प्राचीन पौराणिक कहानियों में ऋषि-मुनियों का जिक्र मिलता है। ऋषि-मुनि ब्रह्म मुहूर्त में जागते थे। इस समय सूर्य उदित नहीं होता। वे स्नान आदि करने के बाद दिन की शुरुआत सूर्य को जल अर्पित करने के साथ करते थे। ऋषि-मुनियों का जीवन इतना सात्विक होता था कि बड़े-बड़े राजा-महाराजा और …
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