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बंगाल पंचायत चुनाव हिंसा: TMC के दो गुटों की लड़ाई में दो की मौत

उत्तरी 24 परगना जिले में विजय जुलूस के दौरान बुधवार को सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस में संदिग्ध गुटीय लड़ाई में दो व्यक्तियों की मौत हो गयी. पुलिस ने इसकी जानकारी दी. जिले के सासन इलाके में फाल्ती ग्राम पंचायत में पार्टी उम्मीदवार की निर्विरोध जीत के बाद रैली निकाली गई थी. पार्टी के स्थानीय नेता सैफर रहमान (52) जब रैली में चल रहे थे तो तब उन पर चाकू से हमला किया गया. उनको बारासात में एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोगों ने तृणमूल कांग्रेस के 40 वर्षीय कार्यकर्ता रजब अली को यह आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला कि उसने रहमान की हत्या की है. बहरहाल, राज्य में पंचायत चुनाव नामांकन को लेकर कई जगह हिंसक घटनाएं हुई हैं. पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग ने पलटा फैसला इससे पहले मंगलवार को अपने ही फैसले को पलटते हुए हुए पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य में अगले महीने होने वाले पंचायत चुनावों के लिए नामांकन-पत्र दाखिल करने की बढ़ी हुई समय सीमा वापस ले ली. इस बीच, विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयोग को सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने समय सीमा बढ़ाने के पिछले आदेश को रद्द करने के लिए मजबूर किया है. आयोग के सूत्रों ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयुक्त एके सिंह ने पूर्व के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें पंचायत चुनावों में नामांकन-पत्र दाखिल करने की अवधि बढायी गयी थी. सुप्रीम कोर्ट पहुंची बीजेपी बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई ने निर्वाचन आयोग की ओर से अपना ही फैसला वापस लेने के निर्णय के कुछ ही घंटों के भीतर शीर्ष न्यायालय का रुख किया. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी. बीजेपी नेता प्रताप बंद्योपाध्याय ने आयोग के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है. पहले से जारी काम थम जाने पर वकीलों के विरोध के मद्देनजर न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार ने अपने चैंबर में याचिकाकर्ता और उनके विरोधी का पक्ष सुना. न्यायमूर्ति तालुकदार के चैंबर से बाहर आकर बंद्योपाध्याय ने कहा कि न्यायालय ने निर्वाचन आयोग के आदेश को रद्द करने के आयोग के ही फरमान पर अंतरिम रोक लगा दी है और कहा कि मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी. मई के पहले हफ्ते में होगी वोटिंग इस मामले से जुड़े सभी पक्षों से कहा गया है कि वे हलफनामे दाखिल करके अपना रुख स्पष्ट करें. तृणमूल कांग्रेस की तरफ से पेश हुए पार्टी सांसद और वरिष्ठ वकील कल्याण बनर्जी ने कहा कि न्यायालय ने आदेश पर रोक भले ही लगा दी है, लेकिन उसने चुनावी प्रक्रिया में दखल देने से इनकार किया है. पंचायत चुनाव एक, तीन और पांच मई को तीन चरणों में कराए जाएंगे. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नई अधिसूचना में कहा गया, ‘‘ऐसा लगता है कि नामांकन की तारीख बढ़ाने के लिए उच्चतम न्यायालय की ओर से कोई विशिष्ट निर्देश नहीं दिए गए हैं. लिहाजा, सभी दस्तावेजों के अध्ययन और सभी बिंदुओं पर विचार करने के बाद आयोग उस आदेश को वापस लेता है और ( पिछला) आदेश रद्द करता है.’’ एक, तीन और पांच मई को होने वाले पंचायत चुनावों के लिए नामांकन- पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 9 अप्रैल थी, जबकि आयोग ने इसकी अवधि 10 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी थी. आयोग ने इन शिकायतों के बाद नामांकन दाखिल करने की अवधि बढ़ाई थी कि विपक्षी उम्मीदवारों को पर्चा दाखिल करने से रोका गया. नयी अधिसूचना के अनुसार, निर्वाचन आयुक्त को राज्य सरकार के विशेष सचिव और तृणमूल कांग्रेस की तरफ से दो पत्र मिले. इन दोनों पत्रों में आयोग के पहले के आदेश में कानून की विसंगतियों का हवाला दिया गया था. बीजेपी नेता दिलीप घोष ने लगाया आरोप प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग पर दबाव बनाया कि वह अपना पिछला आदेश वापस ले. राज्य विधानसभा में माकपा के नेता सुजान चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग को कोई आजादी नहीं है और राज्य के मंत्रियों ने उस पर दबाव डाला है. विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने आयोग पर दबाव बनाया था कि वह समयसीमा बढ़ाने का ‘‘अवैध आदेश’’ दे.

