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घर पर बनाएं होटल जैसी चिली फिश

आज हम आपके लिए लाये है एक ऐसी नॉनवेज रेसिपी जिसको बनाने में समय भी काम लगे और जो आप घर पर भी होटल जैसा टेस्ट दें. सामग्री : अदरक - 5 ग्राम सेम की फली - 2-3 सोया सॉस - 2 TBSP मटर - 1/2 कप (थोड़ी उबली) पुदीना - 2 TBSP मछली -150 ग्राम ऑलिव ऑयल - 1 TSP प्याज़ - 1 कटोरी (फ्राइड) नमक -स्वादानुसार नींबू का रस - 2 TSP काली मिर्च पाउडर - 1 TSP ब्रॉक्ली - 2 टुकड़े विधि : सबसे पहले एक नॉनस्टिक ग्रिल पैन में ऑलिव ऑयल डालकर अच्छे से सब जगह लगा दीजिये जिससे ग्रिल करते समय मछली के टुकड़े जाली से चिपके नहीं . अब मछली के धोकर साफ़ कर लीजिये और इन टुकड़े को ऑलिव ऑयल लगी ग्रिल पैन में दोनों तरफ से 3 मिनट तक ग्रिल करें और चेक करले की अच्छे से ग्रिल हुआ है की नहीं . ग्रिल होने के बाद मछली के पीसेज को अलग रख दीजिये . एक फ्राइंग पैन में सेम की फली,अदरक,सोया सॉस,पुदीना,मटर,कालीमिर्च,ब्रोकली को डालकर थोड़ी देर चलते हुए पकाएं. जब सॉस गाढ़ा हो जाए, तब इसे ग्रिल की हुई फिश पर डालकर पकाएं. अब नींबू का रस डालकर फ्राइड अनियन से सजाकर सर्व करें.

आज हम आपके लिए लाये है एक ऐसी नॉनवेज रेसिपी जिसको बनाने में समय भी काम लगे और जो आप घर पर भी होटल जैसा टेस्ट दें. सामग्री : अदरक – 5 ग्राम सेम की फली – 2-3 सोया सॉस – 2 TBSP  मटर – 1/2 कप (थोड़ी उबली)   पुदीना …

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गर्भावस्था में भूलकर भी ना करें इन चीजों का सेवन

जब एक महिला गर्भवती होती है तो डॉक्टर से लेकर घर के बड़े बुजुर्ग भी उसे यही सलाह देते हैं, कि वह पौष्टिक आहार का सेवन करें. जिससे मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें. गर्भावस्था के दौरान अधिकतर महिलाओं का मूड बदलता रहता है. जिसके कारण वह अपनी डाइट पर कंट्रोल नहीं रख पाती हैं. कई महिलाओं की को गर्भावस्था के दौरान चटपटा खाने की इच्छा होती है. जिसके कारण वह कुछ भी चटपटा मसालेदार खा लेती हैं, जिससे मां और बच्चे दोनों की सेहत को नुकसान हो सकता है. आज हम आपको कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें गर्भावस्था में नहीं खाना चाहिए. 1- पारा बहुत ही जहरीला पदार्थ होता है. मछलियों में पारे की भरपूर मात्रा पाई जाती है. जिन मछलियों में पारे की मात्रा अधिक होती है उन मछलियों को गर्भवती महिलाओं को नहीं खाना चाहिए. अधिक पारे वाली मछलियां जैसे- ट्यूना, स्वार्ड फिश आदि होती है. 2- प्रेगनेंसी के दौरान अधिक कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन भी नहीं करना चाहिए. एक रिसर्च के अनुसार अगर आप गर्भावस्था के दौरान दो कप से ज्यादा कैफीन का सेवन करते हैं तो इससे आपको मिसकैरेज की संभावना हो सकती है. 3- कई महिलाओं को प्रेगनेंसी के समय जंक फूड खाने का मन करता है. जंक फूड में मैदा की अधिक मात्रा मौजूद होती है जिससे मां को इंफेक्शन होने का खतरा हो सकता है. जिसके कारण आपको दवाई का सेवन करना पड़ सकता है. प्रेग्नेंसी के समय दवा का सेवन करने से आपके बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है.

