30 मार्च 2017…. कुछ समय पूर्व श्रीगुरुजी स्वामी विवेकानंद जी के बारे में बता रहे थे, वे एक गीत गुनगुनाने लगे , “घर चलो मन आज ही अपने…” गीत पूर्ण होने पर मैंने पूछा ‛घर चलो मन’ अर्थात मृत्यु …इस गीत में मृत्यु के प्रति इतना उत्साह क्यों ? डायरी …
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