पराक्रम, बल, सेवा और भक्ति के देवता हनुमान जी को माना जाता है। गोस्वामी तुलसीदास ने भी लिखा है कि- ‘चारो जुग परताप तुम्हारा है परसिद्ध जगत उजियारा।’ इसका अर्थ है कि ये इकलौते देवता हैं जो किसी न किसी स्वरूप में जगत के लिए संकटमोचक बनकर हर युग में …
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