उत्तरप्रदेश

टीजीटी-पीजीटी 2016 की लिखित परीक्षा की जल्द आएगी तारीख

सूत्रों की मानें तो 2011 के चयन में भी यही समस्या फिर खड़ी होने वाली है। ऐसे में चयन बोर्ड की नई टीम ने पुराने कड़वे अनुभवों को न दोहराने की रणनीति बनाई है। बैठक में तय हुआ कि 2016 के विज्ञापन में घोषित पदों का नए सिरे से सत्यापन करा लिया जाए, ताकि इस चयन के अभ्यर्थियों को परेशानी न हो। सत्यापन कार्य के लिए हर जिला विद्यालय निरीक्षक को पांच से दस दिन का ही अवसर दिया जाएगा, ताकि इस प्रक्रिया में ज्यादा समय न लगे। साथ ही डीआइओएस जो रिपोर्ट भेजेंगे उसके प्रति वह जवाबदेह होंगे। सदस्यों की कमेटी गठित हो गई है वह पदों के सत्यापन की निगरानी करेगी। यह भी संकेत हैं कि चयन बोर्ड जल्द ही परीक्षा की संभावित तारीख का एलान कर देगा, ताकि उसी को ध्यान में रखकर परीक्षा केंद्र आदि का चयन तेजी से शुरू हो। यह तारीख अगली बैठक में ही घोषित हो सकती है। तैयारी है कि लिखित परीक्षा कराकर इसी वर्ष उसका परिणाम भी घोषित हो जाए। भले ही साक्षात्कार नए साल की शुरुआत में हों। इसी बीच नए विज्ञापन के आधार पर 2018 का विज्ञापन व परीक्षा कैलेंडर भी जारी होगा। छह मई को नहीं होगी एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा एलटी शिक्षक भर्ती 2018 की लिखित परीक्षा की तारीख भी आयोग शीघ्र ही घोषित करेगा। इतना तय हो चुका है कि लिखित परीक्षा छह मई को नहीं होगी। कुल 10768 सहायक अध्यापक भर्ती (प्रशिक्षित स्नातक) परीक्षा में आवेदन के कई मामले लंबित हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर याचियों को इस परीक्षा में आवेदन का मौका देना है। सचिव जगदीश ने बताया कि याचियों को परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा। इसलिए परीक्षा छह मई को नहीं हो सकती। नई तारीख पर आयोग की बैठक में निर्णय होगा।

इलाहाबाद (जेएनएन)। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र टीजीटी-पीजीटी 2016 की लिखित परीक्षा की तारीख का एलान जल्द ही करेगा। यह घोषणा बोर्ड की एक मई को प्रस्तावित बैठक में भी हो सकती है। इस परीक्षा को कराने में देरी का कारण प्रतियोगी ही हैं। चयन बोर्ड की मंशा है …

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Cabinet decision: सिविल सर्विस परीक्षा की तरह होगा यूपी पीसीएस का पैटर्न