उत्तरी 24 परगना जिले में विजय जुलूस के दौरान बुधवार को सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस में संदिग्ध गुटीय लड़ाई में दो व्यक्तियों की मौत हो गयी. पुलिस ने इसकी जानकारी दी. जिले के सासन इलाके में फाल्ती ग्राम पंचायत में पार्टी उम्मीदवार की निर्विरोध जीत के बाद रैली निकाली गई थी. …

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विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ FIR, पढ़ें गुरुवार सुबह की 5 बड़ी खबरें

सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग आज दूसरे दिन अमेरिकी कांग्रेस के सामने हाजिर हुए हैं. यहां फिर उनसे तीखे सवाल पूछे जा रहे हैं. जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया है कि जकरबर्ग कैंब्रिज एनालिटिका डेटा लीक के मामले पर सवालों से घिरे हैं. इस दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि कभी-कभी फेसबुक से जुड़ी घटनाओं के संदर्भ में जानकारियां उन्हें प्रेस से मिलती हैं. 5. इसरो ने लॉन्‍च किया स्वदेशी नेविगेशन सैटेलाइट IRNSS-1I भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपना नेविगेशन सैटेलाइट (IRNSS-1I) गुरुवार सुबह लॉन्च कर दिया. इस सैटेलाइट को पीएसएलवी-सी41 रॉकेट के जरिए गुरुवार सुबह 4.04 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के एफएलपी से लॉन्च किया गया. बता दें, IRNSS-1I स्वदेशी तकनीक से निर्मित नेविगेशन सैटेलाइट है.

उन्नाव गैंगरेप मामले में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ FIR दर्ज. वहीं, इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश भी कर दी गई है. एक साथ तीन रिपोर्ट मिलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर  गृह विभाग ने ये फैसला लिया है. पढ़ें गुरुवार सुबह …

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जस्ट‍िस कुरियन का CJI को लेटर- सुप्रीम कोर्ट का अस्तित्व खतरे में, इतिहास हमें माफ नहीं करेगा

