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कांग्रेस को श्मसान जाने के लिए चार लोग भी नहीं मिलेंगे- केंद्रीय राज्यमंत्री

केंद्रीय राज्यमंत्री अश्वनी चौबे ने मंगलवार को वाराणसी में बोलते हुए राहुल गांधी की तीखी आलोचना की. उन्होंने ने राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा कि वे शेर प्रधानमंत्री के सामने सवा शेर बनने की इच्छा न रखें. अश्वनी चौबे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबी देखी है, राहुल गांधी ने नहीं देखी. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का भाषण तथ्यहीन होता है. संसद में न बोलने देने के आरोप पर केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा, 'लोकसभा में राहुल गांधी गूंगे की तरह बैठे रहते हैं. पार्लियामेंट को चलने नहीं दिया. कांग्रेस की क्या भूमिका रही, सबने देखा है.' दलित के यहां खाने पर कहा कि कांग्रेस की तरह यह शौक नहीं होना चाहिए. उन्होंने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर भी तंज कसा और कहा कि कांग्रेस को श्मसान जाने के लिए चार लोग भी नहीं मिलेंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री दलितों के नाम पर उन्हें बरगलाते नहीं हैं. पीएम के दिल में दलित बंधुओं के लिए स्थान है. उन्होंने कांग्रेस के दलित प्रेम को लेकर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आंबेडकर जी को पहली बार लोकसभा तक भी नहीं जाने दिया. कांग्रेस ने आंबेडकर और दलित समाज को बहुत यातनाएं दी हैं. इतना ही नहीं, दलित नेता जगजीवन बाबू तक को कांग्रेस ने बढ़ने नहीं दिया. उन्होंने कहा कि अब वे (राहुल) शेर प्रधानमंत्री के सामने सवा शेर बनने की इच्छा रख रहे हैं. राहुल सिर्फ वंशवाद को बढ़ाने की राजनीति कर रहे हैं. वे संविधान की बात न करें. कांग्रेस देश को गुमराह करने की कोशिश कर रही है. लेकिन उनके गुमराह करने के झांसे में जनता नहीं आने वाली. 2019 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दो तिहाई बहुमत की सरकार बनने जा रही है.

केंद्रीय राज्यमंत्री अश्वनी चौबे ने मंगलवार को वाराणसी में बोलते हुए राहुल गांधी की तीखी आलोचना की. उन्होंने ने राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा कि वे शेर प्रधानमंत्री के सामने सवा शेर बनने की इच्छा न रखें. अश्वनी चौबे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबी देखी है, …

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खाना खाकर बीजेपी ने फिर खेला दलित कार्ड

लखनऊ :उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दलितों के घर में खाना खा रहे है जो 2019 लोकसभा के चुनाव की तैयारी है. दो उप-चुनाव में मिली हार के बाद योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में यह ऐलान किया था कि सरकार जल्द ही पिछड़ी जातियों और दलितों में आरक्षण के भीतर आरक्षण का प्रावधान कर सकती है. योगी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर के मुताबिक इस बारे में सरकार चुनाव के 6 महीने पहले आखिरी फैसला ले सकती है और इस बात की चर्चा उन्होंने मुख्यमंत्री और अमित शाह दोनों से खुद की है. ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि आरक्षण के भीतर आरक्षण लागू करने के लिए योगी सरकार राजनाथ सिंह के द्वारा जून 2001 में बनाए गए सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को आधार बना सकती है, जिसमें सरकार पिछड़ी जातियों में 'ए' 'बी' और 'सी' तीन सब- कैटेगरी बना सकती है. सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट के मुताबिक पिछड़ों को मिलने वाले 27 फीसदी आरक्षण में करीब 2.3 फीसदी जातियां ही पिछड़ी जातियों का पूरा आरक्षण निगल जाती हैं. ऐसे में पिछड़ा, अति पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा तीन कैटेगरी में आरक्षण को विभाजित किया जाए. 'ए' कैटेगरी में यादव और अहिर सरीखी संपन्न जातियां होंगी जबकि 'बी' कैटेगरी अति पिछड़ी होगी जिसमें कुशवाहा, मौर्य, शाक्य, सैनी जैसी दूसरी जातियां होंगी जबकि अत्यंत पिछड़ी जातियों में मल्लाह, निषाद, बढ़ई, लोहार जैसी जातियां होंगी.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दलितों के घर में खाना खा रहे है जो 2019 लोकसभा के चुनाव की तैयारी है. दो उप-चुनाव में मिली हार के बाद योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में यह ऐलान किया था कि सरकार जल्द ही पिछड़ी जातियों और दलितों में आरक्षण के भीतर …

