इसे गांव का दुर्भाग्य कहें या शासन-प्रशासन की लापरवाही। लेकिन, यह सच है आजादी के सात दशक बाद भी सीमांतवर्ती जिले के कामरा, सांखाल और मटियालौड़ गांव में ग्रामीण मूलभूत सुविधा यातायात, स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल किल्लत से परेशान हैं। इन गांवों में ग्रामीण विकटता में जीवन जी रहे हैं। …
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