कारोबार

बैंक कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, सेवाओं पर असर

महज 2 फीसदी की वेतन बढ़ोतरी के प्रस्ताव का विरोध कर रहे 10 लाख से भी ज्यादा बैंक कर्मचारी आज भी हड़ताल पर हैं. इसकी वजह से महाराष्ट्र समेत देश के कई भागों में बैंक‍िंग लेन-देन में दिक्कतें पेश आ रही हैं. बैंक कर्मचारियों की यह हड़ताल 30 मई से शुरू हुई थी और यह आज खत्म होगी. बैंक यूनियनों की प्रमुख यूएफबीयू (महाराष्ट्र) के संयोजक देवीदास तुलजापुरकर ने दावा किया कि बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के चलते महाराष्ट्र में कई बैंकों की शाखाएं बंद रही हैं. इसके अलावा करंसी चेस्ट बंद रहने की वजह से कई जगहों पर एटीएम से भी पैसे मिलने में दिक्कतें पेश आई हैं. एक कर्मचारी की हुई मौत बुधवार को बैंक अधिकारियों की हड़ताल के दौरान एक अधिकारी की मौत हो गई है. पंजाब बॉर्डर पर मौजूद फाजिल्का जिले में एक पीएनबी बैंक अधिकारी की हड़ताल के दौरान मौत हो गई. फाजिल्का में ये हड़ताल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पास चल रही थी. हालांकि, पुलिस अधिकारी अभी मौत का कारण जानने की कोशिश कर रहे हैं. क्यों है हड़ताल? बैंक यूनियनें वेतन बढ़ोतरी के मुद्दे को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. दरअसल मई महीने की शुरुआत से ही बैंक यूनियनों और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) के बीच वेतन बढ़ोतरी को लेकर बात चल रही थी. हालांकि इसको लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई. बैंक कर्मियों के मुताबिक सरकार ने नवंबर 2017 से उनकी वेतन की वृद्धि रोक रखी है. अब तक बैंक कर्मचारी यूनियनों और आईबीए के बीच 16 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं, जो बेनतीजा रही. इस हड़ताल को लेकर भारतीय स्टेट बैंक , कैनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ोदा और पंजाब एंड स‍िंध बैंक पहले ही कह चुके थे कि उनके यहां बैंक‍िंग सेवाओं पर इसका असर देखने को मिल सकता है. उन्होंने कहा था कि हड़ताल करने वाले कर्मचारियों में से उनके बैंक के भी कर्मचारी हैं. बैंक यूनियन AIBOC के जनरल सेक्रेटरी रविंदर गुप्ता ने कहा कि हमने हड़ताल को लेकर आईबीए को 25 दिन पहले ही नोट‍िस दे दिया था, लेकिन आईबीए इस दौरान बैंक कर्मचारियों के साथ समझौता करने में विफल रहा. उन्होंने कहा कि बैंक कर्मचारियों को उनकी मेहनत के बराबर वेतन बढ़ोतरी नहीं दी जा रही है.महज 2 फीसदी की वेतन बढ़ोतरी के प्रस्ताव का विरोध कर रहे 10 लाख से भी ज्यादा बैंक कर्मचारी आज भी हड़ताल पर हैं. इसकी वजह से महाराष्ट्र समेत देश के कई भागों में बैंक‍िंग लेन-देन में दिक्कतें पेश आ रही हैं. बैंक कर्मचारियों की यह हड़ताल 30 मई से शुरू हुई थी और यह आज खत्म होगी. बैंक यूनियनों की प्रमुख यूएफबीयू (महाराष्ट्र) के संयोजक देवीदास तुलजापुरकर ने दावा किया कि बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के चलते महाराष्ट्र में कई बैंकों की शाखाएं बंद रही हैं. इसके अलावा करंसी चेस्ट बंद रहने की वजह से कई जगहों पर एटीएम से भी पैसे मिलने में दिक्कतें पेश आई हैं. एक कर्मचारी की हुई मौत बुधवार को बैंक अधिकारियों की हड़ताल के दौरान एक अधिकारी की मौत हो गई है. पंजाब बॉर्डर पर मौजूद फाजिल्का जिले में एक पीएनबी बैंक अधिकारी की हड़ताल के दौरान मौत हो गई. फाजिल्का में ये हड़ताल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पास चल रही थी. हालांकि, पुलिस अधिकारी अभी मौत का कारण जानने की कोशिश कर रहे हैं. क्यों है हड़ताल? बैंक यूनियनें वेतन बढ़ोतरी के मुद्दे को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. दरअसल मई महीने की शुरुआत से ही बैंक यूनियनों और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) के बीच वेतन बढ़ोतरी को लेकर बात चल रही थी. हालांकि इसको लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई. बैंक कर्मियों के मुताबिक सरकार ने नवंबर 2017 से उनकी वेतन की वृद्धि रोक रखी है. अब तक बैंक कर्मचारी यूनियनों और आईबीए के बीच 16 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं, जो बेनतीजा रही. इस हड़ताल को लेकर भारतीय स्टेट बैंक , कैनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ोदा और पंजाब एंड स‍िंध बैंक पहले ही कह चुके थे कि उनके यहां बैंक‍िंग सेवाओं पर इसका असर देखने को मिल सकता है. उन्होंने कहा था कि हड़ताल करने वाले कर्मचारियों में से उनके बैंक के भी कर्मचारी हैं. बैंक यूनियन AIBOC के जनरल सेक्रेटरी रविंदर गुप्ता ने कहा कि हमने हड़ताल को लेकर आईबीए को 25 दिन पहले ही नोट‍िस दे दिया था, लेकिन आईबीए इस दौरान बैंक कर्मचारियों के साथ समझौता करने में विफल रहा. उन्होंने कहा कि बैंक कर्मचारियों को उनकी मेहनत के बराबर वेतन बढ़ोतरी नहीं दी जा रही है.