जब एक महिला गर्भवती होती है तो डॉक्टर से लेकर घर के बड़े बुजुर्ग भी उसे यही सलाह देते हैं, कि वह पौष्टिक आहार का सेवन करें. जिससे मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें. गर्भावस्था के दौरान अधिकतर महिलाओं का मूड बदलता रहता है. जिसके कारण वह अपनी डाइट पर …

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पायरिया की बीमारी से आराम दिलाते हैं पान के पत्ते

ज़्यादातर लोगों को पान खाना बहुत पसंद होता है. खासकर किसी भी शादी विवाह के अवसर पर लोग पान को विशेष महत्व देते हैं. पान हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. आज हम आपको पान के पत्तों के कुछ सेहत संबंधी फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं. 1- अगर आपको पायरिया की समस्या है, तो पान के पत्ते में कपूर डालकर चबाएं. नियमित रूप से ऐसा करने से पायरिया की बीमारी ठीक हो जाती है. 2- सर्दी खांसी की समस्या में पान के पत्ते में थोड़ी सी अजवाइन डालकर खाने से सर्दी खांसी की समस्या ठीक हो जाती है. 3- किडनी के लिए पान के पत्तों का सेवन बहुत फायदेमंद होता है. अगर आपको किडनी से जुड़ी कोई समस्या है तो नियमित रूप से पान के पत्तों का सेवन करें. 4- कभी-कभी किचन में काम करते समय महिलाओं का कोई अंग जल जाता है. ऐसे में जले हुए स्थान पर पान का पत्ता बांधने से जलने का असर कम हो जाता है और ज़ख्म भी बहुत जल्दी भर जाता है.

ज़्यादातर लोगों को पान खाना बहुत पसंद होता है. खासकर किसी भी शादी विवाह के अवसर पर लोग पान को विशेष महत्व देते हैं. पान हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. आज हम आपको पान के पत्तों के कुछ सेहत संबंधी फायदों के बारे में बताने जा रहे …

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अश्वगंधा की पैदावार और जीवन को बढ़ाने के लिए एक नयी खोज

अश्वगंधा को अंग्रेजी में भारतीय जिनसेंग (indian ginseng) कहा जाता है और इसको घोड़े की गन्द के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसके पेड़ कि जड़ में से घोड़ो के पसीने जैसी गन्द आती है. अश्वगंधा को एक टॉनिक कहा जाता है, क्योंकि यह शारीरिक क्षमता और आरोग्य वृद्धि करने में सहायक होता है. भारत में औषधि के रूप में इसका उपयोग प्राचीन समय से किया जा रहा है . अश्वगंधा कद बढ़ाने के लिए भी किया जाता है. अश्वगंधा की पैदावार की प्रमुख बाधाओं में उसके बीजों की निम्न जीवन क्षमता और कम प्रतिशत में अंकुरण के साथ-साथ अंकुरित पौधों का कम समय तक जीवित रह पाना शामिल है.इसके जीवन को बढ़ाने के लिए किये गए रिसर्च में कुछ तथ्य पाया गया है. एक ताजा अध्ययन में पाया है कि जैविक तरीके से उत्पादन किया जाए तो अश्वगंधा के पौधे की जीवन दर और उसके औषधीय गुणों में बढ़ोत्तरी हो सकती है. सामान्य परिस्थितियों में उगाए गए अश्वगंधा की अपेक्षा वर्मी-कम्पोस्ट से उपचारित अश्वगंधा की पत्तियों में विथेफैरिन-ए, विथेनोलाइड-ए और विथेनोन नामक तीन विथेनोलाइड्स जैव-रसायनों की मात्रा लगभग 50 से 80 प्रतिशत अधिक पायी गई है. ये जैव-रसायन अश्वगंधा के गुणों में बढ़ोत्तरी के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं.

