कारोबार

बाजार मेें गिरावट शुरू, सेंसेक्स 49 और निफ्टी 18 अंक टूटा

एश‍ियाई बाजारों में दबाव के बाद घरेलू शेयर बाजार की हल्की शुरुआत हुई है. बुधवार को सेंसेक्स 38.76 अंक बढ़कर 35,417.36 के स्तर पर खुला है. वहीं, निफ्टी 6.80 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार शुरू करने में सफल रहा. शुरुआती कारोबार में बाजार में गिरावट शुरू हो गई है. निफ्टी में 17.85 अंकों की गिरावट आ गई है. इस गिरावट के साथ 10,682.05 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं, सेंसेक्स भी नीचे आ गया है. इसमें भी 49.02 अंकों की गिरावट देखने को मिल रही है. इस गिरावट के बाद यह 35,329.58 के स्तर पर बना हुआ है. शुरुआती कारोबार में फार्मा शेयरों में बढ़त देखने को मिल रही है. इसके अलावा एचडीएफसी बैंक के शेयरों में भी बढ़त नजर आ रही है. रुपये में हल्की बढ़त: डॉलर के मुकाबले लगातार गिरावट का सामना कर रहा रुपया बुधवार को 6 पैसे मजबूत हुआ है. इस बढ़त के साथ यह डॉलर के मुकाबले 68.52 के स्तर पर खुला है. हालांकि अभी भी यह 68 के स्तर पर ही बना हुआ है. इससे पहले मंगलवार को शेयर बाजार में कुछ हद तक सुधार आया. इस कारोबारी हफ्ते के दूसरे दिन हल्की बढ़त के साथ शुरुआत करने के बाद बाजार बंद भी बढ़त के साथ हुआ है. मंगलवार को सेंसेक्स 114.19 अंक बढ़कर 35,378.60 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी ने भी रफ्तार भरी और यह 42.60 अंकों की बढ़त के साथ 10,699.90 के स्तर पर बंद होने में कामयाब रहा.एश‍ियाई बाजारों में दबाव के बाद घरेलू शेयर बाजार की हल्की शुरुआत हुई है. बुधवार को सेंसेक्स 38.76 अंक बढ़कर 35,417.36 के स्तर पर खुला है. वहीं, निफ्टी 6.80 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार शुरू करने में सफल रहा. शुरुआती कारोबार में बाजार में गिरावट शुरू हो गई है. निफ्टी में 17.85 अंकों की गिरावट आ गई है. इस गिरावट के साथ 10,682.05 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं, सेंसेक्स भी नीचे आ गया है. इसमें भी 49.02 अंकों की गिरावट देखने को मिल रही है. इस गिरावट के बाद यह 35,329.58 के स्तर पर बना हुआ है. शुरुआती कारोबार में फार्मा शेयरों में बढ़त देखने को मिल रही है. इसके अलावा एचडीएफसी बैंक के शेयरों में भी बढ़त नजर आ रही है. रुपये में हल्की बढ़त: डॉलर के मुकाबले लगातार गिरावट का सामना कर रहा रुपया बुधवार को 6 पैसे मजबूत हुआ है. इस बढ़त के साथ यह डॉलर के मुकाबले 68.52 के स्तर पर खुला है. हालांकि अभी भी यह 68 के स्तर पर ही बना हुआ है. इससे पहले मंगलवार को शेयर बाजार में कुछ हद तक सुधार आया. इस कारोबारी हफ्ते के दूसरे दिन हल्की बढ़त के साथ शुरुआत करने के बाद बाजार बंद भी बढ़त के साथ हुआ है. मंगलवार को सेंसेक्स 114.19 अंक बढ़कर 35,378.60 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी ने भी रफ्तार भरी और यह 42.60 अंकों की बढ़त के साथ 10,699.90 के स्तर पर बंद होने में कामयाब रहा.

