प्रार्थना का अर्थ यह नहीं होता है कि सिर्फ बैठकर कुछ मंत्रों का उच्चारण किया जाए। इसके लिए आवश्यक है कि आप निर्मल, शांत और ध्यान अवस्था में हों। इसलिए वैदिक पद्धति में प्रार्थना के पहले ध्यान होता है और प्रार्थना के उपरांत भी ध्यान होता है। जब मन एकाग्र …
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