अश्वगंधा को अंग्रेजी में भारतीय जिनसेंग (indian ginseng) कहा जाता है और इसको घोड़े की गन्द के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसके पेड़ कि जड़ में से घोड़ो के पसीने जैसी गन्द आती है. अश्वगंधा को एक टॉनिक कहा जाता है, क्योंकि यह शारीरिक क्षमता और आरोग्य …

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शरीर में विटामिन डी की कमी को कैसे पूरा करें

आजकल लोग धूप में कम और अंदर रहना ज्यादा पसंद करते हैं, इससे मानव शरीर में विटामिन डी की कमी होती है और कई बीमारियों का खतरा बढ़ता है. क्या आप जानते है कि किसी भी सेहतमंद इंसान के लिए विटामिन डी का लेवल 50 नैनोग्राम/मिलीग्राम होना चाहिए. ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं होती कि जिस तरह से शरीर में रोजाना विटामिन, प्रोटीन की खुराक जरूरी है, उसी तरह से विटामिन डी की भी खुराक जरूरी है. एक सेहतमंद इंसान के शरीर में विटामिन डी का लेवल 20 से 50 नैनोग्राम/मिलीग्राम के बीच होता है. चिकित्सको के अनुसार 50 को भी अच्छा लेवल माना जाता है पर अगर लेवल 25 से कम है तो चिकित्सक की सलाह लें और विटामिन डी की खुराक लें. शरीर में विटामिन डी की कमी को अगर आप घरेलु नुस्खों के द्वारा दूर करना चाहे तो इसके लिए आपको तिल का तेल शरीर में लगाकर रोजाना 20 मिनट तक धूप में बैठें. जब तेल शरीर के अंदर जायेगा तो उसका कोलेस्ट्राल विटामिन डी में कन्वर्ट होगा जिससे शरीर में विटामिन डी का स्तर बढ़ता है. यदि शरीर में विटामिन डी का लेवल बहुत ज्यादा हो तो भी वह बहुत खतरनाक हो सकता है.आजकल लोग धूप में कम और अंदर रहना ज्यादा पसंद करते हैं, इससे मानव शरीर में विटामिन डी की कमी होती है और कई बीमारियों का खतरा बढ़ता है. क्या आप जानते है कि किसी भी सेहतमंद इंसान के लिए विटामिन डी का लेवल 50 नैनोग्राम/मिलीग्राम होना चाहिए. ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं होती कि जिस तरह से शरीर में रोजाना विटामिन, प्रोटीन की खुराक जरूरी है, उसी तरह से विटामिन डी की भी खुराक जरूरी है. एक सेहतमंद इंसान के शरीर में विटामिन डी का लेवल 20 से 50 नैनोग्राम/मिलीग्राम के बीच होता है. चिकित्सको के अनुसार 50 को भी अच्छा लेवल माना जाता है पर अगर लेवल 25 से कम है तो चिकित्सक की सलाह लें और विटामिन डी की खुराक लें. शरीर में विटामिन डी की कमी को अगर आप घरेलु नुस्खों के द्वारा दूर करना चाहे तो इसके लिए आपको तिल का तेल शरीर में लगाकर रोजाना 20 मिनट तक धूप में बैठें. जब तेल शरीर के अंदर जायेगा तो उसका कोलेस्ट्राल विटामिन डी में कन्वर्ट होगा जिससे शरीर में विटामिन डी का स्तर बढ़ता है. यदि शरीर में विटामिन डी का लेवल बहुत ज्यादा हो तो भी वह बहुत खतरनाक हो सकता है.