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ममता बनर्जी शूर्पणखा, नाक काटेंगे मोदी- भाजपा विधायक

नई दिल्ली: उत्‍तर प्रदेश की बैरिया विधानसभा से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ एक बार फिर से उलजुलूल बयान देकर विवाद को जन्म दे दिया है. उन्होंने ममता को शूर्पणखा बताया है. सुरेंद्र सिंह ने ममता पर आरोप लगते हुए कहा है कि पश्चिम बंगाल विभिन्न प्रकार की समस्याओं से जूझ रहा है और मुख्यमंत्री ममता का ध्यान सिर्फ राजनीति पर है, उनको राज्य की जनता की जरा भी फ़िक्र नहीं है. उन्होंने कहा कि बंगाल में सड़कों पर लोग एक-दूसरे को मार रहे हैं, वहां हिन्दू सुरक्षित नहीं हैं, अगर ऐसे ही हालात रहे तो बंगाल को जम्मू-कश्मीर बनने में देर नहीं लगेगी. सुरेंद्र सिंह ने अपने भाषण में कहा कि शूर्पणखा रूपी ममता को सबक सीखने के लिए लक्ष्मण भी मैदान में आ चुका है, नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी शूर्पणखा की नाक काटेगी. जबकि उन्होंने कांग्रेस को शूर्पणखा के भाई रावण की संज्ञा दी . उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के एंटी-नेशनल और आतंकी बंगाल में घुस गए हैं. वो हिंदुओं को प्रताड़ित कर रहे हैं, लेकिन भगवान की कृपा है मोदी जैसे नेता भारत में पैदा हुए हैं. गौरतलब है कि सुरेंद्र सिंह ने पहली बार कोई इस तरह का बयान नहीं दिया है. इससे पहले भी वो विवादित बयान दे चुके हैं. हाल ही में उन्होंने कहा था कि 2019 का लोकसभा चुनाव भगवान बनाम इस्लाम होगा.

उत्‍तर प्रदेश की बैरिया विधानसभा से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ एक बार फिर से उलजुलूल बयान देकर विवाद को जन्म दे दिया है. उन्होंने ममता को शूर्पणखा बताया है. सुरेंद्र सिंह ने ममता पर आरोप लगते हुए कहा है कि पश्चिम …

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सीबीएसई पेपर लीक: 12वीं के 6 लाख विद्यार्थी आज दोबारा देंगे परीक्षा

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के बहुचर्चित पेपर लीक मामले के बाद आज देश भर में कक्षा 12वीं के लगभग 6 लाख सीबीएसई विद्यार्थी इकोनॉमिक्स की दोबारा परीक्षा देंगे. यह परीक्षा देश के 4 हज़ार केंद्रों में आयोजित की जा रही है. इकोनॉमिक्स की परीक्षा 10:30 बजे शुरू होगी और दोपहर 1:30 बजे तक चलेगी. वहीं परीक्षा केंद्र में 10 बजे के बाद छात्रों को एंट्री नहीं दी जाएगी. इसीलिए विद्यार्थियों को हिदायत दी गई है कि वे 9 बजे ही परीक्षा सेण्टर पहुँच जाएं. इस परीक्षा के लिए सीबीएसई ने नया एडमिट कार्ड जारी किया है. गौरतलब है कि इससे पहले सीबीएसई द्वारा इकोनॉमिक्स की परीक्षा 26 मार्च को आयोजित की गई थी, लेकिन पेपर लीक होने के बाद बोर्ड ने दोबारा परीक्षा का एलान किया था, जिसका देश भर में विरोध हुआ था. 12वीं के इकोनॉमिक्स के पेपर के साथ ही 10वीं का गणित का पेपर भी लीक हुआ था. पेपर लीक होने के बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने तुरंत फैसला लेकर कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं के एक-एक पेपर को दोबारा करवाने की घोषणा की थी. किन्तु जनता के भरी विरोध के बाद 10वीं के पेपर पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन 12वीं कक्षा के पेपर दोबारा करने के लिए 25 अप्रैल की दिनांक निर्धारित की गई थी. आपको बता दें कि पेपर लीक होने के बाद एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा में 'इलेक्ट्रॉनिकली कोडेड पेपर एग्जामिनेशन सेंटर्स को भेजा जाएगा. वहीं परीक्षा से आधा घंटे पहले सेंटर्स को इलेक्ट्रॉनिक पेपर भेजा जाएगा. सीबीएसई का पेपर पासवर्ड प्रूफ होगा. सेंटर पर ही प्रिंट आउट निकालकर छात्रों को पेपर बांटा जाएगा.

 केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के बहुचर्चित पेपर लीक मामले के बाद आज देश भर में कक्षा 12वीं के लगभग 6 लाख सीबीएसई विद्यार्थी इकोनॉमिक्स की दोबारा परीक्षा देंगे. यह परीक्षा देश के 4 हज़ार केंद्रों में आयोजित की जा रही है. इकोनॉमिक्स की परीक्षा 10:30 बजे शुरू होगी और …

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ओडिशा में खुलेंगी 115 नई अदालतें

भुवनेश्वर : न्याय प्रक्रिया को और गति देने के लिए ओडिशा में 115 नई अदालतें खोली जाएंगी. इनमें सिविल जज (जूनियर डिवीजन) और ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) की अदालतें शामिल है.ओडिशा सरकार की योजना हर ब्लॉक में अदालत खोलने की है .राज्य में कुल 314 ब्लॉक हैं.199 अदालतें खोली जा चुकी है.यह जानकारी कानून मंत्री प्रताप जेना ने विधानसभा में दी. आपको जानकारी दे दें कि बीते पांच सालों में सरकार ने ओडिशा में विभिन्न श्रेणी की अबतक 220 अदालतें खोली जा चुकी है .महिलाओं के मामलों के लिए विशेष अदालतें खोलने की भी योजना है. 29 जिलों मे परिवार न्यायालय चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द न्याय दिलाना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है. उल्लेखनीय है कि जल्द न्याय दिलाने की व्यवस्था वाले राज्यों की श्रेणी में ओडिशा अव्वल है.जेना ने बताया गत पांच सालों में विभिन्न निचली अदालतों में 21 लाख दर्ज मामलों में से 20.9 लाख मामलों का निपटारा हो चुका है. इसी तरह हाईकोर्ट में 3.97 लाख मामलों में से 3.73 लाख मामले निपटाए जा चुके हैं.पश्चिमी और दक्षिणी ओडिशा में हाईकोर्ट की पीठ खोलने की मांग वर्षों से लंबित है. इस बारे में केंद्र से कई बार पत्राचार भी किया है. इस मामले का केंद्र की पहल पर ही समाधान हो सकता है.

 न्याय प्रक्रिया को और गति देने के लिए ओडिशा में 115 नई अदालतें खोली जाएंगी. इनमें सिविल जज (जूनियर डिवीजन) और ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) की अदालतें शामिल है.ओडिशा सरकार की योजना हर ब्लॉक में अदालत खोलने की है .राज्य में कुल 314 ब्लॉक हैं.199 अदालतें खोली जा चुकी है.यह …

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पाकिस्तान से आकर आसाराम ने फैलाया धर्म का कारोबार