सु‍प्रीम कोर्ट का अस्तित्व खतरे में है और यदि जजों की नियुक्ति के मामले में सरकार की चुप्पी पर कोर्ट कुछ नहीं करता है तो इतिहास हमें माफ नहीं करेगा. जस्टिस कुरियन जोसेफ ने भारत के चीफ जस्ट‍िस (CJI) को लिखे एक नए पत्र में यह बात कही है. इससे देश की न्यायिक व्यवस्था में एक बार फिर विवाद शुरू होने और सरकार तथा सुप्रीम कोर्ट के बीच एक तरह का टकराव शुरू होने की आशंका है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जस्ट‍िस कुरियन जोसेफ ने इस लेटर में लिखा है, 'कोलेजियम द्वारा एक जज और एक वरिष्ठ वकील को तरक्की देकर सर्वोच्च न्यायालय में लाने की सिफारिश को दबा कर बैठे रहने के सरकार के अभूतपूर्व कदम पर यदि कोर्ट ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो इतिहास हमें माफ नहीं करेगा.' असल में जस्ट‍िस कुरियन कोलेजियम के फरवरी के उस निर्णय का हवाला दे रहे हैं जिसमें वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा और उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्ट‍िस के.एम. जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट में जज बनाने की सिफारिश की गई है. सरकार और सुप्रीम कोर्ट में टकराव की राह! इस लेटर में काफी जोरदार शब्दों में अपील करते हुए जस्ट‍िस कुरियन जोसफे ने कहा है, 'पहली बार इस अदालत के इतिहास में ऐसा हुआ है कि किसी सिफारिश पर तीन महीने बाद तक यह पता नहीं चल पा रहा है कि उसका क्या हुआ.' उन्होंने CJI से कहा कि इस मसले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सात वरिष्ठ जजों की बेंच के द्वारा सुनवाई की जाए. उनकी यह मांग अगर मान ली जाती है तो सात जजों की पीठ सरकार को कोलेजियम की लंबित सिफारिशों पर तत्काल निर्णय लेने का आदेश दे सकती है. इसके बाद भी सरकार अगर ऐसा नहीं करती तो उसे न्यायिक अवमानना मानी जाएगी. जस्ट‍िस कुरियन ने इस लेटर की कॉपी सुप्रीम कोर्ट के 22 अन्य जजों को भी भेजी है. गौरतलब है कि इसके पहले गत 12 जनवरी को जस्ट‍िस कुरियन जोसेफ सहित चार जजों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर CJI की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे.

सु‍प्रीम कोर्ट का अस्तित्व खतरे में है और यदि जजों की नियुक्ति के मामले में सरकार की चुप्पी पर कोर्ट कुछ नहीं करता है तो इतिहास हमें माफ नहीं करेगा. जस्टिस कुरियन जोसेफ ने भारत के चीफ जस्ट‍िस (CJI) को लिखे एक नए पत्र में यह बात कही है. इससे …

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रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर पद के लिए 37 नए आवेदन

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय को रिजर्व बैंक में डिप्टी गवर्नर के पद के लिए 37 नए आवेदन मिले हैं। यह पद 31 जुलाई, 2017 को एस. एस. मुंद्रा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से खाली है। 29 जुलाई, 2017 को इस पद पर नियुक्ति के लिए साक्षात्कार हुआ था, लेकिन बाद में नियुक्ति नहीं हुई। इस साल जनवरी में सरकार ने पूरी प्रक्रिया दोहराने की घोषणा की। नए आवेदनों के लिए 20 फरवरी तक का समय दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, नए आवेदनों को शॉर्टलिस्ट करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली फाइनेंशियल सेक्टर रेगुलेटरी अपॉइंटमेंट्स सर्च कमेटी साक्षात्कार लेगी। आवेदकों में सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों के प्रबंध निदेशक, निजी क्षेत्र के बैंकों के उच्च अधिकारी और कुछ नौकरशाह भी शामिल हैं। साक्षात्कार में पहले शॉर्टलिस्ट किए जा चुके उम्मीदवारों को भी शामिल किया जाएगा। इस पद पर नियुक्ति तीन साल के लिए होगी। चुना गया व्यक्ति दोबारा भी पद पर नियुक्ति का पात्र होगा। डिप्टी गवर्नर को 2.25 लाख रुपये मासिक वेतन के अलावा अन्य भत्ते दिए जाएंगे।

 वित्त मंत्रालय को रिजर्व बैंक में डिप्टी गवर्नर के पद के लिए 37 नए आवेदन मिले हैं। यह पद 31 जुलाई, 2017 को एस. एस. मुंद्रा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से खाली है। 29 जुलाई, 2017 को इस पद पर नियुक्ति के लिए साक्षात्कार हुआ था, लेकिन बाद …

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अब सौ रुपए का नया नोट लाने की तैयारी, जल्द होगा जारी