एश‍ियाई बाजारों में दबाव के बाद घरेलू शेयर बाजार की हल्की शुरुआत हुई है. बुधवार को सेंसेक्स 38.76 अंक बढ़कर 35,417.36 के स्तर पर खुला है. वहीं, निफ्टी 6.80 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार शुरू करने में सफल रहा. शुरुआती कारोबार में बाजार में गिरावट शुरू हो गई है. …

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कच्चे तेल के दाम में कटौती, जानें आज क्या है पेट्रोल-डीजल का हाल

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले 7 दिनों से कोई बदलाव नहीं हुआ है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में जारी उथल-पुथल के बीच 8वें दिन भी ईंधन की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. तेल कंपनियों ने बुधवार को भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों कोई बदलाव नहीं किया है. बुधवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 75.55 रुपये प्रति लीटर पर बनी हुई है. वहीं, डीजल भी यहां 67.38 रुपये प्रति लीटर पर बना हुआ है. मुंबई की बात करें तो यहां पेट्रोल की कीमत 82.94 रुपये प्रति लीटर पर बनी हुई है. डीजल भी 71.49 रुपये प्रति लीटर पर है. कोलकाता में पेट्रोल 78.23 रुपये प्रति लीटर का मिल रहा है. डीजल की कीमत यहां पर 69.93 रुपये प्रति लीटर पर बनी हुई है. वहीं, चेन्नई की बात करें तो यहां पर एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 78.40 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. बुधवार को डीजल यहां 71.12 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. कच्चे तेल की बात करें, तो मंगलवार को यह 5 साल के सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंच गया था. डब्लूटीआई क्रूड ने 75 डॉलर प्रति बैरल का आंकड़ा पार कर लिया था. वहीं, ब्रेंट क्रूड की बात करें, तो यह 78 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया था. यह पहली बार था, जब क्रूड की कीमतें इस स्तर पर पहुंची हुई हैं. हालांकि सऊदी अरब के क्रूड प्रोडक्शन बढ़ाए जाने के फैसले से क्रूड में नरमी आई. इस फैसले के बाद क्रूड ऑयल टूटकर 73 अरब डॉलर के नीचे आ गया. अगर कच्चे तेल की कीमतें आगे भी कम होती रहती हैं, तो इसका फायदा पेट्रोल और डीजल की कम कीमत के तौर पर जल्द मिल सकता है.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले 7 दिनों से कोई बदलाव नहीं हुआ है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में जारी उथल-पुथल के बीच 8वें दिन भी ईंधन की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. तेल कंपनियों ने बुधवार को भी पेट्रोल और डीजल की …

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जानें क्या होता है न्यूनतम समर्थन मूल्य? कैसे तय करती है सरकार

मोदी सरकार ने बुधवार को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 200 रुपये बढ़ा दिया है. आज कैबिनेट बैठक में सरकार ने खरीफ फसल का MSP बढ़ाने का फैसला लिया है. इससे किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य मिलने का रास्ता खुल गया है. क्या होता न्यूनतम समर्थन मूल्य? किसानों के हितों की रक्षा करने की खातिर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था लागू की गई है. अगर कभी फसलों की कीमत गिर जाती है, तब भी सरकार तय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही किसानों से फसल खरीदती है. इसके जरिये सरकार उनका नुकसान कम करने की कोश‍िश करती है. मौजूदा समय में इसमें ये उत्पाद शामिल हैं. - अनाज: धान, गेहूं, जौ, ज्वार, बाजरा, मक्का और रागी - दाल: चना, अरहर/तूर, मूंग, उड़द और मसूर - तिलहन: मूंगफली, सरसों, तोरिया, सोयाबीन, सुरजमुखी के बीज, सीसम, कुसुम्भी और खुरसाणी, खोपरा, कच्चा कपास, कच्चा जूट, गन्ना, वर्जीनिया फ्लू उपचारित (BFC) तम्बाकू , नारियल शामिल है. ऐसे तय करती है सरकार: भारत सरकार कृष‍ि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिश पर कुछ फसलों के बुवाई सत्र से पहले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा करती है. इससे किसानों को यह सुनिश्चित किया जाता है कि बाजार में उनकी फसल की कीमतें गिरने के बावजूद भी सरकार उन्हें तय न्यूनतम समर्थन मूल्य देगी. ये है उद्देश्य: न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था इसलिए लाई गई है ताकि बाजार में फसल की कीमतें कम होने के बाद किसानों को मजबूरीवश अपनी फसल कम कीमत पर न बेचनी पड़े. न्यूनतम समर्थन मूल्य तब काम आता है, जब बंपर उत्पादन समेत अन्य वजहों से बाजार में फसल की कीमत काफी गिर जाती है. तो ऐसे मौके पर सरकार किसानों से न्यूनतम मूल्य पर फसल खरीद लेती है. ये चीजें ध्यान में रखकर तय होती हैं एमएसपी: जब भी CACP न्यूनतम समर्थन मूल्य की अनुशंसा करता है, तो वह कुछ बातों को ध्यान में रखकर ही इसे तय करता है. इसके लिए - उत्पाद की लागत क्या है. - इनपुट मूल्यों में कितना परिवर्तन आया है. - बाजार में मौजूदा कीमतों का क्या रुख है. - मांग और आपूर्ति की स्थ‍िति क्या है. - अंतरराष्ट्रीय मूल्य स्थ‍िति, - इसके अलावा सीएसीपी स्थानी,‍ जिले और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्थ‍ितियों का जायजा लेने के बाद ही सब तय करता है.