जोधपुर: यौन शोषण केस में लगभग पिछले पांच साल से कैद आसाराम के भविष्य का फैसला आज होने वाला है, दलित एवं नाबालिग युवती से रेप के मामले में आसाराम पर एससी-एसटी ऐक्ट और पोक्सो ऐक्ट के तहत केस चल रहा है, यदि वह दोषी करार दिए जाते हैं तो आसाराम को कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है. लेकिन क्या आप असुमल के आसाराम बनने की कहानी जानते हैं, अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं कि कौन था आसाराम और कैसे बना धर्मगुरु .. आसाराम का असली नाम असुमल थाउमल हरपलानी है. उसका परिवार मूलतः सिंध, पाकिस्तान के जाम नवाज अली तहसील का रहनेवाला था, लेकिन भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद उसका परिवार अहमदाबाद में आकर बस गया था. बताया जाता है कि असुमल का परिवार लकड़ी और कोयले बेचकर गृहस्ती चलाता था, साथ ही दुनिया को प्रवचन देने वाला आसाराम तीसरी तक ही पढ़ा है. पिता की मौत के बाद असुमल ने कभी तांगा चलाया तो कभी चाय बेची, कहा तो यह भी जाता है कि असुमल गुजरात में शराब ब्लैक करता था. बताया जाता है कि 15 साल की उम्र में असुमल अहमदाबाद के एक आश्रम में रहने आ गया था. आध्यात्मिक गुरु लीलाशाह से असुमल ने दीक्षा ली और फिर साधना करने के बाद गुरु लीलाशाह ने ही उसका नाम आसाराम बापू रखा. अपने पहले आश्रम और ट्रस्ट की स्थापना आसाराम बापू ने 1973 में अहमदाबाद के मोटेरा गाँव में में की, जिसके बाद तो आसाराम के साम्राज्य में इजाफा होते चला गया. यहाँ तक कि कई राजनीतिक पार्टियों में में भी उसकी गहरी पैठ बन गई. 1997 से आसाराम पर आरोपों का दौर शुरू हुआ, जब उसपर रेप, जमीन हड़पने, हत्या जैसे कई आरोप लगे, 2008 में जब आसाराम पर तांत्रिक क्रिया करने के दौरान एक बच्चे की हत्या करने का आरोप लगा तब तत्कालीन सीएम मोदी ने उसपर जाँच कमिटी बिठाई, उस वक़्त आसाराम ने मोदी को कहा था कि "तू भस्म हो जाएगा". 2013 में आसाराम पर नाबालिग लड़की से बलात्कार का आरोप लगा, जिसके बाद आसाराम भगा-भगा फिरने लगा, यहाँ तक कि वो पूछताछ के लिए भी पुलिस के सामने नहीं आया. लेकिन गैर जमानती वारंट जारी होने पर 1 सितम्बर 2013 को जोधपुर पुलिस ने उसे इंदौर आश्रम से गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद से आसाराम अभी तक जेल में ही है.

यौन शोषण केस में लगभग पिछले पांच साल से कैद आसाराम के भविष्य का फैसला आज होने वाला है, दलित एवं नाबालिग युवती से रेप के मामले में आसाराम पर एससी-एसटी ऐक्ट और पोक्सो ऐक्ट के तहत केस चल रहा है, यदि वह दोषी करार दिए जाते हैं तो आसाराम …

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आसाराम दोषी करार

जोधपुर: यौन शोषण केस में जज ने आसाराम के साथ सभी गुनाहगारो को दोषी करार दिया. 356 /34 के तहत प्रकाश, शिल्पी, शिवा शरद सभी को दोषी करार दिया गया .जज ने पाक्सो एक्ट के तहत सजा का एलान किया. जोधपुर SC/ST कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा आज सुबह जैसे ही जोधपुर की जेल में पहुंचे तो आसाराम के मामले पर फैसले की घड़ी की सुइयों की रफ्तार बढ़ गई. फैसला सुनाने के लिए जोधपुर सेंट्रल जेल में ही कोर्ट तैयार किया गया था, जहां आसाराम बंद है. इस तरह यौन शोषण केस में लगभग पिछले पांच साल से कैद आसाराम के भविष्य का फैसला हुआ. कुल 14 वकीलों की मौजूदगी में 160 दस्तावेजों को पेश किया गया. आसुमल हरपलाणी उर्फ आसाराम पर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली दलित नाबालिग लड़की के साथ रेप केस में उक्त सजा हुई. गौरतलब है कि दिल्ली के कमलानगर थाने में 19 अगस्त 2013 को आसाराम पर एफआईआर दर्ज की गई. आसाराम पर जीरो एफआईआर दर्ज हुई. एफआईआर में आईपीसी की धारा 342, 376, 354-ए, 506, 509/34, जेजे एक्ट 23 व 26 और पोक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत केस दर्ज हुआ. दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में पीड़िता का मेडिकल कराया गया. हालांकि बरी किए जाने की स्थिति में भी आसाराम जेल से रिहा नहीं होते, क्योंकि उनके खिलाफ सूरत की दो बहनों से रेप के दो केस अहमदाबाद कोर्ट में चल रहे हैं. जोधपुर SC/ST कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा आज सुबह 8 बजे ही जोधपुर सेंट्रल जेल पहुंचे. जेल में ही तैयार किए गए कोर्ट में जज ने अपना फैसला सुनाया. जोधपुर सेंट्रल जेल के DIG विक्रम सिंह और जोधपुर पुलिस ने मामले को लेकर जोधपुर की सुरक्षा बढ़ा दी है. शहर में धारा 144 लगी हुई है. बावजूद इसके आसाराम का एक समर्थक जेल तक माला लेकर पहुंच गया जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.

