कारोबार

जेट एयरवेज की खस्ता हालत, सिर्फ 60 दिनों के लिए ही बचे पैसे

जेट एयरवेज की खस्ता हालत, सिर्फ 60 दिनों के लिए ही बचे पैसे

बिजनेस डेस्कः किंगफिशर एयरलाइंस के बाद जेट एयरवेज की वित्तीय हालत काफी खराब हो गई है। खबरों के अनुसार कंपनी की माली हालत इतनी खराब हो चुकी है कि अगर जल्द वित्तीय मदद न मिली तो 60 दिन बाद इसका संचालन ठप हो जाएगा। लागत कम करने के उपायों में …

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HDFC के ग्राहकों को झटका, महंगा किया होम लोन

HDFC के ग्राहकों को झटका, महंगा किया होम लोन

एचडीएफसी ने होम लोन की ब्‍याज दरों में बढ़ौत्तरी कर दी है। आरबीआई के नीतिगत दर में बढ़ोत्तरी के एक दिन बाद एचडीएफसी ने यह कदम उठाया। बैंक ने महिलाओं के लिए लोन की ब्‍याज दरों में 20 बेसिस प्‍वाइंट की बढ़ौत्तरी की है, वहीं अन्‍य ग्राहकों के लिए यह …

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जुलाई में बढ़ा जीएसटी कलेक्शन, 96,483 करोड़ रुपये जमा हुआ कुल टैक्स

जीएसटी के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर आई है. जुलाई महीने में जीएसटी कलेक्शन जून के मुकाबले बढ़ा है. बुधवार को जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में 96,483 करोड़ रुपये का टैक्स जीएसटी के तहत आया है. पिछले महीने यह 95,610 करोड़ रुपये रहा था. जुलाई महीने में 66 लाख कारोबारियों ने जीएसटीआर 3B भरा है. वहीं, जून की बात करें तो पिछले महीने यह आंकड़ा 64.69 के स्तर पर रहा था. जीएसटी कलेक्शन में केंद्रीय जीएसटी की हिस्सेदारी 15,877 करोड़ है. वहीं, राज्य जीएसटी की बात करें तो यह कुल 22,293 करोड़ रुपये इस महीने रहा है. इंटीग्रेटेड जीएसटी 49,951 करोड़ रुपये रहा और सेस से सरकार को 8,362 करोड़ रुपये मिले. इसमें 794 करोड़ आयात से हासिल सेस शामिल है. इस तरह जीएसटी रेवेन्यू टारगेट एक लाख करोड़ के करीब पहुंच रहा है. वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में सरकार ने हर महीने जीएसटी कलेक्शन के 1.15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा था. हालांकि व‍िशेषज्ञों का कहना है कि इस लक्ष्य को हासिल कर पाना आसान नहीं है. जुलाई के जीएसटी रेवेन्यू कलेक्शन में 21 जुलाई को जीएसटी रेट में की गई कटौती का आंकड़ा शामिल नहीं है. बता दें कि 21 जुलाई को जीएसटी परिषद ने 88 उत्पादों के जीएसटी रेट में कटौती की थी. इस दौरान 28 फीसदी में से कई उत्पादों को 18 फीसदी के स्लैब्स में ला दिया गया है

जीएसटी के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर आई है. जुलाई महीने में जीएसटी कलेक्शन जून के मुकाबले बढ़ा है. बुधवार को जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में 96,483 करोड़ रुपये का टैक्स जीएसटी के तहत आया है. पिछले महीने यह 95,610 करोड़ रुपये रहा था. जुलाई …

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फॉर्च्यून 500 लिस्ट: रिलायंस समेत भारत की ये सात कंपनियां हैं शामिल, वॉलमार्ट नंबर वन