मोदी सरकार ने बुधवार को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 200 रुपये बढ़ा दिया है. आज कैबिनेट बैठक में सरकार ने खरीफ फसल का MSP बढ़ाने का फैसला लिया है. इससे किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य मिलने का रास्ता खुल गया है.   किसानों के हितों की …

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New Activa: एक्टिवा 125 का नया अपडेटेड मॉडल हुआ लॉच, जानिए कीमत व फीचर्स!

नई दिल्ली: होंडा ने अपने सबसे लोकप्रिय स्कूटर एक्टिवा 125 का अपडेटेड वर्जन लॉन्च कर दिया है। नई दिल्ली में इसकी एक्स- शोरूम कीमत 59,621 रुपये है। पुराने ऐक्टिवा मॉडल के मुकाबले इस प्रीमियम स्कूटर की कीमत 2000 रुपये अधिक है। नए एक्टिवा 125 स्कूटर में एलईडी हेडलाइट, एक री.डिजाइन्ड सेमी …

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ATM से पैसे निकालना हो सकता है महंगा, बैंकों ने RBI से मांगी मंजूरी

वैसे तो देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है लेकिन अब यह भी आम लोगों की जेब पर भारी पड़ सकता है। देश के बैंकों ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को चिट्ठी लिखकर एटीएम से पैसे निकालने पर चार्ज बढ़ाने की इजाजत मांगी है। दरअसल, रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को अपने एटीएम अपग्रेड करने के लिए कहा है। इसका पहला चरण इसी साल अगस्त तक पूरा होना है। लेकिन एटीएम अपग्रेड करने से बैंकों पर खर्च का बोझ बढ़ेगा और बैंकों ने इसका तोड़ निकालते हुए यह बोझ आम जनता पर डालने की तैयारी कर ली है। उन्होंने आरबीआई को पत्र लिखकर एटीएम ट्रांजेक्शन बढ़ाने की इजाजत मांगी है। अगर ऐसा होता है तो बैंक दो तरह से यह चार्ज बढ़ा सकते हैं। या तो वो एटीएम से फ्री ट्रांजेक्शन खत्म होने पर लिए जाने वाले 18 रुपए के चार्ज को बढ़ा दें या फिर फ्री ट्रांजेक्शन की संख्या कम कर दें। आरबीआई ने क्यों दिया एटीएम अपग्रेड का निर्देश आरबीआई ने सभी बैंकों से एटीएम को अपग्रेड करने का निर्देश धोखाधड़ी और हैकिंग जैसी शिकायतों को देखते हुए दिया है। इसकी पहली डेडलाइन अगस्त, 2018 है। वहीं, आखिरी चरण जून 2019 में समाप्त होगा। जानकारी के लिए बता दें कि एटीएम अपग्रेडेशन के तहत बैंकों को बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम (बीआईओएस) को अपग्रेड करना होगा। इसके जरिए सिस्टम को बूट या जाता है। ऑपरेटिंग सिस्टम लोड करते समय बीआईओएस कंप्यूटर के हार्डवेयर जिसमें रैम, प्रोसेसर, कीबोर्ड, माउस, हार्ड ड्राइव को कॉन्फिगर करता है। आरबीआई ने बैंकों से यूएसबी पोर्ट डिसेबल कर एटीएम के ऑपरेटिंग सिस्टम का नवीनतम वर्जन लागू करने के लिए कहा है। साथ ही नये नोट के लिहाज से एटीएम के कैसेट को रीकॉन्फिगर करने के लिए भी कहा गया है। गौरतलब है कि नये एटीएम की लागत पहले के मुकाबले 30 फीसद तक बढ़ सकती है।