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी की कैबिनेट ने पीसीएस परीक्षा में महत्वपूर्ण बदलाव को मंजूरी देकर अब साक्षात्कार की वैल्यू कम कर दी है। योगी सरकार ने पीसीएस परीक्षा के प्रतियोगी छात्रों के लिए बड़ा कदम उठाया है। उल्लेखनीय है कि इस परीक्षा में इंटरव्यू के अंकों में बेईमानी के आरोप कई बार लगे हैं। पारदर्शिता और सहूलियत के लिहाज से कैबिनेट ने सम्मिलित राज्य सिविल/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा के 1700 अंकों को घटाकर अब 1600 अंक के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें विशेष रूप से 200 अंक की जगह सिर्फ 100 अंक के इंटरव्यू होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट की बैठक में पीसीएस परीक्षा समेत कुल आठ प्रमुख प्रस्तावों पर मुहर लगी। कैबिनेट के फैसलों के बारे में राज्य सरकार के प्रवक्ता व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि 2013 में केंद्र सरकार के सिविल सर्विसेज में इंटरव्यू का अंक घटा था। उसी तर्ज पर यह फैसला किया गया है। इसके लिए बनाई गई कमेटियों ने सुझाव दिया था कि इंटरव्यू का अंक कम किया जाए। हर जगह अब लिखित परीक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। इसलिए अब इंटरव्यू 200 की जगह 100 अंक का किया गया है। कुल परीक्षा 1600 अंकों की होगी, जिसमें 1500 अंक की लिखित परीक्षा होगी। हिंदी और निबंध के 150-150 अंक रहेंगे, जबकि सामान्य अध्ययन के 200-200 अंक के दो प्रश्नपत्रों की जगह अब 200-200 अंक के चार प्रश्न पत्र होंगे। सिद्धार्थनाथ ने बताया कि वैकल्पिक विषय में अब चिकित्सा विज्ञान को भी जोड़ा जाएगा। –– ADVERTISEMENT –– सरकारी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई करने वालों को देनी ही होगी राजकीय सेवा यह भी पढ़ें अखिलेश शासन में दरकिनार, योगी सरकार की लगी मुहर यूपीएससी की तर्ज पर यूपी पीसीएस परीक्षा के इंटरव्यू के 100 अंक तय करने के जिस प्रस्ताव की अखिलेश सरकार ने अनदेखा की, उसी को बेहतर तरीके से तैयार कराकर योगी सरकार ने उस पर मुहर लगा दी है। इस कदम से परीक्षा की गुणवत्ता सुधारने की एक नई इबारत भी लिख दी गई है। सपा शासन में आयोग से यह प्रस्ताव तब गया था जब देशभर के लोकसेवा आयोगों की इलाहाबाद में हुई बैठक में इस पर विस्तार से मंथन हुआ था। यूपीएससी के पैटर्न पर यूपी पीसीएस की परीक्षा कराने का यह प्रस्ताव विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन सपा शासन (अक्टूबर 2016) में मंजूरी के लिए भेजा गया था। उस समय आयोग में अटल राय सचिव थे। प्रस्ताव को तैयार करने के लिए यहां देशभर से विशेषज्ञ बुलाए गए थे। इसमें पीसीएस परीक्षा गुणवत्तायुक्त कराने की परिकल्पना की गई थी। अखिलेश सरकार ने इस पर गंभीरता नहीं बरती और कई खामियां दर्शाते हुए उसे आयोग को वापस भेजते हुए संशोधन का निर्देश दिया। इसके बाद विधानसभा चुनाव हो गए तो जनता ने प्रदेश का निजाम ही बदल दिया। इसमें यह भी अहम है कि आयोग से प्रस्ताव बनाकर भेजने जाने से पहले इलाहाबाद में देशभर के लोकसेवा आयोगों की महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। जिसमें आयोग की परीक्षाओं पर लगातार उठ रही अंगुली, परीक्षा की गुणवत्ता में कमी तथा विशेषज्ञों के चयन में पूरी गंभीरता बरतने के साथ ही साक्षात्कार 200 नंबरों का होने के चलते धांधली की गुंजाइश को बताते हुए इसे 100 नंबर का कर देने की सिफारिश की गई थी। इलाहाबाद में बैठक होने के नाते उप्र लोकसेवा आयोग को संघ लोकसेवा आयोग की तर्ज पर परीक्षा कराने के लिए प्रेरित भी किया गया था। इसके बाद बने प्रस्ताव पर भी सपा शासन ने गंभीरता नहीं बरती, अब योगी सरकार ने पैटर्न में बदलाव को मंजूरी दी है।

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी की कैबिनेट ने पीसीएस परीक्षा में महत्वपूर्ण बदलाव को मंजूरी देकर अब साक्षात्कार की वैल्यू कम कर दी है। योगी सरकार ने पीसीएस परीक्षा के प्रतियोगी छात्रों के लिए बड़ा कदम उठाया है। उल्लेखनीय है कि इस परीक्षा में इंटरव्यू के अंकों में …

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यूपी पीसीएस 2018 में एसडीएम के 116 पद, डिप्टी एसपी समेत कई पद बढ़ेंगे

