वृंदावन का नाम सुनते ही हमारे मन में अलौकिक आनंद की अनुभूति होने लगती है क्योंकि यह राधा-कृष्ण के प्रेम की भूमि है। इसकी गलियां राधे-राधे के उद्घोष से गुंजायमान रहती हैं क्योंकि यहां के लोगों का यही अभिवादन है। एक कहावत भी है-जहां कण-कण में बसे हों श्याम, वो …
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