कारोबार

जियो ने बदली टेलीकॉम सेक्टर की तस्वीर, एक्सपर्ट से समझें कैसे हैं कंपनियों के हालात

5 सितंबर 2016, इंडियन टेलीकॉम सेक्टर के इतिहास की अहम तारीख है। इसने पूरे सेक्टर की तस्वीर को बदलकर रख दिया। सिम लॉन्चिंग से शुरू हुए जियो के खेल ने फोन लॉन्चिंग तक आते-आते कंपनियों को मर्जर और सेक्टर से एग्जिट होने को मजबूर कर दिया। बीते दो सालों में सेक्टर के हालात हम सभी ने देखे हैं, जिसका असर अब तक जारी है। वोडाफोन और आइडिया मर्जर करने की तैयारी में हैं, आरकॉम अपना मोबाइल बिजनेस बंद कर चुका है और एयरसेल की स्थिति भी किसी से छिपी नहीं है। वह दिवालिया होने के करीब पहुंच चुकी है और वो इंट्रा सर्कल रोमिंग समझौतों के लिए भारती एयरटेल और रिलायंस जियो इन्फोकॉम के साथ बातचीत कर रही है। ऐसे में देश के टेलिकॉम सेक्टर की स्थिति अगले कुछ सालों में कैसी रहेगी इस पर दैनिक जागरण के जागरण डॉट कॉम ने केपीएमजी के पार्टनर जॉयदीप घोष के साथ विस्तार से बात की। टेलीकॉम सेक्टर के लिए कैसा रहेगा साल 2018 और कितना दबाव में है सेक्टर? देश में नेट न्यूट्रलिटी लागू करने के लिए नियम बना रही है सरकार यह भी पढ़ें देखिए सेक्टर दबाव में तो है। साल 2018 और 2019 में भी सेक्टर में यह दबाव की स्थिति देखने मिल सकती है। सितंबर 2016 में टेलीकॉम सेक्टर के भीतर जियो की एंट्री हुई थी और उसी के बाद से सभी टेलीकॉम कंपनियां दबाव में हैं। वहीं देश की प्रमुख टेलिकॉम कंपनी एयरटेल भी इसके कारण दबाव में है और उसके पास इतनी क्षमता नहीं है कि वो जियो से टक्कर ले सके। हालांकि आइडिया-वोडाफोन के मर्जर से बनने वाली कंपनी की स्थिति थोड़ी बेहतर हो सकती है। इस बीच टेलीकॉम सेक्टर की इस दबावपूर्ण स्थिति से यूजर्स को जरूर फायदा हो रहा है। क्या देश में सिर्फ तीन ही कंपनियां रह जाएंगी? कॉल ड्रॉप पूरे टेलीकॉम सेक्टर की नहीं, कंपनियों की समस्या यह भी पढ़ें हां, अगर निजी कंपनियों की बात की जाए तो सिर्फ तीन ही कंपनियां वोडाफोन आइडिया लिमिटेड , एयरटेल और जियो ही अस्तित्व में रह जाएंगी। लेकिन सरकारी कंपनी बीएसएनएल जरूर इस जंग में अपनी उपस्थिति को दर्ज कराती रहेगी। घोष ने कहा कि मैं पहले भी कई बार यह कह चुका हूं कि देश में सिर्फ तीन से चार मजबूत टेलीकॉम कंपनियां ही होनी चाहिए। साल 2008-09 के आस पास देश में 10 से 11 टेलीकॉम कंपनियां अपनी सेवाएं दे रही थीं, जबकि हमारे पड़ोसी देश चीन में सिर्फ 3 से 4 मजबूत टेलीकॉम कंपनियां भी अस्तित्व में हैं और ऐसा भारत में भी होना चाहिए। साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया था जिसके तहत साल 2008 में पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए राजा की ओर से दिए गए 2 जी के सभी 122 लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया था। जिसके बाद कई कंपनियों ने विलय एवं सेक्टर से बाहर जाने का फैसला किया। हालांकि देश में एमटीएनएल भी एक सर्विस प्रोवाइडर है, लेकिन यह सिर्फ दिल्ली और मुंबई तक ही सीमित है।

