हमारे सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त निर्धारित है, वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है, जब शुभ कार्य के मुहूर्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य, जैसे विवाह, मुंडन, सगाई, गृहारंभ व गृह प्रवेश के साथ व्रतारंभ एवं व्रत उद्यापन आदि …
Read More »