19 अप्रैल 17…हम सबके प्रिय श्रीगुरुजी की एक विशेष आदत है, वे जब भी discussion करते हैं, तो अपनी table, अपनी book rack, यहां तक कि अपने कमरे की setting भी change करते रहते हैं।जो लोग एक-दो महीने बाद आश्रम आते हैं, वे आश्रम में कुछ न कुछ change अवश्य …
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डायरी दिनांक 17 अप्रैल 2017: गुरु माँ की डायरी से जानें अपने गुरु को
17 अप्रैल 17….कल रात ही लखनऊ से ,अपने मायके से लौटी हूँ… तो सोचा कि एक और विवाह पूर्व प्रसंग आपको बताऊँ। बात तब की है जब मेरे माता – पिता मेरे लिए योग्य वर तलाश रहे थे । ( कृपया ‘ योग्य वर ‘को जुमले की तरह ही समझें, …
Read More »डायरी दिनांक 14 अप्रैल 2017: गुरु माँ की डायरी से जानें अपने गुरु को
14 अप्रैल 17….’ सत्य अमृत ही नहीं, विष भी…’इस पर मैंने बात आगे बढ़ाते हुए कहा,” यह तो समझ में आ गया कि सत्य ही बोलना चाहिए और यदि आवश्यकता पड़े तो सत्य-असत्य के प्रयोग का निर्णय विवेकानुसार लेना चाहिए….पर क्या कोई और ऐसा अवसर है जहां सत्य विष बन …
Read More »डायरी दिनांक 13 अप्रैल 2017: गुरु माँ की डायरी से जानें अपने गुरु को
13 अप्रैल 17…आज बिना किसी पृष्ठभूमि के मैंने सीधे कुर्सी खींची और श्रीगुरुजी के सामने बैठ कर बोली ,” सत्य अमृत ही नहीं , विष भी है–इसको ज़रा detail में समझाएंगे? “ श्रीगुरुजी बोले,” यूं तो देखिए मनुष्य को सत्यभाषी ही होना चाहिए और जहां तक हो सके झूठ से …
Read More »डायरी दिनांक 12 अप्रैल 2017: गुरु माँ की डायरी से जानें अपने गुरु को
12 अप्रैल 17….”कल मैं आपसे कह रही थी न कि मनुष्य सबके बीच में ही अनुशासित, संयमित रहता है पर कभी – कभी इसका उल्टा भी होता है…”। मुझे तैश में भरा देख, श्रीगुरुजी बोले,” क्या हुआ ? कल महात्मा के लक्षण गिना कर ,नाक लाल कर ली थी, आज …
Read More »डायरी दिनांक 11 अप्रैल 2017: गुरु माँ की डायरी से जानें अपने गुरु को
11 अप्रैल 17… आज सुबह मैं एक movie के बारे में इनसे बात करने बैठ गयी जिसमें नायक प्रेम में असफल हो,भटकता हुआ एक गाँव में पहुंचता है जहां बारिश न होने की वजह से सूखा पड़ा होता है। दुखी होने के कारण वह खाना -पीना छोड़ देता है…गाँव वाले …
Read More »डायरी दिनांक 10 अप्रैल 2017: गुरु माँ की डायरी से जानें अपने गुरु को
10 अप्रैल 17….कल आश्रम में प्रशिक्षु व इकाई समन्वयकों की कक्षा चल रही थी।भोजन के बाद, कक्ष में ,मैं और श्रीगुरुजी कोई बात कर रहे थे। उसी दौरान मैंने पूछा, ” मनुष्य जब अकेला होता है तब सत्य उसके साथ रहता है या जब वह किसी के साथ होता है, …
Read More »डायरी दिनांक 9 अप्रैल 2017: गुरु माँ की डायरी से जानें अपने गुरु को
9 अप्रैल 17…अब तक तो हम सभी इस बात को जान ही गये होंगे कि बच्चे श्रीगुरुजी को कितने प्रिय हैं। इन्होंने तो अपना पूरा जीवन ही बच्चों और युवाओं के लिए समर्पित कर दिया है। बच्चे ही आश्रम के सभी प्रकार के काम संभालते हैं…. ज़ाहिर है जब बच्चे …
Read More »डायरी दिनांक 8 अप्रैल 2017: गुरु माँ की डायरी से जानें अपने गुरु को
8 अप्रैल 17…बात तब की है जब माननीय अशोक सिंघल जी का स्वास्थ्य खराब चल रहा था।श्रीगुरुजी उनको देखने कई बार उनके निवास पर गए और दोनों वहां भी घंटों देश के हालात पर चिंता – चर्चा करते। एक दिन इनके पास सूचना आयी कि माननीय सिंघल जी का स्वास्थ्य …
Read More »डायरी दिनांक 7 अप्रैल 2017: गुरु माँ की डायरी से जानें अपने गुरु को
7 अप्रैल 17…चलिए आज आपको एक और किस्सा सुनाती हूँ।बात तब की है जब हमारा विवाह तय हो चुका था और’ ये ‘मेरे माता-पिता के आमंत्रण पर नव वर्ष मनाने लखनऊ आये थे। इन्हें वापस मुरादाबाद जाना था पर सबके आग्रह पर, संकोची स्वभाव के ‘ये’ reservation cancel करा के …
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