5 सितंबर 2016, इंडियन टेलीकॉम सेक्टर के इतिहास की अहम तारीख है। इसने पूरे सेक्टर की तस्वीर को बदलकर रख दिया। सिम लॉन्चिंग से शुरू हुए जियो के खेल ने फोन लॉन्चिंग तक आते-आते कंपनियों को मर्जर और सेक्टर से एग्जिट होने को मजबूर कर दिया। बीते दो सालों में …

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नाबालिग बच्चे 18 वर्ष के होने के बाद, इन शर्तों को पूरा कर ही चला सकते हैं बैंक खाता

नाबालिग बच्चे 18 वर्ष के होने के बाद, इन शर्तों को पूरा कर ही चला सकते हैं बैंक खाता

सिर्फ वयस्क लोगों के लिए ही नहीं बल्कि नाबालिग लोगों के लिए भी बैंक खाता खुलवाने की सुविधा देते हैं। हालांकि बच्चे जब तक नाबालिग रहते हैं उनका खाता उनके अभिभावक ही संचालित करते हैं। यानी बच्चे की उम्र 18 साल होने तक ही अभिभावक उस अकाउंट को ऑपरेट कर …

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पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए अब कैश रखने की जरूरत नहीं, सिर्फ आपके अंगूठे से हो जाएगा पेमेंट

जल्द ही देशभर के पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए नकदी, डेबिट या क्रेडिट कार्ड ले जाने की जरूरत नहीं रहेगी। पेट्रोल पंप पर अंगूठा लगाते ही भुगतान हो जाएगा। अगले दो माह में यह शुरू हो जाएगी। यह सब संभव होगा माइक्रो एटीएम ऑक्सीजन मशीनों के जरिये। इंडियन …

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IRCTC ने पेश किया पोरबंदर तक के लिए टूर पैकेज, 19990 रुपये में मिलेगी टिकट

IRCTC ने पेश किया पोरबंदर तक के लिए टूर पैकेज, 19990 रुपये में मिलेगी टिकट

भारतीय रेलवे ने एक स्पेशल टूर पैकेज पेश किया है। इसके तहत इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कोरपोरेशन (आइआरसीटीसी) गुजरात के पोरबंदर तक का पैकेज दे रहा है। इसमें महात्मा गांधी की जन्मस्थली पोरबंदर तक के स्थानों की सैर कराई जाएगी। इससे पहले इंडियन रेलवे महाकाव्य रामायण से जुड़े धार्मिक …

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GST काउंसिल की आज अहम बैठक, पेट्रोल और डीजल पर चर्चा संभव

GST काउंसिल की आज अहम बैठक, पेट्रोल और डीजल पर चर्चा संभव

केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में आज जीएसटी काउंसिल की 29वीं बैठक होगी. इस बैठक में छोटे कारोबारियों के हित में कई बड़े फैसले हो सकते हैं. इसके अलावा डिजिटल पेमेंट पर कैशबैक को लेकर भी फैसला संभव है. वहीं बैठक के दौरान पेट्रोल और डीजल को जीएसटी …

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बढ़त के साथ खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स में 286 अंक की बढ़त दर्ज

मुंबई। घरेलू शेयर बाजार में जहां कल कारोबार गिरावट के साथ बंद हुआ, वहीं आज सुबह कारोबार में अच्छी बढ़त देखने को मिल रही है। कारोबार शुरू होते ही प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी हरे निशान पर आ गए हैं। बढ़त के इस माहौल में फिलहाल बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का …

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आम्रपाली के ग्राहकों को राहत, अटके प्रोजेक्‍ट्स पूरा करने के लिए NBCC तैयार

