7 अप्रैल 17…चलिए आज आपको एक और किस्सा सुनाती हूँ।बात तब की है जब हमारा विवाह तय हो चुका था और’ ये ‘मेरे माता-पिता के आमंत्रण पर नव वर्ष मनाने लखनऊ आये थे। इन्हें वापस मुरादाबाद जाना था पर सबके आग्रह पर, संकोची स्वभाव के ‘ये’ reservation cancel करा के …
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