वैसे तो देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है लेकिन अब यह भी आम लोगों की जेब पर भारी पड़ सकता है। देश के बैंकों ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को चिट्ठी लिखकर एटीएम से पैसे निकालने पर चार्ज बढ़ाने की इजाजत मांगी है। दरअसल, रिजर्व बैंक …

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बढ़त के साथ बंद हुआ शेयर बाजार, सेंसेक्स 114 अंक ऊपर

मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में तेजी नजर आई। सपाट खुले बाजार में कुछ ही देर में रिकवरी नजर आई और सेंसेक्स 100 अंक तक चढ़ गया। दिन के अंत में प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 114 अंक चढ़कर 35378 के स्तर पर बंद हुआ वहीं निफ्टी 42 अंकों की तेजी के साथ 10699 के स्तर पर बंद हुआ। वैश्विक बाजार का हाल ट्रेड वार की बढ़ती चिंता के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है। जापान का निक्केई 0.78 फीसद की गिरावट के साथ 21642 के स्तर पर, शांघाई 1.27 फीसद की गिरावट के साथ 2740 के स्तर पर, हैंगसैंग 2.76 फीसद की गिरावट के साथ 28146 के स्तर पर और ताइवान का कोस्पी 0.27 फीसद की गिरावट के साथ 2265 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं तीसरी तिमाही के शुरुआत में अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ कारोबार कर बंद हुआ है। प्रमुख सूचकांक डाओ जोंस 0.15 फीसद की बढ़त के साथ 24307 के स्तर पर, नैस्डैक 0.31 फीसद की बढ़त के साथ 2726 के स्तर पर और नैस्डैक 0.76 फीसद की बढ़त के साथ 7567 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। रियल्टी शेयर्स में बिकवाली सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो ऑटो और आईटी को छोड़ सभी सूचकांक लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा बिकवाली रियल्टी शेयर्स (0.67 फीसद) में है। बैंक (0.07 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.22 फीसद), एफएमसीजी (0.14 फीसद), मेटल (0.60 फीसद), फार्मा (0.09 फीसद), पीएसयू बैंक (0.33 फीसद) और प्राइवेट बैंक (0.13 फीसद) की गिरावट है। वेदांता लिमिटेड टॉप लूजर निफ्टी में शुमार दिग्गज शेयर्स की बात करें तो 23 हरे निशान और 27 गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तेजी हीरो मोटो कॉर्प, टेक महिंद्रा, डॉ रेड्डी, टाटा मोटर्स और ओएनजीसी के शेयर्स में है। वहीं, वेदांता लिमिटेड, ग्रामिस, इंफ्राटेल, टाइटन और गेल के शेयर्स में गिरावट है।

मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में तेजी नजर आई। सपाट खुले बाजार में कुछ ही देर में रिकवरी नजर आई और सेंसेक्स 100 अंक तक चढ़ गया। दिन के अंत में प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 114 अंक चढ़कर 35378 के स्तर पर बंद हुआ वहीं निफ्टी 42 अंकों की तेजी के …

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GST की क्यों हो रही है इतनी आलोचना? मोदी ने बताया नफा-नुकसान