महज 2 फीसदी की वेतन बढ़ोतरी के प्रस्ताव का विरोध कर रहे 10 लाख से भी ज्यादा बैंक कर्मचारी आज भी हड़ताल पर हैं. इसकी वजह से महाराष्ट्र समेत देश के कई भागों में बैंक‍िंग लेन-देन में दिक्कतें पेश आ रही हैं. बैंक कर्मचारियों की यह हड़ताल 30 मई से …

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टाटा ग्रुप के 150 साल के इतिहास में पहली बार होगा ऐसा, कर्मचारियों की होगी बल्ले-बल्ले

टाटा मोटर्स अपने 150 साल के इतिहास में पहली बार अपने कर्मचारियों के लिए एक खास योजना लेकर आई है. इस योजना के तहत कंपनी अपने 200 कर्मचारियों को इम्प्लॉई स्‍टॉक ऑप्‍शन (ईएसओपी) का फायदा देगी. लगभग 100 अरब डॉलर वाले टाटा ग्रुप के इतिहास में यह पहली बार होगा. इसके साथ ही भारतीय ऑटो इंडस्‍ट्री में इस तरह की शुरुआत करने वाली टाटा मोटर्स पहली कंपनी होगी. कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि स्‍टॉक ऑप्‍शन की पात्रता घरेलू बाजार में तीन मापदंडों पर निर्भर होगी- बाजार हिस्‍सेदारी, एबिट मार्जिन में सुधार और राजस्‍व में मुक्‍त नकदी का प्रतिशत. वर्तमान वित्‍त वर्ष की दूसरी तिमाही से चुने गए कर्मचारियों को स्‍टॉक ऑप्‍शन का लाभ मिलेगा. यह ऑप्‍शन कर्मचारियों को वित्‍त वर्ष 2021 से वित्‍त वर्ष 2023 के बीच तीन भाग में मिलेगा. इसकी जानकारी ग्रुप के चीफ फाइनेंश‍ियल ऑफ‍िसर (सीएफओ) पीबी बालाजी ने चौथी तिमाही के नतीजों के लिए बुलाई गई बैठक में दी. इस प्‍लान को शेयरधारकों की मंजूरी के लिए कंपनी की आगामी वार्षिक सभा में पेश किया जाएगा. कंसल्‍टेंसी फर्म अवेंटम एडवाइजर्स के एमडी वीजी रामाकृष्‍णन ने कहा कि यह एक बहुत अच्‍छा कदम है और यह इस बात को बताता है कि टॉप मैनेजमेंट कंपनी के प्रदर्शन के लिए जिम्‍मेदारी लेने का इच्‍छुक है. टाटा मोटर्स ने बताया कि कंपनी भविष्‍य में अपने टॉप टैलेंट में बहुत अधिक निवेश करेगी. इसके माध्यम से कंपनी अपने कर्मचारियों को लीडरशिप डेवलपमेंट, प्रोग्रेशन और प्रमोशन के अवसर उपलब्‍ध कराएगी ताकि कर्मचारियों के लिए एक सही करियर सुनिश्चित हो सके. टाटा मोटर्स के बोर्ड ने कर्मचारियों के लिए इंक्रीमेंट्स और बोनस को अपनी मंजूरी दे दी है. टाटा