आम्रपाली के ग्राहकों को राहत, अटके प्रोजेक्‍ट्स पूरा करने के लिए NBCC तैयार

नेशनल बिल्डिंग्स कंशट्रक्शन कार्पोरेशन (एनबीसीसी) ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह आम्रपाली समूह की कंपनियों की परियोजनाओं को अपने हाथ में लेने के लिये तैयार है। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ ने एनबीसीसी से कहा कि इस संबंध में 30 दिन के भीतर …

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जेट एयरवेज की खस्ता हालत, सिर्फ 60 दिनों के लिए ही बचे पैसे

जेट एयरवेज की खस्ता हालत, सिर्फ 60 दिनों के लिए ही बचे पैसे

बिजनेस डेस्कः किंगफिशर एयरलाइंस के बाद जेट एयरवेज की वित्तीय हालत काफी खराब हो गई है। खबरों के अनुसार कंपनी की माली हालत इतनी खराब हो चुकी है कि अगर जल्द वित्तीय मदद न मिली तो 60 दिन बाद इसका संचालन ठप हो जाएगा। लागत कम करने के उपायों में …

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HDFC के ग्राहकों को झटका, महंगा किया होम लोन

HDFC के ग्राहकों को झटका, महंगा किया होम लोन

एचडीएफसी ने होम लोन की ब्‍याज दरों में बढ़ौत्तरी कर दी है। आरबीआई के नीतिगत दर में बढ़ोत्तरी के एक दिन बाद एचडीएफसी ने यह कदम उठाया। बैंक ने महिलाओं के लिए लोन की ब्‍याज दरों में 20 बेसिस प्‍वाइंट की बढ़ौत्तरी की है, वहीं अन्‍य ग्राहकों के लिए यह …

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जुलाई में बढ़ा जीएसटी कलेक्शन, 96,483 करोड़ रुपये जमा हुआ कुल टैक्स

जीएसटी के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर आई है. जुलाई महीने में जीएसटी कलेक्शन जून के मुकाबले बढ़ा है. बुधवार को जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में 96,483 करोड़ रुपये का टैक्स जीएसटी के तहत आया है. पिछले महीने यह 95,610 करोड़ रुपये रहा था. जुलाई महीने में 66 लाख कारोबारियों ने जीएसटीआर 3B भरा है. वहीं, जून की बात करें तो पिछले महीने यह आंकड़ा 64.69 के स्तर पर रहा था. जीएसटी कलेक्शन में केंद्रीय जीएसटी की हिस्सेदारी 15,877 करोड़ है. वहीं, राज्य जीएसटी की बात करें तो यह कुल 22,293 करोड़ रुपये इस महीने रहा है. इंटीग्रेटेड जीएसटी 49,951 करोड़ रुपये रहा और सेस से सरकार को 8,362 करोड़ रुपये मिले. इसमें 794 करोड़ आयात से हासिल सेस शामिल है. इस तरह जीएसटी रेवेन्यू टारगेट एक लाख करोड़ के करीब पहुंच रहा है. वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में सरकार ने हर महीने जीएसटी कलेक्शन के 1.15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा था. हालांकि व‍िशेषज्ञों का कहना है कि इस लक्ष्य को हासिल कर पाना आसान नहीं है. जुलाई के जीएसटी रेवेन्यू कलेक्शन में 21 जुलाई को जीएसटी रेट में की गई कटौती का आंकड़ा शामिल नहीं है. बता दें कि 21 जुलाई को जीएसटी परिषद ने 88 उत्पादों के जीएसटी रेट में कटौती की थी. इस दौरान 28 फीसदी में से कई उत्पादों को 18 फीसदी के स्लैब्स में ला दिया गया है

जीएसटी के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर आई है. जुलाई महीने में जीएसटी कलेक्शन जून के मुकाबले बढ़ा है. बुधवार को जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में 96,483 करोड़ रुपये का टैक्स जीएसटी के तहत आया है. पिछले महीने यह 95,610 करोड़ रुपये रहा था. जुलाई …

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