इलाहाबाद (जेएनएन)। उप्र लोकसेवा आयोग से पीसीएस 2018 प्रारंभिक परीक्षा का संक्षिप्त विज्ञापन (नोटिफिकेशन) शीघ्र ही जारी होगा। आयोग को एसडीएम के पदों पर अधियाचन मिलने का इंतजार था, शासन ने आयोग को एसडीएम के 116 पदों का अधियाचन भेज दिया है। वहीं, अन्य पदों का अधियाचन पहले ही आ चुका है। आयोग में परीक्षा कार्यक्रम पर विचार विमर्श भी शुरू हो गया है। आयोग ने पीसीएस 2018 की प्रारंभिक परीक्षा 24 जून को पहले ही प्रस्तावित कर रखी है। इसके लिए तैयारियां तेजी से की जा रही हैं। करीब दो दर्जन पदों के अधियाचन आयोग को शासन से समय-समय पर मिल गए थे लेकिन, एसडीएम के पद का अधियाचन न आने से तैयारी जहां की तहां रुकी रही। इस इंतजार को खत्म करते हुए शासन ने एसडीएम के 116 पदों का अधियाचन भेजा है। अधियाचन मिलने में विलंब के चलते परीक्षा की तारीख में मामूली बदलाव के भी आसार हैं। आयोग शीघ्र ही पदों की गणना कर परीक्षा कार्यक्रम तैयार करेगा। वहीं पीसीएस परीक्षा को यूपीएससी के पैटर्न पर कराने की शासन से मंजूरी मिलने के बाद पीसीएस 2018 की तैयारियों को बल मिल गया है। आयोग के सचिव जगदीश ने बताया है कि शीघ्र ही आयोग की बैठक में विचार विमर्श होगा। कुल पदों की गणना के आधार पर परीक्षा कार्यक्रम तैयार होगा। इसके बाद विज्ञापन जारी किया जाएगा। हालांकि इसकी संभावित तारीख के संबंध में सचिव का कहना था कि आयोग की बैठक में निर्णय होगा। –– ADVERTISEMENT –– Cabinet decision: सिविल सर्विस परीक्षा की तरह होगा यूपी पीसीएस का पैटर्न यह भी पढ़ें पीसीएस में अब बढ़ेंगे मेधावियों के लिए अवसर राज्य में प्रशासनिक अधिकारियों के चयन के लिए आयोजित की जाने वाली पीसीएस परीक्षा की प्रणाली में बदलाव से मेधावियों के लिए अवसर बढ़ेंगे। साक्षात्कार के अंकों में कमी से जहां आयोग की मनमानी और पक्षपात पर अंकुश लगेगा, वहीं मुख्य परीक्षा में बदलाव से अभ्यर्थी के व्यक्तित्व को भी आंका जा सकेगा। इस फैसले के बाद प्रतियोगियों के बीच असली होड़ मुख्य परीक्षा में ही रहेगी। पीसीएस परीक्षा के साक्षात्कार में पक्षपात के आरोप काफी पहले से लगते रहे हैं। सपा शासनकाल में हुई परीक्षाओं में प्रतियोगियों ने यह आरोप मुखर होकर लगाए थे। साक्षात्कार के लिए 200 अंक निर्धारित थे, जिसमें किसी को 80 से कम और 140 से अधिक अंक नहीं दिए जाते। यदि किसी को दिया जाता है, तो इंटरव्यू बोर्ड को नोटिंग करनी पड़ती है कि इस वजह से अधिक अंक दिए गए हैं। इसका लाभ उठाकर मनमाने ढंग से अंक दिए गए। आरओ-एआरओ परीक्षा 2017 पर भी विवादों का साया, सात प्रश्नों पर उठ रहे सवाल यह भी पढ़ें इसका परिणाम यह हुआ कि कई अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में अधिक अंक हासिल करने के बाद भी साक्षात्कार में कम अंक पाने की वजह से चयनित नहीं हो पाए। उदाहरण के लिए प्रतियोगी छात्र वैभव पांडेय के लिए पीसीएस का साक्षात्कार वाटरलू साबित हुआ। इसी प्रकार तीन बार परीक्षा दे चुके उदयभन द्विवेदी को भी साक्षात्कार के कम अंकों की वजह से ही मायूस होना पड़ा। प्रतियोगी छात्र समिति के सचिव अवनीश पांडेय सरकार के इस फैसले को सराहनीय बताते हैं। उनके अनुसार इससे प्रतियोगियों के केंद्र में लिखित परीक्षा होगा और वह कुंठा व अवसाद से भी बचे रहेंगे। गौरतलब है कि राज्य सरकार भर्ती परीक्षाओं में साक्षात्कार को अनियमितता का एक प्रमुख कारण मानती रही है। इसी वजह से समूह ग की सभी परीक्षाओं में साक्षात्कार खत्म किए जा चुके हैं। पीसीएस के साक्षात्कार में अंकों में कमी करके सरकार ने इस कड़ी को आगे बढ़ाया है।