मोटर्स अपने 150 साल के इतिहास में पहली बार अपने कर्मचारियों के लिए एक खास योजना लेकर आई है. इस योजना के तहत कंपनी अपने 200 कर्मचारियों को इम्प्लॉई स्‍टॉक ऑप्‍शन (ईएसओपी) का फायदा देगी. लगभग 100 अरब डॉलर वाले टाटा ग्रुप के इतिहास में यह पहली बार होगा. इसके साथ ही भारतीय ऑटो इंडस्‍ट्री में इस तरह की शुरुआत करने वाली टाटा मोटर्स पहली कंपनी होगी. कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि स्‍टॉक ऑप्‍शन की पात्रता घरेलू बाजार में तीन मापदंडों पर निर्भर होगी- बाजार हिस्‍सेदारी, एबिट मार्जिन में सुधार और राजस्‍व में मुक्‍त नकदी का प्रतिशत. वर्तमान वित्‍त वर्ष की दूसरी तिमाही से चुने गए कर्मचारियों को स्‍टॉक ऑप्‍शन का लाभ मिलेगा. यह ऑप्‍शन कर्मचारियों को वित्‍त वर्ष 2021 से वित्‍त वर्ष 2023 के बीच तीन भाग में मिलेगा. इसकी जानकारी ग्रुप के चीफ फाइनेंश‍ियल ऑफ‍िसर (सीएफओ) पीबी बालाजी ने चौथी तिमाही के नतीजों के लिए बुलाई गई बैठक में दी. इस प्‍लान को शेयरधारकों की मंजूरी के लिए कंपनी की आगामी वार्षिक सभा में पेश किया जाएगा. कंसल्‍टेंसी फर्म अवेंटम एडवाइजर्स के एमडी वीजी रामाकृष्‍णन ने कहा कि यह एक बहुत अच्‍छा कदम है और यह इस बात को बताता है कि टॉप मैनेजमेंट कंपनी के प्रदर्शन के लिए जिम्‍मेदारी लेने का इच्‍छुक है. टाटा मोटर्स ने बताया कि कंपनी भविष्‍य में अपने टॉप टैलेंट में बहुत अधिक निवेश करेगी. इसके माध्यम से कंपनी अपने कर्मचारियों को लीडरशिप डेवलपमेंट, प्रोग्रेशन और प्रमोशन के अवसर उपलब्‍ध कराएगी ताकि कर्मचारियों के लिए एक सही करियर सुनिश्चित हो सके. टाटा मोटर्स के बोर्ड ने कर्मचारियों के लिए इंक्रीमेंट्स और बोनस को अपनी मंजूरी दे दी है.

टाटा मोटर्स अपने 150 साल के इतिहास में पहली बार अपने कर्मचारियों के लिए एक खास योजना लेकर आई है. इस योजना के तहत कंपनी अपने 200 कर्मचारियों को इम्प्लॉई स्‍टॉक ऑप्‍शन (ईएसओपी) का फायदा देगी.  लगभग 100 अरब डॉलर वाले टाटा  ग्रुप के इतिहास में यह पहली बार होगा. इसके साथ …

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16 दिन बाद पहली बार घटी पेट्रोल-डीजल की कीमतें, जानिए कितने की मिली राहत

