आज भी दुनिया में ऐसी कई जनजातियां हैं, जो तकनीकी विकास व आधुनिक संचार के साधनों के कोसों दूर है। इन जनजातियों ने कम्प्यूटर, टीवी, मोबाइल तो छोड़िए, कागज व पेन तक नहीं देखें हैं और आज भी अपना तन ढंकने के लिए आदिमानव के समान पेड़ के पत्तों का …
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