आजकल लोग धूप में कम और अंदर रहना ज्यादा पसंद करते हैं, इससे मानव शरीर में विटामिन डी की कमी होती है और कई बीमारियों का खतरा बढ़ता है. क्या आप जानते है कि किसी भी सेहतमंद इंसान के लिए विटामिन डी का लेवल 50 नैनोग्राम/मिलीग्राम होना चाहिए. ज्यादातर लोगों …

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शरीर में विटामिन डी के बढ़ने से होते है यह दुष्परिणाम

गर्मी के दिन में बाहर जाने पर सूर्य की किरणों से मिलने वाले विटामिन डी के कारण हमारे शरीर में विटामिन डी का स्तर बढ़ जाता है जिसके दुष्परिणाम के तौर पर इंसान को कई शारीरिक और कभी कभी मानसिक बीमारियों से भी जूझना पड़ सकता हैं.ऐसा देखा गया हैं कि महिलाओ के शरीर में विटामिन डी की मात्रा बढ़ने से उनमे उदासी के साथ तनाव के लक्षण भी देखने को मिलते हैं. विटामिन डी की अधिकता से शरीर की इम्युनिटी कम होने लगती है,हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं,आंत में सूजन और घाव होने के चांस बढ़ जाते हैं,कमर और शरीर के निचले हिस्सों में दर्द रहता हैं, ब्लड प्रेशर बढ़ने,समय से पहले वृद्ध दिखाई देने,मसूड़ों संबंधी बीमारियां,वायरल इंफेक्शन होने के चांस और आंत की पाचन क्षमता भी कमजोर होने जैसी कई घातक बीमारियों का खतरा बढ़ता है. डॉक्टरों के अनुसार 50 नैनोग्राम/मिली अच्छा विटामिन डी स्तर माना जाता है पर अगर शरीर में विटामिन डी का स्तर 800-900 नैनोग्राम/मिली तक पहुंच जाता हैं तो ऐसे में किडनी फंक्शन से लेकर मेटाबॉलिज्म तक पर असर पड़ सकता है. वैसे तो बहुत ही कम मामलों में विटामिन डी इस लेवल तक जा पाता है. यदि दिनभर थकान या शरीर में दर्द रहता तो डाक्टर से विटामिन डी की जांच करवाएं.

गर्मी के दिन में बाहर जाने पर सूर्य की किरणों से मिलने वाले विटामिन डी के कारण हमारे शरीर में विटामिन डी का स्तर बढ़ जाता है  जिसके दुष्परिणाम के तौर पर इंसान को कई शारीरिक और कभी कभी मानसिक बीमारियों से भी जूझना पड़ सकता हैं.ऐसा देखा गया हैं …

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दिल्ली: स्कूल वाहन से भिड़ा टैंकर, 12 मासूम हुए घायल

राजधानी दिल्ली से एक भयानक हादसा सामने आया है, जहाँ के कन्हैया नगर इलाके में आज एक स्कूल वैन और दूध के टैंकर में जबरदस्त भिड़ंत हो गई, जिसमे करीब 12 बच्चे घायल हो गए , जिसमे से 4 गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं, पुलिस मामले की सुचना मिलते ही घटना स्थल पर पहुँच चुकी है, घायल मासूमों को अस्पताल ले जाया जा रहा है, साथ ही दोनों वाहन चालकों से पूछताछ की जा रही है. इस वैन में केंद्रीय विद्यालय समेत दो स्कूल के बच्चे इस वैन में थे. बताया जा रहा है कि ये हादसा यू टर्न लेते वक्त हुआ. वैन में क्षमता से अधिक बच्चे मौजूद थे. आपको बता दें कि आज की सुबह मासूमों के लिए बड़ी दर्दनाक रही, इससे पहले यूपी के कुशीनगर में एक स्कूल वैन, ड्राइवर की लापरवाही से ट्रेन की चपेट में आ गई, जिसमे 13 मासूमों की दर्दनाक मौत हो गई और 8 अन्य घायल हो गए. इस हादसे पर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने दुख व्‍यक्‍त किया है. उन्‍होंने प्रशासन को राहत व बचाव कार्य में जुटने का निर्देश दिया है. सीएम ने मृतकों और घायल बच्‍चों के परिजनों 2-2 लाख रुपए की आर्थ‍िक मदद की घोषणा की है. साथ ही गोरखपुर के कमिश्‍नर को इस हादसे के जांच के आदेश दिए हैं.