कर्नाटक चुनाव के बाद लगातार 16 दिन तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़त के बाद बुधवार को इनकी कीमतों में पहली बार गिरावट आई है. दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 60 पैसे और डीजल की कीमत में 56 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई है. दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 60 पैसे घटकर 77.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 56 पैसे घटकर 68.75 रुपये प्रति लीटर हो गई है. कर्नाटक चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जो बढ़त शुरू हुई थी, उस पर अब जाकर ब्रेक लगी है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बाद सरकार पर तेल के दाम कम करने का दबाव था. तेल कंपनियों ने कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 59 पैसे की कटौती करते हुए 80.47 रुपये, मुंबई में 59 पैसे घटाते हुए 85.65 रुपये और चेन्नई में 63 पैसे की कटौती करते हुए 80.80 रुपये प्रति लीटर कर दी है. कोलकाता में डीजल की कीमत में 56 पैसे की कटौती करते हुए 71.30 रुपये प्रति लीटर, मुंबई में 59 पैसे घटाकर 73.20 रुपये प्रति लीटर और चेन्नई में 60 पैसे की कटौती करते हुए 72.58 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है. गत 23 मई को केंद्र सरकार ने कहा था कि वह पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत दिलाने के लिए दीर्घकालिक समाधान लाने पर काम कर रही है. सरकार ने कहा था कि हम जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेंगे. गौरतलब है कि कर्नाटक चुनाव के दौरान 19 दिन तक पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई, लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हुए पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा दिए गए. तब से लगातार ईंधन की कीमत में बढ़ोतरी का दौर जारी था. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में आ रही रिकॉर्ड वृद्ध‍ि को इसकी वजह बताया गया. इससे पहले पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) और पेट्रोल डीलर एसोसिएशन के साथ बैठक की थी. लेकिन इस बैठक से भी आम आदमी को कोई राहत नहीं मिली थी.

कर्नाटक चुनाव के बाद लगातार 16 दिन तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़त के बाद बुधवार को इनकी कीमतों में पहली बार गिरावट आई है. दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 60 पैसे और डीजल की कीमत में 56 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई है. दिल्ली में पेट्रोल …

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बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का असर, 85000 ब्रांच बंद, ATM समेत तमाम सेवाएं बाध‍ित

वेतन बढ़ोतरी के मुद्दे को लेकर बैंक कर्मचारियों की यूनियनों ने हड़ताल शुरू कर दी है. इस हड़ताल का असर भी दिखना शुरू हो गया है. दो दिन चलने वाली इनकी हड़ताल की वजह से 85 हजार बैंक शाखाएं आज और कल बंद रहने वाली हैं. इसकी वजह से लोगों को बैंक से जुड़ी कई सेवाएं लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. भारतीय स्टेट बैंक समेत कुछ निजी बैंकों की शाखाएं भी आज और कल बंद रहेंगी. ऑल इंडिया बैंक इम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA) के एक वरिष्ठ अध‍िकारी ने दावा किया कि इस हड़ताल की वजह से हर दिन 39 लाख इंस्ट्रमेंट्स के क्लीयरेंस पर असर पड़ेगा. ये इंस्ट्रमेंट्स 21,700 करोड़ रुपये की वैल्यू के हैं. एटीएमों में पैसे डालने का काम करने वाली कंपनी फाइनेंश‍ियल सॉफ्टवेयर एंड स‍िस्टम्स के अध्यक्ष वी. बालासुब्रमण्यन ने कहा कि हड़ताल की वजह से कैश की किल्लत न हो. इसके लिए एटीएमों को तैयार किया जा रहा है. उन्होंने बताया, '' निजी बैंक एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक लगातार इसको लेकर काम कर रहे हैं.'' उन्होंने बताया कि बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का हमें पहले से ही पता था. इसलिए हमने इन हालात से निपटने की तैयारी कर ली थी. इसके लिए हमने बैंकों से पहले ही कैश जमा कर लिया था, ताकि समय पर इसे एटीएम में डाला जा सके. दरअसल वेतन बढ़ोतरी के मुद्दे को लेकर बैंक यूनियनों और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) के बीच सहमति नहीं बन पाई है. इसके बाद 10 लाख से भी ज्यादा बैंक कर्मचारी 30 मई यानी आज से हड़ताल पर जा चुके हैं. इनकी यह हड़ताल दो दिन चलने वाली है. इस हड़ताल को लेकर भारतीय स्टेट बैंक , कैनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ोदा और पंजाब एंड स‍िंध बैंक पहले ही कह चुके थे कि उनके यहां बैंक‍िंग सेवाओं पर इसका असर देखने को मिल सकता है. उन्होंने कहा था कि हड़ताल करने वाले कर्मचारियों में से उनके बैंक के भी कर्मचारी हैं. बैंक यूनियन AIBOC के जनरल सेक्रेटरी रविंदर गुप्ता ने कहा कि हमने हड़ताल को लेकर आईबीए को 25 दिन पहले ही नोट‍िस दे दिया था, लेकिन आईबीए इस दौरान बैंक कर्मचारियों के साथ समझौता करने में विफल रहा. उन्होंने कहा कि बैंक कर्मचारियों को उनकी मेहनत के बराबर वेतन बढ़ोतरी नहीं दी जा रही है. बैंक‍ यूनियनों के मुताबिक इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) ने उनके वेतन में 2 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है. उनका कहना है कि यह ना के बराबर है. इसी के विरोध में उनकी हड़ताल है. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) में बैंक कर्मचारियों की कई यूनियनें शामिल हैं. इसमें ऑल इंडिया बैंक ऑफ‍िसर्स कंफेडरेशन (AIBOC), ऑल इंडिया बैंक इम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA) और नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (NOBW) समेत अन्य कई यूनियनें आती हैं.