इलाहाबाद (जेएनएन)। उप्र लोकसेवा आयोग से पीसीएस 2018 प्रारंभिक परीक्षा का संक्षिप्त विज्ञापन (नोटिफिकेशन) शीघ्र ही जारी होगा। आयोग को एसडीएम के पदों पर अधियाचन मिलने का इंतजार था, शासन ने आयोग को एसडीएम के 116 पदों का अधियाचन भेज दिया है। वहीं, अन्य पदों का अधियाचन पहले ही आ …

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पीड़िता के पिता बोले, आसाराम को सजा के फैसले से खुशी, बेटी को मिली जीत

शाहजहांपुर (जेएनएन)। आसाराम पर आए फैसले के बाद पीड़िता के पिता ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा है कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। इस फैसले से उनकी बेटी को जीत मिली है। बता दें कि जोधपुर कोर्ट ने आसाराम समेत सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है। फैसला आने के बाद शाहजहांपुर स्थित अपने घर से निकलकर पीड़िता के पिता बाहर आए। उन्होंने मीडिया और जिला प्रशासन को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। कोर्ट के फैसले पर उन्होंने खुशी जताई। साथ ही यह भी कहा कि उनकी बेटी भी इस फैसले से खुश है। हम लोगों ने काफी संघर्ष किया। सजा को लेकर वह बोले कि कोर्ट पर भरोसा है। कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। मंगलवार से ही पीड़िता के घर के बाहर सुरक्षा का कड़ा पहरा लगाया गया है। किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो सके इसके लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। इससे पहले एसपी केबी सिंह परिवार से मिले थे। उनके मुताबिक, पीड़ित परिवार की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। लगातार मॉनीट¨रग की जा रही है। पर्याप्त पुलिस फोर्स तैनात है। दुकानदार से मारपीट करने में शाहजहांपुर के पांच पुलिसकर्मी बर्खास्त यह भी पढ़ें खुफिया तंत्र भी सक्रिय है। पुलिस लगातार भ्रमणशील है। संदिग्धों पर विशेष नजर रखी जा रही है। यह था मामला पीड़िता ने जब आसाराम पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे तब वह छिंदवाड़ा आश्रम के कन्या छात्रावास में 12वीं कक्षा में पढ़ती थी। जानकारी के अनुसार पीड़िता के पिता के पास 7 अगस्त, 2013 को छिंदवाड़ा आश्रम से फोन आया कि उनकी बेटी बीमार है। इस पर पीड़िता के पिता वहा पहुंचे तो उन्हे बताया गया कि उनकी बेटी पर भूत-प्रेत का साया है, जिसे सिर्फ आसाराम ही ठीक कर सकते हैं। पीड़िता के माता-पिता अपनी बेटी के साथ 14 अगस्त को आसाराम से मिलने जोधपुर आश्रम में पहुंचा। इसके अगले दिन 15 अगस्त को आसाराम पे 16 साल की पीड़िता को अपनी कुटिया में बुला लिया और उसके साथ 1 घटे तक यौन उत्पीड़न किया। पीड़िता ने इस मामले की जानकारी अपने माता-पिता को दी तो उन्होंने 20 अगस्त, 2013 को दिल्ली कमलानगर पुलिस थाने में रात 2 बजे एफआरआर दर्ज कराई थी। मामला जोधपुर ट्रासफर कर दिया गया। जोधपुर पुलिस ने जाच के बाद आसाराम को 30 अगस्त की आधी रात इंदौर स्थित आश्रम से गिरफ्तार किया था।

शाहजहांपुर (जेएनएन)। आसाराम पर आए फैसले के बाद पीड़िता के पिता ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा है कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। इस फैसले से उनकी बेटी को जीत मिली है। बता दें कि जोधपुर कोर्ट ने आसाराम समेत सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है। …

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लखनऊ पुलिस ने पकड़ा भाजपा का फर्जी विधायक व मंत्री, लोगों को कर रहा था परेशान!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की मडिय़ांव पुलिस ने एक फर्जी विधायक व कैबिनेट मंत्री को उसके साथियोंं के साथ गिरफ्तार किया है। फर्जी मंत्री टाटा सफारी कार पर भाजपा विधायक और कैबिनेट मंत्री लिखकर चलता था। लोगों को कैबिनेट मंत्री बता कर अर्दब लेकर उनके खाली पड़े प्लाटों …

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बड़ा फैसला: इस साल 10-10 टापरों की कापियों आनलाइन सार्वजनिक की जायेगी!

इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानि यूपी बोर्ड ने इस साल 10वीं और 12वीं के 10-10 टॉपरों की उत्तर पुस्तिकाएं सार्वजनिक करने का फैसला लिया है। हर साल यूपी बोर्ड की मेरिट पर उठने वाले सवालों और विवादों से बचने और रिजल्ट में पारदर्शिता लाने के लिए यह बड़ा फैसला …

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STF: 50 हजार का इनामी बदमाश साथियों के संग लखनऊ से गिरफ्तार!

लखनऊ: 50 हजार रुपये के इनामी लुटेरे और उसके चार साथियों को बीती रात यूपी एसटीएफ की टीम ने लखनऊ के वजीरगंज इलाके से मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गये बदमाशों के पास से असलहे, लूटे गये जेवरात और एक टाटा सफारी गाड़ी भी मिली। इनामी बदमाश का पूरा …

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अगर आपके पास भी आ रहा इस नंबर से कॉल तो हो जाएँ सावधान..

मेरठ: अगर आपके पास भी विदेशी नंबरों से कॉल आ रही है तो आपको सावधान होने की जरूरत है. ऐसा इसलिए क्योकि इन कॉल्स को उठाने का भी चार्ज कटेगा और इन नंबरों पर दुबारा कॉल करने के भी मोटे पैसे देने होंगें साफ़ शब्दों में कहें तो इन कॉल्स की वजह से आप साइबर हमलों का शिकार तो होंगे ही साथ ही पैसों के मामले में भी लम्बी चोट खा सकते है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि पिछले एक सप्ताह से रात के वक्त 96 की दस अंकों वाली डिजिट के नंबर से मिस कॉल आती है. जब इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि ये कॉल्स मालदीव के किसी इलाके से किया जा रहा है. इसके लिए कंपनियों ने भी अपने ग्राहकों को मैसेज भेजकर अलर्ट जारी कर दिया है. नोएडा में एएसपी डॉ. त्रिवेणी सिंह के मुताबिक, धोखा देने के इरादे से कॉल स्कैमर्स करते है. उन्होंने बताया कि ऐसी कॉल रिसीव करने पर 3 से 50 रुपये प्रति मिनट काट लिया जाता है. ऐसे लोग लॉटरी जीतने या फिर किसी दूसरी बात को लेकर आपको फ़साने की कोशिश करते है. भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार निर्माता कंपनी एयरटेल ने अपने ग्राहकों को अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि यदि किसी कस्टमर के पास इस प्रकार की कॉल आती है तो वह फ़ौरन कस्टमर केयर पर संपर्क करें. इस मामले पर साइबर एक्सपर्ट्स कर्मवीर सिंह ने बताय कि, 'वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल (वीओआईपी) इंटरनेशनल कॉलिंग में काफी सुविधाजनक साधन है. भारत में भी अवैध तरीके से वीओआईपी का इस्तेमाल किया जा रहा है.' उन्होंने बताया कि मेरठ में कई बार वीओआईपी कॉलिंग पकड़ी गई हैं.

 अगर आपके पास भी विदेशी नंबरों से कॉल आ रही है तो आपको सावधान होने की जरूरत है. ऐसा इसलिए क्योकि इन कॉल्स को उठाने का भी चार्ज कटेगा और इन नंबरों पर दुबारा कॉल करने के भी मोटे पैसे देने होंगें साफ़ शब्दों में कहें तो इन कॉल्स की …

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पांच घंटे की मौत, फिर जिन्दा हुए शख़्स ने बताई ऊपर की बातें

अलीगढ़: एक आश्चर्यजनक घटना के चलते उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक ग्रामीण अपनी मौत के 5 घंटे बाद फिर से जिंदा हो गया. सूत्रों के अनुसार अलीगढ़ के अतरौली में किरथल गांव निवासी रामकिशोर का अचानक निधन हो गया और इस बात की सुचना पाते ही रिश्तेदारों और अन्य ग्रामीणों की भीड़ उसके घर जमा होने लगी. रामकिशोर के अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हुई तभी उसके शरीर में हुई हरकत से सभी डर गए. अचानक रामकिशोर उठकर बैठ गए और कहा कि अब वह एकदम ठीक हैं, गलती से मुझे ले गए थे, अब वापस भेज दिया. रामकिशोर सिंह को बोलते देख परिजन ख़ुशी से झूम उठे . उठकर क्या बोले रामकिशोर लोगों ने जब रामकिशोर से पूछा कि उन्हें 5 घंटों के बारे में क्या पता है तो उन्होंने कहा कि ज्यादा याद नहीं है लेकिन जहां गया था वहा एक बैठक चल रही थी और कुछ दाढ़ी वाले महात्मा अपने प्रमुख से बारी-बारी बातें कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस दौरान सबसे बुजुर्ग महात्मा ने उनके बारे में कई सवाल किए और पूछा कि इसे क्यों लाए हो, इसे ले जाओ, अभी समय है. रामकिशन ने बताया कि इसके तुरंत बाद उन्हें एक धक्का सा लगा और जब आंखें खुली तो घर पर रोते-बिलखते परिवार वालों को देखा.