राजधानी दिल्ली से एक भयानक हादसा सामने आया है, जहाँ के कन्हैया नगर इलाके में आज एक स्कूल वैन और दूध के टैंकर में जबरदस्त भिड़ंत हो गई, जिसमे  करीब 12 बच्चे घायल हो गए , जिसमे से 4 गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं, पुलिस मामले की …

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एक देश एक चुनाव: क्या संविधान में है इज़ाज़त ?

नई दिल्ली: 'एक देश एक चुनाव' के मुद्दे पर केंद्र सरकार की पहल के बाद अब लॉ कमीशन ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस मिशन पर काम करना शुरू कर दिया है. विधि आयोग द्वारा इस मुद्दे पर सारी कानूनी और संवैधानिक संभावनाओं की तलाश की जा रही है. सूत्रों के अनुसार विधि आयोग इस मुद्दे पर एक लिस्ट तैयार करके विशेषज्ञों के साथ विचार विमर्श कर रही है. दरअसल, इस मिशन को साकार करना इतना आसान नहीं है क्योंकि इसके लिए संविधान के कुछ प्रावधानों में भी बदलाव करना होगा. इसमें आर्टिकल 83, आर्टिकल 85, आर्टिकल 172, आर्टिकल 174, आर्टिकल 356 और दसवां शेड्यूल में बदलाव करना होगा. इसके अलावा 1951 के रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट में भी बदलाव करना होगा. और इन प्रावधानों में बदलाव करना आसान इसलिए नहीं है क्योंकि 1973 में केशवानंद बनाम भारती केस में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संविधान में बदलाव नहीं किया जा सकता. अब लॉ कमीशन को इन दोनों मुद्दों के बीच सामंजस्य बिठाकर रास्ता निकलना है, क्योंकि एक साथ चुनाव कराने के फायदे तो हैं ही, जैसे समय की बर्बादी रुकेगी, बार-बार चुनाव होने पर लगने वाले खर्च पर अंकुश लगेगा.सूत्रों ने बताया है कि एक साथ चुनाव कराने पर लगभग 10000 करोड़ का खर्च आएगा, जो अलग-अलग चुनाव कराने के खर्च से काफी कम है. लेकिन इस नियम को लागू करने के लिए विधि आयोग को संविधान के प्रावधानों में बदलाव करना होगा, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट आड़े आएगा.

 ‘एक देश एक चुनाव’ के मुद्दे पर केंद्र सरकार की पहल के बाद अब लॉ कमीशन ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस मिशन पर काम करना शुरू कर दिया है. विधि आयोग द्वारा इस मुद्दे पर सारी कानूनी और संवैधानिक संभावनाओं की तलाश की जा रही है. सूत्रों के …

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भारत के कारोबारी घूसखोरी से परेशान – एक रिपोर्ट