वेतन बढ़ोतरी के मुद्दे को लेकर बैंक कर्मचारियों की यूनियनों ने हड़ताल शुरू कर दी है. इस हड़ताल का असर भी दिखना शुरू हो गया है. दो दिन चलने वाली इनकी हड़ताल की वजह से 85 हजार बैंक शाखाएं आज और कल बंद रहने वाली हैं. इसकी वजह से लोगों …

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चीन-अमेरिका में तनाव का असर बाजार पर, सेंसेक्स 149 अंक टूटा

वैश्व‍िक बाजार से म‍िले कमजोर संकेतों के चलते घरेलू शेयर बाजार की भी कमजोर शुरुआत हुई है. इस हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार को शेयर बाजार ने गिरावट के साथ कारोबार शुरू किया है. बुधवार को सेंसेक्स ने 73 अंक गिरकर शुरुआत की है. इस गिरावट के साथ यह 34,876 के स्तर पर खुला है. वहीं, निफ्टी की बात करें तो यह 54 अंक गिरकर 10,579 के स्तर पर खुलने में कामयाब हुआ है. हालांकि शुरुआती कारोबार में बाजार में गिरावट बढ़नी शुरू हो गई है. अमेरिका और चीन के बीच एक बार फिर ट्रेड वॉर की आशंका पैदा हो गई है. इसका असर बाजार पर भी नजर आ रहा है. फिलहाल (10.33AM) सेंसेक्स 149.23 अंक टूटकर 34,800.01 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं, निफ्टी की बात करें तो इसमें फिलहाल 51.25 अंकों की गिरावट है. इस गिरावट के साथ 10,582.05 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. शुरुआती कारोबार में बैंक‍िंग शेयरों में गिरावट नजर आ रही है. आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है. इसके अलावा सिप्ला और बीपीसीएल के शेयरों में भी गिरावट का दौर बना हुआ है.

वैश्व‍िक बाजार से म‍िले कमजोर संकेतों के चलते घरेलू शेयर बाजार की भी कमजोर शुरुआत हुई है. इस हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार को शेयर बाजार ने गिरावट के साथ कारोबार शुरू किया है. बुधवार को सेंसेक्स ने  73 अंक गिरकर शुरुआत की है. इस गिरावट के साथ यह 34,876 के …

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16 दिन बाद पेट्रोल के दाम घटे भी तो सिर्फ 1 पैसा, तकनीकी गलती से बता दिया 60 पैसा