बृजेश दुबे, कानपुर। आपके बटुए में जल्द ही एक और नोट नए कलेवर में दिखाई देगा। जी हां, सौ रुपए की नोट रंगरूप व आकार बदलकर बाजार में उतारने की तैयारी तकरीबन पूरी हो गई है। इससे जहां बाजार में मध्यम मूल्य वर्ग के नोट बढ़ेंगे, वहीं क्लीन नोट पॉलिसी के तहत बाजार से गंदे और कटे-फटे नोट बाहर होंगे। भारतीय रिजर्व बैंक जल्द ही इस नोट को जारी कर सकता है। नोट की डिजाइन तकरीबन तैयार हो चुकी है। माना जा रहा है कि अगले तीन माह में यह नोट लोगों की जेब में होगा। नोटबंदी के बाद से अभी तक आरबीआई 2000 रुपए, 500 रुपए, 200 रुपए, 50 रुपए और 10 रुपए के नए नोट जारी कर चुका है। इसी कड़ी में अब सौ रुपए का नया नोट जारी करने की तैयारी है। सूत्रों के मुताबिक सौ रुपए के नोट के रंग में बहुत अधिक परिवर्तन नहीं किया गया है। नोट के रंग का आधार नीला ही रहेगा लेकिन, हल्केपन के साथ। नोट के पीछे के हिस्से पर विश्वदाय स्मारक होगा। नोट की लंबाई और चौड़ाई पुराने नोट से कम होगी। वजन भी करीब 20 फीसदी कम होगा। इस नोट को जून में जारी किया जा सकता है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि जिस तरह की तैयारी चल रही है, उसके हिसाब से बाजार में यह नोट मई में ही आ जाना चाहिए। भारतीय करेंसी पेपर पर छपेगा नोट सौ रुपए का यह नया नोट भारतीय कागज से तैयार होगा। नोटबंदी के बाद करेंसी छपाई के लिए सरकार भारतीय कागज का इस्तेमाल बढ़ा रही है। इससे पहले उसकी निर्भरता विदेश पर थी और उसे करेंसी पेपर आयात करना पड़ता था। विश्वदाय स्मारक होंगे शामिल नोटबंदी के बाद आए नए नोटों में सरकार ने जिस तरह से स्मारकों को जगह दी है, ऐसे में माना जा रहा है कि सौ रुपए के नए नोट पर भी विश्वदाय स्मारक होगा। इस स्मारक को यूनेस्को ने वैश्विक धरोहर में शामिल किया है। हाई सिक्योरिटी फीचर होंगे सौ रुपए के नए नोट में आमजन की जानकारी से इतर कई हाई सिक्योरिटी फीचर होंगे। आरबीआई से जुड़े एक शख्स का कहना है कि हर मूल्य वर्ग के नए नोट के अनुसार तकरीबन दो दर्जन विशेष सुरक्षा फीचर हैं। इन्हें आमजन नहीं जानते। सौ रुपए के नए नोट में करीब बीस अतिरिक्त सिक्योरिटी फीचर हैं। इन्हें अल्ट्रा वॉयलेट लाइट में देखा जा सकता है।

आपके बटुए में जल्द ही एक और नोट नए कलेवर में दिखाई देगा। जी हां, सौ रुपए की नोट रंगरूप व आकार बदलकर बाजार में उतारने की तैयारी तकरीबन पूरी हो गई है। इससे जहां बाजार में मध्यम मूल्य वर्ग के नोट बढ़ेंगे, वहीं क्लीन नोट पॉलिसी के तहत बाजार …

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बैंक से होम लोन लेना हुआ महंगा, बढ़ाई ब्याज दरें