 यौन शोषण केस में जज ने आसाराम के साथ सभी गुनाहगारो को दोषी करार दिया. 356 /34  के तहत प्रकाश, शिल्पी, शिवा शरद सभी को दोषी करार दिया गया .जज ने पाक्सो एक्ट के तहत सजा का एलान किया. जोधपुर SC/ST कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा आज सुबह जैसे ही जोधपुर की जेल …

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15 हजार करोड़ रुपये में बुंदेलखंड को नहीं मिला रहा एक बून्द पानी

बांदा: 15 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाने के बावजूद भी पिछले एक दशक मे सिंचाई और पीने बुंदेलखंड तरस रहा है. कम बुंदेलखंड के यूपी-एमपी के 13 जिलों के 10,800 गांवों में खर्च की गई है, लेकिन यूपी के हिस्से वाले बुंदेलखंड के सात जिलों के 2,486 गांवों के लोग आज भी नदी, तालाब, पोखर, हैंडपंप और कुओं के पानी को मोहताज है और ये भी अपर्याप्त है. 800 गांव ऐसे भी हैं, जो सरकारी पेपर रिकॉर्ड मे पाइप पेयजल योजनाओं से जुड़े हैं, मगर इसका हकीकत से कोई लेना देना नहीं है. पाइप लाइन से महरूम गांवों में चित्रकूटधाम मंडल के 1210 और झांसी मंडल के 1276 गांव शामिल हैं. जल निगम के इंजिनियरों के अलावा जल संस्थान और शासन भी यह मानता है कि नदियों से ही पाइप्ड पेयजल योजनाएं बुंदेलखंड में सफल हो सकती हैं. यहां की भूजल स्तर की स्थिति ठीक न होने के कारण हैंडपंप और नलकूप आदि पर आधारित पेयजल योजनाओं का भविष्य ज्यादा टिकाऊ नहीं है. बुंदेलखंड के हर जिले में तीन-चार नदियां हैं. इन नदियों से पाइपों के जरिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की जलापूर्ति की जा सकती है. बुंदेलखंड के सातों जिलों बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, ललितपुर, झांसी और उरई-जालौन की कुल आबादी 96,59,718 है. इनमें करीब 44 लाख की आबादी को पाइप्ड पेयजल योजनाओं का लाभ मिल रहा है. तकरीबन 52 लाख की आबादी इस सुविधा से वंचित है.

15 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाने के बावजूद भी पिछले एक दशक मे सिंचाई और पीने बुंदेलखंड तरस रहा है. कम बुंदेलखंड के यूपी-एमपी के 13 जिलों के 10,800 गांवों में खर्च की गई है, लेकिन यूपी के हिस्से वाले बुंदेलखंड के सात जिलों के 2,486 गांवों के लोग …

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बैंक ऑफ़ बड़ौदा में निकली 375 पदों पर बम्पर वैकेंसी

