डायरी Kavita Asthana 27.02.2017 27 फरवरी 17…आज एक तस्वीर देख रही थी, उसी का प्रसंग याद आया, वही बताती हूँ….एक दिन सर्दी की गुनगुनी धूप में मैं और श्रीगुरुजी सुबह आश्रम में टहल रहे थे…. कुछ बच्चे आश्रम में badminton खेल रहे थे, उन्हें ख़ुशी से खेलते देख कर मेरे …
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