नई दिल्ली। हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प (एचडीएफसी) ने प्राइम लेंडिंग रेट (पीएलआर) में बढ़ोतरी कर दी है। बैंक ने इन दरों में दिसंबर 2013 के बाद से पहली बार इजाफा किया है। बैंक ने 30 लाख रुपए से ऊपर के लोन की ब्याज दरों में 20 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी है, जबकि 30 लाख रुपए से कम के लोन (जिनमें निजी क्षेत्र के लोन शामिल हैं) में पांच बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतर बढ़ा दिए हैं। यह जानकारी एचडीएफसी बैंक ने अपने बयान में दी है। जानकारी के लिए बता दें कि एक बेसिस प्वाइंट 0.01 फीसद के बराबर होता है। एचडीएफसी का बेंचमार्क पीएलआर दिसंबर 2013 के अपने उच्चतम 16.75 फीसद से घटकर 16.15 फीसद के स्तर पर आ गया था। अब बढ़ोतरी के बाद यह 16.35 फीसद हो गया है। नई दरें एक अप्रैल से प्रभावी हो गईं हैं। एचडीएफसी के सीईओ केकी मिस्त्री ने कहा, 'यह बढ़ोतरी अक्टूबर के बाद से हमारे फंड्स की बढ़ती लागत को दर्शाता है। जुलाई 2017 से अबतक के बीच 10 साल वाले सरकारी बॉन्ड यील्ड में 100 बेसिस प्वाइंट का इजाफा आ चुका है। हालांकि फरवरी-मार्च में यील्ड में कमी आई है, लेकिन फिर भी यह अब भी ऊंची दर हैं। पीएलआर में यह इजाफा हमें हमारे मार्जिन 2.20 फीसद से 2.35 फीसद के बीच मेंटेन रखने में मदद करेगा, जो कि हमारा बीचे 10 वर्षों से ऐतिहासिक औसत रहा है।' 30 लाख रुपए से 75 लाख रुपए के बीच के लोन की ब्याज दर 8.40 फीसद से बढ़कर 8.60 फीसद कर दी गई है। वहीं, 75 लाख रुपए से ऊपर के लोन की ब्याज दर 8.50 फीसद से बढ़कर 8.70 फीसद कर दी गई है। 30 लाख रुपए तक के लोन 8.40 फीसद से बढ़कर 8.45 फीसद कर दिए गए हैं। महिलाओं को ऊपर बताए गये सभी स्लैब में पांच बेसिस प्वाइंट की रिबेट दी जाएगी।

 हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प (एचडीएफसी) ने प्राइम लेंडिंग रेट (पीएलआर) में बढ़ोतरी कर दी है। बैंक ने इन दरों में दिसंबर 2013 के बाद से पहली बार इजाफा किया है। बैंक ने 30 लाख रुपए से ऊपर के लोन की ब्याज दरों में 20 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी …

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SC ने वक्फ बोर्ड से कहा शाहजहां के दस्तखत वाले दस्तावेज दिखाओ