वैश्व‍िक पत्र‍िका फॉर्च्यून ने बुधवार को अपनी सालाना फॉर्च्यून 500 कंपनियों की लिस्ट जारी की है. दुनिया की इन सबसे बड़ी 500 कंपनियों में भारत की 6 कंपनियां शामिल हुई हैं. इनके अलावा भारतीय स्टेट बैंक ने भी इस‍ लिस्ट में जगह बनाई है. इस लिस्ट में सबसे ज्यादा बढ़त मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को मिली है. फॉर्च्यून के मुताबिक लिस्ट में रिलायंस ने सबसे बड़ा उछाल हासिल क‍िया है. लिस्ट में RIL 55 पायदान बढ़ कर 148वें स्थान पर काबिज हुई है. इससे पहले RIL 203वें स्थान पर थी. फॉर्च्यून ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान आरआईएल का मुनाफा 25.5 फीसदी बढ़ा है. वित्त वर्ष 2017-18 में कंपनी की कुल कमाई 62.3 अरब डॉलर रही है. हालांकि लिस्ट में इंडियन ऑयल कंपनी सबसे आगे निकली है. यह लिस्ट में 137वें स्थान पर काबिज हुई है. आईओसीएल और रिलायंस के बाद 197वें स्थान पर ऑयल एंड नेचुरल गैसत (ONGC) शामिल हुई है. पिछले साल यह कंपनी लिस्ट में शामिल नहीं थी. लिस्ट में इसे शामिल करने की मुख्य वजह इसकी कमाई में आई 156.9 फीसद की बढ़ोतरी है. लिस्ट में भारतीय स्टेट बैंक 216वें स्थान पर काबिज हुआ है. टाटा मोटर्स इस लिस्ट में 232वें स्थान पर अपनी जगह बनाने में कामयाब हुई है. इनके अलावा भारत पेट्रोलियम 314वें पायदान पर काबिज हुई है. राजेश एक्सपोर्ट्स को लिस्ट में 405वें पायदान पर रखा गया है. पिछले साल यह 295वें स्थान पर थी. लिस्ट में टॉप कंपनियों में रिटेलर कंपनी वॉलमार्ट ने बाजी मारी है. वॉलमार्ट पहले स्थान पर काबिज हुई है. इसके बाद दूसरे नंबर पर चीनी कंपनी स्टेट ग्र‍िड, साइनोपेक ग्रुप तीसरे और चीन के नेशनल पेट्रोलियम को चौथे पायदान पर ल‍िस्ट में रखा गया है. 5वें पायदान पर डच कंपनी रॉयल डच शेल शामिल है

वैश्व‍िक पत्र‍िका फॉर्च्यून ने बुधवार को अपनी सालाना फॉर्च्यून 500 कंपनियों की लिस्ट जारी की है. दुनिया की इन सबसे बड़ी 500 कंपनियों में भारत की 6 कंपनियां शामिल हुई हैं. इनके अलावा भारतीय स्टेट बैंक ने भी इस‍ लिस्ट में जगह बनाई है. इस लिस्ट में सबसे ज्यादा बढ़त …

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फिर बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, जानें आज कितनी हो गई कीमत

फिर बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, जानें आज कितनी हो गई कीमत

लगातार दो दिन तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं करने के बाद तेल कंपनियों ने तीसरे दिन कीमतें बढ़ा दी हैं. गुरुवार को महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है. गुरुवार को महानगरों में पेट्रोल की कीमतें 11 से 15 पैसे की दर से …

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शेयर बाजर में बड़ी गिरावट, सेंसेक्स 200 अंक फिसला

शेयर बाजर में बड़ी गिरावट, सेंसेक्स 200 अंक फिसला

बुधवार को रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए क्रेडिट पॉलिसी के फैसले के बाद बाजार में गिरावट का दौर जारी है। फैसले के ठीक बाद फिसला बाजार संभलकर बंद हुआ लेकिन गुरुवार को इसकी शुरुआत गिरावट के साथ ही हुई है। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स खबर लिखे जाने तक 212 अंक …