बैंक ऑफ बड़ौदा 2018 में Online/Offline मोड में आवेदकों से आवेदन प्राप्त करने का प्रस्ताव है. पात्र उम्मीदवार अपना आवेदन बैंक ऑफ बड़ौदा में 06/05/2018 से पहले जमा कर सकते हैं. नौकरी से जुड़ी पूर्ण जानकारी आप नीचे विस्तार से जान सकते हैं. रिक्ति का नाम: सीनियर रिलेशनशिप मैनेजर शिक्षा की आवश्यकता: Any Graduate रिक्तियां: 375 पोस्ट अनुभव: 3 - 5 वर्ष नौकरी करने का स्थान: मुंबई आवेदन करने की अंतिम तिथि: 06/05/2018 चयन प्रक्रिया इच्छुक और पात्र उम्मीदवार 06/05/2018 से पहले आवेदन कर सकते हैं। चयन या तो लिखित परीक्षा / कार्मिक साक्षात्कार / अन्य मोड के आधार पर बैंक ऑफ बड़ौदा मानदंड या निर्णय द्वारा किया जाएगा। आवेदन कैसे करे? इच्छुक उम्मीदवार शैक्षिक योग्यता के सभी विवरणों के साथ अपने दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते हैं साथ ही समर्थन दस्तावेज (प्रमाणित प्रतियां)। ईमेल आईडी, संपर्क नंबर और पूरा डाक पता आपके आवेदनों के साथ उल्लेख किया जाना चाहिए. योग्यता मानदंडों के आधार पर साक्षात्कार में भाग लेने के लिए लघु और सूचीबद्ध उम्मीदवारों को ईमेल और फोन के माध्यम से सूचित किया जाएगा और नियुक्ति विशुद्ध रूप से अस्थायी है. साक्षात्कार में भाग लेने के लिए या चयनित होने पर पोस्ट में शामिल होने के लिए कोई टीए / डीए भुगतान नहीं किया जाएगा.

बैंक ऑफ बड़ौदा 2018 में Online/Offline मोड में आवेदकों से आवेदन प्राप्त करने का प्रस्ताव है. पात्र उम्मीदवार अपना आवेदन बैंक ऑफ बड़ौदा में 06/05/2018 से पहले जमा कर सकते हैं. नौकरी से जुड़ी पूर्ण जानकारी आप नीचे विस्तार से जान सकते हैं. रिक्ति का नाम: सीनियर रिलेशनशिप मैनेजर शिक्षा की …

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की बजट पर प्रतिक्रिया

देहरादून: उत्तराखंड के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वित्तमंत्री प्रकाश पंत ने एक ऐसा ऐतिहासिक और समावेशी बजट पेश किया है, जिसमें पहाड़ से मैदान तक, किसान से मजदूर तक, पर्यटन से लेकर पलायन रोकने तक, हर क्षेत्र का पूरा ख्याल रखा गया है. युवाओं को रोजगार देने, स्वरोजगार को बढ़ावा देने और महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के प्रति सरकार गंभीर है, इसका स्पष्ट रोडमैप बजट में दिखता है. बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार इस राज्य के इतिहास में आम जनता की राय और सुझावों को लेकर बजट बनाया गया है. इस क्रम में 'आपकी राय आपका बजट' कार्यक्रम शुरू किया गया, जिसके लिए उत्तरकाशी के गंगनानी में किसानों से संवाद किया, इसी तरह पिथौरागढ़ में महिलाओं के सैकड़ों सुझाव मिले. उन्होंने बताया कि देहरादून में छात्रों के सुझाव लिए और पंतनगर में किसानों के साथ-साथ उद्यमियों के सुझाव बजट के लिए मांगे. इसके अलावा सोशल मीडिया और ईमेल के जरिये भी बजट पर लोगों की राय मांगी गई. जनता ने हमें 2000 से ज्यादा सुझाव दिए. इनमें से अधिकतर सुझावों को बजट में शामिल किया गया है. इसलिए पूर्ण रूप से यह बजट जनता का बजट है. इस बजट के माध्यम से सरकार ने आउटकम बेस्ड परफार्मेंस को बढ़ावा दिया है. गौरतलब है कि संचार सुविधाओं का प्रयोग करते हुए उत्तराखंड सरकार ने बजट से पहले राज्य की जनता से एक बेहतर बजट के लिए सुझाव मांगे थे जिस पर लोगो ने प्रतिक्रियाएं भी भेजी थी, सरकार ने बजट में आम जन के सुझावों का समावेश भी किया है.

 उत्तराखंड के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वित्तमंत्री प्रकाश पंत ने एक ऐसा ऐतिहासिक और समावेशी बजट पेश किया है, जिसमें पहाड़ से मैदान तक, किसान से मजदूर तक, पर्यटन से लेकर पलायन रोकने तक, हर क्षेत्र का पूरा ख्याल रखा गया है. …

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