देशभर में जीएसटी लागू हुए एक साल पूरा हो गया है, इस मौके पर सरकार इसकी उपलब्धि गिना रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मौके पर इंटरव्यू दे विपक्ष के हर सवाल का जवाब दिया. प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद इंस्पेक्टर राज में कमी आई है, अब रिटर्न से लेकर रिफंड तक सब कुछ ऑनलाइन ही होता है. स्वराज्य मैग्जीन को दिए गए इस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने बताया कि जीएसटी में एक ही दर को लागू करना सिर्फ कहने में ही आसान है.उन्होंने कहा कि मर्सिडीज कार और दूध पर एक ही दर से कर नहीं लगाया जा सकता. PM ने कहा कि जीएसटी के तहत सभी वस्तुओं पर 18 प्रतिशत की एक समान दर से कर लगाने की कांग्रेस पार्टी की मांग को यदि स्वीकार किया जाता है तो इससे खाद्यान्न और कई जरूरी वस्तुओं पर कर बढ़ जायेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के एक साल के भीतर ही अप्रत्यक्ष करदाताओं का आधार 70 प्रतिशत तक बढ़ गया. इसके लागू होने से चेक-पोस्ट समाप्त हो गए, इसमें 17 विभिन्न करों, 23 उपकरों को समाहित कर एक बनाया गया है. इसे पढ़ें: जीएसटी का जश्नः मुख्य समारोह में शामिल हुए दो-दो वित्त मंत्री! अब तक क्या हुआ फायदा? प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी से अब तक सिर्फ 66 लाख रोजगार रजिस्टर हो पाए थे, लेकिन जीएसटी आने के बाद ये नंबर अचानक 48 लाख तक बढ़ा. करीब 11 करोड़ रिटर्न फाइल किए गए. जीएसटी की लगातार हो रही आलोचना को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी एक बड़ा बदलाव है, इसके तहत 17 टैक्स और 23 सेस को एक किया गया है. इन सभी को एक करना एक आसान काम नहीं था, इसे लागू करने के बाद जो सुझाव आए हैं उसके अनुसार भी बदलाव किए गए हैं. इसमें राज्य, मीडिया, एक्सपर्ट और आम आदमी हर किसी के सुझावों को तवज्जों दी जा रही है. PM ने बताया कि पहले कई तरह के टैक्स लगते थे, जो छुपे हुए थे. लेकिन अब सरकार ने करीब 400 ग्रुप के सामान का दाम घटाया है. इनमें से करीब 150 चीज़ों को ज़ीरो फीसदी टैक्स स्लैब में रखा गया है. अगर आप दाम को देखें तो कई चीजों के दाम कम हुए हैं.

देशभर में जीएसटी लागू हुए एक साल पूरा हो गया है, इस मौके पर सरकार इसकी उपलब्धि गिना रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मौके पर इंटरव्यू दे विपक्ष के हर सवाल का जवाब दिया. प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद इंस्पेक्टर राज में …

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शेयर बाजार की हल्की शुरुआत, सेंसेक्स 30 अंक की बढ़त के साथ खुला

इस कारोबारी हफ्ते के दूसरे दिन एश‍ियाई बाजारों में कमजोरी के बावजूद घरेलू बाजार ने बढ़त के साथ शुरुआत की है. मंगलवार को सेंसेक्स 30 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार शुरू करने में सफल हुआ है. वहीं, निफ्टी की बात करें, तो इसने 47 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की है. मंगलवार को सेंसेक्स ने 30.02 अंक बढ़कर 35,294.43 के स्तर पर कारोबार की शुरुआत की है. वहीं, निफ्टी 47.30 अंकों की बढ़त के साथ 10,704.60 के स्तर पर कारोबार शुरू करने में कामयाब हुआ है. हालांकि शुरुआती कारोबार में बाजार में गिरावट शुरू हो गई है. फिलहाल (9.22AM) पर सेंसेक्स जहां 28.72 अंक की कटौती के साथ 35,235.69 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं, निफ्टी भी 5.75 अंकों की गिरावट के साथ 10,651.55 के स्तर पर बना हुआ है. रुपया 9 पैसे कमजोर: रुपये में जारी गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है. मंगलवार को रुपये ने डॉलर के मुकाबले 9 पैसों की गिरावट के साथ शुरुआत की है. इस गिरावट के साथ इसने 68.89 के स्तर पर कारोबार की शुरुआत की है. इससे पहले सोमवार को रुपया 5 साल के निचले स्तर पर पहुंचकर बंद हुआ. सोमवार को रुपया 68.80 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ. इसमें 33 पैसे की गिरावट देखने को मिली.

इस कारोबारी हफ्ते के दूसरे दिन एश‍ियाई बाजारों में कमजोरी के बावजूद घरेलू बाजार ने बढ़त के साथ शुरुआत की है. मंगलवार को सेंसेक्स 30 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार शुरू करने में सफल हुआ है. वहीं, निफ्टी की बात करें, तो इसने 47 अंकों की बढ़त के साथ …

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एनआरआई को भी भारत में चुकाना पड़ सकता है आयकर

