मेघनाद की शक्ति के प्रहार से जब लक्ष्मण जी मूर्छित हो गए थे। तब हनुमान जी उनके लिए संकटमोचन बनें और लंका से सुषेण वैद्य को लेकर आए। उन्होंने बताया कि इस शक्ति बाण का इलाज हिमालय के द्रोणाचल पर्वत के शिखर पर पाई जाने वाली संजीवनी बूटी है। उसे …
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