एक आश्चर्यजनक घटना के चलते उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक ग्रामीण अपनी मौत के 5 घंटे बाद फिर से जिंदा हो गया. सूत्रों के अनुसार अलीगढ़ के अतरौली में किरथल गांव निवासी रामकिशोर का अचानक निधन हो गया और इस बात की सुचना पाते ही रिश्तेदारों और अन्य ग्रामीणों …

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समुदाय विशेष का ड्रायवर होने से कैंसल की कैब, ओला ने दिया ये जवाब

लखनऊ: आपको अभिषेक मिश्रा नामक व्यक्ति द्वारा कुछ दिन पहले ओला कैब को कैंसल कर दिए जाने और उसके पीछे कैब ड्राइवर का एक समुदाय विशेष ने नाता होने का कारण बताया जाना याद होगा. अभिषेक ने कैंसल की गई कैब से जुड़ा स्क्रीनशॉट ट्विटर पर डालते हुए लिखा था कि वह अपने पैसे 'जिहादियों' को नहीं देना चाहते. इसके जवाब में अब कैब कंपनी ओला ने कहा है कि वह अपने ड्राइवर्स और कस्टमर्स के साथ उनके जाति, धर्म, लिंग या पंथ के आधार पर किसी तरह का भेदभाव नहीं करती है. ओला ने यह जवाब ड्राइवर के समुदाय विशेष के चलते कैब कैंसल किए जाने पर दिया है. अभिषेक का ट्वीट वायरल होने के बाद ओला ने जवाब देते हुए लिखा, 'हमारे देश की तरह ओला भी एक सेक्युलर प्लैटफॉर्म है. हम अपने ड्राइवर्स और कस्टमर्स में जाति, धर्म, लिंग या पंथ के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं. हम अपने सभी ग्राहकों और ड्राइवर्स से आग्रह करते हैं कि वे एक-दूसरे से सम्मान के साथ व्यवहार करें. आपको बता दें कि अभिषेक ने यह ट्वीट बेंगलुरु की रेशमी आर नायर की उस फेसबुक पोस्ट के जवाब में किया था, जिसमें रश्मि ने 'रुद्र हनुमान' के पोस्टर वाली कैब में ट्रैवल न करने की बात कही थी. रेशमी ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा था, 'मैं रेप टेररेज़म को बढ़ावा देने के लिए और रेपिस्टों का पेट भरने के लिए अपना पैसा नहीं दूंगी. बातचीत में अभिषेक ने कहा कि वह किसी को समुदाय विशेष के आधार पर नहीं बांटते लेकिन कैब प्रवाइडर्स कंपनी ने जितनी तेजी के साथ मेरे ट्वीट पर जवाब दिया, उतनी ही तेजी तब भी दिखानी चाहिए थी, जब सिर्फ एक पोस्टर की वजह से किसी को सीधे तौर पर बलात्कारियों से जोड़ दिया गया था. उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ प्रतिक्रिया स्वरूप कैब कैंसल की थी और यह उनका संवैधानिक अधिकार है. आपको बता दें कि अभिषेक को ट्विटर पर कई केन्द्रीय तथा यूपी सरकार के मंत्री फॉलो करते हैं.

 आपको अभिषेक मिश्रा नामक व्यक्ति द्वारा कुछ दिन पहले ओला कैब को कैंसल कर दिए जाने और उसके पीछे कैब ड्राइवर का एक समुदाय विशेष ने नाता होने का कारण बताया जाना याद होगा. अभिषेक ने कैंसल की गई कैब से जुड़ा स्क्रीनशॉट ट्विटर पर डालते हुए लिखा था कि …

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