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जम्मू कश्मीर में अब नए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ही प्रमुख प्रशासक और सर्वेसर्वा हैं

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने वीरवार को प्रशासनिक बागडोर अपने हाथ में लेते ही अधिकारियों को साफ कर दिया कि जम्मू कश्मीर में सुशासन को मजबूत बनाना और विकास के मोर्चे पर तत्काल परिणाम देना ही उनकी प्राथमिकता हो। आम लोगों पर केंद्रित त्वरित विकास समय की जरूरत है। राज्यपाल का कार्यभार संभालने के बाद तीनों सलाहकारों बीबी व्यास, विजय कुमार, खुर्शीद अहमद गनई व मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम के साथ राजभवन में पहली आधिकारिक बैठक में उन्होंने प्रशासन के कामकाज और राज्य के हालात के बारे में जानकारी प्राप्त की। राज्यपाल ने मिशन सुशासन को गति देने के लिए विभिन्न उपायों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रशासकीय तंत्र को कर्मठता, गति और जवाबदेह के साथ काम करने और विकासात्मक व शासकीय मुद्दों पर जमीनी स्तर पर तत्काल सकारात्मक परिणाम देना जरूरी है। उन्होंने शिकायत निवारण तंत्र को और मजबूत बनाने का निर्देश दिया।राज्यपाल ने सुशासन और सेवा प्रदान करने में गुणवत्ता को यकीनी बनाने के लिए प्रशासकीय तंत्र में पारदर्शिता और विचार विमर्श को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि जनता के व्यापक हितों और मौलिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उपलब्ध संसाधनों का सूझबूझ के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। प्रशासकीय तंत्र में निम्न स्तर पर यह संदेश जाना चाहिए कि जनता की मौलिक आवश्यकताओं को पूरा करने और विकास पर ही ध्यान केंद्रित रहे। 'जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का मौका किसे देना है राज्यपाल तय करेंगे' यह भी पढ़ें उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास और समाज कल्याण से जुड़े मुद्दों पर विशेष ध्यान देने और विभिन्न विकास योजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए कहा। प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम को गति देने पर जोर देते हुए राज्यपाल ने एम्स, आइआइटी, आइआइएम व रिंग रोड को समय पर पूरा करने, डल झील की सफाई व संरक्षण को प्राथमिकता देने के लिए कहा। उन्होंने प्रत्येक जिला मुख्यालय में शिकायत कक्ष स्थापित करने का निर्देश देते हुए कहा कि जिला उपायुक्त सप्ताह में कम से कम एक बार जन शिकायतों को जरूर सुनें। राज्यपाल ही सर्वेसेवा, वही लेंगे फैसले राज्यपाल संभालेंगे नई उद्योग नीति बनाने की जिम्मेदारी यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्य में नयी सरकार के गठन को लेकर जारी अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा जोड़-तोड़ की सियासत में यकीन नहीं रखती। मौजूदा राज्य विधानसभा को भंग करना है या निलंबित रखना है या किसी दल को सरकार बनाने का मौका देना है, यह राज्यपाल सत्यपाल मलिक को ही तय करना है। जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती के बिना पीडीपी के साथ फिर सरकार बना सकती है भाजपा यह भी पढ़ें राजभवन में राज्यपाल सत्यपाल मलिक के शपथ ग्रहण समारोह के बाद बातचीत में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू श्मीर में अब सत्यपाल मलिक ही प्रमुख प्रशासक और सर्वेसर्वा हैं। उन्हें