भारत में एनआरआई की टैक्स फाइलिंग उनकी आवासीय स्थिति पर निर्भर करती है। यदि किसी की आवासीय स्थिति (रेजिडेंशियल स्टेटस) 'भारत का निवासी' है तो उसकी वैश्विक आय भारत में भी कर योग्य होगी। इसका मतलब यह हुआ की उस व्यक्ति की कमाई, चाहे वह दुनिया में कहीं भी कमाता हो और उसने विदेश में इनकम टैक्स चुका दिया हो, उसे वह आय भारत में अपने टैक्स कम्प्यूटेशन में शामिल करके टैक्स भरना होगा। इस मामले में तभी राहत मिलती है जब भारत और संबंधित देश ने आपस में 'डबल टैक्स अवॉयडेंस एग्रीमेंट' कर रखा हो। लेकिन यदि व्यक्ति एनआरआई स्टेटस में है यानी भारत के अनिवासी श्रेणी में आता है तो उसे केवल भारत में अर्जित आय पर टैक्स चुकाना होगा। भारत में अर्जित आय का मतलब 1. वेतन से होने वाली आय, जो भारत में या भारत में प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए हुई हो। 2. भारत स्थित रिहायशी प्रॉपर्टी से होने वाली आय। 3. भारत स्थित संपत्तियों के हस्तांतरण पर पूंजीगत लाभ। 4. एफडी से आय या बचत खातों पर मिलने वाला ब्याज। एनआरआई के लिए, इनमें से किसी भी स्रोत से होने वाली आय कर योग्य होगी, यदि वह 2.5 लाख रुपए से अधिक हो। भारत से बाहर अर्जितआय भारत में कर योग्य नहीं होगी। यह भी ध्यान रखें कि एनआरआई या एफसीएनआर खातों पर ब्याज कर मुक्त होगा, लेकिन एनआरओ खातों पर ब्याज कर योग्य होगा। एक खास स्थिति एक वित्त वर्ष के दौरान आय 2.5 लाख रुपए से कम होने पर भी एनआरआई को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना पड़ सकता है। यहमजबूरी तब होगी जब उन्हें टैक्स रिफंड क्लेम करना हो या बिजनेस या रिहायशी प्रॉपर्टी का कोई नुकसान क्लेम करना हो। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए राहुल लंबे समय से अमेरिका में है। वह नौकरी के लिए लांग टीम असाइनमेंट के लिए साल 2009 से ही भारत से बहार है। उसका भारत में एनआरओ बैंक खाते से सालाना 50 हजार रुपए की ब्याज आय होती है। इसके अलावा उसे भारत में एक फ्लैट से 15 हजार रुपए का किराया मिलता है। अब सवाल उठता है कि क्या राहुल को टैक्स देना होगा? और क्या उसे टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा? इस मामले में राहुल भारतीय नागरिक है जो नौकरी के काम से अमेरिका में रह रहा है। आयकर अधिनियम के तहत उसे भारत का निवासी तभी माना जाएगा, जब बीते वित्त वर्ष वह भारत में 182 दिन या उससे अधिक समय रहा हो । लेकिन, राहुल ने तो 13 मई 2009 को ही भारत छोड़ दिया था और भारत में कभी एक साल में एक माह से अधिक नहीं रहा। असल में बीते वित्त वर्ष राहुल ने भारत से बाहर 182 दिन से अधिक बिताया है, लिहाजा वह एनआरआई माना जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि राहुल को भारत में अर्जित आय पर ही टैक्सचुकाना होगा और रिटर्न फाइल करना होगा। उसे अमेरिका में अर्जित आय पर भारत में टैक्स नहीं देना होगा।

भारत में एनआरआई की टैक्स फाइलिंग उनकी आवासीय स्थिति पर निर्भर करती है। यदि किसी की आवासीय स्थिति (रेजिडेंशियल स्टेटस) ‘भारत का निवासी’ है तो उसकी वैश्विक आय भारत में भी कर योग्य होगी। इसका मतलब यह हुआ की उस व्यक्ति की कमाई, चाहे वह दुनिया में कहीं भी कमाता …

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कांग्रेस की मांग पर मोदी की दो टूक, क्या दूध और मर्सिडीज़ पर एक दर सही?