नई दिल्ली। ताज महल पर मालिकाना हक को लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के बीच विवाद चल रहा है। इस पर मालिकाना हक जताते हुए उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि खुद मुगल बादशाह शाहजहां ने बोर्ड के पक्ष में इसका वक्फनामा किया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सबूत के तौर पर शाहजहां के दस्तखत वाले दस्तावेज एक हफ्ते में दिखाने को कहा। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि भारत में कौन यकीन करेगा कि ताज महल वक्फ बोर्ड का है? ऐसे मसलों पर सुप्रीम कोर्ट का वक्त बर्बाद नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने कहा कि मुगलकाल का अंत होने के साथ ही ताज महल समेत अन्य ऐतिहासिक इमारतें ब्रिटिशों को हस्तांतरित हो गई थी। आजादी के बाद से यह स्मारक सरकार के पास है और एएसअाई इसकी देखभाल कर रहा है। बोर्ड की ओर से पेश एडवोकेट वीवी गिरी ने कहा कि बोर्ड के पक्ष में शाहजहां ने ही ताज महल का वक्फनामा तैयार करवाया था। इस पर बेंच ने तुरंत कहा कि आप हमें शाहजहां के दस्तखत वाले दस्तावेज दिखाएं। गिरी के आग्रह पर कोर्ट ने एक हफ्ते की मोहलत दे दी। चीफ जस्टिस ने वक्फ बोर्ड के वकील से कुछ सवाल भी किए। जिसमें उन्होंने कहा कि शाहजहां ने वक्फनामे पर दस्तखत कैसे किए? वह तो जेल में बंद थे और वहीं से ताज महल का दीदार करते थे। उत्तराधिकार को लेकर हुए खूनी संघर्ष के बाद शाहजहां के बेटे औरंगजेब ने जुलाई 1658 में उन्हें आगरा फोर्ट में नजरबंद कर दिया था। फिर शाहजहां ने कब वक्फ ने नाम ताजमहल का मालिकाना हक किया था। यह भी पढ़ेंः आंध्र प्रदेश के किसान ने एक ही पेड़ में उगाए 18 किस्मों के आम सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जुलाई 2005 में आदेश जारी कर ताज महल को अपनी प्रॉपर्टी के तौर पर रजिस्टर करने को कहा था। इसके खिलाफ एएसआई ने साल 2010 में सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने बोर्ड के फैसले पर स्टे लगा दिया था। बता दें कि वक्फ का मतलब किसी मुस्लिम द्वारा धार्मिक, शैक्षणिक या चैरिटी के लिए जमीन का दान देना होता है। सीजेआई ने कहा कि ताज और 17वीं शताब्दी की तमाम मुगल इमारतों को मुगल शासन खत्म होने के बाद ब्रिटिश शासन को सौंप दिया गया था। देश की आजादी के बाद यह भारत सरकार को मिलीं और तब से एएसआई इसकी देखरेख कर रहा है। एएसआई की ओर से पेश वकील एडीएन राव ने कहा कि कोई वक्फनामा नहीं है। साल 1858 की घोषणा के तहत, अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर से ली गई संपत्ति ब्रिटिश शासन के अधीन हो गई थी। इसके बाद 1948 के अधिनियम द्वारा इमारतों को भारत सरकार ने ले लिया था।

 ताज महल पर मालिकाना हक को लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के बीच विवाद चल रहा है। इस पर मालिकाना हक जताते हुए उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि खुद मुगल बादशाह शाहजहां ने बोर्ड के पक्ष …

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7 नामी कंपनियों के नाम पर बना रहे नकली दवाएं, जरा संभलकर खाएं ये दवाईयां

सुनील शर्मा, सोलन। देश की प्रमुख सात बड़ी कंपनियों के नाम का इस्तेमाल कर नकली दवाएं बनाने का खुलासा हुआ है। यह मामला केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के पास पहुंचा है। ये दवाएं राजस्थान के अलवर जिले के भिवाड़ी में बनाई जा रहीं थी। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (इंटर स्टेट सेल) और दवा नियंत्रक संगठन की टीम ने इस मामले को पकड़ा है, जिसमें हिमाचल और सिक्किम की कंपनियों के नाम का इस्तेमाल किया जा रहा था। मामले के उजागर होने के बाद देशभर में दवा नियंत्रकों व इंस्पेक्टरों ने मेडिकल स्टोरों पर दबिश देना शुरू कर दी। एसिडिटी, दिल के रोग, पेट की बीमारियां, यूटीआइ इंफेक्शन की दवाओं को भिवाड़ी में एक कांप्लेक्स में कुछ लोग नामी फार्मा कंपनियों के नाम से तैयार कर रहे थे और उन्हें बाजार में भेजा जा रहा था। देशभर में जारी किया अलर्ट राजस्थान औषधि नियंत्रक ने इस मामले में सभी राज्यों से पूर्ण सतर्कता बरतने और इस संबंध में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 एवं नियम 1945 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए कहा है। जगह-जगह से नमूने जांच के लिए उठाने के आदेश हुए हैं। राज्य दवा नियंत्रक हिमाचल प्रदेश नवनीत मारवाह ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में इस संबंध में अलर्ट जारी किया गया है। इन कंपनियों के नाम का हो रहा था इस्तेमाल दवा का नाम,कंपनी,बैच नंबर सोमप्रैज डी-40,सन फार्मा लेबोरेट्री सिक्किम,ईएमएस1560 पैंटॉप डीएसआर,एरिस्टो फार्मास्यूटिकल बद्दी,बी452जे037 पैन-40,एलकैम लेबोरेट्री सिक्किम,7133275 कैलवैम 625,एलकैम लेबोरेट्री बद्दी,7170784 टैक्सिम-ओ 200,एलकैम हेल्थ साइंस सिक्किम,7181490 पैंटोसिड डीएसआर,सन फार्मा लेबोरेट्री सिक्किम,ईएमएस2060 पैंटॉप-40,ऐरिस्टो फार्मास्यूटिकल बद्दी,एस171के017 मोनोसेफ-ओ 200,एरिस्टो फार्मास्यूटिकलबद्दी,बी198एच197 मोनोसेफ-ओ 200,एरिस्टो फार्मास्यूटिकल बद्दी,बी198जे017 स्टैमिटिल एमडी,अबॉट हेल्थकेयर, पुड्डूचेरी ,केएडब्लयूबी7038