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आर्थिक संकट से जूझ रहा जेट एयरवेज, कम हो सकती है कर्मचारियों की 25 फीसद सैलरी

आर्थिक संकट से जूझ रहा जेट एयरवेज, कम हो सकती है कर्मचारियों की 25 फीसद सैलरी

वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अपने कर्मचारियों की 25 फीसद तनख्वाह कम करने का फैसला किया है। सूत्रों की मानें तो पायलट और इंजीनियर्स ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। 12 लाख रुपये तक सालाना पैकेज वालों की तनख्वाह 5 फीसद और और 1 करोड़ …

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Bank Loan: अब महंगा हुआ सभी तरह का बैंक लोन, जानिए क्यों!

नई दिल्ली: अगर आप लोन लेने की सोचे रहे हैं तो अब इसका असर आपकी जेब पर भी ज्यादा पड़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई ने रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया है। वहीं रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.25 किया गया है। बढ़ती महंगाई की वजह से …

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RBI के फैसले का दिखा बाजार पर असर, सेंसेक्स 85 अंक गिरकर 37521 पर बंद

RBI की लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में इजाफा किया गया है। इसके बाद सेंसेक्स करीब 150 अंक तक गिर गया था। लेकिन बाजार बंद होते समय रिकवरी के चलते सेंसेक्स 85 अंक गिरकर 37521 के स्तर पर और निफ्टी 10 अंक की गिरावट के साथ 11346 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। सबसे ज्यादा गिरावट मारुति और वेदांता लिमिटेड के शेयर्स में है। मारुति 1.75 फीसद की गिरावट के साथ 9340 के स्तर पर और वेदांता लिमिटेड 1.84 फीसद की कमजोरी के साथ 218.15 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप 0.15 फीसद और स्मॉलकैप 0.03 फीसद की बढ़त के साथ कारोबार कर बंद हुआ है। ऑटो शेयर्स में बिकवाली सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो बैंक (0.60 फीसद), ऑटो (0.76 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.62 फीसद), मेटल (0.45 फीसद) और प्राइवेट बैंक (0.67 फीसद) की गिरावट के साथ बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा बिकवाली ऑटो शेयर्स में हुई है। वहीं एफएमसीजी, आईटी, फार्मा, पीएसयू बैंक और रियल्टी शेयर्स बढ़त के साथ बंद हुए हैं। हिंडाल्को टॉप लूजर निफ्टी में शुमार दिग्गज शेयर्स की बात करें तो 26 हरे निशान और 24 गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा तेजी कोल इंडिया, ल्यूपिन, आइओसी, इंफ्राटेल और डॉ रेड्डी के शेयर्स में हुई है। वहीं, हिंडाल्को, आइसीआइसीआइ बैंक, मारुति, वेदांता लिमिटेड और टाटा स्टील के शेयर्स में गिरावट हुई है। RBI ने रेपो रेट को 6.25 से बढ़ाकर 6.50 फीसद किया चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में बढ़ती महंगाई का असर साफ तौर पर देखा गया। आरबीआई ने लगातार दूसरी बार नीतिगत दरों में इजाफा किया है। केंद्रीय बैंक ने अब रेपो रेट को 6.25 फीसद से बढ़ाकर 6.50 फीसद और रिवर्स रेपो को 6 फीसद से बढ़ाकर 6.25 फीसद कर दिया है। आरबीआई की अगली बैठक 3 से 5 अक्टूबर को होगी। इस बैठक में नीतिगत दरों बढ़ाने का फैसला 5:1 के आधार पर लिया गया है। सिर्फ रवींद्र एच ढोलकिया ने नीतिगत दरों में इजाफे के खिलाफ मतदान किया। जानकारी के लिए आपको बता दें कि रेपो रेट के बढ़ने का मतलब बैंक से मिलने वाले लोन का महंगा होना माना जाता है।