देशभर में GST लागू हुए पूरा एक साल हो गया है, इस मौके पर केंद्र सरकार ने जगह-जगह जश्न भी मनाया और इसकी उपलब्धि भी गिनाई. जीएसटी पर अभी तक कई तरह के सवाल उठते हैं इनपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करारा जवाब दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी व्यवस्था के तहत सभी वस्तुओं पर एक ही दर से कर लगाने की अवधारणा को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि मर्सिडीज कार और दूध पर एक ही दर से कर नहीं लगाया जा सकता. उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत सभी वस्तुओं पर 18 प्रतिशत की एक समान दर से कर लगाने की कांग्रेस पार्टी की मांग को यदि स्वीकार किया जाता है तो इससे खाद्यान्न और कई जरूरी वस्तुओं पर कर बढ़ जायेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के एक साल के भीतर ही अप्रत्यक्ष करदाताओं का आधार 70 प्रतिशत तक बढ़ गया. इसके लागू होने से चेक-पोस्ट समाप्त हो गए, इसमें 17 विभिन्न करों, 23 उपकरों को समाहित कर एक बनाया गया है. मोदी ने कहा कि जीएसटी समय के साथ बेहतर होने वाली प्रणाली है. इसे राज्य सरकारों, व्यापार जगत के लोगों और संबंध पक्षों से मिली जानकारी और अनुभवों के आधार इसमें लगातार सुधार किया गया है. जीएसटी में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, सेवाकर, राज्यों में लगने वाले मूल्यवर्धित कर (वैट) तथा अन्य करों को समाहित किया गया है. इसका उद्देश्य इंस्पेक्टर राज को समाप्त करते हुये अप्रत्यक्ष करों को ‘‘ सरल ’’ बनाना है. प्रधानमंत्री ने ‘स्वराज्य’ पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कहा कि यह काफी आसान होता कि जीएसटी में केवल एक ही दर रहती लेकिन इसका यह भी मतलब होगा कि खाद्य वस्तुओं पर कर की दर शून्य नहीं होगी. क्या हम दूध और मर्सिडीज पर एक ही दर से कर लगा सकते हैं ? उन्होंने कहा कि इसलिये कांग्रेस के हमारे मित्र जब यह कहते हैं कि हमारे पास जीएसटी की केवल एक दर होनी चाहिये, उनके कहने का मतलब है कि वह खाद्य पदार्थों और दूसरी उपभोक्ता जिंसों पर 18 प्रतिशत की दर से कर लगाना चाहते हैं. जबकि वर्तमान में इन उत्पादों पर शून्य अथवा पांच प्रतिशत की दर से कर लगाया जा रहा है. स्वराज पत्रिका की वेबसाइट पर जारी साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से जहां 66 लाख अप्रत्यक्ष करदाता ही पंजीकृत थे वहीं एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद इन करदाताओं की संख्या में 48 लाख नए उद्यमियों का पंजीकरण हुआ है. इसे पढ़ें: जीएसटी का जश्नः मुख्य समारोह में शामिल हुए दो-दो वित्त मंत्री! प्रधानमंत्री ने जीएसटी को जटिल बताने वालों को जवाब देते हुये कहा, ‘‘इसमें करीब 350 करोड़ बिलों को अब तक प्रसंस्कृत किया जा चुका है, 11 करोड़ रिटर्न दाखिल हुए हैं. अगर जीएसटी वास्तव में जटिल है तो क्या हम इस तरह के आंकड़ों की उम्मीद कर सकते हैं? मोदी ने कहा कि इससे पहले उत्पादों पर लगने वाले कई कर छुपे हुये थे लेकिन जीएसटी व्यवस्था ऐसी है कि इसमें आप जो देखते हैं वही आप भुगतान करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने करीब 400 वस्तुओं के समूह में कर की दर कम की है, करीब 150 वस्तु समूहों पर शून्य दर से जीएसटी रखा गया है. आप यदि देखेंगे तो दैनिक उपभोग वाली ज्यादातर वस्तुओं पर कर की दर वास्तव में कम हुई है. चाहे चावल हो, चीनी हो, मसाले हों अथवा अन्य सामान ज्यादातर मामलों में कर की दर कम हुई है.

देशभर में GST लागू हुए पूरा एक साल हो गया है, इस मौके पर केंद्र सरकार ने जगह-जगह जश्न भी मनाया और इसकी उपलब्धि भी गिनाई. जीएसटी पर अभी तक कई तरह के सवाल उठते हैं इनपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करारा जवाब दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी …

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