 देश की प्रमुख सात बड़ी कंपनियों के नाम का इस्तेमाल कर नकली दवाएं बनाने का खुलासा हुआ है। यह मामला केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के पास पहुंचा है। ये दवाएं राजस्थान के अलवर जिले के भिवाड़ी में बनाई जा रहीं थी। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (इंटर स्टेट …

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उन्‍नाव रेप मामला : सुप्रीम कोर्ट में अगले सप्‍ताह होगी सुनवाई

नई दिल्‍ली। उत्तर प्रदेश के उन्नाव का गैंग रेप मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मामले की सुनवाई के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जाहिर कर दी। मामले में सीबीआई जांच और पीड़िता को मुआवज़े की मांग याचिका पर कोर्ट अगले सप्‍ताह सुनवाई करेगा। बता दें कि वकील एमएल शर्मा ने इस मामले में याचिका दाखिल की है। याचिका में रेप पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा और मुआवज़ा देने की मांग है साथ ही पुलिस और विधायक के ख़िलाफ़ जांच की मांग की गई है। विधायक का भाई गिरफ्तार - उन्नाव गैंगरेप मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि विधायक ने सभी आरोपों को साजिश करार दिया और जांच की मांग की। उल्‍लेखनीय है कि गैंगरेप पीड़िता ने मुख्‍यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया था। विधायक के भाई पर आरोप यह भी है कि उसने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटा था जिसकी वजह से उनकी जेल में मौत हो गई थी। पीड़िता के मुताबिक विधायक का भाई उनके पिता पर केस वापस लेने का दबाव बना रहा था।

 उत्तर प्रदेश के उन्नाव का गैंग रेप मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मामले की सुनवाई के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जाहिर कर दी। मामले में सीबीआई जांच और पीड़िता को मुआवज़े की मांग याचिका पर कोर्ट अगले सप्‍ताह सुनवाई करेगा। बता दें कि वकील एमएल शर्मा …

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उन्नाव दुष्कर्म केसः पीड़िता को गांव लेकर पहुंची पुलिस, हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

