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शास्त्री और द्रविड़ को लेकर उलझन में थी बीसीसीआई

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में पिछले काफी समय से प्रशासकों की समिति और बोर्ड पदाधिकारियों के बीच टकराव चल रहा है। आईपीएल 2018 से पहले रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ को कमेंट्री की अनुमति को लेकर भी मामला उलझ गया था। भारतीय सीनियर टीम के कोच शास्त्री लंबे समय से कमेंट्री करते रहे हैं। उन्होंने आईपीएल से पूर्व बीसीसीआई से यह जानना चाहा था कि क्या वे आईपीएल में कमेंट्री कर सकते हैं। खबरों के मुताबिक ‍प्रशासकों की समिति शास्त्री और भारतीय अंडर-19 टीम के कोच द्रविड़ को आईपीएल के दौरान कमेंट्री पैनल में शामिल होने की अनुमति देने पर राजी थी। लेकिन इसके बाद बीसीसीआई में यह आवाज उठी कि ऐसा करके प्रशासकों की समिति हितों के टकराव मामले में पार्टी बन रही है। शास्त्री और द्रविड़ को कमेंट्री की अनुमति देना हितों के टकराव में आता क्योंकि ये बोर्ड से जुड़े हुए हैं। इसके बाद विरोध को बढ़ता देख प्रशासकों की समिति ने 12 अप्रैल को हुई बैठक में शास्त्री और द्रविड़ को कमेंट्री पैनल में शामिल नहीं किए जाने का निर्णय लिया। बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार प्रशासकों की समिति इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेना चाह रही थी। लेकिन जब बोर्ड के अंदर से ही समिति पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगने लगा तो प्रशासकों की समिति ने सुप्रीम कोर्ट के सामने इस तरह की कोई पेशकश नहीं की। रिपोर्ट्‍स के अनुसार प्रशासकों की समिति चाहती थी कि शास्त्री और द्रविड़ बीसीसीआई से अनुबंधित है और आईपीएल के दौरान फ्री थे, इसके चलते उनकी सेवाओं का लाभ उठाया जाए। मार्क वॉ जब क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सिलेक्टर थे, तब उन्हें भी पार्टटाइम कमेंट्री करने की अनुमति दी जाती थी। वॉ ने अब सिलेक्शन कमेटी छोड़ दी है और अगस्त से फुलटाइम कमेंट्री करेंगे।भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में पिछले काफी समय से प्रशासकों की समिति और बोर्ड पदाधिकारियों के बीच टकराव चल रहा है। आईपीएल 2018 से पहले रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ को कमेंट्री की अनुमति को लेकर भी मामला उलझ गया था। भारतीय सीनियर टीम के कोच शास्त्री लंबे समय से कमेंट्री करते रहे हैं। उन्होंने आईपीएल से पूर्व बीसीसीआई से यह जानना चाहा था कि क्या वे आईपीएल में कमेंट्री कर सकते हैं। खबरों के मुताबिक ‍प्रशासकों की समिति शास्त्री और भारतीय अंडर-19 टीम के कोच द्रविड़ को आईपीएल के दौरान कमेंट्री पैनल में शामिल होने की अनुमति देने पर राजी थी। लेकिन इसके बाद बीसीसीआई में यह आवाज उठी कि ऐसा करके प्रशासकों की समिति हितों के टकराव मामले में पार्टी बन रही है। शास्त्री और द्रविड़ को कमेंट्री की अनुमति देना हितों के टकराव में आता क्योंकि ये बोर्ड से जुड़े हुए हैं। इसके बाद विरोध को बढ़ता देख प्रशासकों की समिति ने 12 अप्रैल को हुई बैठक में शास्त्री और द्रविड़ को कमेंट्री पैनल में शामिल नहीं किए जाने का निर्णय लिया। बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार प्रशासकों की समिति इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेना चाह रही थी। लेकिन जब बोर्ड के अंदर से ही समिति पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगने लगा तो प्रशासकों की समिति ने सुप्रीम कोर्ट के सामने इस तरह की कोई पेशकश नहीं की। रिपोर्ट्‍स के अनुसार प्रशासकों की समिति चाहती थी कि शास्त्री और द्रविड़ बीसीसीआई से अनुबंधित है और आईपीएल के दौरान फ्री थे, इसके चलते उनकी सेवाओं का लाभ उठाया जाए। मार्क वॉ जब क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सिलेक्टर थे, तब उन्हें भी पार्टटाइम कमेंट्री करने की अनुमति दी जाती थी। वॉ ने अब सिलेक्शन कमेटी छोड़ दी है और अगस्त से फुलटाइम कमेंट्री करेंगे।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में पिछले काफी समय से प्रशासकों की समिति और बोर्ड पदाधिकारियों के बीच टकराव चल रहा है। आईपीएल 2018 से पहले रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ को कमेंट्री की अनुमति को लेकर भी मामला उलझ गया था। भारतीय सीनियर टीम के कोच शास्त्री लंबे समय …

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