नई दिल्ली: भारत में हुए एक सर्वे में देश में चल रही घूसखोरी का पर्दाफाश हुआ है, वैश्व‍िक संस्था EY के सर्वे में कारोबारियों ने कहा है कि देश में कारोबार करने के लिए घूस देना अनिवार्य हो गया है, अगर आप रिश्वत नहीं देते तो आप कारोबार नहीं कर पाएंगे. वहीं कुछ लोगों ने यह भी कहा है कि पहले की अपेक्षा रिश्वतखोरी में कमी आई है. वैश्व‍िक संस्था EY द्वारा किए गए इस सर्वे में लगभग 50 कॉर्पोरेट लेवल के लोग शामिल हुए, इनमे से 20 कारोबारियों ने माना की देश में बड़े स्तर पर घूसखोरी होती है. वहीं कुछ लोगों ने कहा है कि जो घूसखोरी 2012 में घूसखोरी का प्रतिशत 70 था, लेकिन 2017 में यह घटकर 40 प्रतिशत रह गया है. 55 देशों में किए गए इस सर्वे में 2550 लोगों से भ्रष्टाचार सम्बन्धी सवाल पूछे गए, इस सर्वे में शामिल होने वाले ज्यादातर कंपनी में अहम भूमिका निभाने वाले और महत्वपूर्ण पदों पर काबिज लोग शामिल थे. यह सर्वे 2017-2018 के बीच किया गया. भारत में जिन कंपनियों का सर्वे किया गया है, इसमें 7 ऐसी कंपनियां हैं, जो 1 से 5 अरब डॉलर की वैल्यू वाली हैं. 18 ऐसी कंपनियां शामिल थीं, जिनकी वैल्यू 50 करोड़ से 99.9 करोड़ रुपये तक थी. 16 कंपनियां की वैल्यू 10 करोड़ से 49.9 करोड़ और 9 ऐसी कंपनियां शामिल थीं, जिनकी वैल्यू 9.9 करोड़ से कम थी. रिपोर्ट के अनुसार 44 फीसदी भारतीय कारोबारियों ने माना कि उन्हें नगद, मनोरंजन और पर्सनल गिफ्ट के तौर पर कुछ न कुछ देना पड़ता है.

 भारत में हुए एक सर्वे में देश में चल रही घूसखोरी का पर्दाफाश हुआ है, वैश्व‍िक संस्था EY के सर्वे में कारोबारियों ने कहा है कि देश में कारोबार करने के लिए घूस देना अनिवार्य हो गया है, अगर आप रिश्वत नहीं देते तो आप कारोबार नहीं कर पाएंगे. वहीं …

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कॉमनवेल्थ के पदक विजेताओं को रेलवे ने दिए 25-25 लाख

दिल्लीः रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले रेलवे के खिलाड़ियों को 25-25 लाख, रजत विजेताओं को 20-20 लाख और कांस्य पदक विजेताओं को 15-15 लाख रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया. इस अवसर पर केन्द्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर भी मौजूद थे. आस्ट्रलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के 226 सदस्यीय दल में 48 रेलवे के खिलाड़ी थे. मगर रेलवे ने गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले अपने खिलाड़ियों को बुधवार रात यहां सम्मान समारोह में 25-25 लाख रुपये का नकद पुरस्कार देकर सम्मानित करने के बाद खिलाड़ियों की मुसीबतें बढ़ गई है. भारत सरकार ने अब खिलाड़ियों के सम्मान समारोह के पूर्व यह कहा था कि सरकार द्वारा दी जा रही राशि में से रेलवे दवारा दी जा रही राशि को कटा जायेगा जिसपर खिलाड़ियों से ने समारोह का बहिष्कार कर दिया था. अब सरकार का सम्मान समारोह स्थगित कर दिया गया है. भारत ने इन खेलों में 26 स्वर्ण, 20 रजत और 20 कांस्य सहित कुल 66 पदक जीतकर अपना तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. रेलवे के खिलाड़ियों ने इनमें से 10 स्वर्ण, एक रजत और चार कांस्य पदक जीते. सम्मानित होने वाले खिलाड़ियों में पहलवान सुशील कुमार, बजरंग, विनेश फोगाट, सुमित, किरण, सतीश, प्रदीप, पूनम, संजीता, मीराबाई, राहुल, नवजीतकौर और मनोज कुमार शामिल थे.

दिल्लीः रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले रेलवे के खिलाड़ियों को 25-25 लाख, रजत विजेताओं को 20-20 लाख और कांस्य पदक विजेताओं को 15-15 लाख रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया. इस अवसर पर केन्द्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर भी मौजूद थे. आस्ट्रलिया …

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