उन्नाव। उन्नाव दुष्कर्म कांड को लेकर पुलिस अपनी जांच तेज कर रही है और इसी कड़ी में एडीजी के नेतृत्व में एसआईटी की टीम दुष्कर्म पीड़िता को जांच के लिए माखी गांव पहुंची है। बता दें कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार एसआईटी को आज शाम तक रिपोर्ट सौंपनी है। इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए महाधिवक्ता को बहस के लिए बुलाया है साथ ही यूपी सरकार से रिपोर्ट भी तलब की है। कोर्ट ने मामले में यथास्थिति बनाए रखने को कहा है। वहीं दूसरी तरफ आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर की पत्नी ने डीजीपी से मुलाकात कर अपने पति को निर्दोष बताया है।मीडिया से बात करते हुए विधायक की पत्नी ने कहा कि मेरे पति को फंसाया जा रहा है और यह एक राजनीतिक षडयंत्र है। उन्होंने इस मामले में गिरफ्तार किए गए अपने देवर और विधायक के भाई अतुल सिंह को भी बेकसूर करार दिया है। इस बीच खबर है कि एसआईटी इस मामले में कुलदीप सेंगर से पूछताछ कर सकती है। उन्नाव के माखी में हुए दुष्कर्म कांड में आज शाम तक राज्य सरकार कड़े कदम उठा सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी को 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। यह रिपोर्ट आज शाम तक आ सकती है। इसके बाद कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सख्त संदेश देने के लिए कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। इस बीच विपक्ष ने मांग की है कि आरोपी विधायक को गिरफ्तार किया जाए। इससे पहले पुलिस अभिरक्षा में मौत के बाद हरकत में आई पुलिस ने मंगलवार को बांगरमऊ के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में चार अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तारी हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने भी यह मान लिया है कि पीड़िता के पिता की हत्या हुई है। लिहाजा पहले से दर्ज मारपीट के मुकदमे में हत्या की धारा बढ़ा दी गई है। गिरफ्तार आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। इस बीच शासन ने एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्ण के नेतृत्व में एसआईटी गठित की है। राष्ट्रीय व राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की है। विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई व उसके गुर्गों की जिस बर्बरता पर पुलिस पर्दा डालने की कोशिश कर रही थी, उसे दुष्कर्म पीड़िता के पिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने जगजाहिर कर दिया। सोमवार को आधी रात के बाद रिपोर्ट आई तो पता चला कि पीड़िता के पिता के शरीर में गंभीर अंदरूनी चोटें थीं। इसके बाद पुलिस कार्रवाई पर मजबूर हुई और मंगलवार भोर में ही विधायक के भाई अतुल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। डीआईजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि मारपीट के मामले में सोमवार को आरोपित विनीत, बउवा, शैलू व सोनू को गिरफ्तार किया गया था। एसआइटी उन्नाव के माखी थाने में दर्ज मारपीट व हत्या के मुकदमों, विधायक पर लगे दुष्कर्म के आरोप सहित प्रकरण से जुड़े सभी बिंदुओं पर जांच करेगी। पीड़िता की ओर से दिए गए प्रार्थनापत्र भी जांच में शामिल किए जाएंगे। एडीजी कानून-व्यवस्था आनन्द कुमार ने कहा कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से भी पूछताछ की जाएगी। पीड़िता के पिता की बड़ी आंत फट गई थी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण बड़ी आंत का फटना व शरीर में संक्रमण फैलना पाया गया है। पीड़िता के पिता के शरीर में गंभीर अंदरूनी चोटें थीं। आंते फटने से उन्हें सेप्टीसीमिया हो गया जो मौत की वजह बना। सोमवार रात परिजनों ने पोस्टमार्टम पर सहमति दी। पोस्टमार्टम डॉ. तन्मय कक्कड़, डॉ. डीपी सरोज और डॉ. आरके चौरसिया के पैनल से कराया गया। रात पौने बारह बजे शुरू हुआ पोस्टमार्टम सवा एक बजे पूरा हुआ। डाक्टरों की रिपोर्ट के मुताबिक आंत फटने के कारण पेट में गंदा पानी जमा हुआ जिससे इंफेक्शन फैला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि शरीर में चौदह चोटें बाहरी और एक अंदरूनी हैं।

 उन्नाव दुष्कर्म कांड को लेकर पुलिस अपनी जांच तेज कर रही है और इसी कड़ी में एडीजी के नेतृत्व में एसआईटी की टीम दुष्कर्म पीड़िता को जांच के लिए माखी गांव पहुंची है। बता दें कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार एसआईटी को आज शाम तक रिपोर्ट सौंपनी है। इस बीच इलाहाबाद …

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