ही तय करना है कि यहां क्या होना चाहिए। वह एक विचारशील, सूझबूझ वाले परिपक्व सियासतदान हैं। यह कहना कि भाजपा द्वारा किसी दल में विभाजन करवाया जा रहा है या किसी दल के साथ गठजोड़ कर सरकार बनाने की कोशिशें हो रही हैं, सब अफवाह हैं। भाजपा एक सिद्धांतवादी संगठन है। भाजपा जोड़तोड़ की सियासत में यकीन नहीं रखती। अनुच्छेद 35ए को लेकर राज्य में जारी विवाद के संदर्भ में पूछे सवाल को टालते हुए उन्होंने कहा कि यह मामला अदालत में विचाराधीन है। भाजपा की मुश्किलें बढ़ा रहे विधायक गगन भगत यह भी पढ़ें इसलिए इस पर किसी भी तरह की टिप्पणी या प्रतिक्रिया व्यक्त करना अनुचित होगा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा केंद्र सरकार को दिशाहीन करार देने और आतंकवाद व सिंह के लिए बेरोजगारी को जिम्मेदार ठहराए जाने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है। कांग्रेस अच्छी तरह समझ चुकी है कि पूरे देश की जनता इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास यात्रा में शामिल हो चुकी है। इसलिए राहुल गांधी उल्टे सीधे बयान दे रहे हैं। राज्य के हालात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि स्थिति पहले से बेहतर हैं। हमें उम्मीद है कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक राज्य के तीनों क्षेत्रों की आकांक्षाओं को पूरा करते हुए, रियासत को शांति, खुशहाली की तरफ ले जाने में समर्थ रहेंगे। जम्मू-कश्मीर को मुसीबत से बाहर निकालेंगे मलिक नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और डॉ.फारूक अब्दुल्ला ने राज्य के नए राज्यपाल सत्यपाल मलिक को परिपक्व, भला और दूरदर्शी राजनीतिक बताया। हमें उम्मीद है कि वह रियासत को मौजूदा मुसीबत के दौर से बाहर निकालने की कोशिश करेंगे। यहां राजभवन में राज्यपाल सत्यपाल मलिक के शपथ ग्रहण समारोह के बाद बातचीत में डॉ. अब्दुल्ला ने कहा कि सत्यपाल मलिक भले और अच्छे आदमी हैं। वह सभी को साथ लेकर चलने में यकीन रखते हैं। यह अच्छा करेंगे। उम्मीद है कि वह हमारी रियासत को मुसीबत के दौर से बाहर निकालेने की कोशिश करेंगे। कश्मीर समस्या के समाधान और संबंधित पक्षों से बातचीत पर उन्होंने कहा कि समय तो केंद्र सरकार को तय करना है। यह हम तय नहीं कर सकते। अनुच्छेद 35 ए के संदर्भ में उन्होंने कहा कि मामले की अदालत में सुनवाई चल रही है। यह चलेगी और धारा रहेगी। यह नहीं बदलेगी। बुधवार को बकरीद पर आतंकियों द्वारा भाजपा कार्यकत्र्ता और तीन पुलिसर्किमयों की हत्या की कड़े शब्दों में ¨नदा करते हुए डॉ. अब्दुल्ला ने कहा कि यह बहुत गलत है। हम राजनीतिक रूप से अलग हो सकते हैं, हमारी राय जुदा हो सकती है ,लेकिन हम किसी की जान नहीं ले सकते। ¨हदोस्तान एक आजाद मुल्क है और यहां सभी को अपनी राय रखने का ,बात कहने का पूरा हक है। अगर पसंद नहीं है तो मत सुनें। लेकिन मारना कोई हल नहीं है। इसी तरह पुलिस वालों की हत्या भी जायज नहीं है। पुलिस वालों की हत्या क्यों हो,वह तो लोगों की हिफाजत करते हैं।

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने वीरवार को प्रशासनिक बागडोर अपने हाथ में लेते ही अधिकारियों को साफ कर दिया कि जम्मू कश्मीर में सुशासन को मजबूत बनाना और विकास के मोर्चे पर तत्काल परिणाम देना ही उनकी प्राथमिकता हो। आम लोगों पर केंद्रित त्वरित विकास समय की जरूरत है। राज्यपाल का …

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