आंदोलनकारी किसान संगठनों और सरकार के बीच सुलह के रास्ते खुलने लगे हैं। नए साल में चार जनवरी को होने वाली अगले दौर की बैठक में समस्या के समाधान की संभावनाएं बढ़ गई हैं। किसान संगठनों ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए अपनी जिद को छोड़कर संवैधानिक प्रक्रिया को स्वीकार …
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