर रही है. रूस और ईरान सीधे तौर पर असद सरकार का साथ दे रहे हैं. वहीं, अप्रैल में सीरिया में कथित केमिकल अटैक के जवाब में अमेरिका ने अपने सहयोगी देशों ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर बड़ी कार्रवाई की. अब सीरिया में मौजूद ईरान के ठिकानों को इजरायल ध्वस्त करने की कार्रवाई कर रहा है.

दुनिया की बड़ी शक्तियों के बीच जंग का मैदान बन चुके सीरिया में इजरायल और सीरिया आमने-सामने आ गए हैं. इजरायल की सेना ने कहा कि उसने रात भर सीरिया में ईरान के सैन्य ठिकानों पर कई हमले किए. इससे पहले उसने अपनी सेनाओं पर रॉकेट और मिसाइल दागने के …

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सऊदीअरब ने मिसाइल हमले के लिए ईरान को ठहराया जिम्मेदार

यहाँ की वायु रक्षा प्रणाली ने राजधानी रियाद में दो बैलिस्टिक मिसाइलें पकड़ीं और उन्हें उसके बाद नष्ट किया गया. सऊदी की अगुवाई वाले गठबंधन के प्रवक्ता ने बताया कि सऊदी की वायु रक्षा प्रणाली ने उससे कुछ घंटे पहले भी एक बैलेस्टिक मिसाइल को अपनी हिरासत में लिया था. बता दें कि जिसे यमन से सऊदी अरब के जीजान शहर पर दागा गया था. गौरतलब है कि इससे पहले 20 अप्रैल को सउदी रक्षा बलों ने यमन की ओर से दागी गयी एक बैलिस्टिक मिसाइल को बीच में ही रोक दिया था . बताते है कि हूती मिलिशिया ने जीजान शहर को निशाना बनाकर यह मिसाइल दागी थी. सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन में लड़ रहे विद्रोहियों ने बताया कि सऊदी अरब की वायुसेना ने दक्षिणी तटीय शहर जीजान में यमन के विद्रोहियों की ओर से दागी एक ‘‘ बैलिस्टिक मिसाइल ’’ को बीच में ही रोक दिया है. यहाँ के कर्नल तुर्की अल मलिकी ने इस हमले के लिए यमन में ‘ईरान समर्थित हुती’ विद्रोहियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. सऊदी अरब अपने क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी ईरान पर हुथियों को बैलिस्टिक मिसाइलें प्रदान करने का आरोप लगाता रहा है. यह नया हमला ऐसे समय में किया गया है जब महज एक दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान परमाणु करार से अमेरिका के हटने की घोषणा की थी.

यहाँ की वायु रक्षा प्रणाली ने राजधानी रियाद में दो बैलिस्टिक मिसाइलें पकड़ीं और उन्हें उसके बाद नष्ट किया गया.  सऊदी की अगुवाई वाले गठबंधन के प्रवक्ता ने बताया कि सऊदी की वायु रक्षा प्रणाली ने उससे कुछ घंटे पहले भी एक बैलेस्टिक मिसाइल को अपनी हिरासत में लिया था. …

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पाकिस्तान की हरकतों से अमेरिका की जाँच एजेंसी परेशान

यहाँ पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से सीआईए निदेशक पद के लिए चुनी गई जिना हास्पेल का कहना है कि सीआईए आतंकवादी समूहों और पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिकों के बीच संभावित सामंजस्य को लेकर वे काफी चिंतित है और आगे भी रहेंगी. गौरतलब है कि सीनेट के समक्ष अपनी नियुक्ति की पुष्टि की सुनवायी के दौरान जिना ने यह इस तरह का बयान दिया. साथ ही मिली एक जानकारी के अनुसार जिना ने सुनवायी के दौरान खुद को प्रताड़ना कार्यक्रम के खिलाफ बताया और कहा कि उनकी समझ और मजबूत नैतिकता उन्हें अपने राष्ट्रपति के ऐसे किसी भी आदेश का पालन करने से रोकेगी जो उन्हें अपनी नज़र में आपत्तिजनक लगेगा. यहाँ पर सुनवायी के दौरान जिना ने कहा कि उनके नेतृत्व में सीआईए उस विवादित हिरासत एवं पूछताछ कार्यक्रम को फिर से शुरू नहीं करेगा, जिसके तहत 9/11 हमले के बाद ‘ब्लैक साइटों’ पर कार्रवाई की गई थी. यहाँ पर जिना हास्पेल ने कहा, ‘‘आतंकवादी समूहों और पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिकों के बीच संभावित संबंधों को लेकर गंभीर चिंता है और हम इस पर करीब से नजर रखेंगे.’’ जानकारी के अनुसार सीनेट अगर हास्पेल की नियुक्ति की पुष्टि कर देता है तो वह सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी की पहली महिला निदेशक भी होंगी.