कर्नाटक चुनाव के 16 दिन बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती तो की गई, लेक‍िन वो भी सिर्फ एक पैसा. हालांक‍ि सुबह जब तेल कंपनियों की तरफ से इसका डाटा जारी किया, तो इसमें पेट्रोल में 60 पैसा और डीजल में 56 पैसे की कटौती दिखाई गई. लेक‍िन महज एक घंटे के अंदर तेल कंपनियों ने इसे बदल दिया. इसके लिए तकनीकी गलती को जिम्मेदार बताया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार पर भले ही कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट शुरू हो गई है. लेक‍िन इसका फायदा अभी भी आपको पूरी तरह से नहीं मिला है. बुधवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 78.42 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. वहीं, मंगलवार की बात करें, तो इसके लिए आपको 78.43 रुपये चुकाने पड़ रहे थे. इस तरह आपको सिर्फ एक पैसे की राहत दी गई है. तकनीकी गलती से दे दी 60 पैसे की छूट: इंडियन ऑयल कंपनी की वेबसाइट पर सुबह पेट्रोल और डीजल की जो जानकारी जारी की गई. उसमें बताया गया कि पेट्रोल पर 60 पैसे की छूट मिली है. हालांकि ऐसा नहीं था. कंपनी ने बाद में इसमें सुधार किया. इस सुधार के बाद आपको मिली राहत सिर्फ 1 पैसे की हो गई. महज एक घंटे के अंदर तेल कंपनियों ने इस गलती में सुधार कर दिया है. बुधवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 78.42 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. वहीं, मुंबई की बात करें, तो यहां आपको 86.23 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. अन्य मेट्रो शहरों की बात करें तो कोलकाता में 81.05 प्रति लीटर देना पड़ रहा है. चेन्नई में एक लीटर पेट्रोल के लिए 81.42 रुपये लोग दे रहे हैं. वहीं, डीजल की बात करें तो दिल्ली में एक लीटर के लिए आपको 69.30 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. वहीं, मुंबई की बात करें तो यहां आपको 73.78 रुपये, कोलकाता में 71.85 और चेन्नई में 73.17 रुपये प्रति लीटर चुकाना पड़ रहा है. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आना शुरू हो गई है. दरअसल सउदी अरब और रूस ने कच्चे तेल की आपूर्ति के नियमों में ढील दे दी है. इसका सीधा फायदा कच्चे तेल के दाम घटने के तौर पर मिला है. कच्चे तेल में आई इस कमी का फायदा धीरे-धीरे पेट्रोल और डीजल की कीमतों के तौर पर भी देखने को मिलेगा. बुधवार को राहत तो मिली है. हालांकि यह राहत ना के बराबर है.

कर्नाटक चुनाव के 16 दिन बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती तो की गई, लेक‍िन वो भी सिर्फ एक पैसा. हालांक‍ि सुबह जब तेल कंपनियों की तरफ से इसका डाटा जारी किया, तो इसमें पेट्रोल में 60 पैसा और डीजल में 56 पैसे की कटौती दिखाई गई. लेक‍िन …

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#BankStrike: आज और कल उठानी पड़ सकती है कैश की दिक्कत, जानिए क्यों?

नई दिल्ली: बुधवार और गुरुवार का दिन लोगों के लिए दिक्कत से भरा हो सकता है। इसके पीछे वजह है कि देश के सभी सरकारी बैंकों और कुछ प्राइवेट बैंकों में हड़ताल रहेगी। इसकी वजह से खाताधारकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा सकता है। ये हड़ताल यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक …

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कच्चे तेल में नरमी के बाद भी राहत नहीं, आज इतने बढ़े पेट्रोल के दाम

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोमवार को कच्चा तेल 3 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया था. हालांकि कच्चे तेल में आई इस नरमी का फायदा मंगलवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होने के तौर पर नहीं मिला. लगातार 16वें दिन मंगलवार को भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. मंगलवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 78.43 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है. मुंबई में इसने 86 का आंकड़ा पार कर लिया है. यहां एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 86.24 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. कोलकाता की बात करें, तो यहां पर आपको 81.06 और चेन्नई में 81.43 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. दिल्ली में एक लीटर डीजल 69.31 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है. मुंबई में यह 73.79 रुपये प्रति लीटर देने पड़ रहे हैं. कोलकाता में 71.86 रुपये और चेन्नई में 73.18 रुपये प्रति लीटर डीजल मिल रहा है. बता दें कि पिछले लगातार 16 दिन से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हो रहा है. हालांकि कच्चे तेल में नरमी आनी शुरू हो गई है. इसके साथ ही रुपये ने भी मजबूती पकड़ना शुरू कर दिया है. इससे उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही पेट्रोल और डीजल के दाम भी घटेंगे और आम आदमी को इससे राहत मिलेगी. हालांकि यह राहत कब मिलेगी, इसका आम आदमी इंतजार कर रहा है.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोमवार को कच्चा तेल 3 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया था. हालांकि कच्चे तेल में आई इस नरमी का फायदा मंगलवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होने के तौर पर नहीं मिला. लगातार 16वें दिन मंगलवार को भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी …

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स्टरलाइट प्लांट बंद: महंगा होगा तांबा, सरकार पर पड़ सकता है 200 अरब का बोझ

तमिलनाडु के तूतीकोरिन में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच राज्य सरकार ने स्टरलाइट कॉपर वेदांता लिमिटेड के यूनिट को हमेशा के लिए बंद करने का आदेश दिया है. इस आदेश के बाद देश में तांबे की आपूर्ति पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. देश में तांबे की सालाना जरूरत में इस प्लांट की 40 फीसदी हिस्सेदारी थी. इस कमी को सरकार तांबा आयात कर पूरी कर सकती है, लेकिन इससे उसे हर साल 200 अरब रुपये का बोझ उठाना पड़ सकता है. छोटे कारोबारियों पर असर भारत हर साल 10 लाख टन तांबे का प्रोडक्शन करता है. इस कुल उत्पादन में स्टरलाइट प्लांट की हिस्सेदारी 40 फीसदी है. इस प्लांट के बंद होने की वजह से 800 छोटी और मीडियम यूनिट्स पर असर देखने को मिलेगा. इन यूनिट्स में केबल मैन्यूफैक्चरर्स, वाइंडिंग वायर यूनिट और ट्रांसफॉर्मर मैन्यूफैक्चरर्स समेत अन्य शामिल हैं. ये वो यूनिटे हैं, जो स्टरलाइट प्लांट से जुड़ी हुई थीं. तांबे की कीमतों में 2 फीसदी का इजाफा विशेषज्ञों का कहना है कि स्टरलाइट प्लांट बंद होने से घरेलू स्तर पर तांबे की आपूर्ति पर असर दिखना तय है. एडेलवीस के कमोडिटी एनालिस्ट अंक‍ित नरसाणा ने बिजनेस टुडे से बातचीत में बताया कि प्लांट बंद होने का असर अभी तांबे की कीमतें बढ़ने के तौर पर दिख सकता है. इसकी वजह से इसकी कीमतों में 2 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. मौजूदा समय में बाजार में तांबा 455 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहा है. सरकार कर सकती है आयात उन्होंने इसके साथ ही कहा कि विश्व में होने वाले कुल तांबे के उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 10 फीसदी है. अंक‍ित ने कहा कि कीमतों को नियंत्र‍ित करने के लिए इसका आयात बढ़ाया जा सकता है. अगर ऐसा होता है, तो इसके लिए 3 अरब डॉलर (करीब 200 अरब रुपये) का खर्च सरकार को उठाना पड़ सकता है. 30 हजार से भी ज्यादा लोगों पर पड़ेगा असर तूतीकोरिन में जारी प्रदर्शन के दौरान स्टरलाइट कॉपर के सीईओ पी. रामनाथ ने बिजनेस टुडे से बात की थी. इसमें उन्होंने बताया था कि यहां 3500 से ज्यादा लोग काम करते हैं. इसके अलावा 30 हजार से ज्यादा लोग हैं, जो अप्रत्यक्ष तौर पर प्लांट से जुड़े हुए हैं. ये लोग फर्टीलाइजर प्लांट के सल्फरिक एसिड और फॉस्फोरिक एसिड तैयार करते हैं. प्लांट बंद होने का सीधा असर इन पर पड़ेगा. इससे इन लोगों के लिए मुसीबत खड़ी होगी.

तमिलनाडु के तूतीकोरिन में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच राज्य सरकार ने स्टरलाइट कॉपर वेदांता लिमिटेड के यूनिट को हमेशा के लिए बंद करने का आदेश दिया है. इस आदेश के बाद देश में तांबे की आपूर्ति पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. देश में तांबे की सालाना जरूरत में …

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Price Hike: 16 वें दिन भी पेट्रोल और डीजल के दाम में हुई बढ़ोतरी!

नई दिल्ली: घरेलू बाजार में लगातार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे हैं। ऐसा लगता है कि आने वाले कुछ और समय तक लोगों को इससे राहत मिलने वाली नहीं है। लगातार 16वें दिन दाम बढऩे से देश की आर्थिक राजधानी में जहां एक लीटर पेट्रोल की कीमत 86.24 रुपये …

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