RBI की लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में इजाफा किया गया है। इसके बाद सेंसेक्स करीब 150 अंक तक गिर गया था। लेकिन बाजार बंद होते समय रिकवरी के चलते सेंसेक्स 85 अंक गिरकर 37521 के स्तर पर और निफ्टी 10 अंक की गिरावट के साथ 11346 के स्तर पर …

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जुलाई महीने में बढ़ा GST कलेक्शन, टैक्स के रूप में मिले 96483 करोड़ रुपये

जुलाई महीने में जीएसटी संग्रह 96,483 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा है। जून में यह 95610 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा था। जुलाई के आंकड़े से यह माना जा रहा है कि जल्द एक लाख करोड़ का लक्ष्य हासिल किया जाने वाला है। आम बजट 2018-19 के मुताबिक मासिक औसतन 1.15 लाख करोड़ रुपये होना चाहिए था। उस समय भी विशेषज्ञों का माना था कि यह लक्ष्य हासिल करना मुश्किल रह सकता है। वहीं मई में जीएसटी संग्रह 94016 करोड़ रुपये रहा था। आधिकारिक रिलीज में बताया गया है कि जुलाई में एकत्रित हुए 96483 करोड़ रुपये में से 15877 करोड़ रुपये सीजीएसटी, 22293 करोड़ रुपये एसजीएसटी, 49951 करोड़ रुपये आइजीएसटी (जिसमें 24852 करोड़ रुपये आयात से एकत्रित किये शामिल हैं) और 8362 करोड़ रुपये सेस से (जिसमें आयात से 794 करोड़ रुपये इकट्ठे किये गये हैं)। यह अनुमान के अनुरूप ही रहा है। 30 जुलाई तक, जून महीने के लिए 55 लाख से ज्यादा जीएसटी रिटर्न फाइल किये जा चुके थे। पहली तिमाही के अंत सेंट्रल जीएसटी से केंद्र ने 504 बिलियन रुपये एकत्रित किये थे। सूत्रों के अनुसार जीएसटी लागू होने के बाद शुरुआती 11 महीनों में औसतन 58 प्रतिशत करदाताओं ने ही निर्धारित तिथि तक जीएसटी रिटर्न भरे। चिंताजनक बात यह है कि दिसंबर 2017 के बाद से निर्धारित तिथि तक जीएसटी रिटर्न भरने वाले व्यापारियों का अनुपात लगातार कम होता जा रहा है। GST के 28% टैक्स में आने वाली वस्तुओं की संख्या राजस्व संग्रह पर करेगी निर्भर: अढिया यह भी पढ़ें दिसंबर 2017 में 67 प्रतिशत व्यापारियों ने निर्धारित तिथि तक जीएसटी रिटर्न फाइल किया था लेकिन इस साल मई में यह अनुपात घटकर 61 प्रतिशत रह गया। दरअसल दिसंबर 2017 में 81.22 लाख व्यापारियों को जीएसटी का रिटर्न भरना था लेकिन रिटर्न भरने के लिए निर्धारित तारीख तक मात्र 54.26 लाख व्यापारियों ने ही रिटर्न भरा। इस तरह लगभग 33 प्रतिशत व्यापारियों ने समय पर रिटर्न दाखिल नहीं किया। इस साल मई में ऐसे व्यापारियों का आंकड़ा बढ़कर लगभग 40 प्रतिशत हो गया है। इस साल मई में 91.22 लाख व्यापारियों को रिटर्न फाइल करना था लेकिन महज 56.18 लाख ने ही निर्धारित तिथि तक जीएसटी का रिटर्न भरा।

जुलाई महीने में जीएसटी संग्रह 96,483 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा है। जून में यह 95610 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा था। जुलाई के आंकड़े से यह माना जा रहा है कि जल्द एक लाख करोड़ का लक्ष्य हासिल किया जाने वाला है। आम बजट 2018-19 के मुताबिक …

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