यहाँ पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से सीआईए निदेशक पद के लिए चुनी गई  जिना हास्पेल का कहना है कि सीआईए आतंकवादी समूहों और पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिकों के बीच संभावित सामंजस्य को लेकर वे काफी चिंतित है और आगे भी रहेंगी. गौरतलब है कि सीनेट के समक्ष अपनी …

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एक साथ नहीं हो सकते लोकसभा-विधानसभा चुनाव : अमित शाह

इस समय भारतीय राजनीति का पूरा ध्यान कर्नाटक चुनाव पर केंद्रित है. वहीं इसी के बीच अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई है. सत्ता दल भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ नहीं हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि सभी दलों की सहमति के बिना एक साथ चुनाव आयोजित कराना संभव नहीं हैं. अमित शाह ने इसके लिए देश के सभी राजनीतिक दलों से समर्थन की बात कही हैं. लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर पहले चर्चा थी कि यह एक साथ हो सकते है, लेकिन भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस बात को सिरे से ख़ारिज कर दिया हैं. हालांकि अमित शाह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने एक साथ चुनाव कराए जाने का विचार देश के सामने रखा है और इस पर चर्चा की बात कही है. शाह ने आगे कहा कि इस फैसले को चुनाव आयोग ने भी सुना है, इस मामले में सहमति बनने के बाद इसे आगे बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने माना कि सभी दल एक साथ मिलकर आते हैं, तो यह कल ही लागू हो सकता हैं. अमित शाह ने पत्रकारों से कर्नाटक चुनाव को लेकर भी बात कही. उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि कर्नाटक में इस बार भाजपा सरकार बनाएंगी. बता दे कि कर्नाटक चुनाव में अब काफी कम समय बचा हुआ हैं, आगामी 12 मई को कर्नाटक में चुनाव होने है. और इसके बाद 15 मई को चुनाव के नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे.

इस समय भारतीय राजनीति का पूरा ध्यान कर्नाटक चुनाव पर केंद्रित है. वहीं इसी के बीच अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई है. सत्ता दल भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ नहीं हो …

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बीजेपी-जेडीएस की यारी, कांग्रेस के खिलाफ तैयारी

कर्नाटक में JD(S) के दिग्गज नेता एचडी देवगौड़ा के करीब जाने की कोशिश करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेडीएस चीफ की काफी तारीफ की थी और बताया था कि वह उनका काफी सम्मान करते हैं. मगर बदले में, गौड़ा ने कहा कि मोदी भाषण देने की कला में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से ज्यादा तेज हैं. इसका मतलब साफ नहीं है या यु कहे की ये सिर्फ कांग्रेस को भ्रम में रखने के लिए दिया गया भाषण मात्र भी हो सकता है. फिर पीएम मोदी ने जेडीएस की तीखी आलोचना की और दावा किया कि पार्टी का कांग्रेस के साथ 'गुप्त समझौता' है. गौड़ा ने जोर देकर कहा कि निजी रिश्ते प्रधानमंत्री के साथ उनके राजनीतिक मतभेदों को कम नहीं कर सकते हैं. दोनों पार्टियों को पता है कि वे एक दूसरे को हटा नहीं सकते हैं. अब गणित को देखे तो बीजेपी को कर्नाटक में 20% से कम वोट मिलते रहे है वही JD(S) का कब्ज़ा 40% से ज्यादा वोटरों पर है. 2013 में कांग्रेस का 45.8% सीट शेयर था. इस गणित से साफ है कि बीजेपी JD(S) से हाथ मिलाने में कामयाबी हासिल कर लेती है तो कर्नाटक में कॉग्रेस के लिए मुश्किलें तय है. क्योकि मोदी फैक्टर और कांग्रेस की हालिया नाकामयाबियां भी बीजेपी की मददगार साबित हो रही है.

कर्नाटक में JD(S) के दिग्गज नेता एचडी देवगौड़ा के करीब जाने की कोशिश करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेडीएस चीफ की काफी तारीफ की थी और बताया था कि वह उनका काफी सम्मान करते हैं. मगर बदले में, गौड़ा ने कहा कि मोदी भाषण देने की कला में बीजेपी के …

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